मैं जैसे ही पार्क में दाखिल हुआ सामने बेंच पे बैठे काशी पे मेरी नजर पड़ गई, जो कि उस वक्त बड़ा ही खुश लग रहा था। मैं उसकी तरफ चल दिया तो काशी ने भी मुझे देख लिया और उठकर खड़ा हो गया और जैसे ही मैं उसके पास पहुँचा।
काशी ने कहा- “क्या बात है यार, ऐसा क्या काम पड़ गया तुम्हें जो मुझे इस तरह बुलाया है तुमने?”
मैंने काशी का बाजू पकड़ा और इधर-उधर देखकर एक साइड पे चल दिया जहाँ कोई भी नहीं था।
काशी ने कहा- “यार, कुछ बोलेगा भी क्या बात है या मुझे ही घसीटेगा यहाँ पे?”
मैंने कहा- “थोड़ा सबर कर, अभी बताता हूँ तुझे सब कुछ..” और पार्क के एक कोने में पड़े बेंच पे काशी को अपने साथ लेकर बैठ गया और काशी की तरफ देखते हुये बोला- “अब देख काशी, जो में पूछूगा तुम्हें सच-सच बताना है मुझे, वरना बात बिगड़ जाएगी...”
काशी- “यार, तू पूछ जो भी पूछना है। मैं भला तेरे साथ आखिर झूठ क्यों बोलने लगा और आखिर बात क्या है?”
मैं- “काशी, मुझे पता चला है कि तू उस लड़की को पहले से ही जानता था, यहाँ तक कि तुम्हें उसका नाम भी पता था और मुझे बताने से पहले तुम लोग मिलते भी रहे हो...”
काशी हैरानी से मेरी तरफ देखकर बोला- “ये तू क्या बोल रहा है और तुझे आखिर ऐसा किसने बता दिया कि मैं फरी को पहले से ही जानता था और मिला भी हूँ? ये झूठ है मेरे यार...” काशी की आवाज से पता चल रहा था। कि वो सच बोल रहा है।
मैं- बस बता दिया किसी ने।
काशी- “नहीं सन्नी, ऐसा नहीं चलेगा। तुझे बताना ही होगा कि किस गान्डू ने हमारे बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की है...”
मैं- “बता दूंगा तुम्हें भी। लेकिन काशी तुझे उस लड़की के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था..”
काशी हैरानी से मेरी तरफ देखते हुये बोला- “क्यों यार, आखिर ऐसी क्या बात हो गई? कौन थी वो लड़की? क्या तेरी कोई रिश्तेदार तो नहीं थी?”
मैं- “नहीं यार, जिस तरह तू मेरा दोस्त है वो फरी भी मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की बहन है। इसलिए बोल रहा हूँ कि ये अच्छा नहीं हुआ...” (अब मैं उसे कैसे बता देता कि वो किसी और की नहीं मेरी अपनी ही बड़ी बहन । थी, जिसकी चुदाई काशी ने की थी मेरी ही मदद से)
काशी एक आहह की आवाज निकलता हुआ बोला- “छोड़ यार, उसने भी तो किसी ना किसी से चुदवाना ही था। ये तो अच्छा हुआ कि हमने चोद लिया..." और हाहाहाहा करके हँसने लगा।
मुझे उस वक़्त काशी पे बड़ा गुस्सा आया और मैंने जलकर कहा- “काशी अगर मैं भी इसी तरह तेरी ही बहन को चोदूं जिस तरह तू ने फरी को चोदा है तो क्या तेरा दोस्ती से एतबार नहीं खतम हो जाएगा?”
काशी हैरानी से कुछ देर मेरी तरफ देखता रहा और फिर बोला- “यार सन्नी, मुझे नहीं समझ आ रही कि आखिर तू इतना गुस्सा क्यों हो रहा है? बाकी अगर तू या मेरा कोई और दोस्त अगर मेरी बहन के साथ उसकी मर्जी और रजामंदी से चोदेगा तो मैं भला क्यों ऐतराज करूंगा? ये तो अच्छा है ना कि इस तरह वो मेरा दोस्त होने के नाते मेरी बहन को बदनाम नहीं करेगा। और वैसे यार सन्नी, मैं तुम्हें इतना छोटे जेहन का नहीं समझता था..."
अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार complete
- shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
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खेल खेल में गंदी बात (Running) मेरा बेटा मेरा यार (माँ बेटे की वासना ) (Complete) नाजायज़ रिश्ता : ज़रूरत या कमज़ोरी (Running) अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार (complete) निदा के कारनामे (Complete) दोहरी ज़िंदगी (complete)नंदोई के साथ (complete ) पापा से शादी और हनीमून complete
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- shaziya
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
मैं हैरानी से काशी की बातें सुनता रहा और उसके खामोश होते ही बोला- "काशी, मैं हैरान हूँ कि तुम्हें इस बात की जरा भी परवाह नहीं होगी कि कोई तुम्हारी बहन की फुद्दी मारता रहे...”
