उनके पेट से होते हुए मेरी नज़र उनके गुमावदार और गोल मटोल पिछवाड़े मे जा टिकी , जैसे मुझसे अब रहा नही गया, वो झुकी हुई कोई काम कर रही थी जिसके कारण उनका पिछवाड़ा और भी उभर कर सामने आ रहा था, मुझे ऐसा लगा जैसे ये कोई बड़ा सा आइस क्रीम हो , वैसे ही गोल गोल और उभरे हुए मैं उनके पास चला गया था , वो अपने काम मे ही बिज़ी थी और मैं ललचाए बच्चे की तरह उनके पिछवाड़े को देखता हुआ उनके पास पहुच गया , मैं अपने घुटनो पर बैठ कर आँखे बड़ी किए उसे देख रहा था इतनी बड़ी आइस क्रीम …:
मैने अपने हाथो से उसे पकड़ लिया कही वो दूर ना हो जाए और फिर जीभ निकाल कर मैने पूरी ताकत लगा कर उसे चाट लिया ..
“छी ये क्या कर रहा है , भाग “
भाभी को जैसे ही अहसास हुआ वो चौक कर सीधी हो गयी और मुझे बड़े ही आश्चर्य से देखने लगी
“ये क्या कर रहा था “
उन्होने थोड़ा डाँटते हुए कहा
“मैं तो आइस क्रीम खा रहा था “
“क्या ..?”
उन्होने आश्चर्य से कहा और फिर जोरो से हंस पड़ी ..
“इस अज्जु ने तुझ क्या पिला दिया है “
उनको हँसता हुआ देखकर मुझे तो समझ ही नही आ रह था की आख़िर बात क्या हो गयी है, उन्होने झुककर मेरे गालो मे हल्की सी पप्पी दे दी ..
“आइस क्रीम सुबह खा लेना अभी जा के सो जा तू बहुत ही नशे मे है “
लेकिन उनकी बात का मुझपर कोई भी असर नही पड़ा, जिसे वो मेरी ओर झुकी उनका पल्लू गिर गया था , उन्होने भी सम्हलने की कोई कोसिस नही की क्योकि ये आम सी बात थी … लेकिन आज ..?? आज मेरे लिए नही … मैने जैसे ही उनके ब्लाउस से झाँकते हुए उनके वक्षो को देखा जिस्म की गर्मी फिर से बढ़ने लगी ..और लिंग मे अकड़न सी होने लगी ..
लेकिन भाभी की नज़र मेरी नज़रो को पहचान गयी थी
‘अब क्या आम खाने का दिल कर रहा है “
वो जोरो से हँसी लेकिन उनके ऐसा बोलते ही मुझे दो मोटे ताजे आम दिखाई देने लगे …
“वाउ इतने ताजे और भरे हुए आम “
मेरे मूह मे तो पानी आ गया, और मैने उन आमों को जोरो से दबा दिया ..
“हे भगवान , लड़के तू जा के सो जा “
उन्होने मुझे आँखे दिखाई लेकिन मेरा ध्यान तो उन आमों पर ही था ,
“ये आमों को कपड़ो मे कौन रखता है “
मैने बड़े ही मासूमियत से पूछा , और भाभी की खिलखिलाती हुई हँसी फिर से मेरे कानो मे पड़ी ..
“तू पागल हो गया है जाकर सो जा “
मैं किसी बड़े ही आग्याकारी बच्चे की तरह अपने बिस्तर मे चला गया, कुछ देर पहले मेरा लिंग तन गया था लेकिन अभी मुझे याद भी नही था की आख़िर क्यो …मेरे दिमाग़ मे आम आए और मैं जैसे आम को खाने किसी बगीचे मे ही पहुच गया …
तभी मुझे अहसास हुआ की मैं तो अकेला हू और अकेले मे भूत वागरह भी तो आ सकते है……….
मैं तुरंत ही खड़ा हो गया भाभी अब भी कुछ कर रही थी …
थोड़ी देर तक मैं आम के ख्वाब देखता हुआ सोया था इसलिए अब मुझे लग रहा था जैसे मेरा नशा थोड़ा कम हो गया है ..
