“हाँ साली माफ़ कर देंगे चल उधर कोने मे चल, थोडा तेरा रस तो निचोड़ ले .”
एक ने भाभी के जिस्म को देखकर कहा
“मादर चोद “
मैं उठ खड़ा हुआ था और उसके कॉलर को पकड़ चुका था ,मेरी आँखे गुस्से मे लाल थी ,
“पोलीस वाले का कॉलर पकड़ता है साले “
दूसरा चिल्लाया
अब पता नही दिन भर का गुस्सा था या क्या था मैने एक खीच कर झापड़ उसके गालो पर जड़ दिया …सभी बस मूह फाडे मुझे ही देख रहे थे ..
“मादरचोद पोलीस वाले पर हाथ उठाता है “
दूसरा कुछ करता उससे पहले एक लात उसके पेट पर पड़ चुका था ,वो बिल्कुल ही बेहाल सा नीचे पड़ा था, तभी एक घुसा पहले के पेट मे
भी लगा दिया ,वो भी एक ही घुसे मे तड़पता हुआ नीचे पड़ा हुआ था ..
ये सब देख कर भाभी की हालत भी खराब हो चुकी थी उन्होने मेरा हाथ खिचा जैसे बोल रही हो कि भागो यहाँ से ..
मुझे भी मेरी ग़लती समझ आने ल्गी थी लेकिन अब देर हो चुकी थी क्योकि एक पोलीस की गाड़ी तभी हमारे पास आई …और दोनो की हालत देखकर वही रुक गई
“ये क्या हो रहा है ..”
एक इनस्पेक्टर वहाँ से निकला उसे देख कर दोनो ही उठ खड़े हुए, दोनो ने उसे सलाम ठोका ..
“साहब ये साली रंडी है और ये उसका दल्ला है, दोनो यहाँ ग्राहक खोज रहे थे “
एक सिपाही बोल उठा उसकी बात सुनकर मेरा माथा फिर से खनक गया था, मैं उसे एक और घुसा लगा देता लेकिन भाभी ने मेरा हाथ थाम लिया ..
वही इनस्पेक्टर ने एक बार भाभी के जिस्म को गौर से देखा, पता नही ऐसा क्या था उनके जिस्म मे जो हर कोई उन्हे ही घूर रहा था, उसने
अपनी जीभ अपने होंटो पर चलाई ..
“वाह ये रांड़ तो मस्त लग रही है, कितना लेती है रे एक रत का “
उसकी आवाज़ मे कुछ ऐसा था कि मैं काबू से बाहर होने ल्गा था , मेरा मन किया की साले का मूह तोड़ दूं ,वही भाभी ये सब सुनकर भी मेरा हाथ जोरो से जकड़े हुए थी ..
वो इनस्पेक्टर मुझे देखने लगा
“क्यो बे बहुत दम दिखा रहा है, ले चलो साले को थाने इसका दम निकालते है वही इस रंडी के भी मज़े लेंगे इसी के सामने “
उसका इतना कहना ही था कि मैने ज़ोर लगाया और मेरा बाजू जो कि अभी तक भाभी के हाथो मे था वो छूट गया मैं आगे बढ़ने ही वाला था की एक आवाज़ आई ..
“ए इनस्पेक्टर, सालो चोर उचक्को को तो पकड़ते नही हो और सीधे साधे लोगो को परेशान करते हो ..”
हम सभी उसी आवाज़ की ओर देख रहे थे, एक काला कलूटा, लंबा चौड़ा आदमी सामने खड़ा था, चहरे मे हल्की दाढ़ी थी वही बड़ी बड़ी
मुन्छे …
Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“कालवा, ये तेरा मामला नही है इसमे मत पड़ “
इनस्पेक्टर गरजा
“मैं बहुत देर से इन लोगो को देख रहा हूँ, बेचारे परेशान लगते है और पोलीस वाले मदद करने की बजाय इनका ईस्तमाल करना चाहते हो ..”
“देख कालवा ..”
