बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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कड़ी_03

राज नेहा की मटकती हुई गाण्ड देखकर एक बार अपना लण्ड लुंगी के ऊपर से मसलता है- "हाय मेरी जान... आज ना सही लेकिन तुझे मैं अपनी बनाकर रहगा.."

एक काला बढ़ा जो एक ट्रक ड्राइवर है इस बड़े घर की खूबसरत बहु को लाइन मार रहा था। फिर राज भी वहीं से निकल जाता है।

नेहा अपने रूम में जकर दरवाजे बंद करके उसके पीछे चिपक के खड़ी हो जाती है। उसकी सांस फूली हुई थी। उसकी धड़कनें तेज चल रही थी। नेहा नीचे जो भी उस गंदे बटे ट्रक ड्राइवर के साथ हुआ वो सोच रही थी। कैसे उस काले बूटे ने उसको अपनी बाहों में लिया था और अपने करीब खींचा था? कैसे उसके सूखे हुए काले होंठ अपने गुलाबी जरम होंठों के करीब आए थे। कैसे उस बूढ़े का काला मोटा लण्ड उसकी चूत पर चुभ रहा था साड़ी के ऊपर से। पता नहीं क्यों वो सब चिकर नेहा को अपनी चूत गीली होती महसूस हुई। नेहा भी हैरान भी इससे। फिर वो झट से बाथरूम चली जाती हैं।
राज इधर पीछे अपने रूम में पहुँच चुका था।

जय- क्या हुआ माफ कर दिया मालकिन ?

राज हँसता हुआ. "उस रंडी से में क्यों माफी मांगू? उस साली को तो में चोदने का सोच रहा हूँ.."

जय राज की बात सुनकर ओड़ा चकित आ- "अबे वो मालकिन है। मरवाएगा क्या?"

राज- मुझे पता था तू ऐसे ही बोलेगा। कब तक उस नीलू को चोदते रहेंगे। साला कुछ फ्रेश माल चाहिए मुझे। वो भी एक अमीर घर की हो तो और भी मजा आ जाए त देख में कैसे उस रंडी की मेरे लौड़े पर बैठाता हैं।

जय- अब्जे ऐसी बात है तो मेरे लिए भी कुछ कर।

राज- सन कर तुझे भी मिलेगा। पहले मैं तो चोद लें उसको।
ऐसे बोलकर दोनों हँसते हैं। ऐसे ही शाम हो जाती हैं।

शाम में विशाल के घर आने के बाद भी नेहा उसे कुछ नहीं बताती। वो बताती भी क्या? रात में खाने के बाद विशाल और नेहा अपने रूम में लेटे हुए थे। तभी विशाल नेहा के ऊपर आकरर उसकी चूचियां दबाने लगता है।

नेहा- क्या बात है आज बड़े मई में लग रहे हो?

विशाल- "हीं डालिंग, आज मह है... वैसा बोलकर वो झक कर नेहा के गले को चूमता है, और नीचे अपनी पेंट नीचे करके अपना छोटा सा लण्ड बाहर निकालता है और फिर नेहा का पाजामा भी नीचे करता है। नेहा रात में अक्सर पेंटी और ब्रा नहीं पहनती भी। तो उसकी चूत में विशाल लण्ड घुसाकर चुदाई करने लगता है।

नेहा थोड़ी देर में- "आइ आइ आहह... विशाल आह.." करने लगती है।

विशाल ज्यादा देर नहीं टिक फ्ता और वो छुट जाता है। नेहा शोड़ा निराश हो जाती हैं। विशाल फिर लेट जाता
हैं। नेहा भी अपना पाजामा ऊपर करके लेट जाती हैं।
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अगली सुबह तीनों आफिस जा चुके थे रोज की तरह। पीछे आज जय और राज भी काम पर जा चुके थे। फिर दोपहर का टाइम था। घर की औरतें अपने-अपने कमरे में आराम कर रही थी। लेकिन नेहा बाहर नीचे हाल में बैठकर टीवी देख रहीं भी। इधर राज कुछ यादे से फैक्टरी में कुछ बहाना बनाकर वापस इधर आ जाता है। वो पीछे रूम में जाकर मुख्य दरवाजे से अंदर आता है।

इधर नेहा प्यास लगने की वजह से किचेन में गई हई थी पानी पीने। राज अंदर आकर इधर-उधर झाँकने लगता है। तभी उसे किचेन से कुछ आवाज आती है। वो किचेन की तरफ जाता है, और अंदर नेहा को देखकर एक कातिल मुश्कान लाता है अपने चेहरे पर।

राज मन में- “आह्ह... मेरी बुलबुल यहाँ पर है..."

