वतन तेरे हम लाडले complete
- sexi munda
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Re: वतन तेरे हम लाडले
bahut hi umda kahani hai Raj bhai jan
मित्रो नीचे दी हुई कहानियाँ ज़रूर पढ़ें
जवानी की तपिश Running
करीना कपूर की पहली ट्रेन (रेल) यात्रा Running
सिफली अमल ( काला जादू ) complete
हरामी पड़ोसी complete
मौका है चुदाई का complete
बड़े घर की बहू (कामया बहू से कामयानी देवी) complete
मैं ,दीदी और दोस्त complete
मेरी बहनें मेरी जिंदगी complete
अहसान complete
जवानी की तपिश Running
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- rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले
Ankit wrote:राज भाई क्या डायलॉग मारा हैं
आश्चर्य है यार क्या हिजड़े भर्ती करते हो तुम लोग सेना में .. अब शुक्र करो उनके सामने भारत का यातायात कांस्टेबल था कहीं वास्तव में रॉ का एजेंट आ जाता तो तुम्हारा कर्नल इरफ़ान भी इसी कैप्टन की तरह अगले जहां मे पहुँचता।
mini wrote:lajabab,,,par har update mai ek sex to hona hi chaiye
Dhanywad dostosexi munda wrote:bahut hi umda kahani hai Raj bhai jan
Read my all running stories
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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Re: वतन तेरे हम लाडले
रात के 12 बजे जय बाकी लोगों के साथ गोआ पहुंच चुका था। वहां आर्मी कॅंट मे पहुंचते ही जय और डॉली अपने कमरे में चले गए जबकि रश्मि और पिंकी दूसरे रूम में चले गए। मेजर राज की वजह से जय की पहले से ही आर्मी केंट में एक सुंदर रूम की बुकिंग थी। बॉम्बे से हवाई जहाज़ के माध्यम गोआ तक की यात्रा में सब थक गये थे सर्विस बॉय ने सारा सामान जय के कहने के अनुसार उचित कमरों में रख दिया था। थोड़ी देर बाद सर्विस बॉय ने पहले जय और फिर रश्मि का कक्ष खटखटाया और उन्हें खाने के लिए डाइंग टेबल पर आने के लिए कहा। कुछ ही देर में सब लोग खाना खा हो चुके तो थकान के कारण अपने अपने कमरों में चले गए। रश्मि और पिंकी अपने कमरे में गए जबकि डॉली और जय अपने रूम में चले गए।जय के कमरे में एक खिड़की थी जिसके पीछे समुद्र और पेड़ ही पेड़ थे। रात के इस पहर में यह दृश्य खासा भयानक लग रहा था मगर जय जानता था कि सेना के अंडर होने के कारण यह सुरक्षित क्षेत्र है।डॉली ने कमरे में जाते ही उस खिड़की के पर्दे गिरा दिए और शौचालय चली गई।
![Image](https://encrypted-tbn0.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcQiKBLTMQCm9r7abKvuEFTj2KwyJmisQfhA9zg7ZkEvJXpyaa-B)
जय ने कमरे की रोशनी बंद कीं और एक ज़ीरो वाट का बल्ब जलता रहने दिया। वह बहुत थक चुका था और अब कुछ सोना चाहता था। अपने बूट और कोट उतार कर अब वह कंबल में घुसने ही लगा था कि शौचालय का दरवाजा खुला और डॉली बाहर आई। डॉली पर नज़र पड़ते ही जय अपनी नज़रें हटाना भूल गया था। पिंक कलर की शॉर्ट नाइटी में डॉली इस समय कोई सेक्स क्वीन लग रही थी। गहरे गले वाली नाइटी में डॉली के 38 आकार के बूब्स का उभार बहुत स्पष्ट नजर आ रहा था। कसे हुए सख्त मम्मे आपस में जुड़े हुए थे और उनके बीच बनने वाली क्लीवेज़ लाइन किसी भी आदमी को पागल कर देने के लिए काफी थी। नाइटी मुश्किल से डॉली के 34 आकार के चूतड़ों को घेरे हुए थी। नीचे डॉली ने एक जी स्ट्रिंग पैन्टी पहन रखी थी जिसने सामने से डॉली की चूत को ढक रखा था जबकि पीछे से डॉली के चूतड़ों को कवर के लिए पैन्टी मौजूद नहीं था। पीछे की साइड पर केवल पैन्टी की एक स्ट्रिंग थी जो डॉली के 34 आकार के भरे हुए चूतड़ों की लाइन में गुम हो गई थी।
