Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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19
शनिवार शाम 6 बजे
सन्नी
लक्ष्मी आंटी के नखरे हमें ज्यादा नहीं झेलने पड़े। नाश्ता करने के बाद Kitchen में ही लक्ष्मी आंटी ने लगभग गिड़गिड़ाते हुए उसे छुटकारा दिलाने की गुहार लगाई।

मैंने बड़े नखरे दिखा कर उसे हमारी कसम याद दिलाई। लक्ष्मी आंटी तड़प रही थी और मैंने उसे अपना लौड़ा दिखाया तो लक्ष्मी आंटी भूकी शेरनी की तरह लपक कर उसे निगल गई। जब मेरा लौड़ा चिकनाहट से भर गया तो मैंने लक्ष्मी आंटी को kitchen के मेज पर एक पैर रख कर लेटने को कहा। Chastity belt के पिछवाड़े में बनी खाली जगह से लक्ष्मी आंटी की भुरी आंख दिख रही थी।

मैंने अपना चिकना लौड़ा लक्ष्मी आंटी की गांड़ में दबाया तो लक्ष्मी आंटी ने एक प्यारी सी आह… के साथ मेरा डंडा अपनाया। हालांकि लक्ष्मी आंटी ने 6 बार गांड़ मरवाई थी फिर भी वह अब तक गांड़ मारने की आदि नहीं हुई थी। लक्ष्मी आंटी हमारी जिद के लिए गांड़ मराती थी। विक्की ने आगे से झुक कर लक्ष्मी आंटी को चूमना शुरू किया तो मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ फैलाकर पेलना जारी रखा। लक्ष्मी आंटी की चूत कि गहराइयों में बजता viब्राtor बीच के पतले मांस के परदे से मेरे लौड़े को मालिश कर रहा था। Viब्राtor की झुनझुनाहट ने लक्ष्मी आंटी को पहले से गरम कर रखा था और अब मेरे मूसल ने साथ साथ लक्ष्मी आंटी के पिछवाड़े को बजाकर उसे शरीर सुख की चोटी से धकेल दिया। लक्ष्मी आंटी झडने लगी पर मैं रुका नहीं। लक्ष्मी आंटी के बदन में होता लौड़ा-viब्राtor घर्षण उसे कामोत्तेजना के अधर में लटकाए झूला रहा था। लक्ष्मी आंटी विक्की का लौड़ा चूसते हुए अपना बदन झटक रही थी, कांप रही थी, मुंह से लार टपकाती आंखे घुमाकर अकड़ते हुए झड रही थी।

अचानक विक्की ने अपना लौड़ा लक्ष्मी आंटी के मुंह में से बाहर खींच लिया। लक्ष्मी आंटी ने लगभग रोते हुए हाथ बढ़ाकर उसे पकड़े रखने की कोशिश की पर नाकाम हुई।

तकरीबन 15 मिनट की बेरहम कुटाई के बाद मैंने अपना लौड़ा जड़ तक लक्ष्मी आंटी की गांड़ में पेल दिया और उसके आंत को अपने रस से रंग दिया। मैंने ' प्क्क' की आवाज से लक्ष्मी आंटी की गांड़ में से अपनी तलवार निकाली तो लक्ष्मी आंटी ने कराहकर अपने आखिरकार थमे चरमसुख से सांस ली।

अफसोस की लक्ष्मी आंटी को इतनी ही राहत मिलनी थी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के मुंह में झडने के डर से अपना लौड़ा बाहर निकाला था और अब अपनी बारी लेने को आतुर होकर वह आगे बढ़ा। लक्ष्मी आंटी में इतनी भी ताकत नहीं बची थी कि वह विक्की का विरोध करती। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को घुमाकर लक्ष्मी आंटी को पीठ के बल लिटा दिया। फिर विक्की ने लक्ष्मी आंटी के अब खुले और मेरे रस से भरे छेद में अपना खूंटा ठूस दिया।

“विक्की बाबू…” लक्ष्मी आंटी ने पुकारा और उसके लौड़े को अपने पिछले छेद में निगल गई। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के दोनो पैर अपने कंधो पर रख दिए और झटकेदार ठुकाई करने लगा। लक्ष्मी आंटी ने मेज को अपनी गांड़ के दोनों तरफ से पकड़ लिया जिस से विक्की को अपने झटके देने में सहूलियत मिली। मैं मेज के दूसरी ओर से लक्ष्मी आंटी के हिचकोले खाते दूधिया गुब्बारों को देख कर ललचाया। मैंने झुक कर लक्ष्मी आंटी की चूची पर जड़े तंग बेरी को अपने होठों से पकड़ा और दुसरी चूची को पकड़ कर दबाने लगा।

अबकी बार लक्ष्मी आंटी का मुंह खुला था तो उसने असंबद्ध आवाजें निकाल कर अपनी उत्तेजना दिखाई। लक्ष्मी आंटी अब न तो कोई लड़की थी न ही औरत, वह केवल प्रणय सुख में झूलती और उसे झेलती एक मादा थी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी की गांड़ को अच्छे से फैलाकर पेला और 15 मिनट स्वर्ग घुमाकर ही लक्ष्मी आंटी की गांड़ में झड़ गया।

