एक दम मस्त कहानी है भाई अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा
कभी हंसाती तो कभी रुलाती है जिंदगी
कितने तरह के रंग दिखाती है ये जिंदगी
कभी आंखें नम खुशी से तो कभी गम से गीली हो जाती हैं आंखें
दिल में आने वाले कल के लिए उम्मीद जगाती है जिंदगी।
Happy New Year to All of You. I Wish this year brings love and illuminates your path of life towards a positive direction and take care. Happy New Year 2019
अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार complete
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
Thriller इंसाफ Running....बहुरुपिया शिकारी Running....
गुजारिश Running....वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना Running....वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा ....
प्रीत की ख्वाहिश ....अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म ) ....
कमसिन बहन .... साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ.... द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}by rocksanna .... अनौखी दुनियाँ चूत लंड की .......क़त्ल एक हसीना का
- SATISH
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
बहोत मस्त अपडेट है शाजिया जी अगले अपडेट का इंतजार है
*सूर्य संवेदना पुष्पे:, दीप्ति कारुण्यगंधने|*
*लब्ध्वा शुभम् नववर्षेअस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम् ||*
```जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह यह नूतन वर्ष आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो।```
_*नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !*_
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- shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
Thanks to all
Read my story
खेल खेल में गंदी बात (Running) मेरा बेटा मेरा यार (माँ बेटे की वासना ) (Complete) नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी (Running) अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार (complete) निदा के कारनामे (Complete) दोहरी ज़िंदगी (complete)नंदोई के साथ (complete ) पापा से शादी और हनीमून complete
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- shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
बाजी की गाण्ड को देखकर मेरा लण्ड खड़ा होने ही लगा था कि मुझे अपने आप में बहुत ज्यादा शरम आने । लगी, और मैं अपने आप पे लानत मलामत करता हुआ बाजी से नजर हटाकर बिना बाजी से सलमा किए अपने रूम में घुस गया और सीधा बाथरूम में जाकर नहाकर फ्रेश हुआ। फिर शाम के 4:00 बजे तक मैंने सोकर वक़्त गुजारा।
फिर उसके बाद काशी की काल आ गई जो कैमरे के लिए बोल रहा था। तो मैंने कहा चल ठीक है तू पार्क में बैठ मैं लाता हूँ अभी चेक करके, और काल कट कर दी।
उसके बाद मैंने कैमरा निकाला और उसे चेक करके घर से निकला और नजदीक के पार्क में चला गया जहाँ काशी मेरा इंतजार कर रहा था। मैंने कैमरा काशी को पकड़ा दिया और बोला- “हाँ तो फिर कन्फर्म हो गया है। कल का या अभी नहीं?”
तो काशी हँसते हुये बोला- “यार, वो तैयार है। कल आ जाएगी 9:00 बजे तक..”
तो मैंने कहा- “ठीक है फिर मैं सुबह 7:00 बजे चाभी ले लूंगा अपने दोस्त से उसके रूम की, और तुम्हें दे दूंगा। फिर तुम भी 8:00 बजे तक वहाँ चले जाना और किसी अच्छी जगह पे कैमरा रख देना, ताकी हर चीज तो साफ नजर आए लेकिन कैमरा नजर नहीं आना चाहिये...”
काशी ने हाँ में सर हिलाया और उसके बाद मेरे साथ हाथ मिलाकर निकल गया। तो मैं भी यूँ ही इधर-उधर आवारा फिरने के बाद 8:00 बजे घर आ गया और खाना खाकर सो गया क्योंकी सुबह मुझे जल्दी उठना था।
अगली सुबह मेरी आँख अलार्म की बेल से खुली तो मैंने उठते ही सबसे पहले अपने दोस्त को काल की, जिससे मैंने रूम की बात की थी।
काल पिक करते ही मैंने उससे कहा- “हाँ यार, मैं आ रहा हूँ अभी तुमसे रूम की चाबी लेने के लिए। तुम तब तक तैयार हो जाओ निकलने के लिए..”
मेरे दोस्त ने मेरी बात के जवाब में हँसते हुये कहा- “यार, मैं तो अब तैयार हो भी चुका हूँ और नाश्ता करके निकलने वाला हूँ। तुम आ जाओ मैं तुम्हारा इंतेजार कर रहा हूँ..”
