लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस) complete
- pongapandit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)
masti se bharpoor update hai bhai
- Smoothdad
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)
मस्त गरमागरम अपडेट, भाई जान कमाल लिखते हो। अगली कडी के इंतजार मे ...
- rajsharma
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)
शानदार जानदार अपडेट है दोस्त
Read my all running stories
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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- Ankit
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- Ankit
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Re: लाड़ला देवर ( देवर भाभी का रोमांस)
मेने भाभी के कंधों को पकड़ कर उनसे कहा – क्या भाभी ! अपने लाड़ले का आँसुओं से स्वागत करोगी.. अब तो मे आ गया हूँ ना ! फिर ये आँसू क्यों..?
उन्होने अपने ऊपर कंट्रोल किया और बोली – ये तो मेरे खुशी के आँसू थे जो 4 साल से रुके पड़े थे… तुम्हें देखते ही कम्बख़्त दगा दे गये.. और छलक पड़े…
जाओ तुम पहले फ्रेश हो जाओ… फिर निशा की तरफ मुड़कर बोली… जा निशा लल्ला के लिए चाय नाश्ते का इंतज़ाम कर, ये थके हारे आए हैं..
भाभी मेरे हाथ से बॅग लेकर मेरे कमरे में चली गयी.. उनके साथ-2 रूचि भी थी.…
मे जब बाथरूम से लौट रहा था… तब रूचि भाभी से पुच्छ रही थी…
मम्मी..! आपने चाचू से झूठ क्यों कहा…? उन्हें सच क्यों नही बताया कि आप और मौसी क्यों रो रही थी ?
भाभी – नही बेटा ! चाचू अभी थके हुए हैं ना ! इसलिए मम्मी उन्हें परेशान नही करना चाहती थी… इसलिए..
रात को जब पापा आजाएँगे ना, तब दादू और हम सब मिलकर चाचू को बताएँगे… अभी तू चाचू को कुछ मत बताना.. ठीक है, मेरा अच्छा बच्चा..
रूचि ने हां में गर्दन हिला दी… लेकिन इन बातों ने मुझे अंदर तक हिला दिया था… ना जाने ऐसा क्या हुआ है यहाँ…? और ये निशा यहाँ क्यों हैं..?
अब मुझे चैन नही पड़ रहा था..मेरे अंदर उथल-पुथल होने लगी, मुझे किसी उन्होनी का आभास सा हो रहा था.
मे जानना चाहता था.. कि आख़िर ऐसा क्या हुआ है.. जिससे सब लोग दुखी हैं..
पर जब भाभी एक बार बोल चुकी हैं कि वो मुझे परेशान नही करना चाहती..
तो मे भी अब उनको पुच्छ कर उनकी परेशानी नही बढ़ाउंगा….. , ये सोचकर मे किचन की ओर बढ़ गया…
किचन में निशा मेरे लिए चाय बना रही थी.. मेने उसके पास जा कर उसको आवाज़ दी – निशु…!
मेरी आवाज़ सुनते ही वो पलट कर मेरे सीने से लिपट गयी और सूबकने लगी….
मेने उसकी पीठ को सहलाते हुए कहा – हुआ क्या है यहाँ…? मुझे कुछ बताओ तो सही…
ये सुनकर वो एक झटके में मुझसे अलग हो गयी… और अपने आँसू पोन्छते हुए बोली –
मे आपको कुछ भी नही बता पाउन्गि… प्लीज़ मुझसे कुछ मत पुछिये….
मेने झल्लाकर कहा… आख़िर बात क्या है.. तुम बता नही सकती, भाभी बताना नही चाहती… लगता है आप लोग मुझे पागल बनाक छोड़ोगे…
तभी वहाँ भाभी आ गयी… और बोली – थोड़ा सा इंतेज़ार कर लो लल्ला.. प्लीज़ अपने भैया को भी आ जाने दो…फिर बात करते हैं.. हां..!
मे – लेकिन भैया हैं कहाँ…? रात होने को आई.. अभी तो कॉलेज भी बंद हो गया होगा…
भाभी – वो थोड़ा शहर गये हैं, आते ही होंगे… अभी हम ये बात कर ही रहे थे.. कि भैया की गाड़ी की आवाज़ सुनाई दी.. रूचि भागते हुए बाहर गयी…
कुछ देर बाद भैया भी आ गये… मेने उनके पैर छुये, तो उन्होने मुझे आशीर्वाद दिया…
कुछ देर बाद उनके पीछे ही बाबूजी भी घर के अंदर आ गये… अब हम सब एक साथ बैठे थे…
बाबूजी ने भैया से पूछा… आज कुछ हुआ राम…?
भैया ने मेरी तरफ देखा… और बोले…, बाबूजी ! इससे पहले कि आज क्या हुआ… मे अपने भाई को सब कुछ साफ-2 बता देना बेहतर समझता हूँ…
भैया - छोटू ! मेरे भाई मुझे पता है, कि घर के बदले हुए हालत देख कर इसके बारे में जानने को तू उत्सुक है.. और मे आज कहाँ से आरहा हूँ…?
तो सुन , मोहिनी का भाई राजेश इस समय जैल में है… उसपर इरादतन कत्ल करने का संगीन इल्ज़ाम है.. दफ़ा 307 के तहत उसे जैल में डाला हुआ है,
पिच्छले 6 महीनों से धक्के खाने के बाद भी अभी तक उसकी जमानत नही हो सकी है..
भैया की बात सुन कर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया… मेरे मुँह से आवाज़ तक नही निकली….
मेरी ऐसी अवस्था देख कर उन्होने मेरा हाथ पकड़ते हुए आगे कहना शुरू किया – ये क्यों हुआ… कैसे हुआ… मेरे ख़याल से ये सब आगे निशा ही बताए तो ज़्यादा सही होगा…
भैया की बात सुन कर मेने निशा की तरफ देखा… जो गर्दन झुकाए..बस रोए जा रही थी…..
बहुत देर की चुप्पी के बाद बाबूजी बोले – बता दे बेटी… तेरे ऊपर जो बीती है.. वो तुझसे अच्छा और कॉन बता सकता है… !
मे लगभग चीख ही पड़ा – क्या……? क्या हुआ था निशा के साथ..?
बोलो निशा ! क्या हुआ था तुम्हारे साथ……
निशा तो बस रोए ही जा रही थी, उसकी हालत देखकर लग रहा था कि वो कुछ भी बताने की स्थिति में नही है…
मेरे सब्र का बाँध टूटने लगा था… सो ये भी भूल गया कि मेरे सामने कॉन-कॉन बैठा है…, और उसको कंधों से पकड़ का झकझोरते हुए बोला…
बताओ निशु ! मुझे सब कुछ सच सुनना है… तुम्हें अपने प्यार की कसम अब अगर अब भी तुम कुकच्छ नही बोली तो…मे तुम्हें कभी माफ़ नही करूँगा…
सब मेरे मुँह की तरफ देखने लगे… निशा किन्कर्तब्यविमूढ़ सी कुछ देर यौही बैठी सुबक्ती रही, मेरे इस तरह चीखने से उसकी रुलाई तो थम गयी थी, लेकिन फिर भी कुछ बोल नही पा रही थी,
फिर कुछ साहस बटोरकर सुबक्ते हुए वो अपनी आप बीती बताने लगी…!