वतन तेरे हम लाडले complete
- jay
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Re: वतन तेरे हम लाडले
Raj bhai kahani jubardast hai
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: वतन तेरे हम लाडले
shaandaar suhagraat,,,,,,,,,,,,,,fir tadpna,,,,fir desh sabse pahle,,,mast mast
- shubhs
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Re: वतन तेरे हम लाडले
ओह बढ़िया है
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले
Smoothdad wrote:शानदार अपडेट
jay wrote:Raj bhai kahani jubardast hai
mini wrote:shaandaar suhagraat,,,,,,,,,,,,,,fir tadpna,,,,fir desh sabse pahle,,,mast mast
Dhanywad dosto update agli hi post menshubhs wrote:ओह बढ़िया है
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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`·.¸.·´ -- raj sharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले
मेजर राज की यह बात सुनकर वह व्यक्ति जोर से हंसने लगा। और बोला ठीक चल बता कि एक यातायात पुलिसकर्मी ने हमारे आर्मी कैप्टन को एक ही वार में कैसे जान से मार दिया ??? इस पर मेजर राज ने कहा इसमें कौन बड़ी बात है, मेरे हाथ खोल अभी बता देता हूँ कि उसे कैसे मारा था। यह कह कर मेजर राज हंसने लगा और बोला अच्छा तो जो मेरा एक हाथ लगने से मर गया वह तुम्हारा आर्मी कैप्टन था ??? आश्चर्य है यार क्या हिजड़े भर्ती करते हो तुम लोग सेना में .. अब शुक्र करो उनके सामने भारत का यातायात कांस्टेबल था कहीं वास्तव में रॉ का एजेंट आ जाता तो तुम्हारा कर्नल इरफ़ान भी इसी कैप्टन की तरह अगले जहां मे पहुँचता।
एक और थप्पड़ मेजर राज के चेहरे पर लगा मगर इस बार मेजर राज ने थप्पड़ खाते ही जवाबी हमला किया और फिर अपना सिर उस व्यक्ति की नाक पर दे मारा। वह व्यक्ति अपना संतुलन बनाए नहीं रख सका और जमीन पर जा गिरा। पीछे खड़े गनमैन एक बार फिर अपनी बंदूकों का रुख मेजर राज की ओर कर खड़े हो गए मगर इस बार वे डरे हुए थे और 2, 2 कदम पीछे हट गए थे। उनको देखकर मेजर राज ने ठहाका लगाया और बोला चलाओ गोली चलाओ ...
मगर उन्होने गोली नहीं चलाई और वह व्यक्ति भी अब अपनी जगह पर खड़ा हो गया था। उसकी नाक से अब खून निकल रहा था। उसका एक हाथ अपनी नाक पर था। वह व्यक्ति गुस्से में बोला घी सीधी उंगली से नहीं निकलेगा तो उंगली टेढ़ी भी करनी आती है हमें। आईएसआई के पास तुम जैसे रॉ के कुत्तों को सीधा करने के एक सौ तरीके हैं। अब वही तुम से निपटेंगे। यह कह कर वह व्यक्ति वापस चला गया और कमरे में एक अजीब सी गंध फैल गई। मेजर राज समझ गया था कि यह विशेष गैस छोड़ी गई है मेजर को बेहोश करने के लिए। उसने अपनी सांस रोकने की बिल्कुल कोशिश नहीं की क्योंकि वह जानता था कि वह इतनी देर सांस रोक नहीं सकता कि इस गैस का प्रभाव दूर हो सके तो व्यर्थ में सांस रोकने की कोई जरूरत नहीं। कुछ ही सेकंड में मेजर राज जमीन पर बेहोश पड़ा था।
इधर......................
मेजर राज के घर से निकलने का रश्मि के सिवा और किसी को मालूम नही हुआ .. अलबत्ता रश्मि राज के कमरे से निकलते ही तुरंत अपने कपड़े पहन कर राज को रोकने के लिए बाहर निकली मगर जैसे ही वह घर के गेट पर पहुंची चौकीदार दरवाजा बंद कर रहा था और दूर मेजर राज की कार की एक रोशनी दिख रही थीं।रश्मि को देखकर चौकीदार बोला नमस्कार बीबीजी .--- में राम सिंग ... आपका चौकीदार ... मेजर साहब अक्सर रात को इसी तरह अचानक चले जाते हैं और अगली सुबह तक वापस आ जाते हैं। आप बेफिक्र होकर अंदर जाएं।रश्मि चौकीदार की बात सुने बिना अंदर आ गई थी। अब वह अपने कमरे में जाने ही लगी थी कि पीछे से आवाज आई बेटा क्या हुआ ??
