भाई क्या कहना , क्या दिमाग पाया है आपणे ।
बहुत ही बढिया कहाणी।।।
Incest स्पेशल करवाचौथ
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ
साहिल की समझ में नहीं अा रहा था कि ये हुआ क्या है ? उसके प्लान तो लीमा को आज घर के अंदर कैद करने का था लेकिन शांता के प्रेगनेंट होने की खबर ने उसे पूरी तरह से हिला दिया।
शांता की उम्र करीब 74 साल है और इस उम्र में कोई भी औरत प्रेगनेंट नहीं हो सकती। मतलब साफ है कि शांता की उम्र इससे कम होनी चाहिए यही करीब अधिक से अधिक 50 साल।
लेकिन फिर अगर उसकी उम्र भी कम है तो सबसे बड़ा सवाल हैं कि वो किससे प्रेगनेंट हुई ? घर में तो मेरे अलावा और कोई मर्द आता नहीं है। कहीं अनूप ने तो ये कांड नहीं कर दिया वैसे भी भी इस मामले में ठरकी है। कहीं किसी दिन दिन दारू पीकर ना चढ़ गया हो शांता के ऊपर।
तभी उसके मन में दूसरा सवाल उठा कि अनूप का लंड तो अब खड़ा ही नहीं होता तो उसके बारे में तो सोचना बेकार हैं। साहिल के सिर में होने लगा लेकिन उसकी समझ ने कुछ नहीं आया तो उसने सब छोड़कर अपने काम पर फोकस करने का फैसला किया।
साहिल अपने काम में लग गया और करीब आधे घंटे के बाद उसका फोन बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था।
साहिल:" हा मम्मी बताओ क्या चल रहा हैं ?
रूबी:" बेटा तुम आज थोड़ा जल्दी अा जाना, मुझे पता नहीं क्यों एक अजीब सा डर लग रहा हैं। ये शांता नहीं हो सकती जरूर कुछ ना कुछ दिक्कत हैं क्योंकि शांता इस उम्र में प्रेगनेंट नहीं हो सकती। पता नहीं कौन सी साजिश रच रही है बेटा ये ?
साहिल :" मम्मी आप फिक्र ना करो मैं जल्दी ही अा जाऊंगा। अभी शांता कहां हैं ?
रूबी:" अपने कमरे में ही होगी। मेरी हिम्मत नहीं पड़ी उसे देखने की। तुम आओ बेटा।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं अा रहा हूं।
साहिल ने फोन काट दिया और घड़ी देखी तो करीब शाम के पांच बज चुके थे। साहिल दुबे जी को सारा काम समझाकर अपने घर की तरफ निकल गया।
साहिल ने घर जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि शांता सफाई में लगी हुई थी और रूबी किचेन में काम कर रही थी। रूबी के माथे पर पसीना छलक रहा था और वो बार बार शांता की तरफ खौफ भरी नजरो से देख रही थी।
साहिल को देखते ही उसकी जान में जान आई और बोली:"
" अरे अनूप टीम इतनी जल्दी अा कैसे अा गए ?
शांता ने अपनी नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा और उपर से नीचे तक ध्यान से देखती हुई बोली:"
" कैसे हो बेटा तुम ? आज कल दिखते नहीं हो ?
साहिल:" वो बस आज कल काम में लगा हुआ हूं बस। आप ठीक हो ?
रूबी:" कहां ठीक है ये ? आज बेहोश हो गई थी। दवा दिलाकर लाई हूं। कमजोर हो गई हैं बहुत।
अनूप गुस्से से :" दवा दिलाकर लाई हूं, क्या मतलब तुम्हारे बाप के पैसे हैं क्या ? जैसे मन करे उड़ाओ।
रूबी समझ गई कि साहिल ये सब जान बूझकर कर रहा है इसलिए गुस्से से बोली:"
" तुम्हे मेरे मुंह लगने की जरूरत नहीं है। मैं कितना पैसा कमाती हूं ये तुम अच्छे से जानते हो।
साहिल:" तुम्हारे मुंह तो मैं भी नहीं लगना चाहता।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में घुस गया और रूबी ने उदास नजरो से शांता की तरफ देखा तो शांता बोली:"
" दुखी मत हो बेटी। एक ना एक दिन तो भगवान इसे बुद्धि देगा। मेरा भी अपमान किया हैं लेकिन अब तो जैसे मुझे इसकी आदत सी हो गई हैं।
रूबी समझ गई कि अगर इसके अंदर जरा सा भी आत्म सम्मान होता तो शायद अब तक अपने कमरे में चली गई होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
रूबी:" मा जी आपकी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए आप आराम कीजिए और मैं खाना बनाकर आपको भेज दूंगी।
शांता: नहीं बेटी मैं ठीक हूं। मैं तुम्हारी मदद कर देती हूं।
रूबी:" आप जिद मत किया करो, जाइए आप और आराम कीजिए।
शांता ने ज्यादा बहस करना जरूरी नहीं समझा और चुपचाप बाहर निकल गई। रूबी ने चैन की सांस ली और देखा कि साहिल अपने कमरे से सटे हुए बाथरूम में घुसा हुआ था और नहा रहा था। वो खाना बनाने में जुट गई।
खाना बन गया और साहिल भी अपना सब मेकअप धोकर बाहर अा गया था। उसको देखते ही रूबी उसके गले लग गई और बोली:"
" बेटा साहिल देखो ना ये सब हमारे साथ क्या हो रहा है ? आखिर कौन हैं जो हमे बरबाद करना चाहता हैं ?
साहिल उसकी पीठ थपथपाने लगा और तस्सली देते हुए बोला:_
" मम्मी आप परेशान मत होइए। जब तक आपका बेटा हैं आपको कुछ नहीं होने देगा।
रूबी:" लेकिन बेटा मैं तुम्हे भी खोना नहीं चाहती, पता नहीं ये कौन खतरनाक लोग हैं जो हमारे घर और ऑफिस सब जगह हमरे पीछे पड़े हुए हैं। हमने क्या बिगाड़ा हैं उनका ?
साहिल:" मम्मी ये ही सोचने वाली बात है कि ऐसा क्या हुआ जो ये सब हो रहा हैं। ये सब अपने आप नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकता हैं। इन सबके पीछे कौन हैं ये हमे पता करना ही होगा।
रूबी:" हान बेटा, मुझे लगता हैं कि शांता जरूर किसी मकसद के लिए हमारे घर में रुकी हुई हैं।
साहिल:" बिलकुल ठीक मम्मी, मुझे भी ऐसा ही लगता हैं। अब हमे शांता पर ध्यान रखना होगा। और हान उसे बिल्कुल भी शक नहीं होना चाहिए कि हमें उसकी असलियत का पता चल गया हैं।
रूबी:" लेकिन बेटा एक बात ध्यान रखना ज्यादा से ज्यादा अगले 10से 15 दिन के अंदर वो खुद ही समझ जाएगी कि वो प्रेगनेंट हैं।
साहिल:" मम्मी आप फिकर ना करे, इतना टाइम बहुत हैं मेरे लिए तब तक तो मैं दो बार शांता की असलियत पता कर लूंगा। और शांता से आपको ज्यादा डरने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि जहां वो हमे मर नहीं सकती क्योंकि अगर मारना ही होता तो अब तक कभी का खाने में जहर दे चुकी होती।
साहिल की बात सुनकर रूबी को थोड़ा सुकून मिला और बोली:'
" बिल्कुल बेटा , लेकिन मुझे अपनी नहीं तुम्हारी फिक्र होती हैं अब साहिल।
साहिल:" मुझे कुछ नहीं होगा जब तक आपका प्यार मेरे साथ हैं।
दोनो बाते कर ही रहे थे कि अचानक जोर जोर से बिजलियां कड़कने लगी। बाहर मौसम खराब हो गया था और किसी भी समय बारिश शुरू ही सकती थी।
शांता की उम्र करीब 74 साल है और इस उम्र में कोई भी औरत प्रेगनेंट नहीं हो सकती। मतलब साफ है कि शांता की उम्र इससे कम होनी चाहिए यही करीब अधिक से अधिक 50 साल।
लेकिन फिर अगर उसकी उम्र भी कम है तो सबसे बड़ा सवाल हैं कि वो किससे प्रेगनेंट हुई ? घर में तो मेरे अलावा और कोई मर्द आता नहीं है। कहीं अनूप ने तो ये कांड नहीं कर दिया वैसे भी भी इस मामले में ठरकी है। कहीं किसी दिन दिन दारू पीकर ना चढ़ गया हो शांता के ऊपर।
तभी उसके मन में दूसरा सवाल उठा कि अनूप का लंड तो अब खड़ा ही नहीं होता तो उसके बारे में तो सोचना बेकार हैं। साहिल के सिर में होने लगा लेकिन उसकी समझ ने कुछ नहीं आया तो उसने सब छोड़कर अपने काम पर फोकस करने का फैसला किया।
साहिल अपने काम में लग गया और करीब आधे घंटे के बाद उसका फोन बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था।
साहिल:" हा मम्मी बताओ क्या चल रहा हैं ?
रूबी:" बेटा तुम आज थोड़ा जल्दी अा जाना, मुझे पता नहीं क्यों एक अजीब सा डर लग रहा हैं। ये शांता नहीं हो सकती जरूर कुछ ना कुछ दिक्कत हैं क्योंकि शांता इस उम्र में प्रेगनेंट नहीं हो सकती। पता नहीं कौन सी साजिश रच रही है बेटा ये ?
