सामूहिक चुदाई compleet

User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: सामूहिक चुदाई

Post by rajsharma »

इस तरह से दोनों जोड़ो ने एक-दूसरे के जीवन-साथी के जिस्म का खुल कर खूब आनन्द लिया।

अपने अपने जीवन साथी को एक-दूसरे के जीवन साथी के साथ आमने-सामने बहुत पास से चुदवाते हुए देखने का आनन्द उठाया। उस दिन हम चारों को बीवियों को अदल-बदल कर चुदाई में खूब मज़ा आया।

उसके बाद हम लोगों ने फिर थोड़ा विश्राम किया, कुछ खाया-पिया, कुछ देर ऐसे ही छुट-पुट बातें कीं। बाद में हमने ये निर्णय किया कि रात में जय और राज दोनों एक साथ ललिता को और फिर दोनों मुझे एक साथ चोदेंगे।

ललिता और मैंने मिल कर राज और जय को उनके लंड चूस कर अपने दोनों के लिए तैयार किया। उसके बाद राज और जय ने मिल कर ललिता और फिर मुझे बारी-बारी से चोदा।

उन्होंने पहले मुझे चोदा, तो ललिता उसी बिस्तर पर बैठकर मुझे चुदते देखती रही। जय ने मुझे घोड़ी वाले आसन में चोदा, तब मैं राज का लंड चूसती रही।

फिर मेरे देखते-देखते उन दोनों ने ललिता की चुदाई की, राज ने उसे चोदा और ललिता ने अपने पति का लंड चूसा।

उसके बाद तो उन दोनों ने मुझे और ललिता को एक साथ बिस्तर पर लेट जाने को कहा और फिर वहाँ दोनों हम दोनों को बारी-बारी से चोदने लगे।

पहले जय मुझे थोड़ी देर चोदता, फिर जाकर ललिता को थोड़ी देर चोदता।

इसी तरह राज ने पहले ललिता को थोड़ी देर चोदा, फिर आकर मुझको को थोड़ी देर चोदा और फिर एक के बाद एक जय और राज अदल-बदल कर मुझे और ललिता को एक साथ सारी रात चोदते रहे जब तक कि राज ललिता के मखमली चिकने चूतड़ों पर और जय मेरी नाभि के ऊपर ना झड़ गया।

उसके बाद हम सबने अपनी पहली चौतरफ़ा चुदाई की ही बातें कीं। हम सब को जिस बात ने सबसे ज़्यादा रोमांचित किया था वो ये नहीं था कि हमने किसी और को चोदा था, बल्कि एक ही बिस्तर पर चार-चार लोगों ने मिल कर एक साथ चुदाई लीला की..

अपने जीवन साथी को अपनी आँखों के सामने दूसरे को चोदते हुए देखने का भी एक अजीब रोमांच है जब कि खुद भी दूसरे के जीवन साथी के साथ उसी बिस्तर पर अपने जीवन साथी के सामने ही चुदाई कर रहे हों।

अपने इस पहले अनुभव के पूर्व मुझे अहसास नहीं था कि मैं राज को किसी अन्य स्त्री को चोदते देख कर कैसा महसूस करूँगी और मैं अपने आप को किस तरह से इस बात के लिए तैयार करूँगी कि मैं राज के सामने किसी और आदमी से चुदवा सकूँ।

पहले तो मैं यही सोचती थी कि राज मुझे दूसरे मर्दों से इसलिए चुदवाने दे रहा था ताकि वो उनकी बीवियों को उन्मुक्त हो कर चोद सके।

धीरे-धीरे मैंने यह पाया दूसरे जोड़ों के साथ बीवी अदल-बदल कर चुदाई करने में वाकयी बड़ा आनन्द आता है।

अब ना कि केवल मुझे नए आदमियों से चुदवाने में बड़ा आनन्द आने लगा, बल्कि राज को दूसरी स्त्री को चोदते देख कर भी मुझे बड़ा मज़ा आने लगा।

जब मेरा पति राज किसी औरत को बेरोक-टोक 20-30 मिनट तक लंबे करारे धक्के मार कर अपने मोटे लंड से ज़ोर-ज़ोर से चोदता है तो मुझे उस औरत के चेहरे पर चुदाई का आनन्द और वासना की संतुष्टि के सुंदर भाव देखने में बहुत मज़ा आता है।

राज भी इन औरतों को चोदने के साथ-साथ मुझे अपने सामने दूसरे आदमियों से चुदवाते हुए देख कर बहुत उत्तेजित होता है।

हालाँकि पहले मैं काफ़ी संकोच करती थी, पर अब मुझे लगता है कि अगर जीवन में चुदाई का भरपूर मज़ा लेना हो तो सामूहिक चुदाई के अलावा और कोई ऐसा तरीका नहीं है जिसमें कि पत्नी को गैर-मर्दों से चुदवाने का मज़ा लेने के लिए अपने पति से कुछ छिपाना नहीं पड़ता है और उनका पति भी बिना अपनी पत्नी से कुछ छिपाए दूसरी औरतों को अपनी पत्नी के सामने बड़े आराम से चोद सकता है।

ना किसी से कोई गिला, ना शिकवा, ना चोरी, ना बेईमानी, सिर्फ़ असली चुदाई का मज़ा, साथ-साथ एक-दूसरे के आमने-सामने चुदाई के आनन्द के दरिया में गोते लगाते का सुख लेते हैं।

समाप्त

Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
Post Reply