काशी- “मुझे कोई ऐतराज तब होगा, जब कोई मेरी बहन की मर्जी के बिना उसके साथ बदतमीजी करेगा। बाकी अगर कहीं मेरी बहन को मेरी मदद की जरूरत हुई तो मैं उसकी मदद भी करूंगा...”
मैं- नहीं यार, मैं नहीं मान सकता तेरी ये बात कि तू इतना आगे भी जा सकता है। यार यहाँ हमारे मुल्क में तो भाई बहनों को किसी गैर मर्द के साथ बात करता भी देख ले तो कत्ल कर डालते हैं और तू है कि मुझे बोल रहा है कि तुम्हें कोई मसला नहीं है इससे..."
काशी मेरी हालत पे मुश्कुराता हुआ बोला- “देख यार, मैं तो ऐसे भी भाई बहनों को जानता हूँ, जो कि खुद ही। आपस में चुदाई करते हैं और पूरा मजा उठाते हैं। मैं तो कुछ भी नहीं हूँ और अगर मैं अपनी बहन को उसकी मर्जी की लाइफ गुजारने का मोका देना चाहता हूँ या दे दें तो इसमें इतना हैरान होने वाली कौन सी बात है मेरी जान?"
काशी की बातें सुनकर मेरी फटी की फटी रह गई और मुझसे कुछ भी बोला नहीं गया।
तो मुझे खामोश देखकर काशी ने कहा- “देख यार, परेशान ना हो ज्यादा कि वो तेरे दोस्त की बहन है, बस मजे कर। वो अपने भाई को नहीं बताएगी, ये मुझे यकीन है। और अगर तू उसे कुत्तों से भी चुदवाना चाहेगा तो वो खुशी से मान जाएगी, क्योंकी साली की फुद्दी में कितनी आग है ये मैं देख चुका हूँ। अब छोड़ इन बातों को और ये बता कि क्या इरादा है तेरा? कुछ करना है या फिर मैं अकेला ही मजे मारा करूं उसके साथ?”
मैं उठकर खड़ा हो गया और बोला- “मैं तुम्हें शाम तक बताऊँगा कि क्या करना है और क्या नहीं?” और काशी की बात सुने बिना ही घर की तरफ चल दिया।
मैं काशी के पास वापिस घर आया तो घर में दाखिल होते ही मेरी नजर सामने खड़ी बाजी फरिहा पे पड़ी तो मेरी आँखों के सामने वो सारा मूवी वाला मंजर घूम गया और इन ख्यालों से फौरन मेरा लण्ड खड़ा होने लगा, तो मैं अपने रूम की तरफ चल दिया।
और अभी मैं रूम के दरवाजा पे ही पहुँचा था कि बाजी ने पीछे से आवाज दी और बोली- “भाई, कहां आवारागर्दी करते रहते हो आजकल? और तुमने अभी तक दोपहर का खाना भी नहीं खाया है...”
मैंने बाजी की तरफ देखा गर्दन घुमाकर और बोला- “नहीं, मुझे भूख नहीं थी इसलिए नहीं खाया...” और फिर से। रूम में जा घुसा और दरवाजे को लाक करके बेड पे आ लेटा और सोच में पड़ गया कि आखिर ये हुआ क्या और कैसे? क्योंकी ये एक ऐसा काम था कि जिसकी मुझे जरा भी उम्मीद नहीं थी और बाजी फरिहा जो कि दिखने में ही बड़ी मासूम लगती हैं, उनका ये जो रूप मेरे सामने आया था वो मेरे लिए शाकिंग तो था ही। लेकिन वहीं एक अजीब सा मजा और खुशी भी दे रहा था।
मैं इन सोचों के बीच कब अपने फुल हाई लण्ड को सहलाने लगा, पता ही नहीं चला और जब मेरा ध्यान अपनी इस हरकत की तरफ गया तो मुझे काफी हैरानी भी हुई कि आखिर मेरे साथ ये सब क्या हो रहा है? मैं अपनी ही बड़ी बहन के नंगे जिश्म को ख्यालों में देखकर ही अपने लण्ड को सहला रहा था।
मतलब मेरा लण्ड अपनी ही बहन पे गरम हो चुका था और मैं खुद अपना लण्ड बाजी के नंगे जिम की कल्पना से ही सहला रहा था।
तभी मुझे काशी की बात याद आई कि अगर उसे अपनी बहन के बारे में इस तरह की बात पता चलती कि वो उसके किसी दोस्त से चुदवाती है तो वो उन्हें पूरा सपोर्ट करता और जैसे ही ये बात याद आई तो मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मैंने अपना ट्राउजर खोलकर लण्ड को बाहर निकाला और मूठ मारने लगा। मैं उस वक्त पूरी तरह कामुक हो रहा था, जिसकी वजह से जल्दी ही मेरे 72" लंबे और 2” मोटे लण्ड ने पानी निकाल दिया। और जब मुझे थोड़ा होश आया तो मैं अपने लण्ड से निकलने वाली मानी देखकर हैरान रह गया। क्योंकी मेरे सामने बेड का अच्छा खासा भाग मेरी गाढ़ी मानी से गीला हो गया था।
काशी- “मुझे कोई ऐतराज तब होगा, जब कोई मेरी बहन की मर्जी के बिना उसके साथ बदतमीजी करेगा। बाकी अगर कहीं मेरी बहन को मेरी मदद की जरूरत हुई तो मैं उसकी मदद भी करूंगा...”
