"वो जिस हॉस्टल में रहती है वही पास में मेरे भाई का घर है तो जब छोटी थी तो छुट्टियों में वहीँ चली जाती थी. हम भी अक्सर उससे मिलने वही चले जाते थे पर अब तो १२वी में है, बड़ी हो गयी है, ट्रेन में अकेले चली आती है और भाई भाभी कहीं बाहर गए थे तो वो यहाँ चली आई." दिव्या ने जवाब दिया.
"कितने साल की हो गयी सुरभि" मैंने पुछा.
"उसके बारे में कुछ गन्दा मत सोचो." दिव्या ने मुझे टोका.
"कैसी बात करती हो. मैं तो ऐसे हो पुछ रहा था. वैसे यार काफी दिन हो गए रेणुका ने भी फ़ोन नहीं किया और न ही राजेश ने. ये लोग जब पहुचे थे तब फोन किया था फिर कोई खबर ही नही दी." मैंने बात बदलते हुए कहा.
"अरे राजेश को तो नयी चूत मिली है. वो अभी कम से कम ६ महीने उसी में डूबा रहेगा और रही बात रेणुका की तो उसे भी तो खुल कर चुदाने का मौका पहली बार मिला है. तुमने देखा नहीं पर राजेश जब मूड में होता है तो औरत को एकदम रंडी बना कर चोदता है, गाली देता है, पेशाब पीना पिलाना, कोई लिमिट नहीं रखता. उस सेक्स में अपना ही एक मजा होता है. तुम तो वैसा कभी करते नहीं तो तुम्हे क्या पता होगा पर मैं जानती हूँ की रेणुका तो मस्त हो गयी होगी अब उनको हमारी याद क्या आयेगी." दिव्या ने कहा.
"मुझे पता है. ऐसा नहीं है की डर्टी सेक्स मैंने नहीं किया है." मैंने दिव्या से कहा.
"क्या रेणुका के साथ कभी किया है?" दिव्या ने पुछा.
"नहीं रेणुका के साथ तो नहीं पर अपनी बहन के साथ किया है. हम एक दुसरे से बहुत प्यार करते है. सिर्फ वही है जिसका मैंने पेशाब भी पिया है." मैंने दिव्या से कहा.
"अच्छा. वैसे देखने में तो रश्मि बड़ी सीधी लगती थी." दिव्या ने कहा.
"तुम भी तो बहुत सीधी लगती हो मेरी जान. बच्चो के स्कूल की इस टीचर को कोई चुदते वक़्त देखे." मैंने कहा और हम दोनों हसने लगे. दिव्या बोली "आज तुम भी राजेश की तरह मुझे रंडी बनाकर चोदना. गालियाँ दे देकर."
नए पड़ोसी complete
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Re: नए पड़ोसी
तभी दरवाजे की बेल बजी. मैंने दिव्या से कहा "मैं छत पर चला जाता हूँ तब तुम दरवाजा खोलना."
दिव्या बोली "नहीं. तुम बाथरूम में चले जाओ. कोई भी होगा मैं उसको टाल दूँगी."
मैं जल्दी से बाथरूम में चला गया और देखने लगा की कौन आया है. मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब मैंने देखा की दरवाजे पर रश्मि दीदी खड़ी है. दीदी दिव्या से बोली "भाभी जी मैं आपके पडोसी मनीष की बहन हूँ. उसको बर्थडे सरप्राइज देना था तो बताया नहीं की मैं आने वाली हूँ पर मुझे ही सरप्राइज मिल गया. मनीष के घर पर कोई नहीं है. काफी देर से बेल बजा रही हूँ पर कोई दरवाजा नहीं खोल रहा."
"अरे रश्मि मैं तुम्हे पहचानती हूँ. अच्छा हुआ जो मेरे घर आ गयी. मनीष यही है."दिव्या ने रश्मि दीदी को बोला और घर के अन्दर ले आई.
"कहाँ है मनीष और रेणुका." दीदी ने अन्दर आकर पुछा.
"मनीष तो बाथरूम में है पर रेणुका यहाँ नहीं है" दिव्या बोली.
" रेणुका नहीं है तो मनीष यहाँ क्या कर रहा है? " दीदी ने पुछा.
"रेणुका तो बैंकाक गयी है तो मनीष मेरे पास खाना खाने आता है." दिव्या बोली.
मुझे लगा की दीदी को सब बात मुझे ही बतानी चाहिए तो आगे कुछ बात हो इससे पहले ही मैं बाथरूम से निकल आया. आते ही मैंने रश्मि को गले लगाया और पुछा "अरे दीदी तुम अचानक बिना बताये."
