Incest मर्द का बच्चा

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josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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पता नही इतना नशा किस चीज़ का था इन्हे
जैसे सेक्स का कोई ड्रग्स लिया हो या फिर दोनो मा बेटे है इसका एक अलग नशा था.

काजल एक बार फिर से लल्लू को अपने अंदर फिल कर रही थी उसे अपने में समा लेना चाहती थी पूरी तरह.

और इधर लल्लू का भी यही इक्षा लग रहा था वो भी काजल में समा जाना चाहता था.
दोनो एक दूसरे को काट रहे थे. नोच रहे थे.

हरेक वक्त का एक अंत होता है चाहे वो अच्छा हो या बुरा.
इन दोनो के प्रेम का भी वक्त हो गया था.

दोनो के शरीर मचलता हुआ काँपता हुआ एक दूसरे में समये एक दूसरे को अपने निस्चल प्रेम से भीगने लगे.
दोनो एक दूसरे के प्रेम में भीग कर एक दूसरे के बाहों में पड़े लंबी लंबी ससे लेने लगे.
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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सुबह 4 बजे लल्लू की नींद खुल गया.
अंगड़ाई लेता हुआ उठ बैठा.

देखा काजल उसके और अपना बड़ी सी गान्ड उठाए नंगी सो रही है.

सुबह सुबह ऐसे दृश्य देख कर लल्लू का मन बावला हो गया.
झुक कर काजल के गान्ड में मूह लगा दिया.

गान्ड के दोनो पाटो को फैला कर अच्छी तरह गीला कर उसके भूरे छेद को चाटने लगा अपनी जीभ लपलपा कर.

मन भर गान्ड का छेड़ चाट कर काजल की चूत में मूह लगा दिया तब तक काजल भी उठ चुकी थी और आँख बंद किए हुए गान्ड चटाई का आनंद ले रही थी.

चूत की चुसाइ शुरू होते ही काजल कराहना शुरू कर दी.

क्योंकि लल्लू का डंडा एक बार पड़ गया तो फिर वो छेद फुल कर रसगुल्ला ना बन जाये ऐसा कैसे हो सकता है.

काजल की चुत का भी वही हाल था इस समय.

वो लल्लू के डंडे को खा कर फुल कर रसगुल्ला हो गया था जिस का लल्लू दुबारा से रस निकालने में लगा हुआ था.

काजल अपने चुचे को पकड़ कर खुद से मसलने लगी इधर लल्लू का लॉडा एक बार फिर से इस गदराई घोड़ी की सवारी को तैयार था.

लल्लू भी देर करना उचित ना समझा और चूत तो चाटने से गीला था ही अपने डंडे को भी गीला कर दिया थूक लगा कर और भीरा दिया चूत के फूले हुए मुहाने पर.

काजल के मखमली गान्ड को पकड़ कर लल्लू एक करारा शॉट मार दिया.
लॉडा पूरा जड़ तक चूत को फैलाता हुआ घुस गया.

काजल कराह कर रह गई.

लल्लू काजल के गान्ड को मसलता हुआ अपना लॉडा पूरा बाहर निकाल निकाल कर काजल को तबीयत से ठोकने लगा.

काजल एक पैर मोड़ कर फैलाए अपने गान्ड को निकाल कर लल्लू अपने बेटे से चूत मरवा रही थी मज़े से.

लल्लू अपनी एक उंगली मूह में ले कर गीला कर दिया और काजल की उठी गान्ड क सुराख को कुरदते हुए घुसा दिया.

काजल इस दोहरे हमले को झेल ना सकी और भलभला कर झड़ गई.

लल्लू एक उंगली से काजल का गान्ड चोदता अपने लौड़े को उसकी चूत में पटकता हुआ हचक हचक कर काजल को चोदने लगा.
josef
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लल्लू मज़े से सातवे आसमान पर था.
उसके मूह से अजीब अजीब गुर्राहट निकल रहा था.

लल्लू काजल की चूत चोदता हुआ गान्ड में एक उंगली के बाद दूसरा उंगली भी घुसा दिया तेल डाल कर.

