वो मेरे लंड की टोपी को पीछे करके सुपारे को चाटने लगी, लंड को होंठों में दबा कर हल्का सा बाईट करने लगी. मैं उसकी चुत में अन्दर तक चाटने लगा और कुछ ही देर में उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया.
इसी बीच रशीद अपना एक और पैग खत्म करके आ गया और बोला- अब मैं इस गजब माल को चोदता हूँ.
वो पायल के पीछे आ गया … पायल नीचे बैठ कर मेरे लंड को कैंडी की तरह चूस रही थी. मैं उसके मुँह को चोद रहा था. सुनील उधर खड़ा होकर पायल को मेरा लंड चूसते हुए देख रहा था, साथ ही पैग लेते हुए वो मुठ भी मारने लगा था.
रशीद अपना लंड पायल की पीठ पे फिराने लगा … उसके चूतड़ों को मसलने लगा. फिर रशीद पायल के चूतड़ों को किस और बाईट करने लगा. उसके चूतड़ों पर नीट शराब डाल कर चाटने लगा. उसके नाजुक गोरे चूतड़ों पर रशीद के दांतों के निशान बन गए.
तभी मैं झड़ने लगा, मैं बोला- पायल, मेरा पानी निकलने वाला है.
लेकिन पायल मेरे लंड को चूसती ही रही और मैंने सब पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया. उसने बड़े मजे से मेरे लंड के रस को निगल लिया और फिर से चूसना चालू रखा. इससे मेरा लंड पांच मिनट में ही फिर से तन गया.
अब मैंने और रशीद ने उसे उठा के खड़ा किया. पायल ने मेरे बदन को, कंधे को, चेस्ट को किस करना और काटना शुरू किया. पायल ने अपनी चूत मेरे लंड के सामने खोल दी. उसने रशीद के लंड को दरकिनार कर दिया, वो बोली- पहले जीजू का अन्दर जाएगा.
यह सुनकर रशीद की खोपड़ी भन्ना गई, लेकिन मैंने रशीद को इशारे से समझा दिया कि लौंडिया किधर जाएगी, साली को पूरी रात चोदेंगे.
अब मैंने अपना लंड पायल के चुत में फिट कर दिया और पीछे रशीद ने पायल की गांड के छेद पे अपना लंड रख दिया. हम दोनों ने पायल की चुदाई का काम शुरू किया. मैंने लंड फंसा कर रशीद को आँख मारी तो रशीद ने पायल की गांड में लंड का झटका लगा दिया. पायल जोर से चिल्लायी. उसके छटपटाहट से लंड अन्दर नहीं जा रहा था.
मैंने पास रखी मेरी केवाई जैली उसे दे दी. उसने जैली को लंड पे लगाया और मैंने भी फिर से काम शुरू किया. हल्के हल्के धक्के देना शुरू किए, लेकिन रशीद जोर जोर से धक्का देने लगा … तो पायल चिल्लाने लगी थी, वो छटपटा रही थी.
तभी रशीद ने इतना जोर का झटका दिया कि उसका लंड पायल की गांड को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया. दर्द के मारे पायल जोर से चिल्ला उठी. मैंने अपने होंठों से उसका मुँह बंद किया और झटके से अपना भी लंड अन्दर डाल दिया. थोड़ी देर के दर्द के बाद पायल भी दोनों छेदों में लंड का मजा लेने लगी.
उसने बताया कि सोहेल ने उसकी गांड को खूब बजाया था, इसलिए उसका पिछवाड़ा खुला है. लेकिन दोनों तरफ से लंड पहली बार घुसा है तो दर्द हुआ था.
कुछ ही देर में रूम कामुक आवाजों से भर गया था. पायल मजा ले रही थी- आहह जीजू मजा आ रहा है … और अन्दर तक करो ना … आह … जोर से करो … आहह रशीद साले दर्द मत दो … आहहहह प्लीज … उई माँ …
थोड़ी देर बाद रशीद झड़ गया और बाजू में जा के नशे में टुन्न हो कर गिर गया और मैं पायल की चूत को चोदता ही रहा. इतने में पायल ने दो बार पानी छोड़ा और फिर मैंने भी अपना वीर्यदान पायल को कर दिया और हम दोनों थक कर गिर गए.
