प्यार था या धोखा

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naik
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Re: प्यार था या धोखा

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superb very nice fantastic
josef
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Re: प्यार था या धोखा

Post by josef »

अध्याय 13

कुछ ही दिन निकले थे की रोहन ने मुझे जिम का आफर दिया,मना करने का कोई सवाल ही सामने नही था ,मैं भी जिम को मिस करती थी ,और रोहन ने मुझे कहा वंहा सपना भी होगी ,और अगर गौरव और सपना के बीच कुछ हो रहा हो तो उसे मॉनिटर करने का सबसे अच्छा तरीका यही है ,मुझे पता था की वंहा सपना भी होगी ,लेकिन जब मैं गौरव के साथ वंहा पहुची तो मैंने ऐसे दिखाया की मुझे इसकी उम्मीद नही थी ,

वंहा सपना अपने जलवे बिखेर रही थी ,मैंने देखा की मेरे पति देव भी नजर बचा कर उसे देख रहे थे,साली थी भी इतनी टाइट,अब मुझे भी अपने जलवे दिखाने थे ताकि गौरव का ध्यान मुझपर भी थोड़ा जाए …

****************

यंहा से फिर से हम स्टोरी में जाते है लेकिन पहले रोहन और सपना का viwe भी देख लेते है ताकि स्टोरी सही तरीके से समझने में आसानी हो …

तो पहले सपना का viwe…

रोहन मैं और पूर्वी दुनिया के नजरो में बचपन के दोस्त थे ,ये सच भी था लेकिन कुछ चीजे ऐसी थी जो सिर्फ हमे ही पता थी..

पूर्वी और मैं दोस्त के साथ साथ सबसे बड़े कम्पीटिटर भी थे और रोहन..

रोहन के साथ तक बचपन तक तो दोस्ती का रिश्ता ही रहा लेकिन जवान होने के साथ साथ हम दोनों फ्रेंड विथ बेनिफिट वाले रिश्ते में आ चुके थे ,समझ लीजिए की हम दोनों फक बडिस थे ,

रोहन ही वो शख्स था जिसने मुझे कली से फूल बनाया था,हम दोनों को जब भी जिस्म की आग मिटाने की जरूरत पड़ती तो एक दूसरे के काम आते,हमारी दोस्ती अपने जगह थी और जिस्म का रिश्ता अपनी जगह इसका ये मतलब बिल्कुल भी नही था की हम एक दूसरे से प्यार करते थे,हमारा प्यार दोस्तो वाला ही था लेकिन हम ऐसे दोस्त थे जो आपस में सेक्स भी किया करते है,जिस्म का रिश्ता केवल जिस्मानी ही था,और इस बात की जानकारी किसी को भी नही थी ,यंहा तक की पूर्वी को भी नही ये हम दोनों का सीक्रेट था…

मेरे कई बॉयफ्रेंड हुए और रोहन को तो सेक्स की भूख थी ही,उसने कई लड़कियों को अपने नीचे किया,और कई के लिए मैंने उसकी मदद भी की ,लेकिन वो भी एक इंसान था और उसे एक लड़की को लेकर कुछ फीलिंग्स आनी शुरू हो गई ,ये हम सभी के लिए थोड़ा खतरनाक था,क्योंकि वो लड़की मेरी सबसे बड़ी दुश्मन और दोस्त थी,पूर्वी…

पूर्वी का रोहन के जीवन में आने का मतलब था रोहन की ऐयाशियों का खत्म हो जाना ,मैंने रोहन को ये बात समझाई भी लेकिन साला प्यार तो अंधा होता है ,उस चूतिये ने आखिर पूर्वी को प्रपोज कर ही दिया …

हुआ वही जो लगा था,एक अच्छा खासा प्ले बॉय किसी लड़की के प्यार में पड़ गया,रोहन उस दिन बेहद खुश था लेकिन मुझे उसपर बहुत गुस्सा आ रहा था,वो दोनों किस कर रहे थे ..मैं वंहा से निकल गई और रोहन मेरे पीछे मुझे मनाने आया …

“यार तुम जानती हो ना की मैं उसे प्यार करता हु ..”

