देखो कैसे लोहे की रॉड की तरह खड़ा है मोटा ताजा खुद सोच तेरे अंदर जाएगा तो दुनिया का असली मज़ा मिल जाएगा। और कहती है एक तुम हो जो इतना मोटा लंड पसंद नहीं आ रहा और नखरे कर रही है दूसरी ओर मेरी माँ है जब से मैंने उसे तस्वीर दिखाई है वह पागल हो गई है मुझे बार बार कहती है कि वसीम को मेरे लिए तैयार कर मुझे उसका लंड अपने अंदर लेना है वो तेरे भाई लंड के लिए मर रही है। भाई मैंने उसे गुस्से में कहा तेरी माँ ने तो अपने सगे भाई को भी नहीं छोड़ा और संतान होने के बाद भी अपने भाई के नीचे आराम से लेट जाती है तो अपने दामाद मेरे भाई का लंड तो अच्छा लगेगा ही इसमें हैरान होने वाली कौन सी बात है। तो भाई फिर वो मुझे बाजी के बारे में गंदी गंदी बातें बोलने लगी।
मैंने कहा बाजी के बारे में क्या कहती है। तो नबीला ने कहा भाई वो कहती है हां तो तेरी बड़ी बहन भी कौन सी पवित्र है। शादी से पहले ही अपने पति को छिप-छिपकर मिलती थी कभी उसके घर चली जाती थी कभी अपने घर बुला लेती थी उसने भी तो शादी से पहले ही अपने पति का लंड कितनी बार अंदर करवा लिया था। 1 बार तो मैंने खुद उसे रंगे हाथ पकड़ा था। जब वह मजे से लंड गाण्ड में लेकर उछल रही थी। और मुझे देखकर शर्मिंदा होने की बजाय मुझे कहती है कौन सा किसी गैर करवा रही हूँ मेरा होने वाला जीवन साथी ही है ना।
भाई मैंने उसे कहा इस में कौन सी इतनी बड़ी बात है वह कोई गैर तो नहीं था मामू का बेटा था और बाद में उसकी शादी भी तो उसके साथ ही हो गई थी। तुम्हारी तरह तो नहीं कि शादी से पहले अपने किसी गैर और बाहर के यार के साथ मुंह काला किया फिर मेरे भाई के जीवन में आ गई और उसे भी धोखा दिया और अपने साथ अपनी माँ को भी अपने यार के नीचे लेटा दिया। इतना ही अपनी इज़्ज़त और परिवार का ख्याल होता तो तुम माँ बेटी बाहर किसी गैर के आगे मुँह मारने और फिर उनके हाथों ब्लैकमेल होने से बेहतर था जैसे तेरी माँ ने अपने सगे भाई को ही अपना दोस्त बना लिया था तुम्हें भी नीचे लेटा देती कम से कम घर का बंदा और सगा होने के नाते तुम लोगों को ब्लैकमेल तो नहीं करता जैसे आज वो हरामी तुम माँ बेटी का यार इमरान तुम दोनों को ब्लैकमेल करके खुद भी मज़ा लूट रहा है और दूसरों को भी लुटा रहा होगा। अब तो तुम दोनों माँ बेटी पे विश्वास ही नहीं रहा था पता नहीं कितने लोगों से करवा चुकी होंगी।
भाई मुझे आगे कहती है बस बस कर मैं तुम्हें भी और तेरी बहन को अच्छी तरह जानती हूँ। भाई मेरी गाण्ड पर हाथ मार कर कहती है यह जो इतनी बड़ी गाण्ड बना ली है यह ऐसे ही नहीं बन जाती उसे ऐसा करने के लिए कितना समय लंड अंदर लेना पड़ता है फिर जाकर ऐसी गाण्ड बनती है। मुझे तो शक है तू भी यहां गांव में किसी के साथ चुपचाप चक्कर चला कर बैठी है और छुप छुप कर लंड अंदर बाहर करवा रही है इसलिए तो तेरा शरीर इतना भर गया और गाण्ड भी मस्त हो गई है। कहती है आने दे इस बार तेरे भाई को कैसे उसे उकसाती हूँ तेरी बहन का किसी के साथ चक्कर है और वह छुप-छुप कर किसी से मिलकर मज़ा लूट रही है जरा उसका शरीर तो देख उसका फिर देखना तेरी कैसी शामत आती है।
भाई मैंने आगे कहा, तुम जो इच्छा हो कर लो मेरे माता पिता और मेरे भाई का मुझे अच्छी तरह पता है तुम खुद ही मुश्किल में आ जाओगी क्योंकि अब तो मुझे पता है फिर भाई और अब्बा जी अम्मी और सारे परिवार को तेरी और तेरी माँ की करतूत पता चलेंगी तो भाई वो कहती है देखा जाएगा और मुझे कहती है तेरी बड़ी बहन एक नंबर की कंजरी है जब मलाई के अगले दिन अपने माता पिता के घर गई थी तो मुझे फोन करके कहती है ज़ुबैदा सुनाओ क्या हाल है और सुनाओ सुहाग रात कैसी गुज़री थी। मेरे भाई ने ज़्यादा तंग तो नहीं किया था। और मैंने तेरी बहन को बताया था कि बाजी आपके भाई बहुत क्रूर है उसने पहली रात को 3 बार चोद कर रख दिया था सुबह मेरी कमर में इतना दर्द था कि मुझ से चला भी नहीं जा रहा था। तो आगे तेरी पाक बहन कहती है ज़ुबैदा ऐसा नहीं हो सकता मेरा भाई बहुत अच्छा बन्दा है वह किसी पे अत्याचार कर ही नहीं