Incest स्पेशल करवाचौथ

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josef
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by josef »

साहिल एक झटके के साथ खड़ा हो गया और तहखाने से बाहर की तरफ निकल गया। वहीं लीमा पीछे से उसे पुकारती रह गई।
आज फिर उसकी प्यास बुझते बुझते रह गई और उसका मूड पूरी तरह से खराब हो गया।

साहिल उपर अपने कमरे में अा गया और देखा की रूबी अपने योगा सेंटर जा चुकी थी। इसलिए वो भी जल्दी से तैयार हुआ और अपने ऑफिस की तरफ निकल गया लेकिन पहले रास्ते में उसने अपना मेक अप किया और फिर से अनूप बन गया था।

साहिल ऑफिस में घुस गया और उसे देखते हुए दुबे जी खुशी के साथ उसके पास आए और बोले

" बेटा कैसे हो ? देखो टेंडर का काम बहुत अच्छे से चल रहा हैं, देखना हम समय से काफी पहले ही ऑर्डर पूरा कर लेंगे।

साहिल ने उपर से नीचे तक दुबे को ध्यान से देखा और बोला:"

" हान आप सबकी मेहनत जरूर रंग लायेगी, बस एक बार ये टेंडर पास हो जाए फिर तो सब कुछ ठीक हो जायेगा। मैं ये टेंडर सिर्फ मजदूरों और आपके जैसे पुरानी साथियों के लिए पूरा का रहा हूं बस।

दुबे:" बेटा यही तो इंसानियत हैं, कितने गरीब और कमजोर लोगो के लोगो के परिवार पल जाएंगे।

साहिल:" अच्छा ठीक हैं, एक काम करो आप मुझे इस टेंडर से जुड़ी हुई सारी फाइल लाकर दो। मैं एक बार फिर से सब चेक करता हूं।

दुबे खुशी खुशी चला गया। अब साहिल ने प्लान किया कि वो सबसे पहले ये पता करेगा कि क्या रवि मिश्रा गोआ गया भी हैं या सच में वो धोखा दे गया है। लेकिन इसके लिए एक ही रास्ता है कि जो रूम उसके लिए बुक किया था उसके बारे में पता किया जाए।

साहिल दुबे से ये सब बाते नहीं कर सकता था और पूरी कंपनी में उसे दूसरा कोई अपना ऐसा वफादार नजर नहीं आया जिस पर वो यकीन कर सके।

साहिल सोच में पड़ गया कि ये कं किसको दिया जाए कि वो गोवा जाए और नीरज मिश्रा के बारे में पता करे। आखिरकार उसे एक रास्ता सूझा और उसने अपने दोस्त आरव का नंबर मिलाया।

साहिल:" आरव कैसे हो भाई ?

आरव :' मूड खराब है यार बहुत ज्यादा। बस कमरे पर पड़ा रहता हूं यार रेखा भाभी अपने पति के साथ गोवा घूमने गई है तो मुझे भी बोला था लेकिन पैसे के चलते नहीं जा सकता था। लेकिन उसके पति को ऑफिस के काम से वापिस आना पड़ा और वो अकेली ही वहां रुक गई है।

साहिल के लिए तो जैसे ये इच्छित वर मिलने वाली बात थीं। उसने मौके को भुनाते हुए कहा:

" अरे तेरा भाई किस दिन काम आएगा यार, मैं भेज देता हूं तुम्हे गोवा। बस मेरा एक काम कर देना यार।

आरव:" हान भाई बोल ना एक क्या मैं तो तेरे दो काम कर दूंगा। तू बोल तो सही भाई।

साहिल:" देख यार मैंने एक आदमी को अपने कंपनी के काम के लिए गोआ भेजा रहा लेकिन मुझे खबर मिली हैं कि वो गोवा गया ही नहीं है। मैं उसी आदमी के होटल में बराबर वाले कमरे ने तुम्हारा रूम बुक करा दूंगा। बस तुम्हे ये पता करना होगा कि वो वहां ही हैं या नहीं ?

