अच्छी शुरुआत है मित्र ।
नई कहानी के लिए बधाई ।
ऐसे ही अपडेट देते रहिये ।
Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
- kunal
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
एक दम मस्त कहानी है भाई अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
nice begining,....thank you.
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 4
वो रात का समय था जब मैं और भाभी शहर के बस स्टॅंड मे पहुचे थे ,कुल जमा पैसो के नाम पर वही था जो कि सोहन और हरिया ने मिलकर दिया था ,वही भाभी और मेरा एक बॅग था जिसमे हमारे कुछ कपड़े ही थे ,हम कहाँ जाएँगे उसकी खबर हम दोनो को ही नही थी ,यात्रियो के बैठने की जगह मे हम दोनो बैठे हुए थे, मेरे पूरे शरीर पर अब भी चोटो के निशान थे पूरा शरीर दर्द से भरा हुआ था लेकिन
असली दर्द तो दिल मे लगा था ,बदले की आग भड़क रही थी लेकिन उस मासूम से चहरे को देखकर सब कुछ ख़त्म हो जाता था जो की
अभी भी बदहवाशी की स्तिथि मे थी …
भाभी के मासूम से चहरे मे आँसू अचानक से ही आ जाते ,मैं उनकी मनोदशा को समझ सकता था या फिर शायद नही ?,उन्होने कभी एक इंसान पर जान से भी ज्यदा भरोशा करके अपना सब कुछ छोड़ा था आज भी वो उसी हाल मे आ गई थी ,लेकिन फ़र्क इतना था कि तब वो
वफ़ा मे आकर सब छोड़ आई थी और आज बेवफ़ाई के कारण ..
मैने उनके कंधे पर हाथ रखा और वो फुट पड़ी ,वो मेरे कंधे पर सर रखे रोने लगी थी ,दिल का गुबार जितना खाली हो जाए उतना ही अच्छा होता है ,मैने भी उन्हे रोने ही दिया, आँसू तो मेरे भी आ रहे थे लेकिन ये आँसू उन्हे देखकर ही आ जाते थे ..
रात बीतती गई और वहाँ सन्नाटा पसर्ता गया, दो पोलीस वाले हमे ध्यान से देख रहे थे, दोनो की ही नज़रों को मैं पहचान सकता था मैं अब बड़ा हो चुका था, कॉलेज मे पढ़ने लगा था, वो मेरी भाभी के जिस्म को देखकर एक दूसरे से बात कर रहे थे कभी हल्के हल्के हंस भी लेते थे,
जानकर भी मैं चुप था,
आदमी एक जानवर ही है और कहते है कि ये जानवर अकेले मे ही निकलता है, वही शायद उनके साथ भी हुआ जब पूरा स्टॅंड ही सूना हो
चुका था कुछ भिखारियो के अलावा वहाँ कोई भी नही था वो दोनो हमारे पास आए ..
“ये यहाँ क्या कर रहे हो घर से भागे हो क्या “
एक पोलीस वाले ने बेहद ही कड़ाई से कहा
“अरे घर से क्या भागे होंगे साले इसे देख, माँग मे सिंदूर ,गले मे मन्गल्सुत्र और अपने से छोटे लड़के के साथ रात मे घूम रही है साली रांड़
होगी और ये इसका ग्राहक या फिर दल्ला “
उसके होंटो मे एक शैतानी हँसी आई
“तमीज़ से बात करो ये मेरी भाभी है “
उनकी बात से मैं भी जोश मे आ चुका था, वही भाभी थोड़ी घबरा सी गई थी, उन्होने मेरा हाथ खिचा, लेकिन मैं था जो झुकने को तैयार ही नही था
“अरे मादरचोद… लौन्डे का भाव तो देखो ,चलो हमारे साथ स्टेशन ,साले तेरी इस आइटम को अभी रंडी बना कर अंदर कर दूँगा और तुझे
उसका दल्ला बना कर, साले तेरा हाथ पैर तोड़ दूँगा “
पहला गरजा और उसकी गरज का असर भाभी पर पड़ा ..