"अरे तेरे जीजा कुछ दिनों के लिए बाहर गए है तो मैं बोर हो रही थी. सोचा की कुछ दिन तेरे और रेणुका के साथ गुजारू और कल तेरा बर्थडे भी तो है इसीलिए चली आई पर रेणुका किसके साथ गयी तूने मुझे बताया नहीं." दीदी ने पुछा.
"चलो पहले घर चलो बाकी बात वहीँ करते है." मैंने दीदी से कहा.
"पर खाना" दिव्या ने पुछा.
"
दिव्या बोली "नहीं. तुम बाथरूम में चले जाओ. कोई भी होगा मैं उसको टाल दूँगी."
मैं जल्दी से बाथरूम में चला गया और देखने लगा की कौन आया है. मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब मैंने देखा की दरवाजे पर रश्मि दीदी खड़ी है. दीदी दिव्या से बोली "भाभी जी मैं आपके पडोसी मनीष की बहन हूँ. उसको बर्थडे सरप्राइज देना था तो बताया नहीं की मैं आने वाली हूँ पर मुझे ही सरप्राइज मिल गया. मनीष के घर पर कोई नहीं है. काफी देर से बेल बजा रही हूँ पर कोई दरवाजा नहीं खोल रहा."
"अरे रश्मि मैं तुम्हे पहचानती हूँ. अच्छा हुआ जो मेरे घर आ गयी. मनीष यही है."दिव्या ने रश्मि दीदी को बोला और घर के अन्दर ले आई.
"कहाँ है मनीष और रेणुका." दीदी ने अन्दर आकर पुछा.
"मनीष तो बाथरूम में है पर रेणुका यहाँ नहीं है" दिव्या बोली.
" रेणुका नहीं है तो मनीष यहाँ क्या कर रहा है? " दीदी ने पुछा.
"रेणुका तो बैंकाक गयी है तो मनीष मेरे पास खाना खाने आता है." दिव्या बोली.
मुझे लगा की दीदी को सब बात मुझे ही बतानी चाहिए तो आगे कुछ बात हो इससे पहले ही मैं बाथरूम से निकल आया. आते ही मैंने रश्मि को गले लगाया और पुछा "अरे दीदी तुम अचानक बिना बताये."
"अरे तेरे जीजा कुछ दिनों के लिए बाहर गए है तो मैं बोर हो रही थी. सोचा की कुछ दिन तेरे और रेणुका के साथ गुजारू और कल तेरा बर्थडे भी तो है इसीलिए चली आई पर रेणुका किसके साथ गयी तूने मुझे बताया नहीं." दीदी ने पुछा.
"चलो पहले घर चलो बाकी बात वहीँ करते है." मैंने दीदी से कहा.
"पर खाना" दिव्या ने पुछा.
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Re: नए पड़ोसी
:?: "बस अभी आते है. दीदी का सामान रख आऊं और दीदी कपडे भी बदल लेंगी." मैंने कहा और दीदी का बैग उठा कर दीदी के साथ घर आ गया. घर आते मैंने दीदी को पकड़ा और उन्हें
किस करने लगा दीदी ने भी मेरा साथ दिया तो मैंने दीदी का ब्लाउज खोल दिया और दीदी की चून्चियो को दबाने लगा.
दीदी बोली "रुक जा रुक जा. पहले जरा नहा लूं तो थकान उतर जाए. फिर तो मैं १५ दिन तेरे पास ही हूँ पर पहले ये बता की रेणुका का क्या सीन है."
"वो बैंकाक गयी है. काफी दिन हो गए अब तो २-३ दिन में आने वाली होगी. अपने राजेश के साथ गयी है " मैंने कहा.
"कौन राजेश." दीदी ने पुछा.
"अरे अपना पडोसी राजेश." मैंने कहा.
"क्या? तूने अपनी बीवी को पडोसी के साथ विदेश भेज दिया." रश्मि ने पुछा.
"अरे दीदी वो मेरी बीवी ले गया और बदले में अपनी बीवी मुझे दे गया है." मैंने दीदी को समझाते हुए कहा.
"अच्छा तो मतलब तू वहां खाना खाने नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ करने गया था." दीदी ने कहा.