साहिल :" मम्मी आप फिक्र ना करो मैं जल्दी ही अा जाऊंगा। अभी शांता कहां हैं ?
रूबी:" अपने कमरे में ही होगी। मेरी हिम्मत नहीं पड़ी उसे देखने की। तुम आओ बेटा।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी। मैं अा रहा हूं।
साहिल ने फोन काट दिया और घड़ी देखी तो करीब शाम के पांच बज चुके थे। साहिल दुबे जी को सारा काम समझाकर अपने घर की तरफ निकल गया।
साहिल ने घर जाकर दरवाजा खोला तो देखा कि शांता सफाई में लगी हुई थी और रूबी किचेन में काम कर रही थी। रूबी के माथे पर पसीना छलक रहा था और वो बार बार शांता की तरफ खौफ भरी नजरो से देख रही थी।
साहिल को देखते ही उसकी जान में जान आई और बोली:"
" अरे अनूप टीम इतनी जल्दी अा कैसे अा गए ?
शांता ने अपनी नजर उठाकर अनूप की तरफ देखा और उपर से नीचे तक ध्यान से देखती हुई बोली:"
" कैसे हो बेटा तुम ? आज कल दिखते नहीं हो ?
साहिल:" वो बस आज कल काम में लगा हुआ हूं बस। आप ठीक हो ?
रूबी:" कहां ठीक है ये ? आज बेहोश हो गई थी। दवा दिलाकर लाई हूं। कमजोर हो गई हैं बहुत।
अनूप गुस्से से :" दवा दिलाकर लाई हूं, क्या मतलब तुम्हारे बाप के पैसे हैं क्या ? जैसे मन करे उड़ाओ।
रूबी समझ गई कि साहिल ये सब जान बूझकर कर रहा है इसलिए गुस्से से बोली:"
" तुम्हे मेरे मुंह लगने की जरूरत नहीं है। मैं कितना पैसा कमाती हूं ये तुम अच्छे से जानते हो।
साहिल:" तुम्हारे मुंह तो मैं भी नहीं लगना चाहता।
इतना कहकर साहिल अपने कमरे में घुस गया और रूबी ने उदास नजरो से शांता की तरफ देखा तो शांता बोली:"
" दुखी मत हो बेटी। एक ना एक दिन तो भगवान इसे बुद्धि देगा। मेरा भी अपमान किया हैं लेकिन अब तो जैसे मुझे इसकी आदत सी हो गई हैं।
रूबी समझ गई कि अगर इसके अंदर जरा सा भी आत्म सम्मान होता तो शायद अब तक अपने कमरे में चली गई होती। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
रूबी:" मा जी आपकी तबियत ठीक नहीं है, इसलिए आप आराम कीजिए और मैं खाना बनाकर आपको भेज दूंगी।
शांता: नहीं बेटी मैं ठीक हूं। मैं तुम्हारी मदद कर देती हूं।
रूबी:" आप जिद मत किया करो, जाइए आप और आराम कीजिए।
शांता ने ज्यादा बहस करना जरूरी नहीं समझा और चुपचाप बाहर निकल गई। रूबी ने चैन की सांस ली और देखा कि साहिल अपने कमरे से सटे हुए बाथरूम में घुसा हुआ था और नहा रहा था। वो खाना बनाने में जुट गई।
खाना बन गया और साहिल भी अपना सब मेकअप धोकर बाहर अा गया था। उसको देखते ही रूबी उसके गले लग गई और बोली:"
" बेटा साहिल देखो ना ये सब हमारे साथ क्या हो रहा है ? आखिर कौन हैं जो हमे बरबाद करना चाहता हैं ?
साहिल उसकी पीठ थपथपाने लगा और तस्सली देते हुए बोला:_
" मम्मी आप परेशान मत होइए। जब तक आपका बेटा हैं आपको कुछ नहीं होने देगा।
रूबी:" लेकिन बेटा मैं तुम्हे भी खोना नहीं चाहती, पता नहीं ये कौन खतरनाक लोग हैं जो हमारे घर और ऑफिस सब जगह हमरे पीछे पड़े हुए हैं। हमने क्या बिगाड़ा हैं उनका ?
साहिल:" मम्मी ये ही सोचने वाली बात है कि ऐसा क्या हुआ जो ये सब हो रहा हैं। ये सब अपने आप नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश का हिस्सा हो सकता हैं। इन सबके पीछे कौन हैं ये हमे पता करना ही होगा।
रूबी:" हान बेटा, मुझे लगता हैं कि शांता जरूर किसी मकसद के लिए हमारे घर में रुकी हुई हैं।
साहिल:" बिलकुल ठीक मम्मी, मुझे भी ऐसा ही लगता हैं। अब हमे शांता पर ध्यान रखना होगा। और हान उसे बिल्कुल भी शक नहीं होना चाहिए कि हमें उसकी असलियत का पता चल गया हैं।
रूबी:" लेकिन बेटा एक बात ध्यान रखना ज्यादा से ज्यादा अगले 10से 15 दिन के अंदर वो खुद ही समझ जाएगी कि वो प्रेगनेंट हैं।
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" बिल्कुल बेटा , लेकिन मुझे अपनी नहीं तुम्हारी फिक्र होती हैं अब साहिल।
साहिल:" मुझे कुछ नहीं होगा जब तक आपका प्यार मेरे साथ हैं।
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अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ
रूबी:" अरे बेटा मैंने बाहर कपडे सूखने के लिए डाले हुए हैं और मौसम खराब हो गया है। मैं कपडे लेकर आती हूं
साहिल:' रुको मम्मी मैं भी आपके साथ चलता हूं।
साहिल और रूबी दोनो घर के बाहर बने हुए मैदान में जैसे ही आए तो एक ठंडे हवा के झोंके ने उनका स्वागत किया। ये हवा का झोंका रूबी का रोम रोम महका गया और रूबी किसी छोटे बच्चे की तरह खुश होने लगी। साहिल अपनी मा की खुशी देखकर अच्छा महसूस कर रहा था। तभी हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई और साहिल और रूबी ने तेजी से कपडे उतार कर वहीं बने एक कमरे में रख दिए।
रूबी:" देखो ना बेटा कितनी अच्छी बारिश हो रही हैं। इस धीमी धीमी बारिश में नहाना मुझे बहुत पसंद हैं। और ये तो है भी सीजन कि पहली बारिश।
इतना कहकर रूबी खुशी से उछलती हुई मैदान में घुस गई। हल्की हल्की बारिश फिर से उसका तन मन भिगोने लगी और रूबी नाच कर कूद कर अपनी खुशी जाहिर कर रही थी।
रूबी:" आओ बेटा तुम भी अा जाओ। देखो ना कितना अच्छा मौसम हैं।
रूबी के बोलते ही साहिल अपनी मा के पीछे पीछे अा गया और बारिश में भींगने लगा। रूबी ने सिर्फ एक सफेद रंग की शर्ट पहन रखी और अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी। धीरे धीरे उसकी शर्ट पूरी भीग गई और उसकी चूंची का उभार नजर आने लगा।
साहिल ये देखकर खुश हो गया और रूबी को जैसे ही साहिल की नजरो का एहसास अपनी चूंचियों पर हुआ तो उसके जिस्म में मस्ती की एक लहर दौड़ गई। रूबी ने अब अपने बेटे को खुलकर रिझाना शुरू किया और उसकी आंखो में देखते हुए उसके ठीक सामने कूदने लगी जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से उछलने लगी।
साहिल अपनी मम्मी की चूचियां देखते हुए बोला:"
" ओह मम्मी, बस कीजिए आप गिर गई तो चोट लग जाएगी।
रूबी ने अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए साहिल को देखा और बोली:' तेरे जैसे जवान बेटे के होते हुए भी अगर मैं गिर गई तो तेरी जवानी पर लानत होगी।
साहिल:" ओह मम्मी ये बात हैं तो आप जी भरकर कूदिए। आपका बेटा आपको गिरने नहीं देगा।
रूबी अब पूरी मस्ती से कूदती हुई अपनी चूचियां अपने बेटे को दिखा रही थी जिससे साहिल का लंड भी अकड़ गया और उसकी पैंट में अब एक बहुत बड़ा तम्बू बन गया था।
रूबी ये देखकर खुश हो गई और उसने जान बूझकर अपने दोनो हाथ उपर की तरफ उठाते हुए अपने सीने को बाहर की तरफ उभार दिया जिससे उसकी शर्ट के दो बटन चट की आवाज के साथ टूट गए।
बटन टूटते ही रूबी की चूचियां आधे से ज्यादा क्या लगभग पूरी ही नंगी हो गई। बस सिर्फ निप्पल ही अब कपडे के अंदर छुपा हुआ था लेकिन कपडे के भीग जाने के कारण वो भी लगभग साफ ही दिख रहा था।
IMG-20201019-085119
साहिल की नजरे अपनी मा की चूचियों पर जम गई और रूबी ने अपने आपको छुपाने की कोई कोशिश नहीं करी।
रूबी ने एक नजर अपनी चूचियों पर डाली और बोली:" उफ्फ बेटे ये शर्ट भी ना बहुत छोटी हो गई हैं।
साहिल ने अपनी मा को स्माइल देते हुए कहा:" मम्मी शर्ट छोटी नहीं हुई हैं बल्कि आपकी ज्यादा बड़ी हो गई है।
रूबी समझ गई लेकिन अनजान बनते हुए बोली:"
" क्या बड़ी हो गई हैं बेटा ? मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगता।
रूबी ने इतना कहते हुए अपनी चूचियां पूरी तरह बाहर की तरफ तान दी तो साहिल की थोड़ी हिम्मत बढ़ी और वो रूबी के बिल्कुल करीब हो गया जिससे रूबी की सांसे फिर से तेज हो गई।
साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और उसकी चुचियों की तरफ उंगली करते हुए बोला:"
" मम्मी आपकी ये ज्यादा बड़ी हो गई हैं। आप समझ रही हैं मैं किसकी बात कर रहा हूं।
इतना कहकर साहिल ने अपना एक हाथ रूबी की चूचियों के ऊपर से फेर दिया तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
रूबी:" उफ्फ बेटा, घुमा फिरा कर क्यों बात कर रहे हो ? मर्द होकर भी डरते हो, सीधी तरह बोलो ना
साहिल रूबी के अब बिल्कुल करीब हो गया और अपने सीने का दबाव उसकी चूचियों पर डालते हुए धीरे से उसके कान में बोला:"
"आह मम्मी, मम्मी वो आपकी, वो आपकी चू चू चूचियां ज्यादा बड़ी और मस्त हो गई हैं।
तभी आसमान में जोर से बिजली कड़की और रूबी कसकर अपने बेटे से लिपट गई और बोली:"
" आह मेरा गन्दा बेटा, उफ्फ अपनी मा की चूचियां देखता हैं, तुझे शर्म नहीं आती क्या ?
