Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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rajsharma
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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राज के जाने के बाद शाज़िया अपनी चूत में हाथ लगाकर देखती है तो उसकी तीन उंगलियां एक बार में ही उसकी चूत में चली जाती है। उसकी चूत से राज का वीर्य और खून दोनों बहकर बेडशीट पर गिर रहा था। शाज़िया उठकर बाथरूम जाने लगती है तो उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था, उसे ऐसा लग रहा था जैसे राज का लण्ड अभी भी उसकी चूत में है।

शाज़िया अपनी दोनों टांगों को चौड़ी करके चलते हए बाथरूम में जाती है और वहीं पर बैठ जाती है। बहुत जोर लगाने के बाद उसकी चूत से कुछ बूदें पेशाब की बाहर आती है, जिससे उसकी चूत में बहुत तेज जलन होती है
और वो तुरंत उठकर खड़ी हो जाती है और बाथरगम से आकर अपने बैड पर पेट के बल लेटकर सोने लगती है। उसने अभी भी कोई कपड़ा अपने ऊपर नहीं डाला था, और ऐसे नंगी होकर सो जाती है।
राज ऊपर पहुँचकर देखता है तो नजमा अभी भी सो रही थी। वो जाकर नजमा से लिपटकर सो जाता है।

करीब दो घंटे बाद जब नजमा उठती है तो उसकी गाण्ड में बहुत तेज दर्द उसे महसूस होता है। वो हाथ लगाकर देखती है तो उसे अपनी गाण्ड फटी हुई मिलती है। राज का वीर्य भी उसकी गाण्ड में अभी भी बह रहा था। एक नजर बा राज की तरफ देखती है फिर राज के लण्ड को देखती है। लण्ड देखते ही नजमा अपना दर्द भूल जाती हैं और राज के लण्ड को अपने हाथ में पकड़कर हिलाने लगती है।
राज नजमा की इस हरकत से जाग जाता है वो एक बार फिर नजमा की टांग को उठाकर अपना लण्ड उसकी चूत में सेट करता है, और एक झटके में अपना लण्ड नजमा की चूत में उतार देता है। अबकी बार नजमा का ज्यादा दर्द नहीं होता। वो अपनी गाण्ड और पीछे करके राज का लण्ड और गहराई में ले लेती है राज भी अब नजमा
की चूत का बड़े आराम से मार रहा था। उसे यकीन हो गया था की नजमा अब अपने पति के लण्ड से कभी खुश नहीं होगी, और वो अपनी चूत की आग अब उसके लण्ड से ही शांत करेगी।
.
राज नजमा को कई पोजीशन बदल-बदलकर चोदता है। नजमा भी राज की चुदाई से पूरी तरह से पागल हो जाती है। राज से चुदने के दौरान उसे ये पता नहीं चलता था की वो कितनी बार झड़ी? बस उसे इतना पता रहता था की जब तक राज का लण्ड उसकी चूत में रहता है तब तक उसकी चूत से पानी बहना बंद नहीं होता। राज एक बार फिर नजमा की चूत को अपने गर्म वीर्य से भर देता है, और वैसे ही नजमा की चूत में लण्ड डालकर लेटा रहता है।
राज और नजमा ने अभी तक आपस में कभी 5 मिनट से ज्यादा बात नहीं की थी। लेकिन उन्होंने चुदाई जरूर एएक घंटे से भी ज्यादा की थी। उस रात राज ने नजमा को एक बार और चोदा। उस रात नजमा को अपनी चूत पूरी तरह से खुली हुई लग रही थी। पहली रात की तरह उसे ज्यादा दर्द भी नहीं हुआ था। बस उसकी गाण्ड आज ज्यादा दर्द कर रही थी। नजमा राज से चुदने के बाद अपनी चूत में राज का वीर्य लेकर अपने रूम में आ जाती है और सो जाती हैं। नजमा को आज कोई भी जल्दी जगाने वाला नहीं था। क्योंकी आज सनडे का दिन था
और किसी को भी स्कूल नहीं जाना था।

