Adultery चूत लंड की राजनीति

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josef
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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अब तक आपने पढ़ा की शमित को अपनी असली मा ज्योति के बारे मे पता चला और अब वो ज्योति को चोद कर बदला लेना चाहता था इसलिए डॉली से ज्योति को टॉपलेस करवाया और फिर ज्योति को नीचे के कपड़े खोल कर पूरा नंगा होने को बोला.
अब आगे…
ज्योति ने शमित की और देखते हुए बिना पालक झपकाए अपने पेटीकोट की डोरी खोल दी और पेटीकोट नीचे कदमो मे गिर गया और पैंटी मे आ गयी. ज्योति की नज़रे शमित के चेहरे पर थी जिस पर कोई शिकन नही थी.

ज्योति के साथ साथ डॉली को भी बहुत दुख हुआ. फिर ज्योति ने अपनी पैंटी भी खोलते हुए अपने दोनो बच्चो के सामने पूरी नंगी खड़ी हो गयी थी. डॉली ने तो एक बार अपनी आँखें ही बंद कर ली.’

शमित: “शरमाओ मत मा. ज़रा अपनी चूत को अच्छे से दिखाओ”

ज्योति ने अपने पाव थोड़े चौड़े कर लिए और फिर शमित के कहने पर अपनी एक टाँग उठा कर दूसरे से दूर कर अपनी खुली चूत भी दिखाई.

शमित: “अब आकर मेरा लंड चूस लो मेरी मम्मी”

ज्योति अब पूरी नंगी आगे बढ़ी और शमित के सामने आकर घुटनो के बल बैठी और शमित की पैंट खोला. शमित का कड़क लंड अंडरवेर से एक झटके मे उछलता हुआ बाहर आ गया. ज्योति ने फिर लंड बाहर पकड़ लिया.

शमित: “ज़्यादा सोचो मत, डाल दो अपने मूह मे”

अगले ही पल शमित का लंड ज्योति के मूह मे समा गया और शमित की एक गहरी आ निकली. डॉली गंभीरता से वो नज़ारा देख रही थी. ज्योति शमित का लंड अपने मूह मे अंदर बाहर कर चुस्ती रही और शमित की आहें निकलती रही.

शमित: “कैसा लगा रहा हैं मम्मी! पापा का लंड तो आपने चूसा ही होगा, वैसा ही स्वाद आ रहा हैं ना!”

पीछे खड़ी डॉली ने अपनी नज़रे फिरा ली. शमित ने उसको देखा और उसको टोक दिया.

शमित: “डॉली, तुमने अपनी आँखें क्यू बंद कर ली. तुम्हारी भी मम्मी हैं यह, देखो कैसे जबरदस्त लंड चुस्ती हैं. तुम भी सीखो कुच्छ इनसे”

डॉली ने ना चाहते हुए भी उसको पालने वाली मम्मी के नंगे बदन को देखा जो भारी मन से शमित का लंड चूस रही थी.

ज्योति ने शमित का लंड छपर्र छपर्र करते हुए चूसना जारी रखा और डॉली यह सब देख तड़पति रही. शमित के लंड का थोड़ा पानी भी निकलने लगा था. मगर ज्योति फिर भी नही रुकी.

शमित: “मेरे लंड का दूध निकाल दिया मेरी मा ने, जब की मैं इनके मम्मे को चूस कर दूध नही निकाल पाया. कोई बात नही, अब मैं इनकी चूत का दूध निकालता हूँ”

शमित ने ज्योति का सर पकड़ा और अपने लंड से दूर किया. शमित का लंड चिकना हो चुका था.

शमित: “मेरा लंड गंदा कर दिया आपने मम्मी. अब आप इसको चाट कर सॉफ करो”

ज्योति ने शमित का लंड अपने हाथ मे पकड़ा और ज़ुबान बाहर निकाल कर चाटने लगी. शमित इस बीच ज़ोर ज़ोर से नकली आहें भरता रहा और ज्योति को अपमानित करता रहा जब तक की लंड पूरा सॉफ नही हो गया.

इस दौरान डॉली अपनी आँखों पर हाथ रखे इस गंदे दृश्य को देखना नही चाहती थी पर शमित ने उसको देखने को मजबूर किया और डॉली को वो सब देखना पड़ा.
josef
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शमित: “चलो मम्मी अब आप घोड़ी बन जाओ”

ज्योति अपने घुटनो और हाथ के पंजो के बल बैठ कर घोड़ी बन गयी. ज्योति के बड़े बूब्स उसकी छाती से लटक गये. शमित पास मे आया और अपनी उंगलिया ज्योति की नंगे बदन पर फेरने लगा.

