Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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rajsharma
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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नजमा को जब अपनी गाण्ड पर नंगा लण्ड महसूस होता है तो घूमकर खड़ी हो जाती हैं। राज का लण्ड देखकर उसका गला सूख जाता है और वो राज को यहां ना चोदने के लिए कहती है। तब राज उसे अपना घर दिखाने के लिए बोलता है। राज के घर दिखाने की बात में नजमा सांच में पड़ जाती है। कछ देर शांत रहकर बो राज के खड़े हए लण्ड को ही देखती रही।

जब राज उसकी तरफ से कोई रिएक्सन नहीं देखता तो उसे घुमाकर फिर से उसकी चूत में जीभ डालकर उसे चाटना शुरू कर देता है, जिससे नजमा की एक बार फिर सिसकी निकल जाती है और वो राज के आधे गंजे सिर को पकड़कर अपनी चूत से दूर हटाने की कोशिश करती है। लेकिन राज को उसकी चूत से ज्यादा उसकी गाण्ड में इंटरेस्ट था। वो तुरंत उसकी कमर को जार से पकड़ लेता है और अपनी जीभ चूत से निकालकर गाण्ड के छेद में लगा देता है।

नजमा भी अब थोड़ा झुककर अपनी गाण्ड बाहर निकाल देती है, जिससे राज को नजमा की गाण्ड के छेद में जीभ घुसाने में आसानी हो जाती है। अब राज भी दोबारा पहली पोजीशन की तरह अपने दोनों हाथों से उसकी गाण्ड को फैलाकर उसके दोनों छेदों को अपनी लंबी जीभ से किसी कुत्ते की तरह उसकी चूत और गाण्ड को चाट रहा था। राज नजमा की गाण्ड का दीवाना हो गया था। उसकी मोटी गाण्ड उसको कुछ ज्यादा हो उत्तेजित कर देती है। राज नजमा को इतना तड़पा देना चाहता था की वो अब बिना सोचे ही उसका लण्ड अपने आप चूत में सेंट कर के चोदने की रिक्वेस्ट करे। वो उसे पागल करना चाहता था। राज का दोहरा हमला नजमा को पागल बना रहा
था।

नजमा को अब राज की लंबी जीभ की जगह राज का तगड़ा लण्ड उसे अपनी गाण्ड और चूत में लेने की चाहत हो रही थी। उसे बस कुछ सेकेंड ही लगे और फिर से जोरदार चीख के साथ झड़ने लगती हैं। वो बार-बार झड़ रही थी और राज उसे बार-बार तैयार कर रहा था। राज उसे आज पूरी तरह से अपना दीवाना बना देना चाहता था।

नजमा जब झड़ रही थी तब उसके दिमाग में सिर्फ राज से कैसे चुदे यही चल रहा था। वो राज को अब अपने से अलग नहीं होने देना चाहती थी, और किसी भी हालत में आज वो अपनी चूत राज को देना चाहती थी। वो बस आज अपने अंदर राज का लण्ड महसूस करना चाहती थी।

राज अभी भी नीचे बैठकर नजमा की चूत का पानी चाट रहा था। तब नजमा राज को खड़ा करके उसको हाँठ अपने होंठों में भरकर चूसने लगती है। आग दोनों तरफ तरफ लगी थी। राज चोदने के लिए और नजमा चुदवाने के लिए पूरी तरह तैयार थी। तब राज नजमा को अपने से अलग करता है और उसके कंधे को पकड़कर नीचे बिठा देता है और अपना मसल नजमा के मुँह में लगा देता है।

नजमा की आँखों के सामने राज का लण्ड अपने प्रचंड रूप में खड़ा था। नजमा डरते हए राज के लण्ड को अपने हाथ से पकड़ लेती है लण्ड को पकड़ते ही नजमा को एहसास होता है की राज का लण्ड उसकी कलाई से भी मोटा और लंबा है। वह सोचती है- "राज का लण्ड तो इतना हाई है जैसे कोई लकड़ी का इंडा..."

