मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

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rangila
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Re: मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

Post by rangila »

योग के मेरी चूत में जीभ फिराने से मैं अपना आपा खो बैठी थी। कई महीने हो गए की किसी मर्द ने मेरी चूत चाटी थी। मेरे पति को फोरप्ले में कोई रस नहीं था। वह ऑफिस से थक कर आते थे और मुझे जल्द बाजी में चोद कर फ़ौरन सो जाते थे। योग ने अपना मुंह मेरी जाँघों के बिच से निकाला और अपनी दो उँगलियाँ मेरी चूत में डालदी। इससे पहले भी वह मेरी चूत में उँगलियाँ डाल चुके थे पर उस समय उन्हें मेरा स्त्री रस चाटना था। अब वह मुझे उँगलियों से चोदना चाहते थे। मैं वैसे ही उनकी जीभ के मेरी चूत के साथ छेड़खानी करने के कारण बड़ी गरम होरही थी। योग को कैसे पता लगा की मैं चूत में उंगलिया डालकर उँगलियों से चोदने पर पागल हो जाती हूँ। शायद हर औरत की यह कमजोरी होगी। जैसे ही योग ने मुझे उँगलियों से चोदना शुरू किया की मुझसे रहा नहीं गया। योग मेरी सारी कमजोर जगहों को जैसे भली भाँती जानते हों ऐसे वहीं पर अपनी उंगली रगड़ते थे जहाँ छूने से ही मैं मचल उठती थी।

जैसे जैसे योग अपनी उँगलियाँ अंदर बाहर करते रहे, मैं बिस्तर पार आह्ह.. ओह्ह्ह... कर अपनी गाँड़ उठा कर बिस्तर पर रगड़ती रही। योग ने अपनी उँगलियों से चोदने की फुर्ती बढ़ाई की मेरी गाँड़ रगड़ने की रफ़्तार भी बढ़ने लगी। साथ साथ चूत में फड़फड़ाहट भी बढ़ने लगी। मेरी चूत का रस का स्राव नहीं रुक रहा था। मैं उन्माद से पागल हो रही थी। मैं झड़ ने वाली ही थी। मैं अपनी कराहट रोक नहीं पायी। मैंने योग का सर पकड़ा और बोल पड़ी, "योग आआआ.... हहह.... मत रुको, मैं झड़ने वाली हूँ। ओह्ह्ह..." थोड़ी ही देर में ही मेरी कमर बिस्तर पर ही उठाकर मैं ने एक बड़ी आहहह... भरी और मैं इतनी जोर से झड़ गयी की पता नहीं ऐसा कभी हु था या नहीं। जैसे ही मैं झाड़ रही थी की योग ने उँगलियों से मुझे चोदना बंद किया और मुझसे लिपट गए और मेरे होँठों से होँठ मिलकर मुझे गढ़ आलिंगन में लेकर मुझे चूमने लगे। चूमते चूमते भावुक होकर बोलने लगे, "मेरी प्यारी कनिका। मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ। तुम मुझे छोड़कर क्यों चली गयी?"

मैंने भी उतने ही आवेश से योग को चुम्बन करते हुए कहा, "डार्लिंग मैं वापस आ गयी हूँ ना? क्या अब तुम मेरे वापस आने से खुश नहीं हो?" योग ने कहा, "मैं तुम्हारे आने से बहुत खुश हूँ।" योग मुझे साँस भर राहत देने के लिए रुके। पर मैं रुकना नहीं चाहती थी। मैं योग से रात भर चुदना चाहती थी क्यूंकि अगला दिन इतवार था। मुझे ऑफिस नहीं जाना था। घर में मेरा इंतजार करने वाला कोई नहीं था। मैंने योग को कहा, "अब बहुत हो गया। मैं तुम्हारे इस घोड़े जैसे लण्ड को मेरी छोटी सी चूत में डलवाना चाहती हूँ। मेरी छोटी सी चूत को आज तुम अपने मोटे लंड से चौड़ी बना दो। हालांकि मैं जानती हूँ की मुझे कष्ट होगा पर जानूं तुम्हारी कनिका कष्ट झेलने के लिए तैयार है।" मैंने योग को खींच मेरे ऊपर चढ़ने के लिए खींचा। मैं बिस्तर पर निचे लेट गयी और योग को मेरे ऊपर चढ़ाया। उसका मोटा लण्ड मेरे पेट को चोंच मार रहा था। मैंने उसका मुंह मेरे हाथ में पकड़ा और अपने होंठ योग के होँठों से मिला दिए l योग की दाढ़ी मुझे मेरे गालों पर चुभ रही थी पर मुझे अच्छी लग रही थी। मैं योग के होँठों पर अपनी जीभ फिराने लगी। योग के होँठ बड़े रसीले लगते थे। उसके मुंह की लार मेरे मुंह में जा रही थी। मैं तो योग के लण्ड से उसका वीर्य मेरी चूत में डलवाने के लिए तैयार थी तो भला उसके मुंह की लार से क्या दिक्कत?
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arjun
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Re: मेरी खुली चुनौती मेरे पति को

Post by arjun »

सेक्सी अपडेट है
मज़ा आया
RANGILA ji
दोस्तो, मेरे द्वारा लिखी गई कहानी,

मॉम की परीक्षा में पास (Running)
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