Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग
- naik
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Re: जिंदगी के रंग अपनों के संग
fantastic update brother keep posting
waiting for the next update
- SATISH
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Re: जिंदगी के रंग अपनों के संग
बहुत मस्त स्टोरी है भाई एकदम लाजवाब अगले अपडेट का इंतजार है
Read my all running stories
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- rangila
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Re: जिंदगी के रंग अपनों के संग
Thanks mitro
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: जिंदगी के रंग अपनों के संग
शैली-तू क्या कर रहा है यहाँ पे वैसे कमाल का लग रहा है आज डेट पे जा रहा है क्या किसी के साथ.
मैं-तारीफ के लिए थॅंक्स और बता दूं कि आगली बार जब आप हमारे घर आएँगी तो मैने भी आप को अंदर नही आने देना .
शैली-ओह सॉरी अंदर आओ इस मे मेरी कोई ग़लती नही है तेरी प्यारी नैना दी ही लेट है और तू तो जानता है कि मुझे वेट करना बिल्कुल पसंद नही है.
नैना-मेरी कोई ग़लती नही है इस ने ही लेट कराया है मैं तो टाइम से तैयार थी अब चल लेट हो रहे है.
शैली-ओके पर अजय को क्यूँ लाई है.
मैं-हेलो मैं भी इन्वाइट हूँ और दी ने काफ़ी रिक्वेस्ट की तो मैने सोचा कि चलो कभी कभी अच्छा काम भी कर लो नही तो तुम जानती ही हो कि मेरा सेडुयल कितना बिज़ी होता है.
नैना-झूठे मैं ने कब कहा कि तू मेरे साथ चल रुक अभी बताती हूँ.
और दी मुझे यहाँ सोफे पे पड़े कुशन से मारने लगी.
शैली -रहने दे यार आज छोड़ दे देख कितना क्यूट लग रहा है पर कुछ तो कमी है अभी और ये बोल के दी अपने रूम मे चली गयी और जब वापस आई तो उन के हाथ मे एक ब्लॅक फ्रेम का चस्मा था इसे लगा ले और भी स्मार्ट लगेगा और एक बात तू वहाँ नैना का भाई नही मेरा फ्रेंड बन के जा रहा है.
मैं- नाइस थॅंक्स और फ्रेंड वाली बात आप दी से पूछ लो.
नैना-मुझे कोई प्रॉब्लम नही है.
शैली -ओके तो तय रहा तुम मेरे फ्रेंड बन के चल रहे हो और नैना को तुम जानते ही नही.
मैं-ठीक है मुझे भी इतने सेक्सी लड़की का फ्रेंड बन के ख़ुसी हो गी.( शैली ने भी मेरी तरह के ब्लॅक त शर्ट बिल्कुल शरीर से चिपकी हुई जिस मे से उन का शरीर का हर अंग सॉफ पता चल रहा था और ब्लॅक लॅडीस पैंट पहेन रखो थी क्या गजब की लग रही थी) वैसे आप भी कमाल लग रही हो.
शैली -वो तो मैं हमेशा ही लगती हूँ पर कोई देखता ही नही.
नैना-मैं अभी यही पे हूँ तो तुम दोनो एक दूसरे की तारीफ करना बंद करो और चलो.
ये सुन के हम दोनो की एक साथ हँसी निकल गयी और टेनो निकल पड़े पार्टी के लिए...
मैं-तारीफ के लिए थॅंक्स और बता दूं कि आगली बार जब आप हमारे घर आएँगी तो मैने भी आप को अंदर नही आने देना .
शैली-ओह सॉरी अंदर आओ इस मे मेरी कोई ग़लती नही है तेरी प्यारी नैना दी ही लेट है और तू तो जानता है कि मुझे वेट करना बिल्कुल पसंद नही है.
नैना-मेरी कोई ग़लती नही है इस ने ही लेट कराया है मैं तो टाइम से तैयार थी अब चल लेट हो रहे है.
शैली-ओके पर अजय को क्यूँ लाई है.
मैं-हेलो मैं भी इन्वाइट हूँ और दी ने काफ़ी रिक्वेस्ट की तो मैने सोचा कि चलो कभी कभी अच्छा काम भी कर लो नही तो तुम जानती ही हो कि मेरा सेडुयल कितना बिज़ी होता है.
नैना-झूठे मैं ने कब कहा कि तू मेरे साथ चल रुक अभी बताती हूँ.
और दी मुझे यहाँ सोफे पे पड़े कुशन से मारने लगी.
शैली -रहने दे यार आज छोड़ दे देख कितना क्यूट लग रहा है पर कुछ तो कमी है अभी और ये बोल के दी अपने रूम मे चली गयी और जब वापस आई तो उन के हाथ मे एक ब्लॅक फ्रेम का चस्मा था इसे लगा ले और भी स्मार्ट लगेगा और एक बात तू वहाँ नैना का भाई नही मेरा फ्रेंड बन के जा रहा है.
