प्यार था या धोखा

Post Reply
josef
Platinum Member
Posts: 5361
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: प्यार था या धोखा

Post by josef »



अध्याय 15

मेरे दिमाग में कई सवाल एक साथ मचलने लगे थे,आखिर गौरव का उद्देश्य क्या है,ऐसे उद्देश्य हो भी क्या सकता था,पूर्वी अमीर थी,और बेहद ही सुंदर थी,ऐसी लड़की किसी को भी मिले वो क्यो मना करेगा,और वो भी कमसीन सी ,गौरव की age से इतनी छोटी भी …

सच में गौरव को तो अब भी अपने नसीब में यकीन नही हो रहा होगा की ऐसी लड़की उसे चाहती है,लेकिन साला दुनिया की नजरो में शरीफ बनने वाला गौरव इतना कमीना होगा ये भी कौन सोच सकता होगा,और कौन सोच सकता है की अपने से इतने साल बड़ी मालती से उस्का अफेयर चल रहा होगा…

अब मेरे सामने एक बड़ी दुविधा ये थी की पूर्वी को गौरव से कैसे बचाया जाए,क्या बचाया जाए या नही ,क्योंकि पूर्वी तो खुश थी और उसे शायद कभी गौरव के इरादों का पता भी नही चलेगा,अगर मैं उसे बता भी दु तो क्या वो मानेगी ..

सवाल ही नही उठता,उसे तो यही लगेगा की मैं अब भी उससे दुश्मनी निकाल रही हु ,तो क्या किया जाए??

क्या रोहन को बता दिया जाए..?/

मैं इसी उधेड़बुन में थी,लेकिन मैंने रोहन को भी नही बताने का फैसला किया,क्योंकि वो अभी दुखी था और पूर्वी उससे भी कहा बात कर रही थी..

मुझे एक तीसरा तरीका सुझा क्योना गौरव को उकसाया जाए,ऐसे भी मर्द है ,अपने से इतने साल बड़ी लड़की के साथ अफेयर कर सकता है तो मैं तो जवान थी,और मुझे लड़को को उकसाने में महारत भी हासिल थी,इसी बहाने कुछ ऐसे सुबूत भी इकठ्ठे कर लुंगी जिससे उसकी सच्चाई का दुनिया को पता चले …

मैं कोशिश करने लगी लेकिन साला गौरव ना जाने किस मिट्ठी आ बना था वो पिघलने का नाम ही नही ले रहा था..

क्या उसे सच में पूर्वी से प्यार हो गया था..??

दिमाग तो कहता था की नही ,लेकिन कोई भरोसा भी नही,क्योंकि वो जिस तरह से मुझे इग्नोर कर रहा था ऐसा किसी लड़के ने नही किया था..

आखिर वो दिन आया जब पूर्वी ने गौरव को प्रपोज कर दिया ,मैंने भी अखिरी पत्ता खेल दिया और उसे प्रपोज कर दिया ,उस साले ने हम दोनों को ही ठुकरा दिया…

लेकिन इससे पूर्वी के मन में उसके लिए सम्मान और ही बढ़ गया था ,सच में गौरव पहुचा हुआ खिलाड़ी था,अब तो मैंने रोहन की मदद लेना ही उचित समझा..

“क्या बोल रही हो ,लेकिन यार गौरव तो ऐसा नही लगता “

रोहन मेरी बात सुनकर चौक गया था..

“मेरी आंखे धोखा नही खाती,”

“तुम झूट बोल रही हो ,यार पूर्वी से तुम्हारा कम्पीटिसन है ये समझ आता है लेकिन इसके लिए गौरव को बदनाम करना ठीक नही है “

रोहन की बात सुनकर मैं झुंझला गई

“साले तुझसे झूठ बोलकर मुझे क्या मिलेगा..”

वो भी सोच में पड़ गया..

“हम्म अगर ये सही है तो हम क्या कर सकते है ,यार पूर्वी तो उसके लिए पागल ही है ,और उसे समझना तो पत्थर में सर फोड़ना है ..”

रोहन भी गंभीर था,

“अगर हम उसे सबूत दिखाए तो ..”

“कहा से लाएंगे सबूत ,हम जासूस है क्या,और दुनिया के सामने तो वो कुछ करते नही है ,घर के अंदर घुस कर सबूत लाये क्या “

रोहन की बात से मेरे दिमाग में एक आईडिया आ गया

“सच कहा घर में घुस कर तो सबूत मिल सकता है ना..”