मैंने अपने दोस्त से बात खतम की और उठकर हाथ मुँह धोया और बाइक निकालकर अपने दोस्त के रूम की तरफ चल दिया, जो कि करीब ही था ज्यादा दूर नहीं था। और उसकी सबसे खास बात ये थी कि उस गली में ज्यादा लोग आते जाते नहीं थे, ज्यादातर सूनसान ही रहती थी।
मैं जैसे ही वहाँ पहुँचा तो मेरा दोस्त मुझे चाभी पकड़ाते हुये बोला- “अच्छा यार, मैं चलता हूँ अब। लेकिन यहाँ ज्यादा गंदगी नहीं फैलाना समझे..." और मेरे कंधे पे हाथ मारता हुआ रूम से निकल गया।
उसके जाने के बाद मैं रूम को अच्छी तरह चेक किया कि कहीं उसने यहाँ कोई कैमरा तो नहीं छुपा रखा।
लेकिन मुझे ऐसी कोई चीज नहीं मिली तो मैंने काशी को काल की और उसे पता बताकर आने को बोला। तो वो 7:45 बजे तक मेरे पास पहुँच गया और मैंने सब कुछ उसके हवाले किया और फटाफट घर को भागा और नहाकर बिना नाश्ता किए में 8:15 पे घर से निकल गया।
मैं वहाँ से कालेज के लिए नहीं गया लेकिन वहाँ उस मकान के करीब ही जहाँ काशी उस लड़की से मिलने वाला था चक्कर लगाता रहा अपनी बाइक पे, और काशी से भी पूछता रहा कि कब आ रही है? आ गई है या अभी नहीं? और आखिर 9:30 बजे काशी ने बताया कि वो बस अभी 5 मिनट तक आने वाली है, उसके आने का सुनकर मेरे दिल की धड़कन भी थोड़ी तेज हो गई और मैं थोड़ा फासले पे खड़ा होकर उसके आने का इंतेजार करने लगा, क्योंकी मैं उस लड़की का चेहरा देखना चाहता था।
फिर उसके बाद काशी की काल आ गई जो कैमरे के लिए बोल रहा था। तो मैंने कहा चल ठीक है तू पार्क में बैठ मैं लाता हूँ अभी चेक करके, और काल कट कर दी।
उसके बाद मैंने कैमरा निकाला और उसे चेक करके घर से निकला और नजदीक के पार्क में चला गया जहाँ काशी मेरा इंतजार कर रहा था। मैंने कैमरा काशी को पकड़ा दिया और बोला- “हाँ तो फिर कन्फर्म हो गया है। कल का या अभी नहीं?”
तो काशी हँसते हुये बोला- “यार, वो तैयार है। कल आ जाएगी 9:00 बजे तक..”
तो मैंने कहा- “ठीक है फिर मैं सुबह 7:00 बजे चाभी ले लूंगा अपने दोस्त से उसके रूम की, और तुम्हें दे दूंगा। फिर तुम भी 8:00 बजे तक वहाँ चले जाना और किसी अच्छी जगह पे कैमरा रख देना, ताकी हर चीज तो साफ नजर आए लेकिन कैमरा नजर नहीं आना चाहिये...”
काशी ने हाँ में सर हिलाया और उसके बाद मेरे साथ हाथ मिलाकर निकल गया। तो मैं भी यूँ ही इधर-उधर आवारा फिरने के बाद 8:00 बजे घर आ गया और खाना खाकर सो गया क्योंकी सुबह मुझे जल्दी उठना था।
अगली सुबह मेरी आँख अलार्म की बेल से खुली तो मैंने उठते ही सबसे पहले अपने दोस्त को काल की, जिससे मैंने रूम की बात की थी।
काल पिक करते ही मैंने उससे कहा- “हाँ यार, मैं आ रहा हूँ अभी तुमसे रूम की चाबी लेने के लिए। तुम तब तक तैयार हो जाओ निकलने के लिए..”
मेरे दोस्त ने मेरी बात के जवाब में हँसते हुये कहा- “यार, मैं तो अब तैयार हो भी चुका हूँ और नाश्ता करके निकलने वाला हूँ। तुम आ जाओ मैं तुम्हारा इंतेजार कर रहा हूँ..”