साहिल:" गंदा नहीं जवान बेटा मा, मम्मी जब आपकी चूचियां हैं ही इतनी अच्छी। उफ्फ देखो ना कितनी ठोस हैं मेरे सीने में घुसी जा रही है।
रूबी ने अपनी चूचियों का दबाव पूरी तरह से बढ़ा दिया और उसके निप्पल सुई की तरह साहिल को चुभ गए तो साहिल ने अपने हाथो का दबाव उसकी कमर पर बढ़ा दिया तो रूबी कसमसा उठी और बोली:"
" कमीने मार ही देगा क्या ? अब तुझे ये भी मुझे ही सिखाना क्या कि कहां पर जोर से दबाना चाहिए और कहां पर प्यार से ?
इतना कहते हुए रूबी ने अपने पैर थोड़े से उपर उठाए जिससे साहिल के हाथ उसकी कमर से फिसल कर उसकी गांड़ पर जम गए। साहिल ने रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर लिया और जैसे जैसे ही हल्का सा मसला तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
तभी बारिश जोर पकड़ने लगी और हल्की हल्की बर्फ के टुकड़े औले भी पड़ने लगे तो रूबी बोली:"
" भाग बेटे अंदर बारिश तेज हो गई है, साथ में अौले भी हैं।
साहिल और रूबी दोनो एक के बाद एक अंदर घुसते चले गए। दोनो के कपडे पूरी तरह से भीग गए थे। रूबी ने अपने कपड़े बदल लिए और एक काले रंग की स्लीवलेस शॉर्ट ड्रेस पहन ली। रूबी जब बाहर निकली तो साहिल अपने मम्मी पर आज पूरी तरह से फिदा हो गया।
इस ड्रेस में रूबी बेहद खूबसूरत लग रही थी और ये ड्रेस उसकी जांघो तक ही अा पा रही थी और हल्की हल्की सुंदर गोरी चित्ती जांघें साफ दिख रही थी।
रूबी ने साहिल को स्माइल दी और खाना गरम करने के लिए किचेन में घुस गई। बाहर तेज बारिश हो रही थी जिस कारण अब शांता घर के अंदर नहीं अा सकती थी इसलिए रूबी ने खाना तैयार किया और साहिल से बोली:".
" रूबी जाओ ये खाना शांता को दे आओ। और ध्यान रखना कि उसे शक ना हो। आओ जल्दी फिर साथ में खाना खायेंगे। भूख लगी हैं मुझे बहुत तेज।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, मैं बस अभी आया
साहिल ने टिफिन लिया और छाता लेकर बाहर की तरफ चल दिया। बाहर अब बहुत तेज हवाएं चल रही थी और बारिश की तेज आवाज के कारण किसी के कदमों की आहट नहीं सुनाई पड़ रही थी। साहिल धीरे धीरे चलता हुआ शांता के कमरे के सामने पहुंच गया और उसे अंदर से कुछ आवाजे आती सुनाई पड़ी।
शांता शायद किसी से बात कर रही थी लेकिन सिर्फ शांता की ही आवाज अा रही थी। ये भगवान इसका मतलब शांता के पास मोबाइल भी हैं। साहिल ने धीरे से अपने कान गेट पर लगा दिए और आवाज सुनने लगा।
वहीं शांता जानती थी कि इस भयंकर बारिश और तूफान में कोई बाहर नहीं अा सकता इसलिए वो काफी हद तक निश्चित थी।
शांता:" तुम समझने की कोशिश करो, मैं ऐसे नहीं अा सकती,
थोड़ी देर फोन पर चुप्पी रही और फिर से शांता की आवाज उभरी और बोली:"
" तुम मेरी फिक्र मत करो, कुछ नहीं होगा मुझे, लेकिन जब तक मैं अनूप को बर्बाद नहीं कर दूंगी मैं पीछे नहीं हट सकती।
साहिल के कानों में जैसे धमाका सा हुआ और उसने अंदर झांकने की कोशिश करी लेकिन अंदर कुछ नहीं दिख पा रहा था। साहिल ने बड़ी से एक छोटा सा छेद ढूंढ निकाला और उसमें से एक नजर अंदर डाली तो उसकी आंखे आश्चर्य से खुली की खुली रह गई।
सामने बेड पर करीब एक 36 साल की बेहद खूबसूरत औरत लेटी हुई थी। उसकी ड्रेस बिल्कुल शांता की थी लेकिन वो शांता नहीं थी। साहिल को अपनी आंखो पर यकीन नहीं हो पा रहा था कि आखिर ये शांता जवान कैसे हो गई ? साहिल को अब समझ में आया कि शांता प्रेगनेंट कैसे हो गई थी। उफ्फ मेरे तो घर में ही दुश्मन हैं और मैं बाहर ढूंढ रहा था।
शांता की फिर से आवाज उभरी:"
" तुम समझो मुझे, मेरे बाप और भाई की आत्मा आज भी धिक्कारती हैं।
साहिल समझ गया कि जरूर ऐसा कुछ हुआ कि अनूप ने शांता और उसके परिवार का कुछ बुरा किया हैं। अब अंदर से आवाजे आनी बंद हो गई थी और बारिश भी हल्की ही गई थी। शांता किसी भी समय बाहर अा सकती थी इसलिए साहिल ने टिफिन उठाया और फिर से अपने घर की तरफ अा गया और उधर से ही तेज आवाज में गीत गुनगुनाते हुए शांता के कमरे की तरफ चल पड़ा। शांता ने जैसे ही उसकी आवाज सुनी तो उसने तेजी से अपना फेसमास्क पहन लिया और फिर से शांता बन गई। वो नहीं चाहती थी कि साहिल उसके कमरे में आए इसलिए खुद ही बाहर अा गई और बोली:"
" अरे साहिल बाबा, आप कब आए ? और इतनी बारिश में आपको आने की क्या जरूरत थी ?