“तू देख इनस्पेक्टर ग़रीब लोगो को छेड़ा ना तो तेरे सभी छेद बंद कर दूँगा समझ ले “
कालवा की आवाज़ मे वो बात थी की वहाँ खड़ा हुआ हर शख्स चुप हो गया, पोलीस वाले भी बस इनस्पेक्टर पर नज़र जमाए हुए थे वही
इनस्पेक्टर को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे जैसे वो कुछ सोच रहा था…
“कालवा बोला ना कि ये तेरा मामला नही है, तू क्यो भगवान बनने की कोशिस कर रहा है, साला पूरा शहर तो भूखे नंगो से भर गया है “
“यही भूखे नंगे तुम अमीरो का काम करते है समझ लेना, मजदूरो की सर्की ना तो फिर क्या होगा तू जानता है, छोड़ उसे और जा अपने रास्ते “
कालवा की आवाज़ मे एक धृड़ता थी, इनस्पेक्टर ने मुझे गौर से देखा फिर एक नज़र भाभी के जिस्म पर डाली ..
“साले आज तू बच गया लेकिन कभी मेरे हाथ आया ना तो देख तेरी गर्मी कैसे निकलता हूँ और इस रांड़ की तो ..”
“ए…. लड़की से इज़्ज़त से बात कर “
कालवा फिर से चिल्लाया, इनस्पेक्टर बिना कुछ बोले ही वहाँ से चला गया था …..
इस बार कालवा हमारे सामने था ..
‘क्या रे इतनी रत को यहाँ क्या कर रहे हो “
मैने अपनी पूरी की पूरी स्टोरी उसे सुना दी ,कालवा ने एक बार भाभी पर उपर से नीचे नज़र डाली , ये आदमी भी अंजान ही था, उसके मूह से शराब की बदबू भी आ रही थी , लेकिन फिर भी मुझे कालवा मे एक अजीब सा भरोसा हो गया था वो यहाँ हमारे लिए किसी संकटमोचन जैसा साबित हुआ था ..
“हूंम्म तो बेटा तुम्हारी स्तिथि तो बहुत ही गंभीर है, रहोगे कहाँ कुछ सोचा है “
मैने ना मे सर हिलाया
“देखो इस शहर मे कोई भी किसी के लिए मुफ़्त मे कुछ भी नही करता, मैं तुम्हे सस्ते मे एक खोली दिलवा दूँगा वही रह जाओ, लेकिन अभी तुम्हे उसके लिए कुछ पैसे देने होंगे, कुछ पैसे है तुम्हारे पास ..
“जी है लेकिन थोड़े ही है ..”
“कोई बात नही, झोपड़ पट्टी की खोली सस्ती ही होगी, एक महीने का किराया आज दे दो, बाकी दूसरे महीने के लिए मैं तुम्हे कल ही किसी
काम मे लगवा दूँगा, अब तुम जवान हो तो इससे तो काम नही करवाओगे, खुद मेहनत करो और इसे भी पालो ..”
मैने उसकी बात मे सर हिलाया, हम उसके पिछे पिछे जाने ल्गे ,एक ही घंटा हुआ होगा उसने हमारे हाथ मे एक चाबी थमा दी और कुछ पैसे
ले लिए …उसके जाने के बाद हम कमरे मे आ गये ,उसे देखकर मेरी आँखो से आँसू ही निकल गये थे, वही हाल भाभी का भी था ……
“तुम्हे कहाँ महलो मे रहना था और मेरे कारण तुम इस झोपडे मे रहना पड़ रहा है, दुनिया की सारी मुसीबाते मैने तुम पर डाल दी, अब भी
वक़्त है सोनू तू चले जा मुझे छोड़ कर “
भाभी फफक पड़ी थी ..मैने पूरे कमरे मे नज़र डाली ,एक ही कमरा था वो भी टूटा फूटा सा, जर्जर होती सी दीवारे थी ,हल्की रोशनी वाला एक बल्ब लगा था वो ही पूरे कमरे को प्रकाशित करने के लिए काफ़ी था, कोई समान वहाँ नही था, ज़मीन फर्श की थी ,मैने एक कोने मे अपना समान डाला ,भाभी अभी भी बुत बने हुए वही खड़ी थी ..