“साले जानती हु तेरा प्यार ,दो बार चोदेगा तो तेरा प्यार उससे भी खत्म हो जाएगा ,लेकिन फिर क्या ?? फिर उसे छोड़ पायेगा जैसे बाकी लड़कियों को छोड़ देता है “

“मैं उससे सच में प्यार करता हु यार मैं उसे नही छोड़ने वाला”

“अच्छा और फिर मेरा क्या “

मैंने गुस्से से उसे देखा ,वो कमीना मुस्कुरा रहा था,उसने अपने हाथो को मेरे बूब्स पर टिका दिया और हल्के हल्के मसलने लगा

“तू तो मेरी जान है “

वो मुझे किस करने के लिए झुका ,मैंने अपना सर हटा लिया

“तेरी जान पूर्वी है मैं तो बस तेरी रांड हु,जब जी चाहे मेरे ऊपर चढ़ जाता है,मुझसे तो तू सिर्फ सेक्स करता है प्यार तो तू उससे करता है ..”

रोहन अब अवाक सा मुझे देख रहा था..

“सपना इस बारे में हम बात कर चुके है ना,हमारा रिश्ता बस जिस्मानी होगा,और तू भी तो इतने लड़को के साथ ...आज तक मैंने तुझे रोका क्या “

“बाकियों की बात अलग थी रोहन ,ये पूर्वी है ..हमारी सबसे अच्छी दोस्त है ,हम इससे कैसे धोखा कर पाएंगे “

रोहन अब थोड़ा सीरियस था,ये सच था की हमारे जीवन में कई लोग आये थे लेकिन हमे किसी से भी कोई फर्क नही पड़ा था,हम मजे करते थे ,लेकिन पूर्वी चाहे मेरी दुशमन ही क्यो ना हो वो बचपन की दोस्त भी तो थी,और रोहन भी उसे उतना ही प्यार करता था जितना मुझे…

दोस्ती वाला प्यार ,प्यार वाला प्यार और जिस्म वाला प्यार ...ये तीनो तरह के प्यार ने हमे फंसा दिया था..

हम तीनो में दोस्ती वाला प्यार भरपूर था,प्यार वाला प्यार अब रोहन और पूर्वी के बीच था और जिस्म वाला प्यार मेरे और रोहन के बीच ,इसे मैनेज कर पाना थोड़ा मुश्किल होने वाला था…

“सपना मैं पूर्वी को उस नजर से नही देखता यार तुझे भी पता है ,मैं उसे दुख नही दूंगा ..”

“और मुझे चोदता भी रहेगा “

मैं भभक गई थी

,रोहन ने मुझे पास ही रखे बिस्तर पर बिठाया

“तू क्या चाहती है ,अगर तू चाहे तो हम कभी सेक्स नही करेंगे,मैं पूर्वी के अलावा किसी के बारे में सोचूंगा भी नही ,”

रोहन का पूर्वी के लिए प्यार देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा लेकिन अगर मैं पूर्वी को ऐसे ही रोहन के साथ जाने देती तो शायद उसे कुछ शक हो जाता..

“ठीक है लेकिन मेरी दो शर्त है ..”

“क्या??”

“पहला की जब भी मुझे तेरी जरूरत पड़ेगी तू मेरे साथ सेक्स करेगा,ऐसे भी तेरे जैसा कोई कर भी तो नही पाता”

रोहन खुश हो गया था,साला कमीना

“और दूसरा “

“दूसरा की मैं ऐसे ही तुझे पूर्वी के साथ जाने नही दे सकती ,थोड़ा तमाशा तो करना ही पड़ेगा ना,बचपन का कंपीटिशन है उससे ऐसे ही जाने दी तो उसे भी शक हो जाएगा “

रोहन खुसी से मेरे ऊपर खुद गया

“आई लव यु मेरी जान ,थैक्स फ़ॉर सपोर्ट “

“कमीने हट यंहा से ,अगर कभी पूर्वी को हमारे रिलेशन के बारे में पता लग गया ना तो समझो सब खत्म हो जाएगा “

