Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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विक्की

रात में लक्ष्मी आंटी को अच्छी नींद कैसे आती, खास कर तब जब बीच रात में सन्नी ने लक्ष्मी आंटी के पैर फैलाकर उसे चोद दिया। बेचारी लक्ष्मी आंटी चुध चुध कर उठने से ऐसे तिलमिला उठी कि जब तक मैंने लक्ष्मी आंटी को चोद कर अच्छे से भरा नहीं, वो सोई नहीं।

फिर भी किसी अच्छी प्रेमिका की तरह लक्ष्मी आंटी की सुबह 6 बजे चाय के साथ हमारे लौड़े चूस कर उनका रस पीने से हुई। जब लक्ष्मी आंटी अपने होठों पर जीभ घुमाकर बाहर निकला रस चाट रही थी तब मुझे दिल पर पत्थर रख कर यहां से जाने के बात करनी पड़ी।

लक्ष्मी आंटी ने कहा, "मैं जानती हूं बाबू कि आप दोनों चाहें नचाहें पर दुनिया चलती रहेगी और पिछले 3 दिन हमारे लिए बस कुछ सुंदर यादें बनकर रह जाएंगे। यहां आने पर मैं एक बात समझ गई हूं कि हमें आज और अभी में जीना चाहिए न कि बीते या आने वाले कल में।

और हम अब भी यहां पर हैं। सुबह 9 बजे तक आप दोनों मेरे साथ जो चाहो मज़ा कर सकते हो। तो…"

हम सब हंसते हुए एक साथ नहाने चले गए और एक दूसरे को चूमते हुए खेलते हुए नहाए। सुबह के 8 बजे तक हम सब ने फार्महाउस में साफ सफाई करके अपनी बैग गाड़ी में रख दी। सुहागरात ब्रा और पैंटी हम दोनों ने अपने पास रख लीं और satin night set लक्ष्मी आंटी ने अपने बैग में संभालकर रख दिया। Garage में गाड़ी के पास पहुंच कर लक्ष्मी आंटी ने कहा कि हम दोनों ने उसकी चूत के साथ बड़ी नाइंसाफी की थी।

लक्ष्मी आंटी ने समझाया, "बाबू आप दोनों में से हर एक ने 9 बार मुझे अपना रस पिलाया, 9 बार मेरी गांड़ में अपना पानी छोड़ दिया पर आप दोनों ने 10 बार मेरी कोख भर दी। इस का इंसाफ यहीं होना चाहिए!!"

"सन्नी, लक्ष्मी आंटी की बात तो सही है। ऐसे करें तो गांड़ रूठ जाएगी और देखो मुंह कैसे फूल गया है। चल तेरा थोड़ा पतला है तो तू ही शुरू कर।"

लक्ष्मी आंटी शरमाई की उसने खुद ऐसे मांग लिया। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में खींच लिया और गाड़ी के बॉन्नेट पर लिटा दिया। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी की सलवार के नाड़े को खींच कर खोला और अंदर की पैंटी के साथ घुटनों तक खींच लिया। लक्ष्मी आंटी ने सोचा भी नहीं था कि गाड़ी का bonnet किसी दिन ऐसे काम आएगा। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी की गरम रसों से टपकती चूत में दो डुबकी लगाकर अपने लौड़े को गीला कर दिया। सन्नी के सुपाड़े ने लक्ष्मी आंटी की गांड़ को पार करते ही लक्ष्मी आंटी ने चीख कर अपनी खुशी बताई। पर सन्नी इतने पर रुका नहीं।

सन्नी ने लक्ष्मी आंटी के दोनों पैरों को कंधे पर रखा और आगे पीछे करते हुए अपनी उंगलियों से लक्ष्मी आंटी की चूत के दाने को सहलाना शुरू किया। लक्ष्मी आंटी के यौन सुख की दर्द भरी चिखों से garage गूंज उठा। लक्ष्मी आंटी bonnet पर होने के कारण मैं उसे ठीक से चूम नहीं पाया और अपना लौड़ा लक्ष्मी आंटी के हाथ में देकर उसके सर पर हाथ फेरने लगा।

