प्यारी मौसी compleet

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rajsharma
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »

प्यारी मौसी पार्ट--5

गतान्क से आगे........
मुझे नही मालूम था कि मौसी इतनी चुदासी निकलेगी.
वो मुझे कभी भी चुदाई के लिए मना नही करती थी.
मैं जब दिल करा मौसी की चुदाई कर देता था. अगले
दिन से पायल रोज़ घर पर आने लगी.और वो मुझसे ज़्यादा बाते करने लगी.
मेरी नज़र ज़्यादा उसकी उभरी हुई चुचियो पर ही होती थी जिससे देखकर मेरा
लंड खड़ा हो जाता था जिसे देखकर पायल अपनी चूत को मेरे सामने ही कई
बार रगड़ देती थी,
जब मैं नही देख रहा होता तो.
एक बार हम तीनो टीवी देख रहे थे और रिमोट पायल के हाथ में था.
उसके हाथ से रिमोट नीचे गिर गया,
जैसे ही वो रिमोट उठाने के लिए नीचे झुकी तो उसका साड़ी का पल्लू भी
नीचे गिर गया.
मैं उसके ब्लाउस से आधे से ज़्यादा बाहर निकले हुए बूब्स को
देखता ही रहा.
मुझसे रहा नही गया और मैने बाथरूम में जाकर मूठ मार ली.
एक दिन पायल ने हमे अपने घर पर डिन्नर में बुलाया.
मौसा ने मना कर दिया और कहा कि तुम दोनो ही चले जाओ मुझे कुछ काम है.
हमने कहा कि ठीक है.
हम दोनो पायल के घर चले गये उसका घर मौसी के घर से बड़ा था.
वाहा जाकर हम बाते करने लगे.
पायल के हज़्बेंड भी घर पर नही थे.
9:30पीएम पर पायल ने डिन्नर लगा दिया,हम बैठकर डिन्नर करने लगे.
डिन्नर करने के बाद जैसे ही हम घर को आने के लिए निकले तो,निकलने के
2 मिनट. बाद ही तेज बारसात शुरू हो गयी.
हम दोनो बहुत भीग गये थे तो हम पायल के घर वापस चले गये.
पायल ने कहा कि तुम दोनो भीग गये हो कपड़े चेंज कर लो.
पायल ने मौसी को अपनी साड़ी दी और मुझे एक लूँगी दे दी.
हम दोनो ने कपड़े चेंज कर लिए.
हमने घर पर फोन करके कहा कि तेज बारिश हो रही है.
तो मौसा ने कहा कि अगर बरसात ना रुके तो वही सो जाना कल सुबह आ जाना.
मौसी ने कहा कि ठीक है..
मौसी ने हमे बताया तो मैं दुआ करने लगा कि आज बारिश ना रुके और
आज किसी तरह पायल की भी चूत मिल जाए तो और भी मज़ा आएगा.
पायल भी जाकर अपने कपड़े चेंज कर आई,उसने सलवार सूट पहना था.
फिर हम 3नो वही बैठकर बाते करने और टीवी देखने लगे.
मौसी मेरे बराबर में बैठी थी और पायल सामने बैठी थी.
मैं टीवी कम और पायल का जिस्म ज़्यादा देख रहा था.
मैं मौसी की जाँघ पर हाथ रखकर सहला रहा था.मौसी ने अपनी टांगे
और खोल दी जिससे कि मैं उनकी चूत पर अपने हाथ रख सकु.
पायल का मूह टीवी की तरफ था इसलिए वो हमे नही देख रही थी.
थोड़ी देर बैठने के बाद पायल ने मुझे एक रूम में और मौसी और खुद को
एक रूम में सोने को कहा.
मैने मौसी के कान में कहा कि आज रूम को लॉक मत करना आज मुझे तुम्हारी
और तुम्हारी सहेली की खिदमत करने का मौका दो.
मौसी ने कहा ठीक है.
मौसी और पायल रूम में जाने लगी तो.मैं भी दूसरे रूम में चला गया.
बारिश की वजह से मौसम भी ठंडा हो गया था.
मैं फिर उठकर रूम के पास जाकर दरवाज़े से छिप्कर आगे के नज़ारे का
इंतेज़ार करने लगा.
मौसी ने ट्यूब लाइट बंद करके नाइट दूधिया बल्ब जला दिया.
पायल बोली दरवाजा अंदर से अच्छी तरह लॉक कर ले.
मौसी बोली बंद कर दिया है लॉक करके क्या करना कौन सा कोई आ रहा है
मैन गेट पर लॉक लगा ही दिया है.
बाकी बगल से कुश तो यहाँ आएगा नही,
अगर आ गया तो हम दोनो इस ठंड में उसको भी दाब लेंगी.
इस पर पायल ने अजीब सा मूह बनाया और गुस्से से बोली जैसी तेरी मर्ज़ी.
फिर मौसी ने अपनी सारी उतार दी और आकर बेड के एड्ज पर बैठ गयी और पायल
कपड़े उतारने लगी पहले पायल ने अपनी सलवार उतारी और कमीज़ (कुर्ता)भी उतार
दिया.
अब दोनो ने डबल बेड वाला कंबल निकाला और सोने लगे तो जैसे ही कंबल
पायल ने अपने उपेर डाला तो बोली यार बड़ी ठंडी हो रही है.
मौसी बोली की गर्मी का इंतज़ाम तो मेरे पास है वो बोली क्या तो मौसी ने कहा
बगल से कुश को बुला लेते है सारी ठंड दूर हो जाएगी.
इस बात पर पायल ने झूठी नाराज़गी दिखाते हुए मौसी को हल्के से स्लॅप किया.
फिर मौसी बोली चल कुश की जगह मैं ही सही और मौसी ने पायल को जाकड़
लिया और उसके लिप्स पर एक जबरदस पप्पी ली,
पायल कुच्छ नही कह पाई.
फिर मौसी ने पायल की ब्रा को खोलकर हटा दिया तो पायल के बूब्स जैल से आज़ाद
हो गये और वाह क्या बूब्स थे दोस्तों एकदम गुलाबी गोरे जैसे लोटस की पेलेट्स
हों म्‍म्म्मम.
मेरा तो दिल मचलने लगा और साँसे चलने लगी और दिल धड़कने लगा.
फिर मौसी उसके बूब्स को जीभ से चाटने लगी और पायल यार प्ल्स,
छोड़ो मुझे, ये क्या कार्ररर रही हाआआआआईयईईईई तुउउुझीई कयय्या
हो गया है कह रही थी.
लेकिन मौसी ने अपनी रफ़्तार और बड़ा दी और उसको उपर से पहले से ही नंगा कर
दिया था और पायल के उपेर के जिस्म पर पूरी तरह
सवार हो गयी वह कभी उसको चूमती,
कभी उसकी चूची दबाती कभी उनको चूसने लगती और कभी उसके लिप्स का चुम्मा
लेती.
फिर मौसी ने पायल को पलट कर उसकी पेट और बॅक साइड पर किस्सिंग सुरू कर
दी और दोनो हाथों से उसके चूचों को भी दबाने लगी.
मौसी के इस ऑल साइड अटॅक से पायल एकदम लाचार सी
हो गयी थी जबकि पायल का फिगर और बॉडी भी मौसी से 20 था.
फिज़िकली पायल वाज़ मोर स्ट्रॉंग दॅन मौसी बट अट दिस सिचुयेशन शी वाज़ जस्ट
अनडिसाइडेड आंड कॅंट नोट रिप्लआइयिंग प्रॉपर्ली टू दा आक्षन्स ऑफ मौसी.
मौसी तो एकदम चोदू वाली स्टाइल में पायल को चोदने पर उतारू थी पर बाहर
मेरा बुरा हाल था साँसे अलग चल रही थी और लंड साला अलग ज़ोर मार रहा
था.
मैं पूरा सीन दूर के उस गॅप से ब्लू फिल्म की तरह देख रहा था.

