बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Masoom
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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विशाल- नेहा। तुम्हारा अभी तक नहीं हुआ।

जिसे सुनकर नेहा झट से दरवाजा खोलकर बाहर चली जाती हैं। दरवाजा बंद हो जाता है।

नेहा- ही हो गया विशाल चलिए।

विशाल- लेकिन कितनी देर नेहा।

नेहा- सारी बाबा... अब चलो।

विशाल- रुको मुझो भी बाथरुम जाना है।

नेहा विशाल के अंदर जाने की बात से डर जाती है क्योंकी अंदर तो राज है। और वो अभी-अभी अंदर से आई हैं। नेहा का दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है। नेहा मन में- "ओह नहीं। विशाल अंदर चला गया तो? ओ माई गोड... मैं अब क्या करेंग? ओहह नहीं। मुझे कैसे भी करके विशाल को रोकना होगा..."

विशाल बाभणाम के दरवाजे के पास जाने लगता है।

नेहा- "विशाल, वहां मत जहए। बहुत बदबू आती है वहां। मैं भी मुश्किल सी गई थी वहाँ.."

विशाल- अरे कोई बात नहीं बस दो मिनट की हो तो बात है।

नेहा- "विशाल, तुम ये कहीं और कर लेना। अभी चलो ना.. मुझे बहुत भूख लगी हैं और मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही। चलो ना..."

विशाल- लेकिन नेहा।

नेहा- प्लीज... चलो ना।

विशाल- अच्छा मेरी माँ चलो।

नेहा विशाल का हाथ पकड़ लेती है और वो दोनों जाने लगते हैं। नेहा एक बार पीछे मुड़कर देखती हैं। दरवाजा अभी भी बंद था। विशाल और नेहा जाकर खाने लगते हैं।

इधर राज बाथरूम में सोचता है- "साली का पति मुझे हमेशा डिस्टर्ब करता है। साली अच्छा खासा किस कर रही औ। कोई बात नहीं मेरी जान... तुझसे तो में बहुत कुछ करवागा..."

तभी वो अपना लण्ड मसलता है। फिर बाहर चला जाता है। वो दूसरी तरफ से आता है। वो देखता है की नेहा
और विशाल खाना खा रहे हैं। राज भी वहां पहुँच जाता है। नेहा राज को देखने लगती है। राज नेहा को घर रहा था, जैसे बोल रहा हो कि किस क्यों नहीं किया? नेहा कुछ रिएक्सन नहीं देती।

विशाल- अरे राज कहीं चले गये ?

राज- कहीं नहीं साहब, उधर एक तरफ चला गया था।

विशाल- खा लिया?

राज- “नहीं साहब, खाने का मौका ही नहीं मिला..' ये बात वो नेहा की तरफ देखकर करता है।

नेहा समझ जाती है की राज क्या बोल रहा है। नेहा झट से नीचे देखने लगती है।

विशाल- अरे तो अब खा लो ला।

राज- साहब अब खा लिया तो पता नहीं क्या हो जायगा?

नेहा नजरें झकाए हुए थी, और राज उसे ही देख रहा था।

विशाल- ऐऐसा क्यों?

राज. वो कुछ नहीं साहब। मैं अगर ज्यादा खाऊँगा तो गाड़ी चलते हुए लौंद आ जाएगी।

विशाल- वो तो ठीक है। लेकिन हल्का फुलका कुछ खा ली।

राज- "जी साहब..." फिर राज दूसरे टेबल पर बैठ कर कुछ आईर करके खाने लगता है। खाते हुए भी उसकी नजर नेहा की तरफ जा रही थी। उसके हाथ इतनी मस्त खूबसूरत जवान औरत लगी थी यही सोचकर उसकी उत्तेजना चरम पर थी। आधे घंटे बाद उनका खाना हो जाता है।

फिर सब कार की तरफ जाकर बैठ जाते हैं, और राज कार हाइवे पर दौड़ा देता है।
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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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खाना खाने के बाद नेहा को थोड़ा अच्छा महसूस हो रहा था। लेकिन उसको यह बात खाए जा रही थी की राज उसको जब चाहे तब इस्तेमाल कर रहा था, और वो खुद भी उसे रोक नहीं पा रही थी। आखोरकार, क्यों वो
अपने पति को नहीं बता देती राज की इस गंदी हरकत के बारे में? जो भी है नेहा राज के जाल में अब बहत अंदर तक फैंसती जा रही थी। पता नहीं क्या होगा उसका?