![Image](https://ae01.alicdn.com/kf/HTB1TDBOJFXXXXXCaXXXq6xXFXXXN/Black-sexy-lace-open-font-b-cup-b-font-lingerie-see-through-mesh-badydoll-nightgown-summer.jpg)
डॉली ने मदहोश नजरों से जय को देखा और एक सेक्सी अंगड़ाई ली जिससे डॉली की शॉर्ट नाइटी और ऊपर उठ गई और उसकी जी स्ट्रिंग पैन्टी स्पष्ट दिखने लगी। इसी तरह डॉली ने मुंह दूसरी तरफ कर लिया तो नाइटी ऊपर उठने की वजह से उसके भरे हुए चूतड़ भी अपना जलवा दिखाने लगे। डॉली को इस हालत में देखते ही जय की पेंट में लंड सिर उठाने लगा और गोवा में नवंबर की ठंड में भी जय के शरीर में आग लगा दी।
जय बेड से उठा और तुरंत डॉली के पास पहुंचकर उसको अपनी गोद में उठा लिया। गोद में उठाया तो डॉली के 38 आकार के गोल मम्मे जय के चेहरे के सामने आ गए जबकि जय के हाथ डॉली के पैरों के आसपास थे। डॉली ने अपनी टाँगें पीछे की ओर फ़ोल्ड कर ऊपर उठा ली और जय को सिर से पकड़ कर अपने सीने के साथ लगा दिया। डॉली के सीने पर सिर रखते ही जय को लगा जैसे उसने अपना सिर एक नरम और गुदाज़ तकिए पर रख दिया हो। जय ने अपना सिर उठाया और डॉली की क्लीवेज़ लाइन देखने लगा तो उसने अपने गर्म गर्म होंठ डॉली के मम्मों के उभारों पर रख दिए जो नाइटी से बाहर दिख रहे थे। जय दीवाना वार डॉली के मम्मों को प्यार करने लगा। थोड़ी देर बाद जय ने डॉली को बेड पर धक्का दिया और खुद उसके ऊपर गिर कर उसको पागलों की तरह चूमने लगा। जय कभी डॉली के नरम होंठों का रस चूसता तो कभी उसकी गर्दन को दांतों से खाने लगता। कभी उसके मम्मे हाथ में पकड़ कर जोर से दबाता तो कभी डॉली के चूतड़ों का मांस हाथ में लेकर उन्हें जोर से दबाता।
डॉली की मोटी थाईज़ पर प्यार करते हुए जय उनकी नरमी का दीवाना हुआ जा रहा था। वह बड़े जोश के साथ डॉली की थाईज़ को चूम रहा था और फिर जय के होंठ थाईज़ से होते हुए डॉली की पैन्टी तक पहुंचे, जो अब तक की कार्रवाई के परिणामस्वरूप काफी गीली हो चुकी थी। डॉली की पैन्टी से आने वाली खुशबू ने जय को मदहोश कर दिया था। जय ने अपनी ज़ुबान निकाली और पैन्टी के गीले हिस्से पर रख कर उसको चाटने लगा। डॉली ने अपने दोनों पैर उठाकर जय की गर्दन के आसपास लपेट दिए और उसके सिर के बालों में अपनी उंगलियां फेरने लगी। जैसे-जैसे जय डॉली की पैन्टी पर अपनी जीभ फेर रहा था वैसे-वैसे डॉली की आउच, उम्मह, उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आह आह। आह आह। । अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म । । उम उम्म्म .... मज़ा आ गया जान, आह, खा जाओ इन्हे तुम्हारे ही है यह, ऊच जैसी आवाजें बुलंद हो रही थीं। थोड़ी देर के बाद जय ने डॉली की पैन्टी उतार दी। पैन्टी उतारते ही वह डॉली की हल्के गुलाबी रंग की चूत पर टूट पड़ा। डॉली की चूत महज 10 दिन पहले ही पहली बार फटी थी इसीलिए अभी तक उसकी चूत के होंठ आपस में मिले हुए थे। अब जय की ज़ुबान तेजी के साथ चल रही थी। डॉली ने गोवा आने से पहले विशेष रूप से अपनी चूत की सफाई की थी। उसका पहले से कार्यक्रम था कि गोआ जाते ही वहां की ठंड में जय के गरम लंड से अपनी चूत की प्यास बुझानी है। कुछ ही देर के बाद जय की ज़ुबान की रगड़ाई के कारण डॉली की चूत ने पानी छोड़ दिया।