“भाभी आओ ना जल्दी “
भाभी ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा और उठ कर अपने कमरे से मेरे बिस्तर तक आ गयी
“क्यो अकेले नींद नही आ रही है मेरे सोनू को “
उन्होने बड़े ही प्रेम से मेरे बालो को सहलाया और मैं किसी बच्चे की तरह उनके सीने से जा लगा , वही आम अब मेरे गालो से टकरा रहे थे , मन मे बहुत ही ललक जगा की इसे मूह मे भरकर चूस लू लेकिन भाभी का डर भी था, लेकिन सीने से लगे हुए लिंग मे तनाव फिर से आने लगा ..
‘मेरे साथ सो जाओ ना “
अब मैं थोड़े दिमाग़ लगा कर खेलने की सोची ,, क्यो ना भाभी को यही सुला लिया जाए और फिर ………..?:ओ
और फिर भाभी के उपर चढ़ जाउन्गा … वाह क्या कोमल जिस्म है भाभी का पूरा मक्खन सा उसे चाटूँगा ..
मेरे दिमाग़ मे आते ही मेरे लिंग मे इतना तनाव आया की लगा जैसे वो फट ही जाएगा और इसी मज़े और उत्तेजना ने मुझे थोड़ा कमीना भी बना दिया था ..
“भाभी लेट जाओ ना मेरे साथ “
वो बेचारी मेरे प्लान से अंजान प्यार से मेरे बाजू मे लेट गयी और मुझे हमेशा की तरह ही अपने सीने से लगाए रखा ..
अब मेरी शैतानी शुरू हो गयी मैं लेते लेते ही उनके आमों को हल्के हल्के से चूसने लगा
“हे ये क्या कर रहा है??”
वो थोड़ी हड़बड़ाई
“भाभी चूसने दीजिए ना आम को बहुत मन कर रहा है मन कर रहा था की काट के खा जाऊ “
“बाबू ये आम नही है “
भाभी की साँसे थोड़ी तेज हो गयी थी
“जानता हू की ये आपके बूब्स है , लेकिन मुझे इसे चूसना है जोरो से .. इस कपड़े को उतारो …प्लीज़ भाभी वरना मैं मर जाउन्गा …मेरा ये फट जाएगा “
इस बार मैं झूठ नही बोल रहा था उत्तेजना मे मेरे लिंग की हालत बहुत ही बुरी थी , नशो मे खून ऐसे दौड़ रहा था की लगा जैसे तन कर वो फट ही जाएगा ..
मुझे ऐसा लगा जैसे मैं सच मे उत्तेजना मे मर जाउन्गा और मैने भाभी का हाथ पकड़ कर सीधे अपने लिंग मे रख दिया , भाभी को जैसे एक करेंट सा लगा होगा लेकिन साथ ही उन्हे ये भी पता था की मैं जो भी कर रहा हू वो महज मेरे नशे के कारण है ……
वो शादी शुदा थी उन्हे जिस्म के रिश्तो और करमो के बारे मे पता था , पहले तो वो डर गई और उठ गयी लेकिन मैने फिर से उन्हे जोरो से खिच लिया और इस बार मैं उनके उपर था और वो मेरे नीचे ..
Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
मैने जीवन मे पहली बार किसी पर ऐसे बल का प्रयोग किया था और वो मेरी प्यारी भाभी मा थी … वो भाभी मा जिन्होने मुझे सबसे ज़्यादा प्यार दिया था लेकिन मैं नशे और हवस का अँधा उनके आँखो के दर्द को नही देख पाया ..
उनकी आँखे बहने लगी थी लेकिन मेरे जिस्म मे तो मानो हवस की आग अपने चर्म मे बढ़ गयी थी ..
मैं उनके उपर चढ़ गया था, जल्दबाज़ी मे मैने उनके सारी को उनके घुटनो तक उठा दिया और उनका पैर भी थोड़ा फैला दिया था जिसमे मेरी कम्र सेट हो सके … और अपने कमर को उनके कमर के उपर ले जाकर अपने लिंग को उनके जाँघो के बीच मे रगड़ने लगा ..
