क्रेजी ज़िंदगी

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Re: क्रेजी ज़िंदगी

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हम क्लास में टॉप करने और फिर अमेरिका जाने की ही फ़िराक में रहते थे, लेकिन थोड़ी - बहुत मस्ती भी कर लिया करते थे।
‘हम ट्राय करें?’
‘तुम गांजा पीना चाहती हो? अभी?’ उसने हैरत से कहा।
‘हाँ। क्या एक अच्छी हिंदुस्तानी दुल्हन को अपनी शादी से तीन दिन पहले स्मोक नहीं करना चाहिए?’
‘नहीं, नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं है।’
‘क्या यह बहुत ज्य़ादा फ़ेमिनिज्म़ नहीं हो जाएगा?’
‘नहीं सुषमा, वो बात नहीं है। लेकिन यहाँ हमारे रिश्तेदार है।’
‘अंजुना में तो कोई नहीं है ना? देखते हैं तुम मेरे लिए कुछ गांजा ला पाते हो या नहीं।’
‘ठीक है, मुझे पंद्रह मिनट का वक्त दो।’

‘यहाँ चट्‌टानों के पीछे चले आओ। यहाँ हमें कोई नहीं देखेगा।’ राज ने कहा, जबकि मैं चिलम में सुट्टा मार रही थी।
हम कर्लीज़ को छोड़कर अंजुना बीच के एक सुदूर कोने पर चले आए थे। राज ने तीन चिलम तैयार कर रखी थीं। हमने पहली शुरू की।
‘तुमने पहले यह किया है?’
‘नहीं, लेकिन मैं हमेशा से ट्राय करना चाहती थी।’
‘आहिस्ता आहिस्ता।’
हर सुट्‌टे के बाद मेरा दिमाग और रिलैक्स होता जा रहा था और मेरे सेंसेस सुन्न पड़ते जा रहे थे। अब राज भी अजनबी नहीं लग रहा था।’
‘वॉव, यह मुझे मेरे कॉलेज के दिनों की याद दिला रहा है।’
‘लेकिन तुम्हारे पैरेंट्‌स ने कभी नहीं सोचा होगा कि उन्हें इस तरह की बहू मिल रही है।’
वह हँस दिया : ‘वैसे किस तरह की बहू?’
‘अरे वही, जो अपनी शादी से पहले बीच पर चिलम फूँकती है।’
‘यदि उनका बेटा ऐसा कर सकता है, तो बहू क्यों नहीं कर सकती?’
‘यही तो है फ़ेमिनिज्म़, ’ मैंने कहा और उससे हाई-फाईव किया।
‘हर चीज़ पर ऐसा हाई-फाई लेबल लगाना जरूरी नहीं होता। फिर यह तो सीधा लॉजिक है। अगर मैं कर सकता हूँ, तो तुम भी कर सकती हो।’
‘यू आर स्वीट।’
‘जब कोई लड़की किसी लड़के के प्रति आकर्षित हो जाती है, लेकिन वह उसे सीधे नहीं कहना चाहती, तब वह उसे स्वीट ही कहती है ना?’
‘मिस्टर फ़ेसबुक, तुम स्मार्ट हो।’
‘वेल, कम - से - कम इस मामले में शायद मैं अच्छा हूँ। मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी मिस्टर स्वीट बनकर ही गुज़ारी है।’
‘स्वीट इज़ गुड।’ मैंने आखिरी सुट्‌टा मारते हुए कहा।
वह मुस्करा दिया : ‘अब चलें? हमें देर हो रही है।’
‘हाँ। और वे चिलमें बचाकर रखना। हमें मैरियट में उनकी ज़रूरत होगी।’
हम एक्टिवा पर सवार होकर फिर लौट चले। इस बार मैंने उसकी कमर पर हाथ रख दिया। शायद यह बीयर और चिलम का असर था, लेकिन मुझे अजीब नहीं लगा। हम उन्हीं रास्तों से होकर लौट रहे थे, लेकिन अभी वे अंधेरे में डूबे हुए थे। एक चौराहे पर हमने रास्ता कंफर्म करने के लिए गाड़ी रोकी।
‘यहाँ से हमें दाएँ जाना चाहिए, है ना?’ मैने उसके कंधे पर अपनी ठोढ़ी टिकाते हुए कहा।
‘हाँ।’
हम मुड़ रहे थे कि चेप्वॉइंट पर हमें दो पुलिस वाले दिखाई दिए। उन्होंने हमें रोक लिया।
‘लाइसेंस?’ उनमें से एक ने कहा।
राज नीचे उतरा और अपना पर्स टटोलने लगा। लेकिन उसे कुछ मिला नहीं। ‘ओह, शायद वह होटल में रह गया है।’ उसने कहा।
‘क्या?’ पुलिस वाले ने कहा।
‘मेरे पास कैलिफोर्निया का लाइसेंस है। मैं अमेरिका से हूँ। लाइसेंस होटल में रह गया है। सॉरी।’
पुलिस वालों ने एक दूसरे की ओर देखा।
‘तुम्हें जुर्माना भरना होगा।’ एक पुलिस वाले ने चालान बुक निकालते हुए कहा।
दूसरा मुझसे बोला : ‘मैडम, यह गलत है। आपको लाइसेंस के बिना ड्राइव नहीं करना चाहिए।’
‘हम लोग टूरिस्ट हैं। सॉरी।’
हमें चार सौ रुपए का चालान कटवाना पड़ा। राज ने हज़ार रुपए का नोट दिया। पुलिस वालों ने चेंज लौटाए। जब राज पर्स फिर से अपनी जेब में रख रहा था तो एक छोटी - सी चीज नीचे गिरी।
‘आपका कुछ गिर गया है।’ एक पुलिस वाले ने कहा। फिर उसे उठाकर सूंघा। फिर अपने साथी को दे दिया।
‘क्या आप दोनों साइड में होंगे और एक्टिवा की चाबी हमें देंगे?’
‘क्या बात है?’ मैंने कहा।
‘यह गांजा है और यह यहाँ पर गैरकानूनी है। आप दोनों को पुलिस थाने चलना होगा।’
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21
‘अंजुना पुलिस स्टेशन, मॉम। बगीचे के सामने। ड्राइवर पता बता देगा। प्लीज़, डैड के साथ यहाँ आ जाइए। किसी और को कुछ मत बताइए।’
‘तुम पुलिस थाने में क्या कर रही हो?’ माँ ने बदहवास होते हुए कहा।
‘चिल्लाओ मत माँ। मैं यहाँ राज के साथ हूँ।’
‘राज? तुम दोनों पुलिस थाने में कैसे पहुँच गए?’
‘आप यहाँ आएँ तो मैं आपको बताऊँ। और डैड को भी साथ में लाइएगा।’
‘और राज के पैरेंट्‌स?’
‘उसने उन्हें अलग से कॉल किया है। वे भी आ रहे हैं।’
‘हे भगवान, ये हो क्या रहा है? तुम ठीक तो हो ना?’
‘येस मॉम, राज के पास लाइसेंस नहीं था।’
‘लाइसेंस? क्यों?’
‘हम एक्टिवा पर घूमने गए थे।’
‘एक्टिवा? लेकिन हमने इतनी सारी कारें हायर की हैं।’
‘मॉम, आप बस यहाँ आ जाइए।’
मैंने फोन रख दिया। राज मेरे सामने बैठा था। सब-इंस्पेक्टर सैम्युअल डिसूजा हमारे सामने थे।
‘ये गांजा आपको कहाँ मिला?’
‘यह अंजुना की गली-गली में बिकता है। मुझे पूरा यकीन है कि आपको यह मालूम है।’ राज ने कहा।
‘तुम ये कहना चाह रहे हो कि हम सबकुछ जानते हुए भी कुछ नहीं करते?’
‘नो सर, सॉरी।’ मैंने कहा।
मैंने राज को कोहनी मारकर कहा कि वह चुप रहे।
‘आपकी शादी कब है?’
‘शुक्रवार को।’
‘दो दिन बाद। और इसी तरह से आप अपनी मैरिड लाइफ की शुरुआत करना चाहते हैं? ड्रग्स लेकर?’
‘ये ड्रग्स नहीं है, सर। यह माइल्ड हर्बल चीज़ है। और कैलिफोर्निया में तो यह कानूनी भी है।’ राज ने कहा।
सब-इंस्पेक्टर ने हमें घूरकर देखा। ‘क्या ये कैलिफोर्निया है?’ उसने कहा।
‘नहीं सर,’ राज ने सिर झुकाए जवाब दिया।
‘ये कौन सी जगह है?’
‘गोवा, सर।’
‘लोग यहाँ पर क्या करने आते हैं?’ सब इंस्पेक्टर ने कहा।
‘पार्टी करने, सर।’ राज ने सॉफ्ट आवाज़ में कहा।
‘नहीं।’ सब-इंस्पेक्टर ने चिल्लाकर जवाब दिया। ‘लोग यहाँ पर अच्छी, साफ और शांतिपूर्ण छुट्‌टियाँ बिताने आते हैं। यह सब नॉनसेंस करने नहीं।’
‘यस, सर।’ राज ने जैसे माफी माँगते हुए कहा।
मैंने अपने मुँह को ज़ोरों से भींच लिया ताकि मैं हँस ना दूँ, फिर भी एक हल्की-सी खिलखिलाहट निकल ही गई। इंस्पेक्टर ने मेरी ओर देखा।
‘आपको यह सब मज़ाक लग रहा है?’
‘नो, सर।’ मैंने सपाट तरीके से जवाब दिया।
इतने में राज और मेरे पैरेंट्‌स थाने में आए। उन्होंने हमें सब -इंस्पेक्टर के सामने बैठे देखा।
‘क्या हुआ इंस्पेक्टर?’ मेरे पिता ने कहा।
‘क्या आप ही इनके माता-पिता हैं? देखिए, आपके बच्चे क्या गुल खिला रहे थे!’ सब इंस्पेक्टर ने कहा।

