Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
-
- Pro Member
- Posts: 3034
- Joined: 01 Apr 2017 17:18
Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
-
- Rookie
- Posts: 120
- Joined: 13 Aug 2018 14:31
Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
Nice story, getting interesting..great update ..thank you.
-
- Pro Member
- Posts: 3034
- Joined: 01 Apr 2017 17:18
Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 8
कालवा मुझे और भाभी को संपत के पास ले गया, शहर से दूर एक वीरान सी जगह थी, लेकिन एक बड़ी सी हवेली थी, हमे एक कमरे मे बैठने के लिए बोलकर कालवा कही चला गया …
“सोनू मेरे कारण तुझे कितनी मुसीबतो का सामना करना पड़ेगा रे, जी करता है कि खुद को मार ही डालु “
भाभी की बात सुनकर मैं सकते मे आ गया था
“खबरदार अगर ऐसा सोचा भी तो , आपको एक खरोच भी आए तो मेरी जान निकल जाती है और आप मरने की बात कर रही हो , अगर आपको कुछ हो गया तो सोचा है मेरा क्या होगा , मैं तो जीते जी ही मर जाउन्गा, आप मेरी भाभी माँ हो अब आँसू पोछो और एक मुस्कान मुझे दिखाओ .”
उन्होने प्यार से मेरे गालो पर अपना हाथ फेरा..
“ये दुनिया जिस्म की भूखी है बेटा , यहाँ लोग प्रेम का मतलब भी नही समझते , सभी को जिस्म की चाहत है भले ही वो प्यार से मिले या फिर
छीन कर लिया जाए , तेरा भाई भी वैसा ही था , पता नही तू किस मिट्टी का बना है जिसने मुझे प्रेम किया ना कि मेरे जिस्म से “
वो बेहद ही एमोशनल हो गई थी , मैने उनकी आँखो मे देखा वो प्रेम का पूरा दरिया था , भीगी हुई आँखे रो रो कर लाल हो गई थी , चेहरे की रंगत भी उड़ गई थी लेकिन मज़ाल है कि उनकी खूबसूरती मे थोड़ी भी कमी आई हो … वो चाँद की तरह थी अगर दाग भी लग जाए तो दाग ही सुंदर हो जाता है , चेहरे मे लगे कुछ चोट के निशान भी वैसे ही सुंदर हो गये थे , उन चोटो से थोड़े थोड़े खून का रिसाव तो हो रहा था
लेकिन वो वही जम से गये थे , उनके ब्लाउस के कुछ भाग फट चुके थे और साड़ी भी जल्दबाज़ी मे पहनी गई थी ,इन सबके बावजूद वो मेरे लिए किसी देवी की तरह सुंदर थी और उनकी सुंदरता से उनका मातृत्व झलक रहा था उन्हे देखकर ही मेरी आँखो मे आँसू आ गये लगा कि
अभी उनके पैरो मे गिर जाउ उनके शरण मे अपना पूरा जीवन बिता दूं ..
वो मेरी आँखो मे आए आँसुओं को अपने उंगली के सहारे से पोच्छने ल्गी ..
“अब तू क्यो रो रहा है ..”
इस बार उनके होठों मे मुस्कान थी जैसे उन्हे पता हो कि मेरी आँखो मे आए हुए इस आँसू की वजह क्या है ,मैं भी बस हल्के से मुस्कुरा गया….
तभी कमरे का गेट खुला और एक बड़ी बड़ी मुन्छो वाला व्यक्ति वहाँ दाखिल हुआ साथ ही कालवा भी था …
उसने एक बार मुझे देखा तो एक बार भाभी को उपर से नीचे तक देखा और फिर कालवा को देखने लगा ..
उसकी आँखो मे कुछ ऐसा था जो मुझे समझ नही आ रहा था कि आख़िर बात क्या है ..
“तो लड़के तुमने मार दिया पांडे को “
“जी ..”