ये राज की माँ की आवाज थी यानी रश्मि की सास। रश्मि ने सास को सामने देखकर उनको नमस्कार किया और कहा कि अचानक राज को कोई फोन कॉल आई और वह बिना कुछ बताए गाड़ी लेकर कहीं चले गए हैं।
मेजर राज की मां ने आगे बढ़कर अपनी बहू को प्यार किया और कहने लगीं बेटा तुम्हें तो पता ही है वह एक सिपाही है और देश के लिए अपनी जान भी दे सकता है। अक्सर उसको आपातकालीन स्थिति में जब भी बुलाया जाता है वो सब कुछ छोड़ कर अपना कर्तव्य निभाने चला जाता है। बस तुम प्रारथअना करो कि वह खैरियत से वापस आ जाए। उसके बाद राज की मां ने एक बार फिर अपनी नई नवेली दुल्हन का माथा चूमा और वापस अपने कमरे में चली गईं।
रश्मि भी अपने कमरे में जाने ही लगी थी कि उसको कुछ आवाजें सुनाई दीं। ये आवाज़ें रश्मि के साथ वाले कमरे से आ रही थीं। रश्मि ने कान लगाकर सुना तो यह जय की पत्नी डॉली की आवाज़ें थीं। ओय मैं मर गई, प्लीज़ जय धीरे करें। आह .... उफ़ उफ़ उफ़ आह आह आह ..... ऊच। । । मैं मर गई ... आवाज़ें सेक्स से भरपूर थीं और डॉली की इन आवाजों के साथ धुप्प धुप्प की आवाज भी आ रही थीं जिनसे रश्मि समझ गई कि जिस तरह अभी राज रश्मि की चुदाई कर रहा था उसी तरह उसका भाई जय भी अपनी नई नवेली दुल्हन को चोदने में व्यस्त है।
डॉली की यह आवाज सुनकर रश्मि को एक अजीब सा सॅकून मिला था। वह मुस्कुराती हुई अंदर कमरे में आ गई और दरवाजा बंद करके अपने कान फिर से दीवार के साथ लगा दिए। अब की बार उसको ये आवाज़े और भी स्पष्ट आ रही थीं। धुप्प धुप्प की आवाजों में काफी तेजी आ गई थी और डॉली अभी उफ़ आह ... मज़ा आ गया जानू, और जोर से चोदो मुझे मज़ा आ रहा है, जोर से धक्के मारो .... आह जानू बहुत मज़ा आ रहा है ...... जैसी आवाजें निकाल रही थी। रश्मि समझ गई कि अब डॉली सेक्स को एंजाय कर रही है जिस तरह कुछ देर पहले रश्मि कर रही थी। फिर अचानक ही आवाज आना बंद हो गईं। रश्मि ने कुछ देर इंतजार किया लेकिन अब दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आ रही थी।
फिर रश्मि वापस अपने बिस्तर पर जाकर लेटने लगी तो उसकी नज़र उस सफेद चादर पर पड़ी जो उसने चुदाई से पहले अपने नीचे बिछाई थी। इस पर लाल रंग के निशान थे। रश्मि इन लाल निशानों को देखते ही अपनी सलवार उतार कर अपनी चूत को देखने लगी। वहाँ अब खून का कोई निशान नहीं था। फिर रश्मि ने वह चादर उठाई और अटैच बाथरूम में ले जा कर एक ड्रॉयर में रख दी और खुद बिस्तर पर आकर लेट गई और राज की सुरक्षा की दुआएं मांगने लगी। दुआ माँगते माँगते न जाने कब उसकी आंख लग गई।
सुबह 12 बजे के करीब उसकी आंख खुली तो उसको घर में थोड़ी हलचल महसूस हुई। अब वह बिस्तर से उठ कर बैठी ही थी कि उसके कमरे का दरवाजा नॉक हुआ। रश्मि ने तुरन्त उठकर अपना दुपट्टा लिया और कमरे का दरवाजा खोला तो सामने उसकी सास खड़ी थीं। उन्होंने रश्मि को प्यार किया और बोलीं बेटा घर में मेहमान आए हुए हैं तुम तैयार होकर थोड़ी देर मे बाहर आ जाओ यह कह कर वह बाहर चली गईं और रश्मि तैयार होने लगी।
एक घंटे के बाद रश्मि जब अपने कमरे से निकली तो उसने ब्लैक कलर की साड़ी शोभाये तन कर ( पहन ) रखी थी। ब्लाऊज़ की लंबाई कुछ अधिक न थी, रश्मि की साड़ी का ब्लैक ब्लाऊज़ नाभि यानी बेली बटन से कुछ ऊपर समाप्त हो रहा था। नीचे उसका पेट और कमर का कुछ हिस्सा दिख रहा था और उसके नीचे साड़ी के नीचे वाला हिस्सा था। बारीक पल्लू उसके पेट से होता हुआ सीने के उभारों को छूता हुआ बाएँ कंधे के ऊपर से घूमकर दाएँ हिस्से पर आ रहा था। उसके साथ हल्के रंग का मेकअप रश्मि की सुंदरता को चार चांद लगा रहा था।