मैने उनकी बाँहो को अपने हाथो मे पकड़ा..
“भाभी अब यही हमारी जिंदगी है ,अगर आप के साथ रहने के लिए मुझे स्वर्ग छोड़ कर नर्क मे जाना पड़े तो मैं ख़ुसी खुशी वहाँ चले जाउन्गा क्योकि मैने जानता हूँ जहाँ आप जैसी औरत हो वो वही स्वर्ग बना देगी ,मेरा भाई चूतिया था जिसने आपकी कद्र नही की मैं उसके जैसा चूतिया नही हू …”
भाभी नम आँखो से कुछ देर मुझे यू ही देखती रही और फिर मुझे खुद के बाँहो मे घेर लिया, वो मेरे सीने मे सर रखकर रोने लगी …
“तू कितना बड़ा हो गया रे, अपनी भाभी से इतना प्यार करता है मेरा सोनू ,जब मैं आई थी तो तू एक मासूम सा बच्चा था और आज एक पूरे मर्द जैसे मेरी इज़्ज़त की रक्षा कर रहा है ..”
मैने भी अपनी बाँहो मे उन्हे समा लिया था, मैने उन्हे अपने से और भी जोरो से चिपकाया जैसे मैं नही चाहता कि वो मुझसे दूर चले जाए …
ये एक नये सफ़र की शुरूआत थी और एक पुराने सफ़र का अंत भी
इनस्पेक्टर गरजा
“मैं बहुत देर से इन लोगो को देख रहा हूँ, बेचारे परेशान लगते है और पोलीस वाले मदद करने की बजाय इनका ईस्तमाल करना चाहते हो ..”
“देख कालवा ..”
“तू देख इनस्पेक्टर ग़रीब लोगो को छेड़ा ना तो तेरे सभी छेद बंद कर दूँगा समझ ले “
कालवा की आवाज़ मे वो बात थी की वहाँ खड़ा हुआ हर शख्स चुप हो गया, पोलीस वाले भी बस इनस्पेक्टर पर नज़र जमाए हुए थे वही
इनस्पेक्टर को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे जैसे वो कुछ सोच रहा था…
“कालवा बोला ना कि ये तेरा मामला नही है, तू क्यो भगवान बनने की कोशिस कर रहा है, साला पूरा शहर तो भूखे नंगो से भर गया है “
“यही भूखे नंगे तुम अमीरो का काम करते है समझ लेना, मजदूरो की सर्की ना तो फिर क्या होगा तू जानता है, छोड़ उसे और जा अपने रास्ते “
कालवा की आवाज़ मे एक धृड़ता थी, इनस्पेक्टर ने मुझे गौर से देखा फिर एक नज़र भाभी के जिस्म पर डाली ..
“साले आज तू बच गया लेकिन कभी मेरे हाथ आया ना तो देख तेरी गर्मी कैसे निकलता हूँ और इस रांड़ की तो ..”
“ए…. लड़की से इज़्ज़त से बात कर “
कालवा फिर से चिल्लाया, इनस्पेक्टर बिना कुछ बोले ही वहाँ से चला गया था …..
इस बार कालवा हमारे सामने था ..
‘क्या रे इतनी रत को यहाँ क्या कर रहे हो “
मैने अपनी पूरी की पूरी स्टोरी उसे सुना दी ,कालवा ने एक बार भाभी पर उपर से नीचे नज़र डाली , ये आदमी भी अंजान ही था, उसके मूह से शराब की बदबू भी आ रही थी , लेकिन फिर भी मुझे कालवा मे एक अजीब सा भरोसा हो गया था वो यहाँ हमारे लिए किसी संकटमोचन जैसा साबित हुआ था ..
