ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete
- Ankit
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
Superb update
- rajsharma
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
बहुत ही अच्छा अपडेट है दोस्त
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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- jay
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
thanks all
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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- jay
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
धनंजय बिल पे करने काउंटर पे खड़ा था और हम टेबल पर बैठे उसका इंतजार कर रहे थे, कि तभी वहाँ 10-12 लड़के एंटर हुए, फुल ऑफ मस्ती नशे में झूमते हुए..
घुसते ही हंगामा, चारों तरफ नज़र दौड़ाई, और फिर जैसे ही उनकी नज़र उन लड़कियों पर पड़ी, वो उधर को ही बढ़ गये.
लड़कों का लीडर जो एक मरियल सा दिखने वाला, यही कोई 25-26 साल का लंबे मिथुन कट बाल आँखें चढ़ि हुई..
“सीना संदूक, गान्ड बंदूक ! हाथ अगरबत्ती, पाँव मोमबत्ती”. शायद ये उपमा काफ़ी थी उसके व्यक्तित्व को दर्शाने के लिए…
हां बाकी सब ज़्यादातर हट्टे-कट्टे थे, शायद उसके पैसों का नाजायज़ फ़ायदा ले रहे होंगे उसकी चमचागिरी करके..!
मरियल लड़का, लड़कियों की टेबल के पास खड़े होते हुए जो साथ में हिल भी रहा था बोला- अरे वाह ! यहाँ तो सुंदरियों का मेला लगा है, और हम साला शहर में भटक रहा है..
और एक लड़की का हाथ पकड़ते हुए बोला- चलो उठो रानी हमारे साथ, तुम लोगों को जन्नत की सैर करते हैं, यहाँ क्या इस सडेले से रेस्तरा में बैठी हो..! और अपने साथियों की तरफ घूम कर..
चलो रे एक-एक करके उठा लो इनको और ले चलो अड्डे पे….
वो साले सांड भी पक्के गुलाम निकले उस मरियल के, उसके बोलते ही उन्होने बिना सोचे समझे उन लड़कियों को उठा भी लिया,
लड़कियाँ चीख पुकार करने लगी, छूटने के लिए हवा में हाथ पैर भी मार रही थी, मज़ाल कि कोई माई का लाल उस पूरे रेस्टोरेंट में उठा हो उनकी मदद के लिए.
अबतक धनंजय लौट रहा था बिल देके और वो लड़के निकल रहे थे उन लड़कियों को लेके, तो सामने आ गया, और उस मरियल से बोला.
धनंजय – आए..! भाई कहाँ ले जा रहे हो इन बेचारी लड़कियों को..?
मरियल - तेरे से मतलब…! हट आगे से और उसने धनंजय को धक्का देना चाहा, लेकिन वो तो टस-से-मस नही हुआ उल्टा वो मरियल अपनी झोंक में ही एक तरफ लूड़क गया.
तब तक उसके चार साथी आकर धनंजय से भिड़ गये, दो ने उसके दोनो हाथ पकड़ लिए और एक ने उसके मुँह पर मुक्का मारा,
मेरे वाकी साथी, मेरी ओर देख रहे थे और सोच रहे थे कि मे कुछ कर क्यों नही रहा और ना ही किसी को बोला उसकी मदद के लिए..
उधर जैसे ही उस गुंडे ने मुक्का घुमाया उसे मारने के लिए, धनंजय झुक गया, नतीजा उस गुंडे का मुक्का उसके एक साथी के थोबडे पर पड़ा जो धनंजय को पकड़े था एक तरफ.
वो गुंडा धडाम से पीछे को गिरा और धनंजय एक तरफ से आज़ाद हो गया, और फ्री हुए हाथ का मुक्का उस दूसरे वाले की कनपटी पे मारा..
तबतक चौथा उसे मारने बढ़ा तो धनंजय ने एक फ्लाइयिंग किक उसकी कनपटी पे रसीद करदी और वो बुरी तरह चीखते हुए जिधर से आया था उधर ही ढेर हो गया.
जब उनके चार-चार साथी फर्श की धूल चाट गये, तो जो गुंडे लड़कियों को उठाए हुए थे उन्होने उन लड़कियों को नीचे उतारा और अपने साथियों की मदद के लिए आगे आए, झट से हम सभी दोस्त उठा खड़े हुए और उनके सामने आ गये, मैने उनसे कहा,…!