पायल के बदन पे एक भी पॉइंट ऐसा नहीं था, जहां हमने किस या बाईट ना किया हो. उसकी जवानी का और बदन का पूरा लुत्फ़ उठाया.
तभी हाथ में ग्लास लिए सुनील आया और पायल को बांहों में लेने लगा, पायल की तो जान निकल गयी थी. सुनील ने अपना ग्लास पायल के होंठों से लगा के पिला दिया … पायल एकदम से उठ गयी और थूकने लगी, बोली- ये क्या पिला दिया, इसमें कतरा सा क्या मिलाया है?
सुनील हंसने लगा, मैंने देखा था सुनील ने मुठ मार के अपना वीर्य दारू में मिक्स करके पायल को पिला दिया था.
कुछ ही देर में सुनील ने दूसरा पैग भी पायल को पिला दिया. जिससे पायल के मुँह का स्वाद ठीक हो गया और उसको नशा छा गया. तभी सुनील ने अपना लंड पायल के मुँह में डाल दिया, इस वक्त पायल एकदम चुदासी हो गई थी, उसको नशे में कुछ नहीं सूझ रहा था. वो सुनील के लंड को चूसने चाटने लगी.
वह हसीन शाम
- SID4YOU
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Re: वह हसीन शाम
सुनील का लंड बहुत ही बड़ा था, पायल के मुँह में पूरा जा ही नहीं रहा था, पायल साँस ही नहीं ले पा रही थी. यह देख के पायल बोली- सुनील सर, मेरी हालत बहुत खराब है … मैं चल भी नहीं पा रही हूँ और आपका ये मूसल लंड मेरी चूत फाड़ देगा … प्लीज आप मत करो ना.
यह सुनकर सुनील ने बोतल में बची हुई शराब पायल के मुँह में लगा कर उसे नीट ही पिला दी. अब जैसे पायल को जैसे ही नशा चढ़ा और उसे दिखना बंद हुआ तो सुनील ने उसे हल्के हल्के से चोदना शुरू कर दिया. पायल की सिर्फ ‘आह … उह्ह …’ की आवाजें आ रही थीं. वो मस्ती में बके जा रही थी- ओ प्लीज … आहाहह हहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… नो … अब बस भी करो … ऊयी माँ … उंउऊ … आहहहह … बहुत बड़ा है … मुझसे सहा नहीं जा रहा सुनील सर बस करो ना … मेरी चूत फाड़ ही दोगे क्या? प्लीज़ जानवर मत बनो ना … मुझ पर रहम करो … इहह … आहाहह … जीजू कहां हो? प्लीज अब बस भी कर दो.
लेकिन सुनील ने एक नहीं सुनी और वो उसे चोदता ही रहा. बाद में वो झड़ कर पायल के ऊपर ही ढेर हो गया. उसके बाद फिर एक बार रशीद ने पायल के मुँह में लंड डालने की ख्वाहिश पूरी कर ली, उसके मुँह में अपने झांट युक्त लंड डाल ही दिया. रशीद ने पायल को उठा के सोफे पे बिठा दिया और सर पकड़ के उसके मुँह में लंड अन्दर बाहर करने लगा. वो उसके बालों को जोर जोर से ऊपर खींच कर लंड को और अन्दर डालने लगा. पायल के मुँह में जोर जोर से धक्के देने लगा. रशीद का लंड पायल के मुँह में अन्दर तक चला गया. उसके लंड की टोपी पूरी पीछे करके सुपारा पायल के दांतों पे जुबान पे रगड़ने लगा. मेरे बालों को नोंचने और खींचने के बाद दोनों गाल बाहर से पकड़ कर लंड पर पकड़ जमा ली और पायल का मुँह आगे पीछे करने लगा.