मैं- नाइस थॅंक्स और फ्रेंड वाली बात आप दी से पूछ लो.
नैना-मुझे कोई प्रॉब्लम नही है.
शैली -ओके तो तय रहा तुम मेरे फ्रेंड बन के चल रहे हो और नैना को तुम जानते ही नही.
मैं-ठीक है मुझे भी इतने सेक्सी लड़की का फ्रेंड बन के ख़ुसी हो गी.( शैली ने भी मेरी तरह के ब्लॅक त शर्ट बिल्कुल शरीर से चिपकी हुई जिस मे से उन का शरीर का हर अंग सॉफ पता चल रहा था और ब्लॅक लॅडीस पैंट पहेन रखो थी क्या गजब की लग रही थी) वैसे आप भी कमाल लग रही हो.
शैली -वो तो मैं हमेशा ही लगती हूँ पर कोई देखता ही नही.
नैना-मैं अभी यही पे हूँ तो तुम दोनो एक दूसरे की तारीफ करना बंद करो और चलो.
ये सुन के हम दोनो की एक साथ हँसी निकल गयी और टेनो निकल पड़े पार्टी के लिए...
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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- rangila
- Super member
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- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: जिंदगी के रंग अपनों के संग
हम लोग कुछ देर मे एक रेस्टोरेंट मैं पहुँच गये वहाँ कोई ज़्यादा भीड़ नही थी ये देख के मुझे कुछ अजीब लगा कि दी तो पार्टी का बोल रही थी और ये तो एक रेस्टोरेंट है यहाँ पे पार्टी कुछ समझ नही आया पर दी से पूछने की हिम्मत ना कर सका.दी और शैली दी दोनो रेस्टोरेंट मे एंट्री करती हुई रेस्टोरेंट के एक साइड मे जाने लगी मैं भी उन के पीछे -2 चल दिया वहाँ कुछ लोग एक राउंड टेबल पे बैठ के बाते कर रहे थे कोई 8 लोगो की बैठने की जगह थी यहाँ पे और 6 ऑलरेडी बैठे हुए थे जिन मे से 4 लड़कियाँ और 2 लड़के थे सब के सब इंडियन लग रहे थे अब मुझे समझ आ गया कि ये बस ऐसे ही नॉर्मल पार्टी है सो मैं रेलेक्स हो गया दी और शैली उन के पास जा के बैठ गये और मैं खड़ा रहा फिर शैली ने रेस्टोरेंट स्टाफ को एक और सीट के लिए बोला और कुछ ही देर मे यहाँ 8 से 9 लोगो के बैठने की जगह हो गयी .
फिर शैली दी ने मेरा इंट्रो करवाया उन सब से जो कुछ इस तरह था.
शैली -हाई फ्रेंड्स तुम सोच रहे होगे कि ये कौन है तो मैं तुम सब को इसका इंट्रो दे दूं ये है मिस्टर.अजय और मेरे न्य्वेस्ट फ्रेंड वो क्या है ना पुराने कुछ फ्रेंड्स के आटिट्यूड काफ़ी लाउड हो गये है.और अजय ये है सुनीता'किम'रजत'अमन'आरती आंड लास्ट और सबसे क्यूट सोनी.
फिर मैं ने सब को हाई बोला सब ने रिप्लाइ किया पर रजत ने कोई रिप्लाइ नही किया मेरे आने से शायद वो खुश नही था .और फिर हम सब ने हल्का नाश्ता किया और मूवी देखने का प्लान बना सब मूवी के लिए निकलने लगे.
रजत-शैली क्या मैं तुम्हारे साथ चल सकता हूँ.
शैली-ओके पर मैं बता दूं कि अजय भी मेरे साथ है.
रजत-ओके नो प्रॉब्लम .
फिर हम गाड़ी मे बैठने लगे तो रजत आगे बैठ गया और मैं पीछे बैठ गया पर शायद शैली को रजत की ये बात पसंद नही आई.
शैली- रजत क्या तुम प्लीज़ ड्राइविंग करोगे मेरा इस टाइम ड्राइव करने का बिल्कुल भी मन नही है.
रजत- ओके
जब रजत ड्राइविंग सीट पे बैठ गया तो शैली पीछे मेरे पास आ के बैठ गयी मुझे कुछ अजीब लगा कि आख़िर ये करना क्या चाहती है.ये देख के रजत ने मूह ऐसा बनाया कि जैसे किसी छोटे बच्चे की फॅवुरेट आइस क्रीम किसी ने छीन ले हो.
फिर हम लोग चल दिए और शैली ने अपना सर मेरे कंधे पे रख दिया और बात करने लगी पर शायद रजत को ये बात पसंद नही आई कि उस के होते हुए भी शैली मुझे ज़्यादा इम्पोर्टेंस दे रही थी.
रजत- तो मिस्टर.अजय कहाँ से हो.
शैली-इंडिया से क्यूँ?