अब हाइवे पर कार तेजी से आगे बढ़ रही थी। कोई बात नहीं कर रहा था। लेकिन नेहा राज की घरे जा रही
ओ, पता नहीं क्यों? लोकल इस बार राज सिर्फ ड्राइविंग कर रहा था, बिना मिरर से नेहा को देखें।

इन दोनों की बात से बिल्कुल बेखबर विशाल अपने मोबाइल में बिजी था। कार चल रही थी। तभी एक बार राज की नजर मिरर पर जाती है तो उसे नेहा उसकी ही तरफ देखती हुई मिलती है। राज अपनी सबसे होतानी स्माइल उसे देता है। जो नेहा भी देख लेती है। नेहा फॉरन अपना मुँह उधर कर लेती है। तभी राज को कुछ सूझता है।

राज- "साहब एक बात बतानी भी आपको..."

नेहा राज की बात सुनकर चौंक जाती है। नेहा मन में- "इस बटे को क्या बतानी है अब, और कैसी बात? नेहा दूर जाती है कही राज बाथरूम वाली बात तो नहीं बताएगा, या फिर उसकी चुदाई वाली?" अब नेहा के पशीने छूट जाते हैं ये सब सोचकर। कहीं का कहीं। राज को भी अहसास होता है की नेहा ऐसा ही कुछ सोच सकती

विशाल मोबाइल पर देखते हुए- " बोलो क्या बात बतानी है?"

नेहा राज की तरफ बड़े ही हैरानी भरी नजर से देखने लगती हैं। जो राज देख लेता है।

राज- वो साहब उस ढावे पर ना।

नेहा अब बहुत डर जाती है।

विशाल- हाँ क्या ढाबे पर?

राज- वो ढाबे पर जो बाथरूम था ना।

नेहा की सांस जैसे अटक जाती है बाभरकम का नाम सुनकर। नेहा अब राज की तरफ बड़े ही मासूमियत से देखने लगती है। जैसे बोल रही हो प्लीज... मत बताओ। राज लेकिन उसकी तरफ देखकर मुश्कुरा रहा था।

राज- वो साहब बाथरूम के अंदर।

विशाल अभी भी मोबाइल पर कुछ कर रहा था- "हाँ हों बाथरूम के अंदर क्या?"

नेहा राज की तरफ देखते हुए अब अपना सिर ना में हिलाती है। जैसे बोल रही हो- "ये तुम क्या कर रहे हो? प्लीज़... ऐसा मत करो....

राज- "वो साहब...." इतना ही बोलकर वो नेहा की तरफ देखने लगता है, और स्माइल करता है- "वो साहब वहीं का बाथरूम बहुत गंदा था ला... उसके लिए सारी। आप लोगों को तकलीफ हुई होगी ना?"

राज की ये बात सुनकर नेहा की जान में जान आती है।

विशाल- अरे इसके लिए तुम क्यों माफी माँग रहे हो। में समझ सकता हैं। ऐसे रोड साइड दाओं की वैसे भी हालत ठीक नहीं होती।

राज- जी साहब।

राज फिर से नेहा की तरफ देखता है मिरर से। जिसपर नेहा इस बार उसे गुस्से से देखती हैं। लेकिन राज उसे स्माइल करता है। शोड़ी देर ऐसे ही कार चलाने के बाद विशाल को नींद आ जाती है। नेहा की भी आँखें लौंद में अब बंद होने लगी थी।

राज तभी बोला "मेमसाहब सो गई क्या?"

नेहा चौंक कर राज को देखने लगती है। कैसे ये विशाल के सामने यूँ बात कर रहा है। नेहा कुछ जवाब नहीं देती।

राज- मेमसाहब।

नेहा- क्या है?

राज- कुछ नहीं बस पूछ रहा था की सो गई क्या?