जब हम दोनों पीछे हो कर अपनी मेहनत के असर का निरीक्षण करने लगे। लक्ष्मी आंटी के दोनों पैर अंदर से गीले थे। चूत में से बहता रस देखा तब पाया कि मेज के नीचे लक्ष्मी आंटी के रसों से डबरा बना है। लक्ष्मी आंटी मेज पर निढाल होकर पड़ी थी। लक्ष्मी आंटी की खुली गांड़ में से हमारा गाढ़ा घोल अब टपक कर नीचे बने डबरे को सामूहिक रूप दे रहा था। लगातार आधे घंटे तक झडने से लक्ष्मी आंटी पस्त हो गई थी लेकिन अब भी लक्ष्मी आंटी की चूत में झुनझुनाता viब्राtor अपना दम तोड़ने से कोसों दूर था।

“बेचारी लक्ष्मी आंटी!!!”

Score Card शनिवार शाम 6 बजे तक
लक्ष्मी आंटी--मुंह------चूत------गांड
विक्की---------5---------6-------4
सन्नी------------5---------6-------4

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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20
विक्की

लड़खड़ाते कदमों से लक्ष्मी आंटी ने kitchen के मेज से कुर्सी तक का सफर तै किया। लक्ष्मी आंटी ने viब्राtor की बैटरी जल्दी ख़तम करने के लिए उसे पूरी speed par दौड़ाए रखा था। उस से लक्ष्मी आंटी की हालत जल बिन मछली की तरह तड़पने से थी। रात के खाने के लिए लक्ष्मी आंटी को kitchen में कुर्सी पर बिठा कर हम दोनों ने काम किया। लक्ष्मी आंटी, जैसे तैसे हम दोनों को खाना बनाना सिखा रही थी। जब खाना परोसा गया तो लक्ष्मी आंटी को हिलना डुलना मुश्किल हो गया था।

हमने वहीं पर खाना परोसा। Kitchen में लक्ष्मी आंटी के पैरों के बीच में कोई सैलाब उमड़ा था। लक्ष्मी आंटी की जांघे उसके रस से भीगी हुई थी और लक्ष्मी आंटी बिना रुके झडती हुई कुर्सी पर बैठी थी।

लक्ष्मी आंटी “बाबू, सुबह कब से होगी? मुझे थकान हो गई है। अब सहना मुश्किल है। मुझे छुड़ाओ इस आफत से!!!”

“लक्ष्मी आंटी, जरा खाना खालो। सुबह तो 4 बजे से होती है पर बैटरी उस से पहले ही दम तोड़ देगी। वैसे भी, खाना होते ही हम सब ऊपर जा कर तुम्हारी गांड की वो खबर लेंगे की तुम इस मीठे दर्द को भूल जाओगी।”

लक्ष्मी आंटी ने फटाफट खाना खाया और हमारी ओर देखा। हम दोनों ने भी अपना खाना खा लिया था। लक्ष्मी आंटी के पैर लड़खड़ाये तो मैंने उसे अपनी बाहों में उठा लिया। लक्ष्मी आंटी ने मेरे कंधे पर अपना सिर रख कर मुझपर अपना विश्वास दिखाया। हम सब ऊपर गये तो सन्नी ने लक्ष्मी आंटी का apron उतार दिया। Chastity belt से छुटकारा पाने में अभी पूरी रात जानी थी।

हम दोनों बेडपर बैठ गए तो लक्ष्मी आंटी अपने हाथों और घुटनों के बल रेंगते हुए हमारे सामने आई। अपने पेट के बल लेटकर लक्ष्मी आंटी ने अपने पैरों को फैलाया। इस से viब्राtor पर पैरों का दबाव कम हुआ पर वह थोड़ा सा अंदर दब गया।

लक्ष्मी आंटी “बाबू, चोदो मुझे। मुझपर कोई रहम मत करना। बुरी तरह कूटो मुझे। आह… बाबू…”

लक्ष्मी आंटी ने अपने सामने नजर आने वाले पहले लौड़े को निगल लिया और दूसरे को पकड़ कर हिलाने लगी। कुछ देर बाद पहले लौड़े पर बनी चिकनाहट से वह लौड़ा गले में उतरने लगा तो लक्ष्मी आंटी ने उसे छोड़ दूसरे को चूसना शुरू किया।

मैंने लक्ष्मी आंटी की इजाजत समझकर, बेड पर से उतर गया। लक्ष्मी आंटी सन्नी के लौड़े को चूसने में दंग थी जब मैं पीछे से चढ़ गया। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी का सर अपने लौड़े पर दबाया, मैंने उसी वक़्त धावा बोला।

मेरे सुपडे ने लक्ष्मी आंटी की गांड को भेद कर फैलाया तो लक्ष्मी आंटी ने फरक पहचाना। अब तक सन्नी पहले गांड फैलता और फिर मैं उसे चौड़ा करता। लक्ष्मी आंटी की कसी हुई गांड फैलते हुए मैं अपने लौड़े को जड़ तक दबाते हुए ले जाया। लक्ष्मी आंटी के बदन पर लेट कर अब हम दोनों सन्नी का पेट देख रहे थे।