“यार आज तक लगा क्या जो अब लगेगा “

रोहन खुसी से मेरे होठो को चूमने लगा लेकिन मुझे कोई मुड़ नही था मैंने उसे धक्का दे कर हटा दिया …

“अब पूर्वी के होठो को चूमना ,जा अपनी गिरलफ्रेंड के साथ ऐश कर तब तक मैं कोई प्लान सोचती हु “

मैंने पूर्वी को चेलेंज दे दिया और साथ ही अपने पापा को भी मेरा साथ देने को कहा,मुझे पता था की इसके लिए मुझे डांटेंगे लेकिन ये भी मेरे प्लान का एक हिस्सा था,उन्होंने पूर्वी और मुझे पास बिठाकर समझाया ,

सब सही था पूर्वी और रोहन एक दूसरे के प्यार में खो रहे थे लेकिन मुझसे एक गलती हो गई …

उस पार्टी में मैंने थोड़ी ज्यादा पी ली थी ,रोहन और पूर्वी भी नशे में झूम रहे थे,मैंने ध्यान से रोहन को देखा,अभी तक जितने भी लड़को के साथ मेरे संबंध रहे है उनमें से रोहन सबसे हेंडसम था,और सबसे ताकतवर,उसके नीचे आने में जो मजा था वो मुझे कोई भी लड़का नही दे पाया था,सच में वो साला एक प्ले बॉय ही था,मेरे अंदर नशा बोलने लगा था,और जांघो को नीचे रोहन को देखकर खुजली भी बढ़ रही थी ,मैंने रोहन का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास खिंच लिया ,पूर्वी नशे में झूम रही थी उसने हमारी हरकत पर ध्यान नही दिया …

“ऊपर चल ना ,खुजली हो रही है “मैंने उसके कान में कहा और उसके होठो में मुस्कान फैल गई..

हम दोनों एक कमरे में गए और पहुचते ही रोहन मेरे ऊपर टूट गया..

“इतने दिन हो गए जबसे पूर्वी को प्रपोज किया है साला किसी से सेक्स नही किया हु “

वो उत्तेजना में मेरे गले को चूम रहा था,

“आह मैं भी तुझे अपने अंदर लेने को तड़फ रही हु ,साले ,जल्दी कर”

उसने मुझे खड़े खड़े ही चूमना शुरू कर दिया था ,

“सपना मेरी जान “उसने मेरे वक्षो को अपने हाथो में भर लिया ,वो उसे मसले जा रहा था और मैं बस सिसकियां ले रही थी ..

हमारे होठ मिल गए थे,उसने मुझे दीवाल से टिका दिया था ,उसके लिंग का आभास मुझे मेरे जांघो के बीच हो रहा था,वो कभी कभी उसे रगड़ देता,आजतक जितने भी लिंग मेरे अंदर गए उनमें सबसे कड़ा और बड़ा रोहन का ही था,वो पूरी ताकत लगा देता था ,मैं बीते दिनों में मिले सुख के याद से और भी मदहोश हो रही थी ,आज भी मुझे वैसा ही सुख मिलने वाला था,इतने दिनों तक मैं भी किसी के नीचे नही आयी थी ,

रोहन ने अपना पेंट नीचे कर लिया था और कपड़ो के ऊपर से ही मेरे जांघो के बीच उसका मर्दाना लिंग रगड़ खा रहा था मैं बेताब थी ,उसे अपने अंदर लेने को बेहद ही मचली हुई थी मेरे मुह से सिसकियां फुट रही थी ,