नेहा- खुद जगाकर बोल रहे हो सोई या नहीं?

विशाल सोया हुआ था। उसे नहीं पता था की क्या बातें चल रही हैं इधर।

राज- सारी मेमसाहब। लेकिन आप दोनों सोएंगे तो मुझे भी नोंद आ जाएगी। वो क्या है ना कोई साथ में बातें करता रहता है तो नींद नहीं आती।

नेहा- तुम्हारा मतलब क्या है की मैं तुम्हारे साथ बातें करती रहूँ?

राज- हाँ मेमसाहब।

नेहा- मुझसे नहीं होगा।

राज फिर चुप होकर कार चलाने लगता है। नेहा फिर से सोने की कोशिश करती है।

राज- मेमसाहब।

नेहा राज की तरफ देखने लगती है- "क्या है?"

राज इशारों में ही नेहा को चुम्मा देने वाला मुँह बनाता है। नेहा गुस्से से उसकी तरफ देखने लगती है। उसका
पति साइड में ही था, और ये काला गंदा बढ़ा उसे किस करने का मुँह बना रहा था। राज फिर से प्लीज़... प्लीज़... करने लगता है। लकिन नेहा उसे गुस्सा दिख रहीं भी। थोड़ी देर फिर से वहीं खामोशी छा जाती है। राज अब नेहा की तरफ फिर से देखता है।

राज- "चस्सह चस्म्स ह..."
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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नेहा राज की तरफ देखने लगती है। राज नेहा को इशारों में उसकी साड़ी का पल्लू ब्लाउज़ के ऊपर से हटाने का इशारा करता है। नेहा हैरान थी की ये बूढ़ा इतना सब कर रहा है। वो भी उसके पति के होते हए। नेहा ना में गर्दन हिलाती है। राज फिर से वही इशारा करता है। फिर से नेहा ला में गर्दन हिलाती है।

राज इस बार थोड़ा सीरियस होकर- "साहब.."

नेहा एकदम से राज के ऐमा बोलने से डर जाती है- "तुमको प्रोबलम क्या है ?"

राज बिना बोले उसको पल्ल हटाने का इशारा करता है। नेहा फिर से ला में गर्दन हिलाती है। राज अब कार थोड़ा धीरे करके पीछे मुड़ता है विशाल को बुलाने के लिए।

तभी नेहा- "प्लीज़...

राज फिर आगे देखकर कार चलाने लगता है। फिर वो इशारा करता है। नेहा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की वो क्या करे? एक काला बटा उसकी जैसी जवान औरत को मैं अपने इशारों पर नचा रहा था, और अब तो हद हो गई थी। उसके पति के सामने ही उसे ये सब करने के लिए बोल रहा था।

राज- मेमसाहब्।

नेहा अपनी सोच से बाहर आती हैं और राज की तरफ देखने लगती है, और फिर से ना में इशारा करती हैं।

राज- साहब।

नेहा- रूको।

इसपर राज स्माइल करता है, और हटाने का इशारा करता है। हैरानी की बात तो ये थी की विशाल को ऐसी क्या नींद लगी थी की उसको इन दोनों की बातें सुनाई नहीं दे रही थी? जो भी हो इसमें राज का फायदा हो रहा था। नेहा अब मजबूरी में अपना हाथ पहलू पर रखती है। उसे दूर लग रहा था, क्योंकी उसका पति साइड में
था। राज जल्दी करने का इशारा करता है। नेहा उसे घूरने लगती है। नेहा अब धीरे से अपना पहल साइड में करने लगती है।

अब नेहा का ब्लाउज़ दिखने लगता है। साथ में उसका एक बड़ा चूचा ब्लाउज़ के ऊपर से मस्त शेप में दिख रहा था राज को। नेहा को घिन आ रही थी में एक काले बढ़े के कहने पर ये सब करते हुए। ऐसे ही नेहा अपना मालू पूरा अपने ब्लाउज़ पर से हटा देती हैं। अब नेहा का ब्लाउज़ साफ दिख रहा था और उसके अंदर कैद बड़ी बड़ी चूचियां।