साली मौसी को तो फुल मस्ती चढ़ि हुई थी और वो तो पायल की चुदाई करने को
खुद ही तय्यार हो गयी थी.
अचानक यह क्या उसने पायल की सलवार भी उपर से नीचे को खींच दी और
वहाँ पर चूमना सुरू कर दिया मुझे पायल की चूत के आस पास का एरिया
दिखाई नही दे रहा था इसलिए मुझे अंदाज़ा नही लग रहा था
कि उसकी झांते (चूत के आप पास के बाल) थी या नही.
पर मौसी के आक्षन से ये लग रहा था कि उसने शेव की हुई थी नही तो मौसी
इतनी मस्ती से उसकी चूत को नही चूमती.
मौसी तो पायल को एकदम मर्द वाली स्टाइल में चुदाई के लिए तय्यार कर रही
थी और मौसी की बॉडी और उसके पेटीकोट की वजह से पता चल
रहा था कि वो एक औरत है नही तो वो एकदम एक मर्द की तरह पायल की चुदाई
की तय्यारी कर रही थी.
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »


मौसी ने पायल की जांघों को भी चाटना और काटना सुरू
कर दिया और उसकी चूत वाले एरिया में उंगली भी कर रही थी और कभी उसकी
पूरी बॉडी के उपर चुदाई वाली स्टाइल में सवार हो जाती.
अब मौसी ने पायल को पूरा अपने नीचे ले लिया और उसके उपर एकदम एक मर्द की
तरह सवार हो गयी बस फ़र्क इतना था कि उसने पेटीकोट नही उतारा था.
वो नीचे से पायल की दोनो टाँगो को अपनी टाँगों से पेटीकोट के अंदर से ही
जकड़े थी.
अब पायल मस्त हो गयी थी और उसकी गर्मी भी बढ़ने लगी थी
वो मौसी को मना नही कर पा रही थी और लेज़्बीयन चुदाई का मज़ा ले रही थी.
अब शायद मौसी की चूत में भी खुजली सुरू हो गयी थी क्योंकि अब उसने अपना
पेटीकोट आगे उठाया और पायल की चूत के पास अपनी चूत सटा दी,
इस बार पायल ने भी कोई रेज़िस्टेन्स नही दिखाई और मौसी के चूतड़ उसके
पेटीकोट के बाहर से ही पकड़ कर दबाने लगी ताकि उसकी चूत और मौसी की चूत
और करीब आ सके.
अब तो पायल पूरे जोश में आ गयी थी अब पायल ने मौसी की ब्रा को खोलकर
उसके चूचों को चूसना सुर कर दिया.
दोस्तो आप ही अंदाज़ लगा सकते है इस टाइम क्या मस्ती का सीन
होगा क्योंकि औरत से औरत की चुदाई देखने का मेरा ये दूसरा मौका था और
रीडर्स में तो कई ने एक्सपीरियेन्स लिया होगा.
मुझे कुच्छ साफ दिखाई नही दे रहा था बस कभी मौसी पायल के उपर होती तो
कभी पायल मौसी के उपर.
जब मौसी उपर होती तो उसने पेटीकोट पहना हुआ था इसलिए कुच्छ नही दिखता था
पर जब पायल उपर होती तो उसकी मस्त बॉडी को देखकर में पागल हो जाता था.
अब मुझे पूरा अंदाज़ा हो गया था कि उसकी चूत शेव की हुई थी नही तो मैं
उसकी झांतें ज़रूर देख पाता.
पायल की बॉडी मौसी से हर अंदाज़ में मस्त थी उसकी ज़्यादा हाइट, ज़्यादा बड़े
बूब्स और चूतड़ सभी मौसी से 20 थे पर मौसी की चुदाई का जो मज़ा था वो
दोस्तों मैं अभी तक की अपनी कहानी में बता चुका हूँ पर उसको महसूस ही
किया जा सकता है लिख कर बताना मुश्किल है.
लेकिन आज मौसी की नंगी बॉडी देखकर मेरा लंड बेकाबू हो रहा था पर दोस्तों
मैं अपने लंड का पूरा ख़याल रखता हूँ और इसको भटकने नही देता.
जब पायल मौसी के उपर से अपने चूतड़ ठोक ठोक कर चोदती तो मेरा तो बुरा
हाल हो जाता पर मौसी बड़े आराम से मज़ा लेती और पायल
को ठुकाई के लिए एग्ज़ाइट करती.
अबकी बार जब मौसी की उपर वाली टर्न आई तो मौसी ने जबरदस्त रागड़ाई की और
पायल तो मारे मस्ती के हाँफने लगी और म्‍म्म्ममममम, स्शह करके मस्ती का
सिग्नल देने लगी.
अचानक पायल चिल्लई ज़ाआानएमााआअन्न्‍ननननणणन् मैं ज्ज्ज्ज्ज्झहछद्द्दद्ड रही
हुउन्न्ञनणणन् मेरे अंदर गीला हो रहा हाई.
इसके बाद भी मौसी ने उपर से धकेलना नही छ्चोड़ा पर अब पायल एकदम डेड सी
हो गयी तो मौसी को भी रुकना पड़ा पर मौसी बड़ी अपसेट लग रही थी.
वो पायल के उपर से हटी और उसने अपना पेटीकोट और ब्रा ठीक किया और बेड से
नीचे उतर गयी.
पायल अपने जगह से साइड में हो गयी और उसने कंबल अपने उपेर डाली और
चुपचाप सो गयी.
मुझे लगा कि वो मौसी की रागड़ाई से गीली हो गयी थी और ठंडी होकर लेट
गयी थी.
लेकिन मेरा क्या होगा मौसी एक दम भूखी शेरनी सी लग रही थी और मुझे लगता