वो एक बार अपना लण्ड मसलता हैं और रूम के अंदर चला जाता हैं। नेहा की गाण्ड उसकी तरफ भी इसलिए वो राज को नहीं देख पाई भी। नेहा ने इस वक्त एक मस्त रेड साड़ी पहनी हुई थी। जिसमें से उसकी गोरी नाभि साफ दिख रही थी। उसका ब्लाउज़ भी सिर्फ एक होरी पर टिका हुआ था। ऐसे में राज अब नेहा के पीछे जाकर उससे चिपक जाता है। नेहा अचानक डर जाती है।

राज- "क्या नीलू रानी क्या कर रही हो?" और राज जानबूझ कर झूठ बोल रहा था। चिपक के खड़े होने की वजह से उसका मोटा काला लण्ड नेहा की बड़ी गाण्ड पर चुभ रहा था।

नेहा हड़बड़ाते हुए- "हेयी कौन हो तुम, छोड़ो मुझे..."

राज के हाथ नेहा की नंगी गोरी कमर को जकड़े हुए थे। जिससे नेहा निकलने की कोशिश कर रही थी। राज नेहा की आवाज पहचान कर भी नाटक करते हए- "नीलू रानी अञ्च मत तड़पा। बस मुझे अब चोदना है तुझे..."

नेहा चोदने की बात सुनकर डर जाती है। एक काले गंदे ट्रक ड्राइवर बूढ़े के मुँह से अपनी चुदाई की बात सुनकर नेहा को घिन आती हैं। नेहा बोलती हैं- "मैं चिल्लाऊँगी। छोड़ो मुझे.."

राज मन में- “साली ने चिल्लाया तो सब लोग जमा हो जाएंगे... इतना सोचकर वो नेहा को छोड़ देता है।
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नेहा राज की पकड़ से छूटते ही उसकी तरफ घूमकर- "तुम पागल हो गये हो क्या? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की?"

राज फिर से झठ बोलते हए- "वो सारी मालकिन मुझे नहीं पता था आप हैं। मुझे लगा नीलू है...

नेहा राज की तरफ गुस्से से देख रही थी- "झठ बोल रहे हो तुम। तुमको पता था की मैं हैं.."

राज- "कसम से मालकिन मुझे नहीं पता था की आप हैं। मुझे लगा नीलू है...

नेहा- "अगली बार से ऐऐसा कुछ हुआ ना...."

राज नेहा की बात काटते हुए बोलता है- "तो आप खुद को नहीं रोक पायेंगी मालकिन.."

नेहा राज की बात सुनकर हैरान थी, बोली- "क्या बोला तुमने बदतमीज इंसान?"

राज- मालकिन अब मैं सच ही तो बोल रहा है।

नेहा को राज की बातें अजीब लग रही थी। उसे पता था राज के अंदर कमीनापन भरा हुआ है। उसे गुस्सा आ रहा था राज पर। नेहा बोली- "क्या बकवास कर रहे हो? में और तेरे साथ कंट्रोल खो दंगी? असम्भव.
नेहा मन में. "कितना कमीना बूटा है। कैसी गंदी-गंदी बातें कर रहा है?"

राज- शर्त लगा लो मालकिन आप हर जाओगी।

नेहा- "मैं और तुमसे हारंगी?' ऐसा बोलकर वो हँसती हैं।

राज- एक बार जीत कर तो दिखाईए?