आखिरकार मदत सन्नी से ही मिली। सन्नी उठ कर सरक गया और मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड मारना शुरू कर दिया। लक्ष्मी आंटी इतनी गरम हो चुकी थी कि वह निचे से अपने कूल्हे उठा कर मेरे हर धक्के को अपने अंदर ले रही थी। इस धमाचौकड़ी में सन्नी चुपचाप बाजू में खड़ा रेकॉर्डिंग कर रहा था।

लक्ष्मी आंटी इस तरह गांड पहले मरा चुकी थी और अब अपना पूरा सहयोग देते हुए मजे ले रही थीं। मैंने लक्ष्मी आंटी के दूधिया गोले अपनी मुठ्ठी में के भींच कर अपनी तोप दागी और लक्ष्मी आंटी कि गदराई गांड में अपने बीज की बौछार कर दी। मैं लक्ष्मी आंटी के बदन पर गिर गया पर लक्ष्मी आंटी ने अपनी गांड से मेरे लौड़े को निचोड़ना जारी रखा।

“सन्नी, यार बचा ले। इसकी गांड अब भी भूकी है। ले तू पेल कर इसकी भूक मिटा दे।”

सन्नी ने कैमरे को बगल में रख दिया और बेड पर लेट गया। मेरे उठते ही लक्ष्मी आंटी उठी और सन्नी का लौड़ा चूसने लगी। मैंने कैमरा उठाया और रिकॉर्डिंग जारी रखा। लक्ष्मी आंटी की गांड का छेद थोड़ा खुला था और मेरे रस की कुछ बूंदें वहां से बाहर निकलने वाली थी। लक्ष्मी आंटी ने अचानक अपने हाथ से अपनी गांड के छेद को दबाया। लक्ष्मी आंटी ने अपनी रस से लबालब भरी गांड सन्नी की सुपडे से बंद कर दी। लक्ष्मी आंटी के थोड़े जोर लगाने से सन्नी का भाला लक्ष्मी आंटी कि गांड में सेंकने लगा।

लक्ष्मी आंटी ने बड़े मस्ताने अंदाज में सन्नी की आंखों में देख कर चुधना शुरू कर दिया और सन्नी भी लक्ष्मी आंटी के मम्मे मालिश करते हुए चुचियों को निचोड रहा था। उन दिनों की काम वासना देख, उनसे दूर रहना मुश्किल था पर मैंने किया।

जब सन्नी ने आह भरकर लक्ष्मी आंटी की गांड़ भरी तब हम सब थक कर सो गए। लक्ष्मी आंटी के Chastity belt का viब्राtor कब बंद हो गया ये तो शायद लक्ष्मी आंटी को भी पता नहीं चला। आज रात में हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को ज्यादा परेशान नहीं किया। बस एक एक बार फिर से गांड़ मारी तो दो दो बार अपना रस पिलाया।

Score Card रविवार सबेरे 4 बजे तक
लक्ष्मी आंटी-मुंह----चूत----गांड
विक्की--------7-------6------6
सन्नी-----------7--------6------6

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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22
सन्नी
पिछले 36 घंटों में हम दोनों 20-20 बार झड़ चुके थे और लक्ष्मी आंटी की हालत न पुछे तो ही बेहतर। अब हम सब ऐसी हालत में थे कि हम थक कर चूर चूर हो गए थे।

सुबह 7 बजे जब मैंने आंखें खोली तब बेड पर लक्ष्मी आंटी नहीं थीं। दबे पांव मै नीचे उतरा तो लक्ष्मी आंटी को kitchen के बाहर सब्जियों के बाग में कुर्सी पर शांत बैठ कर पुराना अखबार पढ़ते पाया। लक्ष्मी आंटी की खुली पीठ उसकी जवानी को उजागर कर, मुझे सोचने पर मजबुर कर रही थी।

लक्ष्मी आंटी काम करती हैं पर वह गुलाम नहीं, मजबुर से चोरी की पर गुनहगार नहीं, एक कि पत्नी होते हुए दो प्रेमी है पर बदचलन या वैष्या नहीं। लक्ष्मी आंटी के साथ आज तक जो भी हुआ है उसके लिए कोई और जिम्मेदार है। लक्ष्मी आंटी तो आज भी छोटी छोटी खुशियों से खुश होने वाली एक जवान लड़की है।

मैंने दूसरी कुर्सी लक्ष्मी आंटी के बगल में रख दी।

लक्ष्मी आंटी ने शरमाकर झट से अखबार छुपाया “सन्नी बाबू, आप उठ गए! आवाज दे देते, मैं अभी चाय बनाती हूं।”

“रुक जाओ लक्ष्मी आंटी। जरा बैठो। अगर मैं और विक्की थके हुए हैं तो तुम हमसे दुगना थकी हुई होगी। फिर भी एक बार भी चुं तक नहीं की। अब लक्ष्मी आंटी तुम बोलो। मैं जानता हूं कि लक्ष्मी आंटी कौन है और क्या करती है। मुझे बताओ कि लक्ष्मी कौन है? लक्ष्मी क्या करती है? क्या करना चाहती है? अगर लक्ष्मी को मिले तो लक्ष्मी क्या चाहेगी?”