इस ठंड में भी डॉली की चूत ने कई बार गर्म पानी छोड़ा था जिससे जय का चेहरा भर गया था। उसके बाद डॉली ने पास पड़े बॉक्स से तोलिया निकाल कर जय के चहरे को साफ किया और उसे चूमने लगी। फिर डॉली ने जय की शर्ट को गले से पकड़ा और एक ही झटका मारा , जय की शर्ट खुलती चली गई उसकी शर्ट के बटन टूट चुके थे और डॉली ने बिना इंतजार किए उसकी शर्ट उतारने के बाद उसकी बनियान भी एक ही झटके में उतार दी और उसके सीने पर प्यार करने लगी। वह एक जंगली बिल्ली की तरह जय पर टूट पड़ी थी। जब की शादी के बाद जय उसको 5, 6 बार चोद चुका था मगर ऐसी दीवानगी जय ने अभी तक नहीं देखी थी। जय को डॉली की यह दीवानगी और जंगली पन बहुत अच्छा लग रहा था। डॉली अपने हाथ और उंगलियों को जय की कमर पर फेर रही थी उसके नाखून जय की कमर पर अपने निशान छोड़ रहे थे जिससे जय की दीवानगी भी बढ़ती जा रही थी। फिर डॉली ने जय को बेड पर धक्का दिया और उसकी पेंट की बेल्ट खोलने के बाद ज़िप खोली और उसकी पेंट को घुटनों तक नीचे उतार दिया।
![Image](http://4.bp.blogspot.com/-IcUWaeL7jJw/URfO34s1tDI/AAAAAAAAAH0/qJEGk4Gi4qk/s640/1222.jpg)
वीर्य की निकलने वाली बूंदों की वजह से जय का अंडर वेअर गीला हो चुका था जय की तरह डॉली ने भी अपनी ज़ुबान को जय के गीले अंडर वेअर पर रख दिया और उसके वीर्य की सुगंध का आनंद लेने लगी। कुछ देर तक उसका अंडर वेअर चाटने के बाद अब डॉली ने जय का अंडरवेअर भी उतार दिया और पैन्ट भी उतार दी थी। जय अब पूरी नंगा था और उसका 7 इंच का लंड डॉली के हाथ में था जिसको वह किसी लॉलीपाप की तरह चूसने में व्यस्त थी। जय की टोपी से निकलने वाला पानी डॉली अपनी जीभ से चाट्ती और फिर उस पर थूक का गोला बनाकर गिराती और अपने हाथों से इसे पूरे लंड पर मसल देती। उसके बाद फिर से जय के लंड की टोपी को अपने मुंह में डालती और जय के लंड से फिसलता हुआ डॉली का मुंह आंडो तक चला जाता। डॉली के मुंह की गर्मी जय के लंड को बहुत मज़ा दे रही थी। डॉली बहुत ही मजे के साथ जय की लंड चुसाइ कर रही थी।
![Image](http://3.bp.blogspot.com/-wJX6yc2i0a0/UqBlV3VFjQI/AAAAAAAAAQw/R-YVuoQo0nc/s640/4.jpg)
कुछ देर की चुसाइ के बाद जय के लंड की मोटाई थोड़ी बढ़ी और उसकी नसें स्पष्ट होने लगीं। डॉली समझ गई कि उसका लंड वीर्य उगलने वाला है मगर आज तो डॉली अपने आप में नहीं थी उसने बिना इसकी परवाह किए जय के लंड के चौपे लगाना जारी रखे और आखिरकार जय ने अपनी सारी वीर्य डॉली के मुँह में ही निकाल दिया जिसकी आखिरी बूंद तक डॉली ने अपने गले से नीचे उतार ली . जब जय अपना सारा वीर्य निकाल चुका तो डॉली ने अपनी जीभ से उसके लंड पर लगा हुआ वीर्य भी चाट लिया और फिर अपने होंठों पर जीभ फेरकर उसके मजे लेने लगी।
![Image](http://2.bp.blogspot.com/-yx_Pd-Y1fCY/UqBlKRdiAII/AAAAAAAAAQg/-OgRD0HsQw4/s1600/12.jpg)
अब जय का लंड थोड़ा मुरझा गया था। अब जय उठा और डॉली की नाइटी उतार दी। डॉली ने नीचे ब्रा पहनने की जहमत नही उठाई थी उसके 38 आकार के भारी मम्मे जय के हाथों में थे जिन पर वह अपनी ज़ुबान फेर रहा था। डॉली ने जय का एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और दूसरा हाथ मम्मों पर ही रहने दिया, जय अब एक हाथ से उसका एक मम्मा दबा रहा था जबकि दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली फेर रहा था और डॉली का दाहिना मम्मा जय के मुंह में था जिसका निप्पल जय लगातार चूस रहा था और डॉली आँखे बंद किए आह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हऊच की आवाजें निकाल रही थी। डॉली आज निडर होकर सिसकियाँ ले रही थी और आज की रात सेक्स एंजाय कर रही थी।
![Image](http://2.bp.blogspot.com/-Oedyk1oTn64/UNzPnkG1UPI/AAAAAAAAEkw/qP_nf2WT1ow/s1600/80608103611019190843.jpg)