मेरा शर्ट पूरी तरह से खुला हुआ था,मैं ऊपर से बिल्कुल ही नंगी थी ,वही नीचे मैंने स्कर्ट पहन रखा था ,लेकिन रोहन का हाथ उस स्कर्ट के अंदर था,रोहन ने मेरी पेंटी उतार कर जमीन में फेक दिया था ,रोहन ने अपना अंडरवियर भी खिसका दिया था ,मैं सिसकियां ले रही थी वही रोहन पागलों की तरह मेरे स्कर्ट में अपने हाथ को चला रहा था,तभी मुझे सामने पूर्वी दिखाई दी ,पता नही मेरे अंदर क्या हुआ की मैंने रोहन को अपने से अलग नही किया बल्कि उसे और भी जोरो से अपने छतियो से जकड़ लिया ,

मेरे होठो में एक मुस्कान तैर गई थी

“ओह रोहन मेरी जान “और मेरी मुस्कान और गहरी हो गई

“रोहन…”पूर्वी की एक चीख सुनाई दी ,जैसे रोहन को होश आया हो ,वो मुड़ा और अवाक पूर्वी को देखने लगा,

पूर्वी रो रही थी बिल्कुल ही पागलों की तरह रो रही थी ,मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ की मैंने ये क्या कर दिया था लेकिन अब देर हो चुकी थी ,रोहन उसे समझने के लिए भागा लेकिन अब वो उसे समझता भी तो क्या …

पूर्वी कमरे से निकल चुकी थी….

थोड़ी ही देर बाद रोहन फिर से कमरे में आया

“ये हमने क्या कर दिया सपना ,”

वो रो रहा था,मैंने उसे अपने सीने से लगा लिया,सच में ये हमारे जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित होने वाली थी…

रोहन और पूर्वी का परिवार तो दोनों की शादी तक की सोच चुका था,मुझे भी पूर्वी का दिल दुखाकर कोई खुसी नही हुई लेकिन पता नही उस समय मेरे होठो पर वो मुस्कान क्यो आयी थी,शायद ये उस बचपन की आदत के कारण आयी थी जो हमारे परिवार से हमे मिली थी,एक दूसरे को नीचा दिखाना…

मुझे रोहन के लिए दुख था लेकिन अब क्या….




josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 14

पार्टी वाली घटना के दूसरे ही दिन वो हुआ जो मैंने जीवन में कभी नही सोचा था..

मेरे पास रोहन का काल आया और उसने मुझे पूर्वी के घर बुलाया,मैं बुरी तरह से डर गई थी की आखिर वो करना क्या चाहती थी ….जब मैं वंहा पहुची तो वंहा का दृश्य देखकर ही कांप गई..

पूर्वी बिस्तर में नंगी पड़ी थी और रोहन उसका पैर दबा रहा था,

जब उसने मुझे देखा तो रोहन की आंखों में शर्मिदगी तैर गई ..

रोहन की ये हालत मुझसे देखी नही जा रही थी,आखिर ये कैसा बदला था पूर्वी का ...वो उसे एक नॉकर की तरह ट्रीट कर रही थी..

पूर्वी ने मुझे एक सोफे में बैठने को कहा ,मेरे पास उसकी बात मानने के अलावा कोई चारा भी नही था...मैं बस अवाक थी

“रोहन बेबी,यंहा बड़ी गर्मी हो रही है थोड़ा चाट कर ठंडा कर दो ना”

पूर्वी ने अपनी उंगली से अपनी योनि की ओर इशारा किया..रोहन की आंखे फैल गई ,और उसने मुझे देखा,मैंने आंखों से ही उसे करने का इशारा किया

“अरे उधर क्या देख रहे हो ,इसे चाटना है ,सपना तुम कुछ पियोगी..”

पूर्वी की बाते मेरे दिल में दर्द का सबब बन रही थी मेरी आंखे लाल हो रही थी,थोड़ा पानी आ रहा था लेकिन शायद अभी और आना बाकी था,

रोहन उसकी योनि के पास झुक गया,मैं साफ साफ उसकी उत्तेजना को भांप सकती थी..उसने आखिर योनि को चाटना शुरू कर दिया

“आह गुड बेबी,लाइक अ डॉग ,यु आर गुड ..हम्म्म्म “

पूर्वी ये क्या कह रही थी ,मेरे ही सामने रोहन को इतना जलील कर रही थी,उसे कुत्ता बता रही थी,सच में मेरे दिल में एक जोरदार पीड़ा हुई ,मैं रोने लगी थी लेकिन इसका कोई मलतब नही रह गया था..