लक्ष्मी आंटी ने मेरी बात उड़ा देनी चाही लेकिन फिर धीरे से बोल पड़ी “मैंने दसवी कक्षा पूरी की है। मैं पढ़ना चाहती थी पर पैसे और शादी बीच में आ गई। जब पप्पुजी घर में नही होते तब मैं पड़ोसी का टीवी सुनती हूं, कभी कभी गाने बजते हैं तो अकेली नाचती हूं। मैंने घर का हिसाब अच्छे से संभाला है और अगर मैंने रखे हुए पैसे पप्पूजी शराब के लिए नही लेते तो कभी चोरी नही करती। बचपन में सोचती थी कि बड़ी होकर किसी बड़ी कंपनी मे सारा हिसाब मेरे हाथ में होगा। मेरा बच्चा कभी कमी नहीं देखेगा। लड़का हो या लड़की मैं उसे पढ़ा लिखाकर बहोत बड़ा करूंगी।
छोड़ दो ये फिजूल के सपने बाबू। आप मुंह धो लो, मैं अभी चाय बनाती हूं। विक्की बाबू!!! अं… आप कब आए? आप भी मुंह धो लो, चाय अभी बन जाएगी। नाश्ते में क्या लोगे?”

“सुना तूने?”

विक्की “काश मैं न सुनता। काश कि लक्ष्मी आंटी एक सिक्के की तरह होती। एक हमारा नजरिया और एक लक्ष्मी आंटी का। लक्ष्मी आंटी आज किसी हीरे की तरह लगी। जहां से देखो एक अलग रूप, अलग पहचान है। क्या करें?

हम दोनों बातें करते हुए bathroom में गए। बाहर आते आते एक बात तो पक्की हो गई कि लक्ष्मी आंटी को हम जितनी खुशी दे सके वो हम दोनों देंगे। लक्ष्मी आंटी ने हमें चाय के साथ biscuit दिए। हमने लक्ष्मी आंटी को अपने साथ बिठा कर खाने के लिए कहा। लक्ष्मी आंटी का बरताव थोड़ा शर्मिला और हिचिचाहट से भरा हुआ था।

लक्ष्मी आंटी ने हमारे साथ नंगे बदन होने की आदत कर ली थी पर आज उसने गलती से अपने सपने दिखाकर अपने मन को नंगा कर दिया था। विक्की ने लक्ष्मी आंटी से कहा कि हम सब बाहर टहलने जाते हैं तो लक्ष्मी आंटी झट से मान गई। नंगे बदन बगीचे में घूमती लक्ष्मी आंटी कोई अप्सरा लग रही थी।

उगते सूरज की किरणों से धूप सेंकते हमने पेड़ पौधों को पानी डाला। लक्ष्मी आंटी ने अलग अलग पौधोंकी पैदावार बताई, उनसे मिलने वाले नफे नुकसान का हिसाब बताया। सुबह के 8 बजे तक हम सब घूम कर वापस आ गए।

लक्ष्मी आंटी का पसीने की महीन परत से चमकता बदन हम युवाओं के यौवन को ऐसे ललचा गया जैसे आदमखोर बाघ को खून की महक। मुझे रहा नहीं गया और मैं ठंडे पानी से नहाने bathroom में दौड़ा। विक्की भी मेरे पीछे पीछे आ गया। लक्ष्मी आंटी ने हिलाने से मना किया था पर अब सहें कैसे? इस विचार में हम दोनों डूबे हुए थे कि लक्ष्मी आंटी अंदर आ गई।

लक्ष्मी आंटी की आंखे नम थी। लक्ष्मी आंटी धीरे से बोली,
“मुझे क्या कोई गलती हुई है? नहीं तो आप दोनों ने मुझसे ऐसी दूरी क्यों बना ली?”

मुझे और बर्दाश्त नही हुआ। मैंने लक्ष्मी आंटी से कहा कि हमें उस पर गुस्सा करने का कोई हक नही। उलटा हम उसके गुनहगार हैं। हम दोनों ने बेरहमी से न केवल उसकी इज्जत लूटी पर उसके तन बदन को निचोड़ कर हर तरफ से इसतेमाल किया।

लक्ष्मी आंटी के होठों पर मुस्कान आ गई, “तो बोलो, अब मैं आप दोनों को सजा दे सकती हूं? हम्म तो मैं आप दोनों को मुर्गा बनाऊं या आप दोनों के कड़क पिछवाड़े पर एक पतली डंडी से चाबुक के वार करूं?
नहीं… नहीं… ये तो बड़ी आसान सजा होगी।"

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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22.2
मैं आप दोनों को यह सजा सुनती हूं कि आप दोनों अपनी लक्ष्मी आंटी को कल सुबह तक इतना प्यार करोगे की तुम्हारी लक्ष्मी आंटी को कभी इस सुख की कमी ना खले। समझे?”