‘यू आर टू मच, सुषमा,’ मेरी माँ ने कहा। मैं अपने पैरेंट्‌स के साथ कार में बैठी थी। राज अपने पैरेंट्‌स के साथ एक दूसरी कार में था। हमारे माता-पिता को शायद यही बेहतर लगा होगा कि इन शरारती बच्चों को अलग- अलग कर दिया जाए।
‘आई एम सॉरी, मॉम।’ मैंने सातवीं बार कहा, ‘एंड थैंक यू डैड।’
पूरा मामला डैड ने ही सुलझाया था। उन्होंने गोवा में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का अपना कोई कॉन्टैक्ट ढूँढ निकाला, जो राज्य के पुलिस कमिश्नर को जानता था। कुछ फोन लगे, कुछ माफियाँ माँगी गईं और पूरे पुलिस स्टेशन को शादी का न्योता दिया गया, तब जाकर हमें बख्शा गया।
‘तुम दोनों एक नई ज़िंदगी शुरू करने जा रहे हो। तुम्हारे बच्चे होंगे। क्या इसी तरह से मैच्योर लोग बर्ताव करते हैं?’ सब-इंस्पेक्टर ने जाते-जाते हमें नसीहत दे डाली थी। मेरे पिता कार की फ्रंट सीट में चुपचाप बैठे थे और माँ ही बोले जा रही थी।
‘मैंने कभी नहीं सुना कि कोई लड़की अपनी शादी से पहले ड्रिंकिगं और स्मोकिंग करती हो।’
मैं चुपचाप सुनती रही, वे बोलती रहीं।
‘यदि हमारे रिश्तेदारों को पता चल गया तो वे क्या सोचेंगे? यही कि लड़की आउट ऑफ कंट्रोल है।’
मैं रिएक्ट करना चाहती थी, लेकिन मौके को देखकर कुछ नहीं बोलीं। लेकिन माँ बोलती रहीं।
‘और शर्माज़ क्या सोचेंगे? उन्हें आज अपने फैसले पर अफसोस हो रहा होगा।’
‘ओके मॉम, बहुत हुआ।’
‘क्या बहुत हुआ? बीयर पीना, चरस-गांजा लेना, ये क्या लड़कियों के काम हैं?’
‘उनके बेटे ने भी यही किया।’
‘तो?’
‘वोट डू यू मीन, तो? आप ये क्यों नहीं कह रही है कि वे अपने बेटे के किए को लेकर भी शर्मिंदा होंगे?’
‘वो लड़का है। उसे करने दो। तुम क्यों वैसा करोगी? क्या यही तुम्हारी सो-कॉल्ड इक्वैलिटी है?’
‘मॉम, आप चुप होने का क्या लेंगी?’
उन्होंने मेरे हाथ जोड़ लिए।
‘मैं चुप हो जाऊँगी। लेकिन तुम्हें भी तौर-तरीके सीखने होंगे। क्या तुम अपनी शादी तक खुद को कंट्रोल नहीं कर सकतीं?’
‘और उसके बाद? फिर मैं आपका सिरदर्द नहीं रह जाऊंगी?’
उन्होंने मुझे घूरकर देखा। मैंने नज़रें फेर लीं।
होटल आ गया। हम सभी कार से बाहर निकले।
‘सॉरी डैड।’ मैंने कहा।
‘मैं तुम पर भरोसा करता हूँ कि तुम सही कदम उठाओगी। हमें शर्मिंदा मत करो, बेटा।’

आधी रात हो चुकी थी और मैं अपने बिस्तर पर बैठी थी। मेरे पास अदिति दीदी लेटी हुई थीं।
‘चरस? गांजा? तुमने राज के साथ बैठकर चिलम फूँकी?’
‘हमने एक ही चिलम का बारी बारी से इस्तेमाल किया था, फिर भी मुसीबत में फँस गए।’
‘लेकिन तुम्हें वह सब मिला कैसे?’
‘उसका बंदोबस्त राज ने किया था।’
उसने मेरी ओर हैरत भरी नज़रों से देखा।
‘मैं तो समझती थी कि तुम दोनों अच्छे बच्चे हो।’
‘इतने भी अच्छे नहीं हैं, दीदी।’
‘मुझे तुम पर नाज़ है, छोटी बहना।’
दरवाज़े पर दो दस्तक सुनाई दीं। हम दोनों ने एक - दूसरे की ओर आश्चर्य से देखा।
‘रुको।’ दीदी ने कहा और दरवाज़े के की - होल से बाहर झाँककर देखा। ‘कौन है?’ उन्होंने ज़ोर से कहा।
‘ओह सॉरी, एक्सक्यूज मी, रॉन्ग रूम।’ मैंने एक हल्की -सी आवाज़ सुनी।
दीदी लौट आई।
‘कौन था?’
‘पता नहीं। कोई आदमी था सूट पहने हुए। खैर, और बताओ पुलिस थाने में क्या - क्या हुआ। यह बहुत मज़ेदार है।’

