Romance काला इश्क़

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josef
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Re: काला इश्क़

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update 36

मुझे नींद का झौंका आ रहा था और ऋतू अपने बाएं हाथ से मेरे दाएँ हाथ को लॉक कर मेरे कंधे पर सर रख बैठी थी| उसकी ख़ुशी उसके चेहरे से झलक रही थी और दूसरी तरफ रोहित और काम्या जी भर के शो करने में लगे थे, एक दूसरे को छेड़ रहे थे, हँसी-ठिठोली कर रहे थे| पर ऋतू बहुत शांत थी और मन ही मन जैसे इस सब के लिए भगवान् को शुक्रिया कर रही थी| अभी मेरी आँख बंद ही हुई थी की उसने मुझे जगा दिया और बोली' "जानू! मुझे भूख लग रही है!" मैंने घडी देखि तो अभी शाम के 6 बजे थे, फिर उसे ऊपर रखे हुए चिप्स और थम्ब्स अप निकाल के दी| मैं हाथ मोड़ के बैठ गया, ऋतू ने पहला चिप्स मुझे खिलाया और फिर खुद खाने लगी| इतने में काम्या का ध्यान हमारी तरफ आया तो वो भी खाने के लिए उसी चिप्स के पैकेट पर टूट पड़ी| "मानु जी आप मेरी सीट पर बैठ जाओ|" काम्या बोली|

"हेल्लो मैडम! मैं आपके बॉयफ्रेंड के साथ बैठने यहाँ नहीं आया|" मैंने मजाक करते हुए कहा| तभी रितिका ने अपना चिप्स का पैकेट उसे दे दिया; "ये ले खा मोटी!" ये सुन कर हम चारों हँस पड़े| इतने में अनु मैडम का फ़ोन आ गया; "तो मानु जी बस मिल गई?"

"जी Mam मिल गई, इनफैक्ट मैं बस में ही हूँ| Sorry उस टाइम आपसे बात नहीं कर पाया|"

"अरे कोई बात नहीं, वो दरसल मैं कंपनी को मेल किया था तो उसने सारा डाटा भेज दिया है| सैटरडे रितिका आएगी तो मैं उसके साथ बैठ कर काम खत्म करती हूँ|" मैडम की बात सुन कर मैं ऋतू की तरफ हैरानी से देखने लगा| ऋतू ने अभी तक मैडम को नहीं बताया था की वो सैटरडे-संडे नहीं आ पायेगी! मैडम से बस इतनी ही बात हुई और फिर उन्होंने फ़ोन काट दिया| "ऋतू तूने मैडम को कॉल करके नहीं बताया?" मैंने ऋतू से पूछा तो वो अपनी जीभ दाँतों तले दबाते हुए बोली; "भूल गई! सॉरी! अभी कॉल करती हूँ|"

"पागल न बन! कल सुबह कॉल करिओ और बहाना अच्छा मारिओ वरना मैडम जबरदस्ती बुला लेंगी|" मैंने ऋतू को समझाया| खेर रात आठ बजे बस ने एक हॉल्ट लिया और खाना-पीना हुआ| मैं बस की यात्रा में कुछ ज्यादा खाता-पीता नहीं, चिप्स या बिस्किट और कोल्ड ड्रिंक्स, इससे ज्यादा कुछ नहीं लेता| काम्या और रोहित ने तो डाब कर पेला और पेट भर खाना खाया| ऋतू ने भी बस दो रोटी खाई और मुझे भी खाने को कहा पर मैंने मना कर दिया| रात के दस बजे होंगे, सारी लाइट्स ऑफ हो गईं और काम्या और रोहित का बस सेक्स चालु हो गया| दोनों एक दूसरे को चूमना शुरू कर चुके थे, ऋतू ये सब देख रही थी और मेरी नजर ऋतू पर थी| ऋतू बेचैन होने लगी थी पर जानती थी की हम बस में हैं और यहाँ कुछ भी करना पॉसिबल नहीं है| ऋतू ने अपने बाएँ हाथ को मेरी कमर में डाला और मेरी तरफ झुक कर मेरे सीने पर अपना सर रख लिया| उसका दाहिना हाथ मेरे पेट पर था और ध्यान अब भी काम्या और रोहित के चूमने पर था| वो दोनों ज्यादा तो कुछ नहीं कर रहे थे बस एक दूसरे को Kiss ही कर रहे थे और इतने से ही ऋतू की सांसें भारी होने लगी थीं| जिस दिन मैंने ऋतू का गुस्से से डाँटा था उस दिन से मैंने उसे जरा भी नहीं छुआ था और उसकी ये बेताबी फिर से बाहर आने लगी थी| माने झुक कर ऋतू के सर को चूमा ताकि वो अपने जज्बातों को काबू में कर ले| पर मेरा ये kiss ऐसा था मानो जैसे किसी ने गर्म तवे पर पानी का छींटा मारा हो| मेरे ऋतू के सर पर kiss करते ही वो मेरी आंखों में प्यास भरी आँखों से देखने लगी| वो आँखों ही आँखों में मुझसे मिन्नत करने लगी| मानो जैसे कह रही हो की बस एक Kiss! उसकी मासूम आँखों को देख कर मैं पिघलने लगा और झुक कर उसके अधरों पर अपने होठों को रख दिया| मैंने अपना मुँह थोड़ा सा खोला और उसके नीचले होंठ को धीरे से अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा| ऋतू का दायाँ हाथ मरे बाएँ गाल पर आ चूका था| ऋतू ने अपनी रस भरी जीभ मेरे मुँह में दाखिल कर दी थी और वो मेरी जीभ से समागम करने लगी थी| मैंने अपने दोनों हाथों से ऋतू के मुँह को थाम लिया था, और उसकी जीभ को अपने मुँह में चूसने लगा था| कुछ सेकंड बाद मैंने उसकी जीभ छोड़ दी और अपनी जीभ को धीरे से उसके मुँह में सरका दिया| मेरी जीभ का गर्म जोशी से स्वागत हुआ, रितिका के होठों ने उसे अपने दबाव से पकड़ लिया और ऋतू उसे चूसने लगी| इसी तरह हम दोनों बारी-बारी से एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे और ये सब हम बिना किसी आवाज के और धीरे-धीरे कर रहे थे| जब हम रुके और अलग हुए तो हमारे रस की एक तार हम दोनों के होठों के बीच थी| हम दोनों उस कुछ देर के लिए ये भी भूल चुके थे की हम घर पर नहीं बल्कि बस में हैं| जब हम अलग हुए तो ऋतू की नजर बगल वाली सीट जिस पर काम्या और रोहित बैठे थे उस पर पड़ी और वो एक दम से शर्मा कर मेरे सीने पर दोनों हाथों से अपना मुँह छुपा कर बैठ गई| मैंने जब उस तरफ देखा तो पाया की वो दोनों हमें ही देख रहे थे! हमारे kiss से अगर कोई संतुष्ट था तो वो थे काम्या और रोहित! हैरानी बात ये थी की मैं बिलकुल नहीं शरमाया बल्कि मुझे तो जैसे गर्व महसूस हो रहा था| ऐसा लगा जैसे मैं कोई टीचर हूँ और उन दोनों को Kiss करना सीखा रहा हूँ| मैंने अपने दोनों हाथों से ऋतू को अपने सीने से चिपकाया और हाथों को लॉक कर ऐसे जताया की वो मेरे पहलु में सुरक्षित है| मेरे ऐसा करने से ऋतू भी संतुष्ट हो गई की वो सुरक्षित है और उसने अपने दोनों हाथों से मुझे कस कर जकड़ लिया| कुछ देर बाद काम्या और रोहित एक दूसरे से कुछ खुसर-फुसर करते हुए सो गए| मुझे ऐसा लगा जैसे काम्या रोहित से कह रही हो की; "सीख मानु जी से कुछ! कितना passionately kiss करते हैं वो रितिका को?" और वो बेचारा जल-भुन के रह गया|

