भाभी का बदला
दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा एक और कहानी शुरू कर रहा हूँ हो सकता है कुछ दोस्तो ने ये कहानी पढ़ भी रखी हो
पर मुझे लगता है काफ़ी दोस्तो ने इस कहानी को नही पढ़ा होगा इसीलिए उन दोस्तों के लिए इस कहानी को पोस्ट कर रहा हूँ . और उम्मीद करता हूँ कि बाकी कहानियों की तरह इस कहानी को भी आपका सहयोग मिलेगा आपका दोस्त राज शर्मा
दोस्तो ये कहानी पायल की ज़ुबानी शुरू करता हूँ
भाभी का बदला
- rajsharma
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भाभी का बदला
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: भाभी का बदला
हाय दोस्तों, मेरा नाम पायल है। मैं अजमेर राजस्थान से हूँ और मेरी उम्र 19 साल है, मैं एक स्टूडेंट हूँ , रंग गोरा, स्लिम बॉडी, फिगर 32-28-30 है, यानी मस्त सेक्सी माल हूँ ।
मेरे पापा अमर जिनकी उम्र 45 साल, सरकारी ओफीसर, हाइट 5 फुट 9 इंच, लण्ड का साइज 7” इंच लंबा 2½” इंच मोटा।
मेरी मम्मी रागिनी जिनकी उम्र 41 साल, रंग गोरा, साइज 36-32-34 और हाइट 5 फुट 3 इंच है, वो भी सरकारी नौकर हैं, तो खुद को मेनटेन किया हुआ है।
मेरा भाई राहुल उम्र 25 साल, स्लिम बॉडी, लण्ड साइज 5 इंच लम्बा और 1½ इंच मोटा है, और हाइट 5 फुट 6 इंच है। ये जनाब बहुत दुखी हैं, पर सरकारी जॉब है।
मेरी भाभी रजनी जिसकी उम्र 23 साल, रंग गोरा, फिगर 34-30-32 है, स्लिम बोडी, हाइट 5 फुट दो इंच है। मेरी भाभी बहुत सेक्सी माल है या लड़की की भाषा में बोले तो एकदम पटाका आइटम है जो देखे उसके लण्ड में आग लगा देती है।
मैं भी अच्छों-अच्छों का लण्ड खड़ा कर देती हूँ , जब मैं छोटी ड्रेस पहनती हूँ ।
अब शुरू करते हैं स्टोरी को की कैसे मेरी भाभी ने मुझसे बदला लिया और मुझे चुदवाया और मेरी चूत , मुँह और गाण्ड को फडवा दिया। ये सब इस कहानी के हिस्से हैं, इसलिए सबके बारे में बताया है। अब आगे चलते हैं कहानी पर।
मेरी मम्मी पापा और भाई तीनों ने ही सरकारी नौकरी होने के कारण उन्होंने मुझे बड़े लाड़ प्यार से पाला है, और मुझे हर चीज दिलवा देते हैं। आज से एक साल पहले तक मैं कभी-कभी पॉर्न देख लेती थी या कभी-कभी मम्मी पापा की चुदाई देखकर खुद को शांत कर लेती थी। मेरे घर में 5 रूम हैं, तो सबके रूम अलग-अलग हैं। मेरा रूम मम्मी पापा के रूम से एक रूम छोड़कर है और भाई का मेरे बगल में है।
एक दिन हुआ यूँ की रात को करीब एक बजे मैं उठी तो मैं मूतने गई, तो देखा की मेरे मम्मी पापा के रूम की लाइट जल रही है, क्योंकी मेरे पापा उसी दिन घर आए थे। पापा की नौकरी दूसरे शहर में है, और मम्मी इसी शहर में हैं। तो मैंने सोचा की मम्मी पापा बात कर रहे होंगे, पर जब मैं मूतकर वापस आई तो मैंने देखा की उनके कमरे से आवाज आ रही है।
और ये आवाज बात की नहीं थी, किसी और चीज की थी। तो मैंने खिड़की से झाँक के अंदर देखा तो पापा और मम्मी एकदम नंगे थे और पापा मम्मी की चुचियों को चूस रहे थे और एक हाथ से मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे। और मम्मी की 36” साइज की चुचियों को मुँह में लेकर चूस रहे थे। मम्मी की बड़ी-बड़ी चुचियाँ देखकर मुझे कुछ होने लगा और मैं वही खड़ी होकर अंदर का नजारा देखने लगी। फिर पापा ने अपना अंडरवेर निकाल दिया, जैसे ही मैंने उनका लण्ड देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गईं।
पापा का 7” इंच लंबा लौड़ा देखकर मैं डर गई और सोचने लगी-“मम्मी कैसे ले पाती हैं इसे चूत में?”