‘वन - टू - थ्री - फोर। कम ऑन, स्टार्ट।’ कोरियोग्राफर मिक्की ने म्यूज़िक चालू करते ही चिल्लाकर कहा। ‘लंडन ठुमकदा’ गाना गूँजने लगा। मेरी पाँच आंटियाँ जोर - शोर से प्रैक्टिस कर रही थीं।
‘मेरे मूव्ज़ को फॉलो करो।’ उसने कहा।
मिक्की का शरीर छरहरा था। ब्लैक टी -शर्ट और टाइट्‌स पहने वह मेरी मोटी -ताजी पंजाबी आंटियों के सामने एक कीड़े जैसा लग रहा था। आंटियों ने मूव करना शुरू किया तो उनके वजन से कामचलाऊ स्टेज थरथराने लगा।
‘इतनी जोर से पैर मत पटको। ग्रेसफुली करो।’ मिक्की ने कहा।
मैं फंक्शन रूम के एक और कोने में अपनी कज़िन्स के साथ प्रैक्टिस कर रही थी। मिक्की का असिस्टेंट विक्रम हमें मूव्ज़ सिखा रहा था।
‘फास्टर, फास्टर, गाने की बीट के साथ मैच करो।’ मिक्की स्टेज पर तालियाँ बजाते हुए कह रहा था।
वहीं इधर विक्रम ने मेरे ग्रुप से कहा : ‘लेडीज़, मैं आपको एक बात बताऊँगा, फिर आपको फॉलो करना होगा।’
विक्रम ने ‘डीजे वाले बाबू ‘गाना बजाया। इस रैप सॉंन्ग की धुन पर थरकने के लिए बहुत लटके - झटके खाने की ज़रूरत थी।
धड़ाम! स्टेज से ज़ोरों की आवाज़ आई। सभी उस तरफ दौड़े। रिचा मामी गिर पड़ी थीं और सभी लोग उन्हें घेरे हुए थे। एक सौ दस किलो का पंजाबी बदन फर्श पर पड़ा था, सलवार कमीज में लिपटा हुआ।
‘इस इडियट कोरियोग्राफर को किसने रख लिया? इतनी कठिन स्टेप्स सिखा रहा है।’ उन्होंने कराहते हुए कहा।
‘सॉरी मैडम, सॉरी।’ मिक्की ने कहा।
‘व्हाँट सॉरी?’ कमला बुआ ने कहा। ‘तुम्हें यह तो देखना चाहिए ना कि कौन इंसान कौन - सी स्टेप कर सकता है।’
‘यस, मैडम।’
होटल स्टाफ फर्स्ट - एड किट ले आया और उनके पैर पर पेन - रिलीवर का स्प्रे कर दिया। दो वेटरों ने उठने में उनकी मदद की।
‘एक ब्रेक ले लें?’ कमला बुआ ने कहा।
‘लेकिन मैडम आज रात संगीत है।’ मिक्की ने कहा।
‘हमने अभी नाश्ता भी नहीं किया। ऐसे भूखे पेट नाचेंगे तो कमज़ोरी नहीं आ जाएगी?’ रिचा मामी ने कहा।
वे सही थीं। पंजाबियों को कैलोरीज़ की दरकार होती है, हर घंटे!

मेरी कजिन्स और मैं ब्रेकफास्ट बुफे एरिया में खिड़की के पास वाली टेबल पर बैठे थे। उनमें से कुछ तो यहाँ भी अपनी स्टेप्स की रिहर्सल कर रही थीं। मैं ब्रेकफास्ट काउंटर पर गई और एक प्लेट उठा ली।
‘क्या मुझे एक होल - व्हीट टोस्ट मिलेगा, प्लीज?’ मैंने एक वेटर से कहा।
‘क्या तुम होल - कीट टोस्ट को पीनट बटर और हनी के साथ लेना चाहोगी?’ मेरे पीछे से एक आवाज़ आई।
मैंने मुड़कर देखा और जो मुझे नज़र आया, उससे मेरी आँखें लगभग बाहर निकलकर गिर पड़ी थीं!
‘नील?’ मैंने जोर से कहा।
‘हाय।’ वह वैसा-का-वैसा ही लग रहा था। हमेशा की तरह कातिलाना और हैंडसम। उसने अपने बालों को जेल कर रखा था और थोडी खिचड़ी दाढ़ी उगा रखी थी। काला सूट और सफेद कमीज़। दोनों ही कलफदार।
‘नील?’ मैंने इस बार फुसफुसाकर कहा। ‘तुम यहाँ क्या कर रहे हो?’
‘मैंने कहा था ना, मुझे तुमसे आमने सामने बात करनी है। कल रात को मैं तुम्हारे रूम पर भी आया था। लेकिन किसी लेडी ने जवाब दिया तो चला गया।’
‘वो मेरी दीदी थीं। और अपनी आवाज़ धीमी रखो। तुम यहाँ इतनी जल्दी पहुँचे कैसे? तुम तो श्रीलंका में किसी कॉपर माइन पर थे ना?’
‘एक चार्टर्ड फ्लाइट ली और बस आ गया। खैर। क्या हम बात कर सकते हैं?’
‘तुम यहाँ पर एक चार्टर्ड प्लेन से आए?’ मैंने कहा।
वेटर व्हीट-टोस्ट ले आया।
‘मुझे जाना होगा।’ मैंने कहा।
‘जानता हूँ।’
‘तुम यहाँ नहीं आ सकते। ये हमारा प्राइवेट फैमिली डाइनिंग एरिया है।’
‘यह भी जानता हूँ।’
‘नील, मेरी तरफ देखो।’
आखिरकार उसने मेरी तरफ देखा। मैं उन आँखों को कैसे भूल सकती थी। वे आँखें, और उनके अलावा और भी बहुत कुछ।