रोहन थोड़ा घबराया

“नही नही यार ये सब मुझसे नही होगा..”

“अबे चूतिये वो तेरी बचपन की दोस्त है उसके लिए इतना नही करेगा ..ऐसे भी अगर उनका ब्रेकअप हुआ तो फायदा तेरा भी है ना,पूर्वी फिर रोने किसके पास आएगी “

मैं जानती थी की रोहन कितना भी बकचोदी कर ले लेकिन प्यार तो उसे भी पूर्वी से है ,वही एक ऐसी लड़की थी जो चाहते हुए भी उसे नही मिली,तो प्यार कहे या कुछ और जो था बहुत ही स्ट्रांग था..

“हम्म क्या करे,कैमरा लगा दे दोनों के घर में ,”

“कैमरा ...हा ये सही आईडिया है,ऐसे मालती मेडम भी गजब की माल है ,उसकी चुदाई देखने में मजा आएगा “

रोहन फिर से कमीनेपन में उतर आया था,जो मेरे लिए सही था,

“चल फिर जुगाड़ करते है …”

*******

वो दोपहर का समय था,गौरव और मालती दोनों ही कालेज में थे,भरे दोपहर में किसी के घर में,सब की नजर से बचकर घुसना आसान काम तो नही था,लेकिन हमे करना ही था…

रोहन ने अपना जुगाड़ लगाया और एक प्रोफेसनल जासूस की मदद ली,अब हम तीन लोग थे जो पहले मालती के घर पहुचे ..

जासूस के लिए ये रोज का काम था,उसने बड़े ही आराम से दरवाजा खोल लिया,और बाथरूम से लेकर बेडरूम में सीक्रेट कैमरा फिट कर दिया,तब तक मैं मालती के घर की घूमने लगी और चीजो को देखने लगी,उसके बेडरूम में उसके कम्प्यूटर के पास मुझे कुछ कागज रखे दिखाई दिए ,उसे पढ़ते ही मैं थोड़ी चौकी ..

मैंने उनके दराजो को खोलना शुरू किया मुझे कुछ फाइल्स मिली ,मेरी आंखे फ़टी की फ़टी रह गई ,मैं धड़ाम से वही बैठ गई थी..

“क्या हुआ ..”रोहन मेरी स्तिथि देखकर चौका गया था,

मैंने फाइल उसकी ओर बढ़ाया ,वो बहुत ही कन्फ्यूज लग रहा था ..

“ये सब ..”मैंने उसे तुरंत ही चुप रहने का इशारा किया और जासूस की तरफ इशारा किया ..

“तुम जल्दी से इन सबकी फ़ोटो खिंच लो ,भगवान ना करे की ये वैसा ही हो जैसा मुझे लग रहा है,इसे आराम से और स्टूडि करने की जरूरत है ,तभी सही तस्वीर सामने आएगी “

हम दोनों ने मिलकर मालती के घर में रखे हर फाइल की फ़ोटो उतार ली ,

“क्या इस कम्प्यूटर का बेकउप मिल सकता है “

मैंने रोहन से कहा

“यार मुझे क्या पता था की ये सब भी करना पड़ेगा वरना किसी कम्प्यूटर एक्सपर्ट को भी साथ लाते,ये तो अभी प्रोटेक्टेड होगा..”

“हम्म चलो कभी बाद में आ जाएंगे”

“तुम्हे लगता है की हमारे आने की खबर उसे नही होगी “

रोहन की बात सुनकर चुप हो गई

“उसे बहकाना जरूरी है ,ताकि उसे ये पता नही चले की हमे उसके असली इरादों के बारे में कुछ भी पता चल चुका है..”

मैंने बहुत ही सोच कर कहा

“तो कैमरा ..”उसे लगे रहने दो ,साथ ही जासूस जी का कार्ड भी यंहा छोड़ दो ,जैसे गलती से गिर गया है,और ये मेरा नाम लेंगे की मैंने ये सब करवाया है …

“लेकिन ..”

गौरव कुछ सोच कर कुछ बोलने वाला था लेकिन मैंने उसे वही चुप करवा दिया

“जो बोल रही हु वो कर अपना खाली दिमाग यंहा ज्यादा मत लगा “

मैं उसे घूर कर देखते हुए बोली ,उसने अपना कंधा उचकया…

*************

जैसा मुझे शक था मुझे दो ही दिन बाद मालती मेडम ने अपने केबिन में बुलाया ..