रश्मि बाहर आई तो बारी बारी सभी मेहमानों से मिली। जय की दुल्हन डॉली भी वहीं मौजूद थी वह भी खासी तैयार होकर निकली थी। रश्मि डॉली से गले मिलने के बाद जय से हाथ मिलाकर एक सोफे पर बैठ गई जहां बाकी मेहमान भी बैठे थे। कुछ ने राज के बारे में जानना चाहा तो रश्मि ने उन्हें बताया कि वह कुछ नहीं जानती उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका। वह अपना मोबाइल भी घर छोड़ गए हैं। जबकि कुछ मेहमानों ने रश्मि को तसल्ली दी कि बेटा चिंता नहीं करो वह जल्द ही आ जाएगा। सब अतिथियों से बातों में व्यस्त हो गए तो रश्मि वहाँ से उठी और जय को अपने पीछे आने का इशारा किया।
बड़ी भाभी का इशारा पाकर जय रश्मि के पीछे चल पड़ा। रश्मि अपने कमरे में जाकर बेड पर बैठ चुकी थी।जय भी कमरे में आया और बोला जी भाभी बताइए क्या बात है? रश्मि रुआंसी सी आकृति बनाकर बोली जय भाई प्लीज़ किसी तरह राज का पता लगाओ वे कहाँ हैं मुझे बहुत चिंता हो रही है उनकी।
जय ने भाभी के कंधे पर हाथ रखकर हल्का सा दबाया और सांत्वना देते हुए बोला रश्मि भाभी आप चिंता न करें राज भाई बिल्कुल ठीक होंगे। मैंने सुबह ही उनके कार्यालय से पता किया तो वहां से मुझे बताया गया कि उन्हें एक विशेष मिशन पर भेजा गया है जो बहुत जरूरी था। उन्हें बस एक व्यक्ति की मुखबिरी करना है उसके बाद वह वापस आ जाएंगे। यह सुनकर रश्मि बोली कि आज आएंगे ना वह वापस? रात एक निमंत्रण भी है। ???जय बोला कि भाभी आज तो मैं कुछ नहीं कि सकता बस उनके कार्यालय से इतना ही पता लगा है कि वह जल्द आएंगे। आप चिंता न करें बाहर बाकी मेहमानों के साथ आकर बैठ जाएँ आपका दिल लगा रहेगा।
यह कह कर जय कमरे से निकल गया। कुछ ही देर बाद रश्मि ने भी अपनी आँसुओं से लथपथ आँखें साफ की और मेकअप को एक हल्का सा स्पर्श देकर बाहर मेहमानों के पास जा कर बैठ गई। राज की बहनें कल्पना व पिंकी भी वहीं मौजूद थीं जबकि शाम तक रश्मि की कुछ कॉलेज फ्रेंड्स भी आ चुकी थीं। कॉलेज फ्रेंड्स को लेकर रश्मि अपने कमरे में आ गई। कमरे में आते ही रश्मि की दोस्तों ने रश्मि को घेर लिया और पूछने लगी कि राज भाई के साथ रात कैसी गुज़री? जिस पर रश्मि ने थोड़ा शरमाते हुए और थोड़ा इठलाते हुए उन्हें अपना मुंह दिखाई उपहार भी दिखाया और दबे शब्दों में अपना कुँवारा पन समाप्त होना भी बताया। रश्मि की एक दोस्त जो ज्यादा ही मुँह फट थी वे बोली तुमको भी खाली करवाया राज भाई ने या खुद ही 2 मिनट में समाप्त होकर साइड मे पड़ गए ??इस पर रश्मि ने बड़े घमंड से कहा कि उन्हें वापस तो आने दे तुझे भी वह 5 बार खाली करवा देंगे। इस पर सभी सहेलियाँ खिलखिला कर हंस पड़ी।
एक और थप्पड़ मेजर राज के चेहरे पर लगा मगर इस बार मेजर राज ने थप्पड़ खाते ही जवाबी हमला किया और फिर अपना सिर उस व्यक्ति की नाक पर दे मारा। वह व्यक्ति अपना संतुलन बनाए नहीं रख सका और जमीन पर जा गिरा। पीछे खड़े गनमैन एक बार फिर अपनी बंदूकों का रुख मेजर राज की ओर कर खड़े हो गए मगर इस बार वे डरे हुए थे और 2, 2 कदम पीछे हट गए थे। उनको देखकर मेजर राज ने ठहाका लगाया और बोला चलाओ गोली चलाओ ...