आरव:" ये तो बहुत आसान सा काम हैं भाई। बताओ कब जाना होगा मुझे ? आज शाम को ही निकल जाऊ क्या ?

साहिल:" ठीक हैं, मैं तुझे टिकट और कमरा नंबर सब भेजता हूं, उस आदमी की फोटो भी, बस ध्यान रखना कि उसे शक नहीं होना चाहिए।

आरव:" तू चिंता मत कर भाई, मैं बहुत सावधानी के साथ ये सब काम कर दूंगा।

साहिल ने फोन काट दिया और अपने लैपटॉप से आरव का टिकेट बुक और कमरा बुक किया और आरव को भेज दिया। साथ ही साथ उसने रवि मिश्रा की कुछ फोटो भी भेज दी।

आरव खुशी के मारे उछल रहा था। वो जानता था कि अगला एक हफ्ता उसके लिए हनीमून से कम नहीं होगा।

साहिल अपनी चेयर पर बैठा हुआ कुछ सोच रहा था तभी दुबे जी फाइल लेकर अंदर अा गए। साहिल दुबे को जाने का इशारा किया और उसने एक प्लान करते हुए पुलिस स्टेशन में कॉल किया और इंस्पेक्टर को अपना नाम बताते हुए दुबे जी का नंबर बताया एयू उसकी कॉल डिटेल्स के लिए कहा।

अनूप का मार्केट में नाम ही नाम था बस। पुलिस वाले ने 8000 में मामला फाइनल किया और अगले एक घंटे बाद उसकी सारी कॉल डिटेल्स साहिल के पास थीं लेकिन किसी भी कॉल से ऐसा नहीं साबित हो रहा था कि साहिल के बाद दुबे जी ने किसी को भी कंपनी के बारे में कोई जानकारी दी हो या कुछ भी गलत बोला हो।

मतलब एक बात साफ थी कि प्रिया झूठ बोल रही थी। इसका मतलब साफ है कि जो बात उसे रूबी ने बताई थी वो बिल्कुल सही थी। अब बस उसे इंतजार था इस बात का कि आरव रवि मिश्रा के बारे में बताए।

धीरे धीरे शाम होने लगी। दूसरी तरफ रूबी दोपहर को घर अा गई और खाना खाने के बाद आराम कर रही थी। साहिल से उसने एक बार फोन पर बात करी तो साहिल ने उसे बताया कि वो आज बहुत ज्यादा बिज़ी हैं इसलिए रात को ही घर वापिस अा पाएगा।

आरव गोवा पहुंच चुका था और उसने सबसे पहले बराबर के कमरे में देखा तो पाया कि गेट बंद था। आरव की किस्मत बहुत अच्छी थी कि उसके ठीक सामने के कमरे में रेखा रुकी थीं । जैसे ही आरव ने रेखा को कॉल करके बताया कि वो गोवा अा गया है और मोहन होटल में रुका हुआ हैं तो रेखा ने उसे बताया और जल्दी ही दोनो बाहर कॉरिडोर में खड़े हुए थे।

आरव रेखा के कमरे में घुस गया और उसको बांहों में भर लिया। रेखा भी उसके अचानक आने से मस्त हो गई।

आरव:" अच्छा एक बात बताओ ये सामने वाले कमरे में कौन रुका हुआ हैं ?