हम दोनो ही अपने पूरे कपड़े पहने हुए थे लेकिन फिर भी इस रगड़ का आनंद इतना ज़्यादा था की मेरी आँखे बंद हो गयी और मेरे होंठ अपने आप ही भाभी की उन उरोजो पर टिक गये जिन्होने मुझे ममता देकर बड़ा किया था ..
मैं ब्लाउस के उपर से ही उनके वक्षो को चूस रहा था कभी कभी मैं उन्हे काट भी लेता था , वही भाभी बुरी तरह से छट पटा रही थी , सारी का पल्लू खुला हुआ था और मैने उनके दोनो हाथो को उनके सर के पास जकड़ रखा था , वो हिल नही पा रही थी और मुझे खुद को छोड़ने की रिक्वेस्ट कर रही थी , लेकिन मुझमे तो जैसे शैतान ही समा चुका था, लिंग के रगड़ाव और उरोजो को चूसने का मज़ा ही इतना था की मैं उनके आँखो से बहते हुए आँसुओ को नही देख पा रहा था …
तभी उन्होने पूरा ज़ोर लगाया और मुझे अपने उपर से हपता दिया , मैं और कुछ कर पता उससे पहले ही ..
‘चटाक़ ………..’ एक जोरदार थप्पड़ मेरे गालो मे आ कर लगा , लेकिन लिंग के तनाव का ज़ोर ऐसा था की मैं उनपर फिर से टूटने ही वाला था की उन्होने मुझे एक लात मेरे पेट मे लगा दी मैं पेट पकड़कर बैठ गया था …
उन्होने तेज़ी दिखाई और अपने कमरे मे घुस गयी वो जल्दी ही वापस आई उनके हाथो मे एक हरे रंग की छोटी सी पुदीने वाली बोटल थी , उन्होने पूरी बोतल मेरे मूह मे घुसा दी ..
मेरा मूह पुदीने की कड़वाहट से बुरी तरह से खराब हो चुका था उन्होने पानी मेरी ओर बढ़ा दिया , मैं बहुत सारा पानी पी गया था , लेकिन उसकी कड़वाहट अभी भी मेरे मूह मे थी साथ ही मेंतोल के कारण मूह और पेट अजीब तरीके से ठंडा ही लग रहा था ……….
“इसे तेरे गांजे का नशा काटने के लिए लाई थी , अब चुपचाप सो जा “
उन्होने अपने आँखो के आँसू को पोछते हुए कहा और तेज़ी से अपने कमरे मे चली गयी , आज पहली बार दोनो के कमरे के बीच का दरवाजा बंद किया गया था …..
मुझे भाभी के इस अजीब से व्यवहार से गुस्सा आ रहा था , मैने उनके साथ आख़िर क्या ऐसा कर दिया था की वो इतना गुस्सा दिखा रही थी ……..
मुझे अभी भी इस चीज़ का अहसास ही नही था… मैं अपने मूह की कड़वाहट से लड़ता हुआ पानी पीता और दिमाग़ को इधर उधर लगाता हुआ सोने की कोशिस करने लगा था …………
उनकी आँखे बहने लगी थी लेकिन मेरे जिस्म मे तो मानो हवस की आग अपने चर्म मे बढ़ गयी थी ..
मैं उनके उपर चढ़ गया था, जल्दबाज़ी मे मैने उनके सारी को उनके घुटनो तक उठा दिया और उनका पैर भी थोड़ा फैला दिया था जिसमे मेरी कम्र सेट हो सके … और अपने कमर को उनके कमर के उपर ले जाकर अपने लिंग को उनके जाँघो के बीच मे रगड़ने लगा ..
हम दोनो ही अपने पूरे कपड़े पहने हुए थे लेकिन फिर भी इस रगड़ का आनंद इतना ज़्यादा था की मेरी आँखे बंद हो गयी और मेरे होंठ अपने आप ही भाभी की उन उरोजो पर टिक गये जिन्होने मुझे ममता देकर बड़ा किया था ..