ये फाउल है भाई.. 4 के उपर 1 तो ठीक है, अब और नही.. और फिर हम सबने मिलकर उन गुण्डों की वो धुलाई की… वो धुलाई की… कि निर्मा की सफेदी भी फीकी पड़ गयी..
वो लड़कियाँ हमें कृीतग्यता से देख रही थी. तब तक मॅनेजर ने पोलीस को फोन कर दिया था, सो पोलीस भी वहाँ आ गई और उन गुण्डों को उठा लेगयि, और हमें उन लड़कियों के साथ थाने आकर स्टेट्मेंट देने के लिए बोल गये.
अब जीप में तो इतनी जगह थी नही कि वो लड़कियाँ भी बैठ सकें क्योंकि हम ही 10 लोग थे. तो धनंजय और रोहन को उनके साथ टॅक्सी में लेकर जाने को बोलकर हम 8 जाने जीप से थाने पहुँच गये…!
उधर थाने में तो मामला ही उल्टा निकला, पोलीस उन गुण्डों को हवालात में डालने की वजाय, थाना इंचार्ज अपने ऑफीस में बिठा कर उनकी खातिरदारी कर रहा था,
हम थाने में धनंजय वग़ैरह से पहले पहुँच गये थे, हमें देखकर इनस्पेक्टर ने हमसे लड़कियों के बारे में पुछा, तो हमने बताया कि वो आती ही होगी आप एफआइआर लिखो….
हमारी बात सुनकर उस इनस्पेक्टर ने जो हमसे कहा, उसे सुनकर हम दंग रह गये….!
इंस्पेक्टर- एफआइआर..? कोन्सि एफआइआर..? किसकी एफआइआर..? और किसके खिलाफ…?
मे मुँह फाडे उसकी तरफ देखता रह गया..! फिर कुछ देर बाद बोला- इन गुण्डों के खिलाफ और किसके खिलाफ..? ये उस रेस्टोरेंट में उन लड़कियों को उठाके ले जेया रहे थे ज़ोर ज़बरदस्ती से, इसलिए..!
इंस्पेक्टर- तुम लोगों को शायद कोई ग़लत फहमी हो गयी है, ये तो बहुत सरीफ़ लोग हैं, मे इन्हें व्यक्तिगत तौर से जानता हूँ.
फिर आगे बोला- जानते हो ये कॉन हैं..? उस मरियल की तरफ इशारा करके बोला.. ये मुन्ना बाबू हैं, यहाँ के एमएलए साब के सुपुत्र…!
अब मुझे बात समझ में आई कि क्यों ये इनकी मेहमान नवाज़ी कर रहा है..?
मे- अच्छा तो ये एमएलए का कपुत है, इसलिए आप लोग इसकी चापलूसी में लगे हो..! अब कुछ-2 मेरी समझ में आरहा है.
इंस्पेक्टर- आए लड़के तमीज़ से बात कर वरना…
मे- वरना…? वरना क्या..? क्या करोगे, फाँसी चढ़ा दोगे हमें..?
इंस्पेक्टर- देखो ये एमएलए साब के सुपुत्र हैं, मामले को समझने की कोशिश करो.. और तुम लोग यहाँ से चले जाओ.. मे उन लड़कियों से बात कर लेता हूँ सब कुछ सही है कोई प्राब्लम नही होगी.
मे- आप ये बार-2 एमएलए का नाम लेके क्या साबित करने चाहते हो..? क्या एमएलए जनता ने गुंडागर्दी या अयाशी करने के लिए चुना है..?
हमारी ये वार्तालाप चल ही रही कि तबतक धनंजय और रोहन भी उन लड़कियों को साथ लेकर आ गये..!
घुसते ही हंगामा, चारों तरफ नज़र दौड़ाई, और फिर जैसे ही उनकी नज़र उन लड़कियों पर पड़ी, वो उधर को ही बढ़ गये.
लड़कों का लीडर जो एक मरियल सा दिखने वाला, यही कोई 25-26 साल का लंबे मिथुन कट बाल आँखें चढ़ि हुई..
“सीना संदूक, गान्ड बंदूक ! हाथ अगरबत्ती, पाँव मोमबत्ती”. शायद ये उपमा काफ़ी थी उसके व्यक्तित्व को दर्शाने के लिए…
हां बाकी सब ज़्यादातर हट्टे-कट्टे थे, शायद उसके पैसों का नाजायज़ फ़ायदा ले रहे होंगे उसकी चमचागिरी करके..!