हांगकांग
2 साल पहले
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22
‘ये है तुम्हारी डेस्क।’ डिस्ट्रेस्ड डेट ग्रुप में सेक्रेटरी बियान्सा ने कहा। ‘बाहर देखो, यहाँ से तुम हांगकांग हार्बर का व्यू भी देख सकती हो।’
मुझे खुद को नए माहौल में एडजस्ट करने में थोड़ा समय लगा। हांगकांग में गोल्डमान साक्स का ऑफिस सेंट्रल में च्यांग कॉन्ग सेंटर स्कायस्क्रैपर में था। 60 से 68वें फ्लोर तक। हमारी टीम 67वें फ्लोर पर थी। यहाँ से हांगकांग की स्काईलाइन के साथ ही उत्तर दिशा में हार्बर भी देखा जा सकता था। दक्षिण में पीक देखी जा सकती थी : हांगकांग द्वीप की ग्रीन हिल की चोटी।
हांगकांग पहले अंग्रेज़ों का उपनिवेश था। अब वह चीन के नियंत्रण में है। 1997 में अंग्रेज़ यहाँ से रवाना हो गए, लेकिन अपने पीछे दुनिया के सबसे आ धुनिक और विकसित शहरों में से एक छोड़ गए। हांगकांग द्वीप, कोउलून प्रायद्वीप और न्यू टेरीटरीज़ को मिलाकर बने इस महानगर में 70 लाख से ज़्यादा लोग रहते हैं और यह दुनिया के सबसे व्यस्त ग्लोबल फाइनेंशियल सेंटरों में से एक है। कभी नहीं सोने वाला यह चमचमाता शहर किसी भी भारतीय को पहली नज़र में हैरान कर सकता है।
‘हाउस-हंटिंग में मदद के लिए कंपनी का एक ब्रोकर आपको कॉल करेगा, ’ बियान्सा ने कहा। ‘और ये रहे कुछ ज़रूरी काटैक्ट्स। नील आपसे नौ बजे अपने ऑफिस में मिलेंगे।’
मैंने अपने कंप्यूटर में लॉग-इन किया। अपनी डेस्क पर स्टेशनरी जमाई। अपने क्यूबिकल की दीवारों पर कुछ फैमिली पिक्चर्स लगाईं। नौ बजे मैं नील के ऑफिस की ओर चल दी।
‘आह सुषमा, कम राइट इन।’ नील ने कहा।
उसने एक सफेद कमीज़, सिल्वर कफलिंक्स और नीली टाई पहन रखी थी। मैंने उसे दो साल पहले हुई उस एसोसिएट ट्रेनिंग के बाद से नहीं देखा था। उसका रूम सूर्य की रोशनी से जगमगा रहा था, जिससे उसकी त्वचा दमक रही थी।
उसने मुझे एक फर्म हैंडशेक दिया।
‘मुझे अपने ग्रुप का एक हिस्सा बनाने के लिए शुक्रिया।’
‘यह तो हमारे लिए खुशी की बात है। नॉर्मली हमें न्यूयॉर्क से हाई परफॉर्मर्स मिलते नहीं हैं। आपका यहाँ सब बंदोबस्त ठीक रहा है?’
‘मैं ठीक हूँ। मैं वीकेंड पर ही यहाँ पहुँची हूँ।’
‘तुम कहाँ ठहरी हो?’
‘शांगरीला।’
‘नाइस। हे, तुमने नाश्ता किया? एक कॉफी के लिए ब्रेकआउट एरिया में चलना चाहोगी?’
‘श्योर।’
हम एलीवेटर से नीचे 61वें फ्लोर पर गए। गोल्डमान का ब्रेकआउट एरिया किसी कैफे से कम नहीं था। स्टाफ के लोग यहाँ अकसर कुछ वक्त का ब्रेक लेकर कुछ खाने-पीने आया करते थे।
नील और मैं काउंटर पर्सन के पास गए। नील ने मुझसे पूछा : ‘तुम क्या लेना चाहोगी?’
‘होल-व्हीट टोस्ट, विद पीनट बटर एंड हनी।’ मैंने कहा।
‘टोस्ट? और क्या?’ काउंटर पर्सन ने कहा।
‘पीनट बटर एंड हनी, ’ मैंने कहा।
‘हूँ?’ उसने कहा।
‘फा सांग जोएंग मात म्गोई, ’ नील ने कहा। वह मुस्करा दी और सिर हिला दिया।
‘थैंक्स, ’ मैंने कहा।
‘नो इश्यूज। वैसे मैं कैंटनीज बोलता नहीं हूँ, लेकिन इसके कुछ शब्द सीख लेने में कुछ बुराई नहीं है।’ नील ने कहा। उसने अपने लिए ब्लैक कॉफी और बैगल बुलवाए।
हमने एक विंडो-फेसिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता किया। उसने मुझे संक्षेप में ग्रुप के बारे में बताया।
‘यहाँ पर हम प्रोफेशनल्स है। हमारा ग्रुप न्यूयॉर्क जितना बड़ा नहीं है। फिर भी हम किसी भी दूसरे गोल्डमान ऑफिस की तुलना में ज़्यादा तेज़़ी से तरक्की कर रहे हैं।’
मैं ध्यान से सुनती रही।
‘तुम जोश एंग और पीटर वू के साथ काम करोगी। वे चीन और कोरिया का काम देखते हैं। समय-समय पर कुछ स्पेशल डील्स में भी तुम्हारी मदद ली जा सकती है।’
‘लुकिंग फॉरवर्ड टू इट।’ मैंने कहा।
‘गुड। हर सुबह 8 बजे हमारी एक मॉर्निंग टीम मीटिंग होती है। वहीं पर सब लोग अपनी डील्स के बारे में बात करते हैं।’
‘ओके।’
‘मैं चाहता हूँ कि तुम खुलकर अपनी बातें कहो। मैं सवाल पूछने वालों लोगों को इनकरेज करता हूँ।
‘ऑफ कोर्स।’
‘जब चाहो मेरे ऑफिस में आ जाया करो। जोश तुम्हारा इमिजिएट बॉस है, लेकिन हम यहाँ पर फॉर्मल रोल्स में भरोसा नहीं करते। तुम्हारे होंठों पर कुछ पीनट बटर लगा है।’
‘ओह रियली?’ मैंने कहा और एक टिशू से अपने होंठों को पोंछ लिया। ‘आई एम सॉरी।’
‘इधर नहीं, दूसरी तरफ।’
मेरा चेहरा लाल हो गया। नील मुस्करा दिया। मुस्कराने पर वह और हैंडसम लगता था।
‘वेलकम टू हांगकांग।’ उसने कहा।

‘एक बैंक ऑफ ईस्ट एशिया डिस्ट्रेस्ड डेट ऑक्शन होने जा रही है। वहाँ पचास लोन्स हैं, जिन्हें पोर्टफोलियो के रूप में बेचा जा रहा है। बिड्‌स दो हफ्ते में होंगी।’ जोश ने मॉर्निंग मीटिंग में कहा।
‘दो हफ्ते? यह तो बहुत टाइट है।’ पीटर ने कहा।
सभी बैंक एक समय के बाद बैड लोन्स का हिसाब लगाती हैं। कभी-कभी बैंकों को लगता है कि कर्ज़़दारों का पीछा करने से बेहतर है कि डिस्काउंट पर उन लोन्स को बेच दिया जाए। इसमें तेज़़ी लाने के लिए वे ऐसे लोन्स को एक पोर्टफोलियो के रूप में या एक बन्च में बेचते हैं। दूसरे शब्दों में इससे उनकी पूरी गंदगी एक बार में साफ हो जाती है। लेकिन हमारे जैसे बिडर्स के लिए इसका मतलब होता है बहुत सारा काम, ताकि हम यह आकलन कर सकें कि हमें क्या परोसा जा रहा है।
‘हम इसे रहने देते हैं। लोग दूसरी डील्स में बिज़़ी हैं, राइट?’ नील ने कहा।
‘एक्चूअली, मैं यह काम देख सकती हूँ।’ मैंने कहा। सभी की आँखें मेरी तरफ घूम गईं।
‘वहाँ पर पचास कंपनियाँ है। तुम्हें उन सभी की फाइलें देखनी होंगी। यू श्योर?’ जोश ने अपने अमेरिकी चीनी घालमेल वाले एक्सेंट में कहा।
‘हमारे पास दो हफ्तों का समय है। मैं वीकेंड्‌स में भी काम कर सकती हूँ।’
‘मैं भी दो दिन की मदद कर सकता हूँ।’ पीटर ने कहा।
‘मैं भी।’ साइमन ने कहा। ग्रुप में शामिल एक ताईवानी एनालायिस्ट।
नील कांफ्रेंस रूम टेबल को अंगुलियों से बजाता रहा।
‘लेट्‌स डू इट।’ आखिरकार उसने कहा और उठ खड़ा हुआ।
अगले दो हफ्तों तक मेरा क्यूबिकल ही मेरा ठिकाना बना रहा। बक्से भर-भरकर दस्तावेज़़ों को मुझे रिव्यू करना था। मैं अपने होटल में केवल सोने, शॉवर लेने और चेंज करने जाती थी। एक शुक्रवार की रात को तो मैंने वह भी नहीं किया। मैं पूरी रात काम करती रही और शनिवार की सुबह का सूरज उगते ऑफिस की खिड़की से देखा।
‘सुषमा, तुम यहाँ क्या कर रही हो?’ नील की आवाज़़ ने मुझको चौंका दिया।
मैंने मुड़कर देखा। वर्कआउट के कपड़ों में वह अलग नज़़र आ रहा था। उसने एक ब्लैक अंडर आर्मर टी-शर्ट पहनी थी और इस ब्रांड ने मुझे देबू की याद दिला दी।
‘गुड मॉर्निंग, नील।’ मैंने कहा। ‘मैं बिड को फाइनल ही कर रही हूँ। मंडे मॉर्निंग तक हो जाएगा।’
‘तुम्हारी आँखों के नीचे डार्क सर्कल्स बन गए हैं। तुम रात को घर गई भी थीं या नहीं?’
मैं मुस्करा दी और सिर हिलाकर मना कर दिया।
‘दिस इज़़ टू मच, सुषमा। तुम्हें बैलेंस मेंटेन करना होगा।’
उसने मेरे क्यूबिकल के दरवाज़े पर अपना हाथ रखा हुआ था। मैं उसके बाईसेप्स देख सकती थी।
‘गोइंग टु दर जिम?’ मैंने पूछा।
‘नहीं, मैं माउंटेन हाइक पर जा रहा हूँ। मैं अपना वर्कआउट आउटडोर में करना प्रिफर करता हूँ।’
‘यह तो बहुत मज़़ेदार जान पड़ता है।’
‘यस, आधे से भी ज़्यादा हांगकांग जितने कंट्री पाक्र्स हैं, जहाँ बहुत खूबसूरत हाइक्स हैं।’
‘मैंने सुना है।’
‘आई होप कि तुम थोड़ा हांगकांग भी घूमोगी और केवल ऑफिस में काम ही नहीं करती रहोगी।’
‘घूम लूँगी। पहले यह वाला काम निपट जाए।’ मैंने कहा। मुझे जोर की जम्हाई आई तो मैंने मुँह बंद कर लिया।
‘सुषमा, तुम्हें घर जाना चाहिए।’
‘जल्द ही जाऊँगी। लेकिन तुम इतनी जल्दी ऑफिस कैसे?’
‘मैं अपना मोबाइल फोन यहाँ भूल गया था। तो उसे लेने आया हूँ।’
वह अपने ऑफिस में गया और कुछ मिनटों बाद लौटा।
‘तुम अभी तक यहीं हो?’
मैं मुस्करा दी।
‘बस बीस मिनट और।’
‘ठीक है। मैं जा रहा हूँ। गुड वर्क, सुषमा।’
‘थैंक्स। बाय। नील, हैव अ नाइस हाइक।’
‘सुषमा, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ।’
‘हाँ।’
‘एक कॉन्फिडेंशियल डील है।। कुछ डिस्ट्रेस्ड कंपनियाँ नहीं चाहतीं कि दुनिया को पता चले कि वे इस हालत में है। ऐसी ही एक कंपनी फिलीपींस में है। केवल गोल्डमान साक्स एशिया के हेड और मैं इस बारे में जानते है। मैं इसके बारे में मॉर्निंग मीटिंग में भी बात नहीं करना चाहता। मैं इस डील के लिए एक एसोसिएट चाहता हूँ। तुम यह करोगी?’
‘श्योर। टाइमिंग क्या है?’
‘तुम पहले यह काम खत्म करो, फिर मैं तुम्हें ब्रीफ करता हूँ। हमें कंपनी के लोगों से भी मिलना होगा।’
‘श्योर। किस सेक्टर की कंपनी है?’
‘मैं जल्द ही बताऊँगा। अभी बाय। और जल्दी-से-जल्दी घर पहुँचकर आराम करो।’ उसने कहा।

