ज़बरदस्त ,,,,,,,जारी रखिये।………अगली कड़ी की प्रतीक्षा में
Adultery मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
-
- Platinum Member
- Posts: 5372
- Joined: 22 Dec 2017 15:27
Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
Friends read my other stories
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
- kunal
- Pro Member
- Posts: 2731
- Joined: 10 Oct 2014 21:53
Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
सतीश भाई
ज़बरदस्त कहानी है.. अगली कड़ी के इंतज़ार में..
ज़बरदस्त कहानी है.. अगली कड़ी के इंतज़ार में..
फूफी और उसकी बेटी से शादी.......Thriller वासना का भंवर .......Thriller हिसक.......मुझे लगी लगन लंड की.......बीबी की चाहत.......ऋतू दीदी.......साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन!
- mastram
- Expert Member
- Posts: 3664
- Joined: 01 Mar 2016 09:00
Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
Nice story... Keep it up dear.
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
- SATISH
- Super member
- Posts: 9811
- Joined: 17 Jun 2018 16:09
Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
बहोत धन्यवाद दोस्तो
Read my all running stories
आग्याकारी माँ(running)
मम्मी मेरी जान(running)
Main meri family aur mera gaon part -2(running)
मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें(running)
पिशाच की वापसी(running])
स्वाहा (complet)
लंगडा प्रेत(coming soon)
Read my Marathi stories
मराठी चावट कथा-सतीश(running)
आग्याकारी माँ(running)
मम्मी मेरी जान(running)
Main meri family aur mera gaon part -2(running)
मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें(running)
पिशाच की वापसी(running])
स्वाहा (complet)
लंगडा प्रेत(coming soon)
Read my Marathi stories
मराठी चावट कथा-सतीश(running)
- SATISH
- Super member
- Posts: 9811
- Joined: 17 Jun 2018 16:09
Re: मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें
अनजान औरत द्वारा मेरा देह शोषण
नैना बोली- छोटे मालिक, अब कुछ दिन तो आपको यह दूध तो पीना पड़ेगा, खासतौर से जब तक यह फ़िल्मी पार्टी यहाँ है. अच्छा अब मैं चलती हूँ.यह कह कर वो जाने लगी तो मैंने उसको पकड़ लिया और एक बड़ी कामुक जफ्फी और लबों पर एक चुम्बन दे दिया.
मैं बिस्तर पर आज सिर्फ अपने अंडरवियर में ही लेट गया क्यूंकि मैं काफी थक गया था और मुझको काफी सख्त नींद आई हुई थी.ना जाने कब मेरी नींद खुली तो मैंने महसूस किया कि कोई हाथ मेरे शरीर पर रेंग रहा है लेकिन मैं दम साधे लेटा रहा यह देखने के लिए कि यह किसका हाथ है.
थोड़ी देर इसी तरह मेरे शरीर पर रेंगने के बाद उस हाथ ने मेरे लंड को छेड़ना शुरू किया और जल्दी ही मेरा लंड एकदम से अकड़ गया लेकिन मैं बिल्कुल कुछ भी हरकत किये बगैर दम साधे लेटा रहा.फिर एक मुंह मेरे लंड को लेकर उसको धीरे धीरे चूसने लगा और जैसे जैसे वो मुंह मेरे लंड को चूसता जा रहा था, लंड और भी अकड़ता जा रहा था.
अब जैसे ही लंड को छोड़ कर मुंह हटने लगा, मैंने झट से उसको अपने हाथों में पकड़ लिया और उसके अभी भी गीले होटों पर अपने होंट रख दिए.घने अँधेरे में मुंह का मालिक एकदम अकचका गया और अपने मुंह को छुड़ाने की कोशिश करने लगा.मैंने अब अपने हाथ उस एकदम नंगे शरीर के मालिक के चूतड़ों पर रख दिए और उनको हल्के हल्के सहलाने लगा.मैंने यह महसूस किया कि शरीर किसी हसीना का ही हो सकता है.
