भाभी का बदला
- jay
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Re: भाभी का बदला
super hot update Raj bhai
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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- Smoothdad
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Re: भाभी का बदला
शानदार अपडेट।
जारी रखे,
जारी रखे,
- pongapandit
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Re: भाभी का बदला
रचनाकार की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम...
- rajsharma
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Re: भाभी का बदला
धन्यवाद दोस्तो
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(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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`·.¸.·´ -- raj sharma
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- rajsharma
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Re: भाभी का बदला
फिर पीसी को ओन किया और फिर पीसी से उस स्काईपेन को कनेक्ट करके मैंने उस वीडियो को अपने पीसी में सेव कर लिया और स्काईपेन में से मिटा दिया, ताकि साली किसी और को ना दे सके। फिर मैंने वो भाभी को वापस दे दिया और बोली-“लो भाभी…”
भाभी बोली-क्या हुआ?
मैंने कहा-मैंने इसमें सेव कर लिया है।
भाभी बोली-साली रंडी चालू कर ना, बहुत मन हो रहा है तेरी माँ की चुदाई देखने का।
मैंने शुरू कर दिया और हम दोनों उसे देखने लगे।
***** *****
मैं और मेरी भाभी, हम दोनों मेरे रूम में बैठे हुए अपनी मम्मी की चुदाई को देख रहे थे। तब भाभी ने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसके नीचे उन्होंने बैकलेश ब्लाउज़ पहना था। मैंने उस समय सूट और लेगी पहनी हुई थी। हम दोनों वीडियो देखने में मगस ल थे और हमारी चूतें अब गरम होने लगी थीं। मैंने भाभी की ओर देखा तो भाभी भी मुझे देख रही थी।
भाभी बोली-क्या हुआ मेरी कुतिया?
मैं बोली-आपकी कुतिया की चूत में खुजली हो रही है और कुतिया की चूत रात से लण्ड के लिये तड़प रही है।
भाभी बोली-देख ना साली तेरी माँ की गाण्ड कितनी मस्त है? क्या बड़े-बड़े चूतड़ है रंडी के?
मैं बोली-“हाँ भाभी, मम्मी के चूत ड़ और चुचियाँ मस्त हैं तभी तो विजय अंकल इतने मजे से चोद रहे थे। मैं चाहती हूँ कि कोई आपकी इस कुतिया को भी कोई ऐसे ही कसके चोदे…”
भाभी बोली-“मेरी रंडी कुतिया, तुझे तो बस मैं चोदूं गी अपने प्लास्टिक के लौड़े से…” और ये कहते हुए मेरी चुची को दबा दिया।
मैं ओह्ह… भाभी कर उठी।
भाभी बोली-क्यों लण्ड की जरूरत है तेरी चूत को?
मैं बोली-“हाँ भाभी…”
भाभी बोली-“रुको कुछ दिन तुम…” कहकर भाभी ने मुझे बाहों में ले लिया। हमारे कपड़े खुल गये और हम एक दूसरे को संतुष्ट करने लगे। भाभी मेरी चूत को चाटने, काटने लगी और मैं भाभी की, और हम झड़ गये, और ऐसे ही नंगे सो गये। हमने 2-2 बार खुद की चूतों का पानी निकाला था और सो गये थे।
साम को 4:00 बजे मैं उठी तो भाभी मेरे बगल में नंगी सो रही थी। मैंने उनको उठाया और फिर हम बातें करने लगे। भाभी बोली-“मेरी रंडी, मुझे तुझसे कुछ खास बात करनी है। देख तू मेरी कुतिया है और मेरी ननद भी। तू मेरी बात को मना नहीं करेगी…”
मैं बोली-भाभी आप बोलो तो सही, मैं आपके हर काम के लिए तैयार हूँ ।
उसके बाद भाभी बोली-“देख तुझे कोई एतराज हो तो मुझे बता देना…”
मैं बोली-“भाभी सेन्टी मत हो और बात बताओ…”
भाभी बोली-“यार राज का बर्थ-डे है, मैं उसको गिफ्ट देना चाहती हूँ , ऐसा गिफ्ट जिससे राज खुश हो जाए और मुझे कभी भूले नहीं…”
मैं बोली-“इसमें क्या है दे दो कोई अच्छा सा गिफ्ट?” और मैंने पूछा -उसका बर्थ-डे कब है?