सकता। तुम पे ऐसा कौन सा अत्याचार कर दिया तुम्हारी कमर में दर्द शुरू हो गया था और तुम चल भी नहीं सकती थी। फिर मैंने तेरी बहन को बताया कि बाजी यह तुम कह सकती हो मुझसे पूछो जिसने उस रात को 3 बार उसे सहन किया है आपने तो अपने भाई का लंड देखा भी नहीं होगा मैंने पूरा अन्दर लिया था वह भी एक रात में 3 बार मेरी जान निकल गई थी। लगभग 7 इंच लंबा और मोटा लंड था। तेरे भाई का मैंने तो लिया है इसलिए बता रही हूँ . आपने तो नहीं लिया है न इसलिए उसका अत्याचार तुम्हें कैसे महसूस होगा। और पता है आगे तेरी कंजरी बहन क्या कहती है ज़ुबैदा पहली बार ऐसा ही होता है और मज़ा भी तो मजबूत और मोटे लंड से ही आता है जब पूरा अंदर जड़ तक जाता है। तो मज़ा आ जाता है और मजे में दुनिया भूल जाती है। और तुम खुशनसीब हो मेरे भाई के जैसा मजबूत लंड वाला जीवन साथी मिला है। सारा जीवन मज़ा करोगी। अगर वह मेरा जीवन होता तो सुबह शाम उसका लंड अंदर लेती और कभी अपने कमरे से भी निकलने न दें। फिर मैंने तेरी दीदी को कहा था बाजी अगर इतना ही तुम्हें अनुभव है तो तुम क्यों नहीं एक बार अपने भाई से करवा कर देख लेती जब वह पूरा अंदर डालेगा तो एक बार में ही आपको पता चल जाएगा तुम्हारा भाई कितना अत्याचार करता है। अगर यकीन नहीं आता एक बार अपने भाई से करवा कर देख लो खुद ही पता चल जाएगा। तो पता है तेरी बहन आगे कहती है। ज़ुबैदा में तो लगभग रोज ही अपने पति का अंदर लेती हूँ तो गाण्ड में भी लेती हूँ मुझे तो असली मज़ा आता है हाँ यह अलग बात है जितना तुम मेरे भाई का मोटा और मजबूत लंड बता रही हो इतना तो मेरे पति का नहीं है इससे छोटा है लेकिन फिर भी मैं तो योनी में और गाण्ड में आसानी से अपने भाई के लंड को ले लूँगी पहली बार थोड़ा मुश्किल होगी लेकिन उसके बाद तो मज़ा ही मज़ा होगा। लेकिन मेरी किस्मत में शायद ऐसा लंड नहीं लिखा है। वह अब तेरे नसीब में है। मैं तो कहती हूँ तुम सहन कर लिया करो फिर कुछ दिन बाद तुम्हें आदत हो जाएगी तो खुद ही मेरे भाई को दिन मे भी लंड डालने के लिए कहा करोगी अभी तो शायद वह तुम्हारी गाण्ड नहीं मारता होगा अगर वह मारता तो शायद तुम फिर मर ही गई होती। तो मैंने कहा तुम्हारे भाई ने मुझ से फरमाइश की थी लेकिन मैंने खुद मना कर दिया था योनी को ही रगड़ कर रख देता है तो गाण्ड में तो मार ही डालेगा। फिर तेरी बाजी ने आगे कहा ज़ुबैदा देख लो भले ही मेरे पति का लंड मेरे भाई जैसा लंबा नहीं लेकिन फिर भी योनी में और गाण्ड में हर दिन पूरा अंदर लेती हूँ मैं भी तो हिम्मत करती हूँ तुम भी कर लिया करो। और मेरे भाई को खुश कर दिया करो और खुद भी हुआ करो आगे तुम्हारी इक्षा है।
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Re: बीबी से प्यारी बहना
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: बीबी से प्यारी बहना
भाई मैंने उसे कहा तुम यह सब बकवास कर रही हो मेरी बहन इतना तुम से नहीं बोल सकती। तो ज़ुबैदा आगे कहती है ठीक है आने दो तुम्हारी बहन को फिर तुम्हें खुद ही उसके सामने करवा दूंगी तो पूछ लेना और मैं बकवास कर रही हूं या सच बोल रही हूँ।
मैंने पूछा नबीला आप फिर ज़ुबैदा आगे क्या जवाब दिया। तो नबीला कहा भाई खुद तो शायद बाजी अकेले ये बातें पूछ सकती थी लेकिन ज़ुबैदा आगे नहीं पूछ सकती थी हम दोनों बहन एक दूसरे के सामने इज्जत नहीं रहनी थी। लेकिन भाई फिर ज़ुबैदा ने उस दिन मेरे साथ इतना बुरा वर्ताव किया कि में आपको बता नहीं सकती।
मैंने कहा नबीला जितना कुछ तुमने सुना और बोल चुकी हो अब तुम्हें कुछ अभी छुपा ना नहीं चाहिए। बता दो उसने क्या किया तुम्हारे साथ। ।
नबीला आगे बोली वह भाई वह भाई। ।