“सही किया, साला था ही हरामी, क्या नाम है तुम्हारा “
“जी सोनू “
“सोनू…?? नाम से ही बच्चा लग रहा है और काम बड़े बड़े , और तुम्हारा नाम? “
उसने भाभी की ओर देखा, भाभी थोड़ी सहम सी गई थी संपत का चेहरा था ही ऐसा ख़ूँख़ार वो तो चेहरे से ही कोई छटा हुआ बदमाश लगता था ..
“आरती “
“आरती .. हहा तभी वो पांडे तुम्हारी आरती उतारने ले गया था “
वो एक गंदी सी हँसी हंसा, कालवा भी मुस्कुरा उठा लेकिन मेरी आँखो मे आग आ गई थी, संपत ने मेरी आँखो को देखा ..
कालवा मुझे और भाभी को संपत के पास ले गया, शहर से दूर एक वीरान सी जगह थी, लेकिन एक बड़ी सी हवेली थी, हमे एक कमरे मे बैठने के लिए बोलकर कालवा कही चला गया …
“सोनू मेरे कारण तुझे कितनी मुसीबतो का सामना करना पड़ेगा रे, जी करता है कि खुद को मार ही डालु “
भाभी की बात सुनकर मैं सकते मे आ गया था
“खबरदार अगर ऐसा सोचा भी तो , आपको एक खरोच भी आए तो मेरी जान निकल जाती है और आप मरने की बात कर रही हो , अगर आपको कुछ हो गया तो सोचा है मेरा क्या होगा , मैं तो जीते जी ही मर जाउन्गा, आप मेरी भाभी माँ हो अब आँसू पोछो और एक मुस्कान मुझे दिखाओ .”
उन्होने प्यार से मेरे गालो पर अपना हाथ फेरा..
“ये दुनिया जिस्म की भूखी है बेटा , यहाँ लोग प्रेम का मतलब भी नही समझते , सभी को जिस्म की चाहत है भले ही वो प्यार से मिले या फिर
छीन कर लिया जाए , तेरा भाई भी वैसा ही था , पता नही तू किस मिट्टी का बना है जिसने मुझे प्रेम किया ना कि मेरे जिस्म से “
वो बेहद ही एमोशनल हो गई थी , मैने उनकी आँखो मे देखा वो प्रेम का पूरा दरिया था , भीगी हुई आँखे रो रो कर लाल हो गई थी , चेहरे की रंगत भी उड़ गई थी लेकिन मज़ाल है कि उनकी खूबसूरती मे थोड़ी भी कमी आई हो … वो चाँद की तरह थी अगर दाग भी लग जाए तो दाग ही सुंदर हो जाता है , चेहरे मे लगे कुछ चोट के निशान भी वैसे ही सुंदर हो गये थे , उन चोटो से थोड़े थोड़े खून का रिसाव तो हो रहा था
लेकिन वो वही जम से गये थे , उनके ब्लाउस के कुछ भाग फट चुके थे और साड़ी भी जल्दबाज़ी मे पहनी गई थी ,इन सबके बावजूद वो मेरे लिए किसी देवी की तरह सुंदर थी और उनकी सुंदरता से उनका मातृत्व झलक रहा था उन्हे देखकर ही मेरी आँखो मे आँसू आ गये लगा कि
अभी उनके पैरो मे गिर जाउ उनके शरण मे अपना पूरा जीवन बिता दूं ..
वो मेरी आँखो मे आए आँसुओं को अपने उंगली के सहारे से पोच्छने ल्गी ..
“अब तू क्यो रो रहा है ..”
इस बार उनके होठों मे मुस्कान थी जैसे उन्हे पता हो कि मेरी आँखो मे आए हुए इस आँसू की वजह क्या है ,मैं भी बस हल्के से मुस्कुरा गया….
तभी कमरे का गेट खुला और एक बड़ी बड़ी मुन्छो वाला व्यक्ति वहाँ दाखिल हुआ साथ ही कालवा भी था …
उसने एक बार मुझे देखा तो एक बार भाभी को उपर से नीचे तक देखा और फिर कालवा को देखने लगा ..