लक्ष्मी आंटी ने अपनी बाहें खोली और हम दोनों उससे लिपट गए। हम सब पसीने से भीगे हुए थे तो लक्ष्मी आंटी के सुझाव पर विक्की ने गरम पानी का shower चला दिया। कल सुबह की तरह हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को अच्छे से धोया और साफ किया। आज लक्ष्मी आंटी होश में थीं तो लक्ष्मी आंटी ने भी हम दोनों को अच्छे से रगड़ रगड़ कर नहलाया। मेरे और विक्की के हाथ लक्ष्मी आंटी की चूत, गांड़ और मम्मों को कुछ ज्यादा ही साफ कर रहे थे तो लक्ष्मी आंटी ने भी हमारे लौड़ों को अच्छे से मालिश कर साफ़ किया।

अब मुझे और सहा नहीं गया। मैंने लक्ष्मी आंटी को कमर में से मोड़ कर उसके मुंह पर विक्की का लौड़ा लगाया। पीछे मैं था तो मैंने लक्ष्मी आंटी के पैरों को फैला कर उसकी गीली चूत को खोल दिया। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को अपना लौड़ा चूसता देख उसकी प्रशंसा की पर मुझे गुस्से में आंख दिखाई।

मेरी भी मज़बूरी थी!! मैंने लक्ष्मी आंटी की बहती चूत पर अपने लौड़े का सुपारा रगड़ा और लक्ष्मी आंटी के काम रसों से पहले अपना लौड़ा गीला कर दिया। फिर धीरे धीरे मज़े से एक एक छोटे धक्के से लक्ष्मी आंटी की चूत भर दी। लक्ष्मी आंटी की हालत विक्की के जोर जोर से चूसा जाने वाले लौड़े को समझ आई और उसने मुझे डांटा के मुंह में वह अपना रस छोड़ना नहीं चाहता।

मेरे दिमाग में बत्ती जली और मैंने झूठे गुस्से से कहा, “विक्की, अगर तुझे इतनी जल्दी है तो लक्ष्मी आंटी को उठा ले।”

मैंने लक्ष्मी आंटी के बाल पकड़ कर उसका मुंह खिंच कर विक्की के लौड़े से हटाया। 'चूउप' की आवाज से लक्ष्मी आंटी के मुंह से विक्की को लौड़ा निकला और अगले ही पल लक्ष्मी आंटी की बच्चेदानी तक घुसा मेरा लौड़ा भी बाहर निकल आया।

लक्ष्मी आंटी ने उत्तेजना में अधूरे छोड़ा जाने पर गुस्सा दबते हुए निराशा से कहा “झगड़ा मत करो बाबू, मैं आप दोनों की हूं। जैसे चाहो करो, मैं मना नहीं करुंगी।”

विक्की ने मुझे अलग होता देख गरमी में लक्ष्मी आंटी को bathroom की दीवार पर दबा दिया और उसके होंठ चूमने लगा। गरमाई लक्ष्मी आंटी ने विक्की को पूरा साथ देते हुए अपनी बाहों का हार विक्की के गले में डाल दिया।

विक्की ने मौके पर चौका मारा और लक्ष्मी आंटी चीख उठी,
“विक्की बाबू!!!! मैं गिर जाऊंगी! आह… ऊंह…”

विक्की ने लक्ष्मी आंटी को उठा कर दीवार पर दबाते हुए अपना मूसल उसकी गीली गुफा में गाड़ दिया। लक्ष्मी आंटी ने इस तरह की ठुकाई सपने में भी नही सोची होगी जिसका अब वह अनुभव ले रही थी। विक्की फटाफट वार करते हुए लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में कस कर पकड़ लिया। अब उसके पैरों को अपने हाथों के उपर लेकर लक्ष्मी आंटी की चूत और गांड़ को अच्छे से खोल दिया।

“ला विक्की, मै तेरी मदद करता हूं।”

मैंने पिछे से लक्ष्मी आंटी की जांघे विक्की के हाथों के नीचे से पकड़ ली। लक्ष्मी आंटी ने मूड कर मेरी तरफ देखा तो मैंने लक्ष्मी आंटी को चूमते हुए उसकी गांड़ को अपने सुपारे से भेद दिया।

“मां… अन्हहह… मरी… अहह… बाबू!!!… हां… हां… हां… हां…” लक्ष्मी आंटी की चीखें bathroom में गूंज उठी। मेरे इस मजे में बस इस बात से निराश था की ये मौका हम रिकॉर्ड नहीं कर पाए।

खैर, लक्ष्मी आंटी की तंग कसी हुई गांड़ में निराशा और अफसोस के लिए जगह कहां? हम दोनों ने मिलकर लक्ष्मी आंटी को अपने लौड़ों पर उठा कर पटखना शुरु कर दिया तो लक्ष्मी आंटी ने बाहों और पैरों से विक्की को पकड़ कर पीठ और सर मेरे भरोसे छोड़ दिया। लक्ष्मी आंटी ने मानो अपने बदन की मिल्कियत हम दोनों में बांट दी थी। यह एहसास एक तरफ से लक्ष्मी आंटी के उपर हमें असीम हक देता था और दूसरी तरफ लक्ष्मी आंटी की पूरी खुशहाली की जिम्मेदारी। उत्तेजना और डर के इस मिश्रण में खुद को भूल कर हम एक दूसरे के एहसास में डूब गए।