फिर अपनी उंगलिया ज्योति की गान्ड की दरार मे फेरने लगा और गान्ड के गाल भी थोड़ा दबा कर देखने लगा. दूसरे हाथ से ज्योति के लटके बोबोस को दबाने और दबोचने लगा.

शमित ने अपनी एक उंगली अचानक से ज्योति की गान्ड के छेद मे उतार दी और ज्योति की एक आ निकल गयी. यह देखकर डॉली भी थोड़ा ऊच्छल पड़ी. शमित ने अपनी उंगली को ज्योति की गान्ड मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. ज्योति भी गुदगुदी के मारे हल्की सिसकी मार रही थी.


शमित: “क्या हुआ मम्मी, कभी अपनी गान्ड मे उंगली नही करवाई क्या!”

शमित ने एक हाथ से ज्योति के बूब्स को दबाना अभी भी जारी रखा था. फिर अपनी उंगली ज्योति की गान्ड से बाहर निकाली और घोड़ी बनी हुई ज्योति के सामने पैर चौड़े कर लेट गया.

शमित: “चलो मम्मी, अब मेरी गोटिया को चाटो”

शमित ने अपने पाव खोल कर अपने लंड को ज्योति की चूत के सामने कर दिया. डॉली अपन सर ना मे हिला रही थी. ज्योति ने सर नीचे करते हुए अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और शम्मित की गोटियो को चाटना शुरू कर दिया.

शमित का लंड फिर से कड़क होने लगा और गोटिया भी कड़ी होती रही. शमित “आ, अया, मज़ा आ रहा हैं मम्मी, करते रहो “ बोलता रहा. ज्योति कुच्छ देर तक शमित की गोटियों को चाटती रही.

शमित ने ज्योति को फिर वहाँ पड़े सोफे पर उपर टांगे कर बैठा दिया. दोनो पाव चौड़े हो गये और ज्योति की बालो भारी चूत खुल गयी. शमित ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और चूत की दरार मे नीचे से उपर की तरफ एक बार चाटा.

ज्योति ने एक गहरी साँस ली और उसकी आवाज़ सबको सुनाई दी. शमित ने अपनी उंगली से ज्योति की चूत के बाहरी हिस्से को रगड़ा.

शमित: “चूत पर बाल बहुत हैं आपके मम्मी. लगता हैं आपको कोई रेग्युलर्ली चोदता नही हैं. डॉली तुम अपनी चूत दिखाओ”

डॉली ने थोड़ी हिचकिचाहट के साथ अपनी लेगिंग नीचे की और अपनी चूत दिखाई जो सफाचट थी.

शमित: “देखो मम्मी, तुम्हारी बेटी ने चूत कैसी सॉफ रखी हुई हैं”

डॉली ने अपनी लेगिंग फिर से उपर कर दी. शमित ने थोड़ी देर और ज्योति की बालो भरी चूत पर हाथ रगड़ते हुए सहलाया. फिर अपनी उंगली थोड़ी से चूत के छेद मे उतार कर हल्का सा अंदर बाहर किया.

ज्योति की चूत गीली हो चुकी थी और उसकी आहें निकलने लगी. शमित ने फिर अपनी उंगली पूरी जितना चूत के अंदर उतार सकता था उतनी अंदर उतार दी. ज्योति की आँख बंद हो गयी और गहरी साँस लेने लगी.

शमित: “मम्मी, मज़ा आ रहा हैं ना!”

मगर ज्योति ने कोई जवाब नही दिया क्यू की सारे जवाब ज्योति की आहों से आ रहे थे. शमित ने अपनी पूरी उंगली को ज्योति की चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया तो ज्योति की लगातार आआहएं बढ़ने लगी.

शमित: “देखो तो मम्मी के मम्मे कितने टाइट हो गये हैं और रोंगटे खड़े हो गये हैं. डॉली इसका क्या मतलब हैं ज़रा बताओ तो?”

डॉली थोड़ा सकुचा सी गयी. मगर शमित ने उसको फिर से पूछा तो डॉली को जवाब देना पड़ा.

डॉली: “मम्मी की चुदने की इक्षा हो रही हैं”
josef
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शमित: “तो मुझे अब क्या करना चाहिए ज़रा बताओ डीटेल मे”

डॉली: “तुम अपना लंड … अपनी मम्मी के अंदर डाल दो .. और अपनी मम्मी को चोदने की तमन्ना पूरी कर लो”

शमित: “मम्मी को तो मेरी उंगली से चुदने मे ही मज़ा आ रहा लगता हैं.”

