रंडी खाना complete

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josef
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Re: रंडी खाना

Post by josef »

“हैल्लो साहब कहा हो आप दिखाई ही नही देते “
हरिया की आवाज में एक अजीब सी बात थी जो मैंने कभी नही देखी थी पता नही क्यो मुझे उसे काल करने का मन हुआ था …
“बस शहर में नही था “
“उस दिन तो आप इतने नशे में थे की आप अनब सनब बोले जा रहे थे ,क्या सच में काजल मेडम आपकी बीवी है “
काजल मेडम ,साला जो अभी तक काजल को बस रंडी कहा करता था आज वो काजल मेडम कह रहा था ..
“क्यो पूछ रहे हो “
“अपने ही नशे में बतलाया था ऐसे एक बात बता दु की वो आजकल ठाकुर के साथ यही रहती है ,इसी फॉर्महाउस में “
मैं कुछ भी नही बोला
“कोई हुक्म हो तो बताइए सरकार “
वो फिर से बोल पड़ा
“कुछ नही “
“तो कभी आइए अगर आप कहे तो इंतजाम करदु कुछ अंदर की चीज देखने या सुनने का “
“नही जरूरत नही है “
मैं थोड़ा चिढ़ गया था
“हजूर ये अजीब सा नशा है एक बार लग गया तो फिर जाता नही है ,आ जाइये आप मैं बंदोबस्त कर दूंगा “
इतना बोल कर उसने फोन रख दिया मैं अपने ही सोच में पड़ा हुआ था ,क्या सच में ये नशा ही अपनी बीवी को किसी और के साथ देखने का नशा …………

**********************
शाम रात की शक्ल ले रही थी और मैं गार्डन में हेडफोन लगाए हुए इंतजार कर रहा था,मेरी निगाहे उसी बेडरूम में टिकी हुई थी जंहा उस दिन थी ,काजल अभी अभी अपने काम से आकर कपड़े चेंजे करने बाथरूम में घुसी थी और ठाकुर हाल में शराब की चुस्कियां भर रहा था ,थोड़ी देर में वो भी लड़खड़ाता हुआ अंदर आया ,दोनो किसी पति पत्नी की तरह यंहा रहे थे ,मैं रोना चाहता था लेकिन अपने को अपनी ही नजर में गिरने नही देना चाहता था ,वो अलग बात थी की मैं पहले से ही अपनी नामर्दी के कारण अपनी नजर में गिर चुका था ,
काजल जैसे ही बाहर आयी ठाकुर ने उसे जकड़ लिया और उसके गले को चूमने लगा ,वो हँस रही थी ,और अपने को छुड़ाने की हल्की कोशिस कर रही थी जिसका कोई भी मतलब नही होता ..
उसके बदन में सिर्फ वो टॉवेल थी जो की अब पता नही कब उसके बदन से सरक जाए ,उसका दूध सा गोरा जिस्म उस दूधिया प्रकाश में चमक रहा था ,और शायद ठाकुर को काजल के बदन से वो खुशबू भी आ रही होगी जो की काजल के बदन से नहाने के बाद आया करती है ,उसके बाल फैले हुए थे और टॉवेल के छोरो से उसकी जांघ झांकने लगी थी ,ठाकुर का हाथ उसके जांघो को सहलाता हुआ उसके जांघो के बीच चला गया था और काजल किसी वैश्या की तरह हँस पड़ी थी ,उसके योनि के बाल साफ नजर आ रहे थे जो की छोटे छोटे तराशे गए थे और अभी ठाकुर की उंगलियों में नाच रहे थे ,
कुछ पानी की बूंदे भी योनि के उन बालो में चमक रही थी ,मैं देख रहा की कैसे ठाकुर ने मेरी बीवी के योनि में अपनी एक उंगली घुसा दी और काजल फिर से उचकी उसके मुह से मजे से लिपटी हुई सिसकारी निकली थी …
ठाकुर ,जो की काजल की मा की हत्या का दोषी था ,कैसे काजल उसके साथ भी ऐसे मजे ले सकती थी ,हा अब ये कहते हुए मुझे जरा भी संकोच नही की वो एक रंडी है ,उसने ऐसे ही मजे अजीम और खान के साथ भी लिया होगा..
मेरे लिए इतना ही देखना दिल को तोड़ने के लिए काफी था मैं पलटा और बाहर आने लगा मैंने देखा की हरिया अपना मोबाइल निकाल कर किसी के काल कर रहा है उसकी निगाहे मेरी ओर ही थी ,
वो मुझे देखकर मुस्कुराया था ,
मैं जल्दी से बाहर आने वाला था लेकिन कुछ गार्ड आकर मुझे पकड़ लिए ,
मैं हरिया को आश्चर्य से दिखने लगा उसके होठो की मुस्कान और भी फैल गई थी ..
“आज तो आपको जाने नही दे सकता साहब “
“क्या हुआ हरिया “
“थोड़ी देर में पता चल जाएगा “
तभी बंगले से ठाकुर बाहर आया उसे देखकर मानो मेरा ख़ून ही सुख गया था
उसके चहरे में वही कमीने वाली चमक थी
“तो अपनी बीवी को चुदवाते हुए देखने आया है ,भाग क्यो रहा है पूरा देख ले और हिला ले जैसे उस दिन हिलाया था ,सॉरी आज तेरे लिए तेरी बहन नही है जिसे तू चोद सके “
ठाकुर बोलकर जोरो से हंसा और मैं कांप गया था…
मैंने हरिया की ओर देखा
“साहब बोलो तो अपनी बीवी को भेज दु ,तुम्हारी बहन की जगह उसे चोद लेना “
वँहा खड़े गार्ड के साथ साथ ठाकुर भी हँसने लगा ..
मेरे सामने पूरा मजरा साफ था बस ये पता नही था की इन सबका पता काजल को है की नही …
“तेरी बीवी बहुत कामल की चीज है देव सोचती है की मुझे और खान को तुड़वा देगी ,इतने दिनों की दोस्ती को तुड़वा देगी ,लेकिन उसका प्लान सच में बहुत अच्छा है ,खान की दोस्ती में मुझे ऐसे भी कुछ नही मिला था ,इसलिए मैं उसके साथ हु ,लेकिन उस बेचारी को ये नही पता की मैं उसपर कितनी नजर रखे हुए हु ...और उसकी मखमल चुद को चोदने का नशा भी ऐसा है की छूटता नही …”
वो जोरो से हँसा मैं गुस्से से भर कर उसे मारने को हुआ ही था की मेरे सर पर एक जोर की चोट लगी और मैं बेहोश होता गया …………...