सन्नी के तेज धक्कों से लक्ष्मी आंटी की चूचियां कमीज़ के अंदर से हिचकोले खाते हुए मुझे ललचा रहे थे। सन्नी के धक्के लक्ष्मी आंटी को bonnet पर हिलाते हुए मेरा लौड़ा उसकी मुट्ठी में हिला रहे थे।

आखिर में सन्नी ने अपनी बंदूक की नली को लक्ष्मी आंटी की गांड़ में भरते हुए अपने रस की गोलियां चला दीं। सन्नी बाहर निकला तो लक्ष्मी आंटी गाड़ी के bonnet पर से नीचे सरक गई। मैंने गाड़ी का पिछला दरवाजा खोला और लक्ष्मी आंटी को उस सीट पर पेट के बल लिटा दिया पर लक्ष्मी आंटी के पैर कमर के नीचे गाड़ी के बाहर थे। लक्ष्मी आंटी की गांड़ का छेद खुला था और अंदर से सन्नी का वीर्य बाहर निकलने लगा था।

मैंने आगे बढ़कर अपने लौड़े पर सन्नी का बाहर निकला वीर्य उठाया और लक्ष्मी आंटी की गांड़ में वापस भर दिया। लक्ष्मी आंटी ने "विक्की बाबू!!!" करके चीखते हुए मेरा स्वागत किया और अपनी मुठ्ठी में सीट को पकड़कर मेरा साथ देने लगी। लक्ष्मी आंटी की गांड़ पिछले 3 दिनों में काफी खुल गई थी और सन्नी के वीर्य से बनती चिकनाहट एक अलग ही मजा आ रहा था। लक्ष्मी आंटी को अपनी गांड़ मराने का मानो चस्का लग गया था और वह अपनी कमर उठकर मुझसे अपनी गांड़ मरवा रही थी।

लक्ष्मी आंटी चिल्ला उठी, "गांड़ मारो, बाबू मेरी गांड़ मारो!! मेरी जवानी आप दोनों की ही है। मुझे अपने प्यार से भर दो विक्की बाबू!!"

लक्ष्मी आंटी की पुकार पर मेरा धीरज छूट गया और तेज धक्कों के साथ मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ में स्खलन हो गया। मैं लक्ष्मी आंटी को अपने नीचे दबा कर उसके बालों को सहलाते हुए चूमने लगा। डिक्की की आवाज से हम दोनों होश में आए। सन्नी ने हमारा समान भर दिया था और हमारा इंतजार कर रहा था।

"सन्नी मुझे नहीं लगता कि मुंह का हम अभी सही मज़ा ले पाएंगे। क्यों न मैं लक्ष्मी आंटी के साथ पीछे बैठूं? 1 घंटे का रस्ता है आधा मै फिर आधा तू।"

लक्ष्मी आंटी चलती गाड़ी में लौड़ा चूसने के बारे में सोच कर ही लाल हो गई पर उसकी बढ़ती इच्छा उसकी आंखों से साफ दिख रही थी।

सन्नी ने गाड़ी शुरू कर दी तो लक्ष्मी आंटी ने अपने कोमल हाथ से मेरा लौड़ा हिलाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में मेरा लौड़ा खड़ा हो गया तो लक्ष्मी आंटी सीट से उतर कर मेरे पैरों के बीच में बैठ गई।

लक्ष्मी आंटी मेरे लौड़े को, "मेरा बाबू, मेरा शोना, मेरा प्यारा लालू, मेरा चोदु राजा।" ऐसे नामों से पुकारते हुए मुझे चाटने लगी। गाड़ी रास्ते पर तेज चल रही थी और पीछे मैं सीट को पकड़कर अपने लौड़े को लक्ष्मी आंटी के भूखे गले में चूसता हुआ देख तड़प रहा था। मुझे आज तक अफसोस है कि मैं ज्यादा टिक नहीं पाया और लक्ष्मी आंटी का नाम लेते हुए उसे अपना पानी पीला दिया।