उसके बाद पापा ने मम्मी से कुछ कहा, पर मुझे सुनाई नहीं दिया। फिर मम्मी पापा के लण्ड को चूस ने लगी और पापा मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे। कुछ देर बाद पापा ने मम्मी के मुँह से लण्ड निकाला तो लण्ड लाइट और मम्मी के थूक के कारण गीला था, तो चमक रहा था।
फिर पापा ने मम्मी को सीधा लिटाया और एक झटके में पूरा लौड़ा मम्मी की चूत में पेल दिया। मैं तो देखती ही रह गई और मम्मी की चूत में पापा का लण्ड पूरा घुस गया। मैं वही खड़ी-खड़ी उनकी चुदाई देखती रही, खुद की चूत को सहलाती रही और झड़ गई। उसके बाद मैंने उनकी चुदाई देखी और मैं आकर रूम में सो गई और फिर अक्सर उनकी चुदाई देखती और खुद की चूत में उंगली करती थी।
क्योंकी मेरे घर में मैं और मम्मी रहते थे क्योंकी भाई बाहर रहकर पढ़ रहा था तो वो महीनेमें एक बार आता था और पापा हर शनिवार को आते थे, तो मैं शनिवार को लाइव पॉर्न देखती थी। फिर भाई पढ़ाई पूरी करके घर आ गया। मुझे अब देखने का मोका नहीं मिलता था क्योंकी भाई का रूम बगल में होने के कारण डर लगता था।
फिर भाई की नौकरी लग गई, और फिर से भाई चला गया। तो मैं फिर से देखने लगी। मैं भी अब कालेज में आ चुकी थी, पर अभी तक मैंने कोई बायफ्रेंड नहीं बनाया था, ना ही चुदी थी बस चूत में एक उंगली डालती थी और मजा करती थी।
अब शुरू होती है असली कहानी की कैसे मेरी भाभी ने मुझसे बदला लिया और मुझे चुदवाया। बात आज से एक साल पहले की है, जब मेरे भाई की शादी रजनी से हुई। रजनी अपने बाप की एकलौती बेटी थी और बड़े लाड़ प्यार से बड़ी हुई, तो कुछ शोक भी हैं। वो बीयर पीती है। शादी के बाद पहली रात को भाई ने भाभी को खूब चोदा, ऐसा मुझे भाभी ने बताया, और कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल चलता रहा। और फिर भाई भी अपनी नौकरी पर चले गये। अब भाभी अकेली रहती थी। वो रात को सोने से पहले छुपकर वाइन पीती थी, जो भाई उसे लेकर देता था।
एक दिन मैं भाभी मेरे रूम में बैठे थे। तो मैंने भाभी से पूछा -“भाभी, कैसा लगा भाई?”
तो भाभी बोली-“कोई खास नहीं, पता नहीं मेरे माँ बाप ने क्या देखा?”
उसके ऐसा बोलने से मैं थोड़ा चौंक गई, पूछा -“क्या हुआ?”
तो बोली-“तेरी शादी होगी जब, तुझे पता चल जाएगा…”
तो मैं बोली-“भाभी, अपनी दोस्त समझो और बताओ की क्या कमी है भाई में? शायद हम उसे समझा दें?”