फिर लल्लू अपना लॉडा निकाल कर उसे अपने धोती से पोंच्छा फिर से लॉडा काजल के चूत में घुसा दिया एक ही बार में जड़ तक .

शुखे लोडा के चूत के गहराई.में उतरने से दोनो के मुख से आ निकल गया.

लल्लू काजल के दोनो चुचे को पकड़ कर मसलते हुए अब दनादन चोदते हुए अपना स्पीड बढ़ा दिया.

काजल के मूह से अब अजीब अजीब आवाज़े निकल रही थी.
लल्लू काजल के गान्ड को कभी कभी दाँतों से काट लेता तो कभी काजल के मोटे चुचे को.

काजल अपना गान्ड पीछे धकलते हुए लय से कमर मटका कर लल्लू का साथ दे रही थी.

फिर लल्लू काजल के चूत से लंड निकाल कर उसकी चूत में मुख लगा कर उसे काटने लगा हल्के हल्के

फिर एक ही बार में जड़ तक ठोक दिया.

लल्लू काजल के एक पैर को उठा कर अब चोदने लगा.

काजल की चूत और गान्ड दोनो खुल गये.

लल्लू थूक से गीला कर एक बार फिर से दो उंगली काजल के गान्ड में घुसा दिया और लंड और उंगली दोनो ले से अंदर बाहर हो रहे थे.

लल्लू का स्पीड अब बढ़ने लगा था. लल्लू अब अपने पिक पर था.

वो अपना लंड निकाल कर काजल के गान्ड पर मसलता हुआ काजल के पूरे गान्ड को गंदा कर दिया.
उधर काजल भी भलभला कर झड़ गई.

दोनो एक बार फिर बेड पर लुढ़क गये.
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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वो अपना लंड निकाल कर काजल के गान्ड पर मसलता हुआ काजल के पूरे गान्ड को गंदा कर दिया.
उधर काजल भी भलभला कर झड़ गई.

दोनो एक बार फिर बेड पर लुढ़क गये.

थोड़ी देर में काजल बेड से नीचे उतर गई.
अपने कपड़े पहन कर जैसे ही बाहर जाने को दरवाजे की और पैर बढ़ाया की पूरे बदन में दर्द की एक तेज लहर दौड़ गई.

काजल ने तुरंत बेड का सहारा ले लिया.

लल्लू जा कर काजल का हाथ पकड़ लिया.

काजल प्यार से एक चमत लगा दी.
काजल- देख क्या कर दिया. कोई ऐसे भी करता है. अब में बाहर कैसे जाउन्गी.

लल्लू- में अपने गोद में उठा कर ले चलता हूँ आप को.

काजल- अच्छा और जब सभी पूछांगे की क्या हुआ तो क्या कहेगा.

लल्लू- कह दूँगा की रात प्यार करने में कही चोट लग गया.

काजल एक चपत और लगा दी

काजल- बुद्धू ऐसा किसी से मत कहना.
अब छोड़ मुझे. में चली जाउन्गी.

लल्लू आराम से काजल को छोड़ दिया.

काजल पहले आराम आराम से कमरे में दो चक्कर लगाया फिर दरवाजा खोल कर बाहर आ गई.

लल्लू फिर बेड पर लेट गया.


काजल हल्का लंगड़ाती हुई फ्रेश होने चली गई.

ऋतु- क्या बात है क्या हुआ तुम्हे. ( ऋतु वॉशरूम से वापस आ रही थी जब काजल मिल गई)

काजल- वो वो रात को नलका पर फिसल गई थी.

ऋतु- ज़्यादा चोट लगी है क्या. ( ऋतु काजल को देखते हुए बोली)

काजल- नही बस पैर मूड गया था.( काजल सर झुकाए बोली)

ऋतु शक भरी नज़रो से देख रही थी.

काजल के होंठ भी सूज गये थे.

ऋतु-( काजल के पास आ कर उसके सर को सहलाते हुए.) आराम से जाओ. या में चलू साथ.

काजल- नहही नही में चली जाउन्गी दीदी. आप घर जाओ. चाय चढ़ाओ.

काजल धीरे धीरे आगे बढ़ गई.