उसकी आँखो मे कुछ ऐसा था जो मुझे समझ नही आ रहा था कि आख़िर बात क्या है ..
“तो लड़के तुमने मार दिया पांडे को “
“जी ..”
“सही किया, साला था ही हरामी, क्या नाम है तुम्हारा “
“जी सोनू “
“सोनू…?? नाम से ही बच्चा लग रहा है और काम बड़े बड़े , और तुम्हारा नाम? “
उसने भाभी की ओर देखा, भाभी थोड़ी सहम सी गई थी संपत का चेहरा था ही ऐसा ख़ूँख़ार वो तो चेहरे से ही कोई छटा हुआ बदमाश लगता था ..
“आरती “
“आरती .. हहा तभी वो पांडे तुम्हारी आरती उतारने ले गया था “
वो एक गंदी सी हँसी हंसा, कालवा भी मुस्कुरा उठा लेकिन मेरी आँखो मे आग आ गई थी, संपत ने मेरी आँखो को देखा ..
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
-
- Pro Member
- Posts: 3034
- Joined: 01 Apr 2017 17:18
Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“सही कहता था तू कालवा इस साले की आँखो मे ही आग है.. ठीक है जब तक मामला शांत नही हो जाता तुम दोनो यही रहो और तुम
लड़के अपना नाम बदल लो और मेरे गॅंग मे शामिल हो जाओ क्या है ना मैं मुफ़्त मे किसी के लिए कुछ भी नही करता ..
मैने सर हिलाकर हामी भरी..
“फिकर मत कर मेरे रहते तुम दोनो को तिवारी तो क्या उसका बाप भी छु नही पाएगा …”
संपत एक दमदार आवाज़ मे बोला ..
“धन्यवाद भैया “
भाभी के मूह से निकल गया जिसे सुनकर संपत के चेहरे मे एक मुस्कान आ गई
“भैया नही मामा, मामा बोलना अब से तुम दोनो मुझे “
संपत की बात सुनकर हम दोनो ही एक दूसरे को देखने लगे ..
“जी मामा ..”
“गुड चलो तुम दोनो का कमरा दिखा देता हूँ “
सच मे वो एक बड़ी सी हवेली थी , मुझे और भाभी को लेकर संपत आगे आगे चल रहा था वही कालवा ने हमसे विदा ले लिया था , हवेली के आँगन मे कई लोग बैठे हुए थे सभी के हाथो मे बड़ी बड़ी बंदुके थी और सभी की निगाहे मेरे और भाभी के उपर ,मुझे ये भी शक़ हो रहा था की कही भाभी को यहाँ लाकर मैने कोई ग़लती तो नही कर दी ..
खैर जो भी हो जब खाई मे कूद ही गये है तो देखा जाएगा और जैसे संपत ने हमसे बात की और हमे मामा बुलाने के लिए कहा उससे मुझे
थोड़ी आत्मीयता की भी फीलिंग हुई ..
दूसरे मंज़िल पर हमे आजू बाजू के दो कमरे दिखाए गये, दोनो कमरे हमारी झोपड़ी से बड़े थे
“तुम दोनो अपना कमरा सॉफ कर लेना, और कल से तुम औरतों के साथ काम करोगी और तुम मेरे साथ चलना तुम्हे थोड़ी ट्रैनिंग की ज़रूरत होगी ,और हाँ नाम बदल लेना जिसे सुनकर लोग डरे ना कि हंस दे ..”
वो बड़ी ही आत्मीयता से मुस्कुराया, ना ही मुझे और ना ही भाभी को कुछ समझ आ रहा था, संपत का हमारे लिए ये आत्मीय व्यवहार दोनो को ही समझ नही आ रहा था ..