तो बोली-तुम उसे कभी सही नहीं कर सकती हो और मुझे उसके साथ ऐसा ही जीना पड़ेगा।
तो मैं जोर देते हुए बोली-“ऐसा क्या है जो सही नहीं हो सकता?”
तो भाभी बोली-“कुछ नहीं, पर मेरी किस्मत फूटी है जो मुझे ये मिला…”
मेरे पापा अमर जिनकी उम्र 45 साल, सरकारी ओफीसर, हाइट 5 फुट 9 इंच, लण्ड का साइज 7” इंच लंबा 2½” इंच मोटा।
मेरी मम्मी रागिनी जिनकी उम्र 41 साल, रंग गोरा, साइज 36-32-34 और हाइट 5 फुट 3 इंच है, वो भी सरकारी नौकर हैं, तो खुद को मेनटेन किया हुआ है।
मेरा भाई राहुल उम्र 25 साल, स्लिम बॉडी, लण्ड साइज 5 इंच लम्बा और 1½ इंच मोटा है, और हाइट 5 फुट 6 इंच है। ये जनाब बहुत दुखी हैं, पर सरकारी जॉब है।
मेरी भाभी रजनी जिसकी उम्र 23 साल, रंग गोरा, फिगर 34-30-32 है, स्लिम बोडी, हाइट 5 फुट दो इंच है। मेरी भाभी बहुत सेक्सी माल है या लड़की की भाषा में बोले तो एकदम पटाका आइटम है जो देखे उसके लण्ड में आग लगा देती है।
मैं भी अच्छों-अच्छों का लण्ड खड़ा कर देती हूँ , जब मैं छोटी ड्रेस पहनती हूँ ।
अब शुरू करते हैं स्टोरी को की कैसे मेरी भाभी ने मुझसे बदला लिया और मुझे चुदवाया और मेरी चूत , मुँह और गाण्ड को फडवा दिया। ये सब इस कहानी के हिस्से हैं, इसलिए सबके बारे में बताया है। अब आगे चलते हैं कहानी पर।
मेरी मम्मी पापा और भाई तीनों ने ही सरकारी नौकरी होने के कारण उन्होंने मुझे बड़े लाड़ प्यार से पाला है, और मुझे हर चीज दिलवा देते हैं। आज से एक साल पहले तक मैं कभी-कभी पॉर्न देख लेती थी या कभी-कभी मम्मी पापा की चुदाई देखकर खुद को शांत कर लेती थी। मेरे घर में 5 रूम हैं, तो सबके रूम अलग-अलग हैं। मेरा रूम मम्मी पापा के रूम से एक रूम छोड़कर है और भाई का मेरे बगल में है।
एक दिन हुआ यूँ की रात को करीब एक बजे मैं उठी तो मैं मूतने गई, तो देखा की मेरे मम्मी पापा के रूम की लाइट जल रही है, क्योंकी मेरे पापा उसी दिन घर आए थे। पापा की नौकरी दूसरे शहर में है, और मम्मी इसी शहर में हैं। तो मैंने सोचा की मम्मी पापा बात कर रहे होंगे, पर जब मैं मूतकर वापस आई तो मैंने देखा की उनके कमरे से आवाज आ रही है।
और ये आवाज बात की नहीं थी, किसी और चीज की थी। तो मैंने खिड़की से झाँक के अंदर देखा तो पापा और मम्मी एकदम नंगे थे और पापा मम्मी की चुचियों को चूस रहे थे और एक हाथ से मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे। और मम्मी की 36” साइज की चुचियों को मुँह में लेकर चूस रहे थे। मम्मी की बड़ी-बड़ी चुचियाँ देखकर मुझे कुछ होने लगा और मैं वही खड़ी होकर अंदर का नजारा देखने लगी। फिर पापा ने अपना अंडरवेर निकाल दिया, जैसे ही मैंने उनका लण्ड देखा तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गईं।
पापा का 7” इंच लंबा लौड़ा देखकर मैं डर गई और सोचने लगी-“मम्मी कैसे ले पाती हैं इसे चूत में?”