मैंने अपने दोस्त से बात खतम की और उठकर हाथ मुँह धोया और बाइक निकालकर अपने दोस्त के रूम की तरफ चल दिया, जो कि करीब ही था ज्यादा दूर नहीं था। और उसकी सबसे खास बात ये थी कि उस गली में ज्यादा लोग आते जाते नहीं थे, ज्यादातर सूनसान ही रहती थी।
मैं जैसे ही वहाँ पहुँचा तो मेरा दोस्त मुझे चाभी पकड़ाते हुये बोला- “अच्छा यार, मैं चलता हूँ अब। लेकिन यहाँ ज्यादा गंदगी नहीं फैलाना समझे..." और मेरे कंधे पे हाथ मारता हुआ रूम से निकल गया।
उसके जाने के बाद मैं रूम को अच्छी तरह चेक किया कि कहीं उसने यहाँ कोई कैमरा तो नहीं छुपा रखा।
लेकिन मुझे ऐसी कोई चीज नहीं मिली तो मैंने काशी को काल की और उसे पता बताकर आने को बोला। तो वो 7:45 बजे तक मेरे पास पहुँच गया और मैंने सब कुछ उसके हवाले किया और फटाफट घर को भागा और नहाकर बिना नाश्ता किए में 8:15 पे घर से निकल गया।
मैं वहाँ से कालेज के लिए नहीं गया लेकिन वहाँ उस मकान के करीब ही जहाँ काशी उस लड़की से मिलने वाला था चक्कर लगाता रहा अपनी बाइक पे, और काशी से भी पूछता रहा कि कब आ रही है? आ गई है या अभी नहीं? और आखिर 9:30 बजे काशी ने बताया कि वो बस अभी 5 मिनट तक आने वाली है, उसके आने का सुनकर मेरे दिल की धड़कन भी थोड़ी तेज हो गई और मैं थोड़ा फासले पे खड़ा होकर उसके आने का इंतेजार करने लगा, क्योंकी मैं उस लड़की का चेहरा देखना चाहता था।
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खेल खेल में गंदी बात (Running) मेरा बेटा मेरा यार (माँ बेटे की वासना ) (Complete) नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी (Running) अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार (complete) निदा के कारनामे (Complete) दोहरी ज़िंदगी (complete)नंदोई के साथ (complete ) पापा से शादी और हनीमून complete
खेल खेल में गंदी बात (Running) मेरा बेटा मेरा यार (माँ बेटे की वासना ) (Complete) नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी (Running) अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार (complete) निदा के कारनामे (Complete) दोहरी ज़िंदगी (complete)नंदोई के साथ (complete ) पापा से शादी और हनीमून complete
- shaziya
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- Joined: 19 Feb 2015 03:27
Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
खैर, कोई 10 मिनट ही गुजरे होंगे कि जहाँ मैं खड़ा हुआ था, उसके दूसरी तरफ से एक लड़की को नकाब किए और इधर उधर देखते हुये उसी मकान की तरफ जाते देखा जहाँ कि काशी मौजूद था।
वो लड़की जैसे ही मकान के करीब पहुँची तो पहले से हाथ में पकड़े मोबाइल से काल की कि तभी काशी ने मकान का दरवाजा खोला और उसकी तरफ देखकर सर से इशारा किया। तो वो लड़की तेजी से मकान में चली गई। तभी काशी ने इधर-उधर देखा और जैसे ही उसकी नजर मुझे पे पड़ी तो हल्का सा मुश्कुराकर दरवाजा बंद करके अंदर चला गया।
(मैं क्योंकी काफी फासले पे खड़ा हुआ था ताकी उस लड़की की मुझ पे नजर ना पड़ सके, लेकिन क्योंकी काशी को पहले से ही पता था कि मैं कहाँ खड़ा होऊँगा इसीलिए उसने सीधा मेरी तरफ ही देखा था)
उन दोनों के अंदर जाते ही मैं भी वहाँ से निकला और घर आ गया, तो देखा कि अम्मी बाहर हाल में ही बैठी टीवी देख रही हैं। तो भी उनके पास ही जा बैठा और अम्मी से फरी बाजी का पूछा।
तो उन्होंने कहा- “वो जरा अपनी दोस्त से मिलने गई है 12:00 बजे तक आ जयेगी। लेकिन तुम क्यों पूछ रहे। हो कुछ काम था क्या?”
वो अम्मी भूख लग रही है कुछ खाने क लिए बोलना था बाजी से और तो कोई खास काम नहीं था।
तो अम्मी ने कहा- “तुम बैठो, मैं ला देती हूँ..” और उठकर किचेन में चली गईं।
नाश्ता करने के बाद मैं अपने रूम में चला गया और बेड पे लेट गया और काशी के बारे में सोचने लगा कि साला किस तरह मजे ले रहा होगा नई फुद्दी का, और इन सोचों ने मेरा लण्ड भी खड़ा कर दिया तो मैंने बाथरूम में जाकर मूठ लगाई और वापिस आकर बेड पे लेट गया और ऐसे ही ख्यालों में खोया रहा।
और टाइम कब गुजरा पता ही नहीं चला। पता तब चला जब काशी की काल आई। तो मैंने जल्दी से काल पिक की तो काशी ने कहा- “भाई, पार्क में आ जाओ मैं वहीं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ..” ।
तो मैं झटके से उठा और घर से निकलकर करीबी पार्क में चला गया जहाँ काशी बैठा मेरा इंतेजार कर रहा था। मैं जैसे ही काशी के पास गया तो देखा कि उसका चेहरा खुशी से लाल हो रहा था।
तो मैंने कहा- “क्यों बे साले, बड़ा खुश दिख रहा है..."