हम अभी भाभी के कमरे मे जाकर बैठे थे, सभी चीज़े अपनी सही जगह पर रखी हुई थी , एक बिस्तर लगा हुआ था एक इंसान के रहने के लिए बहुत जगा थी , उसी कमरे से सटा हुआ एक दूसरा दरवाजा भी था जो कि मेरे कमरे की ओर खुलता था , मैं भी अपने कमरे मे चला गया था दोनो दरवाजा बंद कर लेते थे भविस्य की चाह मे लेकिन मुझे अपने पास भाभी की कमी खल रही थी ,वो झोपड़ी इतनी छोटी थी कि हमे
एक दूसरे के पास रहने की आदत सी लग गई थी , मैने दोनो कमरे के बीच के दरवाजे को खोल दिया , मैने देखा की भाभी की आँखे बंद थी और वो अपने बिस्तर मे लेटी हुई थी लेकिन उनके चेहरे से लग रहा था कि वो किसी बहुत ही गहरे सोच मे डूबी हुई है , मैं उनके पास जा कर बैठ गया ..
वो चौक गई
“तू कैसे अंदर आ गया “ उन्होने देखा कि उनके कमरे का दरवाजा अभी भी बंद था ..
मैने मुस्कुराते हुए हमारे कमरे के बीच के दरवाजे की ओर इशारा किया , पता नही उन्हे क्या हुआ वो थोड़ा सा उठी और मेरे गले मे अपनी बाँहे डालकर झूल गई , इसका असर ये हुआ कि मैं भी उनके साथ बिस्तर मे गिर गया , मैं उनके उपर था और वो मेरे नीचे वो मुझे कस कर जकड़े हुए थी ..
“अरे भाभी ये क्या कर रही हो “
उनके ऐसा करने से तो मैं भी चौक गया था ,लेकिन उन्होने कुछ भी नही कहा बल्कि मुझे अपने से और जोरो से सटाने लगी ..
मैने भी उनसे अलग होने के लिए कोई ज़ोर नही दिया बल्कि बस उनके उपर ही लेटा रहा , थोड़ी ही देर मे उन्होने अपना बंधन थोड़ा ढीला किया और प्यार से मेरे बालो को सहलाने लगी ,
मैने अब अपना चेहरा थोड़ा उपर किया …
उनकी आँखो मे आँसू के दो तीन कतरे थे जो उनके गालो से होते हुए लुढ़क रहे थे , मेरे होठ उनके उन आँसुओ को अपने अंदर समाने लगे थे , मैं हल्के हल्के उनके गालो पर अपने होठों को चला रहा था , उनका लाल चेहरा और भी खिल गया था , होठों मे एक बड़ी सी मुस्कान
खिल गई थी लेकिन अब भी आँखो से एक दो आँसू टपक ही जाते थे , उनका चेहरे मेरे लार और उनके आँसू से गीला हो रहा था , लेकिन इन सबमे मेरे अंदर एक उत्तेजना ने जन्म ले लिया , वो उत्तेजना थी और अधिक की कामना की उत्तेजना ..
मैं थोड़ा उत्तेजित होने लगा था , मेरे होठ प्रेम से आँसुओ को पीने की बजाय थोड़ा गालो को काट भी रहे थे , ऐसा लग रहा था कि मैं इन गालो
को खा ही जाउ , और मेरे अंदर क्या हो रहा था शायद भाभी ने उसे समझ लिया था उन्होने मुझे खुद से अलग किया ..
लड़के अपना नाम बदल लो और मेरे गॅंग मे शामिल हो जाओ क्या है ना मैं मुफ़्त मे किसी के लिए कुछ भी नही करता ..
मैने सर हिलाकर हामी भरी..
“फिकर मत कर मेरे रहते तुम दोनो को तिवारी तो क्या उसका बाप भी छु नही पाएगा …”
संपत एक दमदार आवाज़ मे बोला ..
“धन्यवाद भैया “
भाभी के मूह से निकल गया जिसे सुनकर संपत के चेहरे मे एक मुस्कान आ गई
“भैया नही मामा, मामा बोलना अब से तुम दोनो मुझे “
संपत की बात सुनकर हम दोनो ही एक दूसरे को देखने लगे ..