ज्योति: “मुझे चोद कर अपनी नफ़रत ज्योति ले, क्यू तिल तिल कर तडपा रहा हैं”

शमित: “मैं इतने सालो तडपा हूँ मम्मी, आपको तो कुच्छ ही मिनिट्स हुए हैं तड़पते हुए”

शमित ने थोड़ी देर और अपनी उंगली ज्योति की चूत मे की और ज्योति की आहें निकालता रहा. फिर फाइनली उसने अपनी उंगली को ज्योति की चूत से बाहर निकाला. ज्योति की चूत ने अपना काफ़ी जूस छोड़ दिया था. शमित की उंगली सफेद गाड़े जूस से लिपट गयी थी.

शमित: “मैने मम्मी की चूत का दूध निकाल दिया. अब मैं मम्मी को चोदुन्गा”

शमित घुटनो के बल खड़ा हो गया और ज्योति की दोनो चौड़ी टाँगो के बीच आ गया. वो ज्योति को चोदने को तैयार था. शमित ने अपने लंड की टोपी को ज्योति की चूत के बाहर घुमाया. फिर अपना लंड पीछे खींच लिया.

शमित: “अया .. मम्मी की चूत के बाल काँटे की तरह मेरे लंड को चुभ रहे हैं”

शमित ने एक बार फिर से अपने लंड की टोपी को ज्योति की चूत की दरार पर रगड़ा और ज्योति की हल्की हल्की आहें निकल ने लगी.

शमित: “मम्मी तो चुदने के लिए तड़प रही हैं. एक दिन इन्होने खुद मुझे इस चूत से बाहर निकाला था, और आज मेरे शरीर को अपनी चूत मे फिर से डालना चाह रही हैं. बोलो मम्मी चोद दूं आपको?”

शमित अपने लंड की टोपी को ज्योति की चूत की दरार पर फेरता रहा. लंड को थोड़ी टोपी चूत की दीवार के अंदर भी गयी. ज्योति की हल्की हल्की सिसकिया चालू ही थी.

शमित: “मम्मी की चूत के बाल देखकर चोदने की इक्षा नही हो रही हैं. मेरा मूड खराब हो गया हैं. डॉली चलो रेज़र लाओ और हमारी मम्मी की चूत के बाल सॉफ कर दो”

डॉली थोड़ी सकपकाई. शमित ने उसको इशारा किया तो डॉली एक रेज़र ले आई और चौड़ी टांगे किए बैठी अपनी मम्मी ज्योति की चूत के बाल सॉफ करने लगी.

शमित लगातार डॉली को बता रहा था की कहाँ से बाल सॉफ करने हैं और कैसे करने हैं. डॉली का दिल नही मान रहा था पर फिर भी ज्योति की चूत के बाल सॉफ करती रही. डॉली ने ज्योति की चूत के सारे बाल सफाचट करे दिए.

शमित: “ज़रा अपनी मम्मी की चूत चाट कर देखो, कोई बाल रह तो नही गये जो चुभ रहे हो”

डॉली: “तुम्हे जो करना हाँ वो करो, मैं ऐसा नही कर सकती”

शमित: “तुम मुझे मना कर रही हो?”

शमित ने घूर कर डॉली की आँखों मे देखा. डॉली ने भी शमित की आँखों मे देखा. फिर डॉली ने अपनी नज़रे हटाई और फिर से नीचे बैठ कर अपना सर ज्योति की दोनो टॅंगो के बीच घुसा कर ज्योति की चूत को चूमा और फिर पीछे हट गयी.

शमित: “वेलडन! बहुत अच्छी सफाई की हैं. अब आप उठ जाओ मम्मी. बालो वाली चूत ज़्यादा सेक्सी लग रही थी, यह सॉफ सुधरी चूत चोदने मे मज़ा नही आएगा”

शमित वहाँ से हट गया. ज्योति उठ बैठी. डॉली को भी आश्चर्य हुआ. शमित ने अपने कपड़े पहनना शुरू कर दिया. ज्योति ने भी अपने कपड़े पहन लिए. ज्योति अपने कपड़े पहन पाती उसके पहले ही शमित ने अपने कपड़े पहन लिए.

ज्योति: ” शमित, मैं मानती हूँ की तू मुझसे नफ़रत करता हैं. अपनी भडास निकालने के लिए तूने जो बोला मैने करने दिया. अब मेरी बात सुन, मुझे माफ़ कर दे और मेरी ज़िंदगी मे फिर से आजा”

शमित: “अभी मेरी नफ़रत ख़त्म नही हुई हैं”

ज्योति: “तू मुझे चोदना चाहता हैं तो चोद ले. और क्या चाहिए?”

शमित: “चोदना होता तो अब तक चोद चुका होता”

ज्योति आवाज़ लगाती रह गयी और शमित वहाँ से निकल गया. ज्योति ने बाद मे कपड़े पहने और और वो भी वहाँ से चली गयी.
डॉली खुश थी की शमित ने ज्योति को नही चोदा पर दुखी भी थी जिस तरह से उसने ज्योति को अपमानित किया था. एक ही सांतवना थी की उसको अब शमित मिल जाएगा.