तो काशी ने हँसते हुये कहा- “यार, क्या बताऊँ क्या मस्त चीज है और ऊपर से सच्ची में कुँवारी भी थी। लेकिन मजा बहुत करवाया साली ने..."
मैंने काशी की खुशी को नजर अंदाज किया और बोला- “साले ला कैमरा मुझे दे और जाकर घर पहले नहा धोकर साफ तो हो, या ऐसे ही गान्डू बना फिरेगा...”
तो काशी ने हँसते हुये मुझे कैमरा दिया और बोला- “ये ले यार, सब रेकाई हो गया है इसमें, देख लेना। मैं चलता हूँ अब...” काशी मुझे कैमरा पकड़ाते ही पार्क से बाहर को चल दिया।
वो लड़की जैसे ही मकान के करीब पहुँची तो पहले से हाथ में पकड़े मोबाइल से काल की कि तभी काशी ने मकान का दरवाजा खोला और उसकी तरफ देखकर सर से इशारा किया। तो वो लड़की तेजी से मकान में चली गई। तभी काशी ने इधर-उधर देखा और जैसे ही उसकी नजर मुझे पे पड़ी तो हल्का सा मुश्कुराकर दरवाजा बंद करके अंदर चला गया।
(मैं क्योंकी काफी फासले पे खड़ा हुआ था ताकी उस लड़की की मुझ पे नजर ना पड़ सके, लेकिन क्योंकी काशी को पहले से ही पता था कि मैं कहाँ खड़ा होऊँगा इसीलिए उसने सीधा मेरी तरफ ही देखा था)
उन दोनों के अंदर जाते ही मैं भी वहाँ से निकला और घर आ गया, तो देखा कि अम्मी बाहर हाल में ही बैठी टीवी देख रही हैं। तो भी उनके पास ही जा बैठा और अम्मी से फरी बाजी का पूछा।
तो उन्होंने कहा- “वो जरा अपनी दोस्त से मिलने गई है 12:00 बजे तक आ जयेगी। लेकिन तुम क्यों पूछ रहे। हो कुछ काम था क्या?”
वो अम्मी भूख लग रही है कुछ खाने क लिए बोलना था बाजी से और तो कोई खास काम नहीं था।
तो अम्मी ने कहा- “तुम बैठो, मैं ला देती हूँ..” और उठकर किचेन में चली गईं।
नाश्ता करने के बाद मैं अपने रूम में चला गया और बेड पे लेट गया और काशी के बारे में सोचने लगा कि साला किस तरह मजे ले रहा होगा नई फुद्दी का, और इन सोचों ने मेरा लण्ड भी खड़ा कर दिया तो मैंने बाथरूम में जाकर मूठ लगाई और वापिस आकर बेड पे लेट गया और ऐसे ही ख्यालों में खोया रहा।
और टाइम कब गुजरा पता ही नहीं चला। पता तब चला जब काशी की काल आई। तो मैंने जल्दी से काल पिक की तो काशी ने कहा- “भाई, पार्क में आ जाओ मैं वहीं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ..” ।
तो मैं झटके से उठा और घर से निकलकर करीबी पार्क में चला गया जहाँ काशी बैठा मेरा इंतेजार कर रहा था। मैं जैसे ही काशी के पास गया तो देखा कि उसका चेहरा खुशी से लाल हो रहा था।
तो मैंने कहा- “क्यों बे साले, बड़ा खुश दिख रहा है..."
तो काशी ने हँसते हुये कहा- “यार, क्या बताऊँ क्या मस्त चीज है और ऊपर से सच्ची में कुँवारी भी थी। लेकिन मजा बहुत करवाया साली ने..."
मैंने काशी की खुशी को नजर अंदाज किया और बोला- “साले ला कैमरा मुझे दे और जाकर घर पहले नहा धोकर साफ तो हो, या ऐसे ही गान्डू बना फिरेगा...”
तो काशी ने हँसते हुये मुझे कैमरा दिया और बोला- “ये ले यार, सब रेकाई हो गया है इसमें, देख लेना। मैं चलता हूँ अब...” काशी मुझे कैमरा पकड़ाते ही पार्क से बाहर को चल दिया।
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