“हूंम्म तो बेटा तुम्हारी स्तिथि तो बहुत ही गंभीर है, रहोगे कहाँ कुछ सोचा है “
मैने ना मे सर हिलाया
“देखो इस शहर मे कोई भी किसी के लिए मुफ़्त मे कुछ भी नही करता, मैं तुम्हे सस्ते मे एक खोली दिलवा दूँगा वही रह जाओ, लेकिन अभी तुम्हे उसके लिए कुछ पैसे देने होंगे, कुछ पैसे है तुम्हारे पास ..
“जी है लेकिन थोड़े ही है ..”
“कोई बात नही, झोपड़ पट्टी की खोली सस्ती ही होगी, एक महीने का किराया आज दे दो, बाकी दूसरे महीने के लिए मैं तुम्हे कल ही किसी
काम मे लगवा दूँगा, अब तुम जवान हो तो इससे तो काम नही करवाओगे, खुद मेहनत करो और इसे भी पालो ..”
मैने उसकी बात मे सर हिलाया, हम उसके पिछे पिछे जाने ल्गे ,एक ही घंटा हुआ होगा उसने हमारे हाथ मे एक चाबी थमा दी और कुछ पैसे
ले लिए …उसके जाने के बाद हम कमरे मे आ गये ,उसे देखकर मेरी आँखो से आँसू ही निकल गये थे, वही हाल भाभी का भी था ……
“तुम्हे कहाँ महलो मे रहना था और मेरे कारण तुम इस झोपडे मे रहना पड़ रहा है, दुनिया की सारी मुसीबाते मैने तुम पर डाल दी, अब भी
वक़्त है सोनू तू चले जा मुझे छोड़ कर “
भाभी फफक पड़ी थी ..मैने पूरे कमरे मे नज़र डाली ,एक ही कमरा था वो भी टूटा फूटा सा, जर्जर होती सी दीवारे थी ,हल्की रोशनी वाला एक बल्ब लगा था वो ही पूरे कमरे को प्रकाशित करने के लिए काफ़ी था, कोई समान वहाँ नही था, ज़मीन फर्श की थी ,मैने एक कोने मे अपना समान डाला ,भाभी अभी भी बुत बने हुए वही खड़ी थी ..
मैने उनकी बाँहो को अपने हाथो मे पकड़ा..
“भाभी अब यही हमारी जिंदगी है ,अगर आप के साथ रहने के लिए मुझे स्वर्ग छोड़ कर नर्क मे जाना पड़े तो मैं ख़ुसी खुशी वहाँ चले जाउन्गा क्योकि मैने जानता हूँ जहाँ आप जैसी औरत हो वो वही स्वर्ग बना देगी ,मेरा भाई चूतिया था जिसने आपकी कद्र नही की मैं उसके जैसा चूतिया नही हू …”
भाभी नम आँखो से कुछ देर मुझे यू ही देखती रही और फिर मुझे खुद के बाँहो मे घेर लिया, वो मेरे सीने मे सर रखकर रोने लगी …
“तू कितना बड़ा हो गया रे, अपनी भाभी से इतना प्यार करता है मेरा सोनू ,जब मैं आई थी तो तू एक मासूम सा बच्चा था और आज एक पूरे मर्द जैसे मेरी इज़्ज़त की रक्षा कर रहा है ..”
मैने भी अपनी बाँहो मे उन्हे समा लिया था, मैने उन्हे अपने से और भी जोरो से चिपकाया जैसे मैं नही चाहता कि वो मुझसे दूर चले जाए …
ये एक नये सफ़र की शुरूआत थी और एक पुराने सफ़र का अंत भी
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कहानी अच्छी जा रही है मित्र , ऐसे ही अपडेट देते रहिये ।
अगले अपडेट की प्रतीक्षा रहेगी ।
अगले अपडेट की प्रतीक्षा रहेगी ।
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 5
बिस्तर तो हमारे पास नही था हम दोनो फर्श मे ही लेट गये थे,शरीर की थकान इतनी थी कि नींद कब आई पता ही नही चला,दीवार से सॅट कर भाभी सो गयी थी वही मैं उनके बाजू मे ही सोया था ,कमरा इतना बड़ा भी नही था कि हम कही दूर दूर सो सकते,दो लोगो के सोने के
बाद थोड़ी जगह और बची थी ,उसमे हमे अपने बाकी के समान को रखना था ,खैर अभी तो हमारे पास कुछ था ही नही ….