व्हाट ए हेल! देबू ने मुझे फ़ेसबुक पर अनफ्रेंड कर दिया था। हांगकांग में पहली बार मैंने अपना काम जल्दी खत्म कर लिया था और शाम 5 बजे होटल लौट आई थी। टीम को पोर्टफोलियो पर मेरा फाइनल प्रज़ेंटेशन अच्छा लगा था। हमने लोन्स के लिए प्रति डॉलर चौदह सेंट की बिड सबमिट की थी। मैं थककर चूर थी और लंबी नींद लेना चाहती थी। लेकिन मैंने यह भूल कर दी थी कि अपना लैपटॉप खोलकर फ़ेसबुक में लॉग इन कर लिया। इसके बाद बेवकूफों की तरह मैं देबू की प्रोफाइल खोजने लगी, लेकिन मुझे वह अपनी लिस्ट में कहीं नज़़र नहीं आया। उसने मुझे अनफ्रेंड कर दिया था, लेकिन इसकी वजह मुझे समझ नहीं आई। हाँ, हमारा ब्रेक अप हुआ था, लेकिन यह मतलब तो नहीं कि लोग एक-दूसरे की ज़़िंदगी से गायब ही हो जाएँ।
मेरे पास उसका फोन नंबर भी नहीं था। मैंने उसके पिछले तमाम ईमेल्स भी हटा दिए थे। मैंने सोचा कि अविनाश को फोन लगाकर उससे देबू का नंबर लूँ, फिर रहने दिया। मैंने टीवी चला दिया। अधिकतर चैनल्स चाइनीज़़ थीं। एक चैनल पर एक सोप ओपेरा आ रहा था, जिसमें एक लड़की रो रही थी। पता नहीं क्यों, लेकिन मैं भी उसके साथ रोने लगी। मैंने अपना तकिया कसकर पकड़ लिया और रोती रही। मैं हांगकांग आने के बाद से ही खुद को रोके हुए थी और मैंने खुद को काम में खपा दिया था। लेकिन काम का बोझ खत्म होते ही मैं जैसे फिर से वहीं लौट आई थी, जहाँ से मैं चली थी।
मैंने मिनी-बार खोला और उसमें व्हिस्की और वोदका की छोटी-छोटी बोतलें पाईं। मैं चार बोतलें पी गई और बिस्तर पर जाकर लेट गई। जल्द ही मैं गहरी नींद में डूबी हुई थी, जो कि हफ्तों से मुझ पर बकाया था। फोन की घंटी से मेरी नींद खुली। मेरा सिर जोरों से दर्द कर रहा था। मैंने एक आँख खोली और कॉलर का नाम देखा। नील का फोन था।
डैम, डैम, डैम! मैंने लाइट जलाई, दौड़कर बाथरूम में गई, चेहरे पर पानी छिड़का और इसके बाद ही कॉल अटैंड किया।
‘हैलो।’ मैंने कहा।
‘सॉरी, तुम सो रही थीं?’
मैंने घड़ी देखी। अभी शाम के साढ़े आठ ही बजे थे।
‘नहीं-नहीं, बस एक झपकी ले रही थी। सॉरी, आज मै ऑफिस से घर जल्दी आ गई थी।’
‘यू डिजर्व्ड दर रेस्ट। सॉरी कि तुम्हें जगा दिया।’
‘हाँ, मुझे इसकी ज़़रूरत थी।’ मैं बोल गई। फिर मन-ही-मन कहा कि सुषमा, फ़ोकस करके बोले। अभी लाइन पर गोल्डमान साक्स का एक पार्टनर है।
‘मैंने बस यह कहने के लिए फोन लगाया कि क्या तुम कल सुबह साढ़े सात बजे ऑफिस आ सकती हो।’
‘हाँ-हाँ श्योर।’
‘मैं तुम्हें फिलीपींस डील के बारे में ब्रीफ कर सकता हूँ। बेहतर यही होगा कि हम सबके आने से पहले इस बारे में बात कर लें।’
‘ऑफ कोर्स, ’ मैंने कहा।