खेर सब सो चुके थे और एक अकेला मैं ही जाग रहा था| हाईवे में हवा से बातें करती हुई बस, वो साईरन बजाते हुए ट्रकों का गुजरना वो जगमगाती हुई ढाबों की लाइट्स, वो दूर कहीं किसी के घर की लाइट्स आदि को देखना| मुझे यही देखने में बड़ा मजा आ रहा था और मैं अपनी सोच में गुम था| बारह बजे ऋतू जाएगी और उसने मुझे इस तरह से जाएगा हुआ पाया तो पूछने लगी; "जानू! क्या हुआ? आप जाग क्यों रहे हो?"

"कुछ नहीं जान! मैं रात को बस में सोता नहीं हूँ, ये शान्ति और लाइट्स देखना मुझे अच्छा लगता है|" मैंने खिड़की से बाहर देखते हुए कहा|

"एक बात कहूँ जानू? आपको पता है मुझे अभी कैसा लग रहा है?"

"कैसा?" मैंने पूछा|

"ऐसा लग रहा है जैसे हम दोनों घर से भाग रहे हैं और कल से हमारी एक नयी जिंदगी शुरू होगी| जहाँ हमें इन समाज के बंधनों की कोई जर्रूरत या परवाह नहीं होगी| कोई रोक-टोक नहीं! हम आजाद परींदे होंगे! वो फिल्मों वाली फीलिंग आ रही है, जिसमें हीरो अपनी हेरोइन को इसी तरह अपने पहलु में छुपाये घर से भगा कर ले जा रहा हो|"

"हम्म... वो दिन भी आएगा मेरी जान! अब आप सो जाओ!" मैंने ऋतू के सर को चूमते हुए कहा|

"हम जयपुर कब पहुँचेंगे?" ऋतू ने फिर से मेरे सीने पर सर रखते हुए पूछा|

"सुबह 4 बजे!"

'तो आप भी सो जाओ थोड़ी देर|" ऋतू ने मुझे उसकी गोद में सर रख कर सोने का निमंत्रण देते हुए कहा|

"आप सो जाओ जान! मुझे ये लाइट्स देखने में आनंद आ रहा है|"

"ठीक है तो मैं भी आपके साथ जागूँगी| मैं भी तो देखूँ की आप किस आनंद की बात कर रहे हो|" पर ऋतू कुछ देर ही मैं बोर हो गई और मेरे कंधे पर सर रख कर सो गई| मैंने धीरे से अपनी जेब से फ़ोन निकाला और अपनी एक सेल्फी ली| ऋतू मेरे कंधे पर सर रख कर सोते हुए बड़ी प्यारी लग रही थी| फिर मैं फ़ोन से स्लो मोशन वीडियो बनाने लगा, फिर फ़ोन से हेडफोन्स लगाए और गाने सुनने लगा, इसी तरह से मैंने सारी रात पार की| सुबह पौने चार बजे मैंने ऋतू को उठा दिया और काम्या और रोहित को भी उठा दिया| ठीक 4 बजे हमारा स्टैंड आ गया| अपना सामान ले कर हम चारों उतरे और मैंने फटफट ऑटो किया, अब बैठने की बारी आई तो काम्या बोली; "रोहित तू आगे बैठ जा!" आगे का मतलब था ड्राइवर के साथ और ये सुन कर वो काम्या की तरफ सावलिया नजरों से देखने लगा| मुझे हँसी तो बहुत आई पर मैं कुछ नहीं बोला और हम तीनों पीछे बैठ गए| मैंने नेविगेशन ऑन कर दी थी की कहीं ऑटो वाला होशियारी न करे और मैं ऑटो वाले को ऐसे बता रहा था जैसे मैं इस इलाके से परिचित हूँ| वो भी मुझसे पूछ रहा था की; "बाबू आप यहीं के रहने वाले हो?" मैंने भी जवाब में हाँ कहा और उसे आगे ज्यादा बात करने का मौका नहीं दिया| पर रोहित तो चूतिया ही निकला वो पूछने लगा; "मानु आप जयपुर के हो?" अब उसकी बात सुन कर मैं काम्या की तरफ देखने लगा और वो अपना सर पीटते हुए बोली; "He's bluffing you moron!" तब जा कर उसे समझ आया और वो चुप कर गया| होटल पहुँच कर मैंने अपनी रिजर्वेशन दिखाई और हम अपने-अपने कमरे में आ गए| सामान रख कर मेरा जासूसी दिमाग चालु हो गया और मैं अपना और ऋतू का फ़ोन ले कर कमरे घूमन शुरू कर दिया| ये Oyo का होटल था और हल ही में इसके बारे में छपा था की यहाँ पर रूम्स के अंदर हिडन कैमरा लगे होते हैं| ऋतू बड़ी हैरानी से मुझे ये जासूसी करते हुए देख रही थी और जब मेरी तहक़ीक़ात पूरी हो गई तो वो बोली; "ये आप क्या कर रहे थे?" तब मैंने ऋतू को सारी बात बताई और वो कहने लगी की हम कहीं और चलते हैं| "जान! किस होटल में कैमरा लगा है ये किसी को नहीं पता, पर अपनी तरफ से चेक कर लेना बेहतर है| इस कमरे में कहीं कोई कैमरा नहीं है| So relax! okay?!" मेरी बात से ऋतू आश्वस्त हो गई और हम अपने कपडे बदल कर लेट गए|
josef
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Re: काला इश्क़

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update 37

मुझे लग रहा था की ऋतू सेक्स के लिए आतुर हो गई पर उसके ठीक उलट वो तो बस मेरे सीने पर सर रख कर, अपने बाएँ हाथ से मुझे जकड़ और अपनी बायीं टाँग मेरे पेट पर रख कर सो गई| मैंने ऋतू के सर को चूमा और मैं भी सो गया| सुबह 10 बजे मेरी आँख खुली और ऋतू अब भी मेरे से उसी तरह चिपकी हुई थी| मैं उठने लगा तो उसकी भी आँख खुल गई पर फिर भी लेटी रही| में फ्रेश हो कर आपस आ गया और तब तक ऋतू भी उठ गई थी और टी.वी चालु कर रही थी| मुझे देखते ही वो आ कर मेरे से लिपट गई; "जानू! आज कौन सा आपको ऑफिस जाना है जो उठ गए?" मैंने प्यार से ऋतू के सर को चूमा और कहा; "क्या करें? आदत है उठने की और वैसे भी भूख लग आई थी|" फिर मैंने अपने और ऋतू के लिए नाश्ता मँगवाया जो की कॉम्प्लिमेंट्री था| नाश्ता खा कर ऋतू फिर से बिस्तर में बैठ गई पर मैं तैयार होने लगा| मुझे ऐसे तैयार होता हुआ देख वो बोली; "कहाँ जा रहे हो आप?"