पायल कुछ भी रिएक्ट नहीं हो रही थी. बाद में लंड बाहर निकाल कर लंड पे शराब डाली और फिर मुँह में ठूंस दिया. इस बार वो इतनी जोर से पायल का मुँह चोदने लगा कि पायल आहें भरने लगी. उसकी ‘आ …आं …’ की आवाज आने लगी.
पायल की हालत सच में बहुत बुरी हो चली थी. मगर वो कुछ भी कर नहीं सकती थी. फिर कुछ देर बाद रशीद ने अपने लंड का पूरा पानी पायल के मुँह में डाल दिया. पायल का मुँह वीर्य से भर गया. पायल ने वो बाहर थूक दिया. इस मुखचोदन में पायल के रेशमी बालों पे, गालों पे, लगभग सारे बदन पर ही रशीद ने अपना वीर्य गिराया था … इतनी भारी मात्रा में वीर्यपात हुआ था.
रशीद झड़ने के बाद भी शांत नहीं हुआ था. वो एक बार फिर से पायल के मम्मों को मसलने लगा और उसके निप्पलों को मरोड़ने लगा. वो आटे की तरह मम्मों को गूँथ रहा था. फिर उसने पायल के एक मम्मे को अपने मुँह में खींचा तो उसका पूरा चूचा तो मुँह में समा ही नहीं रहा था. रशीद पायल के मम्मे को आम समझ कर उसका रसपान करने लगा … और चूसते हुए मसलने लगा.
पायल सिर्फ ‘आह आं …’ करती रही, अपनी छाती पायल के मुँह पे रखके रशीद अपने सीने के निप्पलों को पायल के होंठों से किस करवाने लगा. साथ ही पायल की बांहों को काटने लगा.
इतना गर्म सीन देख कर हम दोनों भी पास ही आ गए. हम दोनों ने पायल के दोनों हाथ कसके ऊपर उठा लिए और उसकी बगलों के बीच में मुँह डाल कर उसको चाटने लगे. उसकी बगलें उसके गालों की तरह मुलायम और गोरी चिट्टी थीं, उनमें एक भी बाल या बाल के निशान नहीं थे.
ये देख कर एक बाजू सुनील और दूसरी में मैं उसकी बांहों को किस करने लगे और उत्तेजना बढ़ने पर उसे काटने लगे. हम दोनों बड़ी बेताबी से अपनी जीभ फेरने लगे. इससे पायल मचलने लगी.
रशीद ने अब खुद के सीने को पायल के मुँह से निकालकर फिर अपना तना हुआ मोटा काला लंड उसकी चुत पे सैट करके हैवानों जैसे जोर से अन्दर धकेलने लगा.
इधर मैं और सुनील पागलों के जैसे पायल के गले को, कंधों को, बांहों को, बगलों को, पीठ को, जांघों पर किस करते रहे. हम दोनों अपनी जीभों और दांतों से उसके बदन का मर्दन करते रहे.
इतने में रशीद ने बेरहमी से अपना पूरा लंड पायल की चुत के अन्दर डाल दिया. इतनी थकी हालत में भी पायल दर्द से जोर से चीख उठी. उधर रशीद भी इतनी जोर से चुदाई करने लगा कि सोफा हिलने लगा.
जब रशीद अपने लंड को बाहर निकालता तो पायल एकदम से ऊपर को उठ जाती और जब अन्दर तक डालता, तब नीचे गिरके रशीद के भारी भराकम शरीर के नीचे दब जाती.
पायल की पूरी चुत यूं समझो कि रशीद ने फाड़ ही दी और अंत में अपना माल गिरा कर पायल की साईड में गिर कर ढेर हो गया.
कुछ देर बाद रशीद और सुनील चले गए. उसने जाने के थोड़ी देर बाद मैं पायल को अपनी बांहों में उठा कर बेडरूम में ले गया. उसे चला भी नहीं जा रहा था. मेरी बांहों में बांहें डाल कर वो परी सो गयी.
सुबह जब पायल की आंख खुली तो उसने मुझे जगाया. उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था. बेचारी के मुँह में और चुत में तीन बार, पीछे से एक बार ठुकाई के बाद जान निकल गयी थी.