जब कि डॉली की सिसकियाँ घर में भी रश्मि को सुनाई देती थीं मगर वहाँ डॉली काफी नियंत्रित करती थी मगर कमरा साथ होने के कारण कुछ सिसकियाँ साथ वाले कमरे में भी सुनाई दे रही थीं। मगर आज तो डॉली को किसी बात का होश नहीं था। वो बिना किसी डर के जोर से सिसक रही थी। वह जानती थी कि औरत की सिसकियाँ पुरुष को जोश दिलाती है और वह फिर जमकर चुदाई करता है। और हो भी ऐसा ही रहा था डॉली की सिसकियों की ही वजह से जय का लंड फिर से तन चुका था और चूत में जाने के लिए तैयार था। एक कमरा छोड़ कर दूसरे कमरे में लेटी रश्मि भी डॉली की सिसकियाँ सुन रही थी जबकि पिंकी कमरे में पहुंचते ही सो गई थी। डॉली की सुनाई देने वाली सिसकियाँ रश्मि को तीव्रता से राज की याद दिला रही थीं। राज ने पहली रात में रश्मि को अपने 8 इंच के लंड से जो मज़ा दिया था रश्मि वह मज़ा अभी तक नहीं भूली थी। और डॉली की सिसकियाँ रश्मि की चूत को भी गर्म कर रही थीं।
यही कारण था कि इधर डॉली की सिसकियाँ जय के लंड खड़ा कर चुकी थीं तो उधर उसकी सिसकियों से रश्मि भी अपनी चूत में उंगली फेर रही थी। रश्मि की चूत आज भी ऐसी ही थी जैसे बिल्कुल कुंवारी चूत होती है। क्योंकि इसमें सिर्फ एक बार ही सुहागरात वाले दिन लंड गया था।
![Image](http://2.bp.blogspot.com/-Ypoh6t27iGA/UNzPe5iFRBI/AAAAAAAAEkI/5zDuilMIFB8/s1600/38699118586052665862.jpg)
जब जय का लंड फिर से चुदाई को तैयार हुआ तो जय ने डॉली के पैर खोलना चाहे ताकि वो उसकी चूत में अपना लंड उतार सके। मगर डॉली ने उसको मना कर दिया और जय को लेटने को कहा। जय लेट गया तो डॉली जय के ऊपर आई और उसके लंड का टोपा अपनी चूत के छेद पर फिट कर एक ही झटके में उसके लंड पर बैठ गई।
जय का लंड डॉली चूत की दीवारों के साथ रगड़ खाता हुआ उसकी चूत की गहराई तक उतर गया और गर्भाशय से जा टकराया जिस पर डॉली ने एक जोरदार सिसकी भरी जिसने रश्मि के कानों में घुस कर उसकी चूत में और ज़्यादा आग लगा दी । उधर डॉली जय के लंड पर घोड़े की तरह सवारी कर रही थी और आवाज़ें निकाल रही थी तो दूसरे कमरे में रश्मि की उंगली अब चूत में पहले से अधिक तेजी के साथ अपना काम कर रही थी।
![Image](http://3.bp.blogspot.com/-il4vBQ0VZ2Q/Up-KYwxAohI/AAAAAAAAAIY/1QDzwIGoxa4/s1600/3.jpg)
जय ने कमरे की रोशनी बंद कीं और एक ज़ीरो वाट का बल्ब जलता रहने दिया। वह बहुत थक चुका था और अब कुछ सोना चाहता था। अपने बूट और कोट उतार कर अब वह कंबल में घुसने ही लगा था कि शौचालय का दरवाजा खुला और डॉली बाहर आई। डॉली पर नज़र पड़ते ही जय अपनी नज़रें हटाना भूल गया था। पिंक कलर की शॉर्ट नाइटी में डॉली इस समय कोई सेक्स क्वीन लग रही थी। गहरे गले वाली नाइटी में डॉली के 38 आकार के बूब्स का उभार बहुत स्पष्ट नजर आ रहा था। कसे हुए सख्त मम्मे आपस में जुड़े हुए थे और उनके बीच बनने वाली क्लीवेज़ लाइन किसी भी आदमी को पागल कर देने के लिए काफी थी। नाइटी मुश्किल से डॉली के 34 आकार के चूतड़ों को घेरे हुए थी। नीचे डॉली ने एक जी स्ट्रिंग पैन्टी पहन रखी थी जिसने सामने से डॉली की चूत को ढक रखा था जबकि पीछे से डॉली के चूतड़ों को कवर के लिए पैन्टी मौजूद नहीं था। पीछे की साइड पर केवल पैन्टी की एक स्ट्रिंग थी जो डॉली के 34 आकार के भरे हुए चूतड़ों की लाइन में गुम हो गई थी।
![Image](https://ae01.alicdn.com/kf/HTB1TDBOJFXXXXXCaXXXq6xXFXXXN/Black-sexy-lace-open-font-b-cup-b-font-lingerie-see-through-mesh-badydoll-nightgown-summer.jpg)
डॉली ने मदहोश नजरों से जय को देखा और एक सेक्सी अंगड़ाई ली जिससे डॉली की शॉर्ट नाइटी और ऊपर उठ गई और उसकी जी स्ट्रिंग पैन्टी स्पष्ट दिखने लगी। इसी तरह डॉली ने मुंह दूसरी तरफ कर लिया तो नाइटी ऊपर उठने की वजह से उसके भरे हुए चूतड़ भी अपना जलवा दिखाने लगे। डॉली को इस हालत में देखते ही जय की पेंट में लंड सिर उठाने लगा और गोवा में नवंबर की ठंड में भी जय के शरीर में आग लगा दी।