‘एल कासा सीप्लेन एंड रिसोट्र्स।’ मैंने उस ब्रोशर के कवर पर पढ़ा, जो नील ने मुझको दिया था।
उसने अपनी ब्लैक कॉफी का एक घूँट लिया और कप को एक तरफ रख दिया।
‘तुम फिलीपींस के बारे में ज़्यादा जानती हो?’
‘यह साउथ ईस्ट एशियन देशों का हिस्सा है, राइट?’
‘हाँ, सात हज़़ार से भी ज़्यादा द्वीपों वाला देश। मनीला इसकी राजधानी है।’
‘ओके, ’ मैने अपनी नोटबुक में दर्ज करते हुए कहा।
‘कंपनी का नाम तुमने पढ़ लिया। इन्होंने ज़़रूरत से ज़्यादा कर्ज़ ले लिया था। एक साइक्लोन आया, जिससे उनका बिज़़नेस ठप हो गया। यही कारण है कि आज उनकी फाइल हमारी डेस्क पर है।’
मैं नोट्‌स लेती रही।
‘पलावन फिलीपींस के दक्षिण में है। अकसर, दुनिया के सबसे खूबसूरत आइलैंड्‌स में इसकी गिनती की जाती है। पलावन के पास छोटे-छोटे, सुपर-एक्सक्यूसिव और प्राइवेटली ओन्ड आइलैंड्‌स हैं। एल कासा दस रिसोर्ट संचालित करता है और वे सभी इन प्राइवेट मिनी आइलैंड्‌स पर हैं।’
मैंने ब्रोशर के पन्ने पलटकर देखा। उसमें बूटीक ट्रॉपिकल आइलैंड रिसोर्ट्स की बेहद खूबसूरत हवाई तस्वीरें थीं। ब्रोशर बता रहा था कि किसी भी एल कासा रिसोर्ट में दस से ज़्यादा कमरे नहीं थे। इन रूम्स का किराया था एक हज़़ार डॉलर्स पर नाइट!
नील ने मुस्कराते हुए कहा : ‘यहाँ पर एक्स्ट्रा रिच फॉरेन टूरिस्ट्स ही आते हैं। यहां रूम लेना लोकल्स के बूते की बात नहीं है।’
‘और वहाँ पहुँचा कैसे जा सकता है?’
‘मनीला से पलावन तक फ्लाइट। उसके बाद कंपनी के सी-प्लेन की मदद से रिसोर्ट्स तक।’
‘यानी इन रिसोर्ट्स को चलाना बहुत महंगा सौदा है।’
‘हाँ और इसीलिए ज़ब उनका बिज़़नेस डाउन होता है, तो उनके लिए हालात बेहद मुश्किल हो जाते हैं।’
नील ने मुझे बताया कि टायफून हैयान ने गए साल फिलीपींस में तबाही मचाई थी। इसमें हज़़ारों लोग मारे गए थे। फिलीपींस अभी तक उससे उबरा नहीं था। टूरिस्ट्स भी वहाँ जाने से कतराने लगे थे। इस सबका असर एल कासा पर पड़ा है।
‘इसके ओनर का नाम मार्कोस सेरेनो है। पचास साल उम्र। फर्स्ट जनरेशन, लिकर बैरॉन! बहुत सख्तजान बिज़़नेसमैन, कम्युनिटी में उनकी बहुत इज़़्ज़़त है। एल कासा उनके लिए पैशन प्रोज़ेक्ट है, इसलिए वे नहीं चाहते कि दुनिया को उसकी बदहाली के बारे में पता चले।
‘तुम्हारे पास उनके फाइनेंशियल हैं?’
नील ने पाँच इंच मोटा एक डॉक्यूमेंट मुझे थमा दिया।
‘इसमें सब लिखा है। सभी बैंक पल्ला छुड़ाना चाहती हैं, जबकि मार्कोस उनका सहयोग करना चाहते हैं, तब तक, जब तक कि उनकी साख कायम रहती है।’
‘समझ गई।’ मैंने कहा। ‘में एक बार ध्यान से यह पूरा मामला समझ लूंगी।’
‘गुड। और अगले हफ्तो पलावन जाकर मार्कोस से मिलकर आते हैं।’
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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23
‘ऑरेंज ज्यूस या शैम्पेन?’ कैथे पैसिफिक की एक फ्लाइट अटेंडेंट ने पूछा। उसने एक ट्रे में नील को ड्रिंक्स ऑफर की थीं।
‘ऑरेंज ज्यूस, प्लीज़। अभी शैम्पेन का समय नहीं हुआ।’ नील ने कहा।
मैंने भी ज्यूस ही लिया। हम मनीला की मॉर्निंग फ्लाइट के बिज़नेस-क्लास कैबिन में एक-दूसरे के पास बैठे थे। यह मेरी पहली बिज़नेस ट्रिप थी, जिसमें मैं एक दूसरे देश की यात्रा कर रही थी।
‘तो तुमने एल कासा के बारे में क्या सोचा?’ नील ने कहा।
‘ओह वेट, ’ मैंने कहा और अपना लैपटॉप बैग खोल लिया। फिर मैंने अपने फाइनेंशियल मॉडल के प्रिंटआउट निकाल लिए।
‘इसे अभी अपने पास रखो। तुम तो मुझे यह बताओ कि तुम्हारी गट फीलिंग क्या है?’
‘मेरी गट फीलिंग?’ मैं इस सवाल से चौंकी। मैं केवल एक एसोसिएट ही तो थी। एक पार्टनर को मेरे जैसी एक एसोसिएट की गट फीलिंग से सरोकार क्यों होना चाहिए? मेरा काम तो केवल फाइनेंशियल मॉडल बनाना भर था।
मैंने कुछ समय सोचने का समय लिया, फिर कहा :
‘कुछ मायनों में एल कासा एक रेयर एसेट है, इसलिए वह बहुत वैल्यूबल भी है। दूसरे मायनों में वह एक मुसीबत भी है, क्योंकि उसके खरीदार इने-गिने ही हैं। साथ ही मुझको नहीं लगता कि फिलीपींस के कानून बहुत इंवेस्टर-फ्रेंडली होंगे।’
‘गुड! तुम जिस तरह से अनेक डाइमेंशनों में सोच पाती हो, मुझे वह पसंद है।’
‘थैंक्स।’ मैंने इससे कुछ-कुछ एम्बैरेस होते हुए कहा और अपनी शीट्‌स जमाने लगी।
‘तो हमें इस मामले में क्या करना चाहिए?’
‘हमें इसके लिए एक खरीदार तलाशना चाहिए।’
‘मतलब?’
‘मतलब यह कि हम बड़ी होटल चेन्स से बात करें। इसे एक हाई-एंड ग्लोबल ब्रांड की दरकार है। नहीं तो लोग वहाँ नहीं जाएँगे।’
‘हम्म्म।’ नील ने कहा।
‘मैं अमन रिसोट्र्स, फोर सीज़न्स के बारे में सोच रही हूँ। उस कैटेगरी में कुछ।’ मैंने कहा।
‘तुम स्मार्ट हो।’
‘नहीं तो, ’ मैंने एक बेवकूफ मूर्ख की तरह कहा।
‘क्या नहीं तो?’
‘मेरा मतलब है, क्या मैं आपको फाइनेंशियल मॉडल दिखा सकती हूँ?’
‘श्योर।’
अगले एक घंटे तक मैं उसे आँकड़ो का खेल समझाती रही। कंपनी ने पचास मिलियन डॉलर का कर्ज़ा ले लिया था और आधा ही चुका पाई थी।
‘दैट्‌स गुड। मुझे लगता है कि हम अच्छी तरह जान चुके हैं कि वहाँ की क्या कहानी है।’ उसने कहा।
फ्लाइट अटेंडेंट ने नाश्ता सर्व किया।
‘मैं एक और सिनैरियो बना सकती थी...’ मैंने कहा तो नील ने मुझे टोक दिया।
‘इनफ। क्या तुम हमेशा काम के बारे में ही सोचती रहती हो?’
‘नहीं, मैं तो...’
‘नाश्ते का मज़ा लो।’
‘श्योर।’ मैंने फोर्क से एक स्ट्रॉबेरी खाते हुए कहा।
‘तुम्हें हांगकांग कैसा लगा?’
‘एफिशियंट।’
‘और तुम्हें कोई अपार्टमेंट मिला?’
‘हाँ, ओल्ड पीक रोड पर। मैं अगले हफ्ते वहाँ रहने जा रही हूँ।’
‘वह एक अच्छा एरिया है।’
ओल्ड पीक एरिया में वन-एंड-अ-हाफ बेडरूम अपार्टमेंट का किराया 6 हज़ार डॉलर्स प्रतिमाह था।
‘और तुम कहाँ रहते हो?’ मैंने पूछा।
‘रिपल्स बे पर। साउथ साइड में। तुम्हें कभी मेरे घर आना चाहिए। मैं कभी-कभी टीम डिनर्स अपने घर पर ही करवाता हूँ।’
‘श्योर।’
‘कुसुम तुमसे मिलकर बहुत खुश होगी।’
‘कुसुम?’
‘मेरी वाइफ। मेरे दो बच्चे भी हैं, सिया और आर्यन। सात और तीन साल के।’
ऑफ कोर्स, इतने शानदार मर्द को भी शादीशुदा होना था!
‘ओह, हाऊ नाइस।’ मैंने ऊपर से कहा।
‘और तुम?’
‘वेल, मैं तो मैरिड नहीं हूँ।’ मैंने कहा और मुस्करा दी।
‘ज़ाहिर है। लेकिन तुम्हारी फैमिली कहा है?’
‘दिल्ली में। मॉम, डैड और एक बड़ी बहन।’
‘ग्रेट। तुम अपने पैरेंट्‌स के क्लोज़ हो?’
मैं जवाब देने से पहले कुछ देर सोचती रही।
‘कुछ मायनों में। डैड अकसर चुप रहना पसंद करते हैं। मैं मॉम के क्लोज़ जरूर हूँ, लेकिन हम लड़ाई भी बहुत करते हैं।’
नील हँस दिया।
‘रियली? किस बात पर लड़ाई?’
‘छोटी-मोटी बातों पर। अकसर तो इसी बात पर कि मॉम मेरी शादी को लेकर चिंतित हैं।’
‘ओह, अभी तो तुम यंग हो। इतनी जल्दी शादी क्यों?’
‘यही तो। लेकिन वे भी तो यह बात समझें।’
‘टिपिकल इंडियन पैरेंट्‌स, राइट?’
मैंने सिर हिलाकर हामी भर दी।
‘तुम कब से इंडिया से बाहर रह रहे हो?’ मैंने पूछा।
‘बारह साल की उम्र से। उसके बाद मेरी परवरिश लंदन में हुई। अंडरग्रैड ऑक्सफोर्ड में। एमबीए हार्वर्ड से। मैं कुसुम से वहीं पर मिला था।’
‘ओह, कॉलेज स्वीटहार्ट्स।’
‘हाँ, तुम ऐसा कह सकती हो।’ उसने कहा और हँस दिया।
कैप्टन फ्लाइट लैंडिंग के इंस्ट्रक्शंस देने लगा। हमारा प्लेन मनीला के ऊपर मंडरा रहा था।
‘तुमने न्यूयॉर्क क्यों छोड़ा था?’
‘पर्सनल रीज़न्स।’
‘ओह, आई एम सॉरी।’
‘मेरा ब्रेक-अप हुआ था। एक बैड ब्रेक-अप।’
‘रियली।’
‘हाँ। क्यों?’
‘तुमने केवल एक लड़के से हुए झगड़े के बाद न्यूयॉर्क छोड़ दिया?’
‘इससे भी बुरा। एक ऐसे लड़के के लिए, जो मुझे नहीं चाहता था।’
नील अपनी सीटबेल्ट खोलने लगा। वह कोई उपयुक्त जवाब तलाश रहा था।
‘वेल, एनीवे। वेलकम टु फिलीपींस।’ उसने कहा।
हमारी फ्लाइट लैंड कर चुकी थी।