है कि उसकी चुदाई का ही ऑप्षन मेरे पास था क्योंकि पायल को पहली बार तय्यार
करना मेरे लिए मुश्किल था और वह एक बार झाड़ ही चुकी थी.
मौसी ने अपनी मस्ती के चक्कर में मुझे बीच में चान्स ही नही दिया और
पायल पूरी मस्ती के बाद झाड़ कर सो गयी थी.
मुझे अब चुदाई के प्रोग्राम को रिसेट करना था तो मैने झट से प्रोग्राम बना
लिया कि पहले मौसी की चुदाई करूँगा क्योंकि वो एकदम गरम थी,
मैं वहाँ से उठकर मौसी के डोर की तरफ बढ़ा तो मौसी पहले ही बाहर आ
रही थी और मुझे डोर के पास मिल गयी.
मैने मौसी से कहा तुमने सब गड़बड़ कर दिया तुम्हारी चूत तो आज बड़ी मस्त हो
रही है लगता है कि मेरा लंड आज उसे ही पहले चोदेगा.
मौसी बोली ज़रा धीरज रखो कुश राजा, इतनी जल्दबाज़ी ठीक नही अरे मज़ा तो
तब है जब वो अपने आप तुमसे चुदवाने को तय्यार हो जाए.
मैने कहा जो भी हो मौसी डार्लिंग में नही रुक सकता और मैने मौसी को पकड़
कर अपनी बाहों में भर के चूमना सुरू कर दिया.
मौसी अपना बचाव करती रही फिर बोली ज़्यादा नही मैं उसे पकड़ कर रूम
के अंदर ले गया और डोर बंद कर दिया.
तब तक शायद पायल सो गयी थी इस समय रात के १२बज रहे थे और मुझे तो
ठंड भी लग रही थी.
मौसी भी मेरी चुम्मि का जबाब चुम्मि से देने लगी.
मैं बेड के पास सोफे पर बैठ गया और मौसी को अपनी बाहों में जाकड़ लिया
और उसकी बॉडी को अपनी बॉडी से रगड़ कर गर्मी पैदा करने की कोशिश करने लगा.
मैं मौसी को बेड पर नही लेकर गया क्योंकि पायल जाग सकती थी और मैं अब
पहले मौसी की फुलटो चुदाई करना चाहता था और पायल की गंद और चूत को
गर्म करने में टाइम लगता और ताक़त भी ज़्यादा लगानी पड़ती जिससे पायल की नींद
डिस्टर्ब होती.
मैने मौसी को अपनी गोद(लॅप) में इस तरह बिठाया कि उसकी चूतड़ मेरे थाइ
पर रहे और उसकी गंद मेरे लंड के निशाने पर.
मैं मौसी को पूरा एग्ज़ाइट करके चोदना चाहता था.
फिर मैने मौसी की ब्रा थोड़ा उपर करके उसके बूब्स दाबना सुरू कर दिया
साली के चूची 3२ साल में भी टाइट थी और शायद मेरे और उसके हब्बी के
अलावा उनको किसी ने नही दबाया था.
मैं जैसे ही उसकी चूची दबाता साली पूरी कोशिश करती कि वो मेरे हाथ में
ना आयें साली मुझे तरसाना चाहती थी.
पर मैं एक मर्द हूँ मेरे सामने उस च्छुई मुई की क्या औकात पर साली पूरा मज़ा
लगा देती.
अब मैने उसके ब्लाउस को पिछे से भी उपेर करके उसकी पीठ को चूमना और
चाटना सुरू कर दिया.
मैं एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और दूसरे से उसकी कमर को जाकड़
रखा था और मेरी जीभ और लिप्स उसकी बॅक पर ट्रॅवेलिंग कर रहे थे वो
कभी ब्रेक लगाते कभी कट गियर,
कभी किस गियर और कभी सक गियर से उसकी बॅक, नेक,
आर्म्पाइट, बूब्स का जायज़ा ले रहे थे.
मौसी के चिकने चूतड़ मेरे लंड के ठीक उपर थे और मैं पेटीकोट के पतले
कपड़े के अंदर से उनकी गर्मी को पूरा फील कर सकता था.
मैने अपने दूसरे हाथ से मौसी के बूब्स दबाने सुरू कर दिए तो
उसको थोड़ा मज़ा आने लगा पर वो ज़बरदस्ती परेशानी का नाटक करती रही.
मैने भी उसके बूब्स का मसाज जारी रखा तो अब वो थोड़ा थोड़ा मस्ती में आने
लगी पर वो अभी भी मुझे रोकने की कोशिश करती रही.
मौसी जितना मना करती मैं और ज़ोर से उसके चूची दबाता और नीचे से भी उसकी
गंद और चूतड़ की गहराई पर अपने लंड को लूँगी के अंदर से ही रगड़ता जाता.
मौसी बोली अरे कुश डार्लिंग मार ही डालेगा क्या, मैने कहा नही मौसी जान मुझे
क्या प्यासा रहना है क्या इतनी सर्दी में.
अब तो बिना शबाब के रात भी मुश्किल से कट ती है.और शबाब
का इंतज़ाम तो आप से ही होता है.बिना आपके कैसे इंतज़ाम होगा.
इसके बाद मैने उसके पैरों को दबाकर एक हाथ उसकी दोनो टाँगो के बीच अंदर
डाल कर उसकी जाँघो तक हाथ पहुचा दिया और उसकी दोनो जांघों पर गुदगुदी
करने लगा. दोस्तो पायल की चुदाई का सीन आप अगले पार्ट मे पढ़ पाएँगे
तब तक इंतजार कीजिए आपका दोस्त राज शर्मा

