चुदाई का वीज़ा complete
- Kamini
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Re: चुदाई का वीज़ा
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- rajsharma
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Re: चुदाई का वीज़ा
Dhanywad dosto
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
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`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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- rajsharma
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Re: चुदाई का वीज़ा
मेरे मूँह से एक आह सी निकली और में सिसक पड़ी, आआयययययईईईई ईईए..
भाई का पूरा लंड अब मेरी फुद्दी में अंदर तक चला गया था.
बिलाल भाई के टटटे मेरी चूत के लिप्स से टकरा रहे थे और अजीब सी आवाज़ निकल रही थी.
भाई मुझे एक दो जबर्जस्त धक्के मारने कर बाद रुक गये और दुबारा से मेरे तने हुए टाइट मम्मों को चूसने लगे.
बिलाल भाई: नबीला जमाल बहुत खुश नसीब है जिसे तुम जैसी खूबसूरत बीवी मिली है.उफफफफफफफफफ्फ़ तुम बहुत मस्त हो और तुम्हारी चूत तो बहुत ही टाइट है. देखो मेरा लंड कैसे तुम्हारी चूत में फँसा और जकड़ा हुआ है.
में: भाई खुशनसीब जमाल नही बल्कि आप हैं. जो अपनी ही सग़ी बहन की जवानी के मज़े लूट रहे हैं.
बिलाल भाई: हां में वाकई ही इस दुनियाँ का खुशनसीब इंसान हूँ. जिसे अपनी बहन के बदन को ना सिर्फ़ नंगा देखने बल्कि उसे चूसने और प्यार करने का मोका मिल रहा है.
इस के साथ ही भाई ने एक और ज़ोरदार झटका मारा और पूरी मस्ती के साथ मेरी चुदाई शूरू कर दी.और अब में भी अपनी गान्ड उठा उठा कर भाई का साथ दे रही थी,
हम दोनो की सिसकारियाँ कमरे मे गूँज रही थी. और फिर मुझे ऐसे लगा कि कोई चीज़ मेरे अंदर से निकली हो,में ने बेसखता बिलाल भाई को अपने दोनो हाथों से दबोच लिया ऑर फिर मेरा जिस्म अकड गया ऑर मे छूट गइईईई उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.
मेरे छूटने के बाद भी बिलाल भाई मुझे थोड़ी देर मज़ीद छोड़ते रहे और फिर ऐसा लगा जैसे उन के धक्कों में तेज़ी आ गई हो.
फिर कुछ ही देर में बिलाख़िर बिलाल भाई ने अपना सारा पानी मेरी चूत के अंदर छोड़ दिया.
बिलाल भाई ने अपने लंड के पानी से मेरी चूत को पूरा भर दिया.
मेरी चूत की तह में फारिग होते साथ ही बिलाल भाई मुझ पर लेट गये ऑर मुझे ज़ोर से अपने सीने से लिपटा लिया.
भाई का लंड की सख्ती में थोड़ी कमी ज़रूर आ गई मगर इस के बावजूद भाई का लंड अभी तक पूरे का पूरा मेरी चूत के अंदर समाया हुआ था.
हम दोनो कुछ देर यूँ ही लेटे रहे और फिर थोड़ी देर बाद बिलाल भाई के लंड में फिर से सख्ती आना शुरू हो गई.
फिर क्या था. कुछ लम्हे बाद बिलाल भाई बिस्तर पर पीठ के बल लेटे हुए थे. और में उन के लंड के उपर बैठ कर हवा में झूला झूल रही थी.
सुबह होने तक बिलाल भाई ने मुझे दो दफ़ा मज़ीद चोद कर अपने लंड और मेरी फुद्दी की तसल्ली की.
अगली सुबह जब में भाई के बिस्तर से उठ कर फर्श पर बिखरे अपने कपड़े इकट्ठे कर के पहनने में मसरूफ़ थी कि बिलाल भाई बोले “ नबीला मुझे याद आया तुम ने मुझ से कोई बात करनी थी.
में: आप से जो बात करने आई थी, वो तो में भूल ही गई.
ये कहते हुए में बाहर निकली तो मेरे पूरा जिस्म मुकम्मल पुरसकून था.और मेरे होंठों पर एक हल्की सी मुस्कुराहट थी.
एक पूरी रात अपने ही भाई के बिस्तर पर गुज़ारने के बाद में अब उस को क्या बताती कि उस से पहले मेरे ससुराल वाले भी मुझे उसी की तरह लूट चुके हैं.