मेरी नींद किसी के दरवाजा खटखटाने से खुली ,मेरे साथ भाभी भी जाग गई थी ,आवाज़ देने वाली कोई औरत थी..मैने दरवाजा खोला ..और वो हमे देखकर मुस्कुराइ ..
“तो तुम लोग हो जिन्हे कालवा रात मे लाया “
मैने हां मे सर हिला दिया
“ओह देखने मे तो अच्छे घर के लगते हो भाग कर आए हो क्या ..”
अब मैं उनसे क्या कहता ,मैं कुछ जवाब देता उससे पहले ही वो बोल पड़ी ..
“अरे छोकरि तेरा नाम क्या है..”
“जी जी आरती ..”भाभी ने बड़े ही सभ्य तरीके से कहा
“ओह्ह तो चल यहाँ सुबह सुबह ही पेट साफ कर ले वरना फिर भीड़ हो जाएगी ,सरकारी सुलभ है पास ही ,पूरी बस्ती वही आती है तो भीड़
लग जाता है ,सभी औरतें सुबह जल्दी ही जाती है वहाँ ,वही से नहा कर भी आ जाना ..”
भाभी ने हाँ मे सर हिलाया और अपने बॅग से कुछ कपड़े निकाल कर उसके साथ चली गई ,मैं फिर से वही सो गया था लेकिन इस बार मुझे
फर्श के कठोरता का आभास होने लगा था ..
1 घंटे बाद वो वापस आ गई ,उनके चहरे मे एक मुस्कान थी,
मुझसे नज़र मिलते ही उन्होने कहा
“यहाँ की औरते तो हमारे गाँव जैसी ही है ,लगता है मैं यहाँ अच्छे से रह लूँगी ,यहाँ औरते मिलकर एक सहकारी समूह चलाती है जिससे सरकारी मदद भी मिलती है ,वो लोग मिल्कर कपड़े सीलने का काम करती है “
उनके आँखो मे आई चमक से मुझे बहुत राहत मिली ,थोड़ी देर मे कालवा भी आ गया ,मैं उसके साथ चला गया,सच मे मुझे मेरे गाँव की ही याद आ गयी लोग कुछ ऐसे ही थे लेकिन यहाँ के सभी लोग बस मजदूर ही थे मुझसे मिलने और मेरी कहानी जानने का कौतूहल सभी के
अंदर था ,वहाँ मुझे पता चला कि कालवा एक तरह से यहाँ का डॉन ही है और जो औरत सुबह आई थी वो उसकी बीवी थी ..
कालवा ने मुझे 9 बजे तक अपने साथ चलने को कहा,खाना भी कालवा के घर से आ गया था ,
“देख जहाँ ले जा रहा हू वो यहाँ के बाप है ,उनके सामने ज्यदा बोलना मत समझा “
कालवा ने जाते हुए मुझसे कहा
‘जी भाई “
थोड़ी देर मे बाकी के लोग भी साथ हो लिए ,हम फिर से उसी स्टेशन के पास थे,बस स्टॅंड के पिछे एक गोदाम था कालवा वही मुझे काम
दिलवाने वाला था ,मुझे बाहर ही रुकवा कर कालवा अंदर गया थोड़े देर मे मुझे भी बुला लिया गया ..
“लाला साहब यही लड़का है जिसके बारे मे मैने बताया था “
लाला ने मुझे उपर से नीचे तक देखा ..