क्रमशः..............
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »


pyari mousi paart--5

gataank se aage........
Mujhe nahi maloom tha ki mousi itni chudaasi niklegi.
usne mujhe kabhi bhi chudai ke liye mana nahi karti thi.
main jab dil kara mousi ki chudai kar deta tha. Agle
din se paayal roz ghar par aane lagi.aur wo mujhse jyada baate karne lagi.
Meri nazar jyada uski ubhari hui chuchiyo par hi hoti thi jisse dekhkar mera
lund khada ho jaata tha jisse dekhkar paayal apni chut ko mere saamne hi kai
baar ragad deti thi,
jab main nahi dekh raha hota to.
Ek baar hum teeno tv dekh rahe the aur remote paayal ke haath mein tha.
uske haath se remote niche gir gaya,
jaise hi wo remote uthaane ke liye niche jhuki to uska saadi ka pallu bhi
niche gir gaya.
main uske blouse se aadhe se jyada bahar nikale hue boobs ko
dekhta hi raha.
mujhse raha nahi gaya aur main bathroom mein jaakar muth maar li.
Ek din paayal ne hume apne ghar par dinner mein bulaya.
mousa ne mana kar diya aur kaha ki tum dono hi chale jao mujhe kuch kaam hai.
humne kaha ki thik hai.
Hum dono paayal ke ghar chale gaye uska ghar mousi ke ghar se bada tha.
Waha jaakar hum baate karne lage.
paayal ke husband bhi ghar par nahi the.
9:30pm par paayal ne dinner laga diya,hum baithkar dinner karne lage.
Dinner karne ke baad jaise hi hum ghar ko aane ke liye nikle to,nikale ke
2 min. Baad hi tej baarsaat shuru ho gayi.
hum dono bahut bheeg gaye the to hum paayal ke ghar waapas chale gaye.
Paayal ne kaha ki tum dono bheeg gaye ho kapde change kar lo.
paayal ne mousi ko apni saadi di aur mujhe ek lungi de di.
hum dono ne kapde change kar liye.
Humne ghar par phone karke kaha ki tej baarish ho rahi hai.
to mousa ne Kaha ki agar barsat na ruke to wahi so jaana kal subah aa jaana.
mousi ne kaha ki thik hai..
mousi ne hume bataya to main dua karne laga ki aaj baarish na ruke aur
aaj kisi tarah paayal ki bhi chut mil jaaye to aur bhi maza aayega.
Paayal bhi jaakar apne kapde change kar aayi,usne salwar suit pehna tha.
fir hum 3no wahi baithkar baate karne aur tv dekhne lage.
mousi mere barabar mein baithi thi aur paayal saamne baithi thi.
Main tv kam aur paayal ka jism jyada dekh raha tha.
maine mousi ki jhaang par haath rakhkar sehla raha tha.mousi ne apni taange
aur khol di jisse ki main unki chut par apne haath rakh saku.
paayal ka muh tv ki taraf tha isliye wo hume nahi dekh rahi thi.
Thodi der baithne ke baad paayal ne mujhe ek room mein aur mousi aur khud ko
ek room mein sone ko kaha.
Maine mousi ke kaan mein kaha ki aaj room ko lock mat karna aaj mujhe tumhari
aur tumhari saheli ki khidmat karne ka mouka do.
mousi ne kaha thik hai.
Mousi aur paayal room mein jaane lagi to.main bhi dusre room mein chala gaya.
Barish ki wajah se mousam bhi thanda ho gaya tha.
main fir uthkar room ke paas jaakar darwaaze se chhipkar aage ke nazaare ka
intezaar karne laga.
Mousi ne tube light bandh karke night dudhiya bulb jala diya.
paayal boli darwaja andar se achchhi tarah lock kar le.
Mousi boli band kar diya hai lock karke kya karna kaun sa koi aa raha hai
main gate par Lock laga hi diya hai.
Baki bagal se kush to yahan aayega nahi,
agar aa gaya to hum dono is thand mein usko bhi daab lengi.
Is par paayal ne ajib sa muh banaya aur gusse se boli jaisi teri marzi.
Fir mousi ne apni saree utar di aur aakar bed ke edge par baith gayi aur paayal
kapde utarne lagi pehle paayal ne apni salwar utari aur kameez (kurta)bhi utar
diya.
Ab dono ne double bed wala kambal nikali aur sone lage to jaise hi kambal
paayal ne apne uper daala to boli yaar badi thandi ho rahi hai.
Mousi boli ki garmi ka intzaam to mere paas hai woh boli kya to mousi ne kaha
bagal se kush ko bula lete hai saari thand door ho jayegi.
Iss baat per paayal ne jhooti narazgi dikhate huye mousi ko halke se slap kiya.
Fir mousi boli chal kush ki jagah main hi sahi aur mousi ne paayal ko jakad
liya aur uske lips par ek jabardas puppy li,
paayal kuchh nahi kah payi.
Fir mousi ne paayal ki bra ko kholkar hata diya to paayal ke boobs jail se azad
ho gaye aur wah kya boobs the doston ekdum gulabi gore jaise lotus ki pellates
hon mm.
Mere to dil machlne laga aur sanse chalne lagi aur dil dhakne laga.
Fir mousi uske boobs ko jeebh se chatne lagi aur paayal yaaar pls,
chhodo mujhee, ye kya karrrr rehi haaaaaaaaaaiiiiiii tuuuujheeee kyyya
ho gaya hai keh rahi thi.
Lekin mousi ne apni raftaar aur bada di aur usko upar se pehle se hi nanga kar
diya tha aur paayal ke uper ke jism par puri tarah
sawar ho gayi wah kabhi usko choomti,
kabhi uski choochi dabti kabhi unko choosne lagti aur kabhi uske lips ka chumma
leti.
Fir mousi ne paayal ko palat kar uski peth aur back side per kissing suru kar
di aur dono haathon se uske choochon ko bhi dabne lagi.
mousi ke is all side attack se paayal ekdum lachar si
ho gayi thi jabki paayal ka figure aur body bhi mousi se 20 tha.
Physically paayal was more strong than mousi but at this situation she was just
undecided and cant not replying properly to the actions of mousi.
Mousi to ekdum chodoo wali style mein paayal ko chodne per utaru thi par bahar
mera bura haal tha sanse alaga chal rahi thi aur lund sala alag jor mar raha
tha.
Main pura seen door ke us gap se blue film ki tarah dekh reha tha.