मुंह की मालकिन ने अब मुंह छुड़ाने की कोशिश छोड़ दी थी और वो अब मेरे द्वारा की गई छेड़छाड़ का आनंद ले रही थी.अब मैं अपने हाथ उसके नितम्बों से हटा कर उसके मुम्मों पर फेरने लगा और उसके चूचुकों को छेड़ने लगा जो अब एकदम से सख्त हो चुके थे.कमरे में उस रात्रि बहुत ही घना अन्धकार था, शायद वो अमावस्या की रात थी इसी कारण हम एक दूसरे के अंग भी नहीं देख पा रहे थे.
अब उस अनजान औरत ने मुझको आलिंगनबद्ध किया और मेरे शरीर को चूमते हुए उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुंचा दिया. अगले ही कुछ क्षणों में वो औरत मेरे दोनों तरफ पैर रख कर मेरे ऊपर बैठ गई और मेरे लौड़े को हाथ से पकड़ कर उसने अपनी गीली चूत के मुंह पर रख कर ऊपर से ज़ोर का धक्का दिया और फिर उसने बड़े ही प्रेम से मेरी चुदाई शुरू कर दी और मैं उसके गोल गोल मुम्मों को अपने हाथों में लेकर मसलने लगा.
वो कभी कभी झुक कर मेरे होटों को भी चूस रही थी और मैं भी उसके मम्मों को कभी कभी चूस लेता था.यह सिलसिला कितने समय चला, यह मुझको मालूम नहीं लेकिन ऊपर नीचे होते हुए वो एकदम रुक गई और फिर उसका शरीर ज़ोर से अकड़ा, फिर वो एकदम ढीली पड़ गई और जल्दी ही मेरे ऊपर ही पसर गई..
तब मैंने उसको अपने ऊपर से हटा कर बिस्तर पर लिटा दिया और फिर मैंने स्वयं उसकी टांगों को चौड़ा करके खुद उसको चोदने लगा और इतनी तेज़ और ज़ोरदार चुदाई की उस अनजान औरत की कि मुझको यकीन है कि वो ज़रूर एक दो बार ज़रूर झड़ गई होगी.फिर मैं उसके ऊपर से हट कर बिस्तर पर लेट गया और बड़ी शीघ्र ही मुझको नींद ने आन घेरा.
सवेरे जब मैं उठा तो वो औरत जा चुकी थी, मैं बहुत हैरान हुआ कि यह कौन हो सकती है? क्या यह रूबी थी या फिर मधु मैडम थी? इस राज़ को मैं आज तक नहीं जान सका.
सुबह जब नैना चाय देने आई तो मैंने रात वाले किस्से का ज़िक्र उससे भी किया लेकिन वो भी इस पहेली को नहीं सुलझा सकी.फिर हम दोनों ने मिल कर कमरे और बिस्तर को पूरी तरह से छान मारा लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
अगले दिन सारा दिन नदी किनारे डांस होता रहा और थोड़ी शूटिंग भी की कैमरा ऑपरेटर्स ने!उस दिन मुझको महसूस हुआ कि कितना कठिन होता है फिल्म का निर्माण करना.
एक एक शॉट को पूरा करने में कई घंटे लग जाते थे और कितनी बार एक ही तरह के डांस स्टेप्स को दोहराना पड़ता था. आज सब डांसर्स ने अपनी पूरी डांस वाली ड्रेस पहनी हुई थी और मुझको भी गाँव के जवान लड़के की पोशाक पहना रखी थी.
लंच ब्रेक में मैं नदी किनारे अपने गुप्त स्थान की तरफ चला गया जो वहाँ से थोड़ी दूर था. सोचा था कि वहाँ जाकर थोड़ी देर सो लूंगा लेकिन जैसे ही मैं उस जगह घुसा तो मेरे पीछे सैंडी नाम की डांसर भी घुस आई. मैं चौंक गया कि यह कैसे यहाँ पहुँच गई?
पूछने पर सैंडी ने बताया कि वो तो मेरे पीछे आते हुए यहाँ तक पहुँच गई थी.मैं बोला- कहो, कैसे आना हुआ यहाँ?सैंडी बोली- मैं तुमको फक करना चाहती हूँ अभी यहाँ पर!मैं बोला- यहाँ तो खतरा है सैंडी, कोई भी आ सकता है यहाँ.सैंडी बोली- कोई बात नहीं, प्लीज फक करो मुझको!और सैंडी मुझको पकड़ कर होटों पर चूमने लगी और गाँव वालों के स्टाइल की छोटी सी धोती में से मेरे लंड को ढूंढने लगी.