मैंने कहा क्या वो में वो लगाई हुई है सीधी तरह बताओ क्या हुआ था। तो नबीला कहा भाई ज़ुबैदा ने अपना हाथ नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से ही मेरी योनी वाली जगह पे रख दिया और थोड़ा मसला तो उसका हाथ गीला हो गया और अपने गीले हाथों को अपनी नाक के पास ले जाकर सूंघने लगी और बोली वाह मेरी नबीला रानी मुझे तो पाक प्रसार व्याख्यान ऐसे दे रही थी और अपने आप को देखा है अपने भाई के लंड और अपनी बहन की योनी और गाण्ड की गर्म गर्म बातें सुनकर तुम भी नीचे झड हो चुकी हो इसका मतलब है तुम्हे अपने भाई का लंड बहुत पसंद है और मैं ज़ुबैदा बात सुनकर ही अपने कमरे में भाग गई और नबीला ने यह बात कहकर फोन काट दिया था। और नबीला की सारी बातें सुनकर मेरा मन तो भटक ही गया था
लेकिन जब मेरी नज़र नीचे अपनी सलवार पै गई तो मेरा लंड तन के फुल खड़ा था और मेरी सलवार भी गीली हुई थी शायद मेरा अपना भी कुछ वीर्य निकल चुका था मैंने समय देखा तो 12 बज चुके थे और पाकिस्तान में 2 बज गए थे। अब अपनी बहन और ज़ुबैदा से सब कुछ जान चुका था और मेरी चिंता खत्म हो चुकी थी लेकिन इन सब बातों के कारण मेरा रिएक्शन यानी मेरे लंड का खड़ा होना और पानी छोड़ना यह मुझे अजीब भी और मजेदार भी लगा । फिर मैं उठ कर नहाया कपड़े बदल दिए और फिर अपने बेड पे लेट गया और सोचते सोचते पता नहीं कब नींद आ गई और सो गया। उस दिन के बाद मुझे और नबीला को फिर इस विषय पे बात करने का मौका न मिला जब भी पाकिस्तान घर में बात होती तो नबीला से भी बस थोड़ी बहुत हाल हवाले पूछ कर बात समाप्त हो जाती थी। मुझे अब नबीला से इस विषय पे बात किए हुए कोई 4 महीने बीत चुके थे। और मुझे पाकिस्तान से वापस सऊदी आए हुए भी लगभग 8 महीने बीत चुके थे समय तेजी से गुजर रहा था मुझे सऊदी में रहते हुए लगभग 8 साल हो चुके थे मैंने बहुत ज्यादा पैसा कमाया था और उसे अपनी और घर की जरूरतों पे खर्च भी किया था और काफी सारा पैसा जमा भी किया था कुछ पाकिस्तान में बैंक में रखा था अब्बा जी के खाते में जो बाद में संयुक्त खाता बन गया था। और कुछ पैसा सऊदी में ही बैंक में जमा किया हुआ था जब से मेरी नबीला से उस विषय पे बातें हुई थी मैंने पक्के तौर पर पाकिस्तान जाने की योजना बनाना शुरू कर दिया था और यह भी प्लान करने लगा था कि पाकिस्तान जाकर अपना व्यवसाय शुरू करूँगा। और ज़ुबैदा और नबीला और बाजी जमीला की समस्या भी घर में रह कर हल कर सकता था। और फिर मैंने काफी सोच विचार के बाद फैसला कर लिया मुझे बाकी 1 साल और कुछ महीने और मेहनत करनी होगी और फिर अपना सारा पैसा लेकर इस बार 2 साल पूरे होने पे हमेशा के लिए सऊदी से वापस अपने देश पाकिस्तान चला जाऊँ जाएगा। इसलिए मैंने अपने बाकी समय में अधिक मेहनत शुरू कर दी और एक बार फिर 14 घंटे टैक्सी चलाने की ड्यूटी देने लगा अब मैं आधा वक्त दिन और आधा वक्त रात को टैक्सी चलाता था। और इस तरह ही मुझे 1 साल पूरा हो गया। और मेरा 1 साल और बाकी सऊदी में रह गया था। एक दिन रात को अपनी टैक्सी में ही बाहर खड़ा एक सवारी का इंतजार कर रहा था लगभग 10: 40 का समय होगा मुझे नबीला के नंबर्स से मिस कॉल आई। मैं थोड़ा परेशान हो गया इतनी रात खैर ही हो कुछ समस्या तो नही हो गई मैंने तुरंत कॉल मिलाई तो नबीला मुझे अभिवादन किया और बोली भाई माफी चाहती हूँ इतनी रात को आप को तंग किया है। दरअसल वो आज ज़ुबैदा फिर अचानक लाहौर चली गई है दोपहर 2 बजे उसकी अम्मी का फोन आया था तो मैं अचानक ज़ुबैदा कमरे के आगे से गुजर रही थी तो मुझे हल्की हल्की ज़ुबैदा की फोन पे बात करने की आवाज़ आ रही थी मैं ने बस यह सुना था केउम्मी आप चिंता न करें कोई भी बहाना बनाकर आ जाऊँगी। आप इसे कहो मेरा स्टेशन पे इंतजार करे और जब तक मैं घर से निकल नहीं आती तो मेरे नंबर पे कॉल ना करे। और फिर फोन बंद हो गया बाहर खड़ी मैं सोचने लगी यह कंजरी फिर किसी चक्कर में ही अपनी माँ के पास जा रही है।
मैंने कमरे में देखा ज़ुबैदा अपने कपड़े बैग में रख रही थी तो कोई 15 मिनट बाद फिर ज़ुबैदा के नंबर पे कॉल आई शायद इस बार किसी और की कॉल थी बाद में पता चला वह उसके दोस्त इमरान की कॉल थी वह उसका मुल्तान स्टेशन पे इंतजार कर रहा था और उसे लाहौर लेने आया था ज़ुबैदा ने थोड़ा गुस्सा करते हुए अपने दोस्त को फोन पे कहा इमरान आप धैर्य नहीं होता मैंने अम्मी को फोन किया था न मुझे तुम फोन न करना जब तक मैं घर से निकल नहीं आती और तुम बाज नहीं आए भाई उसका यार पता नहीं आगे क्या बात कर रहा था। लेकिन ज़ुबैदा ने उससे कहा अच्छा अच्छा ज़्यादा बकवास मत करो ट्रेन में कर लेना। और इंतजार करो में बस 6 बजे तक वहां आ जाऊँगी और ज़ुबैदा ने अपना फोन बंद कर दिया।