नेहा को गुस्सा भी आ रहा था की एक काला ड्राइवर गंदा बूदा उसको हराने की बात कर रहा था। एक ड्राइवर की इतनी हिम्मत? नेहा अब अपना ईगो ला रही थी जिसमें वो भूल गई थी के वो इस घर की बहू है।
नेहा- हारने का सवाल ही नहीं उठता।

राज- अच्छा मालकिन तो देखते हैं।

नेहा- अगर तुम हर गये तो?

राज- आप जो चाहेंगे वो करेगा।

नेहा- सच में?

राज- हौं।

नेहा हँसती है इसपर, और कहती है- "ठीक है। अगर मैं हारी तो तुम जो चाहोगे वो दे देंगी.."

राज नेहा की ये बात सुनकर स्माइल करता है। जैसे उसे कोई खजाना मिल गया हो, और कहता है- "सोच लो
जो चाहे वो देना पड़ेगा..."

नेहा बिना कुछ सोचे समझे- "हाँ ठीक है.."

राज- "तो तैयार होजाओ मालकिन...' कहकर राज नेहा के पीछे चला जाता है।

नेहा अब घोड़ा घबरा रही थी। उसे अब होश आ रहा था की ये उसने क्या कर दिया? एक गंदे ट्रक बढ़े को अपने जिश्म को छूने को इन्वाइट कर दिया।


राज अब एकदम से नेहा को अपने से सटा लेता है। नेहा एकदम से उस काले बटे से चिपक जाती है। राज के हाथ लेहा की कमर पर थे। राज के हाथ अपनी जंगी कमर पर पाते ही नेहा मदहोश होने लगती है। अभी से उसकी ये हालत भी। फिर तो उसने कहीं शर्त लगा ली थी राज से। राज अब नेहा की गाण्ड पर अपना लण्ड रगड़ रहा था। नेहा की बड़ी-बड़ी गाण्ड जो उस साड़ी में कैद थी, उसपर अपना काला मोटा लण्ड जो झांटों से भरा हुआ है, और लुंगी में मौजूद हैं, राज रगड़े जा रहा था।

नेहा की आँखें राज की हरकत से बंद हो गई ी। उसने अपनी जिंदगी में ऐसा महसूस नहीं किया ।

तभी नीलू जो बाहर किसी काम से गई थी, अब किचेन में आने लगती है। लेकिन दरवाजे के पास पहुँचकर अंदर
का दृश्य देखकर वो वहीं रुक जाती है। अंदर देखकर नीलू मन में- "ये राज के साथ कौन है अंदर? तभी उसे उस औरत की साड़ी देखकर याद आता है.."

जील- "अरे ये तो नेहा मालकिन हैं। लेकिन इस राज ने मालकिन को क्यों पकड़ रखा है। इसका मतलब राज ने मालकिन को पटा लिया। लेकिन कैसे? और मालकिन मान कैसे गई इस काले बूढ़े के साथ ये सब करने को। मुझे क्या करना है? कम से कम राज और जय अब रोज-रोज मुझे नहीं चाहेंगे। अब नेहा मालकिन को इन दोनों के लण्ड लेने होंगे। मेरी जान छुटी बस.."
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कड़ी_04

राज इधर अंदर नेहा की नाभि से हाथ हटाते हए अब ऊपर ले जाने लगता है। नेहा को अहसास होता है की राज के हाथ कहा जा रहे हैं।

नेहा- नहीं प्लीज.. वहाँ हाथ मत लगाओ।

राज- क्या मालिकल आप बस शर्त जीतने पर ध्यान दीजिये। बाकी चीजों पर नहीं... इतना बोलकर राज नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियां पकड़ लेता है।

नेहा- “आहह.." करती है।

राज का अकड़ा हआ काला मोटा लण्ड पहले ही उसकी गाण्ड पर चुभ रहा था। अब उसके हाथ नेहा की चुचियों पर थे। नेहा की आँखें बंद भी। अब राज नेहा की दोनों चूचियां अपने दोनों हाओं से मसलने लगता है। नेहा की जरम जवान चूचियां एक काला बढ़ा मसल रहा था।