रेखा:" पता नहीं, मुझे क्या करना कोई भी, तुम अा गए सब मिल गया।

आरव समझ गया कि रेखा उसे कुछ नहीं बता सकती क्योंकि उसे नहीं पता। एक किस करने के बाद आरव बाहर अा गया और घूमने लगा। रेखा उसके पीछे पीछे ही अा गई और उसके साथ साथ ही घूम रही थी, तभी कमरे का दरवाजा खुला और उसने देखा कि एक बुज़ुर्ग आदमी करीब 65 साल के आस पास कमरे से बाहर निकला और उसने इधर उधर देखा

रेखा को वो पिछले दो दिन से उसके पति और आज एक नए लडके के साथ देखकर हैरान हो गया । उसे समझते देर नहीं लगी कि रेखा ने अपना ब्वॉय फ्रेंड बुलाया है। उसके होंठो पर स्माइल अा गई और वो आज कल के जमाने के बारे में सोचने लगा और कमरे में ताला लगाने लगा। आरव ने एक सरसरी नजर उस पर डाली और एक ही बार में समझ गया कि ये रवि मिश्रा नहीं हो सकता।

बूढ़े आदमी ने अपना कमरा बंद किया और बाहर घूमने के लिए निकल गया।

उसके जाते ही आरव बोला:"

" रेखा मैं नहा लेता हूं जब तक तुम भी फ्रेश हो जाओ, उसके बाद चलते हैं समुन्द्र किनारे।

रेखा उसे स्माइल देते हुए अपने कमरे में घुस गई और आरव ने आते ही सबसे पहले साहिल को कॉल किया

साहिल:' हान आरव पहुंच गया क्या गोवा भाई ?

आरव:' पहुंच भी गया और रवि मिश्रा के बारे में भी पता कर लिया। रवि मिश्रा यहां आया ही नहीं हैं भाई , यहां उसके कमरे में कोई 65 साल का बूढ़ा आदमी हैं उसकी जगह।

साहिल को पहले से ही उम्मीद थी और अब वो समझ गया था कि रवि मिश्रा उसके साथ खेल खेल गया हैं। साहिल बोला

" आरव ठीक हैं भाई। अब उसे किसी भी तरह से शक नहीं होना चाहिए और ना ही तुम उसके बारे में आगे कुछ बात करोगे उससे और ना ही उसका पीछा करना हैं। अब तुम रेखा भाभी के साथ अपनी मस्ती करो।

आरव:" मैं समझ गया यार, लेकिन अगर टाइम हो तो तु भी आजा, दोनो भाई मिलकर रेखा को आगे पीछे से एक साथ बजाएंगे।

साहिल:" मन तो हैं यार लेकिन मेरी अपनी मजबूरी हैं। मैं नहीं अा सकता यार, अब बाद में बात करता हूं मैं।

इतना कहकर साहिल ने फोन काट दिया और उसके बाद आरव मस्ती से झूमता हुआ रेखा भाभी के रूम में घुस गया।
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badlraj
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by badlraj »

अपडेट पढ़कर मजा आ गया । कहानी मस्त जा रही है ।ऐसे ही अपडेट देते रहिये ।
josef
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Re: Incest स्पेशल करवाचौथ

Post by josef »

रूबी उठ गई थी और साहिल के बारे में सोच रही थी। उसका बेटा उसके लिए अपनी ज़िन्दगी दांव पर लगा चुका था। वो समझती थी कि अगर साहिल ना होता तो उसकी इज्जत अब तक कभी की नीलाम हो गई होती। या फिर उसे अपनी इज्जत बचाने के लिए मौत को गले लगाना पड़ता क्योंकि उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचने वाला था।

आज करवा चौथ था और रूबी ने अपने बेटे साहिल के लिए फास्ट रखा था लेकिन उसे बताया नहीं क्योंकि वो उसे पूरी तरह से सरप्राइज देना चाहिए थी।

रूबी को साहिल की फिक्र हो रही थी क्योंकि इतनी कम उम्र में जिस तरह के हालात का सामना वो कर रहा था ये सब उसके लिए बहुत ज्यादा घातक हो सकता था। इसलिए साहिल को थोड़ा सुकून और आराम मिलना जरूरी था और उसके लिए रूबी ने एक प्लान किया।