नजमा के लण्ड छूते ही राज के लण्ड की नशे फूलने लगती हैं जिसे देखकर नजमा को अजीब सी फीलिंग आती है। उसे ऐसा लगता है जैसे राज का लण्ड उसकी चूत में फूल रहा हो। वो बहुत तेज-तेज सांस लेने लगती और एकदम से राज के लण्ड का टोपा मुँह में भर लेता है। लेकिन राज का लण्ड इतना माटा था की नजमा के मुंह में वो सही ढंग से नहीं आ पा रहा था। नजमा अपनी पूरी जान लगाकर मुँह फैलाकर उसका टोपा अंदर ले लेती है और जीभ से उस लण्ड को चोदने लगती है।
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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राज को भी अपने लण्ड में नजमा के दाँत गढ़ते हए लगते हैं, तो वो थोड़ा दर्द सहता है और अपने लण्ड को नजमा के मुँह में थोड़ा धकेल देता है। जिससे राज का लण्ड " इंच तक अंदर चला जाता है, और वो तुरंत अपना लण्ड बाहर खींच लेता है।

तब तक नजमा का मुँह पूरी तरह से फैल जाता है और उसके मुंह में दर्द होने लगता है। राज उसको देखकर हँस देता है। नजमा की आँखों में आँसू आ जाते हैं। नजमा उसी पल खड़ी होकर राज के गले लग जाती है। तब राज उसकी दोनों जांघों के बीच में अपना लण्ड डाल देता है, और उसकी गाण्ड को पकड़कर आगे-पीछे करने लगता हैं। नजमा को अपनी चूत में राज का लण्ड महसूस होते ही वो राज के कान में घर चलने के लिए कहती है, और धीरे से राज का लण्ड अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत में सेंट करती है।

राज नजमा की इस हरकत पर खुश होकर हल्का सा धक्का मार देता है। नजमा की चूत पूरी तरह से गीली थी तो धक्का लगते ही राज का लण्ड नजमा की चूत में थोड़ा सा फंसकर बाहर निकल जाता है। जिससे नजमा की जान निकल जाती है, और वो तुरंत राज का लण्ड पकड़कर बाहर निकाल देती है और घर चलने के लिए कहती है, और अपनी लेगिंग को ऊपर चढ़ा लेती है।

राज भी अपने लण्ड को अंदर करता है और जाकर अपनी चेयर में बैठ जाता है नजमा भी वहीं चेंगर में बैठ जाती है। राज अपने फोन में एक काल करके सलमा और वहीदा को अपने आफिस में बुलाता है। जब सलमा और वहीदा राज के आफिस में पहुँचती हैं, तब राज अपने पैर से सामने बैठी नजमा की चूत को सहला रहा था।

राज करीब 5 मिनट में ऐसे ही नजमा की चूत से खेल रहा था, और नजमा भी अपनी दोनों जांघों को फैलाकर राज की हरकत का मजा ले रही थी। उस समय नजमा की आँखें थोड़ी बोझिल सी लग रही थी। उसके दिमाग में सिर्फ राज का लण्ड घूम रहा था। सलमा और वहीदा के आफिस में आते ही राज अपना पैर नजमा की चूत से हटा लेता है। तब नजमा उन दोनों की तरफ देखकर अपनी नजरें झुका लेती हैं। सलमा और वहीदा को सब पता था की पिछले 40 मिनट से यहां पर बासना और हवस का खेल खेला जा रहा है। उन दोनों को नजमा से चिढ़ हो रही थी।

तब राज सलमा और वहीदा को बताता है की वो नजमा के साथ उसके घर उसके पति से मिलने जा रहे हैं। क्योंकी राज को नजमा का घर किराए पर चाहिए। इसलिए वो उसके पति से भी मिल लेगा और घर देखकर किराए की बात भी कर लेगा। इसलिए आज स्कूल की जिम्मेवारी आप दोनों की है। मैं अब कल ही स्कूल आऊँगा और नजमा भी।

सलमा राज को हँसते हए कहती है- "कल नजमा आकर क्या करेगी? वैसे भी आज के बाद तो नजमा.... ..." और इतना कहकर हँस देती है।