मैं ब्लाउस के उपर से ही उनके वक्षो को चूस रहा था कभी कभी मैं उन्हे काट भी लेता था , वही भाभी बुरी तरह से छट पटा रही थी , सारी का पल्लू खुला हुआ था और मैने उनके दोनो हाथो को उनके सर के पास जकड़ रखा था , वो हिल नही पा रही थी और मुझे खुद को छोड़ने की रिक्वेस्ट कर रही थी , लेकिन मुझमे तो जैसे शैतान ही समा चुका था, लिंग के रगड़ाव और उरोजो को चूसने का मज़ा ही इतना था की मैं उनके आँखो से बहते हुए आँसुओ को नही देख पा रहा था …
तभी उन्होने पूरा ज़ोर लगाया और मुझे अपने उपर से हपता दिया , मैं और कुछ कर पता उससे पहले ही ..
‘चटाक़ ………..’ एक जोरदार थप्पड़ मेरे गालो मे आ कर लगा , लेकिन लिंग के तनाव का ज़ोर ऐसा था की मैं उनपर फिर से टूटने ही वाला था की उन्होने मुझे एक लात मेरे पेट मे लगा दी मैं पेट पकड़कर बैठ गया था …
उन्होने तेज़ी दिखाई और अपने कमरे मे घुस गयी वो जल्दी ही वापस आई उनके हाथो मे एक हरे रंग की छोटी सी पुदीने वाली बोटल थी , उन्होने पूरी बोतल मेरे मूह मे घुसा दी ..
मेरा मूह पुदीने की कड़वाहट से बुरी तरह से खराब हो चुका था उन्होने पानी मेरी ओर बढ़ा दिया , मैं बहुत सारा पानी पी गया था , लेकिन उसकी कड़वाहट अभी भी मेरे मूह मे थी साथ ही मेंतोल के कारण मूह और पेट अजीब तरीके से ठंडा ही लग रहा था ……….
“इसे तेरे गांजे का नशा काटने के लिए लाई थी , अब चुपचाप सो जा “
उन्होने अपने आँखो के आँसू को पोछते हुए कहा और तेज़ी से अपने कमरे मे चली गयी , आज पहली बार दोनो के कमरे के बीच का दरवाजा बंद किया गया था …..
मुझे भाभी के इस अजीब से व्यवहार से गुस्सा आ रहा था , मैने उनके साथ आख़िर क्या ऐसा कर दिया था की वो इतना गुस्सा दिखा रही थी ……..
मुझे अभी भी इस चीज़ का अहसास ही नही था… मैं अपने मूह की कड़वाहट से लड़ता हुआ पानी पीता और दिमाग़ को इधर उधर लगाता हुआ सोने की कोशिस करने लगा था …………
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 26
सुबह जब मेरी नींद खुली तो मेरे सामने रात की सब बाते चल गयी , दिल ग्लानि से भर उठा था मैं भाभी के पैर पकड़कर रोना चाहता था, उनसे माफी माँगना चाहता था …
लेकिन भाभी का कही अता पता ही नही था …
दोपहर का वक़्त हो चला था , आज मैं कॉलेज भी नही गया था मैने पूरी हवेली ही छान मार दी लेकिन भाभी का कही पता नही चला…..
कही वो मेरे रात के ग़लत काम से बुरा तो नही मान गयी ???
कही वो मुझसे नाराज़ होकर कही चली तो नही गयी ??
ये डर मेरे अंदर भरने लगा था ..
भाभी को खोना मेरे लिए ऐसा था जैसे मेरा पूरा जहाँ ही उजड़ गया हो …
मैं पागलो की तरह हवेली मे इधर से उधर भाग रहा था और सभी को भाभी के बारे मे पूछ रहा था लेकिन कोई भी ये नही जानता था की आख़िर भाभी है कहा …………
आख़िर मैं संपत मामा के कमरे मे पहुचा ..
कमरा अंदर से लगा हुआ था मैने उसे जोरो से खटखपताया ..
“कौन है ..???”
अंदर से रानी की आवाज़ आई जो की संपत की गर्लफ्रेंड थी ..
“मैं हू …सोनू ..”