जय बेड से उठा और तुरंत डॉली के पास पहुंचकर उसको अपनी गोद में उठा लिया। गोद में उठाया तो डॉली के 38 आकार के गोल मम्मे जय के चेहरे के सामने आ गए जबकि जय के हाथ डॉली के पैरों के आसपास थे। डॉली ने अपनी टाँगें पीछे की ओर फ़ोल्ड कर ऊपर उठा ली और जय को सिर से पकड़ कर अपने सीने के साथ लगा दिया। डॉली के सीने पर सिर रखते ही जय को लगा जैसे उसने अपना सिर एक नरम और गुदाज़ तकिए पर रख दिया हो। जय ने अपना सिर उठाया और डॉली की क्लीवेज़ लाइन देखने लगा तो उसने अपने गर्म गर्म होंठ डॉली के मम्मों के उभारों पर रख दिए जो नाइटी से बाहर दिख रहे थे। जय दीवाना वार डॉली के मम्मों को प्यार करने लगा। थोड़ी देर बाद जय ने डॉली को बेड पर धक्का दिया और खुद उसके ऊपर गिर कर उसको पागलों की तरह चूमने लगा। जय कभी डॉली के नरम होंठों का रस चूसता तो कभी उसकी गर्दन को दांतों से खाने लगता। कभी उसके मम्मे हाथ में पकड़ कर जोर से दबाता तो कभी डॉली के चूतड़ों का मांस हाथ में लेकर उन्हें जोर से दबाता।
डॉली की मोटी थाईज़ पर प्यार करते हुए जय उनकी नरमी का दीवाना हुआ जा रहा था। वह बड़े जोश के साथ डॉली की थाईज़ को चूम रहा था और फिर जय के होंठ थाईज़ से होते हुए डॉली की पैन्टी तक पहुंचे, जो अब तक की कार्रवाई के परिणामस्वरूप काफी गीली हो चुकी थी। डॉली की पैन्टी से आने वाली खुशबू ने जय को मदहोश कर दिया था। जय ने अपनी ज़ुबान निकाली और पैन्टी के गीले हिस्से पर रख कर उसको चाटने लगा। डॉली ने अपने दोनों पैर उठाकर जय की गर्दन के आसपास लपेट दिए और उसके सिर के बालों में अपनी उंगलियां फेरने लगी। जैसे-जैसे जय डॉली की पैन्टी पर अपनी जीभ फेर रहा था वैसे-वैसे डॉली की आउच, उम्मह, उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आह आह। आह आह। । अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्म । । उम उम्म्म .... मज़ा आ गया जान, आह, खा जाओ इन्हे तुम्हारे ही है यह, ऊच जैसी आवाजें बुलंद हो रही थीं। थोड़ी देर के बाद जय ने डॉली की पैन्टी उतार दी। पैन्टी उतारते ही वह डॉली की हल्के गुलाबी रंग की चूत पर टूट पड़ा। डॉली की चूत महज 10 दिन पहले ही पहली बार फटी थी इसीलिए अभी तक उसकी चूत के होंठ आपस में मिले हुए थे। अब जय की ज़ुबान तेजी के साथ चल रही थी। डॉली ने गोवा आने से पहले विशेष रूप से अपनी चूत की सफाई की थी। उसका पहले से कार्यक्रम था कि गोआ जाते ही वहां की ठंड में जय के गरम लंड से अपनी चूत की प्यास बुझानी है। कुछ ही देर के बाद जय की ज़ुबान की रगड़ाई के कारण डॉली की चूत ने पानी छोड़ दिया।
इस ठंड में भी डॉली की चूत ने कई बार गर्म पानी छोड़ा था जिससे जय का चेहरा भर गया था। उसके बाद डॉली ने पास पड़े बॉक्स से तोलिया निकाल कर जय के चहरे को साफ किया और उसे चूमने लगी। फिर डॉली ने जय की शर्ट को गले से पकड़ा और एक ही झटका मारा , जय की शर्ट खुलती चली गई उसकी शर्ट के बटन टूट चुके थे और डॉली ने बिना इंतजार किए उसकी शर्ट उतारने के बाद उसकी बनियान भी एक ही झटके में उतार दी और उसके सीने पर प्यार करने लगी। वह एक जंगली बिल्ली की तरह जय पर टूट पड़ी थी। जब की शादी के बाद जय उसको 5, 6 बार चोद चुका था मगर ऐसी दीवानगी जय ने अभी तक नहीं देखी थी। जय को डॉली की यह दीवानगी और जंगली पन बहुत अच्छा लग रहा था। डॉली अपने हाथ और उंगलियों को जय की कमर पर फेर रही थी उसके नाखून जय की कमर पर अपने निशान छोड़ रहे थे जिससे जय की दीवानगी भी बढ़ती जा रही थी। फिर डॉली ने जय को बेड पर धक्का दिया और उसकी पेंट की बेल्ट खोलने के बाद ज़िप खोली और उसकी पेंट को घुटनों तक नीचे उतार दिया।
![Image](http://4.bp.blogspot.com/-IcUWaeL7jJw/URfO34s1tDI/AAAAAAAAAH0/qJEGk4Gi4qk/s640/1222.jpg)