"यहाँ कमरे में सोने थोड़े ही आये हैं? चलो रेडी हो जाओ यहाँ इतनी सारी जगह है घूमने की और हाँ याद है अनु मैडम को भी इन्फॉर्म कर दो|" तभी दरवाजे पर दस्तक हुई, मैंने दरवाजा खोला और काम्य अंदर आ गई| "आप कहीं जा रहे हो मानु जी?" उसने पूछा|

"मैं तो आप दोनों को जगाने आ रहा था, की कहीं घूम कर आते हैं|" मेरी बात सुन कर काम्या खुश हो गई और रेडी होने चली गई| इधर ऋतू ने भी तैयार होना शुरू कर दिया| आज ऋतू ने पहलीबार जीन्स और एक टॉप पहना था और उसे जब देखा तो मेरी आँखें उस पर से हट ही नहीं रही थी|

"क्या कहूँ तेरी सूरत-ए-तारीफ में मेरे हमदम,

अल्फाज खत्म हो गए हैं तेरी अदाएं देख-देख के!"


ये शेर सुनते ही ऋतू भागती हुई आई और मेरे गले लग गई, शर्म से गाल लाल हो चुके थे| हम ऐसे ही दूसरे में खोये हुए थे, काम्या की आवाज ने हमें वापस रियलिटी में खींच लिया| "ओ लव-बर्ड्स चलो" उसने हँसते हुए कहा| हाथों में हाथ लिए मैं और ऋतू कमरा लॉक कर के होटल से निकले और हमने ऑटो किया, सबसे पहले हम हवा महल पहुंचे और उसके पास वाली मार्केट में घूमने लगे| काम्या तो वहाँ की दुकानें देख कर शॉपिंग करने को कूद पड़ी और ऋतू को भी अपने साथ खींच के ले गई| दोनों एक पटरी वाले के पास झुमके देख रहे थे और मैं अपनी जेब में हाथ डाले खड़ा उन्हें देख रहा था| अचानक से काम्या ने एक झुमका ऋतू को दिया और try करने को कहा पर ऋतू ने मना कर दिया| मुझसे नजर बचा कर उसने खुसफुसाती हुए काम्या से कहा; "मेरी सैलरी जीन्स और टॉप में खत्म हो गई... तू ले ले!" काम्या भी खुसफुसाती हुए कहने लगी; "अरे मुझे बाद में दे दियो!" पर ऋतू नहीं मानी और उसने वो झुमका काम्या को वापस दे दिया| काम्या बहुत होशियार थी उसने हाथ हिला कर मुझे अपने पास बुलाया और वो झुमके का पैकेट मुझे दिया और इशारे से कहा की मैं ऋतू को खरीद कर दूँ| मैंने वो झुमके को पैकेट को गौर से देखा और वापस नीचे रख दिया, मेरा ऐसा करने से काम्या का मुँह बन गया| वो सोचने लगी की कितना कंजूस बॉयफ्रेंड है रितिका का, पर अगले ही पल मैंने एक रॉयल ब्लू कलर का झुमका उठाया और उसे ऋतू को try करने को कहा| मेरा ऐसा करने से काम्या की ख़ुशी लौट आई पर ऋतू ने ना में सर हिला कर मना कर दिया| "अच्छा लगेगा अगर मैं यहाँ तुझे एक खींच कर चमाट मार दूँ?" मैंने ऋतू को थोड़ा प्यार से डराते हुए कहा| उसने चुप चाप वो झुमके मुझे पहन के दिखाए और जब उसने खुद को आईने में देखा तो ख़ुशी से उछाल पड़ी और आ कर मेरे सीने से लग गई| काम्या ने भी इसका फायदा उठाया और हम दोनों की तस्वीर खींच ली! भरी-पूरी मार्किट में एक प्रेमी जोड़ा सब कुछ भूल कर बस एक दूसरे के गले लगा हुआ है| हम तो जैसे अलग होना ही नहीं चाहते थे पर इस चमन चूतिये रोहित ने एक्ससिटेमेंट में शोर मचा दिया और हम दोनों अलग हो गए| मैंने अपना वॉलेट निकाला और ऋतू को 1000/- रुपये दे दिए इतने में रोहित ने मुझे स्मोक करने का इशारा किया| ऋतू ने ये देख लिया और हाँ में सर हिला कर मुझे इजाज़त दी|

"दो गोल्ड फ्लैक|" रोहित ने कहा तो मैंने उसे मना कर दिया और अपने लिए एक अल्ट्रा ली, मुझे अल्ट्रा फूँकते देख उसे मेरी रईसी भा गई| 2 मिनट बाद ही ऋतू और कमाया दोनों ही हमारे पास आ गईं| रोहित ने सिगरेट काम्या की तरफ बढ़ाई और उनसे काश लेते हुए ऋतू को भी पीने का इशारा किया| ऋतू मेरी तरफ देखने लगी और मैंने नहीं में सर हिलाया और उसे सिगरेट नहीं दी| "तू स्मोक करती है?" मैंने ऋतू से पूछा तो उसने ना में सर हिलाया| "खा मेरी कसम!" मैंने कहा तो ऋतू ने झट से मेरी कसम खाई और बोली; "मैंने आज तक कभी सिगरेट नहीं पि आपके साथ उस दिन पार्टी में जो पिया था उसके बाद कुछ भी नहीं पिया या खाया|"

"Give her some freedom man!" रोहित ने बीच में बोलते हुए कहा|

"She has all the freedom she wants but smoking isn’t allowed!” मैंने हुक्म से बोला|

"That's not fair! You smoke too!" काम्या बोली|

"Because I gave him permission!" ऋतू बोली और ये सुन कर वो दोनों चुप हो गए| सिगरेट खत्म हो चुकी थी तो हम पैदल चलते हुए हवा महल पहुँचे और वहाँ टिकट ले कर घूमे, ऊपर चढ़ कर हमने बहुत सी पिक्चर खींची! 3 बजे हम वहाँ से निकले और खाना खाने एक रेस्टुरेंट में बैठ गए| खाना आज ऋतू ने आर्डर किया, दाल बाटी, राजस्थानी कढ़ी, बाजरे की रोटी, गट्टे का पुलाव और मीठे में घेवर| "रिसर्च कर के आई हो?" मैंने ऋतू की तारीफ करते हुए कहा और वो मुस्कुराते हुए बोली; "आपसे सीखा है|" खाना खा कर हम उठे थे की अनु मैडम का फ़ोन आ गया; "मानु जी! आप क्या गए यहाँ तो सब के सब मुझे अकेला छोड़ के चले गए?" ये सुन कर मैं थोड़ा हैरान हुआ और समझ नहीं आया की मैडम का कहने का मतलब क्या है; "मैं कुछ समझा नहीं mam?"