मरियल लड़का, लड़कियों की टेबल के पास खड़े होते हुए जो साथ में हिल भी रहा था बोला- अरे वाह ! यहाँ तो सुंदरियों का मेला लगा है, और हम साला शहर में भटक रहा है..
और एक लड़की का हाथ पकड़ते हुए बोला- चलो उठो रानी हमारे साथ, तुम लोगों को जन्नत की सैर करते हैं, यहाँ क्या इस सडेले से रेस्तरा में बैठी हो..! और अपने साथियों की तरफ घूम कर..
चलो रे एक-एक करके उठा लो इनको और ले चलो अड्डे पे….
वो साले सांड भी पक्के गुलाम निकले उस मरियल के, उसके बोलते ही उन्होने बिना सोचे समझे उन लड़कियों को उठा भी लिया,
लड़कियाँ चीख पुकार करने लगी, छूटने के लिए हवा में हाथ पैर भी मार रही थी, मज़ाल कि कोई माई का लाल उस पूरे रेस्टोरेंट में उठा हो उनकी मदद के लिए.
अबतक धनंजय लौट रहा था बिल देके और वो लड़के निकल रहे थे उन लड़कियों को लेके, तो सामने आ गया, और उस मरियल से बोला.
धनंजय – आए..! भाई कहाँ ले जा रहे हो इन बेचारी लड़कियों को..?
मरियल - तेरे से मतलब…! हट आगे से और उसने धनंजय को धक्का देना चाहा, लेकिन वो तो टस-से-मस नही हुआ उल्टा वो मरियल अपनी झोंक में ही एक तरफ लूड़क गया.
तब तक उसके चार साथी आकर धनंजय से भिड़ गये, दो ने उसके दोनो हाथ पकड़ लिए और एक ने उसके मुँह पर मुक्का मारा,
मेरे वाकी साथी, मेरी ओर देख रहे थे और सोच रहे थे कि मे कुछ कर क्यों नही रहा और ना ही किसी को बोला उसकी मदद के लिए..
उधर जैसे ही उस गुंडे ने मुक्का घुमाया उसे मारने के लिए, धनंजय झुक गया, नतीजा उस गुंडे का मुक्का उसके एक साथी के थोबडे पर पड़ा जो धनंजय को पकड़े था एक तरफ.
वो गुंडा धडाम से पीछे को गिरा और धनंजय एक तरफ से आज़ाद हो गया, और फ्री हुए हाथ का मुक्का उस दूसरे वाले की कनपटी पे मारा..
तबतक चौथा उसे मारने बढ़ा तो धनंजय ने एक फ्लाइयिंग किक उसकी कनपटी पे रसीद करदी और वो बुरी तरह चीखते हुए जिधर से आया था उधर ही ढेर हो गया.
जब उनके चार-चार साथी फर्श की धूल चाट गये, तो जो गुंडे लड़कियों को उठाए हुए थे उन्होने उन लड़कियों को नीचे उतारा और अपने साथियों की मदद के लिए आगे आए, झट से हम सभी दोस्त उठा खड़े हुए और उनके सामने आ गये, मैने उनसे कहा,…!
ये फाउल है भाई.. 4 के उपर 1 तो ठीक है, अब और नही.. और फिर हम सबने मिलकर उन गुण्डों की वो धुलाई की… वो धुलाई की… कि निर्मा की सफेदी भी फीकी पड़ गयी..
वो लड़कियाँ हमें कृीतग्यता से देख रही थी. तब तक मॅनेजर ने पोलीस को फोन कर दिया था, सो पोलीस भी वहाँ आ गई और उन गुण्डों को उठा लेगयि, और हमें उन लड़कियों के साथ थाने आकर स्टेट्मेंट देने के लिए बोल गये.
अब जीप में तो इतनी जगह थी नही कि वो लड़कियाँ भी बैठ सकें क्योंकि हम ही 10 लोग थे. तो धनंजय और रोहन को उनके साथ टॅक्सी में लेकर जाने को बोलकर हम 8 जाने जीप से थाने पहुँच गये…!