वीर्य की निकलने वाली बूंदों की वजह से जय का अंडर वेअर गीला हो चुका था जय की तरह डॉली ने भी अपनी ज़ुबान को जय के गीले अंडर वेअर पर रख दिया और उसके वीर्य की सुगंध का आनंद लेने लगी। कुछ देर तक उसका अंडर वेअर चाटने के बाद अब डॉली ने जय का अंडरवेअर भी उतार दिया और पैन्ट भी उतार दी थी। जय अब पूरी नंगा था और उसका 7 इंच का लंड डॉली के हाथ में था जिसको वह किसी लॉलीपाप की तरह चूसने में व्यस्त थी। जय की टोपी से निकलने वाला पानी डॉली अपनी जीभ से चाट्ती और फिर उस पर थूक का गोला बनाकर गिराती और अपने हाथों से इसे पूरे लंड पर मसल देती। उसके बाद फिर से जय के लंड की टोपी को अपने मुंह में डालती और जय के लंड से फिसलता हुआ डॉली का मुंह आंडो तक चला जाता। डॉली के मुंह की गर्मी जय के लंड को बहुत मज़ा दे रही थी। डॉली बहुत ही मजे के साथ जय की लंड चुसाइ कर रही थी।
![Image](http://3.bp.blogspot.com/-wJX6yc2i0a0/UqBlV3VFjQI/AAAAAAAAAQw/R-YVuoQo0nc/s640/4.jpg)
कुछ देर की चुसाइ के बाद जय के लंड की मोटाई थोड़ी बढ़ी और उसकी नसें स्पष्ट होने लगीं। डॉली समझ गई कि उसका लंड वीर्य उगलने वाला है मगर आज तो डॉली अपने आप में नहीं थी उसने बिना इसकी परवाह किए जय के लंड के चौपे लगाना जारी रखे और आखिरकार जय ने अपनी सारी वीर्य डॉली के मुँह में ही निकाल दिया जिसकी आखिरी बूंद तक डॉली ने अपने गले से नीचे उतार ली . जब जय अपना सारा वीर्य निकाल चुका तो डॉली ने अपनी जीभ से उसके लंड पर लगा हुआ वीर्य भी चाट लिया और फिर अपने होंठों पर जीभ फेरकर उसके मजे लेने लगी।
![Image](http://2.bp.blogspot.com/-yx_Pd-Y1fCY/UqBlKRdiAII/AAAAAAAAAQg/-OgRD0HsQw4/s1600/12.jpg)
अब जय का लंड थोड़ा मुरझा गया था। अब जय उठा और डॉली की नाइटी उतार दी। डॉली ने नीचे ब्रा पहनने की जहमत नही उठाई थी उसके 38 आकार के भारी मम्मे जय के हाथों में थे जिन पर वह अपनी ज़ुबान फेर रहा था। डॉली ने जय का एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और दूसरा हाथ मम्मों पर ही रहने दिया, जय अब एक हाथ से उसका एक मम्मा दबा रहा था जबकि दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली फेर रहा था और डॉली का दाहिना मम्मा जय के मुंह में था जिसका निप्पल जय लगातार चूस रहा था और डॉली आँखे बंद किए आह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हऊच की आवाजें निकाल रही थी। डॉली आज निडर होकर सिसकियाँ ले रही थी और आज की रात सेक्स एंजाय कर रही थी।
![Image](http://2.bp.blogspot.com/-Oedyk1oTn64/UNzPnkG1UPI/AAAAAAAAEkw/qP_nf2WT1ow/s1600/80608103611019190843.jpg)
जब कि डॉली की सिसकियाँ घर में भी रश्मि को सुनाई देती थीं मगर वहाँ डॉली काफी नियंत्रित करती थी मगर कमरा साथ होने के कारण कुछ सिसकियाँ साथ वाले कमरे में भी सुनाई दे रही थीं। मगर आज तो डॉली को किसी बात का होश नहीं था। वो बिना किसी डर के जोर से सिसक रही थी। वह जानती थी कि औरत की सिसकियाँ पुरुष को जोश दिलाती है और वह फिर जमकर चुदाई करता है। और हो भी ऐसा ही रहा था डॉली की सिसकियों की ही वजह से जय का लंड फिर से तन चुका था और चूत में जाने के लिए तैयार था। एक कमरा छोड़ कर दूसरे कमरे में लेटी रश्मि भी डॉली की सिसकियाँ सुन रही थी जबकि पिंकी कमरे में पहुंचते ही सो गई थी। डॉली की सुनाई देने वाली सिसकियाँ रश्मि को तीव्रता से राज की याद दिला रही थीं। राज ने पहली रात में रश्मि को अपने 8 इंच के लंड से जो मज़ा दिया था रश्मि वह मज़ा अभी तक नहीं भूली थी। और डॉली की सिसकियाँ रश्मि की चूत को भी गर्म कर रही थीं।