वह घर से 5 बजे निकली थी और 7 बजे ट्रेन का समय था मुझे लगता है वो अभी भी वह शायद ट्रेन में ही होगी आप उसे कॉल करो और अपने साथ लो और पूछो कि वह रात के समय में लाहौर के लिए अकेली क्यों निकली है । मैंने कहा नबीला मेरी बात सुनो मेरी यहाँ से क्लास लेने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उल्टा शायद वह कोई और बकवास करे और मैं गुस्से में आ जाऊंगा तो समस्या हो जाएगी तो उस कंजरी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उसकी माँ गाँव से सब कुछ छोड़कर लाहौर में रहती है यह भी उसके पास चली जाएगी और उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन हमारे घर पे बहुत फर्क पड़ेगा । क्योंकि जब दूसरों से अम्मी को बाजी को उसके ससुराल वालों को और परिवार के लोगों को सारी सच्चाई पता चलेगी तो हमारे घर की बदनामी ज्यादा होगी सब यही कहेंगे इतने सालों से ज़ुबैदा और उसकी माँ यह सब कुछ कर रही और क्यों हमने पहले दिन से ही परिवार में किसी को उनकी असलियत नहीं बताई। इसलिए मेरी बहन जोश से नहीं होश से काम लेना है। और वह मेरी पत्नी भी है और सबसे बड़ी बात चाचा की बेटी है। मुझे उसे और उसकी माँ को उनकी ही भाषा में जवाब देना होगा और दोनों माँ बेटी को परिवार के योग्य और ठीक करना होगा। और यह मत भूलो कि साना बेचारी भी परिवार का हिस्सा है। इसका भी सोचना है। ज़ुबैदा ने तो अपनी जवानी में गलत काम किया है लेकिन चाची को उसके भाई तक तो मैं कुछ हद तक सहन कर ही लेता लेकिन वह अपनी बेटी के हमउम्र गैर लड़के को अपना सम्मान लूटा रही है और यह पहले ठीक करना है।
मैंने पूछा नबीला आप फिर ज़ुबैदा आगे क्या जवाब दिया। तो नबीला कहा भाई खुद तो शायद बाजी अकेले ये बातें पूछ सकती थी लेकिन ज़ुबैदा आगे नहीं पूछ सकती थी हम दोनों बहन एक दूसरे के सामने इज्जत नहीं रहनी थी। लेकिन भाई फिर ज़ुबैदा ने उस दिन मेरे साथ इतना बुरा वर्ताव किया कि में आपको बता नहीं सकती।
मैंने कहा नबीला जितना कुछ तुमने सुना और बोल चुकी हो अब तुम्हें कुछ अभी छुपा ना नहीं चाहिए। बता दो उसने क्या किया तुम्हारे साथ। ।
नबीला आगे बोली वह भाई वह भाई। ।
मैंने कहा क्या वो में वो लगाई हुई है सीधी तरह बताओ क्या हुआ था। तो नबीला कहा भाई ज़ुबैदा ने अपना हाथ नीचे ले जाकर सलवार के ऊपर से ही मेरी योनी वाली जगह पे रख दिया और थोड़ा मसला तो उसका हाथ गीला हो गया और अपने गीले हाथों को अपनी नाक के पास ले जाकर सूंघने लगी और बोली वाह मेरी नबीला रानी मुझे तो पाक प्रसार व्याख्यान ऐसे दे रही थी और अपने आप को देखा है अपने भाई के लंड और अपनी बहन की योनी और गाण्ड की गर्म गर्म बातें सुनकर तुम भी नीचे झड हो चुकी हो इसका मतलब है तुम्हे अपने भाई का लंड बहुत पसंद है और मैं ज़ुबैदा बात सुनकर ही अपने कमरे में भाग गई और नबीला ने यह बात कहकर फोन काट दिया था। और नबीला की सारी बातें सुनकर मेरा मन तो भटक ही गया था
लेकिन जब मेरी नज़र नीचे अपनी सलवार पै गई तो मेरा लंड तन के फुल खड़ा था और मेरी सलवार भी गीली हुई थी शायद मेरा अपना भी कुछ वीर्य निकल चुका था मैंने समय देखा तो 12 बज चुके थे और पाकिस्तान में 2 बज गए थे। अब अपनी बहन और ज़ुबैदा से सब कुछ जान चुका था और मेरी चिंता खत्म हो चुकी थी लेकिन इन सब बातों के कारण मेरा रिएक्शन यानी मेरे लंड का खड़ा होना और पानी छोड़ना यह मुझे अजीब भी और मजेदार भी लगा । फिर मैं उठ कर नहाया कपड़े बदल दिए और फिर अपने बेड पे लेट गया और सोचते सोचते पता नहीं कब नींद आ गई और सो गया। उस दिन के बाद मुझे और नबीला को फिर इस विषय पे बात करने का मौका न मिला जब भी पाकिस्तान घर में बात होती तो नबीला से भी बस थोड़ी बहुत