“जी मामा ..”
“गुड चलो तुम दोनो का कमरा दिखा देता हूँ “
सच मे वो एक बड़ी सी हवेली थी , मुझे और भाभी को लेकर संपत आगे आगे चल रहा था वही कालवा ने हमसे विदा ले लिया था , हवेली के आँगन मे कई लोग बैठे हुए थे सभी के हाथो मे बड़ी बड़ी बंदुके थी और सभी की निगाहे मेरे और भाभी के उपर ,मुझे ये भी शक़ हो रहा था की कही भाभी को यहाँ लाकर मैने कोई ग़लती तो नही कर दी ..
खैर जो भी हो जब खाई मे कूद ही गये है तो देखा जाएगा और जैसे संपत ने हमसे बात की और हमे मामा बुलाने के लिए कहा उससे मुझे
थोड़ी आत्मीयता की भी फीलिंग हुई ..
दूसरे मंज़िल पर हमे आजू बाजू के दो कमरे दिखाए गये, दोनो कमरे हमारी झोपड़ी से बड़े थे
“तुम दोनो अपना कमरा सॉफ कर लेना, और कल से तुम औरतों के साथ काम करोगी और तुम मेरे साथ चलना तुम्हे थोड़ी ट्रैनिंग की ज़रूरत होगी ,और हाँ नाम बदल लेना जिसे सुनकर लोग डरे ना कि हंस दे ..”
वो बड़ी ही आत्मीयता से मुस्कुराया, ना ही मुझे और ना ही भाभी को कुछ समझ आ रहा था, संपत का हमारे लिए ये आत्मीय व्यवहार दोनो को ही समझ नही आ रहा था ..
हम अभी भाभी के कमरे मे जाकर बैठे थे, सभी चीज़े अपनी सही जगह पर रखी हुई थी , एक बिस्तर लगा हुआ था एक इंसान के रहने के लिए बहुत जगा थी , उसी कमरे से सटा हुआ एक दूसरा दरवाजा भी था जो कि मेरे कमरे की ओर खुलता था , मैं भी अपने कमरे मे चला गया था दोनो दरवाजा बंद कर लेते थे भविस्य की चाह मे लेकिन मुझे अपने पास भाभी की कमी खल रही थी ,वो झोपड़ी इतनी छोटी थी कि हमे
एक दूसरे के पास रहने की आदत सी लग गई थी , मैने दोनो कमरे के बीच के दरवाजे को खोल दिया , मैने देखा की भाभी की आँखे बंद थी और वो अपने बिस्तर मे लेटी हुई थी लेकिन उनके चेहरे से लग रहा था कि वो किसी बहुत ही गहरे सोच मे डूबी हुई है , मैं उनके पास जा कर बैठ गया ..
वो चौक गई
“तू कैसे अंदर आ गया “ उन्होने देखा कि उनके कमरे का दरवाजा अभी भी बंद था ..
मैने मुस्कुराते हुए हमारे कमरे के बीच के दरवाजे की ओर इशारा किया , पता नही उन्हे क्या हुआ वो थोड़ा सा उठी और मेरे गले मे अपनी बाँहे डालकर झूल गई , इसका असर ये हुआ कि मैं भी उनके साथ बिस्तर मे गिर गया , मैं उनके उपर था और वो मेरे नीचे वो मुझे कस कर जकड़े हुए थी ..
“अरे भाभी ये क्या कर रही हो “
उनके ऐसा करने से तो मैं भी चौक गया था ,लेकिन उन्होने कुछ भी नही कहा बल्कि मुझे अपने से और जोरो से सटाने लगी ..