जिसका मतलब राज समझ जाता और वहां पर सभी हँस देते हैं। बस नजमा हल्का सा मुश्कुरा देती है। क्योंकी उसे सलमा की बात समझ में नहीं आई थी। राज और नजमा उठकर जाने लगते हैं राज का लण्ड अभी भी खड़ा था, जिसे सलमा देखकर हँस देती है।

जब नजमा और राज आफिस से बाहर जाते हैं तब नजमा के कुर्ते पर कुछ दाग दिखता है जो की नजमा की चूत में लगातार बह रहे पानी का था।

सलमा और वहीदा एक दूसरे को देखकर मुश्कुरा रही थी। उन्हें पता था की आज की रात नजमा की चूत और गाण्ड हमेशा के लिए लण्ड की हो जाएंगी।

राज और नजमा आफिस से निकलकर सीधे गाड़ी की तरफ चले जाते हैं दोनों इस समय आपस में बात करके टाइम खराब नहीं करना चाहते थे। उनके दिल में तो बस एक दूसरे के लिए प्यार और सिर्फ प्यार ही था, जो आज सारी हदें पार करने वाला था। राज को अपनी किश्मत पर यकीन नहीं हो रहा था की नजमा जैसी माल उसमें इतनी जल्दी चुदने के लिए तैयार हो जाएगी। वो तो इस काम को एक महीने में करने वाला था। लेकिन ये काम महज तीन दिनों में अपने अंजाम को पहुँच गया था।

राज के दिमाग में एक बात बार-बार उसे परेशान कर रही थी की नजमा उससे पति के होते हए कैसे चूत मरवाएगी? जब उससे रहा नहीं जाता तो वो नजमा से पूछ लेता है- "आपका पति कहां है?"

नजमा जो जवाब देती है उससे राज की खुशी का ठिकाना नहीं रहता, और वो नजमा की चूचियों को जोर से दबा
देता है और कहता है- "मेरी जान 15 दिन में तो मैं तुम्हें पूरी जन्नत दिखा दूँगा.." और मन में- "15 दिन में मैं तेरी गाण्ड को भी फाड़ दूंगा। इस साली गाण्ड में ही तो मेरी हालत तेरी चूत से भी ज्यादा खराब की है."
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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नजमा भी राज की बात से खुश हो जाती है। वो अपनी हवस और शरीर की गर्मी में इतना खो गई थी की उसे राज के बारे में सही गलत सोचने का भी समय नहीं था। उसे तो बस राज का लण्ड चाहिए था और वो भी जल्दी से जल्दी।

राज गाड़ी चलाते समय बीच-बीच में नजमा की चूत और चूचियों के साथ खेल रहा था। वो नजमा को घर तक पहुँचने से पहले एक बार फिर से उसकी उत्तेजना को चरम तक पहुँचना चाहता था, और नजमा भी उसकी हरकतों से काफी गरम हो गई थी।

नजमा आज सुबह से पानी छोड़ रही थी। क्योंकी राज ने उसे ऐसा रोग ही दे दिया था की वो अब पीछे नहीं हटना चाहती थी। राज गाड़ी भी आज काफी तेज चला रहा था। उसे जल्द से जल्द नजमा की चूत में अपना लण्ड डालना था। करीब 20 मिनट बाद नजमा उसको अपने घर का रास्ता बताती है और अगले पाँच मिनट बाद गाड़ी एक घर के सामने रुकती है। घर सोसाइटी से थोड़ा दर था लेकिन घर काफी बड़ा था। दोनों गाड़ी से उतरकर घर की तरफ चल देते हैं। नजमा अपने पर्स से चाबी निकालकर ताला खोलने लगती है। नजमा के हाथ आज ताला खोलते समय कांप रहे थे।

जिसे देखकर राज मन में सोचता है- "मेरी जान अंदर जाकर आज तरी चूत मारकर तैरा भी ताला अपने लण्ड के लिए खोल दूँगा.."