लक्ष्मी आंटी ने अपने होंठ चाटते हुए मेरे कंधे पर सर रखकर मुझे आराम करने दिया। आधे घंटे बाद मैंने गाड़ी चलाना शुरू किया तो सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को पिछले सीट पर लिटा दिया। सीट छोटी होने के कारण लक्ष्मी आंटी को अपने पैर मोड़ कर खोलने पड़े। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी पर उल्टे सोते हुए अपना लौड़ा लक्ष्मी आंटी के मुंह में भर दिया और खुद उसकी चूत चाटने लगा। हमारे इलाके में पहुंचने तक सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को अपना रस पिला तो दिया पर लक्ष्मी आंटी का रस तब तक चाटा जब तक गाड़ी कि रफ़्तार कम नहीं हुई।

सबने अपने अपने कपड़े बस ठीक कर दिए थे जब हम सब घर पहुंच गए। मैंने सन्नी की ओर देखा और उसने अपनी आंखों से हां कहते हुए अपनी बैग में से एक पैकेट निकला।

"लक्ष्मी आंटी, तुमने हम दोनों को हमारी जिंदगी का सबसे यादगार पाठ पढ़ाया है। हम नहीं बता सकते हमारे लिए ये कितना कीमती है पर ये तुम अभी खा लो। इस में दो ग्रभ निरोधक गोलियां हैं जो पिछले 3 दिनों के सारे निशान मिटा देगी।"

लक्ष्मी आंटी की आंखों में आसूं भर आए। उसने कहा, "बाबू, ऐसा मत कीजिए। मैं तो जानती थी कि ऐसे मैं पेट से हो जाऊंगी। मुझे अपना बच्चा चाहिए। मैं किसी को कुछ नहीं बताउंगी!! मैं दूसरे शहर भाग जाऊंगी!! मुझे कोई अपना चाहिए!!"

सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में लेकर कहा, "लक्ष्मी आंटी, जरा सोचो कि हम दोनों पर क्या बीतेगी अगर हमें पता ही कि दुनिया में कहीं हमारी एक औलाद गरीबी और कमी कि जिंदगी जी रही है क्यूंकि हमने 3 दिन तक उसकी मां को इस्तमाल कर के भुला दिया। एक बार हम Engineer थी बन गए तो वादा करते हैं कि तुम्हें मां बनाएंगे और बाप का फ़र्ज़ भी निभाएंगे।"

लक्ष्मी आंटी ने गोली खा ली और हम सब उपर समान रखने गए।

Score Card
लक्ष्मी आंटी मुंह----चूत----गांड
विक्की--------10----10----10
सन्नी-----------10----10----10

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josef
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28
सन्नी

सुबह के 10 बजे हम सब थके घर पहुंचे तो इच्छा हुई कि लक्ष्मी आंटी को पकड़कर नहाने चला जाऊं। घर का दरवाजा खोला तो सामने का नजारा देख हैरान हो गया। दोनों मम्मियां और दोनों पापा आज घर पर थे।

उन सब कि नजरें हम पर गिरी तो लक्ष्मी आंटी को अपनी हैसियत का एहसास हुआ और उसने अपने बदन को छोटा करने की कोशिश की। मैं और विक्की मानो इस सोच में पड़ गए की जैसे हमारे बदन से इन सब को पिछले 3 दिन की गंध समझ आएगी।

पप्पा ने कहा, "तो जो करने गए थे कर लिया? जिंदगी का नया अनुभव पसंद आया? बड़े हो गए हो तुम, लक्ष्मी आंटी ने अच्छे से सीखा दिया कि नहीं? अब जो सीखा है वो जिंदगी भर काम आयेगा और अच्छे से सीखा होगा तो तुम्हारी बीवियां भी लक्ष्मी आंटी को याद करेंगी।"