"अरे रितिका भी छुट्टी मार रही है! उसके घर पर किसी की डेथ हो गई है|" ये सुनते ही मेरी आँखें बड़ी हो गई और मैं हैरानी से ऋतू को देखने लगा|

"ओह! Mam किसकी डेथ हो गई कुछ बतया रितिका जी ने?" मैंने ऋतू की तरफ देखते हुए कहा और तब वो समझी की क्या माजरा है| "उसके नाना जी की डेथ हो गई, बेचारे उम्रदराज जो थे!" मैं चुप रहा और मुझे ऋतू का बहाना सुन कर हँसी भी आ रही थी और गुस्सा भी| ऋतू के नाना की मृत्यु कुछ साल पहले ही हो चुकी थी और मुझे बुरा लगा की उसने ऐसा झूठ बोला| खेर मैडम ने कुछ काम जे जुडी बातें की और फिर उन्होंने बाय बोल कर कॉल रख दिया| "तुझे मारने के लिए कोई और नहीं मिला?" मैंने ऋतू से हँसते हुए पूछा| ये सुन कर काम्या पूछने लगी तो ऋतू ने खुद ही सारी बात बताई| ये उन कर वो और रोहित दोनों हँसने लगे पर ऋतू जानती की मुझे उसकी ये बात बुरी लगी है|

खेर हम होटल लौटे और रात को पब जाने का प्लान बना था| मैंने अपने कपडे उतारे और अंडर गारमेंट्स में ही लेट गया| ऋतू ने भी अपने कपडे बदले और पलंग पर चढ़ गई| फिर अपने दोनों कान पकडे और घुटनों के बल बैठ गई; "जानू! I’m really sorry! मैं ऐसा झूठ नहीं बोलना चाहती थी, पर मुझे कोई और बहाना नहीं सूझा| I’m really sorry!” मैंने अपनी बाहें खोल दीं और ऋतू आ कर मेरे सीने से चिपक गई| मैंने उसे माफ़ कर दिया, पर काम्या की दोस्ती में ऋतू कुछ ज्यादा ही बिगड़ने लगी थी| कल रात जागने की वजह से मुझे नींद आ रही थी और हम ऐसे ही सो गए| शाम के 7 बजे होंगे की काम्या हमें उठाने आई| ऋतू दरवाजा खोलने गई और मैं बाथरूम जा रहा था| काम्या ने मुझे कच्छे में बाथरूम घुसते देख लिया और वो ऋतू को छेड़ने लगी| हम तैयार हो कर निकले तो ऋतू और काम्या को भूख लगी थी और उन्हें चाहिए था खाना| रोहित ने उन्हें समझाया की जो खाना है वो पब में ही खाना है| हम पब पहुँचे और रोहित ने हमारे लिए एक बूथ ले लिया| लड़कियों ने खाना मंगाया और रोहित ने ड्रिंक्स मेनू मेरी तरफ बढ़ा दिया| वो जानता था की मेरी पसंद बढ़िया है! अपने, ऋतू और काम्या के लिए हेनिकेन्स मंगवाई और रोहित को शो-ऑफ करना था तो उसने अपने लिए कोरोना मंगाई! म्यूजिक अभी बहुत स्लो था, लोग भी ज्यादा नहीं थे| तो बियर पीते हुए बातें शुरू हुईं;

रोहित: So how did you guys meet?


अब इस बारे में ऋतू मुझे पहले ही बता चुकी थी की उसने काम्या को क्या झूठ बोला है| मैंने भी ऋतू की बात को दोहरा दिया;

मैं: We met in a bus.

काम्य: Oh come on maanu ji! I’ll tell you the whole story. So actually it was a sunday morning and she was on her way to somewhere. She was sitting alone on the bus stand and that’s the first time he (manu) saw her. Then the bus came and they both took a seat but not together but at some distance. Manu ji was sitting a seat ahead of her and she was busy looking outside. Then an old auncle came and he (manu) offered his seat to them and stood. That’s the first time she saw him and they were constantly seeing eachothers. They got down at the same bust stand and he (manu) said ‘hi’ to her and she just smiled. Then they simply moved into different directions.

रोहित: What the hell? Why didn’t you guys talk? Didn’t even exchanged numbers?

काम्या: Story’s not over, you duffer! Then after few days they met again on the same bust stand and this time they were sitting next to each other on the bus. He (manu) started the conversation otherwise this dumbo (ritu) wouldn’t have uttered a word. And that’s how they came close!

ऋतू ये सब मुस्कुराती हुई मेरे बाएँ कंधे पर सर रख कर सुन रही थी| सच में बड़ी डिटेल में कहानी बना कर सुनाई थी उसने काम्या को|
josef
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update 38

धीरे-धीरे म्यूजिक लाउड हो रहा था और नौजवान लोगों का ताँता लगना शुरू हो गया था| बातें करते-करते कब चारों ने तीन-तीन बियर की बोतल ख़त्म कर दी पता ही नहीं चला| चूँकि हेनिकेन्स बड़ी स्मूथ बियर होती है तो हम चारों में से कोई भी नशे में नहीं था| एक हल्का सा सुरूर जर्रूर था| अभी सिर्फ 10 ही बजे थे और डी.जे ने अंग्रेजी गाने बजाने शुरू कर दिए थे और हमारे रोहित को बस एक ही सिंगर का नाम था और एक ही गाना पसंद था| वो गाना था जस्टिन बिबेर का; 'बेबी'| इन्होने अपनी फरमाइश कर दी और डी.जे. भाई ने बजा दिया... गाना! ये भाईसाहब अकेले थे जो खड़े हो कर झूम रहे थे! ऋतू ने मुझे कोहनी मारी और दिखाया की बाकी सब रोहित पर हँस रहे थे! हंसी तो मुझे भी आ रही थी पर मैं जैसे-तैसे हँसी झेल गया| इधर काम्या ने गुस्से में अपने लिए स्कॉच मँगा ली, मैं समझ गया की आज रायता जर्रूर फैलना है| अब स्कॉच देख कर ऋतू ने मेरी देखा, अब उसे मन नहीं कर सका| मैंने हम दोनों के लिए भी स्कॉच मंगाई पर ऋतू के 30ml को अपनी ड्रिंक में डाल कर 10 ml कर दिया! वो प्यार भरे गुस्से से मुझे देखते हुए बोली; That's not fair!" मैंने प्यार से उसके गाल को चूमा और कहा; "अब हो गया न फेयर?" ऋतू खुश हो गई और पूरा ड्रिंक एक बार में गटक गई| मैं हैरानी से उसे देखता रह गया पर उसके चेहरे पर प्राउड वाली फीलिंग थी| मानो जैसे इस तरह एक घूँट में सारा ड्रिंक पी कर उसने कोई तीर मारा हो| मुझे उसके ऐसा करने पर प्यार आ गया और ऋतू मेरे सीने से सर लगा कर बैठी रही|