उसके बाद पापा ने मम्मी से कुछ कहा, पर मुझे सुनाई नहीं दिया। फिर मम्मी पापा के लण्ड को चूस ने लगी और पापा मम्मी की चूत में उंगली कर रहे थे। कुछ देर बाद पापा ने मम्मी के मुँह से लण्ड निकाला तो लण्ड लाइट और मम्मी के थूक के कारण गीला था, तो चमक रहा था।
फिर पापा ने मम्मी को सीधा लिटाया और एक झटके में पूरा लौड़ा मम्मी की चूत में पेल दिया। मैं तो देखती ही रह गई और मम्मी की चूत में पापा का लण्ड पूरा घुस गया। मैं वही खड़ी-खड़ी उनकी चुदाई देखती रही, खुद की चूत को सहलाती रही और झड़ गई। उसके बाद मैंने उनकी चुदाई देखी और मैं आकर रूम में सो गई और फिर अक्सर उनकी चुदाई देखती और खुद की चूत में उंगली करती थी।
क्योंकी मेरे घर में मैं और मम्मी रहते थे क्योंकी भाई बाहर रहकर पढ़ रहा था तो वो महीनेमें एक बार आता था और पापा हर शनिवार को आते थे, तो मैं शनिवार को लाइव पॉर्न देखती थी। फिर भाई पढ़ाई पूरी करके घर आ गया। मुझे अब देखने का मोका नहीं मिलता था क्योंकी भाई का रूम बगल में होने के कारण डर लगता था।
फिर भाई की नौकरी लग गई, और फिर से भाई चला गया। तो मैं फिर से देखने लगी। मैं भी अब कालेज में आ चुकी थी, पर अभी तक मैंने कोई बायफ्रेंड नहीं बनाया था, ना ही चुदी थी बस चूत में एक उंगली डालती थी और मजा करती थी।
अब शुरू होती है असली कहानी की कैसे मेरी भाभी ने मुझसे बदला लिया और मुझे चुदवाया। बात आज से एक साल पहले की है, जब मेरे भाई की शादी रजनी से हुई। रजनी अपने बाप की एकलौती बेटी थी और बड़े लाड़ प्यार से बड़ी हुई, तो कुछ शोक भी हैं। वो बीयर पीती है। शादी के बाद पहली रात को भाई ने भाभी को खूब चोदा, ऐसा मुझे भाभी ने बताया, और कुछ दिन सब कुछ नॉर्मल चलता रहा। और फिर भाई भी अपनी नौकरी पर चले गये। अब भाभी अकेली रहती थी। वो रात को सोने से पहले छुपकर वाइन पीती थी, जो भाई उसे लेकर देता था।
एक दिन मैं भाभी मेरे रूम में बैठे थे। तो मैंने भाभी से पूछा -“भाभी, कैसा लगा भाई?”
तो भाभी बोली-“कोई खास नहीं, पता नहीं मेरे माँ बाप ने क्या देखा?”
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तो बोली-“तेरी शादी होगी जब, तुझे पता चल जाएगा…”
तो मैं बोली-“भाभी, अपनी दोस्त समझो और बताओ की क्या कमी है भाई में? शायद हम उसे समझा दें?”
तो बोली-तुम उसे कभी सही नहीं कर सकती हो और मुझे उसके साथ ऐसा ही जीना पड़ेगा।
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तो भाभी बोली-“कुछ नहीं, पर मेरी किस्मत फूटी है जो मुझे ये मिला…”
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Re: भाभी का बदला
पायल-भाभी, ऐसी कया बात है जो कोष रही हो भाई को?
रजनी भाभी-तेरे भाई में कमी है तो ही कह रही हूँ ।
पायल-आख़िर क्या कमी है भाई में?
रजनी भाभी-मेरे माँ बाप ने बस लड़के की नौकरी देखी पर मेरी जरूरत नहीं।
पायल-आख़िर बात क्या है जो तुम मुझे भी नहीं बता सकती हो?