“नही नही हम तो बस यहाँ बैठे थे, इसे माफ़ कर दीजिए ये तो नादान है “
भाभी की बात सुनकर दोनो ही जोरो से हँसे, वही वहाँ बचे कुछ भिखारी बस तमाशा ही देख रहे थे
वो रात का समय था जब मैं और भाभी शहर के बस स्टॅंड मे पहुचे थे ,कुल जमा पैसो के नाम पर वही था जो कि सोहन और हरिया ने मिलकर दिया था ,वही भाभी और मेरा एक बॅग था जिसमे हमारे कुछ कपड़े ही थे ,हम कहाँ जाएँगे उसकी खबर हम दोनो को ही नही थी ,यात्रियो के बैठने की जगह मे हम दोनो बैठे हुए थे, मेरे पूरे शरीर पर अब भी चोटो के निशान थे पूरा शरीर दर्द से भरा हुआ था लेकिन
असली दर्द तो दिल मे लगा था ,बदले की आग भड़क रही थी लेकिन उस मासूम से चहरे को देखकर सब कुछ ख़त्म हो जाता था जो की
अभी भी बदहवाशी की स्तिथि मे थी …
भाभी के मासूम से चहरे मे आँसू अचानक से ही आ जाते ,मैं उनकी मनोदशा को समझ सकता था या फिर शायद नही ?,उन्होने कभी एक इंसान पर जान से भी ज्यदा भरोशा करके अपना सब कुछ छोड़ा था आज भी वो उसी हाल मे आ गई थी ,लेकिन फ़र्क इतना था कि तब वो
वफ़ा मे आकर सब छोड़ आई थी और आज बेवफ़ाई के कारण ..
मैने उनके कंधे पर हाथ रखा और वो फुट पड़ी ,वो मेरे कंधे पर सर रखे रोने लगी थी ,दिल का गुबार जितना खाली हो जाए उतना ही अच्छा होता है ,मैने भी उन्हे रोने ही दिया, आँसू तो मेरे भी आ रहे थे लेकिन ये आँसू उन्हे देखकर ही आ जाते थे ..
रात बीतती गई और वहाँ सन्नाटा पसर्ता गया, दो पोलीस वाले हमे ध्यान से देख रहे थे, दोनो की ही नज़रों को मैं पहचान सकता था मैं अब बड़ा हो चुका था, कॉलेज मे पढ़ने लगा था, वो मेरी भाभी के जिस्म को देखकर एक दूसरे से बात कर रहे थे कभी हल्के हल्के हंस भी लेते थे,
जानकर भी मैं चुप था,
आदमी एक जानवर ही है और कहते है कि ये जानवर अकेले मे ही निकलता है, वही शायद उनके साथ भी हुआ जब पूरा स्टॅंड ही सूना हो
चुका था कुछ भिखारियो के अलावा वहाँ कोई भी नही था वो दोनो हमारे पास आए ..
“ये यहाँ क्या कर रहे हो घर से भागे हो क्या “
एक पोलीस वाले ने बेहद ही कड़ाई से कहा
“अरे घर से क्या भागे होंगे साले इसे देख, माँग मे सिंदूर ,गले मे मन्गल्सुत्र और अपने से छोटे लड़के के साथ रात मे घूम रही है साली रांड़
होगी और ये इसका ग्राहक या फिर दल्ला “
उसके होंटो मे एक शैतानी हँसी आई
“तमीज़ से बात करो ये मेरी भाभी है “
उनकी बात से मैं भी जोश मे आ चुका था, वही भाभी थोड़ी घबरा सी गई थी, उन्होने मेरा हाथ खिचा, लेकिन मैं था जो झुकने को तैयार ही नही था
“अरे मादरचोद… लौन्डे का भाव तो देखो ,चलो हमारे साथ स्टेशन ,साले तेरी इस आइटम को अभी रंडी बना कर अंदर कर दूँगा और तुझे
उसका दल्ला बना कर, साले तेरा हाथ पैर तोड़ दूँगा “
पहला गरजा और उसकी गरज का असर भाभी पर पड़ा ..
“नही नही हम तो बस यहाँ बैठे थे, इसे माफ़ कर दीजिए ये तो नादान है “
भाभी की बात सुनकर दोनो ही जोरो से हँसे, वही वहाँ बचे कुछ भिखारी बस तमाशा ही देख रहे थे
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)