“हूंम्म दिखने मे तो कुछ खास नही है फिर भी पोलीस वाले को मार दिया “
उन्होने मुझे घुरते हुए कहा
बिस्तर तो हमारे पास नही था हम दोनो फर्श मे ही लेट गये थे,शरीर की थकान इतनी थी कि नींद कब आई पता ही नही चला,दीवार से सॅट कर भाभी सो गयी थी वही मैं उनके बाजू मे ही सोया था ,कमरा इतना बड़ा भी नही था कि हम कही दूर दूर सो सकते,दो लोगो के सोने के
बाद थोड़ी जगह और बची थी ,उसमे हमे अपने बाकी के समान को रखना था ,खैर अभी तो हमारे पास कुछ था ही नही ….
मेरी नींद किसी के दरवाजा खटखटाने से खुली ,मेरे साथ भाभी भी जाग गई थी ,आवाज़ देने वाली कोई औरत थी..मैने दरवाजा खोला ..और वो हमे देखकर मुस्कुराइ ..
“तो तुम लोग हो जिन्हे कालवा रात मे लाया “
मैने हां मे सर हिला दिया
“ओह देखने मे तो अच्छे घर के लगते हो भाग कर आए हो क्या ..”
अब मैं उनसे क्या कहता ,मैं कुछ जवाब देता उससे पहले ही वो बोल पड़ी ..
“अरे छोकरि तेरा नाम क्या है..”
“जी जी आरती ..”भाभी ने बड़े ही सभ्य तरीके से कहा
“ओह्ह तो चल यहाँ सुबह सुबह ही पेट साफ कर ले वरना फिर भीड़ हो जाएगी ,सरकारी सुलभ है पास ही ,पूरी बस्ती वही आती है तो भीड़
लग जाता है ,सभी औरतें सुबह जल्दी ही जाती है वहाँ ,वही से नहा कर भी आ जाना ..”
भाभी ने हाँ मे सर हिलाया और अपने बॅग से कुछ कपड़े निकाल कर उसके साथ चली गई ,मैं फिर से वही सो गया था लेकिन इस बार मुझे
फर्श के कठोरता का आभास होने लगा था ..
1 घंटे बाद वो वापस आ गई ,उनके चहरे मे एक मुस्कान थी,
मुझसे नज़र मिलते ही उन्होने कहा
“यहाँ की औरते तो हमारे गाँव जैसी ही है ,लगता है मैं यहाँ अच्छे से रह लूँगी ,यहाँ औरते मिलकर एक सहकारी समूह चलाती है जिससे सरकारी मदद भी मिलती है ,वो लोग मिल्कर कपड़े सीलने का काम करती है “
उनके आँखो मे आई चमक से मुझे बहुत राहत मिली ,थोड़ी देर मे कालवा भी आ गया ,मैं उसके साथ चला गया,सच मे मुझे मेरे गाँव की ही याद आ गयी लोग कुछ ऐसे ही थे लेकिन यहाँ के सभी लोग बस मजदूर ही थे मुझसे मिलने और मेरी कहानी जानने का कौतूहल सभी के
अंदर था ,वहाँ मुझे पता चला कि कालवा एक तरह से यहाँ का डॉन ही है और जो औरत सुबह आई थी वो उसकी बीवी थी ..
कालवा ने मुझे 9 बजे तक अपने साथ चलने को कहा,खाना भी कालवा के घर से आ गया था ,
“देख जहाँ ले जा रहा हू वो यहाँ के बाप है ,उनके सामने ज्यदा बोलना मत समझा “
कालवा ने जाते हुए मुझसे कहा
‘जी भाई “
थोड़ी देर मे बाकी के लोग भी साथ हो लिए ,हम फिर से उसी स्टेशन के पास थे,बस स्टॅंड के पिछे एक गोदाम था कालवा वही मुझे काम
दिलवाने वाला था ,मुझे बाहर ही रुकवा कर कालवा अंदर गया थोड़े देर मे मुझे भी बुला लिया गया ..
“लाला साहब यही लड़का है जिसके बारे मे मैने बताया था “
लाला ने मुझे उपर से नीचे तक देखा ..
“हूंम्म दिखने मे तो कुछ खास नही है फिर भी पोलीस वाले को मार दिया “
उन्होने मुझे घुरते हुए कहा
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)