सब हमें देख कर हंसने लगे। मेरी और विक्की कि सिट्टी पिट्टी गुम हो गई तो लक्ष्मी आंटी के पैरों तले जमीन खिसक गई।

समीरा आंटी ने हमारी जान बचाई। समीरा आंटी ने पप्पा के कंधे पर फटकार लगाते हुए कहा,
"उफ्फ अश्वेत, तुम कभी कॉलेज से बाहर नहीं आए। श्वेता तुम इसे कैसे बर्दाश्त कर लेती हो!! बच्चों मैं बहुत खुश हूं कि तुम दोनों ने इतनी समझदारी दिखाते हुए खाना बनाना सीख लिया। जब ये दोनों नकारा निकम्मे कॉलेज आए थे तब इन्हें पानी उबालना भी नहीं आता था। लक्ष्मी तुमने इन दोनों को सिखाकर मेरे दिल से बड़ा बोझ हटा दिया। 15 दिन में मेरे बच्चे कहीं दूर चले जाएंगे तो कम से कम भूखे नहीं रहेंगे।"

पवन अंकल बोल पड़े, "डार्लिंग अब ड्रामा बहुत हो गया, चलो मुद्दे की बात करें। लक्ष्मी, तुम ने सच में बहुत मदद की है और इसकी कोई कीमत नहीं पर जैसे तय किया था ये रहे तुम्हारे 2000।"

लक्ष्मी आंटी ने थरथराते हाथों से पैसे लेकर उनमें से 500 विक्की को देते हुए कहा, "बाबू, ये आप से लिए हुए पैसे।"

लक्ष्मी आंटी को मां ने एक दिन कि छुट्टी दे दी तो लक्ष्मी आंटी अपनी बैग उठाकर चली गई।

सोमवार का दिन पिज़्ज़ा, आइसक्रीम और कॉलेज selection में चला गया। शाम होते होते पिछले 3 दिन किसी हसीन सपने की तरह लगने लगे। रात को सोते समय मैंने विक्की से बात की तो उसका हाल भी मेरे जैसा था। कल मॉक ड्रिल थी और सब से ज्यादा टेंशन इस बात का था कि लक्ष्मी आंटी हम से कैसे बरताव करेगी और हम क्या करेंगे?
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josef
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29
सन्नी

मंगलवार को हमें selection mock test करना था और उसके बाद हम दोनों टेस्ट के result देखने का बहाना बना कर लक्ष्मी आंटी से मिलना टाल रहे थे। हमें नहीं पता था कि लक्ष्मी आंटी की इज्जत लूटने के बाद अब यहां पर हम क्या करें और कैसे करें। साफ सफाई करते हुए जब लक्ष्मी आंटी विक्की के कमरे में गई तो लक्ष्मी आंटी ने विक्की को कोई पहचान नहीं दी। विक्की भाग कर मेरे कमरे में आ गया। मेरे साथ भी यही हुआ कि लक्ष्मी आंटी ने मुझे पहचान नहीं दी और मैं उस से आंख नहीं मिला पाया। लक्ष्मी आंटी खाना बनाने के बाद चली गई। हम दोनों गुमसुम सोचते रहे की लक्ष्मी आंटी के साथ हम दोनों ने जो किया उसका अंजाम हमें कब और कैसे भुगतना पड़ेगा। बाकी का दिन वैसे मायूसी में ही बीता।

बुधवार सुबह जब लक्ष्मी आंटी विक्की के घर आई तो विक्की दुम दबाकर भाग मेरे कमरे में आ गया। हम दोनों लक्ष्मी आंटी को भुला नहीं पाए थे, तो हमने दूर से लक्ष्मी आंटी को देखने के लिए विक्की के pc camera को चला दिया। थोड़ी देर बाद लक्ष्मी आंटी विक्की के कमरे में आई और उसने सीधे विक्की कि अलमारी में से विक्की का वॉलेट निकाला। विक्की के वॉलेट में से 500 लेकर अपनी ब्रा में रख दिए और वॉलेट वहीं टेबल पर छोड़ दिया।