भाभी बोली-15 जून को (15 जून 2015 की बात कर रही है )
मैं-ओके।
भाभी बोली-देख यार, उसने पार्टी रखी है एक मस्त उसमें जाना है मुझे और मैं सुबह ही आउंगी, क्योंकी राज के बर्थ-डे में मैं पूरी रात उसकी बीवी बनकर रहती हूँ और वो मुझे चोदता है। पर अब मैं नहीं जा सकती, क्योंकी मम्मी नहीं मानेगी। तो तुम मेरी हेल्प करोगी ना? और तुम तो जानती हो की तुम्हारे भाई का लण्ड मुझे खुश नहीं कर सकता, तो मैं राज से चुदवाती हूँ …”
मैं बोली-“भाभी क्या यार, तुम तो मेरी गुरु हो सेक्स की और तुम मेरी मालकिन हो, मैं तो तुम्हारी नोकरानी हूँ , तो तुम्हारी हेल्प तो करूंगी ही, पर मुझे भी कुछ चाहिए?”
भाभी बोली-क्या लेगी तू ?
मैं बोली-“समय आने दो ले लूँगी …” फिर मैंने भाभी से कहा-“और हाँ, मैं तुमसे जो माँगूंगी तुम मना नहीं करोगी…”
भाभी बोली-“ठीक है दे दूँगी , पर मैं उस दिन तुम्हारी हेल्प से ही जा सकती हूँ । तो तुम मेरी हेल्प करोगी और मैं पूरी रात उसके फ्लैट में रहूँ गी…”
मैं बोली-ठीक है, मैं हेल्प करूंगी।
भाभी ने मुझे हग किया और जोर से मुझे किस की और बोली-“मेरी रंडी तुझे मैं एक दिन ऐसा सरप्राइज़ दूँगी की तू खुश हो जाएगी…”
मैं बोली-“आपकी रंडी हूँ जो करना है करो, बस मुझे चुदाई के बिना मत छोड़ो…” और मैं फिर बोली-“भाभी, अपने साथ माँ भी होती तो कितना मजा होता?”
भाभी बोली-“रंडी तू देखती जा, तेरी माँ और तू कैसे एक दूसरे की चूत चाटोगी। मैं ऐसा चक्कर चलाउंगी कि तेरी माँ का यार तुझे तेरी माँ के सामने चोदेगा…”
उसके बाद अब हम दोनों प्लान करने लगे की कैसे माँ को फँसाया जाए? वीडियो हम बना चुके थे पर हम दोनों डरते थे की कहीं मम्मी विजय के साथ मिलकर हमको ही ना फँसा दे। फिर भी हम माँ की हर हरकत पर नजर रखने लगे। ऐसे ही 15-20 दिन में हमने माँ की 2-3 वीडियो और बना ली और माँ के मोबाइल से विजय अंकल का नंबर भी ले लिए और इधर राज का बर्थ-डे भी आ रहा था।
भाभी ने मुझे फिर से याद दिलाया और और मेरे एग्जाम हो चुके थे और हालीडे चल रही थी, तो मैं सारा दिन घर में ही रहती थी और भाभी के साथ पॉर्न मूवीस देखती और लेसबो सेक्स करती। ऐसे ही दिन गुजर रहे थे। उधर माँ मस्त होकर विजय अंकल का लौड़ा लेती और पापा आते तो पापा का लौड़ा लेती। मेरी रंडी भाभी अपनी चूत की प्यास राज से बुझाती और मैं अपनी उंगलियों से।
लेकिन अब मैं इतनी ज्यादा चुदासी हो चुकी थी की मैं बस किसी का भी लण्ड लेना चाहती थी। मैं हर समय बस एक दमदार लण्ड की तलाश में रहती, जो मुझे बिस्तर में अच्छे से मसल सके। लेकिन अब सबके लण्ड देख कर तो चेक नहीं कर सकती थी। मैं बस कभी-कभी लड़कों का भीड़ में अपनी चूत या गाण्ड पर से छूकर के मजा लेती और कभी-कभी हाथ भी फेर देती। मुझे बहुत मजा आता। मैं बस अपनी हालीडे का मजा ले रही थी।
फिर एक दिन भाभी ने मुझे बोला-“पायल यार, कुछकर राज का बर्थ-डे है परसों का और मुझे जाना है…”
तो मैंने कहा-आप चिंता मत करो…”
फिर शाम को मम्मी आई तो मैंने मम्मी को बोला-“मम्मी मेरी दोस्त लोग दो दिनों के लिए घूम ने जा रहे हैं, क्या मैं भी उनके साथ जा सकती हूँ ?