ट्रेन में जय की जब नींद खुलती है तो सुबह हो गई थी और उसका स्टेशन भी आने वाला था। वो जुनैद को जगाता है। जुनैद भी उसे स्टेशन में छोड़ने के लिए खड़ा हो जाता है। तब जय और जुनैद आपस में एक दसरे से फोन नम्बर लेते हैं और एक दूसरे का घर आने का लिए कहते हैं। अगला स्टेशन जुनैद का था। जब गाड़ी स्टेशन पर रुकती है तब जय जुनैद के गले लगता है और उसे इंद वाले दिन अपने घर पर परिवार सहित इन्वाइट करता है। अगले हफ्ते इंद थी।

जुनैद भी कहता है- "अगर काम से बाहर नहीं गया तो मैं पक्का अपनी परिवार के साथ आपके घर आऊँगा.."

जय ट्रेन से उतार कर सीधे राज के घर की तरफ निकाल लेता है, और जुनैद भी अपनी सीट में आ जाता है।

जब नजमा की आँख खुलती है तो उसे याद आता है की आज जुनैद वापस आ रहे हैं। उसे थोड़ा डर भी लगता है और थोड़ा गुस्सा भी। वो नहीं चाहती थी की जुनैद इतनी जल्दी आए। वो उठकर बाथरूम जाने लगती है तब उसे अपनी गाण्ड में बहुत तेज दर्द होता है। उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था। उसे चिंता होने लगी की राज की चुदाई से उसकी चूत तो फैल गई है। वो सोचती है की जुनैद आते ही उसकी चूत मरेगा। लेकिन नजमा इस बात का भी आईडिया सोच लेती हैं और बाथरूम में जाकर फ्रेश होती है।
शाज़िया की भी नींद खुल गई थी। वो भी ऐसी ही नगी हालत में बाथरूम में जाकर फ्रेश होती है। अपनी चूत की गरम पानी से सिंकोई भी करती है। उसे भी आज अपनी चूत पहले से ज्यादा फूली हुई लग रही थी। फिर शाज़िया आज ही अपनी झांटें भी साफ कर लेती और पूरे शरीर को अच्छे तरीके से राज के लिए तैयार कर लेती हैं। लेकिन उसे भी अपने भाई के आने की चिता हो जाती है। वो भी सोचती है की भैया को भी आज ही आना था। वो भी तैयार होकर अपने कमरे से बाहर आ जाती है।

नजमा किचेन में जाकर सभी के लिए चाय बनाती है और एक कप चाय लेकर राज के रूम में जाती है। राज अभी भी नंगा ही अपने रूम में सो रहा था। तब नजमा राज का लण्ड पकड़कर हिलाती है और राज को मस्ताने अंदाज में जगाती है।
राज जागने के बाद एक बार फिर नजमा को बेड पर पटक कर उसकी सलवार को नीचे खींच देता है। नजमा उसे मना करती है लेकिन राज नहीं मानता और एक बार फिर नजमा की चूत में अपना लण्ड पेल देता है, और उसे वहीं घोड़ी बनाकर चोदता है। करीब 10 मिनट की भीषण चुदाई के बाद राज अपना वीर्य एक बार फिर से नजमा की चूत में भरने लगता है।
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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तभी घर की डोरबेल बजती है नजमा तुरंत उठकर खड़ी होती है और अपनी सलवार और पैंटी ऊपर चढ़ा लेती है। राज का वीर्य उसकी चूत में ऊपर तक भरा था। जैसे-जैसे नजमा सीढ़ियां उतर रही थी राज का वीर्य नजमा की चूत से बहकर नजमा की जांघे गीली कर रहा था। राज के वीर्य में भरी चूत लेकर जब नजमा नीचे पहुँचती है तो जुनैद और शाज़िया दोनों खड़े थे। शाज़िया अपनी भाभी को देखकर मुश्कुरा देती है, जिससे नजमा भी हँस देती है शाज़िया के हँसने का कारण और और नजमा के हँसने का कारण और था।

नजमा जुनैद के पास पहुँचती है तो जुनैद उसे तुरंत अपनी बाहों में भर लेता है। नजमा भी उसकी बाहों में सिमट जाती है।

तब शाज़िया नजमा और जुनैद को अलग करती है और चुटकी लेते हुए कहती है- "जाओं भाभी भैया की थकान उतारों..."