हम दोनों हैरान रह गए। क्या लक्ष्मी आंटी अब हम दोनों से बिना रोक टोक चोरी करेगी? उसने तो वॉलेट छुपाने की कोशिश भी नहीं कि थी। क्या पप्पू लक्ष्मी को फिर से परेशान कर रहा है कि उसे दोबारा चोरी करनी पड़ी?

लक्ष्मी आंटी के उपर आने तक हम दोनों ने अपनी बात कर ली थी और लक्ष्मी आंटी के लिए तयार थे। लक्ष्मी आंटी के अंदर आते ही हमने उसे मेरे कमरे में बुलाकर बेड पर बैठने को कहा। लक्ष्मी आंटी हिचकिचाते हुए बैठ गई तो विक्की ने लक्ष्मी आंटी को बताया कि हम जानते हैं कि उसने फिर से चोरी कि है। लक्ष्मी आंटी ने मना करने की कोशिश की पर उसके मना करने में उसकी आवाज साथ नहीं दे रही थी।

"लक्ष्मी आंटी, तुम ने हमें जो सिखाया है उसे तो हम कभी भुला नहीं पाएंगे। लेकिन हम दोनों ने तुम्हारे साथ को किया वो एक गुनाह है और तुम्हारा हक्क बनता है हम से जो चाहो मांग लो। हम मना नहीं करेंगे लेकिन ऐसे चोरी करके अपने आप को सजा मत दो।"

विक्की ने मेरा साथ देते हुए कहा, "हां लक्ष्मी आंटी, अगर तुम्हे कुछ चाहिए तो मांग कर तो देखो। ऐसे चोरी करना तुमरे मन को ही खाएगा।"

लक्ष्मी आंटी ने गुस्से से 500 कि नोट निकाल कर विक्की के जेब में डाल कर कहा,
"सच में दे सकते हो जो मांग लूं? आप दोनों तो मुझसे आंख नहीं मिला रहे हो। जो चाहिए दोगे?"

हम दोनों ने सर हिलाकर हां कहा तो लक्ष्मी आंटी ने अपने पर्स में से एक चमकती पट्टी हम पर फेंकते हुए कहा, "इसका इसतेमाल मुझे सिखाओ तो मैं मानूं।"

विक्की ने लक्ष्मी आंटी ने फेंकी पट्टी उठकर देखी। पान मसाला के चमकीले पैकेट की लडी दुकान से लाई गई हो ऐसे लग रहा था। इस से पहले कि मैं अपने आप को लक्ष्मी आंटी को पन मसाला के बारे में पूछ कर बेइज्जत करता विक्की ने पट्टी घुमाई।

लक्ष्मी आंटी ने हमें 4' कामसूत्र कॉन्डम' के पैकेट थमाए थे।

लक्ष्मी आंटी अचानक अपनी हिम्मत खो कर बैठ गई।
लक्ष्मी आंटी बोली, "बाबू, मैं एक बस्ती में रहती हूं जहां किसी को भनक भी लग गई की मेरा पैर फिसला है तो मुझे नौच खाएंगे और पप्पुजि तो मुझे मार डालेंगे। आप दोनों ने मुझे जवानी की खुशी सिखाई है। मैं आप को आप के रास्तों से नहीं रोकुंगी। आप बड़े कॉलेज में जाओगे, खूबसूरत और स्टाइलिश लड़कियों से दोस्ती करोगे। मेरी जिंदगी यहीं पर पप्पुजी के साथ है और मैं अपनी हैसियत से उपर नहीं देखती। पत्नी तो मैं 4 साल से थी सुहागन आप दोनों ने बनाया है।बस अगले 15 दिन या जितने भी दिन आप दोनों मुझे दे पाएं, आप मुझे सुहागन की जिंदगी दीजिए। बस इतना ही चाहिए।"

हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और उसने हमारे कंधों पर सर रखकर अपने डर और दर्द से सहारा ले लिया।

मैंने लक्ष्मी आंटी के कानों में कहा, "लक्ष्मी आंटी, ये कैसे पहनते हैं? हमने कभी किया नहीं।"

लक्ष्मी आंटी ने आधे हंसते और आधे रोते हुए कहा, "हां, मैं तो इसे रोज लगती हूं ना। बुद्दू कहीं के!!"

हम सब हंस पड़े और फिर हम ने कंप्यूटर पर वीडियो देखे कि कंडोम कैसे पहनते हैं? लक्ष्मी आंटी ने हमारे कपड़े उतारे और हमने उसके। जल्द ही हम दोनों बेड पर नंगे लेट गए और लक्ष्मी आंटी ने हमारे लौड़े चूसकर और कड़े कर दिए। पहले कौन इसका फैसला सिक्का उछाल कर किया और मैं जीता। लक्ष्मी आंटी ने अपने नाजुक हाथों से मेरे लंबे लौड़े पर कंडोम पहनाया।

कंडोम से ढका लौड़ा कुछ अलग लग था था पर लक्ष्मी आंटी ने इस बात पर गौर करने का मौका नहीं दिया। लक्ष्मी आंटी ने अपने पैरों को फैला कर अपने प्यार के खजाने में मुझे खींच लिया। लक्ष्मी आंटी की गरमी ने मुझे घेर लिया और लक्ष्मी आंटी ने अपनी कमर हिलाकर चूधना चालू कर दिया। लक्ष्मी आंटी सुबह से इस पल के इंतजार में थी और उसने कुछ ही धक्कों में अपना पानी छोड़ दिया। मैंने लक्ष्मी आंटी की कमर पर पकड़ बनाते हुए उसकी कुटाई चालू रखी। लक्ष्मी आंटी पसीने से लथपथ हो गई और उसने झड़ने कि लडी लगा दी। मैं लक्ष्मी आंटी की गरमी को ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसकी बहती चूत की गर्मी में झड गया। लक्ष्मी आंटी बगल में लेट कर हांफने लगी और मैंने गुब्बारे जैसा फूला हुआ कंडोम निकाल कर कचरे के डिब्बे में डाल दिया।

विक्की ने लक्ष्मी आंटी से कंडोम लगवा लिया था। अब लक्ष्मी आंटी की चूचियां दबाते हुए विक्की ने अपना मूसल लक्ष्मी आंटी की चूत में ठूंस दिया। लक्ष्मी आंटी की अाहों का मजा लेते हुए विक्की ने लक्ष्मी आंटी को चोदना शुरू किया। विक्की भी तो 2 दिन का भूका था और बिना रुके उसने लक्ष्मी आंटी की गीली सड़क पर तेज गाड़ी दौड़ाई। लक्ष्मी आंटी तो सातवे आसमान को छूने से अपनी यौन किलकारियों से विक्की को उकसा रही थी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के कंधे पकड़ कर उसे चोदते हुए उसके कानों को चूमा। विक्की जल्द ही लक्ष्मी आंटी को चिपक कर उसकी चूत में अपना कंडोम भरने लगा।

लक्ष्मी आंटी ने इशारे से मुझे बुलाया और दोनों के सर पर हाथ फेरते हुए कहा, "बाबू मैं आप दोनों की गुलाम बन गई हूं। मेरे साथ जो चाहो कर लो, जब चाहो कर लो। बस मुझे भुला नहीं देना।"