साहिल:' रुको मम्मी मैं भी आपके साथ चलता हूं।
साहिल और रूबी दोनो घर के बाहर बने हुए मैदान में जैसे ही आए तो एक ठंडे हवा के झोंके ने उनका स्वागत किया। ये हवा का झोंका रूबी का रोम रोम महका गया और रूबी किसी छोटे बच्चे की तरह खुश होने लगी। साहिल अपनी मा की खुशी देखकर अच्छा महसूस कर रहा था। तभी हल्की हल्की बारिश शुरू हो गई और साहिल और रूबी ने तेजी से कपडे उतार कर वहीं बने एक कमरे में रख दिए।
रूबी:" देखो ना बेटा कितनी अच्छी बारिश हो रही हैं। इस धीमी धीमी बारिश में नहाना मुझे बहुत पसंद हैं। और ये तो है भी सीजन कि पहली बारिश।
इतना कहकर रूबी खुशी से उछलती हुई मैदान में घुस गई। हल्की हल्की बारिश फिर से उसका तन मन भिगोने लगी और रूबी नाच कर कूद कर अपनी खुशी जाहिर कर रही थी।
रूबी:" आओ बेटा तुम भी अा जाओ। देखो ना कितना अच्छा मौसम हैं।
रूबी के बोलते ही साहिल अपनी मा के पीछे पीछे अा गया और बारिश में भींगने लगा। रूबी ने सिर्फ एक सफेद रंग की शर्ट पहन रखी और अंदर ब्रा नहीं पहनी हुई थी। धीरे धीरे उसकी शर्ट पूरी भीग गई और उसकी चूंची का उभार नजर आने लगा।
साहिल ये देखकर खुश हो गया और रूबी को जैसे ही साहिल की नजरो का एहसास अपनी चूंचियों पर हुआ तो उसके जिस्म में मस्ती की एक लहर दौड़ गई। रूबी ने अब अपने बेटे को खुलकर रिझाना शुरू किया और उसकी आंखो में देखते हुए उसके ठीक सामने कूदने लगी जिससे उसकी चूचियां पूरी तरह से उछलने लगी।
साहिल अपनी मम्मी की चूचियां देखते हुए बोला:"
" ओह मम्मी, बस कीजिए आप गिर गई तो चोट लग जाएगी।
रूबी ने अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए साहिल को देखा और बोली:' तेरे जैसे जवान बेटे के होते हुए भी अगर मैं गिर गई तो तेरी जवानी पर लानत होगी।
साहिल:" ओह मम्मी ये बात हैं तो आप जी भरकर कूदिए। आपका बेटा आपको गिरने नहीं देगा।
रूबी अब पूरी मस्ती से कूदती हुई अपनी चूचियां अपने बेटे को दिखा रही थी जिससे साहिल का लंड भी अकड़ गया और उसकी पैंट में अब एक बहुत बड़ा तम्बू बन गया था।
रूबी ये देखकर खुश हो गई और उसने जान बूझकर अपने दोनो हाथ उपर की तरफ उठाते हुए अपने सीने को बाहर की तरफ उभार दिया जिससे उसकी शर्ट के दो बटन चट की आवाज के साथ टूट गए।
बटन टूटते ही रूबी की चूचियां आधे से ज्यादा क्या लगभग पूरी ही नंगी हो गई। बस सिर्फ निप्पल ही अब कपडे के अंदर छुपा हुआ था लेकिन कपडे के भीग जाने के कारण वो भी लगभग साफ ही दिख रहा था।
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साहिल की नजरे अपनी मा की चूचियों पर जम गई और रूबी ने अपने आपको छुपाने की कोई कोशिश नहीं करी।
रूबी ने एक नजर अपनी चूचियों पर डाली और बोली:" उफ्फ बेटे ये शर्ट भी ना बहुत छोटी हो गई हैं।
साहिल ने अपनी मा को स्माइल देते हुए कहा:" मम्मी शर्ट छोटी नहीं हुई हैं बल्कि आपकी ज्यादा बड़ी हो गई है।
रूबी समझ गई लेकिन अनजान बनते हुए बोली:"
" क्या बड़ी हो गई हैं बेटा ? मुझे तो ऐसा कुछ नहीं लगता।
रूबी ने इतना कहते हुए अपनी चूचियां पूरी तरह बाहर की तरफ तान दी तो साहिल की थोड़ी हिम्मत बढ़ी और वो रूबी के बिल्कुल करीब हो गया जिससे रूबी की सांसे फिर से तेज हो गई।
साहिल ने रूबी की आंखो में देखा और उसकी चुचियों की तरफ उंगली करते हुए बोला:"
" मम्मी आपकी ये ज्यादा बड़ी हो गई हैं। आप समझ रही हैं मैं किसकी बात कर रहा हूं।
इतना कहकर साहिल ने अपना एक हाथ रूबी की चूचियों के ऊपर से फेर दिया तो रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
रूबी:" उफ्फ बेटा, घुमा फिरा कर क्यों बात कर रहे हो ? मर्द होकर भी डरते हो, सीधी तरह बोलो ना
साहिल रूबी के अब बिल्कुल करीब हो गया और अपने सीने का दबाव उसकी चूचियों पर डालते हुए धीरे से उसके कान में बोला:"
"आह मम्मी, मम्मी वो आपकी, वो आपकी चू चू चूचियां ज्यादा बड़ी और मस्त हो गई हैं।
तभी आसमान में जोर से बिजली कड़की और रूबी कसकर अपने बेटे से लिपट गई और बोली:"
" आह मेरा गन्दा बेटा, उफ्फ अपनी मा की चूचियां देखता हैं, तुझे शर्म नहीं आती क्या ?
साहिल:" गंदा नहीं जवान बेटा मा, मम्मी जब आपकी चूचियां हैं ही इतनी अच्छी। उफ्फ देखो ना कितनी ठोस हैं मेरे सीने में घुसी जा रही है।
रूबी ने अपनी चूचियों का दबाव पूरी तरह से बढ़ा दिया और उसके निप्पल सुई की तरह साहिल को चुभ गए तो साहिल ने अपने हाथो का दबाव उसकी कमर पर बढ़ा दिया तो रूबी कसमसा उठी और बोली:"
" कमीने मार ही देगा क्या ? अब तुझे ये भी मुझे ही सिखाना क्या कि कहां पर जोर से दबाना चाहिए और कहां पर प्यार से ?
इतना कहते हुए रूबी ने अपने पैर थोड़े से उपर उठाए जिससे साहिल के हाथ उसकी कमर से फिसल कर उसकी गांड़ पर जम गए। साहिल ने रूबी की गांड़ को दोनो हाथो में भर लिया और जैसे जैसे ही हल्का सा मसला तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
तभी बारिश जोर पकड़ने लगी और हल्की हल्की बर्फ के टुकड़े औले भी पड़ने लगे तो रूबी बोली:"
" भाग बेटे अंदर बारिश तेज हो गई है, साथ में अौले भी हैं।
साहिल और रूबी दोनो एक के बाद एक अंदर घुसते चले गए। दोनो के कपडे पूरी तरह से भीग गए थे। रूबी ने अपने कपड़े बदल लिए और एक काले रंग की स्लीवलेस शॉर्ट ड्रेस पहन ली। रूबी जब बाहर निकली तो साहिल अपने मम्मी पर आज पूरी तरह से फिदा हो गया।
इस ड्रेस में रूबी बेहद खूबसूरत लग रही थी और ये ड्रेस उसकी जांघो तक ही अा पा रही थी और हल्की हल्की सुंदर गोरी चित्ती जांघें साफ दिख रही थी।
रूबी ने साहिल को स्माइल दी और खाना गरम करने के लिए किचेन में घुस गई। बाहर तेज बारिश हो रही थी जिस कारण अब शांता घर के अंदर नहीं अा सकती थी इसलिए रूबी ने खाना तैयार किया और साहिल से बोली:".
" रूबी जाओ ये खाना शांता को दे आओ। और ध्यान रखना कि उसे शक ना हो। आओ जल्दी फिर साथ में खाना खायेंगे। भूख लगी हैं मुझे बहुत तेज।
साहिल:" ठीक हैं मम्मी, मैं बस अभी आया
साहिल ने टिफिन लिया और छाता लेकर बाहर की तरफ चल दिया। बाहर अब बहुत तेज हवाएं चल रही थी और बारिश की तेज आवाज के कारण किसी के कदमों की आहट नहीं सुनाई पड़ रही थी। साहिल धीरे धीरे चलता हुआ शांता के कमरे के सामने पहुंच गया और उसे अंदर से कुछ आवाजे आती सुनाई पड़ी।
शांता शायद किसी से बात कर रही थी लेकिन सिर्फ शांता की ही आवाज अा रही थी। ये भगवान इसका मतलब शांता के पास मोबाइल भी हैं। साहिल ने धीरे से अपने कान गेट पर लगा दिए और आवाज सुनने लगा।
वहीं शांता जानती थी कि इस भयंकर बारिश और तूफान में कोई बाहर नहीं अा सकता इसलिए वो काफी हद तक निश्चित थी।
शांता:" तुम समझने की कोशिश करो, मैं ऐसे नहीं अा सकती,
थोड़ी देर फोन पर चुप्पी रही और फिर से शांता की आवाज उभरी और बोली:"
" तुम मेरी फिक्र मत करो, कुछ नहीं होगा मुझे, लेकिन जब तक मैं अनूप को बर्बाद नहीं कर दूंगी मैं पीछे नहीं हट सकती।
साहिल के कानों में जैसे धमाका सा हुआ और उसने अंदर झांकने की कोशिश करी लेकिन अंदर कुछ नहीं दिख पा रहा था। साहिल ने बड़ी से एक छोटा सा छेद ढूंढ निकाला और उसमें से एक नजर अंदर डाली तो उसकी आंखे आश्चर्य से खुली की खुली रह गई।
सामने बेड पर करीब एक 36 साल की बेहद खूबसूरत औरत लेटी हुई थी। उसकी ड्रेस बिल्कुल शांता की थी लेकिन वो शांता नहीं थी। साहिल को अपनी आंखो पर यकीन नहीं हो पा रहा था कि आखिर ये शांता जवान कैसे हो गई ? साहिल को अब समझ में आया कि शांता प्रेगनेंट कैसे हो गई थी। उफ्फ मेरे तो घर में ही दुश्मन हैं और मैं बाहर ढूंढ रहा था।
शांता की फिर से आवाज उभरी:"
" तुम समझो मुझे, मेरे बाप और भाई की आत्मा आज भी धिक्कारती हैं।
साहिल समझ गया कि जरूर ऐसा कुछ हुआ कि अनूप ने शांता और उसके परिवार का कुछ बुरा किया हैं। अब अंदर से आवाजे आनी बंद हो गई थी और बारिश भी हल्की ही गई थी। शांता किसी भी समय बाहर अा सकती थी इसलिए साहिल ने टिफिन उठाया और फिर से अपने घर की तरफ अा गया और उधर से ही तेज आवाज में गीत गुनगुनाते हुए शांता के कमरे की तरफ चल पड़ा। शांता ने जैसे ही उसकी आवाज सुनी तो उसने तेजी से अपना फेसमास्क पहन लिया और फिर से शांता बन गई। वो नहीं चाहती थी कि साहिल उसके कमरे में आए इसलिए खुद ही बाहर अा गई और बोली:"
" अरे साहिल बाबा, आप कब आए ? और इतनी बारिश में आपको आने की क्या जरूरत थी ?