नजमा और जुनैद दोनों अपने कमरे में चले जाते हैं, और शाज़िया भी अपने रूम में चली जाती है।

उधर राज की सुबह भी हसीन हो गई श्री नजमा की चूत मारकर । राज अपने बिस्तर में खड़ा होता है और फेश होनें बाथरूम में घुस जाता है। आज उसके दिमाग में अपने घर जाने का प्लान आता है। उसे पता था जुनैद के घर पर होते हुए वो दोनों में से किसी की भी चूत नहीं मार पाएगा और फ्रेश होने लगती है।

नजमा और जुनैद जैसे ही अपने रूम में पहुँचते हैं, जुनैद तुरंत नजमा को अपनी बाहों में भर लेता है और उसे बेतहाशा चूमने लगता है। नजमा की चुदाई की खुमारी उतरी नहीं थी। राज ने तो उसे अच्छी तरह से चोदा था। नजमा भी जुनैद की हरकत से गरम होने लगती है। तभी उसे याद आता है की कहीं जुनैद ने उसे नंगी कर दिया
तो उसे पता चल जाएगा की मेरी बीबी कहीं से, अपनी चूत मरवाकर आ रही है। बा तुरंत जुनैद को अपने से अलग करती है और जुनैद को धकलकर बाथरूम की तरफ ले जाती है।

नजमा कहती है- "पहले आप फ्रेश हो जाओं, उसके बाद जो करना चाहते हो कर लेना..."

जुनैद बाथरूम में चला जाता है और नजमा नाश्ता बनाने किचेन में चली जाती है।

राज तैयार होकर नीचे आता है तो वो सीधे किन की तरफ जाता है जहां नजमा नाश्ता तैयार कर रही थी। जैसे ही राज किचन में पहुँचता हैं वो नजमा को पीछे से अपनी बाहों में भर लेता है, और नजमा की चूचियों को जोर से मसल देता है।
जिससे नजमा की चीख निकल जाती है। उसे लगता है की पं सब जुनैद ने किया है। लेकिन जब वो राज के मोटे हाथ देखती है तो एकदम से घबरा जाती है, और तुरंत राज के हाथ अपनी चूची पर से हटाती हैं और राज का रिक्वेस्ट कर के बाहर भेजती है। राज बाहर आकर सोफे पर बैठ जाता है।

तभी जुनैद भी फ्रेश होकर आ जाता हैं जुनैद को देखते ही राज उठकर उससे हाथ मिलाता है और अपना परिचय देता है। जुनैद भी अपना परिचय देता है और दोनों वहीं सोफे पर बैठ जाते हैं दोनों आपस में थोड़ी बात चीत करते हैं। थोड़ी देर की बात-चीत में ही दोनों में काफी मेल मिलाप हो जाता है।

राज जुनैद से मेल मिलाप इसलिए बढ़ाता है की वो उसकी बहन और बीबी दोनों को चोद सके। जुनैद बेचारा इन सब बातों से अंजान रहता है। थोड़ी ही देर में दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं। जुनैद को राज का नेचर काफी पसंद आया था। तभी नजमा नाश्ता लेकर आ जाती है और नाश्ता टेबल पर रख देती हैं। तब राज नजमा को बेटा कहकर बुलाता है।
जिससे नजमा चकित हो जाती है और मन में सोचती है- "अभी कुछ देर पहले जब मेरी चूत मार रहे थे तब मेरी जान बोल रहे थे और अब बेटा?" नजमा को भी समझते देर नहीं लगती की राज ने ऐसा क्यों बोला? तब नजमा भी राज को अंकल कहकर बुलाती है। तब राज नजमा से नाश्ता सर्व करने के लिए कहता है।