लक्ष्मी आंटी की चिल्लाहत से हमारी वासना बढ़ती जा रही थी। विक्की और मैं लक्ष्मी आंटी को उत्तेजना की चरम सुख में ज्यादा से ज्यादा डुबोने का काम करने के लिए लगे पड़े थे। आखिर कार लक्ष्मी आंटी की कसी हुई गांड़ में, मैं ऐसा निचोड़ा गया कि मैं सह नहीं पाया।

“लक्ष्मी आंटी… आह… आनहह… हा… हा… आह… अह…”की पुकार से लक्ष्मी आंटी की आंत मेरे बीज से भर दी गई। मेरी आवाज और मेरे लन्ड से बाहर निकलते रस को लक्ष्मी आंटी की चूत से महसूस करते हुए विक्की भी झड गया।

थकी हुई लक्ष्मी आंटी को हम दोनों ने सहारा देकर खड़ा रखा तो लक्ष्मी आंटी की चूत और गांड़ में से हमारे रस की धारा बहने लगी। थकी लक्ष्मी आंटी ने मुस्कुराते हुए कहा,
“सन्नी बाबू, इतना गुस्सा ठीक नहीं। अब उतर गया कि अब भी गुस्सा बाकी है?”

हम सब shower चला कर साफ़ हो गए और फिर बड़े bathtub में बैठ गए। लक्ष्मी आंटी bathtub में पैर फैला कर ऐसे लेटी थी कि अंदर दाखिल होता पानी उसके गुपतांगों को हलकी गुदगुदी से साफ करता। हम दोनों लक्ष्मी आंटी के बगल में लेट कर उसके शरीर के अंग अंग को अपने होठों से, हाथों से और पैरों से सहलाकर लक्ष्मी आंटी को हलके हलके उत्तेजित रखे हुए थे।

Score Card रविवार सुबह 8.30 बजे तक
लक्ष्मी आंटी--मुंह------चूत------गांड
विक्की----------8--------7--------6
सन्नी--------------8--------6-------7
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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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23
विक्की
पानी में 10 मिनट बैठने से हमारी त्वचा पर झुर्रीयां पड़ने लगी और हम सब बाहर निकल आए। लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को अच्छे से पोंछा तो हमने भी लक्ष्मी आंटी के बदन से एक एक बूंद चूम कर उसके शरीर को सुखाया।

जाहिर सी बात है कि इस से लक्ष्मी आंटी गरमा गई और लक्ष्मी आंटी को छुटकारा दिलाने में हम दोनों लग गए। हॉल के जिस सोफे पर हम ने लक्ष्मी आंटी को पहली बार बिठाया था, उसी पर अब हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को ऐसे लिटाया के लक्ष्मी आंटी के पैर फैल कर जमीन छू रहे थे और लक्ष्मी आंटी कमर से ऊपर लेटी हुई थी।

लक्ष्मी आंटी की गीली गरमी को सूंघते हुए मैं आगे बढ़ा और अपने होठों से लक्ष्मी आंटी के गुप्तांग को चूमते हुए उसे सुखाने लगा। लक्ष्मी आंटी ने सिसकारियों भरते हुए अपनी उंलियां मेरे बालों में डाल कर मेरा सर अपनी मुनिया पर दबाया। लक्ष्मी आंटी की आहें भरते समय पूरे बदन में सिहरन दौड़ रही थी। लक्ष्मी आंटी का बदन कांपने लगा और पसीने छूट कर लक्ष्मी आंटी उत्तेजना वश चीखने चिल्लाने लगी। मैंने लक्ष्मी आंटी के सुख के मोती को चूसना चालू रखा और अपनी जीभ से उस दाने को रगड़ते हुए अपनी उंगलियों को लक्ष्मी आंटी की गरम गहराई में उतार दिया।

लक्ष्मी आंटी ने मेरे सर को अपनी मुनिया पर दबाते हुए अपना सर हिलाकर अपनी विवशता और उत्तेजना में तड़पना जारी रखा। मैंने लक्ष्मी आंटी के रस से भरी मेरे दाहिने हाथ की उंगलियों को लक्ष्मी आंटी की चूत में से बाहर निकाला तो लक्ष्मी आंटी ने नाराजी के स्वर में कराहा।

मैंने लक्ष्मी आंटी की खाली चूत को अपनी बाईं हाथ की दो उंगलियों से भरते हुए उसे चुप कराया। लक्ष्मी आंटी के काम रस से भरी हुई दाहिनी उंगलियां अब लक्ष्मी आंटी के पिछले सुराख में फ़ैल ने लगी तो लक्ष्मी आंटी ने मज़े लेने में अगला पड़ाव पकड़ लिया। लक्ष्मी आंटी ने अब अपने हाथों को मेरे सर से हटा कर अपनी कड़ी चूचियों को दबाना शुरू कर दिया। लक्ष्मी आंटी से इतनी उत्तजना सही नहीं गई और एक मस्तानी चीख निकाल कर लक्ष्मी आंटी ने मेरे जीभ पर रस की धारा उड़ा दी।