“ओह रोहन यु आर माय डॉग बेबी चूस इसे चूस सारा पानी पी जा,तू मेरा पालतू कुत्ता है ..ओह रोहन...”

पूर्वी अपने टांगो से रोहन के सर को अपने योनि में कस लिया ,रोहन छटपटा रहा था,लेकिन पूर्वी ने तब तक उसे ऐसे ही दबाए रखा जब तक की वो पूरी तरह से नही झर गई ,रोहन छूटते ही हांफने लगा,पूर्वी हंसती हुई उठी और उसके सर को सहलाया..

“ओ माय बेबी ,चलो अब जल्दी से कपड़े उतारो “

क्या ???

क्या अब वो मेरे सामने ही रोहन से सेक्स करने वाली है ,और रोहन भी उसके गुलाम की तरह अपने कपड़े निकलने लगा था,उसका लिंग पूरी तरह से तना हुआ था,साले को तो जन्नत मिलने वाली थी,लेकिन अब मुझसे और बर्दास्त नही हुआ मैं उठकर जाने लगी

“रुको कहा जा रही हो ,तुम्हे तो खेलना पसंद है ना.. फिर पूरा खेल देख कर ही जाओ “

उसके बात में एक व्यंग था..

‘तुम ..तुम आखिर साबित क्या करना चाहती हो “

मैं चिल्लाई

उसने एक कमीनी मुस्कान के साथ मुझे देखा,

“यही की एक मर्द को बहकाने के लिए सबसे आसान रास्ता औरत का जिस्म होता है,तुमने कपड़े उतारे तुम्हारी चाटने लगे,मैंने उतारी तो मेरी ,कुत्तों की जात ऐसी ही होती है “

कुत्तों की जात बोलते समय उसकी निगाह सीधे रोहन के निगाहों से मिली,उसके आंखों से एक ही पल में सारी उत्तेजना गायब हो गई,उसकी आंखे फिर से शर्म से भरकर नीची हो गई थी…

मैं अब और रोहन को इस हालत में नही देख सकती थी,ना ही पूर्वी को मैं तेजी से वंहा से निकली …

मुझे पूर्वी के लिए भी दुख हो रहा था,इतनी शरीफ लड़की को आखिर मैंने अपने जैसी ही बना दिया ...मैं रोते हुए जा रही थी,आज मुझे पता चला था की प्यार में धोखा खाया आदमी क्या कुछ कर सकता था लेकिन उसे धोखा किसने दिया था..

मैंने या रोहन ने..

या हम दोनों ने ..

क्या सच में रोहन उससे प्यार करता था या वो बस धोखा था…

**************

सब कुछ मानो शांत ही हो गया हो ,पूर्वी ने हमसे दूरी बना ली …

कुछ दिन बीते ही थे की मुझे पता चला की पूर्वी आजकल लाइब्रेरी में ज्यादा बैठा करती है ,

मैं भी उस दिन लाइब्रेरी पहुची ,हमारे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी इतनी बड़ी थी जैसे लगता था की कोई पूरा शहर ही बसाया गया हो ,किताबो का शहर,वंहा मैंने हमारे साइंस ग्रुप के छात्र बैठ कर बाते कर रहे थे ,मैं उसपर बिल्कुल भी ध्यान नही देती अगर मुझे पूर्वी का नाम नही सुनाई देता,मैं लाइन से रखे ख़िताबो की दीवार के पीछे पहुची ,ये फुसफुसाहट सी आवाजे थी ,

“वो तो हर समय बस गौरव सर को ही देखती रहती है,”

“हा यार सर कितने लक्की है ना जो इतनी अच्छी माल उन्हें लाइन देती है “

एक लड़के की बात से सभी मुह दबाकर हँसने लगे,तभी एक लड़की बोल उठी

“अरे कहे की माल,इन अमीर बाप की औलादों को तुम नही जानते,पहले रोहन उसका बॉयफ्रेंड था,उससे ब्रेकअप हो गया तो सर पर डोले डाल रही है कमीनी”

उसकी आवाज में नफरत थी ..