रजनी भाभी-देख पायल, तेरी शादी होगी जब, तुझे पता चल जाएगा।
पायल-क्या पता चल जाएगा?
रजनी भाभी-शादी के बाद हर लड़की की कुछ जरूरत होती है।
पायल-क्या जरूरत होती है भाभी?
रजनी भाभी-यार तुम अभी बच्ची हो, तुम्हें नहीं पता की शादी के बाद कुछ जरूरत होती है लड़की को।
पायल-हाँ पता है, पर भाई तो आपकी हर जरूरत पूरी करते हैं।
रजनी भाभी-क्या जरूरत पूरी करता है साला ।
पायल-देखो, भाई को गाली मत दो, वो आपके पति हैं।
रजनी भाभी-साला रोज दारू पीकर सो जाता है और अब भाग गया यहां से नौकरी करने, कुत्ता।
पायल-“भाभी, ड्रिंक तो आप भी करती हो और भाई भी। मैंने आपको भाई के साथ ड्रिंक करते देखा है और आप मेरे भाई को गाली मत दो नहीं तो भाई को बोल दूँगी …”
रजनी भाभी-बोल दे तो क्या होगा? उसका सच छुप जाएगा क्या?
पायल-कौन सा सच भाभी? और क्या कहना चाहती हो तुम?
रजनी भाभी-देख तेरा भाई बस नाम का मर्द है मुझ जैसी सेक्सी हाट लड़की को नहीं सेटीसफ़ाई कर सकता।
पायल-क्यों कया कमी है मेरे भाई में।
रजनी भाभी-तेरे भाई का लण्ड बिल्कुल कुत्ते जैसा है छोटा सा।
मैं भाभी के मुँह से ऐसी बात सुनकर चौंक गई और बोली-क्या बकवास कर रही हो?
रजनी भाभी-हाँ, सही कह रही हूँ । तेरे भाई का लण्ड छोटा और पतला है और चूत में डालने के बाद 5 मिनट में निकल जाता है।
पायल-“भाभी, डाक्टर की सलाह ले लो, और दवा ले लो। उसमें क्या नाराज होना?
रजनी भाभी-“अरे यार, लण्ड ऐसी चीज है जो जो दवा से ठीक नहीं होता जल्दी से। पर तेरा भाई तो मुझे गान्डू लगता है…”
पायल-“ गान्डू … मतलब भाभी?”
रजनी भाभी-मतलब… जैसे वो किसी से अपनी गाण्ड मरवाता हो साला।
पायल-भाभी, आप बहुत बेकार हो अपने पति को गाली दे रही हो।
रजनी भाभी-चुप कर तू , तुझे मिलता ऐसा लण्ड वाला पति तो तुझे पता चलता की चुदाई की आग क्या होती है?
पायल-“मैंने तो कभी किया नहीं, तो मुझे क्या पता कि चुदाई क्या होती है?”
उसके बाद भाभी अपने रूम में चली गई और शाम को आई तो बहुत उदास दिख रही थी। फिर सबने खाना खाया और अपने-अपने रूम में चले गये। उसके कुछ देर बाद भाई आया तो मैंने भाई से कुछ नहीं कहा। बस भाई भी नाराज थे और भाभी भी।
उस दिन रात को मैं मूतने उठी तो देखा की भाभी की रूम की लाइट ओन थी तो मैं जाकर दरवाजे के पास खड़ी हो गई और अंदर की आवाज सुनने लगी, तो अंदर से झगड़े की आवाज आ रही थी। भाभी भाई को गालियाँ दे रही थी, शायद वो नशे में बोल रही थी और भाई को कुत्ता, साला, हिजड़ा, मादरचोद, जैसी गालियाँ दे रही थी। दूसरे दिन भाई उठे और अपनी नौकरी पर चले गये।
रजनी भाभी-तेरे भाई में कमी है तो ही कह रही हूँ ।
पायल-आख़िर क्या कमी है भाई में?
रजनी भाभी-मेरे माँ बाप ने बस लड़के की नौकरी देखी पर मेरी जरूरत नहीं।
पायल-आख़िर बात क्या है जो तुम मुझे भी नहीं बता सकती हो?