एक काला गंदा बढ़ा एक जवान खूबसूरत औरत को इतना सब करने पर मजबूर कर रहा था। नेहा विशाल का तरफ बार-बार देख रही थी की कहीं वो जाग जा जाए। राज अब नेहा की चूचियों का शो एंजाय कर रहा था बलाउज़ के ऊपर से। नेहा को शर्म भी आ रही भी मैं किसी गैर मर्द को अपना शरीर दिखाते हए, वो भी एक बूढ़े
को। अपने पति के साइड में होते हुए भी।

थोड़ी देर ऐसे ही देखने के बाद राज अब नेहा को उसकी चूचियां दबाने का इशारा करता है। जिसे देखकर नेहा एकदम हैरान रह जाती है। नेहा जा में गर्दन हिलाती है। राज फिर विशाल को बुलाने जैसा मह बनाता है। इस बार तो नेहा के लिए और परेशानी थी क्योंकी उसने इस वक्त अपना पल्लू हटा रखा था। अगर अब विशाल जाग गया और उसे इस हालत में देखेगा तो मांचंगा की वो एक ड्राइवर के सामने ऐसे कैसे रह सकती है?

नेहा झट से राज को विशाल को ना बुलाने का इशारा करती हैं। वो मज़ा भी। वो बस राज का कहा हुआ कर सकती थी और कुछ नहीं। लेकिन अपनी चूचियां खुद दबाना वो भी एक ड्राइवर के कहने पर उसे ओड़ा अजीब महसूस हो रहा था। राज उसको फिर से चूचियां दबाने का इशारा करता है। नेहा शर्म से दूसरी तरफ देखते हुए अपने हाथ अपनी बड़ी-बड़ी चूचियों पर रखती है। फिर धीरे से राज की तरफ देखने लगती हैं। राज उसे दबाने का इशारा करता है। नेहा फिर से नीचे देखते हए धौरे से अपनी चूचियां दबाने लगती है। हल्के-हल्के
वो दबा रही थी अपनी चूचियों को। वो दूसरी तरफ देख रही थी। लेकिन कार चलाते हुए राज के चेहरे पर एक कमीनी स्माइल और नेहा शर्म से पानी-पानी हो रही औ| अपने ही पति के साइड में होते हुए किसी गैर मर्द के लिए ऐसा करना।

अब राज थोड़ा जोर से दबाने का इशारा करता है। नेहा पहले ही शर्म से मर रही थी और अब ये। वो अब थोड़ा जोर से अपनी चूचियां दबाने लगती है। राज के बदसूरत चेहरे पर एक कमीनी स्माइल फैली हुई थी। तभी विशाल एक करवट लेकर फिर से सो जाता है। एक बार के लिए तो जैसे नेहा के जिस्म में जान ही नहीं बची
थी। क्योंकी इस वक्त वो अपनी चूचियां जो दबा रही थी वो भी एक काले बढे ड्राइवर के सामने।


वापस सोने से नेहा को राहत मिलती है। इस बार वो अपने हाथ चूचियों पर से हटाने लगती है। तभी राज उसे वैसा ना करने का इशारा करता है। इस बार बो नेहा को अपने बलाउज़ के बटन खोलने का इशारा करता है। जिस पर नेहा चकित थी।

नेहा मन में- "ये बूढ़ा अब हद से आगे बढ़ रहा है। ये मुझसे क्या-क्या करवा रहा है? और में पागलों की तरह इसकी बात मान रही हूँ। क्यों में इस बूढ़े को खुलकर मन्ना नहीं कर पा रही है। इस कमीने में अगर विशाल को जगा दिया तो पता नहीं विशाल क्या सोचेगा मेरे बारे में। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा की मैं क्या करूं?