यही कारण था कि इधर डॉली की सिसकियाँ जय के लंड खड़ा कर चुकी थीं तो उधर उसकी सिसकियों से रश्मि भी अपनी चूत में उंगली फेर रही थी। रश्मि की चूत आज भी ऐसी ही थी जैसे बिल्कुल कुंवारी चूत होती है। क्योंकि इसमें सिर्फ एक बार ही सुहागरात वाले दिन लंड गया था।
![Image](http://2.bp.blogspot.com/-Ypoh6t27iGA/UNzPe5iFRBI/AAAAAAAAEkI/5zDuilMIFB8/s1600/38699118586052665862.jpg)
जब जय का लंड फिर से चुदाई को तैयार हुआ तो जय ने डॉली के पैर खोलना चाहे ताकि वो उसकी चूत में अपना लंड उतार सके। मगर डॉली ने उसको मना कर दिया और जय को लेटने को कहा। जय लेट गया तो डॉली जय के ऊपर आई और उसके लंड का टोपा अपनी चूत के छेद पर फिट कर एक ही झटके में उसके लंड पर बैठ गई।
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: वतन तेरे हम लाडले
![Image](http://3.bp.blogspot.com/-L6hAaaF4F6w/UBfp6MjeMLI/AAAAAAAAASs/3I07uVG2pIM/s1600/parneetifun1.jpg)
जब डॉली जय के लंड पर उछल उछल कर के थक गई तो जय ने उसे अपने ऊपर लिटा लिया और नीचे से अपना लंड पूरी गति के साथ डॉली की चूत में चलाना शुरू किया। 5 मिनट की चुदाई के बाद डॉली की योनी में बाढ़ आ गई और उसकी चूत का सारा पानी जय के आंडों और थायज़ तक आ गया था। डॉली ने बिना इंतजार किए जय की गोद से उतर कर डॉगी स्टाइल की स्थिति ले लिया और जय को आमंत्रित किया कि वह अब पीछे से आकर डॉली की चुदाई करे। जय ने भी बिना समय बर्बाद किए पीछे से आकर डॉली की चूत पर अपना लंड रखा और एक ही धक्के में पूरा लंड सट से डॉली की चूत में उतार दिया। फिर डॉली की टाइट योनी में जय का 7 इंच का लंड पकडम पकड़ाई खेलने लगा। जैसे ही लंड अंदर की ओर धक्का लगाता चूत पूरी ताकत के साथ उसे पकड़ लेती जिसकी वजह से पूरा लंड एक पल के लिए दब सा जाता तो लंड अपनी ताकत से चूत की पकड़ से निकलता और चूत से बाहर निकल आता केवल लंड का टोपा ही चूत के अंदर रह जाता है, फिर धक्का लगता और फिर से लंड चूत के अंदर जाता और चूत फिर से उसको पूरी ताकत के साथ पकड़ लेती।
![Image](http://2.bp.blogspot.com/-9k2MLR0OIx8/UBfqF2u1c5I/AAAAAAAAAS4/5nRIP841Y8g/s1600/parneetifun2.jpg)
डॉली का यह रूप जय के लिए बिल्कुल नया था। उसने पहले भी बहुत तेज़ी से डॉली को चोदा था मगर डॉली ने ऐसा दीवाना पन पहले कभी नहीं दिखाया था। पहले डॉली डॉगी स्टाइल में चुदाई करवाते हुए थोड़ी बेचैनी महसूस करती थी मगर आज तो वह खुद अपनी गाण्ड आगे पीछे करके चुदाई का मज़ा उठा रही थी। जय जैसे जैसे डॉली की चूत में धक्के मार रहा था वैसे ही साथ में उसके चूतड़ों पर थप्पड़ मार मार कर डॉली को और अधिक आनंद दे रहा था डॉली के चूतड़ों से जय की जांघे टकराने पर धुप्प धुप्प की आवाज कमरे के वातावरण को बहुत सेक्सी बना रही थीं। डॉली के 38 आकार के मम्मे हवा में लटके हुए थे जो हर धक्के के साथ आगे हिलते और जब लंड बाहर निकलता तो मम्मे भी वापस पीछे की ओर झूलते जब चूतड़ों पर हाथ मार मार कर डॉली के चूतड़ लाल हो गए तो जय ने आगे झुककर डॉली के मम्मे पकड़ लिये, अब जय के पास ज्यादा गैप नहीं था वह लंड को ज़्यादा बाहर नहीं निकाल पा रहा था। मगर अब उसके धक्के पहले की तुलना में अधिक गति से लग रहे थे, जय का आधा लंड योनी से बाहर निकलता और एक जोरदार धक्के के साथ वापस योनी की गहराई से जाकर टकरा जाता
![Image](http://4.bp.blogspot.com/-HUO1XKrnquY/UBfxTj9fajI/AAAAAAAAAUs/QjnibSaWpX4/s1600/parneetifun9.jpg)