Saali mousi ko to full masti chadi huyi thi aur wo to paayal ki chudai karne ko
khud hi tayyar ho gayi thi.
Achanak yeh kya usne paayal ki salwar bhi upar se neeche ko kheench di aur
wahan par chumna suru kar diya mujhe paayal ki choot ke aas paas ka area
dikhai nahi de reha tha isliye mujhe andaja nahi lag raha tha
ki uski jhante (choot ke aap paas ke baal) thi ya nahi.
Par mousi ke action se ye lag raha tha ki usne shave ki huyi thi nahi to mousi
itni masti se uski choot ko nahi choomti.
Mousi to paayal ko ekdum mard wali style mein chudai ke liye tayyar kar rahi
thi aur mousi ki body aur uske peticoat ki wajah se pata chal
reha tha ki woh ek aurat hai nahi to woh ekdum ek mard ki tarah paayal ki chudai
ki tayyari kar rahi thi.
Mousi ne paayal ki janghon ko bhi chatna aur katna suru
kar diya aur uski choot wale area mein ungli bhi kar rahi thi aur kabhi uski
puri body ke upar chudai wali style mein sawar ho jaati.
Ab mousi ne paayal ko pura apne neeche le liya aur uske upar ekdum ek mard ki
tarah sawar ho gayi bus fark itna tha ki usne peticoat nahi utara tha.
Who neeche se paayal ki dono tango ko apni tangon se peticoat ke ander se hi
jakde thi.
Ab paayal mast ho gayi thi aur uski garmi bhi badhne lagi thi
woh mousi ko mana nahi kar pa rahi thi aur lesbian chudai ka maza le rahi thi.
Ab shayad mousi ki choot mein bhi khujli suru ho gayi thi kyonki ab usne apna
peticoat aage uthaya aur paayal ki choot ke paas apni choot sata di,
iss baar paayal ne bhi koi resistance nahi dikhayi aur mousi ke chootad uske
peticoat ke bahar se hi pakad kar dabne lagi taki uski choot aur mousi ki choot
aur karib aa sake.
Ab to paayal pure josh mein aa gayi thi ab paayal ne mousi ke bra ko kholkar
uske choochon ko choosnta sur kar diya.
Dosto aap hi andaz laga sakte hai is time kya masti ka seen
hoga kyonki aurat se aurat ki chudai dekhne ka mera ye dusra mauka tha aur
readers mein to kai ne experience liya hoga.
Mujhe kuchh saaf dikhyi nahi de reha tha bus Kabhi mousi paayal ke upar hoti to
kabhi paayal mousi ke upar.
Jab mousi upar hoti to usne peticoat pehna hua tha isliye kuchh nahi dikhta tha
par jab paayal upar hoti to uski mast body ko dekhkar mein pagal ho jaata tha.
Ab mujhe pura andaja ho gaya tha ki uski choot shave ki huyi thi nahi to main
uski jhantein jarur dekh pata.
paayal ki body mousi se har andaz mein mast thi uski jyada height, jyada bade
boobs aur chootad sabhi mousi se 20 the par mousi ki chudai ka jo maza tha woh
doston mein abhi tak ki apni kahniyon mein bata chuka hun par usko mehsoos hi
kiya jaa sakta hai likh kar batana mushkil hai.
Lekin aaj mousi ki nangi body dekhkar mera lund bekabu ho raha tha par doston
main apne Lund ka pura khayal rekhta hun aur isko bhatkane nahi deta.
Jab paayal mousi ke upar se apne chootad thok thok kar chodti to mera to bura
haal ho jaata par mousi bade aram se maza leti aur paayal
ko thukai ke liye excite karti.
Abki baar jab mousi ki upar wali turn aayi to mousi ne jabardast ragdai ki aur
paayal to maare masti ke hanfne lagi aur mmmmmmmm, sshhhhhhh karke masti ka
signal dene lagi.
Achanak Paayal chillai jaaaaaanemaaaaaaannnnnnnnn main jjjjjjhhhhhhaddddd rahi
huunnnnnnn mere ander gila ho rehhhaaaaaaaa haii.
Iske baad bhi mousi ne upar se dhakelna nahi chhoda par ab Paayal ekdum dead si
ho gayi to mousi ko bhi rukna pada par mousi badi upset lag rahi thi.
Woh Paayal ke upar se hati aur usne apna peticoat aur bra theek kiya aur bed se
neeche utar gayi.
Paayal apne jagah se side mein ho gayi aur usne kambal apne uper dali aur
chupchap so gayi.
Mujhe laga ki woh mousi ki ragdai se gili ho gayi thi aur thandi hokar late
gayi thi.