राज- वो मेमसाहब।

इस आवाज से नेहा राज की तरफ देखती हैं। राज बटन खोलने का इशारा करता है। नेहा झिझक रही थी। उसे शर्म आ रही थी की अपने पति के होते हुए किसी गैर मर्द को मैं अपनी चूचियां दिखाने में। नेहा कुछ सोच हो रही थी की,

राज- साहब उठिये।

नेहा हैरानी भरी नजर से राज को देखने लगती हैं। वो झट से अपने पल्लू अपने ब्लाउज़ पर डाल लेती हैं, और राज की गुस्से से देखने लगती हैं। विशाल तो जैसे घोड़े बेचकर सो रहा था। उसपर राज के बोलने का असर ही नहीं हुआ था।

लेकिन राज ने भी थोड़ा धीरे से आवाज लगाई थी विशाल को। ताकी विशाल जाग ना जाए। वो तो बस नेहा को इराने के लिए ऐसा कर रहा था। राज अब फिर से नेहा को बटन खोलने का इशारा करता है। नेहा गुस्से में थी में बार-बार राज के विशाल को बुलाने से। लेकिन वो कर भी कुछ नहीं सकती थी। उसकी पता था राज बहुत जिद्दी है।

नेहा अब अपना पल्लू फिर से हटा देती हैं। लेकिन भोड़ी देर वो वैसे ही रहती है। राज तभी कार धौरे करते हुए शोक देता है। जिसपर नेहा दूर जाती है कि ये बूढ़ाअब क्या करेगा? राज अब पीछे देखता है नेहा की तरफ। नेहा थोड़ा अचम्भे से राज को देखने लगती है। नेहा को पता था की कुछ ना कुछ गलत हरकत करेगा।

नेहा- गाड़ी क्यों रोको?

राज अब विशाल को जगाने के लिए अपना हाथ बढ़ाता है।

नेहा- रुको।

राज नेहा की तरफ देखने लगता हैं। फिर बी नेहा को बटन खोलने का इशारा करता है। नेहा के पास अब कोई रास्ता नहीं था, तो कहा- "तुम गाड़ी चलाओ."

राज फिर कार स्टार्ट करके चल्लाने लगता है। नेहा अब अपने ब्लाउज़ के ऊपर का बटन धीरे से खोल देती है।

अब नेहा की छाती का थोड़ा सा गोरा हिस्सा दिखने लगता है। नेहा शर्माते हए एक और बटन खोल देती हैं। अब नेहा की डिजाइनर सा दिखने लगती है। नेहा का ऊपरी हिस्सा जो बिल्कुल गोरा था राज को दिखने लगता है। अब एक लास्ट बटन था जो निकालने के लिए नेहा बहुत शर्मा रही थी। या फिर कहिए झिझक रही भी। लेकिन वो शर्मा क्यों रही थी? क्या वो भी राज को अपना जिस्म दिखाना चाहती थी इस वक्त? जो भी हो पता चल हो जाएगा आगे।

नेहा अपने ब्लाउज़ के आखिरी बटन को पकड़े हुए खामोश बैठी थी। राज कार चलाते हुए नेहा को इस हालत में देखकर मजे ले रहा था। लेकिन वो नेहा को ऊपर से नंगी करना चाहता था, इस वक्त उसके पति के होते हुए

राज- मेमसाहब जल्दी कीजिये।

नेहा- चुप रहो और चुपचाप गाड़ी चलाओ।

नेहा अब धीरे से अपना आखिरी बटन निकालने लगती है। आखिरी बटन खुलते ही नेहा की ब्लाउज़ के दोनों बाजू अलग हो जाते हैं और नेहा की डिजाइनर सामने आ जाती है। जल्द ही नेहा अपने हाथों से अपने आपको ढँक लेती हैं। राज उसे हाथ हटाने का इशारा करता है। नेहा बहुत झिझक रही थी। लेकिन वो धीरे से अपने हाथ हटा देती है। इधर राज को इतने बड़े घर की जवान खूबसूरत बह को इस हालत में देखकर बहुत मजा आ रहा था।

अब राज अपना लण्ड पेंट में से बाहर निकाल लेता है। उसका काला गंदा लण्ड फूटा तना हुआ था। लण्ड की नसें फूली हुई थी। अब वो एक हाथ से स्टियरिंग वील और दूसरे हाथ से अपना लण्ड पकड़कर हिलाने लगता है। अब राज नेहा को चूचियां ब्रा में से बाहर निकालने का इशारा करता है। नेहा हैरान थी इस बूढ़े की मांगें देखकर। साला ठरकी बूढ़ा बुढ़ापा आ गया है फिर भी जवानी अभी भी बाकी है।