हाल हवाले पूछ कर बात समाप्त हो जाती थी। मुझे अब नबीला से इस विषय पे बात किए हुए कोई 4 महीने बीत चुके थे। और मुझे पाकिस्तान से वापस सऊदी आए हुए भी लगभग 8 महीने बीत चुके थे समय तेजी से गुजर रहा था मुझे सऊदी में रहते हुए लगभग 8 साल हो चुके थे मैंने बहुत ज्यादा पैसा कमाया था और उसे अपनी और घर की जरूरतों पे खर्च भी किया था और काफी सारा पैसा जमा भी किया था कुछ पाकिस्तान में बैंक में रखा था अब्बा जी के खाते में जो बाद में संयुक्त खाता बन गया था। और कुछ पैसा सऊदी में ही बैंक में जमा किया हुआ था जब से मेरी नबीला से उस विषय पे बातें हुई थी मैंने पक्के तौर पर पाकिस्तान जाने की योजना बनाना शुरू कर दिया था और यह भी प्लान करने लगा था कि पाकिस्तान जाकर अपना व्यवसाय शुरू करूँगा। और ज़ुबैदा और नबीला और बाजी जमीला की समस्या भी घर में रह कर हल कर सकता था। और फिर मैंने काफी सोच विचार के बाद फैसला कर लिया मुझे बाकी 1 साल और कुछ महीने और मेहनत करनी होगी और फिर अपना सारा पैसा लेकर इस बार 2 साल पूरे होने पे हमेशा के लिए सऊदी से वापस अपने देश पाकिस्तान चला जाऊँ जाएगा। इसलिए मैंने अपने बाकी समय में अधिक मेहनत शुरू कर दी और एक बार फिर 14 घंटे टैक्सी चलाने की ड्यूटी देने लगा अब मैं आधा वक्त दिन और आधा वक्त रात को टैक्सी चलाता था। और इस तरह ही मुझे 1 साल पूरा हो गया। और मेरा 1 साल और बाकी सऊदी में रह गया था। एक दिन रात को अपनी टैक्सी में ही बाहर खड़ा एक सवारी का इंतजार कर रहा था लगभग 10: 40 का समय होगा मुझे नबीला के नंबर्स से मिस कॉल आई। मैं थोड़ा परेशान हो गया इतनी रात खैर ही हो कुछ समस्या तो नही हो गई मैंने तुरंत कॉल मिलाई तो नबीला मुझे अभिवादन किया और बोली भाई माफी चाहती हूँ इतनी रात को आप को तंग किया है। दरअसल वो आज ज़ुबैदा फिर अचानक लाहौर चली गई है दोपहर 2 बजे उसकी अम्मी का फोन आया था तो मैं अचानक ज़ुबैदा कमरे के आगे से गुजर रही थी तो मुझे हल्की हल्की ज़ुबैदा की फोन पे बात करने की आवाज़ आ रही थी मैं ने बस यह सुना था केउम्मी आप चिंता न करें कोई भी बहाना बनाकर आ जाऊँगी। आप इसे कहो मेरा स्टेशन पे इंतजार करे और जब तक मैं घर से निकल नहीं आती तो मेरे नंबर पे कॉल ना करे। और फिर फोन बंद हो गया बाहर खड़ी मैं सोचने लगी यह कंजरी फिर किसी चक्कर में ही अपनी माँ के पास जा रही है।
मैंने कमरे में देखा ज़ुबैदा अपने कपड़े बैग में रख रही थी तो कोई 15 मिनट बाद फिर ज़ुबैदा के नंबर पे कॉल आई शायद इस बार किसी और की कॉल थी बाद में पता चला वह उसके दोस्त इमरान की कॉल थी वह उसका मुल्तान स्टेशन पे इंतजार कर रहा था और उसे लाहौर लेने आया था ज़ुबैदा ने थोड़ा गुस्सा करते हुए अपने दोस्त को फोन पे कहा इमरान आप धैर्य नहीं होता मैंने अम्मी को फोन किया था न मुझे तुम फोन न करना जब तक मैं घर से निकल नहीं आती और तुम बाज नहीं आए भाई उसका यार पता नहीं आगे क्या बात कर रहा था। लेकिन ज़ुबैदा ने उससे कहा अच्छा अच्छा ज़्यादा बकवास मत करो ट्रेन में कर लेना। और इंतजार करो में बस 6 बजे तक वहां आ जाऊँगी और ज़ुबैदा ने अपना फोन बंद कर दिया।
वह घर से 5 बजे निकली थी और 7 बजे ट्रेन का समय था मुझे लगता है वो अभी भी वह शायद ट्रेन में ही होगी आप उसे कॉल करो और अपने साथ लो और पूछो कि वह रात के समय में लाहौर के लिए अकेली क्यों निकली है । मैंने कहा नबीला मेरी बात सुनो मेरी यहाँ से क्लास लेने से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उल्टा शायद वह कोई और बकवास करे और मैं गुस्से में आ जाऊंगा तो समस्या हो जाएगी तो उस कंजरी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि उसकी माँ गाँव से सब कुछ छोड़कर लाहौर में रहती है यह भी उसके पास चली जाएगी और उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन हमारे घर पे बहुत फर्क पड़ेगा । क्योंकि जब दूसरों से अम्मी को बाजी को उसके ससुराल वालों को और परिवार के लोगों को सारी सच्चाई पता चलेगी तो हमारे घर की बदनामी