जुनैद दोनों की बात से काफी खुश हो जाता है। और दोनों नाश्ता करते है। नाश्ता खत्म होने के बाद राज जुनैद को बताकर अपने घर चला जाता है, और नजमा को अपने रूम की चाभी भी दें जाता हैं। नजमा दोनों को नाश्ता कराने के बाद सीधे बाथरूम में जाकर अपनी चूत से राज का वीर्य साफ करती है, और अपने कमरे में चली जाती है। जहां जुनैद नजमा की चुदाई के लिए तड़प रहा था।

नजमा जैसे ही रूम में पहुँचती है जुनैद उसे अपनी गादी में उठा लेता है और उसे बैड पर पटक देता है। नजमा भी अब समझ गई थी की अब वो बचने वाली नहीं है। और नजमा भी जुनैद को पकड़कर अपने ऊपर खींच लेती हैं। अब दोनों के ऊपर सेक्स चढ़ा हुआ था जुनैद तुरंत नजमा की सलवार और कुर्ते को उतारकर उसे नंगी कर देता है, और उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार देता है। अब नजमा पूरी नंगी होकर जुनैद के सामने लेटी थी। जुनैद तुरंत झककर नजमा की मखमली जाघे चूमने लगता है।
नजमा भी अब गरम हो रही थी। जुनैद उसकी जांघों को चूमते और सहलाते हुए नजमा की चूत तक पहुँच जाता हैं और जुनैद अपनी जीभ नजमा की चूत में डालने लगता है ता नजमा उसे अपने ऊपर खींच लेती है। नजमा को पता था की राज का वीर्य अभी भी उसकी गहराई में है। वो जुनैद को अच्छी तरह से अपनी बाहों में भर लेती है और जुनैद के होंठों को बेतहाशा चूसने लगती है।

जुनैद भी उसे चूसने और चाटने लगता है। अब नजमा पूरी तरह गरम हो चुकी थी। अब उसे उसकी चूत में लण्ड चाहिए था। वो तुरंत अपना हाथ नीचे ले जाती है और जुनैद का लण्ड अपनी चूत में लगाती है। नजमा की उत्सुकता देखकर जुनैद तुरंत एक जोर का झटका मारता है, ता नजमा जोर से चीख पड़ती है जब की हकीकत में उसे जुनैद के लण्ड का पता ही नहीं चला था की कब लण्ड उसकी चूत में समा गया।
जुनैद को भी इस बात का अंदाजा हो गया था की नजमा की चूत पहले से ज्यादा टीली है और उसका लण्ड इतनी आसानी से चूत में चला गया। तब जुनैद नजमा से पूछता है- "क्या बात है मेरी जान आज तो एक बार में ही पूरा खा गई?"

नजमा को कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या बोले? तभी नजमा कुछ सोचकर कहती है- "मेरी जान इतने दिन बाद मिले हो इसीलिए मैं पूरी गीली हो गई हैं। आज बहुत ज्यादा पानी निकल रहा है..."

जुनैद का लण्ड नजमा की चूत में था और नजमा भी अपनी चूत में राज का लण्ड सोचकर ही जुनैद से चुद रही थी। उसकी चूत भी राज के खयाल से ही पानी बहा रही थी तो, जुनैद भी समझ जाता है की बात तो सही है आज नजमा की चूत कुछ ज्यादा ही पानी छोड़ रही है। तभी जुनैद नजमा को चिढ़ाने के लिए बोलता है- "मेरी जान आज तो तुम्हारी चूत में गधे का लण्ड भी आराम से चला जाए."

नजमा मन में सोचती है- "अब तुम्हें क्या बताऊँ मेरी जान... तीन दिन से एक गधे के जितने बड़े लण्ड से ही तो चुद रही है, तभी तो मेरी चूत फैल गई है और आपका लण्ड मुझे बहुत छोटा लग रहा है.."

तब जुनैद नजमा की चूत में बहुत तेज झटके मारने लगता है। जिससे नजमा की चूत और भी ज्यादा फैलने लगती है। करीब 10 मिनट तक जुनैद नजमा को चोदता है। तभी नजमा का फोन बजने लगता है। नजमा स्क्रीन पर नाम देखते ही उसकी चूत जुनैद के लण्ड को कस लेती है।
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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जुनैद पूछता है- "किसका फोन है जान?"

