मैं मायके नहीं जाऊंगी
दिल जोरों से धड़क रहा था, रूबी बैचेनी से अपने हाथों की उंगलियों को एक दूसरे में उलझा कर रगड़ रही थी।हिरणी जैसी बड़ी बड़ी कजरारी आँखों को फैला कर बस पापा को ढूंढ रही थी।तभी संयोग से पापा किसी काम से वहां आए जहां रूबी बेचैन बैठी थी।रूबी ने जोर से आवाज देकर पापा को पास बुलाया।पापा आए और रूबी को दुलारते हुए बोले क्या बात है बिटिया ?रूबी ने पापा के कानों में फुसफुसाकर पूछा-पापा आपने राजीव और उनके घरवालों को सब बता दिया है ना।अगर ना बताया हो तो मैं खुद बताना चाहती हूँ।पापा ने रूबी के गाल थपथपाए और कांपती आवाज में बोले - अरे बिटिया क्यों बेकार में चिंता कर रही हो।नहीं पापा आप सच बताइए -रूबी ने जोर देते हुए कहा।पापा ने रूबी को गले लगाते हुए कहा-तुम बड़ी भाग्यवान हो रूबी ,मैंने सब बता दिया है और उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।वो लोग बस चाहते हैं कि तुम जल्दी से उनकी घर की शोभा बढाओ।इतना कहते हुए पापा का गला रुंध गया तो रूबी को भी रोना आ गया।पापा ने रूबी को चुप कराते हुए कहा- अब इस बारे में कोई बात नहीं होगी, ठीक है।रूबी ने हामी में सिर हिलाया।
रूबी की सगाई का कार्यक्रम चल रहा है।चट मंगनी पट ब्याह वाला मामला है यहां।रूबी बेहद खूबसूरत है और 2 दिन पहले एक कार्यक्रम में राजीव और उसके घर वालों ने रूबी को देखा तो बस आनन फानन रिश्ता तय हो गया, रूबी और राजीव का।रूबी की माँ का 3 साल पहले देहांत हो गया था और रूबी की शादी उसके पापा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी तो बस उन्हें तो जैसे मुँह मांगी मुराद मिल गई।राजीव का परिवार बेहद संपन्न है, इसलिए दान दहेज की भी कोई मांग नहीं।अब और क्या चाहिए एक बेटी के पिता को।
देखते ही देखते रूबी राजीव की दुल्हन बन कर ससुराल पहुँच गई।सारे रस्मो रिवाज और मिलना जुलना होते कब एक सप्ताह बीत गया पता ही नहीं चला।फिर राजीव और रूबी हनीमून मनाने शिमला निकल गए।रूबी को तो मानो यह सब एक सपना जैसा लग रहा था।राजीव का प्यार पाकर वह फूल सी खिल उठी।
शिमला में मौसम बहुत ठंडा हो गया था।राजीव और रूबी एक दूजे की बाहें थामे घूम कर लौटे तो शाम हो चुकी थी।राजीव रूबी को कॉटेज के बाहर जहां आग जल रही थी वहां लेकर आ गया।पहले तो सब सामान्य रहा लेकिन कुछ देर बाद रूबी थोड़ा बेचैन हो गई और अचानक उसका शरीर अकड़ने लगा,वो कुर्सी से गिर गई, उसके हाथ पांव में तेज कम्पन होने लगा,गर्दन एक तरफ मुड़ गई और मुँह से थोड़ा झाग भी निकल आया।रूबी की अचानक ऐसी हालत देख राजीव बुरी तरह घबरा गया उसे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था कि अचानक रूबी को क्या हो गया।उसने रिसेप्शन में कह कर डॉक्टर को बुलाया और बेसुध हुई रूबी को बाहों में उठा कर कमरे में ले आया।