मेरी आंख खुली तो मैं एक काल कोठारी की तरह के कमरे में था ,सामने एक बड़ा सा कांच लगा हुआ था जिसके पार वही बेडरूम था जिसे देखने के लिए मैं उस छोटे से झरोखे का इस्तेमाल किया करता था,वो दीवाल नुमा कांच था शायद एक तरफा कांच रहा हो जिससे मैं तो उधर देख पाऊ लेकिन मुझे और इस कमरे को कोई देख नही पाए ,कमरे की छोटी छोटी आवाज भी मेरे कानो में पड़ रही थी लगा की कोई स्पीकर फिट कर दिया गया हो ,मेरे कमरे में बहुत ही अंधेरा था इतना की मुझे मेरा हाथ भी नही दिखाई दे रहा था ,उधर से आने वाला प्रकाश भी छन कर ही आ रहा था जिससे थोड़ी रोशनी समय के साथ मेरे आंखों ने अनुभव की थी ,
मैं जब थोड़ा हिलने को हुआ तब मुझे मालूम हुआ की मेरे हाथ बंधे हुए है और साथ ही मेरा मुह भी मुझे एक कुर्सी में बांध दिया गया था ,मैं इतना बेसहारा था की ठिक से हिल भी नही पा रहा था,
ना जाने मैं कब तक बेहोश रहा था ,जब मैंने आगे देखा तो मुझे बिस्तर में काजल और ठाकुर नंगे लेटे हुए दिखाई दिए थे ,मैं टूट गया और रोने लगा लेकिन यंहा मेरी आवाज सुनने वाला कौन था ,मुह में कपड़ा घुसा दिया गया था मैं ठीक से रो भी तो नही पा रहा था ,
काजल के नंगे जिस्म को ठाकुर जकड़े हुए सो रहा था ,और काजल का हाथ भी ठाकुर के कंधे में थी ,स्वाभाविक है की मेरी बेहोशी में ही उन्होंने हवस का खेल खेल लिया था,
ठाकुर को काजल की मुलायम मखमली चुद पसंद थी …
वो उसके नशे में है …
ये सोचकर ही मुझे काजल और ठाकुर से घृणा आने लगी थी..
ना जाने वो कब तक ऐसे ही सोते रहे ,मेरा जागना और सोना दोनो ही बेमतलब था,
फिर भी मेरे लिए सो जाना ही आराम का एक मात्रा रास्ता बचा था …