इधर काम्या हम दोनों को देख-देख कर जल रही थी| उसने आधा ड्रिंक पिया, खड़ी हो कर डांस फ्लोर पर चली गई और रोहित के साथ नाचने लगी| मैं और ऋतू अब भी ऐसे ही बैठे थे और मैं धीरे-धीरे ड्रिंक कर रहा था| ऋतू बहुत शांत थी और स्कॉच का हल्का-हल्का असर उस पर आने लगा था| "जानू! आज मैं भी चिकन विंग्स खाऊँ?" उसने पूछा तो मैंने सीधा वेटर को बुलाया और चिकन विंग्स आर्डर कर दिए| इधर काम्या और रोहित तक कर वापस आ कर बैठ गए| रोहित ने भी अपने लिए स्कॉच मँगाई और धीरे-धीरे पीने लगा| 10 मिनट बाद चिकन विंग्स आ गए और सबसे पहले ऋतू ने एक पीस उठाया| मैंने ऋतू वाले पीस पर आधा निम्बू और निचोड़ दिया| पहली बाईट लेते ही ऋतू को मजा आ गया| निम्बू की खटास थी तो ऋतू को उबकाई नहीं आई वर्ण मुझे डर था कहीं वो उलटी न कर दे| "Wow! Its so yummy! मैंने अपने जीवन ले 19 साल बिना इसे खाय कैसे निकाल दिए?" ऋतू ने चटकारा लेते हुए कहा| ऋतू को चिकन खता देख काम्या आँखें फाड़े देख रही थी| | "मानु जी! आपने क्या जादू कर दिया रितिका पर? जिसे नॉन-वेग देख कर उलटी आती थी वो आज चिकन खा रही है|" काम्या ने मुझसे पूछा| "मैंने कुछ नहीं किया. मैडम जी को आज खुद खाने का मन किया|" मैंने सफाई देते हुए कहा| खेर हम तीनों का ड्रिंक खत्म हो चूका था और किसी ने डी.जे. से रोमांटिक गाने की फरमाइश कर दी| "दिल दियां गल्लां" जैसे ही बजा काम्या मुझे और ऋतू को खींच कर डांस फ्लोर पर ले आई| ऋतू को स्कॉच की थोड़ी-थोड़ी खुमारी चढ़ने लगी थी और डांस फ्लोर पर सभी कपल्स को देख उसने भी ठीक वैसे ही डांस करना शुरू कर दिया| शुरुआत में ऋतू मेरी तरफ मुँह कर के खड़ी थी और मेरे दोनों हाथ उसके कमर पर थे, ऋतू के भी दोनों हाथ मेरे दोनों कन्धों पर थे| हम दोनों बस धीरे-धीरे दाएँ से बाएँ हिल रहे थे|

मैं ऋतू की आँखों में खुमारी साफ़ देख पा रहा था और ऋतू मेरी आँखों में अपने लिए प्यार|

"दिल दियां गल्लां
करांगे नाल नाल बह के
आँख नाले आँख नू मिला के
दिल दियां गल्लां…"

मैं और दोनों ही गाने को लिप सिंक कर रहे थे और एक दूसरे की आँखों में खो गए थे| उस पूरे गाने के दौरान ना तो हमें किसी की परवाह थी न खबर| बस एक ऋतू और एक मैं.....

डी.जे. ने गाना खत्म होने के बाद जो गाना लगाया उससे तो माहौल और भी रोमैंटिक हो गया| अगला गाना था; All of me - John Legends का| गाना चेंज होते ही मैंने और ऋतू ने अपने डांस स्टाइल भी चेंज कर दिया|


मेरा बायाँ हाथ ऋतू की कमर पर था और उसका दाहिना हाथ मेरी कमर पर था| मेरे दाहिने हाथ में ऋतू का बायाँ हाथ था और अब हम अपने पैरों को लेफ्ट-राइट के साथ आगे-पीछे भी कर रहे थे| ऋतू इस गाने के बोल नहीं जानती थी इसलिए वो बस मेरी आँखों में देख रही थी| पर मैं गाने के सारे बोल जानता था और मैं वो गाते हुए ऋतू की आँखों में देख रहा था| गाने में जब ये लाइन्स आई;

Cause all of me

Loves all of you

Love your curves and all your edges

All your perfect imperfections

Give your all to me

I'll give my all to you

You're my end and my beginning

Even when I lose I'm winning

'Cause I give you all, all of me

And you give me all, all of you


मेरा हाथ ऋतू की गर्दन से लेकर कमर और फिर उसके कूल्हे तक गाने के बोल के साथ फिसलते हुए आ गया था| ऋतू उस गाने को समझते हुए अपने पंजों पर खड़ी हो गई मुझे Kiss करने को और मैं भी उस गाने में इतना खो गया था की मैंने ऋतू के होठों को पहले चूमा और फिर हमने फ्रेंच kiss की पर बहुत ही स्लो! हमें इस तरह किश करते हुए देख वहां सारे लौंडों और काम्या ने हल्ला मचा दिया| डी.जे. ने भी माइक पर अन्नोउंस कर दिया; "Give it up for this beautiful couple." ये सुन कर सब ने चिल्लाना शुरू कर दिया पर मैं और ऋतू उसी तरह passionately एक दूसरे को kiss करते रहे| 10 सेकंड बाद जब दोनों पर नशा कुछ कम हुआ और याद आया की हम बाहर हैं तो ऋतू शर्मा गई और मेरा हाथ पकड़ के मुझे खींच के वापस बूथ पर ले आई| वहाँ बैठते ही उसने अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा लिया और मेरे सीने से लग गई| मैं ऋतू के सर को चूमने लगा और उससे पूछा; "बियर चाहिए?" ऋतू ने बिना मेरी तरफ देखे हाँ में सर हिलाया| मैंने उसके लिए बियर और अपने लिए 60ml स्कॉच मँगाई! तभी काम्या और रोहित भी आ गए और काम्या ऋतू को गुदगुदी करते हुए छेड़ने लगी, ऋतू खिलखिला के हँसने लगी| रोहित ने भी अपने और काम्या के लिए ड्रिंक्स आर्डर की और खाने के लिए ड्रम्स ऑफ़ हेवन आर्डर किये| हम सब का आर्डर साथ ही आया, ड्रम्स ऑफ़ हेवन देख कर ऋतू मुझसे पूछने लगी की ये क्या है; "चिल्ली पोटैटो वाली सॉस में चिकन विंग्स को बनाया है बस|" ये सुनते ही ऋतू ने पीस उठा लिया और खुद ही उस पर नीम्बू निचोड़ा और बाईट ली| स्वाद उसे तो बहुत आया और बच्चों की तरह मुँह बनाने लगी| उसे इस तरह देख कर मैं बहुत खुश था और दुआ कर रहा था की हमारी इन खुशियों की किसी की नजर न लगे|