मैने भी उनसे अलग होने के लिए कोई ज़ोर नही दिया बल्कि बस उनके उपर ही लेटा रहा , थोड़ी ही देर मे उन्होने अपना बंधन थोड़ा ढीला किया और प्यार से मेरे बालो को सहलाने लगी ,
मैने अब अपना चेहरा थोड़ा उपर किया …
उनकी आँखो मे आँसू के दो तीन कतरे थे जो उनके गालो से होते हुए लुढ़क रहे थे , मेरे होठ उनके उन आँसुओ को अपने अंदर समाने लगे थे , मैं हल्के हल्के उनके गालो पर अपने होठों को चला रहा था , उनका लाल चेहरा और भी खिल गया था , होठों मे एक बड़ी सी मुस्कान
खिल गई थी लेकिन अब भी आँखो से एक दो आँसू टपक ही जाते थे , उनका चेहरे मेरे लार और उनके आँसू से गीला हो रहा था , लेकिन इन सबमे मेरे अंदर एक उत्तेजना ने जन्म ले लिया , वो उत्तेजना थी और अधिक की कामना की उत्तेजना ..
मैं थोड़ा उत्तेजित होने लगा था , मेरे होठ प्रेम से आँसुओ को पीने की बजाय थोड़ा गालो को काट भी रहे थे , ऐसा लग रहा था कि मैं इन गालो
को खा ही जाउ , और मेरे अंदर क्या हो रहा था शायद भाभी ने उसे समझ लिया था उन्होने मुझे खुद से अलग किया ..
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
-
- Pro Member
- Posts: 3034
- Joined: 01 Apr 2017 17:18
Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“सोनू इतना अधीर होना सही नही है , ये तेरे अंदर के प्रेम को मार देगा और …”
वो चुप हो गयी और मैं उनकी बातों को समझने की कोशिस करने लगा ..मेरी आँखे ही बोल रही थी कि मुझे उनकी बाते समझ नही आई है ..
उन्होने प्यार से मेरे बालो को सहलाया
“बेटा प्रेम अधीर नही होता वासना होती है , प्रेम मे अधिरता वासना को जन्म दे सकती है “
मैं बुरी तरह से चौक गया था
“भाभी आप ये क्या कह रही हो मैने कभी आपको गंदी नज़रो से नही देखा है “
“मुझे पता है सोनू, लेकिन जिस्म की वासना भी तो कुछ पाने की वासना से ही जन्म लेती है ना , जैसे अभी तू मेरे गालो को काटने की इक्षा कर रहा था …”
उनकी बातों को सुनकर जैसे मुझे मेरी ग़लती का आभास हुआ ..
“मुझे माफ़ कर दो भाभी मैं …”
उन्होने मेरे होठों पर अपनी उंगली रख दी
“मैं समझती हूँ तुझे खुद ही नही पता था कि तू क्या कर रहा था , लेकिन अब तू जवान हो गया है बेटा अब तुझे एक गर्ल फ्रेंड की ज़रूरत है “
उनके होठों मे के शरारती सी मुस्कान खिल गई
“क्या भाभी आप भी मेरी गर्लफ्रेंड तो एक ही है और वो हो आप ,मेरी बहन, मेरी माँ, मेरी भाभी और मेरी गर्लफ्रेंड भी सब कुछ आप ही हो “
भाभी के बुझे हुए चेहरे मे अचानक से हँसी आ गई वो जोरो से हंस पड़ी ..
“चल बदमाश…”
“भाभी आपको ये संपत कैसा लगा ??”
मेरी बात सुनकर जैसे वो फिर से उसी मनोस्तिति मे पहुच गयी जहाँ वो पहले थी , उनका चेहरा फिर से गंभीर होने लगा था ..
“ये इतना बड़ा गुंडा होकर जिस तरह से हमारी मदद कर रहा है और जिस भाषा मे हमसे बात कर रहा है वो सच मे थोड़ा अजीब सा है .. “
मैने भी सहमति मे अपना सर हिलाया..
“सोनू अगर वो लोग तुझसे कोई ग़लत काम करवाए तो सॉफ मना कर देना बेटा , मैं नही चाहती कि तू ग़लत राह पर चल पड़े जहाँ से वापस आना ही मुस्किल हो जाए और तुझे अपना कॉलेज भी फिर से शुरू करना होगा शायद अलग नाम से तू कुछ बन जाएगा तो हम कही भी आराम से रह लेंगे..”