रूबी को भी घर में अकेले रहते हुए डर लग रहा था क्योंकि शांता कभी भी कुछ भी कर सकती थी इसलिए रूबी ने घर से बाहर निकलने का फैसला किया ताकि वो थोड़ा बाहर घूम आए और साथ ही साथ साहिल को भी एक सरप्राइज देगी।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और वो नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई। उसने अपने जिस्म के बालो को अच्छे से साफ किया और उसकी नजर उसकी जांघो पर पड़ी जहां अभी हल्के हल्के बाल अा गए थे।

रूबी की सांसे अपने आप तेज हो गई और उसने अपनी चूत पर से बालो को साफ करना शुरू किया। थोड़ी ही देर में उसकी चूत बिल्कुल साफ होकर चमक रही थी। रूबी के ध्यान से अपनी चूत को देखा तो महसूस हुआ की इतने सालो से चुदाई ना होने के कारण उसकी चूत के होंठ बिल्कुल मुलायम एयू सिकुड़ कर छोटे से हो गए थे।

रूबी ने प्यार से अपनी चूत के छेद पर उंगली फिराई तो उसके मुंह से खुद ही एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसकी आंखो मस्ती से बंद हो गई। उसने धीरे से एक उंगली को थोड़ा सा अन्दर डाला तो उसकी चूत के होंठ हल्के से खुल गए। रूबी का जिस्म मस्ती से कांप उठा और एहसास हुआ कि उसकी उंगली के मुकाबले साहिल की उंगली से कहीं ज्यादा मजा आ रहा था।

रूबी ने अपनी उंगली बाहर निकाली और अपने कमरे में अा गई। वो लेट नहीं होना चाहती थी क्योंकि अभी सात बज गए थे। उसने अपने पूरे जिस्म को शीशे में देखा और उसे अपने आप पर गर्व महसूस हुआ। उसका जिस्म पूरी तरह से सांचे में ढाला हुआ था बिल्कुल किसी फिल्मी हीरोइन की तरह या उनसे भी कुछ बेहतर। उसने एक मदमस्त करने वाला परफ्यूम उठाया और अपने पूरे शरीर पर छिड़क दिया।

रूबी ने अपनी एक हल्के पीले रंग की साड़ी निकाली और उसे पहन लिया। रूबी ने जान बूझकर आज नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनी। उसने अपना खूब अच्छे से मेकअप किया। उसने दोनो हाथो में साड़ी से मिलते हुए रंग की चूड़ियां पहनी और अपने होंठो पर गहरे चॉकलेटी रंग की लिपस्टिक लगाई।

उसने अपने आपको शीशे में देखा और खुशी खुशी अपनी साडी को हल्का सा नीचे किया तो उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर नजर आने लगी। रूबी समझ गई कि अब वो साहिल पर जादू चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई हैं।

रूबी ने अपनी साड़ी को ठीक किया और घर से बाहर जी की तरफ निकलने लगी तभी उसकी नज़र शांता पर पड़ी जो शायद घर के अंदर घुसने वाली थी।

शांता:" मैडम आप आज बहुत खूबसूरत लग रही हैं। आप कहीं जा रही है क्या ?

रूबी:" हान मेरी एक सहेली के बेटे के जन्मदिन हैं तो आज हम सभी वहां जा रहे हैं। आप अपने लिए कुछ बना लेना और हम आज खाना बाहर ही खायेंगे।

शांता:" जी ठीक हैं। मुझे भी ज्यादा भूख नहीं हैं तो मैं कुछ नहीं बनाऊंगी।

रूबी:" देख लेना आप अपने आप हिसाब से, वैसे आप मत बनाना, मैं आते हुए आपके किए कुछ खाने के लिए लेती आऊंगी। आपकी क्या पसंद हैं ?