नजमा कहती है- "मेरी स्कूल वाली दोस्त का.." और फोन उठा लेती है।

फोन जय का था जो आज बहुत समय बाद नजमा को फोन कर रहा था। जय भी जल्दी से जल्दी नजमा की चूत मारना चाहता था। नजमा और जय आपस में बात करने लगते हैं और जुनैद वैसे ही नजमा की चूत में झटके मारता रहता है, और नजमा की चूत में ही झड़ जाता है। नजमा भी कुछ नहीं बोलती बो तो जय से बात करने में बिजी थी।

नजमा- हेलो।

जय- कैसी हो मेरी जान?

नजमा- ठीक हैं। और आप कैसी हो?

जय- कैसी हो मतलब?

नजमा- हाँ मेरे पति आज ही आए है।

जय- ओह मेरी जान ये बात है। साली अपने खसम से चुदवा रही है।

नजमा- आप भी तो हो।

जय- मुझे कब मिलेंगी तेरी चूत?

नजमा- क्या यार कभी आओं हमारे घर वा भी मिल जाएगी।

जय- चिंता मत कर मेरी जान। बहुत जल्द मैं तेरे घर आकर तेरी चूत मारेगा।

नजमा- हाँ हाँ ठीक है। मेरे पति मेरे पास ही है अभी उन्हें कही जाना भी नहीं है।

जय- अगर आऊँगा तो बिना चोदं मैं वहां से आऊँगा नहीं। कबैठ से मैं सिर्फ तुझे अपनी रांड बनाने आया है समझी?

नजमा. राज सर ने बना लिया है, अब तुम भी बना लो।

जय गुस्से में- "साली क्यों गरम कर रही है मुझं? अभी आकर चोद दूँगा..."

नजमा- सच में। ठीक है, तो आ जाओ।

जय- अपनी फोटो भेज।

नजमा- "बाद में। अभी मुझे काम है बाइ बाइ...' बोलकर नजमा फोन काट देती है।

जुनैद दोनों की बात सुनता रहता है। फोन काटने के बाद नजमा जुनैद को फिर से अपने ऊपर खींच लेती है

बातों से वो फिर से गरम हो गई थी। और बेचारा जुनैद इन सब बातों से अंजान था। नजमा फिर से एक बार जुनैद के लण्ड को खड़ा करके अपनी चूत में ले लेती है, और एक बार फिर से जुनैद तेज झटकों से नजमा को चोदने लगता है। कुछ देर झटके मारने के बाद एक बार फिर जुनैद अपना वीर्य नजमा की चूत में भर देता है।
नजमा को आज अपने पति से चुदने में वो मजा नहीं आया था, जो राज उसे एक चुदाई में ही दे देता था। नजमा को अब बड़े और मोटे लण्ड की आदत लग चुकी थी।
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(^%$^-1rs((7)
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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नजमा को आज अपने पति से चुदने में वो मजा नहीं आया था, जो राज उसे एक चुदाई में ही दे देता था। नजमा को अब बड़े और मोटे लण्ड की आदत लग चुकी थी।

उधर राज जब अपने घर पहुँचता है तो वो जय को बहा देखकर चकित हो जाती है। जय को देखते ही राज उससे कहता है- "साले हरामी बिना बताए आ गया। साले तू तो कल आने वाला था.."

राज की बात सुनकर जय हँस देता है और कहता है- " साले राज अकेले-अकेले उस रांड़ को चोद रहा है। उसी रांड़ की वजह से तो मैं इंडिया आया हूँ। अब बिल्कुल भी नहीं रहा जा रहा है। तू कब मिलवाएगा मुझे?"

राज जय की बातों से खुश हो जाता है और कहता है- "मिलवा तो मैं तुझे अभी देता, लेकिन साली का खसम आ गया आज सुबह। जब साली को चोद रहा था तभी उसका पति आ गया, जिससे मुझे जल्दी खत्म करना पड़ा। नहीं तो साली की गाण्ड भी मारता। रात में एक बार ही गाण्ड मारी थी साली की बहुत टाइट है यार..."