ये हक़ीकत थी कि मुझे अपने ससुर ,खालिद बल्कि अपने शोहर के साथ भी कभी इतना मज़ा नही आया था. जितना मैने उस रात अपने भाई बिलाल के साथ लिया था.
ये शायद मेरे भाई के भरपूर प्यार और उस की तवज्जो का ही असर था. कि एक ही हफ्ते में मेरी आँखों के नीचे के सारे धब्बे ख़तम होगये और में फिर से निखर कर जवान हो गई.
उस के बाद में जब तक पाकिस्तान रही तो वो सारा वक़्त मैने अपनी अम्मी के घर में अपने भाई की बाहों में ही बसर किया.
इस दौरान में जब भी ससुराल गई तो वो भी सिर्फ़ एक आध दिन के लिए गई.और उस वक़्त भी बिलाल भाई मेरे साथ उधर ही रहते थे.
फिर आख़िर कार मेरा ग्रीन कार्ड के साथ साथ मेरी अम्मी और बिलाल भाई का वीसा भी लग गया.और में,अम्मी और बिलाल भाई अमेरिका चले आए.
दोस्तो में उस दिन उस एंबसी गई तो थी अपने शोहर के पास, अमेरिका जाने का वीसा लेने.
मगर मेरे अपने सुसरर ने मेरी इज़्ज़त को “तार तार” कर के मेरी चूत के पासपोर्ट पर “ मल्टिपल एंट्रीस” का एक ऐसा “वीसा-ए- चुदाई” लगाया. कि उस के बाद मेरे ससुर ,नंदोई और फिर अपने ही सगे भाई का लंड किसी चेकिंग के बगैर मेरी चूत की पोर्ट ऑफ एंट्री में बिना रोक टोक आने जाने लगे.
अब अमेरिका में मेरे शोहर के इलावा मेरा एक मेरा सगा महबूब भी है.
जो मोका मिलने पर अब भी मेरी फुददी के पेज पर ठपा ठप अपने लंड से वीसा की मोहरें लगाता रहता है.
तो दोस्तो कैसी लगी कहानी ज़रूर बताना फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राजशर्मा
दा एंड.
भाई का पूरा लंड अब मेरी फुद्दी में अंदर तक चला गया था.
बिलाल भाई के टटटे मेरी चूत के लिप्स से टकरा रहे थे और अजीब सी आवाज़ निकल रही थी.
भाई मुझे एक दो जबर्जस्त धक्के मारने कर बाद रुक गये और दुबारा से मेरे तने हुए टाइट मम्मों को चूसने लगे.
बिलाल भाई: नबीला जमाल बहुत खुश नसीब है जिसे तुम जैसी खूबसूरत बीवी मिली है.उफफफफफफफफफ्फ़ तुम बहुत मस्त हो और तुम्हारी चूत तो बहुत ही टाइट है. देखो मेरा लंड कैसे तुम्हारी चूत में फँसा और जकड़ा हुआ है.
में: भाई खुशनसीब जमाल नही बल्कि आप हैं. जो अपनी ही सग़ी बहन की जवानी के मज़े लूट रहे हैं.
बिलाल भाई: हां में वाकई ही इस दुनियाँ का खुशनसीब इंसान हूँ. जिसे अपनी बहन के बदन को ना सिर्फ़ नंगा देखने बल्कि उसे चूसने और प्यार करने का मोका मिल रहा है.
इस के साथ ही भाई ने एक और ज़ोरदार झटका मारा और पूरी मस्ती के साथ मेरी चुदाई शूरू कर दी.और अब में भी अपनी गान्ड उठा उठा कर भाई का साथ दे रही थी,
हम दोनो की सिसकारियाँ कमरे मे गूँज रही थी. और फिर मुझे ऐसे लगा कि कोई चीज़ मेरे अंदर से निकली हो,में ने बेसखता बिलाल भाई को अपने दोनो हाथों से दबोच लिया ऑर फिर मेरा जिस्म अकड गया ऑर मे छूट गइईईई उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़.
मेरे छूटने के बाद भी बिलाल भाई मुझे थोड़ी देर मज़ीद छोड़ते रहे और फिर ऐसा लगा जैसे उन के धक्कों में तेज़ी आ गई हो.