मैं लक्ष्मी आंटी को प्यार के गहराई की बात कहने लगा कि मेरे पेट से बड़ी आवाज आई।

लक्ष्मी आंटी ने चौंक कर देखा और हंसते हुए बोली, "गांव में बड़ी औरतें कहती थी कि मर्द की औरत से दो ही चीजें चाहिए और उसमें भी वो एक में ही मेहनत करेगा। रुको मैं जल्दी से खाना बनाती हूं।"

लक्ष्मी आंटी खाना बनाने के लिए किचन में चली गई तो विक्की ने अपना कंडोम भी जल्दी से कचरे के डिब्बे में डाल दिया। हम दोनों लक्ष्मी आंटी को मदद करने गए।

खाना खाने के बाद लक्ष्मी आंटी ने घर की साफ सफाई की तो हम दोनों ने बरतन मांजे और सुखाए। हमारी चुस्त मदद देख लक्ष्मी आंटी ने मेरा इरादा पूछा तो हमने बाकी 2 पैकेट के इस्तमाल का सुझाव दिया। लक्ष्मी आंटी शर्माकर हां बोली ही थी कि हम उस उठाकर मेरे बेड पर ले गए।

विक्की ने कंडोम लगाया और लक्ष्मी आंटी के गांड़ में घुसाने लगा। कंडोम पर लगी चिकनाहट से कुछ आराम मिला और विक्की ने लक्ष्मी आंटी की गांड़ फैला कर अपने लौड़े को गहराई तक पेल दिया। लक्ष्मी आंटी अपने पेट के बल लेट कर पैर फैलाए गांड़ मरवाने लगी तो विक्की लक्ष्मी आंटी की कसी हुई गांड़ के मज़े लेते हुए उसे चोदने लगा। लक्ष्मी आंटी ने गांड़ मरवाते हुए अपनी उंगलियों से अपनी चूत को सहलाते हुए मज़ा लिया और 10 मिनट की तेज रफ्तार चुधाई के बाद दोनों झड गए।

मैंने लक्ष्मी आंटी की खुली गांड़ में अपना कंडोम में लिपटा लौड़ा डालने के लिए बेकरार था। लक्ष्मी आंटी के बगल में लेट कर मैंने उसे अपने बदन पर खींच लिया। अपना लौड़ा लक्ष्मी आंटी की खुली गांड़ में पेलते हुए मैंने लक्ष्मी आंटी को एक ओर लिटा दिया और उसका दूसरा पैर अपनी कमर पर पकड़ लिया। एक हाथ लक्ष्मी आंटी के सर के नीचे से होते हुए उसकी गोल मटोल चूचियों को दबाने लगा। लक्ष्मी आंटी अब आसानी से अपने एक हाथ की 2 उंगलियों को अपनी चूत में अंदर बाहर करते हुए दूसरे हाथ से अपनी चूत के दाने को सहला रही थी।

लक्ष्मी आंटी अपनी गरमी में झड़ने लगी। 10 मिनट बाद जब मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ के अंदर अपना कंडोम भरा तो वह थक कर सो गई। लक्ष्मी आंटी ने आधे घंटे बाद हम दोनों को गले लगाते हुए चूमा और कल का वादा ले कर चली गई।

शाम को 6 बजे पापा ने कहा कि मम्मियां हम दोनों को कॉलेज के लिए तयार करने बाहर ले जा रही हैं तो हमें भी जाना पड़ा।
josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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बिजनेस का उसूल है कि अगर सब कुछ ठीक दिखते हुए गलत लग रहा है, तो दाल में काला है। 6.30 बजे मै सन्नी के कमरे में गया। सबूत मुझे कचरे के डिब्बे में आसानी से मिल गया। पहला धक्का कुछ कम था जो थोड़ी देर में दूसरा लग गया। मेरे पांव कांपने लगे और पसीने छूट गए। मुझे सोचना था और जल्द ही कुछ करना था। मैंने ऑफिस में कॉल किया।

"पवन, कल की सारी मीटिंग रद्द कर दो। हमें बात करनी चाहिए।"

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