Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
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Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
# अपडेट - 102
मैं उससे अलग हुआ और बोला जल्दी से मेरे लंड को चुस... वो तो तैयार थी..
वो घुटनों के बल बैठ गई और मेरे कड़क मूसल को अपने हाथ में लेकर मसलने लगी और बोली- राहुल बहुत जानदार हैं हैं लंड तुम्हारा.बहुत कम का होता है ऐसा...
और वो मेरे लंड को चुमने लगी...
मैंने उसके निपल को जोर से मसलते हुए कहा - चुस रानी, देख क्या रही है रंडी जल्दी कर...
मेरी बात सुनकर वो कुछ नहीं बोली और मेरे छोटे टमाटर जैसे सुपाडे को अपने होंठों में क़ैद कर लिया, और पूरी लगान से मन लगाकर उसे चूसने लगी.
मेरा लंड उसकी जीभ की मालिश और मुँह की गरम-गरम साँसों से और ज़्यादा फूल गया था.
बीच बीच में वो मेरे सुपाडे पर दाँत गढ़ाकर रगड़ देती, जिससे मेरे लंड में और ज़्यादा सुरसूराहट होने लगती...
जिससे मेरे मुंह सै सिसकियां निकल जाती - आयईयी... आआहह....
कुछ देर लंड चूसने के बाद उसका मुँह दुखने लगा, तो वो चूसना बंद कर के खड़ी हो गयी.
फिर वो पंलग पर अपनी टाँगें चौड़ी कर के लेट गई, और लंड को पकड़कर अपनी चूत के मुँह पर रगड़ने लगी…
संगीता भाभी - आअहह...राजा...अब जल्दी से इसे मेरी चूत में डालकर मेरी खुजली मिटा दे. अब नही रहा जा रहा मुझसे...
वो अपनी चूत को थप-थपाकर बोली...डाल दो अब इसमें जल्दी से...
फिर उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अपनी गीली चूत के मुँह पर रखकर अपनी टाँगों को मेरी कमर पर लपेट लिया...
उसका उतवलापन देख कर मैं मन ही मन मुस्करा उठा... ऐसे आजतक किसी ने नहीं किया था.
मैंने उसकी चुचियों को लगाम की तरह पकड़ लिया.. फिर उसकी टाँग चौड़ी कर के एक करारा सा धक्का उसकी चूत में मार दिया.
संगीता भाभी - अआययाईईईईई... आआहह... मर्ररर्ररर... गई...
मैं - चिलाती क्यों हो, नीचे किसी ने सुन लिया तो. कब से तो इसे लेने के लिए इतनी उतावली हो रही थी...
वो कराहते हुए बोली - आअहह... तुम्हारा लंड थोड़ी है ये तो मुसल हैं, इतनी बेदर्दी से कोई पेलता है क्या.
फिर मैंने एक धक्का और लगा दिया, और लंड को जड़ तक पेल दिया...
संगीता भाभी - आआआह.. मम्अआ...मेरी चूत अंदर तक चीर दी इसने...उफफफफ्फ़... अब आराम आराम से करना..मेरे.. रजाअ..जीइई...
मैंने धीरे-धीरे अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. वो ट सिसकियाँ भरती हुई चुदाई का मज़ा लूटने लगी...
वो अपनी गान्ड उठा उठाकर मेरे मूसल जैसे लंड को जड़ तक लेने लगी…मैं उसके बड़े बड़े बोबो को मसलने लगा...
10 मिनिट की धुआधार चुदाई के बाद वो चीख मारकर झड़ने लगी...और फिर सुस्त पड़ गयी...
मेरे धक्के बदस्तूर जारी थे...वो कराहते हुए बोली - थोड़ा रुको ना , चूत सूख गयी है मेरी, जलन होने लगी है.
मैंने धक्कों को रोक कर उसे घुटनों के बल कर के घोड़ी बना दिया, और अपने थूक से उसकी चूत को गीला करने लगा...