शांता:" अरे नहीं बेटी उसकी कोई जरूरत नहीं, मुझे भूख नहीं हैं।

रूबी:" आज जब देखो मना ही करती रहती हो। बेटी किसलिए बनाया हैं फिर मुझे , आप चुप रहो और आराम करो। मुझे जो अच्छा लगेगा मै लेती आऊंगी

शांता मना करती रह गई और रूबी अपनी गाड़ी निकाल कर बाहर निकल गई।

साहिल को अब पूरी तरह से साफ हो गया था कि प्रिया नीरज से मिली हुई हैं। प्रिया और नीरज ने मिलकर दुबे को फसाने की कोशिश करी हैं ताकि मैं दुबे जैसे ईमानदार आदमी को भी खो दू और पूरी तरह से अकेला पड़ जाऊ।

साहिल अपनी सोच में डूबा हुआ था तभी उसका मोबाइल बज उठा। उसने देखा कि रूबी का फोन था।

साहिल:" अच्छा मम्मी कैसे हो ?

रूबी:" अच्छी हूं साहिल, बस तेरी याद अा रही थी बेटा। कब तक अा जाओगे तुम ?

साहिल:" बस मम्मी थोड़ी देर और उसके बाद निकल जाऊंगा। एक फाइल देख रहा हूं।

रूबी:" अच्छा तुम तो सिर्फ काम में लगे रहते हो, अपनी रूबी की कोई फिक्र हैं या नहीं तुम्हे ?

साहिल ने एक लम्बी सांस ली और बोला:"

" रूबी मेरी प्यारी रूबी तुमसे बढकर तो मेरे किए कुछ भी नहीं, खुद मैं भी नहीं। लेकिन आप तो जानती ही हो क्या हमारी ज़िन्दगी में क्या उठक पुथल मची हुई है

रूबी:" सब समझती हूं साहिल लेकिन मुश्किलों का मतलब ये तो नहीं कि हम जीना भूल जाए, स्माइल करना बंद कर दें।

साहिल:" मम्मी सच कहूं तो मै इस सबसे अब तंग अा चुका हूं। मुझे अच्छा नहीं लगता है सब शानो शौकत जो कभी हमारी थी ही नहीं, उसके लिए क्या लड़ना ?

रूबी:" मतलब तुम चाहते हो कि हम अपने आपको शांता यानी ज्योति के हवाले कर दे। अपने सभी दुश्मनों के आगे हाथ खड़े कर दे।

साहिल:" नहीं मम्मी बिल्कुल नहीं, लेकिन बात ये हैं कि को कुछ हमारा हैं ही नहीं उसके लिए क्यों खून खराबा करना ? लेकिन एक बात तो साफ हैं कि मेरे दिल में ज्योति के लिए हमदर्दी हैं। लेकिन नीरज को मैं किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने वाला।

रूबी:" बेटा हमे खून खराबा नहीं करना हैं, किसी भी तरह से हमे ज्योति को यकीन दिलाना होगा कि हम सब बुरे इंसान नहीं हैं। मैं खुद चाहती हूं कि ये सब माल पैसा ज्योति के हवाले किया जाए ताकि हम अपने बड़ों के द्वारा किए गए पापो का थोड़ा सा तो प्रायश्चित कर सके। लेकिन नीरज जैसे हरामखोरो से हमे हर हाल में ये जंग जीतनी ही होगी।

साहिल:" नीरज और एक एक साथी को मैं छोड़ने वाला नहीं हूं, चाहे तो प्रिया हो या रवि मिश्रा। अच्छा मम्मी मुझे आपको कुछ बताना था लेकिन फोन पर नहीं घर आकर।

रूबी ने गाड़ी को ऑफिस की तरफ घुमा दिया और बोली:"

" ठीक हैं अच्छा मैं फोन रखती हू, थोड़ा जल्दी आना घर, अच्छा एक बात बताओ आज खाने के क्या बनना हैं ?