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ
साहिल:" अभी थोड़ी देर पहले ही आया था। मम्मी से पता चला कि दिन में आपकी तबियत खराब थी इसलिए खाना लेकर अा गया। अभी कैसी हैं आप ?
शांता:" बस बेटा ऐसे ही ठीक हूं। अब उम्र भी तो हो गई हैं। एक बार बस अपनी बेटी को देख लेती तो मरने का दुख नहीं होता।
साहिल का मन किया कि खुद ही उसका गला दबा दे। लेकिन उसने खुद पर काबू रखा और बोला:"
" आप फिक्र ना करे, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं। अच्छा आप ये खाना लीजिए और खाकर आराम कर लेना।
साहिल ने शांता को टिफिन दिया और अंदर की तरफ चल पड़ा। साहिल आज शांता का असली रूप देख चुका था और एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि जरूर उसके बाप ने कुछ ना कुछ ऐसा किया हैं जिसकी वजह से शांता का परिवार तबाह हो गया है। लेकिन इसका जवाब उसे सिर्फ उसे और सिर्फ अनूप ही दे सकता था।
साहिल घर के अंदर घुस गया और दरवाजे को अच्छे से बंद किया। साहिल ने देखा कि रूबी टेबल पर खाना लगा चुकी थी और बस उसका ही इंतजार कर रही थी।
रूबी:" इतनी देर कहां लगा दी तुमने बेटा ? आओ चलो खाना खाते हैं मुझे बहुत जोर की भूख लगी हैं।
साहिल ने रूबी को सारी बात बताई और रूबी के पसीने छूट गई और कांपते हुए बोली
" है भगवान ये शांता तो बहुत शातिर निकली। अब क्या होगा बेटा ?
साहिल:" मम्मी कुछ नहीं होगा। मैं सब ठीक कर दूंगा लेकिन पहले ये बताओ कि क्या अनूप की किसी से कोई खानदानी दुश्मनी तो नहीं हैं ?
रूबी:" नहीं बेटा, जब से मैं इस घर में अाई हूं ऐसा कुछ नहीं देखा। बेशक तेरा बाप रंडीबाज था और दारू पीता था लेकिन उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि किसी से झगड़ा करे।
साहिल:" ओह इसका मतलब कुछ और बात है। हमे अनूप से ही पूछना होगा। मैं जाकर दरवाजा खोलता हूं तब तक आप खाना लेकर अा जाओ।
साहिल चला गया और उसने तहखाने का दरवाजा खोल दिया। साहिल को देखते ही अनूप उसके पैरो में गिर गया और बोला:"
" मुझे माफ़ कर दो बेटा, मेरा दम घुटता हैं यहां, मुझे बाहर निकालो साहिल
साहिल:" अब तो तुम्हारी ज़िन्दगी में यही सड़ सड़ कर मरना लिखा हैं भुगतो अपने कर्म तुम।
रूबी ने साहिल को रिझाने के लिए सिर्फ एक छोटी सी ड्रेस पहनी थी। उसने अपने जिस्म पर एक चादर डाली और टिफिन हाथ में लिया और अंदर अा गई।
रूबी को देखते ही अनूप की रुलाई फूट पड़ी। वो रोता रहा।
साहिल को कहीं ना कहीं अपने आप से हमदर्दी थी लेकिन वो अपनी मा के साथ था क्योंकि उसके बाप ने जितने नीचता भरे काम किए थे उसकी चुभन साहिल के दिल में बाकी थी।
रूबी ने उसकी तरफ नफरत से देखते हुए टिफिन रख दिया और बोली:"
" ले अनूप भर ले खाना।
साहिल:" अगर तुम सच में आजाद होना चाहते हो तो मेरे कुछ सवालों का जवाब देना होगा। वो भी बिल्कुल सही।
लेकिन पहले तुम खाना खाओ।
अनूप को अपनी आजादी की उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और वो भूखे कुत्ते की तरह खाने पर टूट पड़ा। कुछ ही मिनटों में वो सब खाना खा गया और बोला:"
" हान साहिल बेटा बताओ क्या पूछना हैं मुझसे ?
साहिल:" ये बताओ कि तुम्हारी सबसे बड़ी दुश्मनी किसके साथ हैं ? कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?
अनूप ने थोड़ी देर सोचा और बोला:" बेटा मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है बस हान नीरज ने मेरे साथ गलत किया हैं। उसके चक्कर में आकर ही मैं बर्बाद हो गया हूं।
साहिल जानता था कि नीरज का नाम तो पक्का आना ही है। साहिल आगे बोला:"
" क्या तुम्हारी वजह से किसी का परिवार तबाह हुआ हैं या तुमने किसी को मारा हो ?
अनूप:" नहीं बेटा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। तुम मेरा विश्वास करों।
साहिल ने अनूप की आंखो में देखा और बोला:"
" अच्छा एक बात ये शांता कौन हैं और घर में कब से हैं ?
अनूप:" ये तो बेटा जब मैं पैदा हुआ तब से घर में ही हैं। इसनें ही मुझे पाल कर बड़ा किया है।
साहिल:" शांता का बाकी परिवार कहां हैं ? इसका पति और बच्चे ? क्या सच में इसकी कोई बेटी हजन है?
अनूप:" हान इसका अपना पूरा परिवार था। सपना बेटी थी और पति बहुत अच्छा था। हमारा सबसे वफादार नौकर था वो। लेकिन इसका पति कहीं गायब हो गया था और बेटी नदी में डूब गई थी तब से हमारे साथ ही रहती हैं।
साहिल:" ओह, ठीक हैं मतलब अगर शांता ने तुम्हे पाला हैं तो उसकी उम्र कम से कम 65 साल होनी चाहिए।
अनूप:' 70 से कम नहीं होगी। लेकिन क्या हुआ तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो ?
साहिल:" हुआ कुछ नहीं हैं। तुम मुझे क्को भी बात ठीक से नहीं बता सके। तुम्हे अंदर ही रहना होगा।
इतना कहकर साहिल और रूबी बाहर की तरफ चल पड़े तो अनूप फिर से हाथ जोड़कर उसे माफ करने और बाहर निकालने की दुहाई मांगता रहा लेकिन दोनो ने वापिस पीछे नहीं देखा और साहिल ने तहखाने का गेट बंद कर दिया।
रूबी:" बेटा इसका मतलब ये शांता नहीं हो सकती।
साहिल:" मम्मी प्लीज़ खाना खाते हुए बात करते हैं। आपकी भी भुख लगी हैं और मुझे भी।
साहिल और रूबी दोनो खाना खाने के लिए बैठ गए। रूबी ने अपनी चादर उतार दी और फिर से साहिल की आंखे सुलग उठी। साहिल ने अपनी मा को अपने हाथ से निवाला बनाकर दिया तो रूबी ने उसकी उंगली में काट लिया तो साहिल दर्द से तड़प उठा और बोला:"
" उफ्फ क्या करती हैं मम्मी ? इतनी जोर से काट लिया छोटे बच्चे की तरह।
रूबी:" अच्छा बाबा गलती से हो गया। आगे से ध्यान रखेगी।
अब रूबी ने खाने का निवाला बनाया अपनी सैंडल निकाल साहिल के मुंह में देने के लिए आगे की तरफ झुकी और अपने पैर टेबल के नीचे से उसके पैरो पर टिका दिए। साहिल अपनी मा के पैरो का एहसास होते ही मस्ती से भर गया और उसने मुंह खोलते हुए निवाला खाया और रूबी की उंगली को जीभ से चाट लिया और बोला:"
" मम्मी खाने से ज्यादा टेस्टी तो आपकी उंगलियां ही हैं।
रूबी ने उसे हल्का सा गुस्से से देखा और अपने नाखून का दबाव उसके पैर पर बढ़ा दिया तो साहिल ने रूबी की आंखो में झांका और बोला:"
" हान तो मम्मी की बात बिल्कुल सही हैं। ये शांता नहीं हो सकती क्योंकि शांता की उम्र ज्यादा थी जबकि ये तो अभी जवान हैं। मम्मी मुझे लगता हैं कि मैं इसे जानता हूं। लेकिन कैसे मुझे नहीं पता। याद नहीं अा रहा।
रूबी ने फिर से साहिल के मुंह में निवाला दिया तो साहिल ने फिर से उसकी उंगली को अपना मुंह बंद करते हुए चूस लिया और रूबी ने तेजी से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर से अपना नाखून उसके पैर में पहले से ज्यादा जोर से गडा दिया।
साहिल के चेहरे पर हल्के दर्द भरे भाव उभर गए तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" बेटा मैं तेरी मा हूं, मुझे होशियारी नहीं चलेगी। समझा कुछ। वैसे ये बात तो पक्की है कि ये शांता नहीं हैं। कहां देखा हैं तूने इसे याद कर !