सन्नी ने कैमेरा बाजू में रखा और लक्ष्मी आंटी के उपर लेट कर उसके होंठों को हलके से चूमा।

“यार, लक्ष्मी आंटी तो फिर से पसीने में भीग गई। अब लक्ष्मी आंटी को फिर से नहाना पड़ेगा।”

सन्नी, “चल, थोड़ी मदद कर ते हैं।”

हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को फिर से bathtub के गरम पानी में बिठाया। सन्नी लक्ष्मी आंटी की हालत का फायदा उठाकर उसके उपर लेट गया और उसके होंठ चूमने लगा। लक्ष्मी आंटी को bathtub के किनारे से दिक्कत हो रही थी तो सन्नी पीछे हो गया। लक्ष्मी आंटी ने सन्नी के उपर बैठ कर उसे चूमना शुरू किया। अभी अभी झड चुकी लक्ष्मी आंटी को अपनी खाली मुनिया एक पल भी नहीं भाई और लक्ष्मी आंटी ने सन्नी के लौड़े को पकड़ कर उसका सुपाड़ा अपनी मुनिया पर रगड़ना शुरू किया। सन्नी बेचारा लक्ष्मी आंटी का हमला सहते हुए bathtub के किनारे को पकड़ कर लक्ष्मी आंटी को चूमता रहा।

लक्ष्मी आंटी ने सन्नी पर रहम करते हुए उसके लौड़े पर अपना बदन रखा और अपनी गरमी में सन्नी का लौड़ा समा लिया। पानी में मस्ती करते जोड़े को जो रोके वह १२ वर्ष तक जंगल में तपस्या कर के प्रायश्चित करे। पर जो इस जोड़े से जुड़े वो?

लक्ष्मी आंटी पानी में आगे पीछे होते हुए सन्नी के लौड़े को पकड़ कर दबाने में व्यस्त थीं तो सन्नी लक्ष्मी आंटी के इस हमले को उपभोग करते हुए आंखें बंद कर लक्ष्मी आंटी को चूम रहा था। मेरे bathtub में दाखिल होने का पता लक्ष्मी आंटी को तब चला जब मैंने पीछे से उसके कंधे पकड़े। लक्ष्मी आंटी ने मेरी तरफ देखा तो मैंने अपने लौड़े का सुपारा लक्ष्मी आंटी की गांड़ पर दबाया।

“विक्की बाबू!!!” की चीख निकाल कर लक्ष्मी आंटी ने मेरे लौड़े को अपनी गांड़ में समा लिया। मैंने लक्ष्मी आंटी को कस कर पकड़े रखा और धीरे धीरे अपना मूसल उसकी गांड़ में पेल दिया।

हा… हा… हा… के पुकार के साथ लक्ष्मी आंटी ने सर उठाकर उपर देखते हुए अपनी उत्तेजित विवशता की चीखों से बाथरूम को भर दिया। जब मेरा लौड़ा जड़ तक लक्ष्मी आंटी की गांड़ में समा गया तो मैंने रुकना ठीक समझा। लक्ष्मी आंटी दो पल रुक कर समझ गई कि अब उसकी चाल है। लक्ष्मी आंटी ने धीरे से उठते हुए अपनी चूत और गांड़ से हम दोनों को बाहर निकाला। जब मेरे सूपड़े ने लक्ष्मी आंटी की गांड़ को फैलाया तब लक्ष्मी आंटी ने उपर देखते हुए बैठना शुरु किया।

हा… मां… आह… हनह… अंह… आह… मां!!!

लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को वापस लेने में अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। हम दोनों लक्ष्मी आंटी की गरमी में सेकते हुए लक्ष्मी आंटी के मज़े ले रहे थे। सन्नी ने आंखों से इशारा किया तो मैंने बाजू में रखा कैमेरा देखा। लक्ष्मी आंटी की कई सुनहरी यादें हम ने कैमेरा में रिकॉर्ड की है यह देख अच्छा लगा। लक्ष्मी आंटी कैमेरा ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से बेखबर मानो स्वर्ग में बैठे देवताओं को गुहार लगते हुए हम दोनों के लौडों से अपनी चूत और गांड़ मरवा रही थीं।

में पीछे से लक्ष्मी आंटी के तंग संतरों को पकड़ा तो सन्नी ने आगे बढ़कर उन संतरों पर जडी लाल बेरियों को अपने होठों से पकड़ लिया। हम दोनों ने मानो ठान लिया था कि लक्ष्मी आंटी की मस्तानी आवाज को कोई नहीं रोकेगा। लक्ष्मी आंटी के हर धक्के से छपाक… छ्पाक… की आवाज लक्ष्मी आंटी की चीखों में मिलकर एक नई धुन बना रही थी। लक्ष्मी आंटी ने कई बार झड़ने के कारण होश खोकर किसी जानवर की तरह चुधना जारी रखा।