ताला खुलते ही दोनों घर के अंदर आ जाते हैं राज तुरंत पीछे मुड़कर दरवाजा बंद कर देता है, और नजमा को पीछे से अपनी बाहों में भरकर उसकी चूचियों को जोर-जोर से मसलने लगता है। राज उसके कुर्त को गले से पकड़कर खींच देता है जिससे उसका कुर्ता दो टुकड़ों में बंट जाता है। नजमा राज की हरकत पर गुस्सा भी नहीं कर पाती और अगले ही पल राज उसका कुर्ता उसके बदन से खींचकर अलग कर देता है। नजमा अब सिर्फ लेगिंग और ब्रा में राज के सामने खड़ी थी।

राज नजमा को ऐसे देखकर जल बिन मछली की तरह तड़प जाता है। उसकी खड़ी हुई चचियां जिनका ब्रा में कैद करने की जरूरत भी नहीं थी, वो इतनी बड़ी-बड़ी और गोल-गोल थी की राज उन्हें कुछ देर तक सिर्फ देखता ही रहता है। उसने आज तक इतनी औरतें और लड़कियां चोदी थी। लेकिन नजमा के जैसी चूची आज तक नहीं देखी थी। वो पूरी तरह सुडौल थीं। ऐसा लग रहा था जैसे अल्लाह ने उसे साँचे में ढालकर बनाया हो।
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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(^%$^-1rs((7)
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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राज को ऐसे घूरते हुए देखकर नजमा अपनी चूचियां ढक लेती है तब राज आगे बढ़ कर नजमा को पीछे से पकड़कर उसकी चूचियों को अपने बड़े हाथों से पकड़ लेता है। नजमा की चूचियां अभी भी राज के हाथ से बाहर थीं। राज चूचियों को हाथ में लेकर जोर से दबाता है, जिसमें नजमा की आह निकल जाती है। राज नजमा की पीठ को अपने बड़े-बड़े होठों से चाट रहा था।

नजमा भी अब राज के रंग में रंग गई थी। वो भी अपना हाथ बढ़कर राज के लण्ड को पकड़ लेती हैं। नजमा को राज का लण्ड बहुत पसंद आ गया था। वो राज के लण्ड को आगे-पीछे करने लगती है। तब राज मौका पाकर उसकी ब्रा को भी फाड़कर फेंक देता है और उसकी चूचियों को अपने हाथों में बुरी तरह मसलने लगता है। अब राज और नजमा दोनों अपने आप से बाहर हो चुके थे। उन्हें सिर्फ अपने जिस्म की भूख को किसी भी हालत में शांत करना था।

राज अब नजमा को घुमाकर अपने सामने खड़ा करके उसकी चूचियों को अपने मुँह में भरकर चूसने लगता है। जुनैद ने कुछ ही बार उसकी चूचियों को चूसा था, वो तो नजमा की चूत का दीवाना था। राज की चूचियां चूसने का अंदाज बिल्कुल अलग था।

नजमा को अब अपने आपको संभालें रखना मुश्किल हो रहा था। उसके पैर जवाब दे रहे थे। उसे अपना शरीर भारी लग रहा था, और वो बही जमीन पर टेंर हो जाती है। तब राज उसे अपनी गोदी में उठाकर उसके बेडरूम का रास्ता पूछता है। नजमा उसे अपने बेडरूम का रास्ता बताती है। राज जैसे ही नजमा को बेडरूम में लेकर पहुँचता है, वो नजमा को बेंड में लिटाकर उसकी लेगिंग भी उतार देता है। अब नजमा किसी स्वप्न सुंदरी की तरह राज के सामने थी, नजमा के कटाव इतने साँचे में थे की कोई भी उसे इस हालत में देखता तो पागल हो जाता या फिर उसे पाने के लिए सब कछ त्याग देता।
राज नजमा को एक बार ऊपर से नीचे तक देखता है। उसे ये समझ में नहीं आ रहा था की वो शुरु कहां से करें? वो नजमा के सामने बैठकर सिर्फ उसे देखता रहता है और कहता है- "नजमा मेरी जान... मैंने आज तक तुम्हारे जैसी बला की खूबसूरत औरत नहीं देखी है। तुम बहुत खूबसूरत हो। तुम्हें तो मैं अपने से कभी दूर नहीं होने दूँगा, और तुम्हें बहुत प्यार करेगा... इतना कहकर राज नजमा को ऊपर से नीचे तक चूमने लगता है।