साहिल ने अगली बार कुछ निवाला बनाया और रूबी को देने के लिए आगे को हुआ और जैसे ही उसने निवाला दिया रूबी का ध्यान अपने मुंह की तरफ गया और साहिल ने एक झटके के साथ अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया।
रूबी को इसका एहसास हुआ और शायद वो खुद भी यही चाह रही थी। साहिल ने अपने पैर से रूबी के पैर को सहलाना शुरू किया और रूबी को बेहद अच्छा लगा और उसका जिस्म फिर से मस्ती में अा गया।
साहिल ने अपने पैर को हल्का सा उपर की तरफ बढ़ा दिया और बोला:"
" हान मम्मी, आपकी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा समझदार हैं। ये शांता नहीं है लेकिन फिर शांता कहां गई तो ?
इतना कहकर साहिल ने अपना मुंह खोल दिया क्योंकि रूबी खाने का निवाला बना चुकी थी। साहिल ने रूबी की उंगली को मुंह में भर लिया और चूसने वहीं साहिल ने अपने पैर से रूबी के घुटने को मसलना चालू कर दिया तो रूबी ने अपने दूसरे पैर को साहिल के पैर रख दिया और हल्का हल्का सहलाने लगी।
साहिल रूबी की उंगली चूसता रहा। ना रूबी ने बाहर निकाली और ना ही उसने छोड़ा। साहिल ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए रूबी की आंखो में देख और अपने दूसरे पैर को सीधा करते हुए रूबी की जांघो बीच में रख दिया।
रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकलते निकलते बची लेकिन उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसका गला पूरी तरह से सूख गया था। उसकी चूचियां तेजी से उछल रही थी जिसे देखकर साहिल का लंड खड़ा हो गया था।
रूबी की चूत भीग गई और हल्का हल्का रस जांघो पर अा गया था जिस पर अब साहिल के पैर की उंगलियां घूम रही थी।
साहिल:" मम्मी क्या हुआ आप ठीक तो है ?
रूबी समझ गई कि साहिल समझ गया है कि मैं पूरी तरह से बहक गई हूं इसलिए बोली:"
" हान बेटा क्यों क्या हुआ ?
साहिल ने धीरे से उंगली से चूत के पास जांघ पर दबाव दिया और बोला:"
" देखो ना मुझे कुछ गीला गीला सा लग रहा हैं कहीं आपने सु सु तो नहीं कर दिया ?
रूबी का मुंह लाल सुर्ख हो गया और बोली:" उफ्फ कैसी बाते करता हैं तू, इस उम्र में कोई सूसू करती हैं क्या ?
साहिल ने इस बार कपडे के उपर से उसकी चूत को हल्का सा सहला दिया और बोला:"
" उफ्फ मम्मी लगता तो बिल्कुल सूसू जैसा ही हैं। देखो ना मेरा पैर कितना भीग गया हैं।
रूबी ने कसकर अपनी जांघो को बंद कर दिया और बोली:"
" कमीने वो बच्चो वाली सूसू नहीं बल्कि जवानी वाली सूसू हैं। अब तुझे कैसे समझाऊं !
साहिल:" बताओ ना मम्मी, मुझे बताओ ये क्या होता हैं ?
रूबी:" लगता हैं तेरी शादी करनी पड़ेगी अब।
साहिल:" क्या मम्मी अब क्यों शादी करनी, अब तो में आपका आधा पति बन ही गया हूं। बताओ ना मम्मी अब मुझे ?
रूबी:" चुप कर बेशर्म, ऐसे बाते अपनी मा से नहीं करनी चाहिए।
साहिल:" कल आपने मुझे अपना आधा पति बोल ही दिया था। आधी पत्नी बनकर ही बता दो।
इतना कहते हुए साहिल ने अपनी मा को आंख मार दी तो रूबी बोली:"
" उफ्फ क्या करू तेरा ?
साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, वैसे आज आपने खाने में चॉकलेट नहीं रखी ?
रूबी धीरे धीरे अब अपनी जांघों को उसके पैर पर मसल रही थी और अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"
" अच्छा मेरा बेटा आज फिर से चॉकलेट खाएगा क्या?
साहिल:" खिला दो ना मम्मी, सच में कितनी टेस्टी थी उफ़ आज तक नहीं खाई ऐसी।
रूबी खड़ी हुई और फ्रिज की तरफ चल पड़ी। चॉकलेट निकाली और जान बूझकर नीचे गिरा दी। रूबी जैसे ही चॉकलेट लेने के लिए झुकी तो दूसरे हाथ से उसने जान बूझकर अपनी ड्रेस को उपर की तरफ खींच दिया और उसकी चूत पूरी तरह से साहिल के सामने नंगी हो गई
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साहिल की तो आंखे फटी की फटी रह गईं। उफ्फ चूत बिल्कुल पूरी तरह से साफ, रूबी की दोनो जांघो के बीच में कसी हुई लेकिन पूरी तरह से रस से भीगी हुई थी। साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा।
रूबी ने जानती थी कि उसका बेटा उसकी चूत देख रहा होगा इसलिए उसने चॉकलेट को उठा कर अपने हाथ में लिया और साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"
" साहिल बेटा उफ्फ ये चॉकलेट पता नहीं कहां गिर गई ?
साहिल का हिलता हुआ हाथ देखकर उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो पूरी तरह से नीचे झुक गई जिससे उसकी चूत हल्की सी खुल गई। रूबी अपने एक पैर को दूसरे पर चढ़ा कर मसलने लगी और साहिल अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और सीधे रूबी के पीछे खड़ा हो गया।
रूबी समझ गई कि उसकी चाल काम कर गई है इसलिए बोली:'
" खड़ा खड़ा क्या देख रहा है ? चल चॉकलेट ढूंढने में मेरी मदद कर अब।
रूबी की चूत से निकलती हुई मादक खुशबू साहिल को पूरी तरह मदहोश किए जा रही थी और वो बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किए हुए था। साहिल रूबी के पास ही झुक गया लेकिन इस तरह से बीच बीच में उसकी नजर चूत पर पड़ रही थी।
रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई थी और आज वो कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए इसलिए धीरे से चॉकलेट को खोला और दूसरे हाथ से उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी। चूत की गर्मी मिलते ही चॉकलेट पिघल गई और पूरी चूत पर फैल गई। रूबी के होंठो पर कामुक स्माइल नाच उठी वहीं जैसे ही साहिल ने चूत की तरफ नजर उठाई तो उसके होश उड़ गए। उफ्फ मम्मी ने जान बूझकर अपनी चूत पर चॉकलेट रगड़ दी है ये एहसास होते ही साहिल बोला:"
" ओह मम्मी, इधर नहीं हैं रुको मैं दूसरी तरफ देखता हूं।
इतना कहकर साहिल बिल्कुल रूबी की जांघो के बीच में अा गया और रूबी की चूत से उठती हुई मादक खुशबू उसे अपनी तरफ खीच रही थी। रूबी जानती है कि साहिल उसकी चूत को देख रहा है इसलिए उत्तेजना के कारण उसकी जांघें कांप रही थी।
साहिल ने धीरे से अपना मुंह रूबी की जांघो के बीच किया और उसकी चूत से उठती हुई भीनी भीनी खुशबू को महसूस करने लगा। साहिल की सांसे अपनी चूत के आस पास पड़ते ही रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और उसने अपने घुटने जमीन पर टिकाते हुए अपनी गांड़ को पूरी तरह से उभार दिया।
साहिल ने धीरे से अपने एक हाथ से उसकी जांघ से चूत रस को लिया और बोला:"
" मम्मी फिर से आपकी जांघ भीग गई है। उफ्फ कितना चिपचिपा हैं, मम्मी क्या हैं ये ?
रूबी अपनी जांघ पर साहिल के हांथ लगते ही कांप उठी और मदहोशी से बोली:"
" आह बेटा, पता नहीं देख ना कितना निकल रहा हैं ये, शायद जवानी की सूसू।
साहिल ने धीरे से आगे होकर अपने हाथ को रूबी की चूत पर हलका सा फेर दिया और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल ने अपनी उंगली को पूरी तरह से भिगो लिया और बोला:'
" उफ्फ मम्मी आपके तो नीचे भी दो होंठ हैं। उफ्फ ये तो उपर वाले से ज्यादा नाजुक और रसभरे है। देखो ना ये इनसे ही निकल रहा है लेकिन सूसू नहीं हैं मम्मी
रूबी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और उसकी चूत पूरी तरह से टप टप कर रही थी इसलिए बोली:"
" हाय भगवान, मुझे भी नीचे भी होंठ हैं और आज तक पता नहीं था, बेटे ध्यान से देख कहीं कुछ और तो नहीं हैं ?