रजनी भाभी-देख पायल, तेरी शादी होगी जब, तुझे पता चल जाएगा।
पायल-क्या पता चल जाएगा?
रजनी भाभी-शादी के बाद हर लड़की की कुछ जरूरत होती है।
पायल-क्या जरूरत होती है भाभी?
रजनी भाभी-यार तुम अभी बच्ची हो, तुम्हें नहीं पता की शादी के बाद कुछ जरूरत होती है लड़की को।
पायल-हाँ पता है, पर भाई तो आपकी हर जरूरत पूरी करते हैं।
रजनी भाभी-क्या जरूरत पूरी करता है साला ।
पायल-देखो, भाई को गाली मत दो, वो आपके पति हैं।
रजनी भाभी-साला रोज दारू पीकर सो जाता है और अब भाग गया यहां से नौकरी करने, कुत्ता।
पायल-“भाभी, ड्रिंक तो आप भी करती हो और भाई भी। मैंने आपको भाई के साथ ड्रिंक करते देखा है और आप मेरे भाई को गाली मत दो नहीं तो भाई को बोल दूँगी …”
रजनी भाभी-बोल दे तो क्या होगा? उसका सच छुप जाएगा क्या?
पायल-कौन सा सच भाभी? और क्या कहना चाहती हो तुम?
रजनी भाभी-देख तेरा भाई बस नाम का मर्द है मुझ जैसी सेक्सी हाट लड़की को नहीं सेटीसफ़ाई कर सकता।
पायल-क्यों कया कमी है मेरे भाई में।
रजनी भाभी-तेरे भाई का लण्ड बिल्कुल कुत्ते जैसा है छोटा सा।
मैं भाभी के मुँह से ऐसी बात सुनकर चौंक गई और बोली-क्या बकवास कर रही हो?
रजनी भाभी-हाँ, सही कह रही हूँ । तेरे भाई का लण्ड छोटा और पतला है और चूत में डालने के बाद 5 मिनट में निकल जाता है।
पायल-“भाभी, डाक्टर की सलाह ले लो, और दवा ले लो। उसमें क्या नाराज होना?
रजनी भाभी-“अरे यार, लण्ड ऐसी चीज है जो जो दवा से ठीक नहीं होता जल्दी से। पर तेरा भाई तो मुझे गान्डू लगता है…”
पायल-“ गान्डू … मतलब भाभी?”
रजनी भाभी-मतलब… जैसे वो किसी से अपनी गाण्ड मरवाता हो साला।
पायल-भाभी, आप बहुत बेकार हो अपने पति को गाली दे रही हो।
रजनी भाभी-चुप कर तू , तुझे मिलता ऐसा लण्ड वाला पति तो तुझे पता चलता की चुदाई की आग क्या होती है?
पायल-“मैंने तो कभी किया नहीं, तो मुझे क्या पता कि चुदाई क्या होती है?”
उसके बाद भाभी अपने रूम में चली गई और शाम को आई तो बहुत उदास दिख रही थी। फिर सबने खाना खाया और अपने-अपने रूम में चले गये। उसके कुछ देर बाद भाई आया तो मैंने भाई से कुछ नहीं कहा। बस भाई भी नाराज थे और भाभी भी।
उस दिन रात को मैं मूतने उठी तो देखा की भाभी की रूम की लाइट ओन थी तो मैं जाकर दरवाजे के पास खड़ी हो गई और अंदर की आवाज सुनने लगी, तो अंदर से झगड़े की आवाज आ रही थी। भाभी भाई को गालियाँ दे रही थी, शायद वो नशे में बोल रही थी और भाई को कुत्ता, साला, हिजड़ा, मादरचोद, जैसी गालियाँ दे रही थी। दूसरे दिन भाई उठे और अपनी नौकरी पर चले गये।
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: भाभी का बदला
bhai mast shuruwat hai
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Re: भाभी का बदला
Congratulations for another hot story Raj bhai
अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)