मैं उठ कर वाशरूम चला गया और वापस आया तब मुझे छत पर जाती हुई सीढ़ियाँ नजर आईं| मैं ने पहले तो एक बड़ा घूँट स्कॉच का पिया और फिर ऋतू का हाथ पकड़ के उसे खींच के उस तरफ चल दिया| काम्या और रोहित भी मुझे देख रहे थे की मैं और ऋतू कहाँ जा रहे हैं| हम दोनों सीढ़ियाँ चढ़ कर ऊपर पहुँचे तो वहाँ सारे कपल बैठे थे और नीचे के उलट यहाँ माहौल बिलकुल शांत था| वहाँ पर एक जगह थी जहाँ पर शीशे की एक रेलिंग थी और मैं और ऋतू वहीँ खड़े हो गए| रात की ठंडी-ठंडी हवा हमारे माथे को छू कर सुकून दे रही थी| ऋतू मेरे सामने खड़ी थी और मेरी बाहें उसके सीने पर लॉक थी| ऋतू ने अपने दोनों हाथों से मेरे बाजुओं को पकड़ रखा था| हम दोनों ही खामोश खड़े थे और सड़क पर आते-जाते ट्रैफिक को देख रहे थे| दस मिनट बाद रोहित हमें नीचे बुलाने आया, नीचे आ कर देखा तो काम्या डांस फ्लोर में नाच रही थी और उसने हमे फिर से अपने साथ डांस करने के लिए खींच लिया| तभी डी.जे.ने गाना लगाया; "Mercy" - बादशाह वाला और हम चारों पागलों की तरह नाचने लगे| 'Have mercy on me' वाली लाइन पर रोहित काम्या को कान पकड़ के गाने लगता| मैंने घडी पर नजर डाली तो रात के बारह बज गए थे, तो मैं वहाँ से धीरे से निकला और डी.जे को बताया की काम्या का बर्थडे है| “guys, we have a birthday girl in the house!” डी.जे. ने अनाउंसमेंट की और सब जोर से "Happy Birthday!!!" चिल्लाने लगे| पहले रोहित ने गले लग कर और kiss कर के काम्या को happy birthday बोला, उसके बाद ऋतू ने गले लग कर उसे birthday wish किया| अब मेरी बारी थी तो वो खुद ही आ कर मेरे गले लग गई और मैंने भी उसे Happy Birthday wish किया| हम चारों बूथ में बैठने जा रहे थे की रोहित हम तीनों को अपने साथ बार काउंटर पर ले आया और उसने चार शॉट्स आर्डर किये| बारटेंडर ने उन ग्लासों में वोडका डाली और फिर चारों गिलास में उसने 1-1 गोली डाल दी जो एक दम से घुल गई| "ये क्या है?" मैंने रोहित से पूछा तो उसने बोला; "एन्जॉय!!!" और उसने शॉट मारा, फिर काम्या ने मारा और इससे पहले की मैं ऋतू को रोकता उसने भी शॉट मारा और अब तीनों मुझे भी जबरदस्ती उकसाने लगे और मैंने भी शॉट मारा| पर रोहित बाज नहीं आया उसने फिर से रिपीट करवा दिया पर इस बार बारटेंडर ने सिर्फ मेरे और रोहित के गिलास में वो गोली डाली| इस बार में भी जोश में आ गया और चारों ने एक साथ शॉट मारा| मैंने वेटर को हाथ से इशारा कर के बिल मंगवाया और हम चारों अपने बूथ में बैठ गए| वहाँ अब भी मेरी आधी ड्रिंक राखी थी, जिसे ऋतू ने एक दम से उठाया और थोड़ा ही पी पाई थी की मैंने उसके हाथ से ड्रिंक ले ली और खुद एक साँस में खींच गया| वेटर बिल ले कर आया तो वो 10 हजार का निकला! बिल सुन कर तो ऋतू के कान खड़े हो गए पर बिल काम्या, मैंने और रोहित ने मिल कर बाँट लिया|
josef
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Re: काला इश्क़

Post by josef »

update 39

बिल पे हो चूका था पर हम चारों पर दारु की खुमारी चढ़ चुकी थी| उठने को जैसे जी ही नहीं चाह रहा था, कोई घर छोड़ दे बस यही दुहाई कर रहे थे सारे और ठहाके मार के हँस रहे थे| पाँच मिनट बैठे रहने के बाद मेरे दिल की धड़कन अचानक से तेज हो गई| अंदर एक अजीब सी फीलिंग हो रही थी| माथे पर पसीना आ गया और मैं हैरानी से ऋतू की तरफ देखने लगा| उसने वेटर से अपने लिए पानी मंगाया, प्यास से उसका गला सूख रहा था| इधर मेरे जिस्म में तूफ़ान खड़ा हो चूका था| लंड अचानक से अकड़ चूका था और मैं अपने आप ही ऋतू की तरफ झुक रहा था| मेरा मन अब उसे कस कर kiss करने को कह रहा था| इससे पहले की मैं उसे kiss करता काम्या ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे डांस फ्लोर पर खींच लिया| उस समय गाना चल रहा था; "तेरे लक दा हुलारा" और काम्या मेरे से चिपक गई और मुझे बहकाने के लिए अपने दोनों हाथों को मेरी गर्दन में डाल कर कस लिया| वो मुझे किश करने ही वाली थी की मैंने उसकी कमर को पकड़ा और उसे खुद से दूर कर दिया और मुड़ कर जाने लगा| पर उसने मेरा हाथ थाम लिया और अपने दाहिने हाथ से अपने कान को पकड़ के सॉरी कहने लगी| मेंरूक गया और तभी ऋतू आ गई और उसने मेरे करीब आ कर नाचना शुरू कर दिया| मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ लिया और खुद से चिपका लिया| गर्दन झुका कर उसके निचले होंठ को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा| ऋतू ने अभी अपनी दोनों बाहें मेरी पीठ पर चलानी शुरू कर दी| हम दोनों ही बेकाबू होने लगे थे और उधर हमारे आस-पास जो भी लोग थे सब चीख रहे थे; "Guys get a room!" पर हम दोनों पर इसका कोई असर ही नहीं पड़ रहा था| काम्या ने हम दोनों का हाथ पकड़ा और बाहर की तरफ खींचने लगी| अब एक तो शराब का नशा और ऊपर से जिस्म की आग! किसी तरह हम चारों लड़खड़ाते हुए बाहर आये और रोहित बुरी तरह चीखने लगा; "ओये!! ऑटो!!! बहनचोद!" अब उसकी इस हालत को देख कोई भी रूक नहीं रहा था| इधर काम्या की उलटी शुरू हो गई और वो एक नाली के पास झुकी उलटी करने लगी| ऋतू से भी खड़ा हो पाना मुश्किल हो चूका था, मैं लड़खड़ाते हुए रोहित के पास आया और उसके इस तरह गाली देने से कोई ऑटो रूक नहीं रहा था तो मुझे उस पर गुस्से आ गया|| मैंने उसकी गुद्दी पर एक चमाट मारी; "भोसड़ी के! ऐसे गाली देगा तो कौन रुकेगा?" मैंने जेब से फ़ोन निकाला पर उसमें साला कुछ ठीक से दिखे ही ना! फिर भी जैसे-तैसे उबर अप्प खोला अब ये ऍप बहनचोद अपडेट मांग रही थी और मेरा गुस्सा और बढ़ता जा रहा था| मेरा मन था की हम जल्दी से होटल पहुँचे और मैं ऋतू को बिस्तर पर पटक कर उस पर चढ़ जाऊँ! जब तक ऍप अपडेट हुआ मैं जी भर के गाली बकता रहा; "मादरचोद चल जा! अभी गांड मरानी है तुझे अपनी?" दो मिनट लिए उस ऍप ने अपडेट होने में और फिर बड़ी मुश्किल से राइड बुक हुई| मैंने फ़ोन जेब में डाला और वापस ऋतू के पास जाने को मुड़ा, मैंने रोहित का कॉलर पकड़ा और खींच कर उसे दोनों के पास ले आया| काम्या की उलटी अब बंद हो चुकी थी और वो और ऋतू एक खम्बे का सहारा ले कर खड़े थे| ऋतू तो मुझे देखते ही बेकाबू हो गई और लड़खड़ाते हुए मेरे पास आई और फिर से मेरे सीने से लग गई| इधर मेरा लंड बेकाबू होने लगा था, मैंने ऋतू को अपनी गोद में उठाया| ऋतू ने अपनी दोनों टांगें मेरी कमर के इर्द-गिर्द लपेट ली और मेरे ऊपर वाले होंठ को अपने मुँह में भर के चूसने लगी| मैं भी बेतहाशा उसके होंठों को चूस रहा था और अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी| हमारी देखा-देखि काम्या को भी जोश आ गया और वो रोहित से चिपक गई और दोनों बुरी तरह Kiss करने लगे| इधर हमारी कैब आ गई और ड्राइवर ने कॉल किया| "सर मैं लोकेशन पर हूँ, आप कहाँ हैं?" ड्राइवर ने पूछा|