Lekin Mera kya hoga mousi ek dum bhukhi sherni si lag rahi thi aur mujhe lagta
hai ki uski chudai ka hi option mere pas tha kyonki Paayal ko pehli baar tayyar
karna mere liye mushkil tha aur wah ek baar jhad hi chuki thi.
Mousi ne apni masti ke chakkar mein mujhe beech mein chance hi nahi diya aur
Paayal puri masti ke baad jhad kar so gayi thi.
Mujhe ab chudai ke program ko reschdule karna tha to main jhat se program bana
liya ki pehle mousi ki chudai karunga kyonki woh ekdum garam thi,
Main wahan se uthkar mousi ke door ki taraf badha to mousi pehle hi bahar aa
rahi thi aur mujhe door ke paas mil gayi.
Main mousi se kaha tumne sab gadbad kar diya tumhari choot to aaj badi mast ho
rahi hai lagta hai ki mera lund aaj use hi pehle chhedega.
Mousi boli jara dheeraj rakho kush raja, itni jaldbaji theek nahi aare maza to
tab hai jab woh apne aap tumse chudwane ko tayyar ho jaye.
Maine kaha jo bhi ho mousi darling mein nahi ruk sakta aur main mousi ko pakad
kar apni baahon mein bhar ke choomna suru kar diya.
Mousi apna bachav karti rahi par boli jyada nahi main use pakad kar room
ke ander le gaya aur door bandh kar diya.
Tab tak shayad Paayal so gayi thi iss samay raat ke baj rahe the aur mujhe to
thand bhi lag rahi thi.
Mousi bhi meri chummi ka jabab chummi se dene lagi.
Main Bed ke paas sofe par baith gaya aur mousi ko apni baahon mein jakad liya
aur uski body ko apni body se ragad kar garmi paida karne ki koshish karne laga.
Main mousi ko bed par nahi lekar gaya kyonki Paayal jaag sakti thi aur main ab
pehle mousi ki Fultoo chudai karna chahta tha aur Paayal ki gand aur choot ko
garm karne mein time lagta aur takat bhi jyada lagi padti jisse Paayal ki neend
disturb hoti.
Maine mousi ko apni godh(lap) mein is tarah bithaya ki uski chootad mere thigh
par rahe aur uski gand mere lund ke nishane par.
Main mousi ko pura excite karke chodna chahta tha.
Fir maine mousi ki bra thoda upar karke uske boobs dabna suru kar diya
saali ke choochi 3o saal mein bhi tite the aur shayad mere aur uske hubby ke
alawa unko kisi ne nahi dabaya tha.
Main jaise hi uski choochi dabata sali puri koshish karti ki woh mere haath mein
na aayein sali mujhe tarasana chahti thi.
Par main ek mard hun mere samne uss chhuyi muyi ki kya aukat par sali pura maza
laga deti.
Ab maine uske blouse ko pichhe se bhi uper karke uski peeth ko choomna aur
chatna suru kar diya.
Maine ek hath se uske choochi daba raha tha aur dusre se uski kamar ko jakad
rakha tha aur meri jeebh aur lips uski back par travelling kar rahe the woh
kabhi break lagate kabhi cut gear,
kabhi kiss gear aur kabhi suck gear se uski back, neck,
armpit, boobs ka jayja le rahe the.
Mousi ke chikne chootad mere lund ke theek upar the aur main peticoat ke patle
kapde ke ander se unki garmi ko pura feel kar sakta tha.
Main apni dusre hath se mousi ke boobs dabne suru kar diye to
usko thoda maza aane laga par woh jabardasti pareshani ka natak karti rahi.
Main bhi uske boobs ki massage jari rakha to ab woh thoda thoda masti mein aane
lagi par woh abhi bhi mujhe rokne ki koshish karti rahi.
Mousi jitna mana karti main aur jor se uske choohi dabata aur niche se bhi uski
gand aur chootad ki gahrai par apne lund ko lungi ke ander se hi ragadta jaata.
Mousi boli are kush darling maar hi dalega kya, maine kaha nahi mousi jaan mujhe
kya payasa rehna hai kya itni sardi mein.
Ab to bina shabaab ke raat bhi mushkil se kat ti hai.aur shabaab
ka intezaam to aap se hi hota hai.bina aapke kaise intzaam hoga.
Iske baad maine uske pairon ko dabakar ek haath uski dono tango ke beech andar
daal kar uski jangho tak haath phuncha diya aur uski dono janghon par gudgudi
karne laga.