इधर दरवाजे से नीलू पूरा इश्य एंजाय कर रही थी।

नेहा राज की हरकतों से गरम हो रही थी। तभी राज उससे चिपके हुए ही उसके गले को चूमने लगता है। नेहा की खूबसरत गोरी गर्दन पर राज का काला बदसूरत चेहरा चम रहा था। ओड़ी देर बाद राज चूचियां मसलना छोड़कर। अपने हाथ नीचे ले जाने लगता है, लेहा की चूत की तरफा जिसे नेहा भौंप लेती है। नेहा झट से उसका हाथ वहाँ जाने से रोकती है।
नेहा- प्लीज़्ज़... वहाँ नहीं।
राज- "क्या हुआ मेरी रानी?" और अब राज नेहा को मालकिन नहीं बोल रहा - "वैसे मेरा नाम राज हैं
और तेरा"
नेहा- क्यों तुझे क्यों जानना है?
राज- बता जा मेरी बुलबुल?
TAN
=
नेहा- नेहा।
नेहा उतना बोली ही थी की राज उसकी चूत पर हाथ रख देता है साड़ी के कम से।
नेहा- “आहह... करीम्म प्लीज़... ऐसा मत करो।
राज- क्या मेरी नेहा रानी?
नेहा- मालकिन से सीधा नेहा?
राज- जाम में क्या रखा हैं नेहा रानी। लण्ड के लिए चत या गाण्ड चाहिए बस।
नेहा राज की बात सुनकर शर्मा जाती है- "तुमको शर्म नहीं आती एक औरत के साथ ऐसी बात करते हए"
राज. शर्म कैसी नेहाजी। चुदाई में शर्म करने से काम नहीं बनता।
जता।
नेहा फिर से शर्मा जाती है। नेहा मन में "ये बदा कितनी घटिया बातें कर रहा है?"
राज नेहा की चूत एक बार दबाते हुए।
नेहा- “आहह.."
राज- देखो तो कैसे तेरी चत गीली हो गई हैं।
नेहा का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है। एक खूबसूरत औरत जो इस बड़े घर की बहू है, उसकी चूत एक काला बूढ़ा जो एक ट्रक ड्राइवर है उसकी हरकतों से गीली हो गई थी।
नेहा हिम्मत जुटते हुए- "प्लीज़्ज़... करीम्म वहाँ से अपना हाथ हटाओ.."
राज चूत और मसलते हुए- "क्यों नेहा रानी?"
नेहा- "प्लीज़... अहह...
नेहा की आह्ह... निकल जाती है। क्योंकी राज अपना अकड़ा हआ लण्ड एक बार नेहा की बड़ी गाण्ड में झटका देता है, जैसे वो उसे चोद रहा हो। नेहा के ऊपर दोहरा वार हो रहा था। एक तो राज के हाथ उसकी चत को मसल रहे थे और दूसरा राज का काला मोटा लण्ड उसकी गाण्ड को तंग कर रहा था।
राज- नेहा रानी मुझसे चुदवाएगी क्या?
नेहा चकित थी। एक काला बढ़ा जिसकी हैसियत कुछ भी नहीं है, वो नेहा जैसी खूबसूरत औरत, जो इस घर की बहू है उसको चोदने की बात कर रहा है।
नेहा- चुप करो बदतमीज़ कहीं के।
नीलू इधर दूर से मांच रही थी- "वाह रे राज क्या पटा रहा है नेहा मालकिन को। सीधा पूछ रहा है चुदाई के लिये, और मालकिल भी कुछ कम नहीं हैं। राज के लण्ड के मजे ले रही हैं अपनी बड़ी गाण्ड पर। पता नहीं ये राज नेहा मालकिन की क्या हालत करेगा? नेहा मालकिन की तो खैर नहीं अभी..."
इधर रूम में। राज- "क्यों नेहा मेरी जान चुदाई नहीं करवानी?" राज का एक अलग अहसास दिला रहा था।
बार-बार चुदाई शब्द इस्तेमाल करना नेहा को
नेहा- "मालकिन में अब सीधा ज्ञान पर आ गये। मैं क्या तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ जो ऐसा बोल रहे हो?"
.
..
.
राज- "हाँ त मेरी गर्लफ्रेंड है मेरी जान... एक काला बड़ा खुबसूरत नेहा को अपनी गर्लफ्रेन्ड बोल रहा था।
नेहा इस बात पर हँसते हुए- "अपनी शकल देखी हैं आईने में बूटे। मैं और तेरी गर्लफ्रेंड?" वैसा बोलकर वो हँसने लगती है।
राज मन में- "अब हँस ले मेरी बुलबुल... जल्द ही तुझे मैं अपनी रांड़ बनाऊँगा।..."
राज- हौं तू मेरी गर्लफ्रेंड है।