‘मैंने एल कासा को बनाने में सालों लगा दिए। पता नहीं मैंने ऐसा क्यों किया। शायद मैं दुनिया को दिखाना चाहता था कि मेरा देश कितना खूबसूरत है।’ मार्कोस ने कहा।
हम पलावन में एल कासा ऑफिस में बैठे थे। एल कासा के ओनर और सीईओ मार्कोस सेरेनो हवाइयन शर्ट पहने हमारे सामने बैठे थे।
हमने मनीला से पलावन तक एक शॉर्ट फ्लाइट ली थी और एयरपोर्ट से सीधे मीटिंग में चले आए थे। रास्ते में मैंने एक उनींदे समुद्रतटीय शहर को पाम के पेड़ों से भरा देखा।
‘आपका देश स्टनिंग है। एयरपोर्ट से यहाँ तक की जर्नी में ही मैंने यह जान लिया।’ नील ने मार्कोस से कहा।
‘यह तो कुछ नहीं है। रिसोर्ट देखने के बाद तुम बोलना। वैसे भी आज रात आप मेरे एक रिसोर्ट में ही ठहरेंगे।’
‘लेकिन हम तो पहले ही मनीला में एक होटल बुक करा चुके हैं। कल हमारी हांगकांग की फ्लाइट है।’
मार्कोस ने इनकार कर दिया।
‘मनीला में क्या रखा है। भीड़भाड़ और पोल्यूशन। आप मेरे रिसोर्ट पर ही रुकेंगे।’
‘लेकिन...’ नील ने कहा, लेकिन मार्कोस ने बीच में ही टोक दिया।
‘आई इनसिस्ट। मेरे सी-प्लेन्स आपको वहाँ ले जाएँगे।’
‘श्योर।’ नील ने कहा। वैसे भी हम रिसोर्ट्स की क्वालिटी एक बार देख लेना चाहते थे। मार्कोस ने अपनी सेक्रेटरी को एल कासा पेंगालूशियन आइलैंड पर दो रूम का बंदोबस्त करने को कहा।
‘चलो, अब काम की बातें कर ली जाएँ।’ मार्कोस ने कहा।
‘मेरी कलीग सुषमा ने कुछ नंबर्स पर काम किया है।’ नील ने कहा।
मैंने फाइनेंशियल मॉडल की कॉपीज़ आगे बढ़ा दीं।
‘मैंने हर रिसोर्ट की कीमत समझने की कोशिश की है।’ मैंने कहा। अगले दस मिनटों तक मैं उसे अपने अनुमानों और प्रोजेक्शंस से परिचित कराती रही।
‘अब क्या?’ मार्कोस ने कहा।
मैंने नील की ओर देखा।
‘हमें एक नया खरीददार चाहिए। लेकिन कोई भी एक ऐसी कंपनी खरीदने को राज़ी नहीं होगा जिस पर 50 मिलियन डॉलर का कर्ज़ा हो। हमें पहले बैंक्स को एक डिस्काउंट पर सेटल करना होगा।’
‘दे विल सेटल।’ मार्कोस ने कहा।
‘लेकिन हम चाहते हैं कि वे लो-प्राइज़ पर सेटल हों। हमें बैंक्स के सामने एक बदहाल तस्वीर पेश करनी होगी। हमें कहना होगा कि बिज़नेस की हालत खस्ता है और उसका कुछ नहीं हो सकता। तुम्हें भी इसमें मदद करती होगी।’ मैने कहा।
‘रियली?’
‘यस। तभी तो वे हमें सस्ती दरों पर लोन्स बेचेंगे। फिर हम नए खरीददारों को ढूँढेंगे। हमारे प्रॉफिट में से हम तुम्हें बीस प्रतिशत का हिस्सा देंगे।’ मैंने कहा।
मार्कोस की आँखें चौड़ी हो गई। उसने नील की ओर देखा।
‘शी इज़ गुड।’ उसने कहा।
‘ओनली माय बेस्ट पीपुल फॉर यू। कोई और इश्यूज़, मार्कोस?’ नील ने कहा। मार्कोस मेरी तरफ मुड़ा।
‘क्या नए बायर्स वर्कर्स को नौकरी से निकाल देंगे?’
‘यह तो उन्हीं पर डिपेंड करता है।’ मैंने कहा।
‘लेकिन मैं ऐसा नहीं चाहता, वे मेरे लोग हैं।’
मैंने नील की ओर देखा। यह एक पेंच था। अगर हम नए खरीददार के सामने नो-लेऑफ्स पस की शर्त रख देते तो कंपनी की वैल्यू गिर जाती।
‘पाँच साल तक किसी को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। ओके?’ नील ने कहा।
‘फाइन। हम ऐसा कर सकते हैं। लेकिन अगर ऐसा है, तो क्या हम यह मान लें कि यह डील फाइनल है?’ मैंने कहा।
‘यह लड़की बहुत तेज़ है।’ मार्कोस ने नील से कहा और खिलखिलाकर हँस दिया।
‘हमारे ग्रुप वाले जल्द-से-जल्द डील तय करने में यकीन रखते है।’ नील ने कहा।
मार्कोस ने अपना हाथ आगे बढ़ाया।
‘लेट्‌स डु इट।’ मार्कोस ने कहा।
हमने हाथ मिलाया। हमारे बीच एक इन-प्रिंसिपल डील हो चुकी थी।
‘मैं आपको कल टर्म शीट भेज दूँगी।’
‘क्या यह हमेशा ही काम को लेकर इतनी ऑब्सेस्ड रहती है?’ मार्कोस ने कहा।’ कोई अर्जेंसी नहीं है। कुछ दिनों में इत्मीनान से भेज देना। यह फिलीपींस है। यहाँ पर काम से ज़्यादा ज़िंदगी का मोल है।’
लेकिन मेरी ज़िंदगी में तो काम के सिवा कुछ और नहीं है, मैंने मन-ही-मन सोचा।
‘मेरी बीयर ट्राय करके देखिए। फिलीपींस में उससे उम्दा बीयर कोई दूसरी नहीं है।’ मार्कोस ने अपनी डेस्क के पीछे रखा फ्रिज खोलते हुए कहा।