ज्यादा होगी सब यही कहेंगे इतने सालों से ज़ुबैदा और उसकी माँ यह सब कुछ कर रही और क्यों हमने पहले दिन से ही परिवार में किसी को उनकी असलियत नहीं बताई। इसलिए मेरी बहन जोश से नहीं होश से काम लेना है। और वह मेरी पत्नी भी है और सबसे बड़ी बात चाचा की बेटी है। मुझे उसे और उसकी माँ को उनकी ही भाषा में जवाब देना होगा और दोनों माँ बेटी को परिवार के योग्य और ठीक करना होगा। और यह मत भूलो कि साना बेचारी भी परिवार का हिस्सा है। इसका भी सोचना है। ज़ुबैदा ने तो अपनी जवानी में गलत काम किया है लेकिन चाची को उसके भाई तक तो मैं कुछ हद तक सहन कर ही लेता लेकिन वह अपनी बेटी के हमउम्र गैर लड़के को अपना सम्मान लूटा रही है और यह पहले ठीक करना है।
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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Re: बीबी से प्यारी बहना
मेरी बात सुनकर नबीला बोली भाई लेकिन ज़ुबैदा को किसी न किसी दिन तो उस लड़के से मिलने से रोकना है और चाची को भी रोकना है। लेकिन यह कैसे होगा और कब होगा। आप तो वहां बैठे हैं खुद ही यह समस्या ठीक कैसे होगा। और मैं आपकी बात नहीं समझ सकी आप कह रहे थे चाची और ज़ुबैदा को उनकी भाषा में ही समझा ना होगा। मैं आपकी बात को समझ नहीं पारही हूँ।
मैंने कहा देखो नबीला यह समस्या कब और कैसे हल होगी मैं खुद यह तय करूंगा और ठीक भी करूँगा और दूसरी बात मैं तुम्हें बता रहा हूँ मेरा यह यही साल है सऊदी में और मैंने अभी पक्का पक्का पाकिस्तान आने का कार्यक्रम बना लिया है इस बार पक्का आऊँगा। और फिर खुद घर आकर यह सब समस्या हल करूँगा
नबीला मेरी बात सुन कर खुश हो गई और तुरंत बोली भाई आप सच कह रहे हैं आप अपने घर लौट रहे हैं।
मैंने कहा हां मेरी बहन बिल्कुल सच कह रहा हूँ
लेकिन अब्बा जी और अम्मी को या बाजी किसी को भी यह बात अब पता न चले में वक्त आने पे खुद सबको बता दूंगा। तो नबीला बोली भाई आप बेफिक्र हो जाएं मैं किसी से भी बात नहीं करूंगी। लेकिन आप ने मुझे बहुत अच्छा सुसमाचार सुनाया है मेरा ज़ुबैदा के कारण बहुत मूड खराब था लेकिन आपने खुशख़बरी सुना कर मुझे खुश कर दिया है। फिर मैंने कहा नबीला मैं तुमसे एक बात करनी है तुम नाराज तो नही होगी तो नबीला ने कहा भाई आप कैसी बात करते हैं मैं आप से कभी भी नाराज नहीं हो सकती आप तो मेरी जान है।
मैंने कहा अच्छा यह बताओ ज़ुबैदा ने जो बाजी जमीला के बारे में बातें बताई थीं क्या बाजी से इस बारे में कोई बात हुई थी। अगर हुई थी तो बाजी ने आगे क्या कहा था। नबीला ने कहा भाई मैंने बहुत बार कोशिश की कि किसी दिन अकेले में बैठकर बाजी से ज़ुबैदा की सारी बात करूं बाजी भी कई बार घर में आकर रहती हैं लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं बनती उनसे बात करने की लेकिन भाई आप क्यों पूछ रहे हैं।
मैंने कहा अगर ज़ुबैदा की कही हुई बातें सच हैं तो ज़ुबैदा बाजी को भी ब्लैकमेल कर सकती है और अपनी दुश्मनी में उन्हें भी तंग कर सकती है। और शायद ज़ुबैदा को कुछ और भी बाजी के बारे में पता हो इसलिए मैं चाहता था कि तुम बाजी से खुलकर बात करो और उन्हें ज़ुबैदा वाली सारी बातें बता दो। लेकिन एक बात का मुझसे वादा करना होगा कि तुमने बाजी को जरा सा भी आभास नहीं होने देना है कि यह सब बातें मुझे भी पता है। बस ये ही शो करवाना है कि यह बातें सिर्फ तुम्हें या बाजी को ही पता है।
नबीला ने कहा भाई मैं वादा करती हूँ कि मैं बाजी को अपना पता ही नहीं लगने दूंगी और दूसरा बाजी को अगले सप्ताह आना है इस बार विस्तार से बात करूंगी और ज़ुबैदा की सारी बात उन्हें बताना चाहूंगी और यह भी पता चल जाएगा कि बाजी ने ज़ुबैदा से वो बातें की थीं या वह झूठ बोल रही थी।