नेहा को हँसी बंद नहीं हो रही थी। नेहा को इतना हँसता देखकर राज थोड़ा गुस्सा हो जाता है और एक बार जोर से नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियां दवा देता है।
नेहा- आह्ह... करीम्म।
राज- इतना क्या हँस रही है? मैंने बोला ला तू मेरी गर्लफ्रेंड है।
नेहा राज को सीरियस होता देख कर- "तुम पागल हो क्या? मैं भला तुम जैसे बूढ़े की गर्लफ्रेंड क्यों बनेंगी?"
राज उसकी चूत मसलते हुए- "बनी नहीं है तो अन जा जा.."
नेहा- बिल्कुल नहीं जूदे।
राज- बन जा जा मेरी बलबल।
नेहा- छी... नहीं।
राज- अब मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की तरफ से किस चाहिए।
नेहा किस की बात सुनकर हैरत में पड़ जाती हैं। नेहा मन में- "छी.... ये बड़ा मुझे किस करना चाहता है। सच में ही पागल हो गया है ये..."
राज अब नेहा को अपनी तरफ घुमा लेता हैं। अब नेहा का खूबसूरत चेहरा राज के काले बदसूरत चेहरे के सामने भा। नेहा उसको देख रही थी। राज जो करना चाहता है वो नेहा जानती थी। लेकिन वो एक काले बदसूरत बूटे को किस नहीं कर सकती थी।
राज- "मुझे किस दे दे मेरी रानी..' बोलकर वो अपने सखे होंठ आगे बढ़ाने लगता है।
नीलू दरवाजे पर से राज का बदसूरत चेहरा नेहा के करीब आता देखकर मन में- "वाह वाह राज... क्या रोमांस चल रहा है?"
नेहा इधर एकदम से राज की पकड़ से छूटकर भागते हुए- "कभी नहीं बूटे... और हसती है।
राज- चुम्मा दे दे मेरी बुलबुल।
नेहा हँसते हुए- "कभी नहीं..' बोलकर वो भागने लगती है।
नीलू भी दरवाजे पर से बाहर छुप जाती है।
नेहा भागकर मीदियां चढ़ कर जाने लगती है।
राज से रहा नहीं जा रहा था। वो भी नेहा के पीछे भागता है। सौदियां चढ़कर भागते हुए नेहा की गाण्ड मटक रही औ, जो राज देख रहा था। नेहा भागकर अपने रूम में पहच जाती है झट से दरवाजा बंद करने वाली थी की राज दरवाजा पकड़ लेता हैं। नेहा दरवाजा बंद करने की कोशिश करती हैं लेकिन राज उसे करने नहीं देता।
नेहा- प्लाज़्ज़... करीम्म मत करो ये सब में शादीशुदा हैं।
राज- तू मेरी गर्लफ्रेंड भी है।
नेहा राज की बात सुनकर शर्मा जाती है।
राज- "अब शर्मा मत, और आने दे अपने बायफ्रेंड को अंदर
और राज धक्के से दरवाजे खोल देता है।
नेहा पीछे होती है। राज फिर दरवाजे को लाक कर देता है, और नेहा की तरफ देखने लगता है। नेहा भी राज की तरफ देख रही थी। इस वक़्त खूबसूरत नेहा, जो इस घर की बहू है। वो एक काला बदसूरत बूटा जो एक ट्रक हाइका है, उसके साथ खुद उसी के रूम में बंद है। राज अब नेहा की तरफ बढ़ने लगता है। नेहा पीछे जा रही
थी। राज और आगे आता है। फिर नेहा पीछे होती हैं। फिर जेङ्गा दीवार तक पहुँच कर सक जाती है।
का
राज फिर उसकी तरफ आता है। अब वो उसके पास जाकर। उसकी नंगी कमर में हाथ डालता है और उसके खूबसूरत चेहरे के पास अपना बदसूरत चेहरा ले जाता है। दोनों की नजरें आपस में मिल जाती हैं। दोनों एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे। तभी राज अपने सूखे काले होंठ नेहा के गुलाबी नरम होठों की तरफ बढ़ाता है। वो बहुत ही नजदीक पहुँचा था की नेहा अपना मुँह फेर लेती है।
राज- "मैंह इधर कर जानेमन। जरा अपने बायफ्रेंड को तेरे गुलाबी होंठों को चूसने तो दे.."
नेहा राज के बार-बार खुद को उसकी गर्लफ्रेंड बोलने से शर्मा रही थी। एक बूढ़ा उसको अपनी गर्लफ्रेंड बनाने पर तुला हुआ था। इस बात को सोचकर वो मन में हैंस रही थी।