मोम बोली-कब जाना है? और कौन कौन जाएगा?
मैं बोली-मोम कल जाएंगे शाम को।
मोम बोली-ठीक है, चले जाना।
मैं बोली-मोम, क्या भाभी को भी ले जाऊँ?
मोम बोली-बेटा घर में कौन रहेगा? और फिर रहोगे कहां? और ऐसे ही मुझे टालने लगी।
मैं बोली-मोम, भाभी भी अकेली घर में बोर हो जाएंगी तो मैं और भाभी साथ-साथ घूम आएंगे और रही घर की तो विजय अंकल को बोल देंगे की दिन में ध्यान रखेंगे घर का, क्योंकी वो हमारे पड़ोस में ही रहते हैं।
तो मोम के चेहरे पर मुश्कान आ गई। क्योंकी मेरा तीर सही निशाने पर जाकर लगा था। मोम बोली-“ठीक है चले जाना और अपना ध्यान रखना…”
तो मैं मोम के गले लग गई और मोम को थैंक्स बोला। मोम की बड़ी-बड़ी चुचियाँ मेरी छाती से टकरा गई। मैं खुश हुई और रूम में आ गई और वहां से भाभी के रूम में गई, और भाभी को बोली-“भाभी हो गया आपका काम। एक नहीं दो दिन तक हम बाहर रहेंगे…”
भाभी खुश हो गई और मैं अपने रूम में आ गई। दूसरे दिन मैं अपने रूम में लेटी थी। भाभी आई मेरे पास और बोली-“पायल तूने मेरा काम कर दिया?”
मैं बोली-भाभी बस आपकी खुशी में मेरी खुशी है, और मैं आपकी रंडी हूँ …”
भाभी बोली-“लेकिन एक समस्या है? तुम मेरे साथ चलोगी तो वहां पर मैं तुमको कैसे लेकर जाऊँ?”
मैं बोली-“भाभी मैं भी चलूंगी पार्टी में…”
भाभी ने मना कर दिया, और भाभी बोली-“वहां पार्टी बहुत गंदी होगी। उसने मुझे बताया की पार्टी में सभी ड्रिंक करते हैं, एक दूसरे के साथ डान्स करते हैं, चिपकते हैं…”
मैं बोली-ऐसी भी कोई पार्टी होती है?