मैं- नहीं यार, मैं नहीं मान सकता तेरी ये बात कि तू इतना आगे भी जा सकता है। यार यहाँ हमारे मुल्क में तो भाई बहनों को किसी गैर मर्द के साथ बात करता भी देख ले तो कत्ल कर डालते हैं और तू है कि मुझे बोल रहा है कि तुम्हें कोई मसला नहीं है इससे..."
काशी मेरी हालत पे मुश्कुराता हुआ बोला- “देख यार, मैं तो ऐसे भी भाई बहनों को जानता हूँ, जो कि खुद ही। आपस में चुदाई करते हैं और पूरा मजा उठाते हैं। मैं तो कुछ भी नहीं हूँ और अगर मैं अपनी बहन को उसकी मर्जी की लाइफ गुजारने का मोका देना चाहता हूँ या दे दें तो इसमें इतना हैरान होने वाली कौन सी बात है मेरी जान?"
काशी की बातें सुनकर मेरी फटी की फटी रह गई और मुझसे कुछ भी बोला नहीं गया।
तो मुझे खामोश देखकर काशी ने कहा- “देख यार, परेशान ना हो ज्यादा कि वो तेरे दोस्त की बहन है, बस मजे कर। वो अपने भाई को नहीं बताएगी, ये मुझे यकीन है। और अगर तू उसे कुत्तों से भी चुदवाना चाहेगा तो वो खुशी से मान जाएगी, क्योंकी साली की फुद्दी में कितनी आग है ये मैं देख चुका हूँ। अब छोड़ इन बातों को और ये बता कि क्या इरादा है तेरा? कुछ करना है या फिर मैं अकेला ही मजे मारा करूं उसके साथ?”
मैं उठकर खड़ा हो गया और बोला- “मैं तुम्हें शाम तक बताऊँगा कि क्या करना है और क्या नहीं?” और काशी की बात सुने बिना ही घर की तरफ चल दिया।
मैं काशी के पास वापिस घर आया तो घर में दाखिल होते ही मेरी नजर सामने खड़ी बाजी फरिहा पे पड़ी तो मेरी आँखों के सामने वो सारा मूवी वाला मंजर घूम गया और इन ख्यालों से फौरन मेरा लण्ड खड़ा होने लगा, तो मैं अपने रूम की तरफ चल दिया।
और अभी मैं रूम के दरवाजा पे ही पहुँचा था कि बाजी ने पीछे से आवाज दी और बोली- “भाई, कहां आवारागर्दी करते रहते हो आजकल? और तुमने अभी तक दोपहर का खाना भी नहीं खाया है...”
मैंने बाजी की तरफ देखा गर्दन घुमाकर और बोला- “नहीं, मुझे भूख नहीं थी इसलिए नहीं खाया...” और फिर से। रूम में जा घुसा और दरवाजे को लाक करके बेड पे आ लेटा और सोच में पड़ गया कि आखिर ये हुआ क्या और कैसे? क्योंकी ये एक ऐसा काम था कि जिसकी मुझे जरा भी उम्मीद नहीं थी और बाजी फरिहा जो कि दिखने में ही बड़ी मासूम लगती हैं, उनका ये जो रूप मेरे सामने आया था वो मेरे लिए शाकिंग तो था ही। लेकिन वहीं एक अजीब सा मजा और खुशी भी दे रहा था।
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मतलब मेरा लण्ड अपनी ही बहन पे गरम हो चुका था और मैं खुद अपना लण्ड बाजी के नंगे जिम की कल्पना से ही सहला रहा था।
तभी मुझे काशी की बात याद आई कि अगर उसे अपनी बहन के बारे में इस तरह की बात पता चलती कि वो उसके किसी दोस्त से चुदवाती है तो वो उन्हें पूरा सपोर्ट करता और जैसे ही ये बात याद आई तो मुझे पता नहीं क्या हुआ कि मैंने अपना ट्राउजर खोलकर लण्ड को बाहर निकाला और मूठ मारने लगा। मैं उस वक्त पूरी तरह कामुक हो रहा था, जिसकी वजह से जल्दी ही मेरे 72" लंबे और 2” मोटे लण्ड ने पानी निकाल दिया। और जब मुझे थोड़ा होश आया तो मैं अपने लण्ड से निकलने वाली मानी देखकर हैरान रह गया। क्योंकी मेरे सामने बेड का अच्छा खासा भाग मेरी गाढ़ी मानी से गीला हो गया था।
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
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Re: अंजाने में बहन ने ही चुदवाया पूरा परिवार
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