कुछ ही देर मे कमरे का दरवाजा खुल गया , मेरे सामने रानी खड़ी थी जिसका मदमस्त यौवन उसके गुलाबी रंग के झीनी सी नाइटी से झाँक रहा था , ऐसा लगा जैसे वो गहरी नींद से जागी हो , बाल बिखरे हुए थे , आँखो मे नींद अभी भी छाई हुई थी और वो जैसे थी वैसे ही बाहर आ गयी थी , उसने एक बहुत ही हल्की पारदर्सी सी नाइटी डाली हुई थी जिसमे से उसका पूरा जिस्म झाँक रहा था , पूरा का मतलब पूरा क्योकि अंदर उसने कुछ भी नही पहन रखा था , वो मुझसे कोई 6-7 साल की बड़ी रही होगी और जिस्म पूरी तरह से भरा हुआ था लेकिन कही से ज़्यादा फैला नही था …एक बार को मेरी भी नज़र उसके जिस्म पर पड़ी …
लेकिन फिर मुझे याद आया की भाभी को मैने इसी हवस के कारण ही खो दिया .. मैने अपनी आँखे जल्द ही उसके चेहरे मे लगा दी ..
“भाभी कहा है ??”
“वो तो गयी “
मेरे दिल ने जैसे धड़कना ही बंद कर दिया ……..
आँखो से आँसू बस छलकने ही वाले थे की मेरे दिमाग़ मे एक दूसरा प्रश्न भी आ गया …..
“कहा ?????”
मैने थोड़े जोरो से बोला
“संपत के साथ गयी है कुछ काम से … तू क्यो इतना हड़बड़ा रहा है?? रुक फोन लगाती मैं उसको …”
उसकी बात से मेरी सांसो मे जैसे अचानक से जान आ गयी …मैने एक गहरी सांस ली क्योकि थोड़े देर से मुझे ऐसा लगा था जैसे मेरी साँसे ही रुक गयी हो …
सुबह जब मेरी नींद खुली तो मेरे सामने रात की सब बाते चल गयी , दिल ग्लानि से भर उठा था मैं भाभी के पैर पकड़कर रोना चाहता था, उनसे माफी माँगना चाहता था …
लेकिन भाभी का कही अता पता ही नही था …
दोपहर का वक़्त हो चला था , आज मैं कॉलेज भी नही गया था मैने पूरी हवेली ही छान मार दी लेकिन भाभी का कही पता नही चला…..
कही वो मेरे रात के ग़लत काम से बुरा तो नही मान गयी ???
कही वो मुझसे नाराज़ होकर कही चली तो नही गयी ??
ये डर मेरे अंदर भरने लगा था ..
भाभी को खोना मेरे लिए ऐसा था जैसे मेरा पूरा जहाँ ही उजड़ गया हो …
मैं पागलो की तरह हवेली मे इधर से उधर भाग रहा था और सभी को भाभी के बारे मे पूछ रहा था लेकिन कोई भी ये नही जानता था की आख़िर भाभी है कहा …………
आख़िर मैं संपत मामा के कमरे मे पहुचा ..
कमरा अंदर से लगा हुआ था मैने उसे जोरो से खटखपताया ..
“कौन है ..???”
अंदर से रानी की आवाज़ आई जो की संपत की गर्लफ्रेंड थी ..
“मैं हू …सोनू ..”
कुछ ही देर मे कमरे का दरवाजा खुल गया , मेरे सामने रानी खड़ी थी जिसका मदमस्त यौवन उसके गुलाबी रंग के झीनी सी नाइटी से झाँक रहा था , ऐसा लगा जैसे वो गहरी नींद से जागी हो , बाल बिखरे हुए थे , आँखो मे नींद अभी भी छाई हुई थी और वो जैसे थी वैसे ही बाहर आ गयी थी , उसने एक बहुत ही हल्की पारदर्सी सी नाइटी डाली हुई थी जिसमे से उसका पूरा जिस्म झाँक रहा था , पूरा का मतलब पूरा क्योकि अंदर उसने कुछ भी नही पहन रखा था , वो मुझसे कोई 6-7 साल की बड़ी रही होगी और जिस्म पूरी तरह से भरा हुआ था लेकिन कही से ज़्यादा फैला नही था …एक बार को मेरी भी नज़र उसके जिस्म पर पड़ी …
लेकिन फिर मुझे याद आया की भाभी को मैने इसी हवस के कारण ही खो दिया .. मैने अपनी आँखे जल्द ही उसके चेहरे मे लगा दी ..