भाभी बोली-वहां ऐसी हो होती है बस उसमें कुछ ही दोस्त आते हैं।
पर मन ही मन में बहुत खुश हुई की मजा आएगा। ऐसी पार्टी में तो एक साथ कई लण्ड मिलेंगे। पर मन में डर भी था की कहीं साले जबरदस्ती मुझे चोद ना दें। मैं बोली-“ठीक है, पर तुम राज से बात कर सकती हो। शायद वो मुझे रुकने का कहीं और इंतेजाम कर दे…”
भाभी बोली-“ठीक है, मैं ट्राइ करती हूँ …”
उसके बाद भाभी ने राज को काल किया और बात करने लगी तो भाभी ने राज को बताया की यार हम आज ही आ रहे हैं, तुम्हरे फ्लैट पर।
राज बोला-आ जाओ कोई प्राबलम नहीं है।
भाभी बोली-पर यार मेरी ननद भी मेरे साथ है, उसके बिना मैं घर से नहीं आ सकती।
राज बोला-ठीक है, ले आओ उसे भी। आज अपने साथ रह लेगी कल उसका कहीं और इंतेजाम कर दूँगा ।
भाभी बोली-क्या हुआ?
मैंने कहा-मैंने इसमें सेव कर लिया है।
भाभी बोली-साली रंडी चालू कर ना, बहुत मन हो रहा है तेरी माँ की चुदाई देखने का।
मैंने शुरू कर दिया और हम दोनों उसे देखने लगे।
***** *****
मैं और मेरी भाभी, हम दोनों मेरे रूम में बैठे हुए अपनी मम्मी की चुदाई को देख रहे थे। तब भाभी ने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और उसके नीचे उन्होंने बैकलेश ब्लाउज़ पहना था। मैंने उस समय सूट और लेगी पहनी हुई थी। हम दोनों वीडियो देखने में मगस ल थे और हमारी चूतें अब गरम होने लगी थीं। मैंने भाभी की ओर देखा तो भाभी भी मुझे देख रही थी।
भाभी बोली-क्या हुआ मेरी कुतिया?
मैं बोली-आपकी कुतिया की चूत में खुजली हो रही है और कुतिया की चूत रात से लण्ड के लिये तड़प रही है।
भाभी बोली-देख ना साली तेरी माँ की गाण्ड कितनी मस्त है? क्या बड़े-बड़े चूतड़ है रंडी के?
मैं बोली-“हाँ भाभी, मम्मी के चूत ड़ और चुचियाँ मस्त हैं तभी तो विजय अंकल इतने मजे से चोद रहे थे। मैं चाहती हूँ कि कोई आपकी इस कुतिया को भी कोई ऐसे ही कसके चोदे…”
भाभी बोली-“मेरी रंडी कुतिया, तुझे तो बस मैं चोदूं गी अपने प्लास्टिक के लौड़े से…” और ये कहते हुए मेरी चुची को दबा दिया।
मैं ओह्ह… भाभी कर उठी।
भाभी बोली-क्यों लण्ड की जरूरत है तेरी चूत को?
मैं बोली-“हाँ भाभी…”
भाभी बोली-“रुको कुछ दिन तुम…” कहकर भाभी ने मुझे बाहों में ले लिया। हमारे कपड़े खुल गये और हम एक दूसरे को संतुष्ट करने लगे। भाभी मेरी चूत को चाटने, काटने लगी और मैं भाभी की, और हम झड़ गये, और ऐसे ही नंगे सो गये। हमने 2-2 बार खुद की चूतों का पानी निकाला था और सो गये थे।
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मैं बोली-भाभी आप बोलो तो सही, मैं आपके हर काम के लिए तैयार हूँ ।
उसके बाद भाभी बोली-“देख तुझे कोई एतराज हो तो मुझे बता देना…”
मैं बोली-“भाभी सेन्टी मत हो और बात बताओ…”
भाभी बोली-“यार राज का बर्थ-डे है, मैं उसको गिफ्ट देना चाहती हूँ , ऐसा गिफ्ट जिससे राज खुश हो जाए और मुझे कभी भूले नहीं…”
मैं बोली-“इसमें क्या है दे दो कोई अच्छा सा गिफ्ट?” और मैंने पूछा -उसका बर्थ-डे कब है?