साहिल ने अब अपनी उंगली को चूत के मुंह पर रगड़ दिय तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल चूत के भगनासे को सहलाते हुए बोला;'
" उफ्फ मम्मी, होंठ ही है, बिल्कुल होंठ ही है, हाय इनसे कितनी अच्छी खुशबू आ रही है। हाय बिल्कुल चॉकलेट जैसी
इतना कहते हुए साहिल ने अपने मुंह को उसकी चूत के बिलकुल करीब कर दिया और रूबी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद करते अपनी जांघो को पूरी तरह से खोल दिया तो साहिल ने अपने होंठ सीधे रूबी की चूत पर टिका दिए और रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी
" आह साहिल, उफ्फ आह नहीं। हाय मम्मी , मेरा बेटा।
शांता:" बस बेटा ऐसे ही ठीक हूं। अब उम्र भी तो हो गई हैं। एक बार बस अपनी बेटी को देख लेती तो मरने का दुख नहीं होता।
साहिल का मन किया कि खुद ही उसका गला दबा दे। लेकिन उसने खुद पर काबू रखा और बोला:"
" आप फिक्र ना करे, मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहा हूं। अच्छा आप ये खाना लीजिए और खाकर आराम कर लेना।
साहिल ने शांता को टिफिन दिया और अंदर की तरफ चल पड़ा। साहिल आज शांता का असली रूप देख चुका था और एक बात तो उसकी समझ में आ गई थी कि जरूर उसके बाप ने कुछ ना कुछ ऐसा किया हैं जिसकी वजह से शांता का परिवार तबाह हो गया है। लेकिन इसका जवाब उसे सिर्फ उसे और सिर्फ अनूप ही दे सकता था।
साहिल घर के अंदर घुस गया और दरवाजे को अच्छे से बंद किया। साहिल ने देखा कि रूबी टेबल पर खाना लगा चुकी थी और बस उसका ही इंतजार कर रही थी।
रूबी:" इतनी देर कहां लगा दी तुमने बेटा ? आओ चलो खाना खाते हैं मुझे बहुत जोर की भूख लगी हैं।
साहिल ने रूबी को सारी बात बताई और रूबी के पसीने छूट गई और कांपते हुए बोली
" है भगवान ये शांता तो बहुत शातिर निकली। अब क्या होगा बेटा ?
साहिल:" मम्मी कुछ नहीं होगा। मैं सब ठीक कर दूंगा लेकिन पहले ये बताओ कि क्या अनूप की किसी से कोई खानदानी दुश्मनी तो नहीं हैं ?
रूबी:" नहीं बेटा, जब से मैं इस घर में अाई हूं ऐसा कुछ नहीं देखा। बेशक तेरा बाप रंडीबाज था और दारू पीता था लेकिन उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि किसी से झगड़ा करे।
साहिल:" ओह इसका मतलब कुछ और बात है। हमे अनूप से ही पूछना होगा। मैं जाकर दरवाजा खोलता हूं तब तक आप खाना लेकर अा जाओ।
साहिल चला गया और उसने तहखाने का दरवाजा खोल दिया। साहिल को देखते ही अनूप उसके पैरो में गिर गया और बोला:"
" मुझे माफ़ कर दो बेटा, मेरा दम घुटता हैं यहां, मुझे बाहर निकालो साहिल
साहिल:" अब तो तुम्हारी ज़िन्दगी में यही सड़ सड़ कर मरना लिखा हैं भुगतो अपने कर्म तुम।
रूबी ने साहिल को रिझाने के लिए सिर्फ एक छोटी सी ड्रेस पहनी थी। उसने अपने जिस्म पर एक चादर डाली और टिफिन हाथ में लिया और अंदर अा गई।
रूबी को देखते ही अनूप की रुलाई फूट पड़ी। वो रोता रहा।
साहिल को कहीं ना कहीं अपने आप से हमदर्दी थी लेकिन वो अपनी मा के साथ था क्योंकि उसके बाप ने जितने नीचता भरे काम किए थे उसकी चुभन साहिल के दिल में बाकी थी।
रूबी ने उसकी तरफ नफरत से देखते हुए टिफिन रख दिया और बोली:"
" ले अनूप भर ले खाना।
साहिल:" अगर तुम सच में आजाद होना चाहते हो तो मेरे कुछ सवालों का जवाब देना होगा। वो भी बिल्कुल सही।
लेकिन पहले तुम खाना खाओ।
अनूप को अपनी आजादी की उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी और वो भूखे कुत्ते की तरह खाने पर टूट पड़ा। कुछ ही मिनटों में वो सब खाना खा गया और बोला:"
" हान साहिल बेटा बताओ क्या पूछना हैं मुझसे ?
साहिल:" ये बताओ कि तुम्हारी सबसे बड़ी दुश्मनी किसके साथ हैं ? कौन हैं जो हमें बर्बाद करना चाहता है ?
अनूप ने थोड़ी देर सोचा और बोला:" बेटा मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है बस हान नीरज ने मेरे साथ गलत किया हैं। उसके चक्कर में आकर ही मैं बर्बाद हो गया हूं।
साहिल जानता था कि नीरज का नाम तो पक्का आना ही है। साहिल आगे बोला:"
" क्या तुम्हारी वजह से किसी का परिवार तबाह हुआ हैं या तुमने किसी को मारा हो ?
अनूप:" नहीं बेटा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया। तुम मेरा विश्वास करों।
साहिल ने अनूप की आंखो में देखा और बोला:"
" अच्छा एक बात ये शांता कौन हैं और घर में कब से हैं ?
अनूप:" ये तो बेटा जब मैं पैदा हुआ तब से घर में ही हैं। इसनें ही मुझे पाल कर बड़ा किया है।
साहिल:" शांता का बाकी परिवार कहां हैं ? इसका पति और बच्चे ? क्या सच में इसकी कोई बेटी हजन है?
अनूप:" हान इसका अपना पूरा परिवार था। सपना बेटी थी और पति बहुत अच्छा था। हमारा सबसे वफादार नौकर था वो। लेकिन इसका पति कहीं गायब हो गया था और बेटी नदी में डूब गई थी तब से हमारे साथ ही रहती हैं।
साहिल:" ओह, ठीक हैं मतलब अगर शांता ने तुम्हे पाला हैं तो उसकी उम्र कम से कम 65 साल होनी चाहिए।
अनूप:' 70 से कम नहीं होगी। लेकिन क्या हुआ तुम ये सब क्यों पूछ रहे हो ?
साहिल:" हुआ कुछ नहीं हैं। तुम मुझे क्को भी बात ठीक से नहीं बता सके। तुम्हे अंदर ही रहना होगा।
इतना कहकर साहिल और रूबी बाहर की तरफ चल पड़े तो अनूप फिर से हाथ जोड़कर उसे माफ करने और बाहर निकालने की दुहाई मांगता रहा लेकिन दोनो ने वापिस पीछे नहीं देखा और साहिल ने तहखाने का गेट बंद कर दिया।
रूबी:" बेटा इसका मतलब ये शांता नहीं हो सकती।
साहिल:" मम्मी प्लीज़ खाना खाते हुए बात करते हैं। आपकी भी भुख लगी हैं और मुझे भी।
साहिल और रूबी दोनो खाना खाने के लिए बैठ गए। रूबी ने अपनी चादर उतार दी और फिर से साहिल की आंखे सुलग उठी। साहिल ने अपनी मा को अपने हाथ से निवाला बनाकर दिया तो रूबी ने उसकी उंगली में काट लिया तो साहिल दर्द से तड़प उठा और बोला:"
" उफ्फ क्या करती हैं मम्मी ? इतनी जोर से काट लिया छोटे बच्चे की तरह।
रूबी:" अच्छा बाबा गलती से हो गया। आगे से ध्यान रखेगी।
अब रूबी ने खाने का निवाला बनाया अपनी सैंडल निकाल साहिल के मुंह में देने के लिए आगे की तरफ झुकी और अपने पैर टेबल के नीचे से उसके पैरो पर टिका दिए। साहिल अपनी मा के पैरो का एहसास होते ही मस्ती से भर गया और उसने मुंह खोलते हुए निवाला खाया और रूबी की उंगली को जीभ से चाट लिया और बोला:"
" मम्मी खाने से ज्यादा टेस्टी तो आपकी उंगलियां ही हैं।
रूबी ने उसे हल्का सा गुस्से से देखा और अपने नाखून का दबाव उसके पैर पर बढ़ा दिया तो साहिल ने रूबी की आंखो में झांका और बोला:"
" हान तो मम्मी की बात बिल्कुल सही हैं। ये शांता नहीं हो सकती क्योंकि शांता की उम्र ज्यादा थी जबकि ये तो अभी जवान हैं। मम्मी मुझे लगता हैं कि मैं इसे जानता हूं। लेकिन कैसे मुझे नहीं पता। याद नहीं अा रहा।
रूबी ने फिर से साहिल के मुंह में निवाला दिया तो साहिल ने फिर से उसकी उंगली को अपना मुंह बंद करते हुए चूस लिया और रूबी ने तेजी से अपनी उंगली बाहर निकाली और फिर से अपना नाखून उसके पैर में पहले से ज्यादा जोर से गडा दिया।
साहिल के चेहरे पर हल्के दर्द भरे भाव उभर गए तो रूबी स्माइल करते हुए बोली:"
" बेटा मैं तेरी मा हूं, मुझे होशियारी नहीं चलेगी। समझा कुछ। वैसे ये बात तो पक्की है कि ये शांता नहीं हैं। कहां देखा हैं तूने इसे याद कर !
साहिल ने अगली बार कुछ निवाला बनाया और रूबी को देने के लिए आगे को हुआ और जैसे ही उसने निवाला दिया रूबी का ध्यान अपने मुंह की तरफ गया और साहिल ने एक झटके के साथ अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया।
रूबी को इसका एहसास हुआ और शायद वो खुद भी यही चाह रही थी। साहिल ने अपने पैर से रूबी के पैर को सहलाना शुरू किया और रूबी को बेहद अच्छा लगा और उसका जिस्म फिर से मस्ती में अा गया।
साहिल ने अपने पैर को हल्का सा उपर की तरफ बढ़ा दिया और बोला:"
" हान मम्मी, आपकी जितनी खूबसूरत हैं उससे कहीं ज्यादा समझदार हैं। ये शांता नहीं है लेकिन फिर शांता कहां गई तो ?