“भाभी कहा है ??”
“वो तो गयी “
मेरे दिल ने जैसे धड़कना ही बंद कर दिया ……..
आँखो से आँसू बस छलकने ही वाले थे की मेरे दिमाग़ मे एक दूसरा प्रश्न भी आ गया …..
“कहा ?????”
मैने थोड़े जोरो से बोला
“संपत के साथ गयी है कुछ काम से … तू क्यो इतना हड़बड़ा रहा है?? रुक फोन लगाती मैं उसको …”
उसकी बात से मेरी सांसो मे जैसे अचानक से जान आ गयी …मैने एक गहरी सांस ली क्योकि थोड़े देर से मुझे ऐसा लगा था जैसे मेरी साँसे ही रुक गयी हो …
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“हेलो संपत …आईला.. कहा रे तू …क्या झोल झपट कर रहे हो रे तुम दोनो …आजी सप्त.अरे उसका सोनू आया ना इधर को … ले बात करवा रे इसको …अरे करी तनी की नही करी तनी …”
उसने फ़ोन मुझे दे दिया ,(दोस्तो रानी की बात सुनकर आपको लगेगा की मेरी हिन्दी को क्या हो गया … मेरी हिन्दी ठीक है लेकिन रानी का टोन ही ऐसा है वो बात ही ऐसे करती है , थोड़ा हैदरा वादी टच , तो कभी अचानक से भोजपुरी टच मे आ जाती है तो कभी थोड़ा मराठी टच ..हो जाता है :
“हेलोभाभी ??”
“क्या हुआ सोनू …”
“आप कहा हो ??”
“तुझे क्या करना है “
“भाभी मुझे माफ़ कर दो ..”
मेरा गला भर गया था ..
“चल अभी फोन रख मैं संपत मामा के साथ हू, मिलकर बात करूँगी “
“भाभी आप मुझे छोड़कर तो नही जाओगी ना ..”
मैं लगभग रोने ही वाला था
“आ के बात करेंगे ..”
इतना ही कहकर उन्होने फोन को रख दिया ..
भाभी सच मे मुझसे गुस्सा थी मैं रो ही देता लेकिन मेरे सामने रानी खड़ी थी
“अरे क्या हुआ रे तेरे कू … भौजी से झगड़ा हुआ क्या “
उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने बिस्तर मे बिठा दिया …
मैं पहली बार संपत के कमरे मे आ रहा था , ये कोई बड़ा कमरा नही था एक सामान्य कमरा ही था , एक कोने मे बिस्तर था जिसमे अभी मैं और रानी बैठे हुए थे …लेकिन हमारे कमरो से थोड़ा बड़ा कमरा था और थोड़ा सुसज्जित भी था ..
“मामी मैने भाभी का दिल दुखा दिया ..”
मैं रो पड़ा था
“अरे बचुवा.. रोते नही है ना बबुआ ….. अरे लड़ाई झगड़ा तो होते ही रहता है ना , और हम तुम्हारी मामी वामी नही है ना , हम तो संपत की गर्ल फिरेंड है … हम संपत से शादी थोड़ी ना किए है , बस हमारा छान छड़ी का ही रिश्ता है बबुआ… सब लोगान तो हम संपत की रखेल भी कहते है लेकिन हम उसकी फिरेंड ज़्यादा है … “
वो हल्के से हंस पड़ी , उसके चेहरे से ही लग रहा की वो अपने इस जीवन से खुस है ..
“तो क्या आप मामा से प्यार नही करती “
“अरे पियर वियर तो सब फालतू का चक्कर है रे , एक चुड होती है एक लवाड़ा होता है जब दोनो मिलते है तब पायर होता है, तूने देखी है की नही किसी की देख ऐसी दिखती है “
उसने अपनी नाइटी को थोड़ा उपर किया , ऐसे तो उसका पूरा ही जिस्म दिखाई दे रहा था लेकिन थोड़ा धुंधला , नाइटी के नीचे से उसने अपनी योनि मुझे थोड़ा फैलाते हुए दिखा दी….