फिर उसने मेरी धोती ढीली कर दी और मेरे लंड को अंडरवियर से निकाल लिया और उसको अकड़ा हुआ देख कर खुश हो गई. उसने भी गाऊँ वाली औरतों की तरह छोटा सा लहंगा पहन रथा था जो उसके घुटनों तक आ रहा था और उसके नीचे भी एक छोटी सी टाइट पजामी पहन रखी थी.
उसने खुद ही अपनी पजामी को नीचे कर दिया और मेरे हाथ को अपनी चूत के ऊपर रख दिया.उसकी सफाचट मुलायम चूत पर हाथ फेरते हुए मैंने उसको एक बहुत ही कामुक चुम्बन दे दिया.उसके मम्मों पर हाथ लगाया तो वो काफी कठोर महसूस हुए और उसके चूतड़ भी गोल और उभरे हुए लगे.
अब मैं पूरे जोश में आ चुका था तो मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी चूत के मुँह के ऊपर अपना लौड़ा टिका कर ज़ोरदार धक्का मारा और वो पूरा का पूरा अंदर चूत में समा गया.मैंने उसको धीरे धीरे चोदना शुरू किया क्यूंकि उसकी चूत अभी पूरी गीली नहीं हुई थी. थोड़ी देर हल्के धक्कों के बाद ज़ोरदार धक्कों को शुरू कर दिया क्यूंकि किसी वकत भी कोई आ सकता था.
मैंने धक्कों की स्पीड एकदम तेज़ कर दी और सैंडी जल्दी ही तिलमिलाती हुई झड़ गई लेकिन मैंने अपनी चुदाई जारी रखी और सैंडी को भी अब बेहद मज़ा आने लगा था, वो बार बार अपनी गांड को आगे पीछे कर रही थी और मेरे धक्कों का पूरा जवाब दे रही थी.
सैंडी को कभी हल्की स्पीड और कभी तेज़ स्पीड से चोदते हुए मैं उसको फिर छूटने की कगार पर ले आया और आखरी कुछ धक्के इतनी स्पीड से मारे कि सैंडी का मुख खुला का खुला रह गया.अब सैंडी अस्फुट आवाज़ में बोल रही थी- मार डालो… और मारो… ओह्ह्ह मी गई ली रे!यह कहते हुए सैंडी ज़मीन पर लेट गई.
जब वो उठी तो जल्दी से उसने अपने कपड़े ठीक किये और कहने लगी कि वो बम्बई के मछुआरे परिवार से है और वहाँ फक करने की खुली छूट है.मैंने कहा- कॉटेज में तुम्हारे कमरे का नंबर क्या है?सैंडी बोली- मेरा और जूली का कमरा नंबर 2 है और तुमसे चुदने की हमारी बारी है आज रात!मैं बोला- तुम और जूली तो मेरे से चुद चुकी हो न… फिर दुबारा क्यों नंबर लगा रही हो?सैंडी हंस कर बोली- आज रात हम तीनों नंगे होकर चोदेंगे ना, तो उस चूत चुदाई का मज़ा ही कुछ और है.
फिर मैं सैंडी को लेकर एक घुमावदार रास्ते से वापस लौटा जहाँ अभी सब आलखन फ़रमा रहे थे. मुझको यकीन था कि सैंडी अगर चाहे भी तो वो दोबारा वो नदी किनारे वाली छुपने की जगह नहीं ढूंढ पाएगी.
कहानी जारी रहेगी.
Read my all running stories
आग्याकारी माँ(running)
मम्मी मेरी जान(running)
Main meri family aur mera gaon part -2(running)
मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें(running)
पिशाच की वापसी(running])
स्वाहा (complet)
लंगडा प्रेत(coming soon)
Read my Marathi stories
मराठी चावट कथा-सतीश(running)
आग्याकारी माँ(running)
मम्मी मेरी जान(running)
Main meri family aur mera gaon part -2(running)
मेरा सुहाना सफर-कुछ पुरानी यादें(running)
पिशाच की वापसी(running])
स्वाहा (complet)
लंगडा प्रेत(coming soon)
Read my Marathi stories
मराठी चावट कथा-सतीश(running)