मैंने कहा ठीक है। मैं इंतजार करूंगा। नबीला ने कहा जब बाजी से बात हो जाएगी तो आप को रात के वक्त ही मिस कॉल करूंगी और पूरा विवरण बता दूंगी। मैंने कहा ठीक है। फिर जब मैं कॉल कट करने लगा तो नबीला ने कहा भाई आप को एक बात बतानी थी। और यह बोल कर चुप हो गई मैने कुछ देर इस बात के लिए इंतजार किया लेकिन वह चुप थी मैंने कहा नबीला बताओ ना क्या बात बतानी थी। तो नबीला बोली भाई आप को उस दिन वाली बात याद है जब सुबह में आप को नाश्ते के लिए बुलाने आई तो ज़ुबैदा और आप खड़े थे। तो मुझे याद आया तो मैंने कहा नबीला मैंने इस घटना की तुमसे माफी मांगी थी तो क्यों फिर से पूछ रही हो। तो नबीला बोली भाई वह बात नहीं कर रही वास्तव में एक महीने पहले मुझे एक दिन ज़ुबैदा ने फिर अकेले में तंग किया अम्मी और अब्बा जी बुआ के घर गए हुए थे मैं अकेले थी। तो वो मुझे तंग करने लगी। कि नबीला याद है उस दिन जब मैंने तुम्हारे भाई का लंड कमरे में पकड़ा हुआ था और तुम नाश्ते की कहने के लिए आई थी। उस दिन तो तुमने अपने भाई का सलवार में खड़ा लंड वास्तव में देखा था बताओ ना तुम्हें अपने भाई का लंड कैसा लगा और मुझे तंग करने लगी। और बार बार आपका नाम लेकर और भाई आप के लंड की प्रशंसा करके मेरी गाण्ड हाथ से मसल रही थी। भाई मैं उसकी इन हरकतों से बहुत तंग हूँ। में भी जीती जागती इंसान हूँ मेरे भी भावनाए है मैं आप बताइए मैं उसे क्या जवाब दूँ। या आप खुद ही समझा दो कि वो मुझे तंग न करे।
मैंने कहा नबीला एक बात सच सच बताएगी। तो नबीला ने कहा जी भाई पूछो क्या पूछना है। मैंने कहा जब तुम्हे ज़ुबैदा मेरा नाम लेकर या मेरी किसी चीज़ का नाम लेकर तंग करती है तो तुम्हारे मन में क्या ख्याल आता है। मेरी बात सुनकर नबीला चुप हो गई 2 बार उससे कहा कुछ तो बोलो फिर मैंने कहा अच्छा मेरी बात बुरी लगी है तो माफी चाहता हूँ और फोन बंद कर देता हूँ।
वह बोली नहीं भाई माफी किस बात की मांग कर रहे हैं। भाई माना मैं औरत हूँ जवान हूँ भावनाओं रखती हूँ, लेकिन मैं उसे अपने ही भाई के बारे में क्या जवाब दूं। मैंने कहा देखो अगर तुम उससे अपनी जान छुड़वाना चाहती हो तो जब भी वो तुम्हें तंग करे तुम आगे से हँस दिया करो और उसे तंग करने के लिए कभी कभी बोल दिया करो तुम अपनी माँ को मेरे भाई के नीचेलेटा दो ना वह तो वैसे भी मर रही है। और खुद भी अपनी गाण्ड में मेरे भाई का मोटा लंड लिया करो अपने यार से तो बड़े मजे से अंदर करवाती हो।
नबीला ने कहा भाई यह कैसे बोल सकती हूँ।
मैंने कहा मुझे थोड़ी बोलना है तुम्हें तो ज़ुबैदा को बोलना है जब तुम्हें तंग करे तुम उसे ये बातें सुना दिया करो फिर देखो वह खुद ही तुम्हारी जान छोड़ देगी।
मैंने कहा देखो नबीला यह समस्या कब और कैसे हल होगी मैं खुद यह तय करूंगा और ठीक भी करूँगा और दूसरी बात मैं तुम्हें बता रहा हूँ मेरा यह यही साल है सऊदी में और मैंने अभी पक्का पक्का पाकिस्तान आने का कार्यक्रम बना लिया है इस बार पक्का आऊँगा। और फिर खुद घर आकर यह सब समस्या हल करूँगा
नबीला मेरी बात सुन कर खुश हो गई और तुरंत बोली भाई आप सच कह रहे हैं आप अपने घर लौट रहे हैं।
मैंने कहा हां मेरी बहन बिल्कुल सच कह रहा हूँ
लेकिन अब्बा जी और अम्मी को या बाजी किसी को भी यह बात अब पता न चले में वक्त आने पे खुद सबको बता दूंगा। तो नबीला बोली भाई आप बेफिक्र हो जाएं मैं किसी से भी बात नहीं करूंगी। लेकिन आप ने मुझे बहुत अच्छा सुसमाचार सुनाया है मेरा ज़ुबैदा के कारण बहुत मूड खराब था लेकिन आपने खुशख़बरी सुना कर मुझे खुश कर दिया है। फिर मैंने कहा नबीला मैं तुमसे एक बात करनी है तुम नाराज तो नही होगी तो नबीला ने कहा भाई आप कैसी बात करते हैं मैं आप से कभी भी नाराज नहीं हो सकती आप तो मेरी जान है।
मैंने कहा अच्छा यह बताओ ज़ुबैदा ने जो बाजी जमीला के बारे में बातें बताई थीं क्या बाजी से इस बारे में कोई बात हुई थी। अगर हुई थी तो बाजी ने आगे क्या कहा था। नबीला ने कहा भाई मैंने बहुत बार कोशिश की कि किसी दिन अकेले में बैठकर बाजी से ज़ुबैदा की सारी बात करूं बाजी भी कई बार घर में आकर रहती हैं लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं बनती उनसे बात करने की लेकिन भाई आप क्यों पूछ रहे हैं।