“लगता है तुझे जलन हो रही है “

एक लड़के के मजाक से वो लड़की और भी भभक गई

“मुझे क्यो जलन होगी ,लेकिन मैं ऐसे लड़कियों को अच्छे से जानती हु ,और सर कभी भी उसे भाव नही देंगे”

आखिर ये गौरव सर है कौन,अचानक मुझे याद आय की ये तो वही है जिन्होंने उस दिन पूर्वी को अपने साथ अपने घर ले गए थे,हमारे केमेस्ट्री के प्रोफेसर..

मुझे भी केमेस्ट्री अच्छी लगती थी,मैंने सोचा इसी बहाने थोड़ी जासूसी भी हो जाएगी ,मैं उनका हर क्लास अटेंड करने लगी ,उनके हर क्लास में पूर्वी मौजूद रहती ,साथ ही उनके साथ लाइब्रेरी में लगने वाले प्राइवेट क्लास में भी …

मैं कभी उनके सामने नही आयी,और लाइब्रेरी में ज्यादा समय बिताने लगी,एक दिन वो हुआ जो मैंने सोचा नही था,

सर की प्राइवेट क्लास खत्म हुई ,सभी स्टूडेंट चले गए थे,सर भी उठे और ऊपर की तरफ जाने लगे,सबसे ऊपर की फ्लोर में सिर्फ टीचर्स ही जाया करते थे,वंहा अधिकतर रिसर्च पेपर रखे होते थे,जिन्हें स्टूडेंट्स के पहुच से दूर रखा जाना होता था,जब मैं भी वंहा पहुची तो एक गार्ड ने मुझे रोक दिया ..

“यंहा सिर्फ टीचर्स को ही अनुमति है मेडम “

मैंने गार्ड को ध्यान से देखा और अपने पर्स से 500 के दो नोट निकाल कर हिलाया..

“मेडम नॉकरी चली जाएगी..”

उसकी लालची आंखे उन नोटो पर टिकी थी,

“मुझे ज्यादा देर का कोई काम नही है ,बस कुछ पेपर देखने थे”

उसने इधर उधर देखा

“ठीक है लेकिन मोबाइल,पर्स यही छोड़ना होगा,बस एक कॉपी और पेन ही अंदर ले जा सकती हो आप “

मैंने कन्डीशन को स्वीकार कर लिया,और मोबाइल पर्स छोड़कर अंदर चली गई ,

वंहा कोई भी नही जाता था ,रजिस्टर में मुझे एंट्री नही करनी पड़ी ,

वो पूरा फ्लोर भी काफी बड़ा था,और चारो तरफ कबाड़ जैसे पेपर्स मैगजीन्स और ना जाने क्या क्या डॉक्यूमेंट पड़े हुए थे,अधिकतर जगहों में घोर अंधकार था,सिर्फ थोड़े ही जगहों में प्रकाश था जंहा स्टडी के लिए टेबल रखे हुए थे,मेरे दिमाग में बस एक ही बात कौंध रही थी की आखिर गौरव सर यंहा कर क्या रहे होंगे,और वो है कहा,

मैं बड़े ही आराम से आगे बढ़ रही थी ,तभी मुझे कुछ फुसफुसाहट सी आवाजे सुनाई दी ..

मेरे कान खड़े हो गए …

मैं थोड़ा और पास गई ..

“वो तो दिन भर मुझे ही देखते रहती है “

ये आवाज गौरव सर की थी,मैंने बहुत ही एहितियाद बरती ,मैं उनके सामने नही जाना चाहती थी ..