उधर थाने में तो मामला ही उल्टा निकला, पोलीस उन गुण्डों को हवालात में डालने की वजाय, थाना इंचार्ज अपने ऑफीस में बिठा कर उनकी खातिरदारी कर रहा था,
हम थाने में धनंजय वग़ैरह से पहले पहुँच गये थे, हमें देखकर इनस्पेक्टर ने हमसे लड़कियों के बारे में पुछा, तो हमने बताया कि वो आती ही होगी आप एफआइआर लिखो….
हमारी बात सुनकर उस इनस्पेक्टर ने जो हमसे कहा, उसे सुनकर हम दंग रह गये….!
इंस्पेक्टर- एफआइआर..? कोन्सि एफआइआर..? किसकी एफआइआर..? और किसके खिलाफ…?
मे मुँह फाडे उसकी तरफ देखता रह गया..! फिर कुछ देर बाद बोला- इन गुण्डों के खिलाफ और किसके खिलाफ..? ये उस रेस्टोरेंट में उन लड़कियों को उठाके ले जेया रहे थे ज़ोर ज़बरदस्ती से, इसलिए..!
इंस्पेक्टर- तुम लोगों को शायद कोई ग़लत फहमी हो गयी है, ये तो बहुत सरीफ़ लोग हैं, मे इन्हें व्यक्तिगत तौर से जानता हूँ.
फिर आगे बोला- जानते हो ये कॉन हैं..? उस मरियल की तरफ इशारा करके बोला.. ये मुन्ना बाबू हैं, यहाँ के एमएलए साब के सुपुत्र…!
अब मुझे बात समझ में आई कि क्यों ये इनकी मेहमान नवाज़ी कर रहा है..?
मे- अच्छा तो ये एमएलए का कपुत है, इसलिए आप लोग इसकी चापलूसी में लगे हो..! अब कुछ-2 मेरी समझ में आरहा है.
इंस्पेक्टर- आए लड़के तमीज़ से बात कर वरना…
मे- वरना…? वरना क्या..? क्या करोगे, फाँसी चढ़ा दोगे हमें..?
इंस्पेक्टर- देखो ये एमएलए साब के सुपुत्र हैं, मामले को समझने की कोशिश करो.. और तुम लोग यहाँ से चले जाओ.. मे उन लड़कियों से बात कर लेता हूँ सब कुछ सही है कोई प्राब्लम नही होगी.
मे- आप ये बार-2 एमएलए का नाम लेके क्या साबित करने चाहते हो..? क्या एमएलए जनता ने गुंडागर्दी या अयाशी करने के लिए चुना है..?
हमारी ये वार्तालाप चल ही रही कि तबतक धनंजय और रोहन भी उन लड़कियों को साथ लेकर आ गये..!
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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Re: ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
आए लौन्डे ज़ुबान संभाल के बात कर, वरना में तेरा वो हाल करूँगा – वो हाल करूँगा..कि… तडाक….!!
अभी बात पूरी भी नही कर पाया वो मरियल के जगेश ने उसके कान पर एक और बजा दिया.
अपने मुँह पे ताला लगा हरामी वरना, यही टेन्टुअ दबा दूँगा साले, एक मिनट में खेल ख़तम कर दूँगा… तू हमें नही जानता.. मैने तैश में आकर कहा..,
तभी वो इनस्पेक्टर उठ खड़ा हुआ और इससे पहले की वो कुछ कहता या करता,
मे बोला- आए इनस्पेक्टर होश में आ, ऐसा ना हो कि तुझे भी लेने के देने पड़ जाएँ, ला फोन दे इधर, और फोन अपनी तरफ करके एसपी का नंबर लगा दिया..
दूसरी तरफ बेल जा रही थी, तभी इनस्पेक्टर बोला.. करले-2 फोन बुला ले तेरा जो भी कोई बाप हो उसे.. मे भी देखता हूँ तू क्या कर पाता है..
थोड़ी देर में एसपी ने फोन पिक कर लिया और हेलो बोलके पुछा- एसपी सिन्हा हियर, कॉन बोल रहे हैं.
मे- सर मे अरुण मेसी कॉलेज से…!
एसपी- ओह अरुण बोलो कैसे फोन किया.. सब ठीक तो है..?
मे- सर कुछ भी ठीक नही है, वरना मे आपको कष्ट ही क्यों देता..?
एसपी- अब क्या प्राब्लम हो गयी भाई.. ?