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josef
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Re: रंडी खाना

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मेरी नींद खुली काजल के गुनगुनाने की आवाज काजल मेरे ठीक सामने खड़ी होकर अपने बालो से खेल रही थी,असल में वो उस आदमकद कांच के सामने थी जिसके पीछे मैं था ,उसके चहरे से तो यही लग रहा था की वो इस बात से बेखबर है ,लेकिन मैं उसके नंगे जिस्म को देख पा रहा था ,वो अपने पेट में पड़े हुए उस दांत के निशान को देखती है जिसे शायद आज के हवस के खेल में ठाकुर ने उसे दिया था ,वो अब भी लाल और ताजा था ,वो थोड़ी डर होकर पास ड्रेसिंग से एक क्रीम ले आयी और फिर से उसे मेरे सामने ही लगाने लगी ,
तभी ठाकुर भी आ चुका था ,उसका काला लिंग किसी सांप की तरह उसके जांघो के बीच लटक रहा था और वो आकर काजल को पीछे से पकड़ कर उसकी योनि को सहलाने लगा ,
“रात भर तो इसे रगड़ लिए हो फिर से खेल रहे हो इससे “
काजल ने हल्के से हंसते हुए कहा,
ठाकुर दर्पण से ऐसे देखा जैसे मेरी आंखों में ही देख रहा हो,उसके होठो में एक बहुत ही कमीनी सी मुस्कान थी ,उसने अपनी उंगली उसकी योनि में घुसा दी …
“अरे जानेमन ये तो मख्खन है जितना भी घुसाओ साला फिर से टाइट हो जाता है,इतना नरम और गर्म तो मैंने आजतक किसी का नही देखा “
वो बड़े ही अदा से उसकी योनि को सहला रहा था ,काजल के होठो ने भी सिसकियां छोड़ दी ,उसकी आंखे बंद हो गई थी ,लेकिन ठाकुर मेरे आंखों में देखने लगा और उसके होठो की मुस्कान बहुत ही गहरी थी ..
“पता नही तेरा पति कैसा चुतिया है जो इस मखमली चुद को छोड़कर दुसरो के पीछे पड़ा हुआ है ..”
मैं शर्म से पानी पानी हो रहा था
लेकिन उसकी इस बात से काजल में तुरतं ही फर्क आया
वो उससे अलग हो गई
“कितनी बार कहा की उस चूतिए का नाम लेकर मेरा मूड खराब मत किया करो साले तो अपनी बहन चोदनी है उसे साथ लेकर भाग गया साला नामर्द ,हरिया ने बताया था ना की कैसे मुझे तुम्हारे साथ देखकर साला अपनी बहन के साथ छि ऐसे नामर्द का नाम मेरे सामने फिर कभी मत लेना “
काजल की बात सुनकर मैं बिल्कुल ही स्तब्ध रह गया ,शायद मेरे किसी पुराने कर्मो की ही सजा था ,या शायद उस बेवफा से इतना प्यार करने की सजा …
काजल मेरे बारे में ऐसा सोचती है ये सोच कर ही मैं टूट गया ,रही सही थोड़ी हिम्मत भी टूट ही गई ,अब बस यंहा पड़े हुए मुझे मौत का ही इंतजार था ना जाने वो किस रूप में आएगी …
ठाकुर ने उसका मूड ठीक करने के लिए उसे पुचकारने लगा और फिर मेरे ही सामने फिर से वो दो जिस्म मिल गए ,लेकिन इस बार ठाकुर ने काजल को उसी कांच में टिकाया था ,काजल का हाथ उस कांच को थामे हुए था और ठाकुर उसे पीछे से ही भरे जा रहा था ….
ठाकुर की आंखे मुझपर ही टिकी थी और काजल की आहो से पूरा कमरा गूंज रहा था ,लेकिन मुझे ना ही उनके इस कृत्य में कोई मजा आ रहा था ना ही मैं उसे दिखना चाहता था,मैं तो बस भगवान से अब अपनी मौत की ही दुवा कर रहा था …