डॉक्टर ने सब चेकअप किया तब तक रूबी भी होश में आ चुकी थी।डॉक्टर ने रूबी से कुछ पूछताछ की और थोड़ी ही देर में मामला साफ हो गया। डॉक्टर ने कुछ दवाइयां लिखी और आराम करने की सलाह दे कर चला गया।राजीव बेहद परेशान सिर थामे बैठा था उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे ठग लिया गया हो।रूबी उठ कर राजीव के पास आई और जैसे ही उसने राजीव का हाथ पकड़ा राजीव को जैसे करेंट लग गया वो तिलमिला कर खड़ा हो गया।रूबी ने रुआँसे स्वर में कहा-यह गलत है राजीव, मेरे पापा ने पहले ही तुम लोगों को यह सच्चाई बता दी थी मुझे 'फिट' आते हैं मिर्गी के दौरे पड़ते हैं।राजीव भौचक्का रह गया और बोला - रूबी कसम से तुम्हारे पापा ने तुम्हारे बारे में ऐसा कुछ भी नहीं बताया था।रूबी का दिल बैठ गया।काफी देर दोनों पति पत्नी की बातें चलीं और रूबी ने पापा से फोन पर बात की तो स्पष्ट हो गया कि राजीव सच बोल रहा है।
सारी बात साफ हो चुकी थी ,रूबी अपमान और दुख की ज्वाला में जल रही थी, उसे अपने पापा पर बहुत गुस्सा आ रहा था, वह बस रोए जा रही थी।राजीव पढ़ा लिखा और सुलझा हुआ लड़का था,थोड़ी देर में उसने खुद को संभाल लिया।रोती हुई रूबी को गले लगाते हुए बोला- अब चुप हो जाइए श्रीमती जी।मैं हूँ ना ,मैं तुम्हारा अच्छे से अच्छा इलाज करवाऊंगा।साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है ,मुझे पूरा भरोसा है मेरी डार्लिंग बिलकुल ठीक हो जाएगी।बस तुम अपने राजीव का हमेशा साथ देना।रूबी का दिल हल्का हो गया राजीव की बात सुनकर ,साथ ही उसे अपनी किस्मत पर नाज़ भी हुआ कि इतना अच्छा जीवनसाथी मिला।रूबी ने सिसकते हुए कहा- मुझे पापा पर बहुत गुस्सा आ रहा है राजीव और मैं उनसे इतनी खफा हूँ कि "मैं कभी मायके नहीं जाऊंगी"।राजीव ने रूबी को प्यार से बाहों में भरते हुए कहा-हट पगली ऐसा नहीं बोलते, वो पापा हैं तुम्हारे।हमारा समाज ही इतना बुरा है कि अगर वो सच बोलते तो......खैर छोड़ो वो मजबूर थे।रूबी राजीव के इतने ऊँचे विचार सुनकर राजीव पर गर्व कर उठी और अपने पिया की बाहों में खो गई।
मैं मायके नहीं जाऊंगी
- rajaarkey
- Super member
- Posts: 10097
- Joined: 10 Oct 2014 10:09
- Contact:
मैं मायके नहीं जाऊंगी
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
- SATISH
- Super member
- Posts: 9811
- Joined: 17 Jun 2018 16:09
Re: मैं मायके नहीं जाऊंगी
मस्त कहानी है
Read my all running stories
आग्याकारी माँ(running)
मम्मी मेरी जान(running)
Main meri family aur mera gaon part -2(running)
मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें(running)
पिशाच की वापसी(running])
स्वाहा (complet)
लंगडा प्रेत(coming soon)
Read my Marathi stories
मराठी चावट कथा-सतीश(running)
आग्याकारी माँ(running)
मम्मी मेरी जान(running)
Main meri family aur mera gaon part -2(running)
मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें(running)
पिशाच की वापसी(running])
स्वाहा (complet)
लंगडा प्रेत(coming soon)
Read my Marathi stories
मराठी चावट कथा-सतीश(running)
- naik
- Gold Member
- Posts: 5023
- Joined: 05 Dec 2017 04:33
Re: मैं मायके नहीं जाऊंगी
wow bahot khoob