साहिल:" कुछ भी जो आपको पसंद हो मम्मी, बस हो सके तो मेरे लिए चॉकलेट।

रूबी के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" लगता है तुझे चॉकलेट ज्यादा पसंद है साहिल। मैं तेरे लिए आज ही एक पूरा पैकेट मंगा लूंगी।

साहिल के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"

" ओह मम्मी बाहर की चॉकलेट अच्छी नहीं होती, मुझे तो घर में बनी हुई चॉकलेट खानी है जो आपने रात खिलाई थी। बताओ ना मम्मी मुझे आज फिर से चॉकलेट मिलेगी क्या ?

रूबी ने धीरे से एक हाथ अपनी चूत पर रखा और सहलाते हुए बोली:"

" तू एक बार अपने ऑफिस से बाहर तो निकल, आज तुझे ऐसी चॉकलेट खाने को मिलेगी कि रोज खाना चाहेगा।

रूबी एक बहुत ही अच्छे होटल के सामने अा गई थी और उसने अपनी गाड़ी को थोड़ा पीछे लगा दिया.

साहिल:" बस मम्मी निकल रहा हूं , सीधे घर।

रूबी:" जितनी जल्दी घर आएगा उतनी ही जल्दी चॉकलेट मिलेगी।और हान मेरे सामने अनूप बनकर तो बिल्कुल भी मत आना।

इतना कहकर रूबी ने फोन काट दिया और गाड़ी से निकल कर बाहर की तरफ अा गई और अपनी साडी को थोड़ा सा नीचे सरका दिया ताकि उसकी चूचियां अच्छे से उभर कर सामने अा जाए।

साहिल ने ऑफिस बंद किया और दुबे जी को बोला:"

" आप एक काम कीजिए काम खत्म करके घर चले जाना, मुझे कुछ जरूरी काम हैं।

इतना कहकर वो बाहर की तरफ निकल गया और अपनी गाड़ी में बैठ गया। साहिल ने पानी की बोतल निकाली और अपने चेहरे को साफ किया। फिर उसने पीछे से एक टॉवेल उठाया अपने चेहरे पर लगे पानी को साफ किया। उसने अपने आपको शीशे में देखा और पाया की वो पूरी तरह से अब साहिल बन गया था।
josef
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इससे पहले की गाड़ी आगे बढ़ती उसका मोबाइल फिर से बज उठा। उसने देखा कि रूबी का कॉल था

साहिल:" हान मम्मी क्या हुआ ?
बस निकल गया हूं।

रूबी:" अरे बेटे मेरे लिए आते हुए गुप्ता होटल से गुलाब जामुन लेते आना। मुझे बहुत पसंद हैं।

साहिल: ठीक हैं ले आऊंगा मैं। अब मैं निकल रहा हूं बाय।


रूबी के होंठो पर फिर से स्माइल अा गई और वो खुद अपनी गुप्ता के बाहर खड़ी हुई थी। उसने देखा कि उसके उपर हल्की गुलाबी रोशनी पड़ रही थी जिसमे वो और भी ज्यादा कामुक लग रही थी। रूबी ने अपनी साडी को नीचे किया और अपनी चूचियों को पूरी तरह से बाहर कि तरफ उभार दिया।

सामने एक गाड़ी आकर रुकी और रूबी की सांसे तेज हो गई। साहिल गाड़ी से बाहर निकला और होटल के अंदर की तरफ आया तभी अचानक से रूबी उसके सामने अा गई।

साहिल ने एक नजर अपनी मा को देखा और देखता ही रह गया। रूबी बेहद कामुक और सुन्दर लग रही थी। साहिल उसकी चूचियों के उभार को देखते ही रह गया।




साहिल को पहले तो कुछ समझ ही नहीं आया फिर उसके चहेरे पर स्माइल अा गई और उसके होंठ खुले और बोला:"

" मम्मी आप यहां . कितना अच्छा सरप्राइज दिया आपने मुझे ? आप सच में बहुत अच्छी लग रहा है। लव यू सो मच।

रूबी के होंठो हिले और बोली:"

" तुम्हे अच्छा लगा क्या साहिल मुझे यहां ऐसे देखकर ?