"एक मिनट!" इतना बोलते हुए मैं ऋतू को इसी तरह गोद में लिए बाहर आया और पीछे ही काम्या और रोहित भी आये| मैंने पीछे का दरवाजा खोला और सब से पहले काम्या घुसी और फिर मैं जैसे-तैसे ऋतू को गोद में लिए बैठ गया| रोहित आगे बैठा था पर ड्राइवर की नजर मेरे पर थी| "चलो भैया" मैंने उसे कहा तो वो आगे चला| इधर काम्या मेरे नजदीक आ कर बैठ गई और अपना सर मेरे कंधे पर रख दिया| ऋतू पर तो सेक्स सवार हो चूका था और वो मेरी गर्दन के बायीं तरफ चूम रही थी| काम्या भी बहकने लगी थी और वो मेरी गर्दन के दाएं तरफ चूमना चाहती थी पर मैंने उसे ऊँगली से इशारा कर के मना कर दिया| मेरे दोनों हाथ ऋतू की पीठ पर चल रहे थे और लंड नीचे से ऋतू की गांड पर दस्तक दे रहा था| मैंने भी ऋतू की गर्दन की बायीं तरफ धीरे से काट लिया और ऋतू बस सिसक रह गई| होटल पहुँचने तक मैं बस उसकी गर्दन को चूमता रहा और ऋतू भी मेरी गर्दन को चूम रही थी| मुझे तो फिर भी थोड़ी शर्म थी की मेरे अलावा वहाँ तीन और लोग हैं पर ऋतू पूरी तरह बेकाबू थी और वो धीरे-धीरे मेरी गर्दन को चूमे जा रही थी| ट्रैफिक नहीं था तो हम जल्दी ही होटल पहुँच गए, ड्राइवर ने रोहित को हिला कर जगाया| काम्या दूसरी तरफ से उतरी और ऋतू भी मेरी गोद से उत्तरी और मैंने ड्राइवर को पैसे दिए और थोड़े एक्स्ट्रा भी दे दिए! लॉबी से कमरे तक हम चारों लड़खड़ाते हुए चल के पहुँचे|

रोहित और काम्या का कमरा पहले था और मेरा और रितिका कमरा आखिर में था| अंदर घुसते ही मैंने दरवाजे की चिटकनी लगाईं और ऋतू मुझ पर टूट पड़ी| वो फिर से मेरी गोद में चढ़ गई और सीधा अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी| ऋतू को अपने दोनों हाथों से थामे मैंने उसे बिस्तर पर ला कर पटक दिया| उसकी आँखों में देखते हुए मैंने अपनी कमीज के बटन जल्दी-जल्दी खोलने शुरू किये, फिर पैंट भी निकाल के फेंक दी और पूरा नंगा हो कर ऋतू के कपडे उतारने का वेट करने लगा| ऋतू ने भी फटाफट अपना ओप उतार फेंका, फिर अपनी ब्रा भी निकाल फेंकी| उसने अपनी जीन्स के बटन खोले और मैंने उसकी जीन्स खींच के निकाल दी और उस पर कूद पड़ा| ऋतू का जिस मेरी दोनों टांगों के बीच था और मैं उसके चेहरे को थामे उसके होंठ चूसने लगा| मेरे पास सब्र करने का बिलकुल समय नहीं था, इसलिए मेंने अगला हमला ऋतू की गर्दन पर किया| अपने दाँतों को ऋतू की गर्दन पर गाड़ के मैंने उसे जोर से काट लिया| "आअह!" कहते हुए ऋतू ने अभी अपने नाखून मेरी पीठ में गाड़ दिए| दर्द से ऋतू सीसिया रही थी पर मुझे तो जैसे उसके दर्द की कोई परवाह ही नहीं थी| मैं नीचे को आया और उसके बाएँ स्तन को अपने मुंह में भर कर अपने दाँत गड़ा दिए| अपने बाएं हाथ से मैंने ऋतू के दाएँ स्तन को मुट्ठी में भर कर उसे निचोड़ने लगा और उसके बाएँ स्तन को दाँतों से काट और चूसने लगा| मेरी उँगलियाँ ऋतू के दाएँ स्तन पर छप चुकीं थीं और मेरे दाँतों ने ऋतू के बाएँ स्तन को लाल कर दिया था| मैं नीचे आया तो पाया की उसकी पैंटी अब भी उसकी बुर को ढके हुए है| मैंने अपने दाएँ हाथ से उसकी कच्ची को पकड़ के खींचा पर वो फटी नहीं, मुझे गुस्सा आया और मैं ने जोर से उसकी पैंटी खींच कर निकाल फेंकी| ऋतू की पहले से गीली बुर मेरे आँखों के सामने थी, मैं जितना मुंह खोल सकता था उतना खोला और जीभ निकाल कर ऋतू की बुर को अपनी जीभ से ढक दिया| गर्म जीभ का स्पर्श मिलते ही ऋतू कसमसाने लगी| उसने अपने दोनों हाथों की उँगलियों से मेरे बाल पकड़ लिए और मेरे मुंह को अपनी बुर पर दबाने लगी| मैंने भी जीभ से पहले ऋतू के क्लीट को छेड़ा और फिर उसके बुर के कपालों को चूसने लगा| पर नीचे मेरे लंड की हालत बहुत खराब थी| खून का बहाव मेरे लंड पर बहुत तेज था और मेरे लंड में जलन होने लगी थी| लघभग १ मिनट की बुर चुसाई और फिर मैं ऋतू के ऊपर आ गया और अपने दाहिने हाथ से अपने लंड को पकड़ के ऋतू की बुर पर दबाने लगा| अभी सिर्फ लंड का सुपाड़ा ही अंदर गया था की ऋतू अपनी गर्दन को दाएँ-बाएँ पटकने लगी| पर मैं इस बार उसके दर्द की परवाह नहीं कर रहा था और धीरे-धीरे अपना लंड दबाते हुए उसकी बुर में पेल दिया| लंड धीरे-धीरे पूरा अंदर चला गया और ऋतू की बच्चेदानी से टकराया| अब मेरे लंड को आराम मिल रहा था और मैं कुछ देर ऐसे ही ऋतू पर पड़ा रहा| इसी टाइम में ऋतू की बुर ने भी खुद को मेरे लंड के अनुसार एडजस्ट कर लिया| दो मिनट बाद ही मेरे लंड में ताक़त आ गई और मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए| आज मेरे धक्कों में पहले के मुक़ाबले बहुत तीव्रता थी और हार ढ़ाके के साथ ऋतू के स्तन हिल रहे थे| ऋतू ने अपने दोनों हाथों के नाखून मेरी पीठ में गाड़ दिए थे जिससे मेरी गति और तेज हो चली थी| दस मिनट तक मैंने कस कर ऋतू को निचोड़ डाला था और हम दोनों ही पसीने से तर थे पर दोनों में से कोई भी अभी तक झडा नहीं था| मैं बिना अपना लंड ऋतू की बुर से निकाले ऋतू के बगल में लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया| ऋतू ने अपने हाथों से अपने बाल बांधे और तेजी से मेरे लंड पर उछलने लगी| पाँच मिनट में वो तक गई और मेरे सीने पर सर रख कर साँस लेने लग गई, पर उसके रूकते ही जैसे मेरे लंड ने उसकी बुर में फड़कना शुरू कर दिया था| मैंने अपने दोनों कूल्हे हवा में उठाये और नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए| ऋतू के स्तन थोड़े लटक गए थे और वो मेरे हर धक्के के साथ हिल रहे थे| पाँच मिनट से ज्यादा मैं भी इस पोजीशन पर नहीं टिक पाया और तक कर अपने कूल्हे नीचे टिका दिए| हैरानी की बात ये थी की ऋतू और मैं दोनों अब भी टिके थे!