अगले एपिसोड मे पढ़िए शमित क्या चाहता था.

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josef
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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अब तक आपने पढ़ा की ज्योति के पहले नाजायज़ बच्चे शमित ने उसको नंगा कर खूब मज़े लिए और बिना चोदे ही चला गया.
अब आगे…

उसके बाद शमित अचानक से गायब ही हो गया. डॉली ने शमित को ढूँडने की कोशिश की पर वो नही मिला. कुच्छ दीनो बाद खुद शमित ने डॉली को फोन लगाया जो कोई इंटरनॅशनल नंबर था.

डॉली: “अर्रे तुम हो कहा? अपनी मा की चूत के मज़े लेकर गायब ही हो गये!”

शमित: “मुझे पता था तेरी चूत भी मेरे लंड के लिए तड़प रही होगी, इसलिए फोन किया. मैं तुमसे बहुत दूर आ गया हूँ”

डॉली: “तुमने अपनी मम्मी के साथ जो भी किया वो ठीक नही था. जैसी भी हैं, वो तुम्हारी मा हैं, वो मजबूर थी. उनको इस तरह जॅलील नही करना चाहिए था. वो अगर तुमसे प्यार नही करती तो तुम्हे अपने साथ इतनी ज़्यादती नही करने देती”

शमित: “तुम्हे बड़ा प्यार आ रहा हैं मेरी मम्मी पर”

डॉली: “भले ही उन्होने मुझे जनम नही दिया हैं पर उन्होने मुझे पाला हैं और मैं उनको अपनी मा मानती हूँ. एक बेटा अपनी मा को कैसे चोद सकता हैं!”

शमित: “वो मेरी मा नही हैं”

डॉली: “तुमने उनकी कोख से जनम लिया हैं और यह बात कोई नही बदल सकता हैं”

शमित: “मैने जितना सोचा नही था तुम उस से ज़्यादा बेवकूफ़ निकली. लड़के अपने लंड से सोचते हैं यह सुना था पर तुम्हे देखकर यकीन हुआ की लड़किया भी चूत से सोचती हैं. सिर्फ़ मेरा नाम शमित हैं यह सुनकर तुमने यह डिसाइड कर लिया की मेरे मा बाप का नाम शांतनु और ज्योति हैं!”

डॉली: “क्या मतलब?“

शमित: “मुझे तो पता भी नही था की तुम्हारी मम्मी ज्योति की कोई नाजायज़ औलाद भी थी जिसको उन्होने बचपन मे ही छोड़ दिया था. तुमने खुद मुझे वो स्टोरी सुनाई, यह समझ कर की मैं ही उनका खोया हुआ बेटा हूँ. क्या मैने एक भी बार कहा की मेरे पापा और मम्मी का नाम शांतनु और ज्योति हैं?”

डॉली: “तो फिर तुमने मेरी हा मे हा क्यू मिलाई?”

शमित: “मैं तो तुम्हे सबक सिखाने आया था.”

डॉली: “कैसा सबक! कौन हो तुम?”

शमित: “सुहानी याद हैं या भूल गयी?”

डॉली: “तुम सुहानी को कैसे जानते हो?”

शमित: “सुहानी तुम्हारे पति कौशल की बहन थी, फिर भी तुमने उसके साथ इतना बुरा सलूक किया. मैं सुहानी का बाय्फ्रेंड हूँ. तुमने उसके साथ जो भी किया उस से वो डिप्रेशन मे चली गयी. उसी का बदला तुमसे लेने आया था”

डॉली: “क्या! तो फिर तुमने मेरी मा को बीच मे क्यू घसीटा”

शमित: “यह मा बेटे वाला आंगल तुमने मुझे बोनस मे दे दिया तो मैने भी सोचा थोड़ा फ़ायदा उठा लिया जाए. मेरा असली प्लान तो कुच्छ और ही था”

डॉली: “तुम्हे पता भी हैं उस सुहानी के बाप आरके ने मेरे परिवार के साथ क्या किया था?”

शमित: “तुम्हारे परिवार के साथ जो भी बुरा हुआ वो आरके ने किया, पर सज़ा तुमने बेकसूर सुहानी को भी दी”

डॉली: “मैने सुहानी को मोहरा बना कर आरके को दर्द दिया था”

शमित: “ठीक वैसे ही तुमको दुख पहुचाने के लिए मैने तुम्हारी मा ज्योति का इस्तेमाल किया. याद हैं तुमने सुहानी को उसके बाप के सामने चुदने को मजबूर किया, फिर आरके को उसकी बेटी सुहानी की चूत चाटने पर मजबूर किया था”
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