अब डॉली ने अपना अगला हिस्सा ऊपर उठा लिया था। जो कि वह अभी भी एक तरह से डॉगी स्टाइल में ही चुदाई करवा रही थी क्योंकि जय पीछे से ही उसकी चूत में लंड डाले उसको चोद रहा था मगर उसने अपना अगला धड़ उठा लिया था और घुटनों पर खड़ी हो गई थी जबकि उसकी गाण्ड बाहर निकली हुई थी क्योंकि लंड को चूत तक का रास्ता चाहिए था। डॉली की कमर जय के सीने से जुड़ी हुई थी और गाण्ड बाहर निकलकर जय की नाभि के हिस्से से टकराती थी जबकि लंड लगातार डॉली की चूत की खुदाई कर रहा था। इस स्थिति में डॉली की सिसकियाँ चीखों में बदल चुकी थीं जय ने उसे आवाज हल्की रखने को कहा मगर डॉली इस समय अपने आप में नहीं थी उस पर चुदाई का भूत सवार था और वह अपनी हनीमून की पहली रात को यादगार बनाना चाहती थी। वह जय के तूफानी धक्कों को काफी देर से सहन कर रही थी साथ ही अपनी चूत को अपनी उंगली से भी सहला रही थी। थोड़ी देर के बाद एक बार फिर डॉली की चूत ने पानी छोड़ दिया जो फव्वारे के रूप में चादर पर गिरता चला गया। और कुछ बूँदें बेड की दूसरी ओर फर्श पर भी जा गिरी
![Image](http://4.bp.blogspot.com/-KUSyUmb1A1A/UKV4w8_PmhI/AAAAAAAAEhI/BHnd8rEdIjs/s1600/67127655902261027421.jpg)
दूसरे कमरे में रश्मि का चेहरा लाल हो रहा था उसको उस समय राज के लंड की कमी महसूस हो रही थी मगर वह सिर्फ अपनी उंगली को ही अपनी चूत में चला रही थी। उसकी चूत अब डॉली की सिसकियाँ सुन सुनकर काफी गीली हो चुकी थी जबकि रश्मि का दूसरा हाथ उसके मम्मों पर था और वह अपना मम्मा जोर से दबा रही थी।
डॉली तीसरे राउंड के लिए तैयार थी जबकि जय के लंड ने अभी तक पानी नहीं छोड़ा था। डॉली अब बॅड पर लेट गई और खुद ही अपनी टाँगें खोल कर जय को बीच में बैठने के लिए आमंत्रित किया, जय ने डॉली के पैर पकड़कर चौड़े किए और उसके बीच बैठकर अपने लंड की टोपी डॉली की चूत पर रखकर एक ही झटके में लंड उसकी चूत के अंदर प्रवेश करा दिया अब जय का लंड बड़े आराम से डॉली की चूत को चोद रहा था और डॉली अपने मम्मों को अपने हाथों में पकड़ कर उन्हें दबा दबाकर अधिक आनंद महसूस कर रही थी। उसकी आंखों में लाल डोरे तैर रहे थे और वह जय को प्रशंसा भरी नज़रों से देख रही थी और उसको अधिक से अधिक उकसा रही थी कि वह और अधिक शक्ति के साथ उसकी चूत की चुदाई करे।
5 मिनट की चुदाई ने डॉली की चूत को लाल कर दिया था अब जय के शक्तिशाली लंड के सामने उसको अपनी चूत हार मानती दिख रही थी और उसकी हिम्मत जवाब दे रही थी, जय के धक्के भी पहले की तुलना में तूफानी होते जा रहे थे और कुछ ही देर बाद वो तीनों एक साथ ही अपना अपना पानी निकालने लगे। डॉली और जय का पानी डॉली की चूत में ही मिल गया जबकि रश्मि की चूत का पानी उसकी सलवार के अन्दर ही बहता रहा। डॉली और रश्मि दोनों ने चूत का पानी निकलते हुए सिसकियाँ ली और जय भी अपना पानी निकालने के बाद डॉली के ऊपर गिर गया।
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डॉली अब प्यार से जय को चूम रही थी और उसकी प्रशंसा कर रही थी कि उसने आज बहुत मज़ा दिया। जबकि जय भी डॉली के जंगली पन बहुत खुश था। उसे नहीं मालूम था कि उसकी पत्नी में इतनी आग भरी हुई है वरना वो शादी के तीसरे दिन ही उसे हनीमून पर लाकर खूब चोदता। कुछ देर बाद जय और डॉली एक दूसरे के सीने से लगे सो चुके थे। वे नंगे ही बिना कपड़े पहने सो गए थे। पहले यात्रा की थकान और फिर डॉली के वहशीपन के कारण जबरदस्त चुदाई ने दोनों को खूब थका दिया था। दूसरी ओर रश्मि भी चूत का पानी निकलने के बाद कुछ शांत हुई थी और राज का लंड याद करते करते सो गई।
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
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- mastram
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Re: वतन तेरे हम लाडले
मस्ती से भरपूर कहानी लगती है राज भाई
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
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