kramashah..............


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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »

प्यारी मौसी पार्ट--6

गतान्क से आगे........
मेरे इस आक्षन से वो हड़बड़ा गयी और उसने अपनी दोनो टाँगें फैला दी मैं उसकी
दोनो टाँगों के गॅप में बैठ गया और उसका पेटीकोट एक दम उपर कर दिया.
फिर मैने उसके दोनो चूतड़ को अपने दोनो हाथों से दबा दिया अब मेरे लिए उसकी
गांद मारना तो और भी आसान था.
अब मैने पहले उसकी गंद ही मारने की सोची क्योंकि साली जब पायल के साथ मस्ती
कर रही थी अपनी गंद ज़्यादा ही मतकाती थी और गांद मरवाने में बहुत नखरे
भी करती है.
अब मैं मौसी को उठाकर बेड पर चित लिटाकर पटक दिया और एकदम उसके उपर
सवार हो गया नही तो मौसी फिर मेरी पकड़ से निकल जाती.
मैं एक एक कर अपनी लूँगी को खोल कर अपना अंडरवेर भी उतार दिया और फिर
बनियान उतार कर एक दम नंगा हो गया पर इस दौरान मैने मौसी को पूरी तरह से
अपने नीचे दबा के रखा.
उसकी चिकनी और मुलायम मक्खनी स्किन को दबाने में तो बड़ा मज़ा आ रहा था.
लेकिन मैं मौसी को भी पूरा नंगा कर लेना चाहता था जिससे साली शरम के
मारे हल्ला ना कर सके,
क्योंकि साली खुद नंगी होगी तो पायल के उठने के डर से हल्ला नही करेगी.
उसको मालूम है कि पायल भी नंगी है और मैं कही उसे छ्चोड़ कर पायल पर
पिल गया तो मौसी अपनी चूत पर उंगली करती ही रह जाएगी.
पहले मैने एक हाथ से उसके पेटीकोट की गाँठ खोल दी और एक झटके में उसे
नीचे किया और दूसरा झटका पावं से देते हुए पेटीकोट को दूर फेंक दिया.
फिर मैने मौसी के कमर तक के हिस्से को ज़ोर से दबाकर रखा और उपर थोड़ा
ढीला छ्चोड़कर उसका ब्लाउस एक झटके में उसके बाजू से बाहर निकाल दिया.
अब साली वो भी एकदम नंगी थी और में भी और बगल में कंबल के अंदर
दूसरी चूत (पायल) सोती सुंदरी बनी हुई थी.
दोस्तों और सहेलियों आप अंदाज़ लगाओ क्या सिचुयेशन है,लंड एक है और छेद 6
और अभी तक एक छेद ने भी लंड का स्वाद नही चखा है.
मैने मौसी को उसके पेट के बल दबाकर रखा था और कोई मौका ना देकर उसकी
चूची दबा ली और उसकी गांद की वॅली में अपना लंड रखकर पहले बाहर
से ही रगड़ मारना सुरू किया.
मौसी बोल रही प्ल्ज़ कुश आराम से बहुत दर्द होता है तुम एकदम कसाई होकर पिल
जाते हो कुछ तो ख़याल करो मेरी गांद फट जाएगी.
प्लीज़ कुश मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है क्यों मेरी गांद फाड़ने पर लगे हो.
आज तक मैने कभी गांद नही मरवाई है.आज फाड़ डालोगे क्या मेरी गांद.
तुम तो मुझे बिल्कुल रंडी समझने लगे हो. मैने कहा अरे घबराती क्यों हो अब
जब नंगी हो गयी हो तो रंडी बनने में क्या शरम वैसे भी हर औरत का यह
रंडी वाला टाइम है.
तुम तो समझदार हो आइडीयल वुमन के मेरिट्स तो पता होने चाहिए,कि सुबह मोम,
दिन में दोस्त, शाम को लवर और रात में रंडी.
मौसी बोली वैसे तुम्हारी बात करते गांद फट जाती है पर यहाँ तो मेरी गांद
फाड़ने की बातें और रंडियों के स्पेशलिस्ट बन रहे हो.
मैने कहा तुम भी तो दिन में बड़ी सती सावित्री बनी फिरती हो मुझे देखते ही
अपना सर आँचल से ऐसे ढकती हो जैसे में तुम्हारा ससुर लगता हूँ.
इस तरह बातें करते हुए मैने मौसी की गांद के छेद का निशाना लेते हुए
अपना लंड पूरी ताक़त से उसकी गंद में ठोक दिया जैसे ट्यूब वेल की ड्रिलिंग
मशीन का ड्रिल ज़मीन में ठूकता है.
मौसी इतनी ज़ोर से चीखी उउउउउह्ह मेर्र्र्रीईइ माआन्न, माअररर द्दाल्ल्लाअ
स्साअल्ल्ली न्नईए.
मौसी की इस चीख से शायद पायल जाग गयी थी पर उसने कंबल से बाहर
मूह नही किया.
या तो वो दोबारा सो गयी या चुपचाप हमारी गंद मस्ती का नज़ारा देख (सुन) रही
थी.
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Re: प्यारी मौसी

Post by rajsharma »