फिर कुछ ही देर में बिलाख़िर बिलाल भाई ने अपना सारा पानी मेरी चूत के अंदर छोड़ दिया.
बिलाल भाई ने अपने लंड के पानी से मेरी चूत को पूरा भर दिया.
मेरी चूत की तह में फारिग होते साथ ही बिलाल भाई मुझ पर लेट गये ऑर मुझे ज़ोर से अपने सीने से लिपटा लिया.
भाई का लंड की सख्ती में थोड़ी कमी ज़रूर आ गई मगर इस के बावजूद भाई का लंड अभी तक पूरे का पूरा मेरी चूत के अंदर समाया हुआ था.
हम दोनो कुछ देर यूँ ही लेटे रहे और फिर थोड़ी देर बाद बिलाल भाई के लंड में फिर से सख्ती आना शुरू हो गई.
फिर क्या था. कुछ लम्हे बाद बिलाल भाई बिस्तर पर पीठ के बल लेटे हुए थे. और में उन के लंड के उपर बैठ कर हवा में झूला झूल रही थी.
सुबह होने तक बिलाल भाई ने मुझे दो दफ़ा मज़ीद चोद कर अपने लंड और मेरी फुद्दी की तसल्ली की.
अगली सुबह जब में भाई के बिस्तर से उठ कर फर्श पर बिखरे अपने कपड़े इकट्ठे कर के पहनने में मसरूफ़ थी कि बिलाल भाई बोले “ नबीला मुझे याद आया तुम ने मुझ से कोई बात करनी थी.
में: आप से जो बात करने आई थी, वो तो में भूल ही गई.
ये कहते हुए में बाहर निकली तो मेरे पूरा जिस्म मुकम्मल पुरसकून था.और मेरे होंठों पर एक हल्की सी मुस्कुराहट थी.
एक पूरी रात अपने ही भाई के बिस्तर पर गुज़ारने के बाद में अब उस को क्या बताती कि उस से पहले मेरे ससुराल वाले भी मुझे उसी की तरह लूट चुके हैं.
ये हक़ीकत थी कि मुझे अपने ससुर ,खालिद बल्कि अपने शोहर के साथ भी कभी इतना मज़ा नही आया था. जितना मैने उस रात अपने भाई बिलाल के साथ लिया था.
ये शायद मेरे भाई के भरपूर प्यार और उस की तवज्जो का ही असर था. कि एक ही हफ्ते में मेरी आँखों के नीचे के सारे धब्बे ख़तम होगये और में फिर से निखर कर जवान हो गई.
उस के बाद में जब तक पाकिस्तान रही तो वो सारा वक़्त मैने अपनी अम्मी के घर में अपने भाई की बाहों में ही बसर किया.
इस दौरान में जब भी ससुराल गई तो वो भी सिर्फ़ एक आध दिन के लिए गई.और उस वक़्त भी बिलाल भाई मेरे साथ उधर ही रहते थे.
फिर आख़िर कार मेरा ग्रीन कार्ड के साथ साथ मेरी अम्मी और बिलाल भाई का वीसा भी लग गया.और में,अम्मी और बिलाल भाई अमेरिका चले आए.
दोस्तो में उस दिन उस एंबसी गई तो थी अपने शोहर के पास, अमेरिका जाने का वीसा लेने.
मगर मेरे अपने सुसरर ने मेरी इज़्ज़त को “तार तार” कर के मेरी चूत के पासपोर्ट पर “ मल्टिपल एंट्रीस” का एक ऐसा “वीसा-ए- चुदाई” लगाया. कि उस के बाद मेरे ससुर ,नंदोई और फिर अपने ही सगे भाई का लंड किसी चेकिंग के बगैर मेरी चूत की पोर्ट ऑफ एंट्री में बिना रोक टोक आने जाने लगे.
अब अमेरिका में मेरे शोहर के इलावा मेरा एक मेरा सगा महबूब भी है.
जो मोका मिलने पर अब भी मेरी फुददी के पेज पर ठपा ठप अपने लंड से वीसा की मोहरें लगाता रहता है.
तो दोस्तो कैसी लगी कहानी ज़रूर बताना फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ तब तक के लिए विदा आपका दोस्त राजशर्मा
दा एंड.
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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- Dolly sharma
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Re: चुदाई का वीज़ा complete
Superb stori Raj ji
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- Ankit
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Re: चुदाई का वीज़ा complete
Superb end bhai