‘ओके, ये थोड़ा डरावना है।’ मैंने सीट बेल्ट बाँधते हुए कहा। नील और मैं एक फोर-सीटर एल कासा सी-प्लेन में बैठे थे। सीट छोटी थीं। हमारे सिर प्लेन की छत से लगभग टकरा रहे थे। पायलट ने थंब-अप साइन दिया, यानी कि अब वह टेक-ऑफ करने जा रहा था। टर्बोप्रॉप की आवाज़ के कारण कुछ भी कहना-सुनना मुश्किल साबित हो रहा था।
‘तुम ठीक हो ना?’ नील ने चिल्लाते हुए पूछा।
मैंने सिर हिलाकर पलकें झपका दीं। वह हँस दिया।
‘गहरी साँसें लो।’ उसने कहा।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: क्रेजी ज़िंदगी

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मैंने ऐसा ही किया। प्लेन ने टेक-ऑफ किया। मैं खिड़की से बाहर देख रही थी। नीला समुद्र, सफेद बीचेज़ और हरे दरख्तों के फैलाव को देखकर मैं अपना सारा डर भूल गई।
‘वॉव।’ मैंने इससे खूबसूरत नज़ारे पहले कभी नहीं देखे थे।
‘यह वाकई बहुत शानदार है।’ नील ने कहा।
पंद्रह मिनट बाद प्लेन पेंगालूशियन आइलैंड पर मंडरा रहा था। आधे से भी कम किलोमीटर लंबा और केवल दो सौ मीटर चौड़ा चावल के दाने के आकार वाला यह आइलैंड ऊपर से बहुत ही छोटा नज़र आ रहा था। उसके दक्षिणी छोर पर कुछ हट्स नज़र आईं।
‘वो रहा रिसोर्ट।’ पायलट ने कहा। ‘बाकी पूरा आइर्लैड जैसे अनछुआ है। ऑल नेचुरल।’
प्लेन की लैंडिंग के समय मैंने अपनी दोनों आँखें बंद कर लीं। जब मैंने उन्हें खोला तो पाया कि नील और पायलट दोनों मेरी तरफ देखकर हँस रहे हैं।
‘आई एम सॉरी। यह जितना खूबसूरत है, उतना ही डरावना भी है।’
हम प्लेन से बाहर निकल आए और रेत पर चलने लगे। दो पोर्टरों ने हमारे बैग्स ले लिए। रिसोर्ट मैनेजर ने हमारा स्वागत किया।
‘वेलकम टु एल खासा पेंगालूशियन। आई एम कार्लोस, द रिसोर्ट मैनेजर।’
उसने हमें हमारे कमरे दिखाए। हर कमरा नीले पानी के लगून पर बने एक छोटे कॉटेज की तरह था।
‘अगर आप बालकनी में बैठें तो आपको नीचे पानी में तैरती मछलियाँ नज़र आएँगी।’ कार्लोस ने कहा।
मैंने अपना सामान लग्जरियस रूम में रख दिया, जिसमें वुडन फ्लोर और खपरैलों वाली छत थी। रिसेप्शन एरिया में नील कार्लोस से बात कर रहा था।
‘यह जगह तो कमाल की है।’ नील ने कहा।
‘थैंक यू, सर।’ कार्लोस ने कहा।
मैं भी बातचीत में शामिल हो गई।
‘कार्लोस, क्या मैं आपसे बाद में बात कर सकती हूँ? रिसोर्ट के बारे में कुछ बिज़नेस-रिलेटेड क्वेशचंस।’
‘श्योर। मिस्टर सेरेनो ने मुझे बताया था।’
नील मुस्करा दिया। कार्लोस हमें लॉबी एरिया में छोड़कर चला गया।
‘यह मेरी अब तक की बेस्ट डील है। देखो ना कितनी खूबसूरत जगह है।’ मैंने कहा।
‘हाँ, मुझे खुशी है कि हम यहाँ आए। मुझे भी अंदाज़ा नहीं था कि यह इतनी कमाल की जगह होगी।’
‘हमें इसके लिए खरीददार मिल जाएँगे ना?’
‘हे भगवान, आसपास का नज़ारा देखो। खरीददारों की चिंता बादर में कर लेना।’ नील ने कहा।
‘सॉरी।’ मैंने कहा।
हम लॉबी से बाहर निकल आए। हमारे सामने समुद्र था। समुद्र के बीचे में उभरी हुई चट्‌टानों के कारण नज़ारा और अद्भुत हो गया था।
‘शाम के लिए तुम्हारा प्लान क्या है?’ नील ने पूछा।
‘मुझे टर्म शीट बनानी है।’
‘ओह, कम ऑन। उसे ऑफिस में बना लेना। डिनर से पहले आइलैंड का एक चक्कर लगाएँ?’
‘श्योर।’ मैंने कहा।

नील और मैं आइलैंड को घेरे रखने वाले दो किलोमीटर लंबे ट्रैल पर चल रहे थे। यहाँ के चप्पे-चप्पे से खूबसूरती झलक रही थी। यदि भगवान ने स्वर्ग को डिज़ाइन करने के लिए किसी आर्किटेक्ट की मदद ली होती तो वह ऐसा ही कुछ बनाता।
नील ने वर्कआउट क्लॉथ्स पहन रखे थे और वह इनमें और हैंडसम लग रहा था। मैंने एक सफेद टी-शर्ट और ग्रे ट्रैकपैंट्स पहने थे।
‘उस दिन हाइक। आज वॉक। तुम वाकई फिटनेस को लेकर कॉन्शियस रहते हो।’
‘कोशिश करता हूँ। मेरी उम्र में पहुँचकर फिट रहना आसान नहीं होता।’
‘लेकिन तुम सचमुच बहुत फिट लगते हो।’
‘थैंक यू। लेकिन अब मैं बूढ़ा गया हूँ। पैंतालीस साल!’
‘यह कोई इतनी भी उम्र नहीं है।’
वह हँस दिया।
‘रियली? और तुम्हारी उम्र क्या है? सॉरी, मुझे पूछना तो नहीं चाहिए।’
‘मैं पच्चीस की हूँ। वेल, एक महीने बाद छब्बीस की हो जाऊँगी।’
‘तुम तो बहुत ही यंग हो। और इसके बावजूद तुम कितनी बिग डील्स काम कर रही हो।’
‘मैं लकी हूँ।’
‘ऐसा मत बोलो। तुम इसके लायक हो। तुम मेहनती हो। मेहनत से ही लक बनता है।’
मैं उसकी ओर देखकर मुस्करा दी।
‘लेकिन तुम मुझसे बीस साल छोटी हो, यह सोचकर मैं खुद को और ओल्ड महसूस करने लगा हूँ।’
‘तुम पैंतालीस की उम्र में गोल्डमान साक्स में पार्टनर बन गए हो। इसके लिए बहुत यंग एज है। फिर तुम दिखते भी हैंडसम हो।’
सुषमा, तुम्हें यह कहने की क्या ज़रूरत थी? तुम अभी डिस्ट्रेस्ड डेट ग्रुप के एशिया हेड के साथ हो। अपने पर कंट्रोल करो।
‘थैंक यू। आजकल मुझे यह ज़्यादा सुनने को मिलता नहीं।’
हम पूरे आइलैंड का चक्कर काटकर रिसोर्ट पर लौट आए थे।
‘एक घंटे बाद डिनर? मैं एक शॉवर लेने जा रहा हूँ। रेस्तरां में मिलते हैं।’
‘श्योर।’
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