मैंने उसे हल्का मसाज दिया और फिर दोनों एक साथ नहाये और वो तैयार हो गयी. मगर उसे चलने में प्रॉब्लम हो रही थी.
मैंने पायल को दिल से थैंक्स बोला और उसने भी मुझे कसके हग करके लिपलॉक करते हुए एक लम्बा किस दिया.
फिर वो बोली- जीजू फिर कब मिलोगे?
मैंने बोला- तुम फिर कब आओगी? शाम को फिर आओ ना …!
वो हंस के बोली- आई विल ट्राय बट जीजू … तुम अकेले ही रहना, मैं सिर्फ आप के लिए आऊंगी.
मैंने उसे चूम कर हां कह दिया.
वो सच में शाम को आ गयी और हम दोनों ने अलग अंदाज में एंजॉय किया.
समाप्त
यह सुनकर सुनील ने बोतल में बची हुई शराब पायल के मुँह में लगा कर उसे नीट ही पिला दी. अब जैसे पायल को जैसे ही नशा चढ़ा और उसे दिखना बंद हुआ तो सुनील ने उसे हल्के हल्के से चोदना शुरू कर दिया. पायल की सिर्फ ‘आह … उह्ह …’ की आवाजें आ रही थीं. वो मस्ती में बके जा रही थी- ओ प्लीज … आहाहह हहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… नो … अब बस भी करो … ऊयी माँ … उंउऊ … आहहहह … बहुत बड़ा है … मुझसे सहा नहीं जा रहा सुनील सर बस करो ना … मेरी चूत फाड़ ही दोगे क्या? प्लीज़ जानवर मत बनो ना … मुझ पर रहम करो … इहह … आहाहह … जीजू कहां हो? प्लीज अब बस भी कर दो.
लेकिन सुनील ने एक नहीं सुनी और वो उसे चोदता ही रहा. बाद में वो झड़ कर पायल के ऊपर ही ढेर हो गया. उसके बाद फिर एक बार रशीद ने पायल के मुँह में लंड डालने की ख्वाहिश पूरी कर ली, उसके मुँह में अपने झांट युक्त लंड डाल ही दिया. रशीद ने पायल को उठा के सोफे पे बिठा दिया और सर पकड़ के उसके मुँह में लंड अन्दर बाहर करने लगा. वो उसके बालों को जोर जोर से ऊपर खींच कर लंड को और अन्दर डालने लगा. पायल के मुँह में जोर जोर से धक्के देने लगा. रशीद का लंड पायल के मुँह में अन्दर तक चला गया. उसके लंड की टोपी पूरी पीछे करके सुपारा पायल के दांतों पे जुबान पे रगड़ने लगा. मेरे बालों को नोंचने और खींचने के बाद दोनों गाल बाहर से पकड़ कर लंड पर पकड़ जमा ली और पायल का मुँह आगे पीछे करने लगा.
पायल कुछ भी रिएक्ट नहीं हो रही थी. बाद में लंड बाहर निकाल कर लंड पे शराब डाली और फिर मुँह में ठूंस दिया. इस बार वो इतनी जोर से पायल का मुँह चोदने लगा कि पायल आहें भरने लगी. उसकी ‘आ …आं …’ की आवाज आने लगी.
पायल की हालत सच में बहुत बुरी हो चली थी. मगर वो कुछ भी कर नहीं सकती थी. फिर कुछ देर बाद रशीद ने अपने लंड का पूरा पानी पायल के मुँह में डाल दिया. पायल का मुँह वीर्य से भर गया. पायल ने वो बाहर थूक दिया. इस मुखचोदन में पायल के रेशमी बालों पे, गालों पे, लगभग सारे बदन पर ही रशीद ने अपना वीर्य गिराया था … इतनी भारी मात्रा में वीर्यपात हुआ था.
