मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

Post Reply
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

Post by rangila »

मुझे लगा यही मेरे सच्चे पति होने के लायक हैं। मेरे असली पति भी मुझे प्यार करते थे, पर उनका प्यार मेरे बदन के कारण ज्यादा था। मैंने महसूस किया की योग मेरे बदन से कहीं ज्यादा मेरे दिल की गहराइयों में झाँक कर मुझे टटोल कर अपना साथी ढूँढ रहे थे, और शायद उन्हें मुझमें वह साथी नजर आरहा था, जो उनके दिल को समझ सके और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके और उन्हें भावात्मक ढंग से वह शारीरिक और आत्मिक प्यार दे सके जिसकी हर मर्द और औरत को तलाश होती है।

योग भी अब अपनी उत्तेजना की पराकाष्ठा पर पहुँच रहे थे। मुझे धक्का लगा कर चोदते हुए बार बार वह मुझे, "मेरी प्यारी प्रिया, मेरी जान, मुझे छोड़ के मत जाना। तू मेरी है और मेरी ही रहना।" इत्यादि कहते रहते थे। उनकी भौंहें सिकुड़ने लगीं, अब वह अपने आप पर नियत्रण नहीं रख पा रहे थे। वह चरम पर पहुँचने वाले ही थे। मैं भी उनके चेहरे का भाव देख कर फिर से उत्तेजित हो उठी, मेरी चूत में फिर वही फड़कन बढ़नी शुरू हो गयी। मैंने योगके धक्के के मुकाबले सामने से मेरी गाँड़ बार बार उठाकर उनकी चुदाई का पूरा साथ देते हुए गर्मजोशी दिखाई और उसके कारण मैं भी फिर से वही उन्मादित बिजली के झटके समान सुनामी के मौजों सी लहार पर सवार होते अनुभव कर रही थी।

मैंने योग से कहा, "मेरे प्यारे, तुम जरा भी सोचे बगैर अपना सारा वीर्य मेरी चूत में उँडेल दो। बिलकुल निश्चिन्त रहो। मैंने इसके बारे में काफी सोचा है। तुम्हारे माल को रोकना मत।"

योग ने अपने लण्ड को एक और धक्का देते हुए मेरी चूत में एक जोरदार गरमा गरम फव्वारा छोड़ा। मैंने उसके गर्म और बहुत ज्यादा मात्रा में छोड़े गए वीर्य को मेरी चूत की पूरी सुरंग को लबालब भर देते हुए महसूस किया। देखते ही दखते हम दोनों ही एक साथ झाड़ गए। हम दोनों के एकसाथ झड़ते ही योग के इर्द गिर्द अपनी बाँहों को फैला कर मैंने योग को मेरे नंगे बदन के साथ चिपका दिया और योग के बदन के निचले हिस्से को अपनी जांघों में लपेट कर उनके लण्ड को मेरी चूत में ही रखे हुए मैंने उनको मेरे पर ही रहने दिया और उनकी पीठ और सुआकार गाँड़ को मैं बड़े प्यार से सहलाने लगी। काफी देर तक ऐसे पड़े रहने के बाद धीरे से अपना लण्ड मेरी चूत में से निकाल कर योग मेरे ऊपर से निचे उतरे और मेरे साथ में ही लेट गए। मेरी आँखें नींद से गहरा रहीं थीं। पर मुझे एक बहुत जरुरी काम करना था। मैं बिस्तर में से नंगी ही खड़ी हुई।

जब योग ने मुझे बिस्तर से निचे उतारते हुए देखा तो पूछा "क्या बात है?"


मैंने कहा, "तुमने तो उस गन्दी औरत को अपने जीवन से और जहन से निकाल फेंका और (मैंने अपने बदन की और इशारा करते हुए कहा) इस नयी मुसीबत को गले लगा लिया। पर मुझे भी एक हिसाब चुकाना है। मुझे भी एक नासमझ मर्द को सबक सिखाना है। आप लेटे रहो। मुझे आपसे और भी कई बार चुदाई करानी है। बस मैं गयी और आयी।"

ऐसा बोलकर मैंने साथ में ही मेज पर रखे हुए मेरे सेल फ़ोन को लेकर मेरे पति को एक सन्देश भेजा। मैंने लिखा,

"मेरे प्यारे पति देव।

आपने मुझे एक बहुत ही बढ़िया सबक सीखा दिया है। हम शादी शुदा होते हुए भी आप किसी स्त्री को चोदते रहे और मुझ से झूठ बोलकर यह बात छिपाते रहे। रंगे हाथों पकडे जाने पर उलटा आपने मुझ पर ही बेबुनियाद इल्जाम लगा दिया। आपने मुझे सिखाया की शादीकी सौगंध और वचनों का कोई मूल्य या मायने नहीं है। हम शादी शुदा रहते हुए भी अपने तन की भूख किसी और से शांत करवा सकते हैं। तो फिर आप मेरी खुली चुनौती सुनिए। अब मैं आपसे खुल्लम खुल्ला कहती हूँ की मैं मेरे एक अति प्रिय मर्द को ना सिर्फ प्यार करने लगी हूँ बल्कि उनसे खूब मजे से चुदवा भी रही हूँ। मैं उनसे अभी अभी चुद कर आयी हूँ और यह मेसेज आपको भेज रही हूँ। आप मेरे इस खत को जाहिर कर सकते हैं। मैं आपको तलाक देने के लिए बाध्य नहीं कर रही। आप अगर मुझे तलाक देना चाहे तो दे सकते हैं। मुझे आपसे कोई जीविका या आर्थिक आरक्षण नहीं चाहिए। अगर आप मेरे साथ रहना चाहते हों तो हमें आज़ादी रहेगी की हम दोनों शादी शुदा होते हुए भी किसी और को चोद या किसी और से चुदवा सकते हैं। निर्णय आपको लेना है। आखिर में मैं आपको बस कुछ पंक्तियाँ पढ़ाना चाहती हूँ। गौर फरमाइयेगा।


यदि हम नरम हैं तो शोले सम हम गरम भी तो है। यदि हम नार* हैं तो खड़ग और तलवार भी तो हैं।

समझना ना हमें तुम भूल से भी मुर्ख और दुर्बल। दिल में प्यार है तो साथ में धिक्कार भी तो है।

* नार = नारी, स्त्री

आपकी कानूनन पत्नी!

प्रिया"


मैसेज एक बार फिर पढ़ने के बाद मैंने उसे मेरे पति के सेल फ़ोन पर भेज दिया। फिर मैं धीरे से मेरे सो रहे प्रियतम के पास गयी और उनका थोड़ा ढीला पर उतना ही मोटा और लंबा लण्ड पकड़ कर उसे हिलाने लगी, ताकि वह फिर कड़क हो जाए और मैं फिर एक बार उनसे उतने ही प्यार और तूफ़ान के साथ दुबारा चुद सकूँ।







आशा है आप सब को मेरी कहानी पसंद आई होगी, आप सभी की प्रतिक्रियाओं का इतेजार रहेगा!




THE END...???

User avatar
naik
Gold Member
Posts: 5023
Joined: 05 Dec 2017 04:33

Re: मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

Post by naik »

(^^^-1$i7) (#%j&((7) (^@@^-1rs7)
fantastic update brother keep posting
waiting for the next update 😪
Post Reply