और मैंने अपना मूसल फिर से उसकी चूत में पेल दिया...
वो आअहह...सस्स्सिईईईईई...करती हुई पूरा निगल गई..
मैं उसकी गान्ड पर थप्पड़ बरसाते हुए दनादन धक्के लगाने लगा. वो भी अपनी गान्ड को मेरे लंड पर पटक-पटक कर चुदाई का मज़ा ले रही थी..
उसके चुतड़ों पर मेरी जाँघ की थप-थप की आवाज़ कमरे मे गूँज रही थी...
मुझे अभी मज़ा आना शुरू ही हुआ था, मैं पीछे से उन्हें अपनी बाहों में लपेट लिया..
धक्कों के साथ साथ हमारा बदन आपस मे रगडे खा रहा था…
मैंने भाभी के मोटे-मोटे आम को मसलने लगा और उसके कड़क निपल्स को उंगलियों के बीच भींचने लगा..
जिससे वो सिसकने लगी - आआहह..उऊऊहह... हा मेरे रआज्जजा... ऐसे ही
5 मिनट तक मैं उसकी चुत को ऐसे ही रगड़ता रहा...
फिर वो - आआहह हाईए...आहह…आईईई…मैं तो फिर गाइिईई.. राजा...उउउऊओह...करती हुई संगीता झड़ने लगी...
मैं झड़ने वाला ही था तो पूरा दम लगाकर दो-तीन धक्के मारे.. और उसकी चूत में पूरा जड़ तक लंड पेलकर धार मार दी...
मैंने अपना टैंक खाली कर के लंड को चुत से बाहर खींचा... फुकच्छ… की आवाज़ के साथ मेरा लंड संगीता भाभी की चूत से बाहर आया, जिस पर हम दोनों का कामरस लगा हुआ था.
दो मिनट बाद हम दोनों खड़े हो गये. मैंने उसे बाहों मे भर लिया...
और बोला - अभी तो तुम्हारी गांड भी तो मारनी है...
मेरी बात सुनकर वो बोली - नहीं..नहीं... गांड मे नहीं... मैंने कभी वहां नहीं लिया है...
ᎠᎬᏙᏆᏞ ...
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Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
बहुत मस्त कहानी है भाई । पढ़ कर मजा आ गए । ऐसे ही अपडेट देते रहिये
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Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
# अपडेट - 103
दो मिनट बाद हम दोनों खड़े हो गये. मैंने उसे बाहों मे भर लिया...
और बोला - अभी तो तुम्हारी गांड भी तो मारनी है...
मेरी बात सुनकर वो बोली - नहीं..नहीं... गांड मे नहीं... मैंने कभी वहां नहीं लिया है...
# आगे -
मैं - तो अब ले लो, बहुत मजा आता हैं..
मैंने अपना हाथ उसकी गांड पर रख दिया और उसे मसलने लगा...
संगीता - आआहह... सुना है गांड मे बहुत दर्द होता हैं. और तुम्हारा लंड तो मेरी फाड़ ही देगा...
मैं - ऐसा कुछ नहीं होगा...
संगीता - तुम मेरी चुत मार लो पर गांड़ मे नहीं...
मैं - रानी चुत तो मांरूगा ही पर गांड़ भी मारूंगा...
संगीता - मैंने कभी नहीं किया है...
वो कुछ ज्यादा नाटक कर रही थी तो मैं बोला - अगर चुत में चाहिए तो गांड तो मरवानी पड़ेगी...अगर अपनी चूत को मेवा खिलाना है तो फिर थोड़ी सेवा तो करनी पड़ेगी इसकी.
संगीता - मेरी गांड फाड़कर ही मानोगी. तो ठीक हैं... पर अभी नहीं...
मैं - ठीक हैं तो रात मे छत पर रहना...
फिर मैं किस करके नीचे आ गया... कोई भाई था नहीं तो मैं घर आ गया...