भाभी बोली-15 जून को (15 जून 2015 की बात कर रही है )
मैं-ओके।
भाभी बोली-देख यार, उसने पार्टी रखी है एक मस्त उसमें जाना है मुझे और मैं सुबह ही आउंगी, क्योंकी राज के बर्थ-डे में मैं पूरी रात उसकी बीवी बनकर रहती हूँ और वो मुझे चोदता है। पर अब मैं नहीं जा सकती, क्योंकी मम्मी नहीं मानेगी। तो तुम मेरी हेल्प करोगी ना? और तुम तो जानती हो की तुम्हारे भाई का लण्ड मुझे खुश नहीं कर सकता, तो मैं राज से चुदवाती हूँ …”
मैं बोली-“भाभी क्या यार, तुम तो मेरी गुरु हो सेक्स की और तुम मेरी मालकिन हो, मैं तो तुम्हारी नोकरानी हूँ , तो तुम्हारी हेल्प तो करूंगी ही, पर मुझे भी कुछ चाहिए?”
भाभी बोली-क्या लेगी तू ?
मैं बोली-“समय आने दो ले लूँगी …” फिर मैंने भाभी से कहा-“और हाँ, मैं तुमसे जो माँगूंगी तुम मना नहीं करोगी…”
भाभी बोली-“ठीक है दे दूँगी , पर मैं उस दिन तुम्हारी हेल्प से ही जा सकती हूँ । तो तुम मेरी हेल्प करोगी और मैं पूरी रात उसके फ्लैट में रहूँ गी…”
मैं बोली-ठीक है, मैं हेल्प करूंगी।
भाभी ने मुझे हग किया और जोर से मुझे किस की और बोली-“मेरी रंडी तुझे मैं एक दिन ऐसा सरप्राइज़ दूँगी की तू खुश हो जाएगी…”
मैं बोली-“आपकी रंडी हूँ जो करना है करो, बस मुझे चुदाई के बिना मत छोड़ो…” और मैं फिर बोली-“भाभी, अपने साथ माँ भी होती तो कितना मजा होता?”
भाभी बोली-“रंडी तू देखती जा, तेरी माँ और तू कैसे एक दूसरे की चूत चाटोगी। मैं ऐसा चक्कर चलाउंगी कि तेरी माँ का यार तुझे तेरी माँ के सामने चोदेगा…”
उसके बाद अब हम दोनों प्लान करने लगे की कैसे माँ को फँसाया जाए? वीडियो हम बना चुके थे पर हम दोनों डरते थे की कहीं मम्मी विजय के साथ मिलकर हमको ही ना फँसा दे। फिर भी हम माँ की हर हरकत पर नजर रखने लगे। ऐसे ही 15-20 दिन में हमने माँ की 2-3 वीडियो और बना ली और माँ के मोबाइल से विजय अंकल का नंबर भी ले लिए और इधर राज का बर्थ-डे भी आ रहा था।
भाभी ने मुझे फिर से याद दिलाया और और मेरे एग्जाम हो चुके थे और हालीडे चल रही थी, तो मैं सारा दिन घर में ही रहती थी और भाभी के साथ पॉर्न मूवीस देखती और लेसबो सेक्स करती। ऐसे ही दिन गुजर रहे थे। उधर माँ मस्त होकर विजय अंकल का लौड़ा लेती और पापा आते तो पापा का लौड़ा लेती। मेरी रंडी भाभी अपनी चूत की प्यास राज से बुझाती और मैं अपनी उंगलियों से।
लेकिन अब मैं इतनी ज्यादा चुदासी हो चुकी थी की मैं बस किसी का भी लण्ड लेना चाहती थी। मैं हर समय बस एक दमदार लण्ड की तलाश में रहती, जो मुझे बिस्तर में अच्छे से मसल सके। लेकिन अब सबके लण्ड देख कर तो चेक नहीं कर सकती थी। मैं बस कभी-कभी लड़कों का भीड़ में अपनी चूत या गाण्ड पर से छूकर के मजा लेती और कभी-कभी हाथ भी फेर देती। मुझे बहुत मजा आता। मैं बस अपनी हालीडे का मजा ले रही थी।
फिर एक दिन भाभी ने मुझे बोला-“पायल यार, कुछकर राज का बर्थ-डे है परसों का और मुझे जाना है…”
तो मैंने कहा-आप चिंता मत करो…”
फिर शाम को मम्मी आई तो मैंने मम्मी को बोला-“मम्मी मेरी दोस्त लोग दो दिनों के लिए घूम ने जा रहे हैं, क्या मैं भी उनके साथ जा सकती हूँ ?