***************
ठाकुर और काजल का खेल खत्म हो चुका था और दोनो एक साथ ही बाथरूम में घुस चुके थे ,...
ठाकुर जाने को तैयार हो चुका था ,मैंने कमरे की दीवार में लगी हुई घड़ी देखी,8 बज चुका था अभी तक किसी ने मेरी कोई सुध भी नही ली थी ,काजल अब भी एक नाइटी में ही थी ,ठाकुरर जाने लगा तभी काजल ने उसे रोका और अपने पर्स से एक पुड़िया निकाली
“अजीम को दे देना “
“कितना ख्याल रखती हो तुम उसका ,साले को मर जाने दो नशे के बिना “
काजल खिलखिला पड़ी
“इतना जल्दी मर जाएगा तो जायजाद हमारे नाम कैसे होगा “
काजल की कमीनी मुस्कान के साथ ही ठाकुर भी मुस्कुरा उठा और वो पुड़िया अपने जेब में डाल ली,दोनो एक दूसरे के होठो को किसी प्रेमी की तरह चूसते रहे और वो निकल गया …
उसके जाने के बाद काजल उस कांच तक आयी और अपने को निहारने लगी ,उसने अपनी नाइटी निकाल फेंकी थी और अपने जिस्म को ध्यान से देखने लगी फिर उसने अपनी ही आंखों को देखा ,उसके होठो में एक मुस्कान थी ……..
भयानक डरा देने वाली मुस्कान ……...