"राजेश वहां दिन रात मेरी बीवी को पेल रहा होगा तो मैं उसकी बीवी को न चोदुं." मैंने दीदी से कहा तो वो हसने लगी और बोली "हमको हमारे पडोसी भी कमाल के मिलते है. पहले वाला बहन बदलता था और ये वाला बीवी बदलता है. मैं तो तुझे बर्थडे गिफ्ट में अपनी चूत देने आई थी पर तूने तो पहले ही इन्तेजाम कर रखा है."
"गिफ्ट तो लूँगा ही. आज तुमको और दिव्या को एक ही बिस्तर पर चोद कर." मैंने दीदी को जकड़ते हुए कहा.
"तो क्या उसको पता है की तू मुझे चोदता है?" दीदी ने पुछा.
"हाँ उसको और राजेश दोनों को पता है. अब तुम १५ दिन के लिए आई हो तो वो तुम्हे बिना चोदे नहीं छोड़ेगा. बहुत ठरकी आदमी है." मैंने कहा.
"अच्छी बात है पर लंड कैसा है उसका. ठीक ठाक है न." दीदी ने पुछा मतलब उनको कोई ऐतराज नहीं था.
"मेरे जैसा ही है. तुम्हे मजा आयेगा. चलो अब वापस चलो." मैंने दीदी से कहा.
"तू जा. मैं नहा कर आती हूँ." बोल कर दीदी नहाने चली गयी और मैं दिव्या के पास चला गया. दिव्या ने पुछा "अब क्या होगा." मैंने बोला "वही जो होने वाला था बस मुझे अब कुछ दिन एक की जगह दो चूतें मिलेंगी. मैंने दीदी को हमारे बारे में सब बता दिया है वो बस आती ही होंगी."
किस करने लगा दीदी ने भी मेरा साथ दिया तो मैंने दीदी का ब्लाउज खोल दिया और दीदी की चून्चियो को दबाने लगा.
दीदी बोली "रुक जा रुक जा. पहले जरा नहा लूं तो थकान उतर जाए. फिर तो मैं १५ दिन तेरे पास ही हूँ पर पहले ये बता की रेणुका का क्या सीन है."
"वो बैंकाक गयी है. काफी दिन हो गए अब तो २-३ दिन में आने वाली होगी. अपने राजेश के साथ गयी है " मैंने कहा.
"कौन राजेश." दीदी ने पुछा.
"अरे अपना पडोसी राजेश." मैंने कहा.
"क्या? तूने अपनी बीवी को पडोसी के साथ विदेश भेज दिया." रश्मि ने पुछा.
"अरे दीदी वो मेरी बीवी ले गया और बदले में अपनी बीवी मुझे दे गया है." मैंने दीदी को समझाते हुए कहा.
"अच्छा तो मतलब तू वहां खाना खाने नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ करने गया था." दीदी ने कहा.
"राजेश वहां दिन रात मेरी बीवी को पेल रहा होगा तो मैं उसकी बीवी को न चोदुं." मैंने दीदी से कहा तो वो हसने लगी और बोली "हमको हमारे पडोसी भी कमाल के मिलते है. पहले वाला बहन बदलता था और ये वाला बीवी बदलता है. मैं तो तुझे बर्थडे गिफ्ट में अपनी चूत देने आई थी पर तूने तो पहले ही इन्तेजाम कर रखा है."
"गिफ्ट तो लूँगा ही. आज तुमको और दिव्या को एक ही बिस्तर पर चोद कर." मैंने दीदी को जकड़ते हुए कहा.
"तो क्या उसको पता है की तू मुझे चोदता है?" दीदी ने पुछा.
"हाँ उसको और राजेश दोनों को पता है. अब तुम १५ दिन के लिए आई हो तो वो तुम्हे बिना चोदे नहीं छोड़ेगा. बहुत ठरकी आदमी है." मैंने कहा.
"अच्छी बात है पर लंड कैसा है उसका. ठीक ठाक है न." दीदी ने पुछा मतलब उनको कोई ऐतराज नहीं था.
"मेरे जैसा ही है. तुम्हे मजा आयेगा. चलो अब वापस चलो." मैंने दीदी से कहा.
"तू जा. मैं नहा कर आती हूँ." बोल कर दीदी नहाने चली गयी और मैं दिव्या के पास चला गया. दिव्या ने पुछा "अब क्या होगा." मैंने बोला "वही जो होने वाला था बस मुझे अब कुछ दिन एक की जगह दो चूतें मिलेंगी. मैंने दीदी को हमारे बारे में सब बता दिया है वो बस आती ही होंगी."
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Re: नए पड़ोसी
अति सुंदर अपडेट
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मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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