5 मिनट की बेरहम कुटाई के बाद कुछ ऐसा हुआ जिसकी हम में से किसी को भी उम्मीद नहीं थी। मेरा लौड़ा छीलने लगा और सन्नी का चेहरा भी कुछ असुविधा के भाव दिखा रहे थे। लक्ष्मी आंटी की उत्तेजना की आवाज में कुछ दर्द लग रहा था। मैंने लक्ष्मी आंटी को पिछे से पकड़ कर रोका, “लक्ष्मी आंटी, कुछ गडबड है। मेरा लौड़ा जैसे पानी में भी सुख रहा है”

सन्नी के दिमाग की बत्ती जली, “धत्त तेरे की! अरे चूत में चिकनाहट के लिए रस होता है और गांड़ में भी थोड़ा रस होता है। जब हमने पानी से भरे tub में मस्ती की तो रस धूल गया और फिर हमें तकलीफ हुई।”

लक्ष्मी आंटी को हम दोनों ने उठाया और गरम पानी का shower चलाने को कहा। लक्ष्मी आंटी shower चलाने को भागी तो सन्नी ने bathtub के plug को खिंच निकाला। Bathtub में जमा पानी बह गया और shower से होती बारिश tub में बरसने लगी। उतने में मैं क्रीम की शीशी लेकर आया।

लक्ष्मी आंटी का चेहरा क्रीम की शीशी देख कर खिल उठा। हमने लक्ष्मी आंटी को खड़ा कर उसके चूचे चूसना शुरू किया तो लक्ष्मी आंटी आहें भरती हुई हमारे सर अपने मम्मो पर दबाने लगी। हमने अपनी उंगलियों पर क्रीम लगा कर लक्ष्मी आंटी के छेदों में भर दी तो लक्ष्मी आंटी ने अपना पैर उठाकर हमें जगह बनाकर दी। हमारी उंगलियां लक्ष्मी आंटी को दोहरा चोद रही थीं जब लक्ष्मी आंटी ने हमें बाजू कर दिया।

अब लक्ष्मी आंटी ने क्रीम की शीशी में से काफी क्रीम अपनी हथेली पर लेकर अपने हाथों पर फैलाया। लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को bathtub के किनारे बिठाकर हमारे कड़े लौड़ों को अच्छे से क्रीम लगा कर चिकना बनाया। अब मेरे पैरों को जोड़ कर लक्ष्मी आंटी मेरी गोद में बैठ गई। अपनी पतली उंगलियों से मेरे लौड़े को पकड़ कर लक्ष्मी आंटी ने मेरे लौड़े को अपनी गांड़ में समा लिया।

“आह… सन्नी बाबू अब अच्छा लग रहा है। बस अब की बार अपनी लक्ष्मी आंटी की गांड़ फाड़ दो पर रुकना नहीं। मां… आह…” कहते हुए लक्ष्मी आंटी ने अपनी गांड़ मरवाना शुरू कर दिया। सन्नी ने अपना मौका नहीं छोड़ा। सन्नी ने मेरे पैर फैला कर बीच में आ गया। लक्ष्मी आंटी के पैर और फ़ैल गए तो लक्ष्मी आंटी के यौवन के फूल की पंखु़रियां भी खुल गई। सन्नी ने एक वार में अपनी तलवार लक्ष्मी आंटी की कोमल जवानी में म्यान कर दी।।

“सन्नी बाबू!!! मां… अन्हह… हा… हा… हा… ओहह… बड़े बेरहम हो बाबू। जरा बता कर आते। मैं आप को मना थोड़ी ना करती। उफ्फ… आह…” करते हुए लक्ष्मी आंटी ने सन्नी के कंधों को अपने हाथों से पकड़ लिया। अब लक्ष्मी आंटी ने सन्नी के कंधों पर जोर देते हुए खुद की चुधाई शुरू कर दी। मैं नीचे से लक्ष्मी आंटी की कमर पकड़ कर लक्ष्मी आंटी को मदद कर रहा था तो सन्नी लक्ष्मी आंटी को पकड़ने की मजबूत जगह दे कर चूधाई में अपना योगदान दे रहा था।

बीच में लगे break के कारण या पता नहीं क्यूं पर अब हमने लक्ष्मी आंटी को ऐसे shower से बेहती धारा में लक्ष्मी आंटी को 15 मिनट कुटा और तब जा कर मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ भरी। मेरा रस फूट पड़ा तो मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ पकड़ कर अपना लौड़ा ठूस कर रख दिया। मेरी हालत समझ कर और अपनी आत्तेजना के हाथों मजबुर सन्नी ने लक्ष्मी आंटी का कंधा दबाकर ठाप पर ठाप लगाने लगा। कुछ ही पलों में सन्नी भी अपना रस लक्ष्मी आंटी की कोख में भर कर छूट गया।

Score Card रविवार सुबह 9.30 बजे तक
लक्ष्मी आंटी मुंह----चूत----गांड
विक्की---------8-----7-----7
सन्नी------------8-----7-----7
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