जय राज की बातें सुनकर चकित हो जाता है, और कहता है- "तू बड़ा कमीना है साले, जहां गाण्ड दिखती है वहीं मार देता है नजमा की गाण्ड भी तूने मार ही ली..."

जय और राज बस नजमा की ही बात कर रहे थे। लेकिन राज में एक बार भी शाज़िया का नाम नहीं लिया था। राज को पता था अगर शाज़िया के बारे में बता दिया तो साला ये उसे भी मेरे लायक नहीं छोड़ेगा। दोनों काफी समय तक एक दूसरे से बात करते हैं।

जब राज को लगता है की अब जाना चाहिए तो वो जय से कहता है- "मेरे भाई तू आज रूक जा मैं कल आकर तुझे अपने साथ ले जाऊँगा..."

जय राज की बात सुनकर गुस्सा हो जाता है और कहता है- "मुझे आज ही तो साथ चलना है..."

राज भी समझ जाता है की जय मानने वाला नहीं है तो वो भी जय को अपने साथ लाने के लिए तैयार हो जाता है। घर से निकलकर राज और जय नजमा के घर की तरफ चल देते हैं।

उधर नजमा जुनैद के सो जाने के बाद करीब आधे घंटे तक अपनी चूत में उंगली पेलती है, कभी वो राज को अपनी चूत मारते हुए, तो कभी जय के लण्ड को याद करके उंगली करती है, और अपना पानी छोड़कर वहीं जुनैद के साथ बैड में लिपटकर सो जाती है।

एक घंटे के बाद जब राज जय को लेकर नजमा के घर पहुँच ता है तो उस समय सब लोग सो रहे थे। राज घर की डोरबेल बजाता है। काफी देर तक कोई नहीं आता तो राज एक बार फिर डोरबेल बजाता है।

इस बार शाज़िया की आँख खुलती है तो वो घड़ी की तरफ देखती है। अभी दोपहर के ढाई बज रहे थे। वो उन्हीं बाझिल आँखों के साथ दरवाजा खोलती है तो उसके सामने राज खड़ा था। राज को देखते ही शाज़िया को अपनी रात की चुदाई याद आ जाती है जिससे उसकी चूत में थोड़ी हलचल होने लगती है।

राज शाज़िया को देखकर आँख मार देता है और धीरे से अपना लण्ड भी हिला देता है। जिससे शाज़िया शर्मा जाती है और राज को अंदर आने के लिए कहती है। जब राज अंदर आता है तो उसके साथ में जय भी अंदर आ जाता है। जय को देखते ही शाज़िया राज की तरफ देखती है।

तब राज बताता है- "शाज़िया जी ये मेरा दोस्त हैं, आज ही कुवैत से आया है..."

शाज़िया जय को देखते ही अजीब सा मुंह बनाती है। उसने जय जैसे भारी भरकम इंसान को पहले कभी नहीं देखा था। शाज़िया जय से नमस्ते करती है और उनका वहीं साफे पर बैठने के लिए कहती हैं। और उनके लिए पानी लेने किचेन में चली जाती है।

जय राज से कहता है- "ये कौन है?"

राज बताता हैं- "ये नजमा की ननद है..."

जय कहता है- "साले इसकी गाण्ड मारी की नहीं, देख कितनी बड़ी गाण्ड है?"

राज उसे शांत करते हुए कहता है- "देख जय, अभी ऐसी बात मत कर। थोड़ा सबर कर..."

तब तक शाज़िया पानी लेकर आ जाती है और उन्हें पानी देकर शाज़िया नजमा को जगाने उसके रूम में चली जाती है। दो आवाज देने के बाद नजमा की नींद खुलती हैं। वो तुरंत अपने कपड़े पहनने लगती है लेकिन उसे अपनी पैटी
और ब्रा नहीं मिलती तो वो वैसे ही सलवार कुर्ता पहनकर बाहर आ जाती है।

शाज़िया उसे बताती हैं- "भाभी, वो राज सर के साथ उनका कोई दोस्त आया है कुवैत से। उनके लिए चाय बना दो...' शाज़िया की बात सुनकर नजमा की चूत सुन्न पड़ जाती हैं।
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