दोपहर हो गई थी तो हमने खाना खाया. खाना खाकर मैं अपने रूम मे आ गया... और टीवी देखने लगा...
कुछ देर बाद मुझे बाहर किसी की आवाज सुनाई दी... वो आवाज खुशी कि थी...
वो मम्मी से पूछ रही थी की - दादी चाचा कहां पर हैं...
मम्मी - अपने कमरे मे है...
खुशी मेरे कमरे मे आ गई, आते ही उसने रूम का डोर बंद कर दिया... मेरे पास आकर खड़ी हो गई. उसकी नजरे नीचे की तरफ थी...
मैंने उसका हाथ पकड़ा और पूछा - क्या हुआ...
पर वो कुछ नहीं बोली, मैंने उसके हाथ को अपनी तरफ खींच लिया. और उसे बेड पर ले आया. उसका आधा शरीर मेरे ऊपर और आधा बेड पर था.
मैंने उसके चेहरे को हाथों मे लेकर पूछा - क्या हुआ मेरी गर्लफ्रेंड को, नाराज है मुझसे...
तो वो बोली - आपके पास तो मेरे लिए टाइम ही नहीं है...
मैं - ऐसा किसने कहाँ... जिसकी गर्लफ्रेंड इतनी हॉट और सेक्सी हो वो उससे दूर थोड़ी रह सकता हैं.
मेरी बात सुनकर खुशी शरमा गई और खुश हो गई...
मैं - मैंने कहा था ना अभी वो सब करने मे बहुत टाइम हैं, अभी तुम थोड़ी सी छोटी हो...
खुशी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और उसे सहलाते हुए बोली - हमेशा करते हैं उतना तो कर सकते हैं ना... बहुत दिन हो गये हैं..
( अभी थोड़ी देर पहले माँ को रगड़ के आया था,अब बेटी आ गई..साली दोनों रंंडिया हैं एक नंबर की..दोनों को मेरा ही लंड़ चाहिए...
पर अपने को क्या अपणे को तो पाणी निकालना है...)
मैं - बिल्कुल कर सकते हैं......और
मैंने उसके कोमल, नाजुक से गुलाबी होंठों को अपने होंठों मे भर लिया, और चुमने लगा. वो तो इसी के इंतजार मे थी, वो भी मेरे होंठो को चुसने लगी......
कुछ देर रस चुसकर मैंने उसके होंठों को छोड़ा, उसका चेहरा लाल हो गया था...
मैंने उसका टॉप और उसकी समीज को निकाल दिया, वो तो तैयार ही थी इसके लिए...
टॉप के निकलते ही उसके संतरे मेरे सामने आ गये.
बिलकुल सफेद दूध की तरह और उन पर किसमिस जैसे गुलाबी दाने.. आह्हा... मेरा तो दिल ही ले गये...
दोनों चुचे एकदम सुडोल और तने हुए थे, मैंने जितनी भी रंडी़यो को चोदा था ऐसे चुचे अभी तक तो किसी के नहीं थे. बस अभी ये कच्चे थे, इनको और बड़ा और रसीला होना था.
खुशी के चुचे उसकी मम्मी संगीता से भी बड़े होने वाले थे...
मैंने दोनों संतरो को अपनी मुट्ठी मे भर लिया और मसलने लगा...
खुशी - आआह.. सस्स्सिईईई... जानू... आराम से....
जब भी हम अकेले होते थे तो वो मुझे जानू, राजा,बेबी पता नहीं क्या क्या ही बुलाती थी...
मैंने एक चुचे को मुंह मे भर लिया और बड़े आराम से चुसने लगा...
खुशी जोर से सिसकने लगी, वो हाथों से मेरे सिर को दबाने लगी...
मैं 5 मिनट तक उसके दोनों बोबो को चुसता रहा. दोनों चुचे लाल हो गये, उन सफेद आमों पर जगह जगह मसलने निशान पड़ गये.....