राज एक बार उसे इशारा करता है, इस बार गुस्से के एक्सप्नेशन से। नेहा धीरे से अपनी ब्रा नीचे करने लगती है। जिसे देखकर राज अपना लण्ड तेजी से हिलाने लगता है। ब्रा हटाते ही नेहा की गोरी बड़ी-बड़ी चूचियां सामने आ जाती हैं। उसपर पिंक निपल आहा क्या मस्त लग रहे थे। नेहा भी देख रही थी को राज का हाथ कब से हिल रहा है नीचे। उसे समझने में देरी नहीं लगती की राज क्या कर रहा होगा। नेहा शर्म से पानी-पानी हो जाती है। एक काले गंदे बूढ़े को अपनी चूचियां देखकर मूठ मारते हुए। नेहा अपनी चूचियां छुपाने की कोशिश करती तो राज उसे रोकता। राज छूटने के बहुत करीब था।

तभी वो नेहा को अपनी चूचियां दबाने का इशारा करता है। नेहा इस बार बिना किसी झिझक के अपनी चूचियां हल्के-हल्के दबाने लगती है और राज अपना काला लण्ड जोरों से हिला रहा था। खूबसूरत जवान औरत अपनी चूचियां दबा रही थी और ड्राइवर अपना लण्ड हिला रहा था। थोड़ी देर बाद राज का पानी निकल जाता है। वो हफते हुए कार चलाने लगता है। नेहा को भी लगता है की राज का निकल गया है। इसलिए वो अपने कपड़े ठीक कर लेती हैं और सोने की कोशिश करने लगती है। उसे कब नींद आती है पता ही नहीं चला। ऐसे ही दो घंटे बाद वो लोग विशाल के दोस्त के यहाँ पहुँच जाते हैं।

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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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कड़ी_18

विशाल के दोस्त यहाँ शादी की तैयारी चल रही थी। क्योंकी कल ही शादी थी। लोग अपना-अपना काम कर रहे
थे। इधर पहुँचने के बाद विशाल कार से उतर जाता है और फिर नेहा भी।

विशाल- राज तुम कार पार्क करके आओ।

राज- जी साहब।

फिर विशाल और नेहा अंदर चले जाते हैं। राज कार पार्क करके अंदर जाने लगता है। शादी का माहौल था तो बहुत सारे लोग इधर-उधर घूम रहे थे, अपना काम करते हए। औरतें भी भी कुछ। कोई बातें कर रही थी तो कोई काम कर रही थी।
राज मन में- "साला यहाँ तो हरियाली ही हरियाली हैं। लेकिन साला अपनी आइटम के सामने कुछ नहीं। राज सोच तो रहा था मगर वो वहीं की हाट औरतों को घूर घूर कर देख भी रहा था। किसी की चूचियां, तो किसी की गाण्ड। उधर नेहा और विशाल उसके दोस्त से जाकर मिलते हैं और बातें कर रहे थे।

दोस्त- अरे यार बहुत-बहुत थॅंक्स आने के लिए।

विशाल- थॅंक्स बोल रहा है दोस्ती में।

दोस्त- सारी यार। और भाभी कैसा रहा सफर। कोई तकलिफ तो नहीं हुई ना?

नेहा- "नहीं नहीं कोई तकलीफ नहीं हुई.." और नेहा तो ऐसा बोल रही थी जैसे उसके साथ कुछ हुआ ही ना हो।

दोस्त- "ठीक है विशाल, तुम लोग गेस्ट रूम में चले जाओ। और कुछ चाहिए तो बता देना.." फिर विशाल और नेहा को कमरा दिखा दिया जाता है।

नेहा- विशाल मैं बहुत थक गई हूँ मुझे बस सोना है।

विशाल- ठीक है तुम सो जाओ। मैं बाहर होकर आता हूँ।

नेहा- "क्या विशाल चलो सोते हैं." और नेहा मूड में भी।

विशाल- अरे यहां पर। शादी का घर है यार।

नेहा- शादी का घर है तो क्या हुआ? हम दोनों पति पत्नी हैं। हम जो चाहे करें, लोगों को उससे क्या?