नजमा राज को पकड़कर अपने ऊपर ले लेती है और उसके ब बड़े होंठों को चूसना शुरू कर देती है। नजमा भी अब धीरे-धीरे राज के शरीर से सारे कपड़े उतार देती हैं। राज भी इस समय बिल्कल नंगा था। जहां राज किसी मास्टर शैतान लग रहा था। वही नजमा किसी जन्नत की हर लग रही थी।
राज अब नजमा को पीठ के बल लिटाकर उसके पेट के ऊपर आ जाता है और अपना लण्ड नजमा के होंठों पर लगा देता है। लेकिन नजमा उसे चूसने से मना कर देती है। तब राज उसके ऊपर ज्यादा जोर नहीं देता है, और झुककर उसके हर अंग को चूसने लगता है। चूचियां चूसने के बाद जब वो नीचे पेंट पर आता है तो उसकी आँखें नजमा का पेट और उसमें गहरी नाभि को देखकर आह भरने लगता है।

नजमा का पेंट एकदम गोल था और उसकी नाभि कम से कम एक इंच से भी ज्यादा गहरी थी। राज उसकी नाभि में जीभ डालकर गोल-गोल घुमाता है। नजमा का सबसे कमजोर पाइंट उसकी नाभि थी, जिसे ज्यादा देर छेड़ने से नजमा अपने आप पानी छोड़ देती थी। लेकिन राज उसका हर अंग अपने तरीके से चस और चाट रहा था। अब नजमा के शरीर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी, और वो राज का सिर पकड़कर अपनी चूत की तरफ धर्कलती हैं, और राज बिना समय खराब किए सीधे उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर चोदने लगता है।
नजमा अपने दोनों हाथों से अपनी चूचियां दबा रही थी और राज उसकी चूत चाट रहा था। नजमा की चूत का छेद राज को अपने लण्ड के हिसाब से काफी छोटा लग रहा था। वो अब नजमा की चूत में एक उंगली डालकर चोदने लगता है, और अपनी जीभ से उसकी चूत के दाने को भी चाटने और काटने लगता है। नजमा के ऊपर राज दोहरा हमला कर रहा था, जिसे नजमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। अब राज अपनी दो उंगलियों से नजमा की चूत मार रहा था और नजमा अपनी कमर को उतना ही ज्यादा उछल रही थी। नजमा के मुंह से जीरदार चीखें निकल रही थीं। दो बार झड़ने के बाद तीसरी बार झड़ने में उसे टाइम लग रहा था।

राज अब अपनी तीसरी उंगली चूत में डालता है और उसे चोदने लगता है। तीन उंगली नजमा की चूत को पी तरह से फैलाकर रख देती है। राज की मोटी उंगलियां उसकी चूत की गहराई नाप रही थी, और राज की जीभ नजमा को पागल कर रही थी। करीब दो मिनट की गजब की चूत पेलाई से नजमा की सांसें उखाड़ने लगती है और वो एक लंबी चीख के साथ अपना पानी छोड़ देती है। इतनी सिइदत से आज तक वो कभी नहीं झड़ी थी। ऐसा सकन उसे आज तक नहीं मिला था। उसे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे उसके सिर का बोझ उतर गया हो।

नजमा को जब होश आता है तो वो देखती है की उसने जोश में आकर राज के सिर को अपनी जांघों में जकड़ रखा है। वो उसे छड़ती है और राज अपने ऊपर खींच लेती है। नजमा सुबह से तीसरी बार झड़ी थी और राज
अभी तक एक बार भी नहीं। अब नजमा राज को अपने ऊपर खींच कर अपनी दोनों टाँगें राज की कमर में लपेट देती है।
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