Incest आग्याकारी माँ

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Viraj raj
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Re: आग्याकारी माँ

Post by Viraj raj »

😱

😍😍😍😍😍 मदमस्त अपडेट.......... मित्र👌👌👌👌👌💐💐💐💐👍👍👍👍👍💝💞💖
😇 😜😜 😇
मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
😇 😜😜 😇

** Viraj Raj **

🗡🗡🗡🗡🗡
Reich Pinto
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Re: आग्याकारी माँ

Post by Reich Pinto »

Great start
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SATISH
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Re: आग्याकारी माँ

Post by SATISH »

अपडेट 3

सतीश- नहीं मे इस बारे में सोच भी नहीं सकता वो मेरी माँ हे... तुम मुझे बहका रहे हो...
ह. द.(हरामी दीमाग )- अबे ध्यान से देख सामने जो है वो किसी की माँ बहन नहीं हो सकती, वो तो एक लाचार औरत है, जिसका पति उसकी सेक्स की आग को कम नहीं करता... देख इस औरत को इसे देख कर ही लगता है की ये बर्षो से किसी मर्द के स्पर्श को तड़प रही है, बरसो की प्यासी है ये औरत... और देख इसे अगर ये एक इशारा भी कर दे तो लोगो की भीड़ लग जायेगी पर ईसने अपने परिवार की इज्जत के लिए इस आग में झुलसना क़बूल किया... तु इसकी प्यास बुजा सकता है..
सतीश- “मैं... मैं कैसे,.. ये मेरी माँ है”
ह.दी.- “आगे कुछ बोलने से पहले अपने शार्ट में बने टेंट को देख ले...
सतीश अपने शार्ट की तरफ देखता है तो उसे पता चलता है की उसका लंड पूरा खड़ा हो कर उसके शार्ट में टेंट बना रखा है...
सतीश चौकते हुये- ये कैसे खड़ा हो गया, वो भी अपनी माँ को देख कर...
ह.दी- दोस्त लंड की कोई माँ और बहन नहीं होति, इसे बस चुत से मतलब होता है चाहे वो किसी की भी हो... और इसे तुम जितनी जल्दी समझ लोगे उतने ही ज्यादा तुम जिन्दगी को एन्जॉय करोगे.... जैसे की अभी अपनी माँ को देख कर, कर रहे हो...
सतीश- शायद तुम सही कह रहे हो... क्योकि मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरा हाथ मेरे लंड को सहलाने लगा...
अब सतीश अंदर का सिन देख के बहुत गरम हो गया था और अपने शार्ट को निचे खिसका देता है, और अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाना शुरू कर देता है... रूम में सोनाली अपने एक हाथ से अपनी चुत में तेजी से डिलडो को अंदर बाहर कर रही थी जबकि दूसरे हाथ से अपनी चुत की क्लीट को रगड रही थी... पूरे रूम में उसके मुह से निकलती सिसकारियां गुंज रही थी जिन्हे सुनकर गेट पर खड़ा सतीश और भी गरम होकर अपने लंड को तेजी से हिलाने लगा... अन्दर सोनाली की आँखे पूरी मस्ती में बंद हो गई थी और वो तेजी से अपनी चुत को चोदने लगि, सोनाली मस्ती में अपने चूतडो को उछाल-२ कर डिलडो को अपने अंदर लेने लगी थी और थोड़ी देर में ही उसका जिस्म अकड जाता है, और उसकी चुत का बंद टूट जाता है, और उससे ढेरसारा कामरस निकलने लगता है...
सतीश की तो हालत ही ख़राब हो गई थी ये सब देख कर, एक पल को उसका मन किया की अभी अंदर जाकर अपनी माँ की चुत में अपना मुह घूसा दे और उसका सारा रस पि जाए, पर उसने अपने आपको रोक लिया क्योकि वो जल्दवाजी करके काम बिगाडना नहीं चाहता था...

अंदर सोनाली का जिस्म अब शांत पड़ गया था और वो अपनी साँसे कण्ट्रोल कर रही थि, जिसके कारन उसकी चूचियां ऊपर निचे होने लगी थी... सतीश का तो दीमाग ही ख़राब हो रहा था वो समझ गया की अब अंदर कुछ स्पेशल नहीं होने वाला है, इस्लिये वो शार्ट को ऊपर करके तेजी से अपने रूम की तरफ बढ़ जाता है..

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Withlove
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Re: आग्याकारी माँ

Post by Withlove »

बंधु नई कहानी के लिए हार्दिक बधाई

(^^^-1ls7) (^^^-1ls7) (^^^-1ls7) (^^^-1ls7) (^^^-1ls7) (^^^-1ls7)

😚 😔
दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रहने का..
बल्कि दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, दोस्ती में..


हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा है
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