मैने उन्हें पूरी बात बताई तो उन्होने पुछा कॉन सा इनस्पेक्टर है, ज़रा फोन तो देना उसे..!
मैने फोन उस इनस्पेक्टर को दे दिया..
इंस्पेक्टर- हेलो ! हां ! में इनस्पेक्टर यादव बोल रहा हूँ, क्या तकलीफ़ है तुम्हें..?
एसपी- तकलीफ़ तो तुझे हो सकती है यादव, लगता अब तेरी वर्दी ही उतरवानी पड़ेगी, तेरी अकड़ अभी गयी नही..?
इंस्पेक्टर- हकलाते हुए… स.स.सस्स. जय हिंद सर.. सॉरी सर.. मुझे पता नही था, आप हैं फोन पर..!
एसपी- वो सब छोड़, ये क्या किस्सा है…? क्यों हर किसी से बदतमीज़ी से पेश आते हो, देखो तुम फिर कोई मुसीबत में पडो उससे पहले अरुण जैसे कहे वैसा करो, वरना इस बार तुम्हारी नौकरी भी नही बचेगी सोच लो.
इंस्पेक्टर- लेकिन सर दूसरी तरफ एमएलए साब के लड़के का मामला है, अब बताइए मे क्या करूँ..?
एसपी- अच्छा ? तुम अरुण को फोन दो एक मिनट. उसने मुझे फोन दिया.., एसपी आगे बोले- देखो अरुण हमारी भी मजबूरी समझो, लोकल लीडर को भी हमें तबज्जो देनी पड़ती है, तो जो आसानी से हल निकल सके वो निकाल लो प्लीज़..!
मे- ये आप क्या कह रहे हैं एसपी साब, उसको अभी छोड़ दिया तो वो फिरसे गुंडा गर्दि करेगा, इसने ज़बरदस्ती चार लड़कियों को उठवाया है.. ये कोई मामूली घटना नही है… अगर पोलीस ने कुछ नही किया तो जानते हैं क्या होगा..?
मेसी कॉलेज तो मेरे साथ है ही, इन लड़कियों का कॉलेज भी सड़क पे उतर आएगा और देखते-2 शहर के सभी स्कूल, कॉलेजस सड़कों पे होंगे, फिर एमएलए तो क्या, आपको और कमिशनर साब को भी जबाब देना भारी पड़ेगा.
आँखों देखे मे तो मक्खी नही निगल सकता, शहर में खुले आम गुंडागर्दी नही होने दूँगा मे..! चाहे इससे मेरा मशबिरा समझिए, या धमकी.
और आपको भी पता है, मे कोरी धमकी नही देता..! अब आप सोचिए क्या करना है..!
एसपी- ठीक है उस इनस्पेक्टर को फोन दो..! मैने फोन उसे पकड़ा दिया..
एसपी- यादव ! मामला इतना सीधा नही है, अरुण जो कहता है वो करो, एक एमएलए के लौन्डे को बचाने के लिए हम पूरे शहर की शांति को भंग नही कर सकते..! और जो वो कह रहा है, अगर ऐसी नौबत आ गयी, तो ये एमएलए भी रातों रात अपनी कुर्सी नही बचा पाएगा, फिर कॉन बचाएगा तुम्हें.
इंस्पेक्टर- ठीक है सर… जय हिंद सर…..!
आए हवलदार ! इन गुण्डों को हवालात में डालो जल्दी, क्या साला मुशिबत है, नेता की मानो तो पब्लिक भड़कती है, और पब्लिक की सुनो तो साले नेता हमारी बजाते हैं.
अभी बात पूरी भी नही कर पाया वो मरियल के जगेश ने उसके कान पर एक और बजा दिया.
अपने मुँह पे ताला लगा हरामी वरना, यही टेन्टुअ दबा दूँगा साले, एक मिनट में खेल ख़तम कर दूँगा… तू हमें नही जानता.. मैने तैश में आकर कहा..,
तभी वो इनस्पेक्टर उठ खड़ा हुआ और इससे पहले की वो कुछ कहता या करता,
मे बोला- आए इनस्पेक्टर होश में आ, ऐसा ना हो कि तुझे भी लेने के देने पड़ जाएँ, ला फोन दे इधर, और फोन अपनी तरफ करके एसपी का नंबर लगा दिया..