उनका चहरा गुस्से से लाल लग रहा था लेकिन मैं भी कम गुस्से में उनके पास नही गई थी,भले ही मेरा गुस्सा लाया हुआ था..

“तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर में कैमरा लगवाने की ,अगर तुम मेरी स्टूडेंट नही होती तो अभी तक तुम्हे जेल भिजवा देती ..”

मैं भी भड़क गई

“ओह तो तुम्हे पता चल ही गया,जानती हो मैंने कैमरा क्यो लगवाया था ,तुम्हारे और गौरव के नाजायज रिस्तो को दुनिया के सामने लाने के लिए,तुम यंहा सती सावित्री बनकर घूम रही हो और वो साला पूर्वी की नजरो में देवता बना फिर रहा है लेकिन मैं जानती हु तुम दोनों की असलियत,मैंने लाइब्रेरी में सब कुछ देखा और सुना था ..”

मालती का चहरा देखते ही देखते लाल पड़ गया था ..

“ओह तो ये बात है ,इस लिए तुम हमारी जासूसी करवा रही थी “

“गौरव ने मुझे ठुकराया है ,मैं उसे बर्बाद कर दूंगी “

मैं चिल्लाई ,वही मालती ने अपने सामने रखा हुआ पानी पी लिया

“तुम कितना भी चीखों लेकिन तुम्हारी बात पर कोई भी भरोसा नही करने वाला “

उसके होठो में कमीनी सी मुस्कान फैल गई ..

“लेकिन सच को कितने दिनों तक छिपा के रखोगी “

“सच..??”

वो जोरो से हँसी

“सच क्या है सपना,जो तुमने उस दिन देखा वो सच है ?? कोई भी सच बिना प्रूफ के सच नही होता,और तुम मानो या ना मानो मैं और गौरव अब अलग हो चके है वो पूर्वी से बहुत ही प्यार करता है ,क्या तुमने उस दिन के बात हमे कभी मिलते हुए देखा..??

नही देखा होगा क्योंकि फिर हम कभी नही मिले,गौरव अब सच में पूर्वी से प्यार करता है ,यही सच है ,और ये भी सच है की मैं अब उनके जीवन से निकल चुकी हु ...तुम कितनी भी जासूसी करवा लो तुम्हे कुछ नही मिलने वाला क्योकि अब वो दोनों एक है …”

मालती ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा..

मैंने अपने चहरे पर उतना गुस्सा लाया जितना मैं ला सकती थी..

“पूर्वी और गौरव कभी एक नही हो सकते ….पूर्वी को कभी प्यार नही मिलेगा,वो जिससे भी प्यार करेगी मैं उसे छीन लुंगी “

मैं सच में कांपने लगी थी...ये बोलते हुए मेरे दिल में इतनी तकलीफ़ हुई की मेरे आंखों में आंसू आ गए ..

लेकिन मालती के चहरे में आयी हल्की मुस्कान मुझसे छिप नही सकी ..

“तो तुम्हे गौरव से कोई लेना देना नही है “

उन्होंने अपने चहरे में आश्चर्य का भाव लाते हुए कहा

“गौरव ...वो साला बुढ्ढा ,मेरे पास लड़को की कोई कमी है क्या जो मैं उसे लाइन दूंगी ,लेकिन पूर्वी उससे प्यार करती है और मैं उसे कैसे खुश देख सकती हु ..”

मालती मेडम और ही खुश दिखाई दे रही थी ..

“ओह तो ये बात है ,तुम दोनों के बीच दूरियां पैदा करना चाहती हो ,अच्छी बात है तुम्हे मदद करूंगी “

अब मैं चौकी

“तुम ..”

“गौरव ही तो मेरा एक सहारा था ,वो भी अब किसी और से प्यार करने लगा है ,अगर गौरव पूर्वी के साथ रहेगा तो मेरा भी तो नुकसान है ना ,लेकिन तुम ये सब करोगी कैसे “

मेरे होठो में मुस्कान फैल गई

“औरत का जिस्म किसी भी मर्द को बहकाने के लिए काफी है “

उसने मुझे ध्यान से देखा

“तुम पागल हो जो ऐसा सोचती हो ,गौरव को बहकाना इतना भी आसान नही है ..”