“अच्छा ही है जो मुर्गी खुद ही जाल में फंस रही है “ये आवाज एक महिला की थी ,साथ ही एक खनखनाती हुई हंसी भी ..मैं आवाज को नही पहचान पाई लेकिन आवाज जानी पहचानी सी थी ,

“क्या उसने तुम्हे प्रपोज कर दिया “

“अभी तो नही लेकिन लगता है कुछ ही दिनों में करने वाली है “

“तेरी तो चांदी ही चांदी है ,जानता है ना की वो कौन है “

“जानता हु लेकिन प्यारी लड़की है पूर्वी “

वो महिला फिर से हँसी

“और मैं “

“अरे तुम तो मेरी जान हो जानेमन “

दोनों की हंसी एक साथ आयी और फिर चूड़ियों की थोड़ी खनखनाहट ..

साफ पता चल रहा था की वो एक दूसरे से लिपटे हुए है और गौरव सर उसे चूम चाट रहे है ,

“आह गौरव ,धीरे “

“तुम्हारे बूब्स पागल बना देते है मेरी जान “

“आह …”

गौरव उसके बूब्स पर टूट पड़ा था,मैंने एक बुक की ओट से उन्हें देखने की कोशिश की लेकिन अंधेरा इतना था की कुछ साफ साफ नही दिखाई दे रहा था,बस इतना दिख रहा की गौरव का सर उस औरत की छाती में दबा हुआ है ...और उसका हाथ उसके साड़ी को ऊपर किये हुए उसके जांघो के बीच में चल रहा है…

“अब सब यही कर डालोगे क्या ,चलो यंहा से “

“अरे रुको ना यंहा कोई नही आता “

“लेकिन गार्ड तो है ना जिसने हमे अंदर आते देखा है,रात को मेरे घर पर मिलो “

“ह्म्म्म ठीक है “

“अगर पूर्वी तुम्हे प्रपोज कर दे तो तुम क्या करोगे “

औरत ने अपने कपड़े ठीक करते हुए कहा

“उसे ना करने का तो सवाल ही नही उठता ,लेकिन इतनी जल्दी हा कह दिया तो उसे भी शक हो जाएगा ,थोड़ा घूमने दो फिर हा कर देंगे “

“ह्म्म्म जब वो तुम्हारे जीवन में आ जाएगी तो मेरा क्या होगा “

गौरव हँस पड़ा …

“अरे मेरी जान तुम्हे कैसे अपने से अलग कर सकता हु “

वो दोनों फिर से एक दूसरे के होठो में अपने होठो को घुसा कर चूसने लगे ,

थोड़ी ही देर में वो वंहा से चले गए थे ,मेरी सांस जैसे रुक ही गई थी ,गौरव और ये औरत मिलकर पूर्वी को फंसा रहे थे,क्योंकि वो एक अमीर लड़की है ,मेरा दिल पूर्वी के लिए दुखने लगा था ,मैं कैसे उसे इन सबसे बचा सकती थी..

अभी मेरे पास सोचने का समय नही था,मैं भी बाहर निकली और गार्ड से अपना मोबाइल और पर्स लिया,पास रखे हुए रजिस्टर पर मेरी निगाह पड़ी ..

मैंने उसे उठा लिया ..

“अरे मेडम ये क्या कर रही हो”

“कुछ नही बस देख रही हु की आज कौन कौन आया “

“नही हम नही देखने दे सकते “

वो गार्ड मेरे हाथो से वो रजिस्टर छिनने लगा ,मैंने स्माइल दे कर फिर से अपना पर्स खोला और 500 का एक नोट लहराया ,

“सच में हमारी नॉकरी चले जाएगी हम नही देखने दे सकते “

मैंने एक गहरी सांस ली

“ठीक है फिर “

मैं वो नोट अपने पर्स में रखने लगी ,उसने झट से मेरा हाथ पकड़ लिया और नोट अपने पास रख लिया

“आप तो बुरा ही मान गई “

मैंने उसके हाथ से रजिस्टर लिया और आज की इंट्री देखने लगी ,आज दो ही इंट्री थी एक तो गौरव सर की थी और एक थी…

मिस मालती की ...हमारे केमेस्ट्री डिपार्टमेंट की HOD …

मेरे होठो में मुस्कान और दिल में नफरत एक साथ जाग गई ….


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