साहिल आगे बढ़ा और रूबी का हाथ चूम किया और बोला:"

" अच्छा नहीं बहुत जायदा अच्छा लगा मुझे। सच में रूबी तुमने मेरा दिल जीत लिया।

रूबी ने देखा कि सामने से कुछ लोग अा रहे हैं इसलिए उसने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और बोली:"

" अब यहीं खड़े रहोगे क्या, आओ अंदर चलते हैं।

रूबी चल पड़ी और उसके पीछे पीछे ही साहिल उसका हाथ पकड़े अंदर अा गया। अंदर घुसने से पहले रूबी ने अपने चेहरे को ढक लिया क्योंकि वो जानती थी कि उसे यहां लोग जानने वाले मिल जाएंगे। रूबी को ऐसा लग रहा था मानो वो घर वालो से चोरी छिपे अपने आशिक से मिलने अाई हो।

उसकी सांसे तेज हो गई थी और आंखे अपने आप लाल होना शुरू हो गई थी। रूबी और साहिल दोनो अंदर अा गए और एक कोने वाली खाली टेबल पर बैठ गए।

साहिल ने गुलाब जामुन का ऑर्डर किया और थोड़ी देर बाद ही लड़का गुलाब जामुन रख गया।

साहिल:" लो मम्मी अा गए आपकी पसंद के गुलाब जामुन।

रूबी :" तुम ही खाओ बेटा, मैं तो घर चल कर तुम्हारे हाथ से ही खाऊंगी।

साहिल हैरानी से:" अरे मम्मी खाओ भी आप, गर्म गर्म ही ज्यादा अच्छे लगते हैं। लाओ मैं खिला देता हूं।

तभी रूबी के होंठों पर स्माइल अा गई और बोली:"

" मैं तो आराम से तुम्हारी गोद में बैठकर खाऊंगी। तुम जल्दी से खाओ साहिल।

इतना कहकर रूबी फिर से स्माइल करने लगी। साहिल

:" क्या हुआ मम्मी ? बड़ी स्माइल अा रही आपको ?

इतना कहते हुए उसने अपना पैर रूबी के पैर पर रख दिया और सहलाने लगा। रूबी साहिल के पैर महसूस करते ही मस्त हो गई और बोली

" बस ऐसे ही हंसी अा गई किसी बेचारे पर, कहां कोई चॉकलेट खाने का सपना देख रहा था और अब देखो कैसे गुलाब से काम चला रहा हैं।

इतना कहकर रूबी ने अपने पैर के नाखून से साहिल के पैर में हल्का सा दबाव दिया तो साहिल ने अपने पैर को उठाकर सीधे रूबी की जांघो के बीच में रख दिया और सहलाते हुए बोला

:" चॉकलेट का तो मैं आज वो हाल कर दूंगा कि उसका सारा रस निचोड़ दूंगा रूबी।

इतना कहते उसने अपने अंगूठे को उसकी चूत पर दबा दिया। रूबी की चूत में चिंगारी सी दौड़ गई और उसने साहिल के पैर को अपनी जांघो के बीच में कस लिया और बोली:"

" चुप कर बदमाश तुझे आज कुछ नहीं मिलने वाला, बड़ा आया सारा रस निचोड़ने वाला

रूबी ने अपने होठों पर जीभ फेरते हुए फिर से अपनी जांघो को थोड़ा सा खोल दिया और साहिल ने मौके का फायदा उठाते हुए अपने अंगूठे से उसकी चूत को सहलाना शुरू किया।

रूबी को झटके पर झटके लग रहे थे और बड़ी मुश्किल से अपने आप पर काबू कर रही थी। रूबी ने इशारे से साहिल को मना किया लेकिन साहिल और ज्यादा जोर से उसकी चूत सहलाने लगा।

रूबी ने थोड़ा सा आगे हुई और बोली:"

" मत कर साहिल अभी से ये सब, कहीं ऐसे ही यहीं चॉकलेट पिघल जाए और तुझे रस भी चाटने को ना मिले।

साहिल:" ओह रूबी पिघलने दो ना, जितनी ज्यादा रसीली होगी उतना ज्यादा मजा आएगा। वैसे एक बात कहूं

रूबी:" हान बोलो ना साहिल ?