रशीद झड़ने के बाद भी शांत नहीं हुआ था. वो एक बार फिर से पायल के मम्मों को मसलने लगा और उसके निप्पलों को मरोड़ने लगा. वो आटे की तरह मम्मों को गूँथ रहा था. फिर उसने पायल के एक मम्मे को अपने मुँह में खींचा तो उसका पूरा चूचा तो मुँह में समा ही नहीं रहा था. रशीद पायल के मम्मे को आम समझ कर उसका रसपान करने लगा … और चूसते हुए मसलने लगा.
पायल सिर्फ ‘आह आं …’ करती रही, अपनी छाती पायल के मुँह पे रखके रशीद अपने सीने के निप्पलों को पायल के होंठों से किस करवाने लगा. साथ ही पायल की बांहों को काटने लगा.
इतना गर्म सीन देख कर हम दोनों भी पास ही आ गए. हम दोनों ने पायल के दोनों हाथ कसके ऊपर उठा लिए और उसकी बगलों के बीच में मुँह डाल कर उसको चाटने लगे. उसकी बगलें उसके गालों की तरह मुलायम और गोरी चिट्टी थीं, उनमें एक भी बाल या बाल के निशान नहीं थे.
ये देख कर एक बाजू सुनील और दूसरी में मैं उसकी बांहों को किस करने लगे और उत्तेजना बढ़ने पर उसे काटने लगे. हम दोनों बड़ी बेताबी से अपनी जीभ फेरने लगे. इससे पायल मचलने लगी.
रशीद ने अब खुद के सीने को पायल के मुँह से निकालकर फिर अपना तना हुआ मोटा काला लंड उसकी चुत पे सैट करके हैवानों जैसे जोर से अन्दर धकेलने लगा.
इधर मैं और सुनील पागलों के जैसे पायल के गले को, कंधों को, बांहों को, बगलों को, पीठ को, जांघों पर किस करते रहे. हम दोनों अपनी जीभों और दांतों से उसके बदन का मर्दन करते रहे.
इतने में रशीद ने बेरहमी से अपना पूरा लंड पायल की चुत के अन्दर डाल दिया. इतनी थकी हालत में भी पायल दर्द से जोर से चीख उठी. उधर रशीद भी इतनी जोर से चुदाई करने लगा कि सोफा हिलने लगा.
जब रशीद अपने लंड को बाहर निकालता तो पायल एकदम से ऊपर को उठ जाती और जब अन्दर तक डालता, तब नीचे गिरके रशीद के भारी भराकम शरीर के नीचे दब जाती.
पायल की पूरी चुत यूं समझो कि रशीद ने फाड़ ही दी और अंत में अपना माल गिरा कर पायल की साईड में गिर कर ढेर हो गया.
कुछ देर बाद रशीद और सुनील चले गए. उसने जाने के थोड़ी देर बाद मैं पायल को अपनी बांहों में उठा कर बेडरूम में ले गया. उसे चला भी नहीं जा रहा था. मेरी बांहों में बांहें डाल कर वो परी सो गयी.
सुबह जब पायल की आंख खुली तो उसने मुझे जगाया. उसका पूरा बदन दर्द कर रहा था. बेचारी के मुँह में और चुत में तीन बार, पीछे से एक बार ठुकाई के बाद जान निकल गयी थी.
मैंने उसे हल्का मसाज दिया और फिर दोनों एक साथ नहाये और वो तैयार हो गयी. मगर उसे चलने में प्रॉब्लम हो रही थी.
मैंने पायल को दिल से थैंक्स बोला और उसने भी मुझे कसके हग करके लिपलॉक करते हुए एक लम्बा किस दिया.
फिर वो बोली- जीजू फिर कब मिलोगे?
मैंने बोला- तुम फिर कब आओगी? शाम को फिर आओ ना …!
वो हंस के बोली- आई विल ट्राय बट जीजू … तुम अकेले ही रहना, मैं सिर्फ आप के लिए आऊंगी.
मैंने उसे चूम कर हां कह दिया.
वो सच में शाम को आ गयी और हम दोनों ने अलग अंदाज में एंजॉय किया.
समाप्त
- SATISH
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Re: वह हसीन शाम
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