इतना कहकर साहिल ने अपना मुंह खोल दिया क्योंकि रूबी खाने का निवाला बना चुकी थी। साहिल ने रूबी की उंगली को मुंह में भर लिया और चूसने वहीं साहिल ने अपने पैर से रूबी के घुटने को मसलना चालू कर दिया तो रूबी ने अपने दूसरे पैर को साहिल के पैर रख दिया और हल्का हल्का सहलाने लगी।
साहिल रूबी की उंगली चूसता रहा। ना रूबी ने बाहर निकाली और ना ही उसने छोड़ा। साहिल ने थोड़ा आगे बढ़ते हुए रूबी की आंखो में देख और अपने दूसरे पैर को सीधा करते हुए रूबी की जांघो बीच में रख दिया।
रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकलते निकलते बची लेकिन उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसका गला पूरी तरह से सूख गया था। उसकी चूचियां तेजी से उछल रही थी जिसे देखकर साहिल का लंड खड़ा हो गया था।
रूबी की चूत भीग गई और हल्का हल्का रस जांघो पर अा गया था जिस पर अब साहिल के पैर की उंगलियां घूम रही थी।
साहिल:" मम्मी क्या हुआ आप ठीक तो है ?
रूबी समझ गई कि साहिल समझ गया है कि मैं पूरी तरह से बहक गई हूं इसलिए बोली:"
" हान बेटा क्यों क्या हुआ ?
साहिल ने धीरे से उंगली से चूत के पास जांघ पर दबाव दिया और बोला:"
" देखो ना मुझे कुछ गीला गीला सा लग रहा हैं कहीं आपने सु सु तो नहीं कर दिया ?
रूबी का मुंह लाल सुर्ख हो गया और बोली:" उफ्फ कैसी बाते करता हैं तू, इस उम्र में कोई सूसू करती हैं क्या ?
साहिल ने इस बार कपडे के उपर से उसकी चूत को हल्का सा सहला दिया और बोला:"
" उफ्फ मम्मी लगता तो बिल्कुल सूसू जैसा ही हैं। देखो ना मेरा पैर कितना भीग गया हैं।
रूबी ने कसकर अपनी जांघो को बंद कर दिया और बोली:"
" कमीने वो बच्चो वाली सूसू नहीं बल्कि जवानी वाली सूसू हैं। अब तुझे कैसे समझाऊं !
साहिल:" बताओ ना मम्मी, मुझे बताओ ये क्या होता हैं ?
रूबी:" लगता हैं तेरी शादी करनी पड़ेगी अब।
साहिल:" क्या मम्मी अब क्यों शादी करनी, अब तो में आपका आधा पति बन ही गया हूं। बताओ ना मम्मी अब मुझे ?
रूबी:" चुप कर बेशर्म, ऐसे बाते अपनी मा से नहीं करनी चाहिए।
साहिल:" कल आपने मुझे अपना आधा पति बोल ही दिया था। आधी पत्नी बनकर ही बता दो।
इतना कहते हुए साहिल ने अपनी मा को आंख मार दी तो रूबी बोली:"
" उफ्फ क्या करू तेरा ?
साहिल:" कुछ नहीं मम्मी, वैसे आज आपने खाने में चॉकलेट नहीं रखी ?
रूबी धीरे धीरे अब अपनी जांघों को उसके पैर पर मसल रही थी और अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"
" अच्छा मेरा बेटा आज फिर से चॉकलेट खाएगा क्या?
साहिल:" खिला दो ना मम्मी, सच में कितनी टेस्टी थी उफ़ आज तक नहीं खाई ऐसी।
रूबी खड़ी हुई और फ्रिज की तरफ चल पड़ी। चॉकलेट निकाली और जान बूझकर नीचे गिरा दी। रूबी जैसे ही चॉकलेट लेने के लिए झुकी तो दूसरे हाथ से उसने जान बूझकर अपनी ड्रेस को उपर की तरफ खींच दिया और उसकी चूत पूरी तरह से साहिल के सामने नंगी हो गई
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साहिल की तो आंखे फटी की फटी रह गईं। उफ्फ चूत बिल्कुल पूरी तरह से साफ, रूबी की दोनो जांघो के बीच में कसी हुई लेकिन पूरी तरह से रस से भीगी हुई थी। साहिल ने अपने लंड को बाहर निकाला और सहलाने लगा।
रूबी ने जानती थी कि उसका बेटा उसकी चूत देख रहा होगा इसलिए उसने चॉकलेट को उठा कर अपने हाथ में लिया और साहिल की तरफ देखते हुए बोली:"
" साहिल बेटा उफ्फ ये चॉकलेट पता नहीं कहां गिर गई ?
साहिल का हिलता हुआ हाथ देखकर उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो पूरी तरह से नीचे झुक गई जिससे उसकी चूत हल्की सी खुल गई। रूबी अपने एक पैर को दूसरे पर चढ़ा कर मसलने लगी और साहिल अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और सीधे रूबी के पीछे खड़ा हो गया।
रूबी समझ गई कि उसकी चाल काम कर गई है इसलिए बोली:'
" खड़ा खड़ा क्या देख रहा है ? चल चॉकलेट ढूंढने में मेरी मदद कर अब।
रूबी की चूत से निकलती हुई मादक खुशबू साहिल को पूरी तरह मदहोश किए जा रही थी और वो बड़ी मुश्किल से खुद पर काबू किए हुए था। साहिल रूबी के पास ही झुक गया लेकिन इस तरह से बीच बीच में उसकी नजर चूत पर पड़ रही थी।
रूबी पूरी तरह से मस्त हो गई थी और आज वो कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए इसलिए धीरे से चॉकलेट को खोला और दूसरे हाथ से उसे अपनी चूत पर रगड़ने लगी। चूत की गर्मी मिलते ही चॉकलेट पिघल गई और पूरी चूत पर फैल गई। रूबी के होंठो पर कामुक स्माइल नाच उठी वहीं जैसे ही साहिल ने चूत की तरफ नजर उठाई तो उसके होश उड़ गए। उफ्फ मम्मी ने जान बूझकर अपनी चूत पर चॉकलेट रगड़ दी है ये एहसास होते ही साहिल बोला:"
" ओह मम्मी, इधर नहीं हैं रुको मैं दूसरी तरफ देखता हूं।
इतना कहकर साहिल बिल्कुल रूबी की जांघो के बीच में अा गया और रूबी की चूत से उठती हुई मादक खुशबू उसे अपनी तरफ खीच रही थी। रूबी जानती है कि साहिल उसकी चूत को देख रहा है इसलिए उत्तेजना के कारण उसकी जांघें कांप रही थी।
साहिल ने धीरे से अपना मुंह रूबी की जांघो के बीच किया और उसकी चूत से उठती हुई भीनी भीनी खुशबू को महसूस करने लगा। साहिल की सांसे अपनी चूत के आस पास पड़ते ही रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई और उसने अपने घुटने जमीन पर टिकाते हुए अपनी गांड़ को पूरी तरह से उभार दिया।
साहिल ने धीरे से अपने एक हाथ से उसकी जांघ से चूत रस को लिया और बोला:"
" मम्मी फिर से आपकी जांघ भीग गई है। उफ्फ कितना चिपचिपा हैं, मम्मी क्या हैं ये ?
रूबी अपनी जांघ पर साहिल के हांथ लगते ही कांप उठी और मदहोशी से बोली:"
" आह बेटा, पता नहीं देख ना कितना निकल रहा हैं ये, शायद जवानी की सूसू।
साहिल ने धीरे से आगे होकर अपने हाथ को रूबी की चूत पर हलका सा फेर दिया और रूबी के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल ने अपनी उंगली को पूरी तरह से भिगो लिया और बोला:'
" उफ्फ मम्मी आपके तो नीचे भी दो होंठ हैं। उफ्फ ये तो उपर वाले से ज्यादा नाजुक और रसभरे है। देखो ना ये इनसे ही निकल रहा है लेकिन सूसू नहीं हैं मम्मी
रूबी से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था और उसकी चूत पूरी तरह से टप टप कर रही थी इसलिए बोली:"
" हाय भगवान, मुझे भी नीचे भी होंठ हैं और आज तक पता नहीं था, बेटे ध्यान से देख कहीं कुछ और तो नहीं हैं ?
साहिल ने अब अपनी उंगली को चूत के मुंह पर रगड़ दिय तो रूबी के मुंह से फिर से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। साहिल चूत के भगनासे को सहलाते हुए बोला;'
" उफ्फ मम्मी, होंठ ही है, बिल्कुल होंठ ही है, हाय इनसे कितनी अच्छी खुशबू आ रही है। हाय बिल्कुल चॉकलेट जैसी
इतना कहते हुए साहिल ने अपने मुंह को उसकी चूत के बिलकुल करीब कर दिया और रूबी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद करते अपनी जांघो को पूरी तरह से खोल दिया तो साहिल ने अपने होंठ सीधे रूबी की चूत पर टिका दिए और रूबी के मुंह से एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी
" आह साहिल, उफ्फ आह नहीं। हाय मम्मी , मेरा बेटा।
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