मेरी साँसे ही रुक गयी थी अभी तक जो मैं भाभी की बात सोच रहा था सब कुछ एक ही झटके मे काफुट हो गया था , जैसे किसी ने एक चुटकी बजाई हो और सब कुछ गायब हो गया हो …वैसे ही मेरे दिमाग़ से भी सब कुछ अचानक से ही गायब हो गया था …..
उसने मेरे हाथ को अपनी योनि की दीवार से टीका दिया .. योनि अभी गीली थी उसने मेरी एक उंगली खोल दी और अपने योनि मे उसे घुसा दिया …
उसने फ़ोन मुझे दे दिया ,(दोस्तो रानी की बात सुनकर आपको लगेगा की मेरी हिन्दी को क्या हो गया … मेरी हिन्दी ठीक है लेकिन रानी का टोन ही ऐसा है वो बात ही ऐसे करती है , थोड़ा हैदरा वादी टच , तो कभी अचानक से भोजपुरी टच मे आ जाती है तो कभी थोड़ा मराठी टच ..हो जाता है :
“हेलोभाभी ??”
“क्या हुआ सोनू …”
“आप कहा हो ??”
“तुझे क्या करना है “
“भाभी मुझे माफ़ कर दो ..”
मेरा गला भर गया था ..
“चल अभी फोन रख मैं संपत मामा के साथ हू, मिलकर बात करूँगी “
“भाभी आप मुझे छोड़कर तो नही जाओगी ना ..”
मैं लगभग रोने ही वाला था
“आ के बात करेंगे ..”
इतना ही कहकर उन्होने फोन को रख दिया ..
भाभी सच मे मुझसे गुस्सा थी मैं रो ही देता लेकिन मेरे सामने रानी खड़ी थी
“अरे क्या हुआ रे तेरे कू … भौजी से झगड़ा हुआ क्या “
उसने मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने बिस्तर मे बिठा दिया …
मैं पहली बार संपत के कमरे मे आ रहा था , ये कोई बड़ा कमरा नही था एक सामान्य कमरा ही था , एक कोने मे बिस्तर था जिसमे अभी मैं और रानी बैठे हुए थे …लेकिन हमारे कमरो से थोड़ा बड़ा कमरा था और थोड़ा सुसज्जित भी था ..
“मामी मैने भाभी का दिल दुखा दिया ..”
मैं रो पड़ा था
“अरे बचुवा.. रोते नही है ना बबुआ ….. अरे लड़ाई झगड़ा तो होते ही रहता है ना , और हम तुम्हारी मामी वामी नही है ना , हम तो संपत की गर्ल फिरेंड है … हम संपत से शादी थोड़ी ना किए है , बस हमारा छान छड़ी का ही रिश्ता है बबुआ… सब लोगान तो हम संपत की रखेल भी कहते है लेकिन हम उसकी फिरेंड ज़्यादा है … “
वो हल्के से हंस पड़ी , उसके चेहरे से ही लग रहा की वो अपने इस जीवन से खुस है ..
“तो क्या आप मामा से प्यार नही करती “
“अरे पियर वियर तो सब फालतू का चक्कर है रे , एक चुड होती है एक लवाड़ा होता है जब दोनो मिलते है तब पायर होता है, तूने देखी है की नही किसी की देख ऐसी दिखती है “
उसने अपनी नाइटी को थोड़ा उपर किया , ऐसे तो उसका पूरा ही जिस्म दिखाई दे रहा था लेकिन थोड़ा धुंधला , नाइटी के नीचे से उसने अपनी योनि मुझे थोड़ा फैलाते हुए दिखा दी….
मेरी साँसे ही रुक गयी थी अभी तक जो मैं भाभी की बात सोच रहा था सब कुछ एक ही झटके मे काफुट हो गया था , जैसे किसी ने एक चुटकी बजाई हो और सब कुछ गायब हो गया हो …वैसे ही मेरे दिमाग़ से भी सब कुछ अचानक से ही गायब हो गया था …..
उसने मेरे हाथ को अपनी योनि की दीवार से टीका दिया .. योनि अभी गीली थी उसने मेरी एक उंगली खोल दी और अपने योनि मे उसे घुसा दिया …
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