“देखते है ..”

मैं इतना ही बोलकर वंहा से निकल गई ………

*******

गौरव को बहकाने का हर प्रयास नाकाम हो रहा था,और आखिर में मैंने वो कदम उठा दिया जिसने चाल को उल्टा ही कर दिया ,

मैंने सोचा था की कोई भी मर्द मुझ जैसी लड़की को अकेले में नंगी देखकर मचलेगा ही,और अगर वो थोड़ा भी मचलता तो मेरा काम हो जाता क्योकि मैंने लेब में पहले ही कई कैमरे लगवा दिए थे ,मैंने गौरव के सामने अपने कपडे खोल दिए और उसे खुला सेक्स का आफर भी दे दिया,लेकिन साला वंहा से भागता हुआ सीधे पूर्वी के पास पहुच गया..

अब तो गौरव पूर्वी के नजरो में भगवान बन चुका था ,और उसने उससे शादी करके अपना बनाना ही सही समझा ,

पूर्वी को रोकना अब नामुमकिन ही था,अब चाहे रोहन हो या गौरव उसके नसीब में ही धोखेबाज लिखे थे तो कोई क्या कर सकता है..

रोहन की मोहोब्बत जिस्मानी ज्यादा थी(ऐसा मुझे लगता है ) और गौरव तो दौलत से …??क्या सच में गौरव पूर्वी की दौलत से प्यार करता था,ये तो वक्त ही बताने वाला था क्योकि पूर्वी ने गौरव को पाने के लिए जो कीमत चुकाई थी वो थी अपने पिता के दौलत से बेदखल होना…

और गौरव को इससे कोई भी फर्क पड़ता मालूम नही हुआ,

या वो बस मालती का मोहरा ही था,लेकिन मैं बराबर उसपर भी नजर रखे थी और किसी भी एंगल से ये नही लगा की वो अब गौरव से किसी भी तरह के किसी नाजायज संबंध में है…

सब कुछ बदल चुका था,पूर्वी ने शादी कर ली ,रोहन और मेरे रिश्ते भी इससे प्रभावित हुए,हम दोनों ही बुझे बुझे रहने लगे थे,कारण था मेरी बदनामी ,कालेज जाना भी मुश्किल हो गया था,रोहन ने मुझे बहुत सहारा दिया लेकिन वो भो लोगो को चुप तो नही करवा सकता था,लेकिन इन सब में एक और चीज हुई …

मैं मालती मेडम से घुलने मिलने लगी,और मेरा इंटरेस्ट अब मैंने अपने केमेस्ट्री के इंटरेस्ट को सीरियसली लेना शुरू किया,उसमें कुछ हाथ मालती के घर से मिले हुए उन कागजात का भी था,जिसे समझने में मेरा दिमाग खप रहा था,

मेरा इंटरेस्ट इतना बड़ा की मैंने MBA की जगह एमएससी करने को प्राथमिकता दी और उसके बाद पीएचडी करने लगी …

मालती ने फिर से मुझे अपने साथ रखा …

मालती की एक बात तो थी,की वो कभी भी गौरव को उकसाने के खिलाफ नही थी,वो मुझे गौरव को उकसाने में मदद करती थी,और इसलिए मैंने गौरव के साथ काम करने की बात उससे की और वो झट से मान भी गई,ये प्रोजेक्ट गौरव के लिए बेहद ही इम्पोर्टेन्ट था और मेरे लिए भी क्योकि इसका आईडिया मालती ने ही गौरव को दिया था,अब मैं गौरव को असिस्ट कर रही थी,कई ऑपरट्यूनिटी एक साथ मेरा दरवाजा खटखटा रही थी ,देखना ये था की मैं कितनो को अपना बना पाती हु …………..

User avatar
SATISH
Super member
Posts: 9811
Joined: 17 Jun 2018 16:09

Re: प्यार था या धोखा

Post by SATISH »

(^^^-1$i7) 😓 बहुत मस्त स्टोरी है भाई एकदम मस्त लाजवाब हॉट और सेक्सी अगला अपडेट जल्द देना 😋
User avatar
naik
Gold Member
Posts: 5023
Joined: 05 Dec 2017 04:33

Re: प्यार था या धोखा

Post by naik »

nice update brother
Post Reply