नेहा- मुझे नहीं बनाना तेरी गर्लफ्रेंड।
राज- अच्छा चल अपना पति समझ कर ही चुम्मा दे दे डालिंग।
नेहा इस बात पर जोर से हसती है, और कहती है- "गर्लफ्रेंड नहीं तो अब अपनी पत्नी बनाना चाहते हो?"
राज उसकी आँखों में देखते हुए- "हौं डालिंग.."
नेहा हसते हुए- "तुम्हारे ये सपने कभी फूले नहीं होंगे राज जी..' और अब नेहा भी राज को जी बोल रही थी।
राज- "होंगे हालिंग जरूर होंगे। मैं तुझे अपनी बीवी बनाकर रहूँगा। अभी तो गर्लफ्रेंड से काम चल जाएगा।
नेहा का चेहरा राज की ये बात सुनकर शर्म से लाल पड़ जाता है। आखीरकार, क्यों ना हो? एक काला दसूरत बढ़ा उसको अपनी बीवी बनाने की बात जो कर रहा था। फिर राज नेहा के होंठों की तरफ बढ़ने लगता है।
नीलू इधर नीचे किचेन में सोचती है- "लगता है राज आज नेहा मालकिन के साथ सुहागरात मनाकर ही
आएगा..." ऐसा सोचकर वो हैंसती है।
राज रूम में जो हरकत करने जा रहा था, वो नेहा किसी हालत में भी नहीं चाहती थी। लेकिन अब उसे भागने के लिए जगह बची भी नहीं थी। तभी वो हो जाता है जिसकी कल्पना नेहा ने जिंदगी में नहीं की थी। इतने बड़े घर की बहू बनने के बाद तो बिल्कुल भी नहीं।
राज नेहा के गुलाबी होंठों पर अपने सूखे गंदे से होंठ रख देता है। इतने बड़े घर की बहू को इस वक्त एक श्रद्धा ट्रक ड्राइवर उसके ही बेडरूम में दीवार से सटाकर किस कर रहा था। राज नेहा के होंठ चूस रहा था। नेहा बिल्कुल भी साथ नहीं दे रही थी। वो राज की पकड़ से निकलने की कोशिश कर रही औ| लेकिन राज को मजबूत पकड़ उसकी गोरी नंगी कमर पर थी। वो नेहा को हिलने भी नहीं दे रहा था और उसके गुलाबी होंठ चूसे जा रहा था। नेहा का जैसे दिमाग फट गया । आखीर कार, एक काला बूटा ट्रक ड्राइ का उसके कोमल गुलाबी होठों को चूसे जा रहा था।
-
राज ठीक से तो नहीं लेकिन किस कर रहा था। वो नेहा के ऊपर के होंठों को कभी चसता, तो कभी नीचे के। वो बाहर से ही किस कर रहा था। उसे किस करना वैसे भी नहीं आता था। भला एक अनपद गंवार बड़े ट्रक हाइका को किस करना कहां से आता होगा। ऐसे ही ऑड़ी देर किस करने के बाद, किस तोड़ते हुये राज अपनी पकड़ ओड़ा दीली करता है। जिससे नेहा राज को दूर करती हैं खुद से। नेहा जोर-जोर से सांस लेने लगती है। उसकी सांस फूली हुई थी।
नेहा- बदतमीज बूटे... तेरी हिम्म्त कसे हुई मुझे किस करने की?
राज को नेहा का ' अचानक गुस्सा होना थोड़ा अजीब लगता है। राज बोलता है- “क्या हुआ नेहाजी?"
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नेहा- क्या हुआ? मेरी जान ही निकल दी थी।
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राज- अरे ऐसे कैसे मैं अपनी गर्लफ्रेंड को मरने देगा।
नेहा- चुप करो।
राज फिर से नेहा की तरफ बढ़ने लगता है।
नेहा- मेरे पास मत आओ तुम।
राज- क्यों मेरी जाल? अपने बायफ्रेंड को कुछ करने तो दो।
नेहा- तुम मेरे बायफ्रेंड नहीं हो।
राज- लोकन त मेरी गर्लफ्रेंड तो है।
नेहा- "चुप रहो.."
तभी साविनी वर्मा, नेहा की सास कर आवाज आई- "नेहा:.."
नेहा सावित्री की आवाज सुनकर डर जाती है। उसको डर आ की अगर सावित्री यहीं आ गई तो पता नहीं क्या होगा? नेहा- "प्लीज.. जाओ यहीं से..."
राज- चला जाऊँगा जानेमजा पहले एक चुम्मा तो दे दे।
नेहा- “नहीं, बिल्कुल नहीं। प्लीज़... जाओ यहाँ से.."
राज. नहीं जाऊँगा जब तक तू चुम्मा नहीं देगी।
नेहा- प्लीज़... राज जाओ यहाँ से।।