विशाल- नहीं यार यहां नहीं।

नेहा- क्या विशाल कितने दिन हो गये।

विशाल. घर जाकर कर लेंगे। यहाँ ठीक नहीं लगता। यहाँ नहीं।

नेहा- "तुम भी ना विशाल... और ऐसे बोलकर नेहा चुपचाप दूसरी तरफ घूमकर लेट जाती है।

विशाल भी अब नेहा से बात करना ठीक नहीं समझता। क्योंकी उसने ही नेहा का मूड आफ किया था। विशाल दरवाजा बंद करके बाहर चला जाता है। वो अपने दोस्त के साथ बातें कर रहा था।
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इधर राज इधर-उधर घूम रहा था। शादी में आई हुई औरतों को बहुत ही बुरी नजर से देख रहा था। जैसे सबकी नंगी कर रहा हो अपनी नजर से। लेकिन उसे तलाश अपनी माशूका नेहा की थी। जो कहीं भी नजर नहीं आ रही भी। राज उसको ढूंढते हुए इधर-उधर घूम रहा था। लेकिन उसे नेहा को देखने के चक्कर में उस घर की बहुत सेक्सी औरतों से सामना हो रहा था। वो बहुत मुश्किल से कंट्रोल कर पा रहा था। लेकिन उसे पता था वो नेहा की साभ तो जो चाहे कर सकता आ। लेकिन अगर यहां कोई बदतमीजी की तो मार खाए बिना नहीं जाने वाला। इसलिए वो अपने आपको कंट्रोल कर रहा था।

उसे घूमते घूमते एक कमरा नजर आता है। जिसको बाहर से लाक था। राज को ना जाने क्या सूझता है वो
अंदर जाने के लिए धीरे से लाक खोलता है और अंदर झौंकता है। अंदर का दृश्य देखकर उसका काला लंबा साँप उसकी पैंट में तन जाता है। अंदर नेहा एक तरफ घूमकर लेटी हुई थी। उसकी कमर से साड़ी का पल्लू हटा हुआ आ। जिसकी वजह से उसकी गोरी पतली कमर दिख रही भी। और उसकी गाण्ड एकदम मस्त लग रही थी। एक तरफ घूमने की वजह से उसकी गाण्ड और बड़ी दिख रही थी।

राज मन में- "ओहही तो मेरी माल इधर है। आहा क्या मस्त लग रही है। साली ने फिर से मेरा लौड़ा खड़ा कर दिया." ऐसे बोलते हुए अपना लण्ड पेंट के ऊपर से मसलता है। फिर वो अंदर चला जाता है।

अंदर आते हए वो दरवाजे को लाक लगा देता है। बेड के पास आकर वो खड़ा हो जाता है वहीं पर। वो साथ में अपना लण्ड मसल रहा था पैंट के ऊपर से। राज खड़े हुए नेहा के जिश्म को निहार रहा था, उसकी कतल कर देने वाली जवानी को। उसके मासूम चेहरे पर बिखरे हुए बाल उसको और सेक्सी बना रहे थे। ये सब देखकर राज अस अंदर ही अंदर बेताब हो रहा था।

राज देरी ना करते हुए बेड पर चढ़ जाता है। नेहा की गाण्ड उसकी तरफ थी। वो अब बेड पर लेट जाता है और नेहा के करीब खिसकता है। अब वो नेहा से चिपक जाता है। नेहा की तरफ से कोई आहट नहीं हुई। राज अब नेहा की कमर में हाथ डालकर एकदम उससे चिपक जाता है। राज को नेहा के जिस्म से मस्त खुशबू आ रही थी। नेहा की गोरी नंगी कमर में उसके काले हाथ घेरा डाले हुए थे। अब राज नेहा की कमर पर अपने हाथ फेरना लगता है। जिससे नेहा के चेहरे पर कुछ हरकत होने लगी। लेकिन वो अभी भी सोई हुई थी। बिना ये
जाने क राज उससे चिपक के लेटा हुआ है।
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