साहिल:" मम्मी मैं समझता हूं कि वो चॉकलेट नहीं कुछ और हैं,

रूबी की आंखे लाल सुर्ख हो गई थी और चूत पूरी तरह से भीग गई थी। रूबी ने इधर उधर देखा तो उसने देखा कि कोई उनकी तरफ नहीं देख रहा था। रूबी ने सुकून की सांस ली और उसे साहिल की हिम्मत पर आश्चर्य हो रहा था यहां इतने लोगो के बीच वो अपनी मा से कितनी सेक्सी बाते कर रहा था। रूबी थोड़ा धीमे से बोली:*

" चॉकलेट नहीं हैं तो फिर क्या हैं?

साहिल ने अपने पैर के अंगूठे को रूबी के पेटीकोट में फसा दिया और एक झटके के साथ खोल दिया। रूबी के मुंह से आह निकलते निकलते बची और उसके चेहरे पर हैरानी सी अा गई। हाय भगवान ये मेरे बेटे ने क्या कर दिया, कमीने ने इतने लोगो के बीच ही मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।

साहिल ने धीरे से अपने पैर से उसके पेटीकोट को हल्का सा नीचे सरका दिया और उसकी जांघो के बीच में अपना पैर घुसा दिया। रूबी की नंगी चूत पर जैसे ही साहिल के पैर की ऊंगली छुई तो रूबी ने अपने आप अपना पैर साहिल की जांघो पर रख दिए। साहिल पूरी तरह से आगे खिसक गया और उसने अपने अंगूठे को रूबी की चूत पर रगड़ दिया और बोला:"

" मम्मी बताओ ना ये क्या हैं ? देखो कितनी अच्छी और मुलायम हैं बिल्कुल रस से भरी हुई, बताओ ना मम्मी मुझे।

रूबी की हालत पूरी तरह से खराब हो गई थी और उसकी चूत से रस टपक रहा था। रूबी थोड़ा सा आगे सरक गई और बोली:"

" आह साहिल, मुझे क्या पता, देख ना कितनी गीली हो गई है, हाय मेरी जांघं भी भीग गई है।

साहिल ने अपने अंगूठे को उसकी चूत के छेद पर टिका दिया और हल्का सा दबाव बढ़ाते हुए बोला:'

" मम्मी ये तो पूरी भीग गई है, आह क्या आपको सच में नहीं पता कि ये क्या हैं ?

रूबी अपनी चूत के मुंह पर अपने बेटे का अंगूठा महसूस करके पूरी तरह से बहक गई और बोली:'

" हाय साहिल, नहीं पता पर ये बहुत गीली होती हैं बेटा, देख ना कैसे पूरी भीग गई है मेरी ,

साहिल ने अपने दोनो हाथ टेबल पर टिका दिए और उसके करीब मुंह करते हुए हुए बोला

" चूत, हाय मेरी मम्मी, इसको चूत कहते हैं। मेरी रूबी की चूत, मेरी मा की चूत, कितनी गीली और चिकनी चूत।

रूबी अपने बेटे के मुंह से चूत सुनकर पागल सी हो गईं और अपनी चूत को उसके अंगूठे पर रगड़ते हुए सिसकी:"

" आह साहिल, है भगवान कितना गंदा हो गया हैं तू, उफ्फ बेटा, साहिल उफ्फ उई मा, घर चले क्या ?
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