राज. चला जाता हूँ अगर तू मुझे बाद में चुम्मा देने का वादा करती हो तो।
नेहा- नहीं, मैंमें नहीं दूंगी।
राज- फिर में नहीं जाऊँगा।
नेहा मन में- "यह कमीना बढ़ा में जाने वाला नहीं है। अब में क्या करूँ? मैं इस गंदे बूढ़े को किस नहीं कर सकती। लेकिन ये ऐसे जाएगा भी नहीं।
नेहा- प्लीज़... राज ऐसा मत करो। चले जाओ यहाँ से।
राज- नहीं मतलब नहीं। तभी फिर से आवाज आती है।
सावित्री नेहा कहाँ हो?
नेहा- आई।
नेहा- प्लीज... राज जाओ।
राज- चुम्मा दो।
नेहा चिदकर- "ठीक है, बाद में..'
राज के मुंह पर कातिल मुश्कान फैल जाती हैं।
नेहा अपनी बात पर यकीन नहीं कर रही थी। वो ऐसा कैसे बोल गई?
राज- "ठीक है मेरी जान। बाद में आता हैं..." और राज चला जाता है छप-छपकर।
नेहा भी थोड़ी देर बाद बाहर चली जाती हैं।
राज पीछे कोठी में चला जाता है। अभी भी शाम नहीं हुई थी। जय अभी भी इयूटी से आया नहीं था। राज रूम में बैठकर बीड़ी पी रहा था और नेहा के बारे में सोच रहा था- "साला हरामी क्या माल फँसाया है। साली मस्त माल है। इसकी चुदाई में तो मजा आ जाएगा। साली को अपनी बनाकर रखेंगा। राज तेरे अच्छे दिन आ गये लगता है.." और ऐसा बोलकर वो हँसता है।
शाम में सब घर आ जाते हैं। खाना खाकर सब लोग हाल में बातें कर रहे थे। ऐसा रोज नहीं होता था की सब परिवार एक साथ बैठकर बातें करें। लेकिन कभी-कभी ऐसा होता था।
इधर जय भी आ चुका था। वो पीछे चला जाता है। जहाँ राज अपने मोबाइल पर पोर्न देख रहा था।
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