अब माने ऋतू को अपने ऊपर से धकेल के दूसरी तरफ फेंक दिया और मैं बिस्तर से उठ खड़ा हुआ| जिस तरफ ऋतू के पाँव थे मैं उस तरफ पहुँचा और उसके पाँव पकड़ के उसे नीचे की तरफ खींचा| ऋतू उठ के बैठ गई और उसकी नजरों के सामने मेरा लंड लहरा रहा था| लंड थोड़ा चमक रहा था क्योंकि उस पर ऋतू के बुर का रस लगा हुआ था, मुझे आगे ऋतू को कुछ कहना नहीं पड़ा और उसने गप्प से मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया| कुछ ही सेकंड में उसने अपने मुँह में थूक इकठ्ठा कर लिया और मेरा पूरा लंड उसके गर्म थूक से नहा गया| ऋतू ने धीरे-धीरे मेरे लंड को निगलना शुरू कर दिया| उसके मुँह की गर्माहट मेरे लंड में हो रहे दर्द को आराम दे रही थी और मेरे हाथ अपने हाथ उसके सर पर आ चुके थे| धीरे-धीरे ऋतू मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले गई और ये देख कर मेरी आँखों के आगे सुकून से भरा अँधेरा छा गया| अब ऋतू ने धीरे-धीरे अपने मुँह को मेरे लंड पर आगे-पीछे करना शुरू कर दिया| मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं आँखें बंद किये इस मजे का आनंद ले रहा था| मुझे तो अपनी कमर भी नहीं हिलानी पद रही थी क्योंकि ऋतू इतनी शिद्दत से मेरे लंड को चूस रही थी| पाँच मिनट तक मैं उसके मुँह का आनंद अपने लंड पर लेता रहा| फिर मैंने खुद ही लंड बाहर निकाला और ऋतू को ऊँगली के इशारे से पलटने को कहा| ऋतू पलंग के ऊपर अपने घुटने मोड़ कर घोड़ी बन गई! मैंने अपने दाहिने हाथ की चार उँगलियों पर खूब सारा थूक निकाला और ऋतू की बुर में सारी उँगलियाँ एक साथ घुसा दि| ऋतू की बुर अंदर से गीली हो चुकी थी और मैंने अपने दोनों हाथों से ऋतू के दोनों चूतड़ों को पकड़ के एक दूसरे से दूर किया और उसकी बुर के छेद पर अपना लंड टिका दिया| मैंने एक जोरदसार शॉट मारा और पूरा लंड अंदर तक चीरता हुआ चला गया; "आह...हहहह…ममम...आअअ अ अ अ अ अ अ अ अह्ह्म्म मम ममममम" कर के ऋतू करहाने लगी| उसकी करहाने की आवाज सुन के मुझे थोड़ा होश आया और मैंने दायीं तरफ टेढ़ा हो कर उसके चेहरे की तरफ देखा तो वो गर्दन नीचे झुका कर सिस्क रही थी| मेरा लंड तो पहले ही पूरा का पूरा उसकी बुर में समां चूका था तो मैंने उसकी पीठ पर झुक कर उसके दोनों स्तनों को पकड़ लिया और अपने दोनों हाथ से मींजने लगा| मेरा ऐसा करने से दस सेकंड में ही ऋतू का दर्द कम हो गया और उसने अपने कूल्हों को पीछे धकेलना शुरू कर दिया| मैं उसका सिग्नल समझ गया और अपना लंड धीरे से बाहर निकाला और फिर धीरे से अंदर पेल दिया| 2-3 मिनट तक मैं ऐसे ही धीरे-धीरे धक्के मारता रहा पर ऋतू ने खुद कहा; "जानू!....स.स.स.स.स.स.स... तेज...और तेज!" उसकी बात मानते हुए मैंने अपनी रेल गाडी तेज कर दी और लंड तेजी से अंदर पेलना शुरू कर दिया| मेरे धक्कों की रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी; "अ.स.स.स.स.स्सा..अ.अ.अ.अ.हहह...नं.म.म.." की आवाज पूरे कमरे में गूँजने लगी थी| 10 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई और अब ऋतू की हालत खराब होने लगी थी| उसकी टांगें कांपने लगी थी और मेरे अगले धक्के के साथ ही वो बिस्तर पर पस्त हो कर गिर पड़ी| मेरा लंड उसकी बुर से फिसल कर बाहर आ गया था पर लंड की कसावट कम नहीं हुई थी| मैं बिस्तर वापस चढ़ा और ऋतू को पलट कर सीधा किया, वो बुरी तरह हाँफ रही थी पर झड़ी वो भी नहीं थी| पर मेरा लंड इतना अकड़ चूका था की उसका दर्द कम ही नहीं हो रहा था| मैं ऋतू की टांगें चौड़ी की और अपना लंड फिर से उसकी बुर में पेल दिया| अपनी कमर को फुल स्पीड से आगे-पीछे कर रहा था| मेरा लंड तो जैसे ऋतू की बुर में अपनी जगह बना चूका था और बड़ी आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था| अगले 20 मिनट मैंने ऋतू की फुल स्पीड चुदाई की, ऋतू के मुँह से तो जैसे शब्द निकलने ही बंद हो गए थे| वो मेरे हर झटके के साथ बस हिल भर रही थी| 20 मिनट बाद ऋतू के अंदर का ज्वालमुखी फटा; "आह..हहह...ननन...मममम..." करहाते हुए वो उठ के मेरे सीने से चिपक गई ताकि मैं और झटके ना मारु| पूरे एक मिनट तक वो चिपकी रही मुझसे और उसकी बुर से सारा रस बिस्तर पर टपक रहा था| पसीने से तरबतर हम दोनों एक दूसरे से चिपटे रहे, झड़ने के एक मिनट बाद ऋतू धड़ाम से वापस गिर गई| पर मेरे लंड को चैन नहीं मिला था, मैंने इतनी तेजी से झटके मारने शुरू किये की पूरा पलंग हिलने लगा था और 10 मिनट बाद मैं भी उस की बुर में झाड़ गया और पस्त हो कर बगल में गिर गया| साँस इतनी तेज चल रही थी की पूछो मत, पसीने से हाल बुरा था और बेचारी ऋतू में तो जान ही नहीं बची थी वो तो बेसुध हो चुकी थी|


घडी में 3:30 बजे थे, मतलब हम करीबन 1 घंटे भर से ताबड़तोड़ सेक्स कर रहे थे! अब तो इतनी भी जान नहीं थी की उठ के अपना लंड साफ़ कर सकूँ| आँखें कब बंद हुईं और कब सुबह हुई कुछ पता नहीं चला| सुबह 11 बजे नींद खुली जब भूख से पेट में 'गुर्रर' होने लगी| मैं उठा पर सर बहुत भारी था और आँखें तो जैसे खुल ही नहीं रही थी| मैंने उठ के ऋतू को देखा तो वो अब भी दोनों टांगें चौड़ी कर के पड़ी थी जैसे रात को मैंने उसे आखरी बार देखा था| मैंने उसका साँस चेक किया तो पाया की वो जिन्दा है!
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