मैने अपने लंड को बिना हिलाए डुलाए मौसी का ध्यान टालने के लिए उसके पेट और
आर्म्पाइट्स पर चूमना और चाटना शुरू कर दिया और मेरा लंड उसकी गंद की गहराई
में पूरा समाया हुआ था लेकिन मौसी को अभी उसका अहसास नही कराना चाहता था.
मौसी पेट और बूब्स के बल चित लेटी हुई और उसके चूचिया बेड पर चिपकी
हुई सी थी मैने धीरे धीरे एक हाथ से उसके चूचो पर भी दबाव बना
शुरू कर दिया और पूरी स्पीड से उसकी बॅक, नेक, आर्म्पाइट और उसके बूब्स की जध
पर भी होंठों (लिप्स) से चुम्मा ले लेता था.
मैने उसकी बॉडी के उपर के पूरे हिस्से पर अपनी जीभ, होंठो और कभी
कभी ज़्यादा मस्ती के लिए हल्का सा काट भी लेता था और उसको फूलटो मस्त करने
की पूरी कोशिश कर रहा था.
अब जब मौसी की गंद मस्ती में बिल्कुल मस्त हो गयी तो वो मस्ती में अपने पैर
पटक कर और अपने चूचे उठाकर मुझे अपने बूब्स दबवाने और गंद ठोकने के
लिए और एग्ज़ाइट कर रही थी.
दोस्तों/सहेलियों में भी उसकी मस्ती का पूरा ख़याल रखते हुए उसके सर से
पैरों तक हर पार्ट को पूरा एग्ज़ाइट करने में लगा था यहाँ तक की मैं अपने
दोनो पैरो से उसकी टाँगों, पैरों और फुट फिंगर पर भी मसाज करके उसकी
प्यास को बढ़ाने की कोशिश कर रहा था.
अब तो वह गंद मस्ती में अपने चूतड़ उठा उठा कर अपनी गंद के रास्ते को और
खोलकर गंद मस्ती का सिग्नल दे रही थी.
जब मुझे पूरा विश्वास हो गया कि वो पूरी तरह मस्त हो गयी है तो मैने धीरे
धीरे अपने लंड को उसकी गंद में लेफ्ट राइट अंदर ही घुमाना सुरू कर दिया
जिससे उसको परेशानी भी ना हो और मुझे भी मेहनत कम करनी पड़े.
मैं गंद मस्ती के लिए केवल उसकी गंद पर ही कॉन्सेंट्रेट ना करके उसकी पूरी
बॉडी को एग्ज़ाइट कर रहा था.
मेरे ऐसा करने से वो अपनी गंद और चूतड़ और ज़ोर से उपर नीचे करने लगी
और मस्ती में में मोन करने लगी अहह, कुउहह, एम्म, ऊऊहह,
माआज़्ज़ा आआ गययायाअ कुउस्स्स्स्सह आौर ज्ज्ज्जॉर्र्र्सस्ससी ढाका लागाऊव
आअज्जजज टू फछद के ही राआआआख दूवग़ग्गीई,
फॅट जाए साली पर ऐसा मज़्ज़्ज़्ज़्ज़ म कुउुउउस्स्स्शह.
मुझहह्े तो पााात्ताआआ हीईीई नहियीईई त्ााअ गंदड़ मसत्त्तिईइ
कककककाा म्माज़्ज़ाआ आअहह. मौसी की सी चीख पुकार से पायल जाग गयी थी या
वो पहले ही जागी हुई थी और अब कंबल से मूह बाहर निकाल कर चुपचाप हमे
देख रही थी पर वो शायद नींद और नंगे होने की वजह से चुप थी.
इससे मुझे बड़ी राहत मिली क्योंकि मेरा अगला टारगेट तो उसी की गंद थी और फाइनल
टारगेट उसकी चुदाई.
मौसी की गंद मस्ती में आने के बाद मैं तो एक दम नॉर्मल और रिलॅक्स हो रहा
था क्योंकि मुझे बिल्कुल मेहनत नही करनी पड़ रही थी वो अपनी गंद और
चूतड़ उठा उठा कर अपनी गंद खुद मरवा रही थी,
मैं बस उसके चूचों और उपर की बॉडी पर अपने होंठों से अपना प्यार बरसा
रहा था.
इस समय सचमुच मैं और मौसी मस्ती की फाइनल स्टेज पर थे और दोनो दुनिया
से और बगल में लेटी पायल से बेख़बर गंद मस्ती का आनंद ले रहे थे और
मुझे भी पहली बार गांद मारने में इतना मज़्ज़ा आया.
जब मौसी कुच्छ थकने लगी तो मैने अपने लंड का ज़ोर दिखाना सुरू कर दिया और
अब मैं उसकी गांद में अपना लंड पूरी ताक़त से उपर नीचे पेलने लगा और
मौसी फिर मस्त हो गयी और घुटनो पर टिककर अपनी गंद को उपर कर लिया ताकि
उसकी गंद में मेरा लंड पूरी तरह समाता रहे.
बगल में लेटी पायल चुप दिखती थी पर शायद उसके अंदर भी मौसी की चुदाई
को देखकर वासना(सेक्षुयल डिज़ाइर) का तूफान ज़रूर उठ रहा होगा.
कुच्छ देर बाद मेरे लंड के अंदर हरकत होनी सुर हो गयी और मुझे लगा कि
मेरा माल बाहर आने वाला है तभी मौसी बोली कुश प्लीज़ अब मैं थक रही
हू थोड़ा रूको और इतना कहकर वह चित लेट गयी मैने भी उसके दोनो हाथों को
अपने हाथों से दबाकर अपना लंड पूरे दबाव के साथ उसकी गंद में ठोक दिया.
तभी मेरे लंड की पिचकारी उसकी गंद में छ्छूट गयी और वो कहने लगी कुश
लगता है तुम्हारे पिचकारी की बौछार हो गयी है.
इसके बाद मैं कुछ देर लंड उसकी गंद में डाले हुए ही शांति से उसके उपेर
लेटा रहा फिर मैने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और वह
बिल्कुल मुनक्के की तरह सिकुड गया था.
जैसे ही मैने अपना लंड बाहर निकाला मौसी की नज़र बगल में लेटी पायल की
तरफ गयी और उसने मेरी नज़रें बचाते हुए पायल को आँख मारी
(जैसे की चुदवाने का राइट टाइम आ गया है).
फिर मौसी ने अपने ब्लाउस को पहना और पेटीकोट को बांधने लगी और मैने अब
पायल की ठुकाई करने की सोची.

जैसे ही मौसी अपनी सफाई के लिए बाहर गयी मैने एकदम कंबल उठाया और
पायल एकदम नंगी पीठ के बल लेटी थी.
मैं बिना देर लगाए पायल के पेट के उपेर बैठ गया और उसकी दोनो
चूचियो को दोनो हाथों से पकड़ लिया और अपना लंड उसकी दोनो चूचियों के
बीच में रखकर चुदाई वाली स्टाइल में रगड़ने लगा.
यह सब इतनी जल्दी हुआ की पायल कुछ समझ ही नही पाई.
इससे मेरा लंड सॉफ हो गया दूसरा मेरे लंड की रगड़ से मेरा लंड भी फिर से
टाइट होने लगा और पायल की ठुकाई की तय्यारी सुरू हो गयी.
इस बार जैसे ही पायल मस्ती में आने लगी और आ उूउउ म्‍म्म्ममममममम करने
लगी तो मैने मौका देखते ही अपना लंड उसके खुले मूह के अंदर डाल दिया.
ऐसा करके मैने अपने लंड का इंट्रोडक्षन पायल को करा दिया.
पायल मेरे से किसी भी तरह बच नही सकती थी और उसे मज़ा ज़रूर आ रहा
था क्योंकि वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे उसकी बेबी उसका चूचियों
से दूध पी रही हो.
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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