मैंने कहा अगर ज़ुबैदा की कही हुई बातें सच हैं तो ज़ुबैदा बाजी को भी ब्लैकमेल कर सकती है और अपनी दुश्मनी में उन्हें भी तंग कर सकती है। और शायद ज़ुबैदा को कुछ और भी बाजी के बारे में पता हो इसलिए मैं चाहता था कि तुम बाजी से खुलकर बात करो और उन्हें ज़ुबैदा वाली सारी बातें बता दो। लेकिन एक बात का मुझसे वादा करना होगा कि तुमने बाजी को जरा सा भी आभास नहीं होने देना है कि यह सब बातें मुझे भी पता है। बस ये ही शो करवाना है कि यह बातें सिर्फ तुम्हें या बाजी को ही पता है।
नबीला ने कहा भाई मैं वादा करती हूँ कि मैं बाजी को अपना पता ही नहीं लगने दूंगी और दूसरा बाजी को अगले सप्ताह आना है इस बार विस्तार से बात करूंगी और ज़ुबैदा की सारी बात उन्हें बताना चाहूंगी और यह भी पता चल जाएगा कि बाजी ने ज़ुबैदा से वो बातें की थीं या वह झूठ बोल रही थी।
मैंने कहा ठीक है। मैं इंतजार करूंगा। नबीला ने कहा जब बाजी से बात हो जाएगी तो आप को रात के वक्त ही मिस कॉल करूंगी और पूरा विवरण बता दूंगी। मैंने कहा ठीक है। फिर जब मैं कॉल कट करने लगा तो नबीला ने कहा भाई आप को एक बात बतानी थी। और यह बोल कर चुप हो गई मैने कुछ देर इस बात के लिए इंतजार किया लेकिन वह चुप थी मैंने कहा नबीला बताओ ना क्या बात बतानी थी। तो नबीला बोली भाई आप को उस दिन वाली बात याद है जब सुबह में आप को नाश्ते के लिए बुलाने आई तो ज़ुबैदा और आप खड़े थे। तो मुझे याद आया तो मैंने कहा नबीला मैंने इस घटना की तुमसे माफी मांगी थी तो क्यों फिर से पूछ रही हो। तो नबीला बोली भाई वह बात नहीं कर रही वास्तव में एक महीने पहले मुझे एक दिन ज़ुबैदा ने फिर अकेले में तंग किया अम्मी और अब्बा जी बुआ के घर गए हुए थे मैं अकेले थी। तो वो मुझे तंग करने लगी। कि नबीला याद है उस दिन जब मैंने तुम्हारे भाई का लंड कमरे में पकड़ा हुआ था और तुम नाश्ते की कहने के लिए आई थी। उस दिन तो तुमने अपने भाई का सलवार में खड़ा लंड वास्तव में देखा था बताओ ना तुम्हें अपने भाई का लंड कैसा लगा और मुझे तंग करने लगी। और बार बार आपका नाम लेकर और भाई आप के लंड की प्रशंसा करके मेरी गाण्ड हाथ से मसल रही थी। भाई मैं उसकी इन हरकतों से बहुत तंग हूँ। में भी जीती जागती इंसान हूँ मेरे भी भावनाए है मैं आप बताइए मैं उसे क्या जवाब दूँ। या आप खुद ही समझा दो कि वो मुझे तंग न करे।
मैंने कहा नबीला एक बात सच सच बताएगी। तो नबीला ने कहा जी भाई पूछो क्या पूछना है। मैंने कहा जब तुम्हे ज़ुबैदा मेरा नाम लेकर या मेरी किसी चीज़ का नाम लेकर तंग करती है तो तुम्हारे मन में क्या ख्याल आता है। मेरी बात सुनकर नबीला चुप हो गई 2 बार उससे कहा कुछ तो बोलो फिर मैंने कहा अच्छा मेरी बात बुरी लगी है तो माफी चाहता हूँ और फोन बंद कर देता हूँ।
वह बोली नहीं भाई माफी किस बात की मांग कर रहे हैं। भाई माना मैं औरत हूँ जवान हूँ भावनाओं रखती हूँ, लेकिन मैं उसे अपने ही भाई के बारे में क्या जवाब दूं। मैंने कहा देखो अगर तुम उससे अपनी जान छुड़वाना चाहती हो तो जब भी वो तुम्हें तंग करे तुम आगे से हँस दिया करो और उसे तंग करने के लिए कभी कभी बोल दिया करो तुम अपनी माँ को मेरे भाई के नीचेलेटा दो ना वह तो वैसे भी मर रही है। और खुद भी अपनी गाण्ड में मेरे भाई का मोटा लंड लिया करो अपने यार से तो बड़े मजे से अंदर करवाती हो।
नबीला ने कहा भाई यह कैसे बोल सकती हूँ।
मैंने कहा मुझे थोड़ी बोलना है तुम्हें तो ज़ुबैदा को बोलना है जब तुम्हें तंग करे तुम उसे ये बातें सुना दिया करो फिर देखो वह खुद ही तुम्हारी जान छोड़ देगी।
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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- Rohit Kapoor
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Re: बीबी से प्यारी बहना
शर्माजी अपडेट बहुत अच्छा है
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(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
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Re: बीबी से प्यारी बहना
वावो अपने पूराने अंदाज मे