ऋतु वापस आँगन आ चाय चढ़ा दी.
फिर काजल के कमरे में चली गई जहा लल्लू सोया हुआ था.

ऋतु जा कर लल्लू के होंठो पर अपना होंठ डाल कर चूमने लगी.

लल्लू आँखे बंद किए ऋतु की चुचियों को दबाता उसके होंठो का रस पीने लगा.

लल्लू- आ गई मेरी याद.

ऋतु- अच्छा. खुद तो अभी अपनी माँ पर सारा प्यार लुटाने में लगा है और मुझे कह रहा है.

लल्लू- हा जान. मा को भी तो देखना था कितनी अकेली हो गई थी. अब अभी वो बहुत खुश रहती है.
ऋतु- सही कहा बेटा. ऐसे ही सब को ख्याल रखना. (लल्लू के सर को अपने चुचियो पर दबाए उसका सर सहलाती बोली.)

लल्लू- आज आप तैयार रहना.
ऋतु- पहले तुम फ्रेश हो कर तैयार हो जाना क्योंकि तुम्हे अपने बड़ी बहन के साथ आज कॉलेज जाना है.

लल्लू- ठीक है मेरी लुगाई.( लल्लू ऋतु के एक चुचे को पकड़ कर ज़ोर से दबाता बोला.

ऋतु लल्लू से अपने को छुड़ा कर कमरे से बाहर भाग आई.

फिर लल्लू फ्रेश होने चला गया.
वहाँ से आ कर आँगन में खाट पर बैठ गया.
रागिनी चाय ला कर लल्लू को दी.

लल्लू चाय पीने के बाद दालान पर बुलेट सीखने चला गया सुनील काका के पास.

वहाँ से आ कर लल्लू दीदी के कमरे की ओर चल दिया.

कमरे के दरवाजे पर आ कर लल्लू दरवाजा बजाया.

कोमल आ कर दरवाजा खोली.
कोमल- ओहो भाई अभी तक तुम तैयार नही हुए.

लल्लू- दीदी तैयार हो गई क्या.

सोनम- हा भाई. में तैयार हो गई. (सोनम दूसरे कमरे के गेट से इस कमरे में आती बोली.)

लल्लू- वॉववव दीदी आज आप बहुत सुंदर लग रही हो.

सोनम का गाल शरम से लाल हो गया.

रोमा- भाई तुम भी तैयार हो जाओ जल्दी से. नही तो देर हो जायगा और आज लास्ट डेट है.

लल्लू- दीदी दीदी… थोड़ा सास तो ले लो.
में तो दीदी को ही देखने आया था की वो तैयार हुए की नही.

सोनम -मुझे तैयार होने में कितना समय लगेगा.

मीनू- अच्छा तुम कहना चाहते हो की दीदी को तैयार होने में ज़्यादा समय लगता है.

लल्लू- क.क्या म..मा..में ने ऐसाआ कब्ब कहा.

कोमल- हाहाहा देखो भाई कैसे डर गया.

सोनम- अच्छा तुम लोग मेरे भाई को यू तंग मत करो. तू जा भाई जल्दी से तैयार हो जा.

लल्लू वहाँ से निकल कर स्नान करने चला गया.
स्नान कर काजल के कमरे में चला गया.
कमरे में काजल आराम कर रही थी.

लल्लू- मा क्या हुआ. तबीयत कैसी है.

काजल- ठीक है.

लल्लू- (मा के पास आ कर उसके पास बेड पर बैठ गया और मा के सर को च्छू कर देखा.)
मा तुम्हे तो बुखार हो गया है.

काजल- तू चिंता मत कर. मैने दवाई खा ली है. अभी ठीक हो जायगा.

लल्लू- पक्का ना मा. में सहर जा रहा हूँ सोनम दीदी के साथ. आप का तबीयत अगर खराब है तो आप भी चलो दिखा लेना डॉक्टर से.

काजल- अरे पगले में अभी थोड़ी देर में ठीक हो जाउन्गी. तू खा मा खा चिंता कर रहा है. तू जा सोनम को ले कर कॉलेज जा.

लल्लू अपना कपड़ा निकाल के पहन लिया.

फिर बाहर आ कर खाना खाने बैठ गया.
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