उसके हाथ मेरी पेंट को खोलने लगे तो मैंने उसे रोक दिया. मैं अब झड़ना नहीं चाहता था. सुबह से दो बार तो चुत मार चुका था, और रात मे फिर से खुशी की मां यानी मेरी रंडी संगीता की गांड भी तो फाड़नी थी. अगर अब झड़ गया तो रात मे मुश्किल होगी...
मेरे उसे रोकने पर वो मेरी तरफ देखने लगी... तो मैं उसे बोला - आज ये नहीं करेंगे...
खुशी - पर क्यों, मुझे तो ये चुसना हैं... प्लीज जानू मुझे चुसने मे बहुत मजा आता है...
मैं - सॉरी रानी... आज मैं थोड़ा थक गया हूं. अगली तु चुस लेना, जितना तेरा मन करे. आज मैं तुम्हें मजा दुंगा.....
फिर मैंने उसे लेटा दिया और उसे पूरा नंगा कर दिया... उसका गोरा और चिकना मादक बदन मेरे सामने आ गया..इस उम्र मे ही वो अच्छी अच्छी औरतों को पछाड़ दे पता नहीं आगे जाकर क्या होगा... जो भी हो इस चुत और गांड को तो मेरा लंड ही फाडे़गा ...
मैं उसकी चुत के पास गया. उसकी चुत पर हल्के हल्के रोये जैसे बाल थे. उसकी चुत तो पहले से ही भीगी पड़ी थी...
मैं - अरे... मेरी रानी तुम्हारी चुत तो पहले ही पानी बहा रही है...
मेरी बात सुनकर खुशी शरमा गई और बोली - जानू आपके पास आते ही ये गीली होने लग जाती हैं...
मैंने अपने होंठ उसकी रसभरी पर रख दिये. आहा... क्या गरमी थी उसमें... उसकी चुत ऐसे लग रही थी कि कोई गरम पानी का तालाब हो...
मैं उसमें मेरी जीभ को नहलाने लगा...
खुशी को चुत एकदम चिपकी हुई थी... मैं उसकी दरार पर अपनी जीभ रगड़ने लगा...
खुशी अब कसमसाने लगी, वो हिलने लगी, उसका बदन तड़पने लगा...
खुशी - आआहहह... उम्ह्हह... मेरे जानू.. आआहह... मउऊझ्झे..कुछ हो रहा है...
मैंने उसके हल्के उभरे हुए होंठों को मुंह मे भर लिया और चुसने लगा.. मेरे ऐसे करते ही, खुशी के शरीर मे कंपन होने लगा..
वो मेरे बालों को भींचने लगी और उसकी गांड हवा मे उठ गई...
और उसकी चुत गरम गरम देशी दारू जैसा नशीला सोमरस बहाने लगी. मैंने अपने होंठों को कस दिया और इस देशी दारू की एक एक बूंद पी गया...
झड़ते ही खुशी की गांड बेड पर गिर गई. वो ऐसे लेट गई जैसे उसकी सारी ताकत निचोड़ ली हो... मैं उसके पास लेट गया.
दो मिनट बाद उसने आँखें खोली और मुझसे लिपट गई और बोली - love u jaanu... और मुझे चुमने लगी...
मैंने भी उसके गरम गरम गुलाबी लबो को होंठो मे भर लिया और चुसने लगा......
फिर उसने कपड़े पहन लिये, कुछ देर वो मेरे पास बैठी फिर मैंने उसे पढ़ाई करने के लिए भेज दिया... मैं पढ़ने बैठ गया, 2-3 घंटे तक मैं पढ़ता रहा.
Thanks For Reading...अपने विचार जरूर दीजिये गा...
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Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
मस्त अपडेट है मित्र ।
- rajsharma
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Re: Incest सबका लाडला (फैमिली स्टोरी )
बहुत ही शानदार अपडेट है दोस्त
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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