मोम बोली-कब जाना है? और कौन कौन जाएगा?
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मैं बोली-मोम, क्या भाभी को भी ले जाऊँ?
मोम बोली-बेटा घर में कौन रहेगा? और फिर रहोगे कहां? और ऐसे ही मुझे टालने लगी।
मैं बोली-मोम, भाभी भी अकेली घर में बोर हो जाएंगी तो मैं और भाभी साथ-साथ घूम आएंगे और रही घर की तो विजय अंकल को बोल देंगे की दिन में ध्यान रखेंगे घर का, क्योंकी वो हमारे पड़ोस में ही रहते हैं।
तो मोम के चेहरे पर मुश्कान आ गई। क्योंकी मेरा तीर सही निशाने पर जाकर लगा था। मोम बोली-“ठीक है चले जाना और अपना ध्यान रखना…”
तो मैं मोम के गले लग गई और मोम को थैंक्स बोला। मोम की बड़ी-बड़ी चुचियाँ मेरी छाती से टकरा गई। मैं खुश हुई और रूम में आ गई और वहां से भाभी के रूम में गई, और भाभी को बोली-“भाभी हो गया आपका काम। एक नहीं दो दिन तक हम बाहर रहेंगे…”
भाभी खुश हो गई और मैं अपने रूम में आ गई। दूसरे दिन मैं अपने रूम में लेटी थी। भाभी आई मेरे पास और बोली-“पायल तूने मेरा काम कर दिया?”
मैं बोली-भाभी बस आपकी खुशी में मेरी खुशी है, और मैं आपकी रंडी हूँ …”
भाभी बोली-“लेकिन एक समस्या है? तुम मेरे साथ चलोगी तो वहां पर मैं तुमको कैसे लेकर जाऊँ?”
मैं बोली-“भाभी मैं भी चलूंगी पार्टी में…”
भाभी ने मना कर दिया, और भाभी बोली-“वहां पार्टी बहुत गंदी होगी। उसने मुझे बताया की पार्टी में सभी ड्रिंक करते हैं, एक दूसरे के साथ डान्स करते हैं, चिपकते हैं…”
मैं बोली-ऐसी भी कोई पार्टी होती है?
भाभी बोली-वहां ऐसी हो होती है बस उसमें कुछ ही दोस्त आते हैं।
पर मन ही मन में बहुत खुश हुई की मजा आएगा। ऐसी पार्टी में तो एक साथ कई लण्ड मिलेंगे। पर मन में डर भी था की कहीं साले जबरदस्ती मुझे चोद ना दें। मैं बोली-“ठीक है, पर तुम राज से बात कर सकती हो। शायद वो मुझे रुकने का कहीं और इंतेजाम कर दे…”
भाभी बोली-“ठीक है, मैं ट्राइ करती हूँ …”
उसके बाद भाभी ने राज को काल किया और बात करने लगी तो भाभी ने राज को बताया की यार हम आज ही आ रहे हैं, तुम्हरे फ्लैट पर।
राज बोला-आ जाओ कोई प्राबलम नहीं है।
भाभी बोली-पर यार मेरी ननद भी मेरे साथ है, उसके बिना मैं घर से नहीं आ सकती।
राज बोला-ठीक है, ले आओ उसे भी। आज अपने साथ रह लेगी कल उसका कहीं और इंतेजाम कर दूँगा ।
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(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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