रजत-कुछ नही आख़िर तुम्हारा फ्रेंड है तो सोचा कि मैं भी फ्रेंडशिप कर लूँ.
शैली-ओके और ये सिर्फ़ फ्रेंड नही है बेस्ट फ्रेंड है.
रजत-इंडिया से कब आया तुम्हारा फ्रेंड ओह सॉरी बेस्ट फ्रेंड.ओए तुम्हारी फ्रेंडशिप कैसे हुई.
शैली- लंबी स्टोरी है फिर कभी सुनाउन्गी अभी हम पहुँच गये .
और रजत ने गाड़ी रोक दी और हम उतर के नैना दी और बाकी के फ्रेंड्स के पास चले गये पहले मैने सोचा कि क्यूँ ना कुछ तूफ़ानी हो जाए फिर दी का मूड देख के दिल ने कहा बेटे ज़्यादा हवा मे मत उड़ नही तो तेरे साथ कुछ तूफ़ानी हो जाएगा और सरेआम तू पिट जाएगा तो मैने एक सारीफ़ बच्चे के तरह ये प्लान वहाँ पड़े डस्टबिन मे डाल दिया.इतने मे रजत भी आ गया और हम अंदर जाने लगे तो दी ने कहा रजत देख तो ज़रा वो अमन टिकेट लेने गया था अभी तक आया नही .
फिर शैली दी ने मेरा इंट्रो करवाया उन सब से जो कुछ इस तरह था.
शैली -हाई फ्रेंड्स तुम सोच रहे होगे कि ये कौन है तो मैं तुम सब को इसका इंट्रो दे दूं ये है मिस्टर.अजय और मेरे न्य्वेस्ट फ्रेंड वो क्या है ना पुराने कुछ फ्रेंड्स के आटिट्यूड काफ़ी लाउड हो गये है.और अजय ये है सुनीता'किम'रजत'अमन'आरती आंड लास्ट और सबसे क्यूट सोनी.
फिर मैं ने सब को हाई बोला सब ने रिप्लाइ किया पर रजत ने कोई रिप्लाइ नही किया मेरे आने से शायद वो खुश नही था .और फिर हम सब ने हल्का नाश्ता किया और मूवी देखने का प्लान बना सब मूवी के लिए निकलने लगे.
रजत-शैली क्या मैं तुम्हारे साथ चल सकता हूँ.
शैली-ओके पर मैं बता दूं कि अजय भी मेरे साथ है.
रजत-ओके नो प्रॉब्लम .
फिर हम गाड़ी मे बैठने लगे तो रजत आगे बैठ गया और मैं पीछे बैठ गया पर शायद शैली को रजत की ये बात पसंद नही आई.
शैली- रजत क्या तुम प्लीज़ ड्राइविंग करोगे मेरा इस टाइम ड्राइव करने का बिल्कुल भी मन नही है.
रजत- ओके
जब रजत ड्राइविंग सीट पे बैठ गया तो शैली पीछे मेरे पास आ के बैठ गयी मुझे कुछ अजीब लगा कि आख़िर ये करना क्या चाहती है.ये देख के रजत ने मूह ऐसा बनाया कि जैसे किसी छोटे बच्चे की फॅवुरेट आइस क्रीम किसी ने छीन ले हो.
फिर हम लोग चल दिए और शैली ने अपना सर मेरे कंधे पे रख दिया और बात करने लगी पर शायद रजत को ये बात पसंद नही आई कि उस के होते हुए भी शैली मुझे ज़्यादा इम्पोर्टेंस दे रही थी.
रजत- तो मिस्टर.अजय कहाँ से हो.
शैली-इंडिया से क्यूँ?
रजत-कुछ नही आख़िर तुम्हारा फ्रेंड है तो सोचा कि मैं भी फ्रेंडशिप कर लूँ.
शैली-ओके और ये सिर्फ़ फ्रेंड नही है बेस्ट फ्रेंड है.
रजत-इंडिया से कब आया तुम्हारा फ्रेंड ओह सॉरी बेस्ट फ्रेंड.ओए तुम्हारी फ्रेंडशिप कैसे हुई.
शैली- लंबी स्टोरी है फिर कभी सुनाउन्गी अभी हम पहुँच गये .
और रजत ने गाड़ी रोक दी और हम उतर के नैना दी और बाकी के फ्रेंड्स के पास चले गये पहले मैने सोचा कि क्यूँ ना कुछ तूफ़ानी हो जाए फिर दी का मूड देख के दिल ने कहा बेटे ज़्यादा हवा मे मत उड़ नही तो तेरे साथ कुछ तूफ़ानी हो जाएगा और सरेआम तू पिट जाएगा तो मैने एक सारीफ़ बच्चे के तरह ये प्लान वहाँ पड़े डस्टबिन मे डाल दिया.इतने मे रजत भी आ गया और हम अंदर जाने लगे तो दी ने कहा रजत देख तो ज़रा वो अमन टिकेट लेने गया था अभी तक आया नही .
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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