मगर उन्होने गोली नहीं चलाई और वह व्यक्ति भी अब अपनी जगह पर खड़ा हो गया था। उसकी नाक से अब खून निकल रहा था। उसका एक हाथ अपनी नाक पर था। वह व्यक्ति गुस्से में बोला घी सीधी उंगली से नहीं निकलेगा तो उंगली टेढ़ी भी करनी आती है हमें। आईएसआई के पास तुम जैसे रॉ के कुत्तों को सीधा करने के एक सौ तरीके हैं। अब वही तुम से निपटेंगे। यह कह कर वह व्यक्ति वापस चला गया और कमरे में एक अजीब सी गंध फैल गई। मेजर राज समझ गया था कि यह विशेष गैस छोड़ी गई है मेजर को बेहोश करने के लिए। उसने अपनी सांस रोकने की बिल्कुल कोशिश नहीं की क्योंकि वह जानता था कि वह इतनी देर सांस रोक नहीं सकता कि इस गैस का प्रभाव दूर हो सके तो व्यर्थ में सांस रोकने की कोई जरूरत नहीं। कुछ ही सेकंड में मेजर राज जमीन पर बेहोश पड़ा था।
इधर......................
मेजर राज के घर से निकलने का रश्मि के सिवा और किसी को मालूम नही हुआ .. अलबत्ता रश्मि राज के कमरे से निकलते ही तुरंत अपने कपड़े पहन कर राज को रोकने के लिए बाहर निकली मगर जैसे ही वह घर के गेट पर पहुंची चौकीदार दरवाजा बंद कर रहा था और दूर मेजर राज की कार की एक रोशनी दिख रही थीं।रश्मि को देखकर चौकीदार बोला नमस्कार बीबीजी .--- में राम सिंग ... आपका चौकीदार ... मेजर साहब अक्सर रात को इसी तरह अचानक चले जाते हैं और अगली सुबह तक वापस आ जाते हैं। आप बेफिक्र होकर अंदर जाएं।रश्मि चौकीदार की बात सुने बिना अंदर आ गई थी। अब वह अपने कमरे में जाने ही लगी थी कि पीछे से आवाज आई बेटा क्या हुआ ??
ये राज की माँ की आवाज थी यानी रश्मि की सास। रश्मि ने सास को सामने देखकर उनको नमस्कार किया और कहा कि अचानक राज को कोई फोन कॉल आई और वह बिना कुछ बताए गाड़ी लेकर कहीं चले गए हैं।
मेजर राज की मां ने आगे बढ़कर अपनी बहू को प्यार किया और कहने लगीं बेटा तुम्हें तो पता ही है वह एक सिपाही है और देश के लिए अपनी जान भी दे सकता है। अक्सर उसको आपातकालीन स्थिति में जब भी बुलाया जाता है वो सब कुछ छोड़ कर अपना कर्तव्य निभाने चला जाता है। बस तुम प्रारथअना करो कि वह खैरियत से वापस आ जाए। उसके बाद राज की मां ने एक बार फिर अपनी नई नवेली दुल्हन का माथा चूमा और वापस अपने कमरे में चली गईं।
रश्मि भी अपने कमरे में जाने ही लगी थी कि उसको कुछ आवाजें सुनाई दीं। ये आवाज़ें रश्मि के साथ वाले कमरे से आ रही थीं। रश्मि ने कान लगाकर सुना तो यह जय की पत्नी डॉली की आवाज़ें थीं। ओय मैं मर गई, प्लीज़ जय धीरे करें। आह .... उफ़ उफ़ उफ़ आह आह आह ..... ऊच। । । मैं मर गई ... आवाज़ें सेक्स से भरपूर थीं और डॉली की इन आवाजों के साथ धुप्प धुप्प की आवाज भी आ रही थीं जिनसे रश्मि समझ गई कि जिस तरह अभी राज रश्मि की चुदाई कर रहा था उसी तरह उसका भाई जय भी अपनी नई नवेली दुल्हन को चोदने में व्यस्त है।