मैने हाँ मे सर हिलाया तभी मुझे याद आया कि संपत ने मुझे एक नया नाम सोचने के लिए कहा था..
“भाभी आप मेरे लिए एक नया नाम सोचो ..”
वो थोड़ी देर सोचने लगी
“ हुम्म अंकित कैसा रहेगा ..”
मैं भी खुस हो गया
“वाह क्या बात है वैसे अंकित ही क्यो..??”
“बस ऐसे ही मैं आरती और तू अंकित “
हम दोनो ही जोरो से हंस पड़े थे
वो चुप हो गयी और मैं उनकी बातों को समझने की कोशिस करने लगा ..मेरी आँखे ही बोल रही थी कि मुझे उनकी बाते समझ नही आई है ..
उन्होने प्यार से मेरे बालो को सहलाया
“बेटा प्रेम अधीर नही होता वासना होती है , प्रेम मे अधिरता वासना को जन्म दे सकती है “
मैं बुरी तरह से चौक गया था
“भाभी आप ये क्या कह रही हो मैने कभी आपको गंदी नज़रो से नही देखा है “
“मुझे पता है सोनू, लेकिन जिस्म की वासना भी तो कुछ पाने की वासना से ही जन्म लेती है ना , जैसे अभी तू मेरे गालो को काटने की इक्षा कर रहा था …”
उनकी बातों को सुनकर जैसे मुझे मेरी ग़लती का आभास हुआ ..
“मुझे माफ़ कर दो भाभी मैं …”
उन्होने मेरे होठों पर अपनी उंगली रख दी
“मैं समझती हूँ तुझे खुद ही नही पता था कि तू क्या कर रहा था , लेकिन अब तू जवान हो गया है बेटा अब तुझे एक गर्ल फ्रेंड की ज़रूरत है “
उनके होठों मे के शरारती सी मुस्कान खिल गई
“क्या भाभी आप भी मेरी गर्लफ्रेंड तो एक ही है और वो हो आप ,मेरी बहन, मेरी माँ, मेरी भाभी और मेरी गर्लफ्रेंड भी सब कुछ आप ही हो “
भाभी के बुझे हुए चेहरे मे अचानक से हँसी आ गई वो जोरो से हंस पड़ी ..
“चल बदमाश…”
“भाभी आपको ये संपत कैसा लगा ??”
मेरी बात सुनकर जैसे वो फिर से उसी मनोस्तिति मे पहुच गयी जहाँ वो पहले थी , उनका चेहरा फिर से गंभीर होने लगा था ..
“ये इतना बड़ा गुंडा होकर जिस तरह से हमारी मदद कर रहा है और जिस भाषा मे हमसे बात कर रहा है वो सच मे थोड़ा अजीब सा है .. “
मैने भी सहमति मे अपना सर हिलाया..
“सोनू अगर वो लोग तुझसे कोई ग़लत काम करवाए तो सॉफ मना कर देना बेटा , मैं नही चाहती कि तू ग़लत राह पर चल पड़े जहाँ से वापस आना ही मुस्किल हो जाए और तुझे अपना कॉलेज भी फिर से शुरू करना होगा शायद अलग नाम से तू कुछ बन जाएगा तो हम कही भी आराम से रह लेंगे..”
मैने हाँ मे सर हिलाया तभी मुझे याद आया कि संपत ने मुझे एक नया नाम सोचने के लिए कहा था..
“भाभी आप मेरे लिए एक नया नाम सोचो ..”
वो थोड़ी देर सोचने लगी
“ हुम्म अंकित कैसा रहेगा ..”
मैं भी खुस हो गया
“वाह क्या बात है वैसे अंकित ही क्यो..??”
“बस ऐसे ही मैं आरती और तू अंकित “
हम दोनो ही जोरो से हंस पड़े थे
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)