दूसरी तरफ बेल जा रही थी, तभी इनस्पेक्टर बोला.. करले-2 फोन बुला ले तेरा जो भी कोई बाप हो उसे.. मे भी देखता हूँ तू क्या कर पाता है..
थोड़ी देर में एसपी ने फोन पिक कर लिया और हेलो बोलके पुछा- एसपी सिन्हा हियर, कॉन बोल रहे हैं.
मे- सर मे अरुण मेसी कॉलेज से…!
एसपी- ओह अरुण बोलो कैसे फोन किया.. सब ठीक तो है..?
मे- सर कुछ भी ठीक नही है, वरना मे आपको कष्ट ही क्यों देता..?
एसपी- अब क्या प्राब्लम हो गयी भाई.. ?
मैने उन्हें पूरी बात बताई तो उन्होने पुछा कॉन सा इनस्पेक्टर है, ज़रा फोन तो देना उसे..!
मैने फोन उस इनस्पेक्टर को दे दिया..
इंस्पेक्टर- हेलो ! हां ! में इनस्पेक्टर यादव बोल रहा हूँ, क्या तकलीफ़ है तुम्हें..?
एसपी- तकलीफ़ तो तुझे हो सकती है यादव, लगता अब तेरी वर्दी ही उतरवानी पड़ेगी, तेरी अकड़ अभी गयी नही..?
इंस्पेक्टर- हकलाते हुए… स.स.सस्स. जय हिंद सर.. सॉरी सर.. मुझे पता नही था, आप हैं फोन पर..!
एसपी- वो सब छोड़, ये क्या किस्सा है…? क्यों हर किसी से बदतमीज़ी से पेश आते हो, देखो तुम फिर कोई मुसीबत में पडो उससे पहले अरुण जैसे कहे वैसा करो, वरना इस बार तुम्हारी नौकरी भी नही बचेगी सोच लो.
इंस्पेक्टर- लेकिन सर दूसरी तरफ एमएलए साब के लड़के का मामला है, अब बताइए मे क्या करूँ..?
एसपी- अच्छा ? तुम अरुण को फोन दो एक मिनट. उसने मुझे फोन दिया.., एसपी आगे बोले- देखो अरुण हमारी भी मजबूरी समझो, लोकल लीडर को भी हमें तबज्जो देनी पड़ती है, तो जो आसानी से हल निकल सके वो निकाल लो प्लीज़..!
मे- ये आप क्या कह रहे हैं एसपी साब, उसको अभी छोड़ दिया तो वो फिरसे गुंडा गर्दि करेगा, इसने ज़बरदस्ती चार लड़कियों को उठवाया है.. ये कोई मामूली घटना नही है… अगर पोलीस ने कुछ नही किया तो जानते हैं क्या होगा..?
मेसी कॉलेज तो मेरे साथ है ही, इन लड़कियों का कॉलेज भी सड़क पे उतर आएगा और देखते-2 शहर के सभी स्कूल, कॉलेजस सड़कों पे होंगे, फिर एमएलए तो क्या, आपको और कमिशनर साब को भी जबाब देना भारी पड़ेगा.
आँखों देखे मे तो मक्खी नही निगल सकता, शहर में खुले आम गुंडागर्दी नही होने दूँगा मे..! चाहे इससे मेरा मशबिरा समझिए, या धमकी.
और आपको भी पता है, मे कोरी धमकी नही देता..! अब आप सोचिए क्या करना है..!
एसपी- ठीक है उस इनस्पेक्टर को फोन दो..! मैने फोन उसे पकड़ा दिया..
एसपी- यादव ! मामला इतना सीधा नही है, अरुण जो कहता है वो करो, एक एमएलए के लौन्डे को बचाने के लिए हम पूरे शहर की शांति को भंग नही कर सकते..! और जो वो कह रहा है, अगर ऐसी नौबत आ गयी, तो ये एमएलए भी रातों रात अपनी कुर्सी नही बचा पाएगा, फिर कॉन बचाएगा तुम्हें.
इंस्पेक्टर- ठीक है सर… जय हिंद सर…..!
आए हवलदार ! इन गुण्डों को हवालात में डालो जल्दी, क्या साला मुशिबत है, नेता की मानो तो पब्लिक भड़कती है, और पब्लिक की सुनो तो साले नेता हमारी बजाते हैं.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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