डॉली की यह आवाज सुनकर रश्मि को एक अजीब सा सॅकून मिला था। वह मुस्कुराती हुई अंदर कमरे में आ गई और दरवाजा बंद करके अपने कान फिर से दीवार के साथ लगा दिए। अब की बार उसको ये आवाज़े और भी स्पष्ट आ रही थीं। धुप्प धुप्प की आवाजों में काफी तेजी आ गई थी और डॉली अभी उफ़ आह ... मज़ा आ गया जानू, और जोर से चोदो मुझे मज़ा आ रहा है, जोर से धक्के मारो .... आह जानू बहुत मज़ा आ रहा है ...... जैसी आवाजें निकाल रही थी। रश्मि समझ गई कि अब डॉली सेक्स को एंजाय कर रही है जिस तरह कुछ देर पहले रश्मि कर रही थी। फिर अचानक ही आवाज आना बंद हो गईं। रश्मि ने कुछ देर इंतजार किया लेकिन अब दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आ रही थी।
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रश्मि बाहर आई तो बारी बारी सभी मेहमानों से मिली। जय की दुल्हन डॉली भी वहीं मौजूद थी वह भी खासी तैयार होकर निकली थी। रश्मि डॉली से गले मिलने के बाद जय से हाथ मिलाकर एक सोफे पर बैठ गई जहां बाकी मेहमान भी बैठे थे। कुछ ने राज के बारे में जानना चाहा तो रश्मि ने उन्हें बताया कि वह कुछ नहीं जानती उनसे कोई संपर्क नहीं हो सका। वह अपना मोबाइल भी घर छोड़ गए हैं। जबकि कुछ मेहमानों ने रश्मि को तसल्ली दी कि बेटा चिंता नहीं करो वह जल्द ही आ जाएगा। सब अतिथियों से बातों में व्यस्त हो गए तो रश्मि वहाँ से उठी और जय को अपने पीछे आने का इशारा किया।
बड़ी भाभी का इशारा पाकर जय रश्मि के पीछे चल पड़ा। रश्मि अपने कमरे में जाकर बेड पर बैठ चुकी थी।जय भी कमरे में आया और बोला जी भाभी बताइए क्या बात है? रश्मि रुआंसी सी आकृति बनाकर बोली जय भाई प्लीज़ किसी तरह राज का पता लगाओ वे कहाँ हैं मुझे बहुत चिंता हो रही है उनकी।
जय ने भाभी के कंधे पर हाथ रखकर हल्का सा दबाया और सांत्वना देते हुए बोला रश्मि भाभी आप चिंता न करें राज भाई बिल्कुल ठीक होंगे। मैंने सुबह ही उनके कार्यालय से पता किया तो वहां से मुझे बताया गया कि उन्हें एक विशेष मिशन पर भेजा गया है जो बहुत जरूरी था। उन्हें बस एक व्यक्ति की मुखबिरी करना है उसके बाद वह वापस आ जाएंगे। यह सुनकर रश्मि बोली कि आज आएंगे ना वह वापस? रात एक निमंत्रण भी है। ???जय बोला कि भाभी आज तो मैं कुछ नहीं कि सकता बस उनके कार्यालय से इतना ही पता लगा है कि वह जल्द आएंगे। आप चिंता न करें बाहर बाकी मेहमानों के साथ आकर बैठ जाएँ आपका दिल लगा रहेगा।
यह कह कर जय कमरे से निकल गया। कुछ ही देर बाद रश्मि ने भी अपनी आँसुओं से लथपथ आँखें साफ की और मेकअप को एक हल्का सा स्पर्श देकर बाहर मेहमानों के पास जा कर बैठ गई। राज की बहनें कल्पना व पिंकी भी वहीं मौजूद थीं जबकि शाम तक रश्मि की कुछ कॉलेज फ्रेंड्स भी आ चुकी थीं। कॉलेज फ्रेंड्स को लेकर रश्मि अपने कमरे में आ गई। कमरे में आते ही रश्मि की दोस्तों ने रश्मि को घेर लिया और पूछने लगी कि राज भाई के साथ रात कैसी गुज़री? जिस पर रश्मि ने थोड़ा शरमाते हुए और थोड़ा इठलाते हुए उन्हें अपना मुंह दिखाई उपहार भी दिखाया और दबे शब्दों में अपना कुँवारा पन समाप्त होना भी बताया। रश्मि की एक दोस्त जो ज्यादा ही मुँह फट थी वे बोली तुमको भी खाली करवाया राज भाई ने या खुद ही 2 मिनट में समाप्त होकर साइड मे पड़ गए ??इस पर रश्मि ने बड़े घमंड से कहा कि उन्हें वापस तो आने दे तुझे भी वह 5 बार खाली करवा देंगे। इस पर सभी सहेलियाँ खिलखिला कर हंस पड़ी।
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