काजल की आंखे भयावह थी ,लाल आंखे जैसे शैतान हँस रहा हो ,लेकिन फिर कुछ बूंदे पानी की भी उनमे आ गई थी ,
मैं स्तब्ध सा उसे देख रहा था ,उसके चहरे में मुस्कान खिल गई थी लेकिन ये मुस्कान भी बहुत ही डरावनी थी लगा जैसे किसी शैतान का कोई शैतानी मकसद पूरा हो गया हो …
वो जाकर अपने कपड़े पहन रही थी की दरवाजे में दस्तक हुई,जब दरवाजा खोला गया तो सामने अंजू (हरिया की बीवी) थी …
अंजू पसीने से सनी हुई थी ,उसकी सांसे उखड़ी हुई थी ,चहरा पिला था जैसे बहुत डरी हुई हो और हाथ में चाय की प्याली थी..
काजल उसकी हालत देखते ही समझ चुकी थी की डाल में कुछ काला है ..
“क्या बात है अंजू”
उसने बहुत धीरे से कहा था लेकिन मुझे उसकी आवाज सुनाई दी ,
“मेडम वो ..वो “
वो इधर उधर देखने लगी
“अंदर आओ “
उसके अंदर आते ही काजल ने दरवाजा बंद कर लिया..
अंदर आते ही अंजू ने तुरत ही चाय की ट्रे रखी और बोल पड़ी
“मेडम देव साहब कल आये थे,मैंने देखा था ..ठाकुर और हरिया उसे बांध के इस कमरे में बंद कर दिए थे ..”
उसने कांच की तरफ इशारा किया ,काजल अजीब सी निगाहों से कांच की ओर देखने लगी
“पहले क्यो नही बताया “
काजल चीखी
“वो हरिया…”
अंजू कुछ बोल पाती इससे पहले ही काजल कमरे से बाहर जा चुकी थी ,
थोड़ी ही देर में मेरे कमरे का दरवाजा खुला और काजल और अंजू ने मिलकर मुझे खोल दिया ..
रात के मार और मानसिक शारीरिक मानसिक पीड़ा से मैं टूट चुका था ,और बहुत ही थक चुका था,जैसे ही मैं खड़ा हो पाया था मेरे गालो से एक जोर का हाथ पड़ा …
“क्या जरूरत थी तुम्हे यंहा आने की ,हमारे बीच अब बचा ही क्या है जो तुम यंहा आये थे ..”
काजल की चीख से मैं बुरी तरह से झेंपा
“ये क्या कर रही है मेडम साहब को पता चला तो “
हरिया की आवाज आयी ,अबतक सभी कमरे से बाहर आ चुके थे ,
हरिया अंजू को लाल लाल आंखों से देख रहा था
“मैं उसे सम्हाल लुंगी इसे जाने दो “
“मैं इसे नही जाने दे सकता “इस बार हरिया की आवाज में दृढ़ता थी
“जाने दीजिये ना “अंजू ने थोड़ा सहमे आवाज में कहा
“चुप कर रांड साली तुझे तो मैं बाद में देखता हु “
हरिया चिल्लाया और अंजू बिल्कुल ही सहम सी गई ..
लेकिन काजल की आंखों में जैसे आग उतर आया था…
“जब मैंने कह दिया की ये जा रहा है तो तेरे बात समझ में नही आती “
“चुप कर साली ,”
हरिया भी तमतमाया
“दो कौड़ी की रांड मुझे सिखाएगी,जब तक ठाकुर साहब नही कह देते ये कही नही जाएगा “
काजल की आंखों में खून उतर आया था और उसने हरिया को मारने के लिए अपना हाथ उठाया लेकिन हरिया मजबूत आदमी था ,उसने उसका हाथ पकड़ लिया साथ ही उसे एक ओर धक्का देकर मुझे फिर से कमरे के अंदर ले जाने लगा ,
काजल ने पास से एक कुल्हाड़ी उठायी और ……
“नही …..”अंजू की चीख फिजा में गूंज गई ,काजल का चहरा खून से सना हुआ था ,और हरिया के सर के कई टुकड़े बिखर गए थे ,खून से जमीन लाल हो चुकी थी…
काजल ने कुल्हाड़ी एक ओर फेक दी ...और अंजू की ओर देखा जो अभी बिल्कुल किसी मूर्ति सी जमी खड़ी थी …
मैं भी कुछ सोचने समझने की हालत में नही था …
“तू क्यो रो रही है ,यही तो है जो तुझे खान और ठाकुर के सामने नंगी करके नचवाता था,तेरी जैसी गांव की भोली भाली लड़की को साले ने रांड बना दिया,उसके लिए आंसू बहा रही है ……
काजल ने फिर से वो कुल्हाड़ी उठा ली
“ये ले जा अपने उस ससुर की भी लीला आज खत्म कर दे जो ये सब होंते हुए देखने के बाद भी चुप रहा ,और इन सबमे साथ देता रहा,और अपने कपड़े बांध ले ,बच्चों को स्कूल से ही उठा लेंगे ...ये काम तो पहले ही कर देना था,थोड़ी देर हो गई …”
अंजू थोड़ा सम्हल गई थी और कुल्हाड़ी को अपने हाथो में पकड़ लिया ..लेकिन उसके होठ कुछ कहने को फड़फड़ा रहे थे…
“ठाकुर साहब …”
काजल के खून से सजे चहरे पर वो मुस्कान शैतान का भी दिल दहला देती ..
“उसका इंतजाम मैंने कर दिया है ,आज खान और ठाकुर खून के आंसू रोयेंगे ,”

***********************
थोड़ी ही देर में हम फॉर्महाउस से बाहर थे,मुझे मेरी कार तक छोड़कर काजल अंजू को लेकर चली गई थी ,मेरे दिमाग में बार बार काजल के वो शब्द गूंज रहे थे …...

‘क्या जरूरत थी तुम्हे यंहा आने की ,हमारे बीच अब बचा ही क्या है जो तुम यंहा आये थे ..’

‘उसका इंतजाम मैंने कर दिया है ,आज खान और ठाकुर खून के आंसू रोयेंगे’

हमारे बीच में अब बचा ही क्या है ?????????
ये सवाल मुझे खाये जा रहा था ……

आज खान और ठाकुर खून के आंसू रोयेंगे…..ऐसा क्या कर दिया था काजल ने ???
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007
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Re: रंडी खाना

Post by 007 »

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कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: रंडी खाना

Post by naik »

superb josef bhai very nice update
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