मैं और मेरी बहू compleet

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rajsharma
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Re: मैं और मेरी बहू

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गतान्क से आगे......

हनिमून पर दूसरा दिन

थोडा सुस्ताने के बाद हम सबने कपड़े बदले और स्विम्मिंग पूल के पास आकेर बैठ गये. वहाँ हमे रीता और अनिता मिल गयी. थोड़ी देर मे विनोद और शीला भी आ गये. हम सब आपस मे बात करने लगे. किसी ने भी रात की बात का ज़िक्र नही किया.

थोड़ी देर बाद रीता स्विम्मिंग पूल मे स्विम करने चली गयी और उसके पीछे पीछे रश्मि भी चली गयी. मेने देखा कि पूल की दूसरी ओर किनारे पर रीता बैठी है और पानी मे खड़ी रश्मि उसकी चूत को चूस रही है.

"दोनो कितनी सेक्सी और गरम लग रही है." अनीता ने मुझसे कहा.

"लगता है ये दोनो कभी सेक्स से थकती नही है?" मेने उनकी ओर देखते हुए कहा.

"हां रीता कुछ ज़्यादा ही सेक्सी है, उसे हरदम चूत का बुखार चढ़ा रहता है" रीता ने जवाब दिया.

"रश्मि भी कुछ ऐसी ही है, उसे भी हर वक़्त लंड चूत चाहिए." मेने कहा.

"क्या तुम उनका साथ देना पसंद करोगी?" अनीता ने अपने कपड़े खोलते हुए कहा.

"ना……….रे……बाबा! मैं तो अभी तक रात की थकावट से ही नही उभरी हूँ. मुझे थोड़ा आराम करना है." मेने जवाब दिया.

"ठीक अगर इरादा बदल जाए तो चली आना." कहकर अनीता पूल मे कूद गयी और उन लड़कियों की तरफ तैरने लगी.

में आराम कुर्सी पर पसर गयी और सोचने लगी "मेने तो सोचा भी नही था कि एक दिन मे इतनी चुदाई होगी जो एक हफ्ते मे होनी चाहिए थी." मैं लेटी हुई थी कि मेरे कानो मे राज, राव, विंडो और शीला की बात चीत सुनाई पड़ी.

"अब कैसा महसूस हो रहा है शीला?" रवि ने उससे पूछा.

"पूरा बदन दर्द के मारे दुख रहा है. जिस तरह से तुम तीनो ने मेरी चूत और गंद की धुनाई की है लगता है कि पूरे बदन मे सूजन आ गयी है." शीला थोड़ा गुस्से मे बोल रही थी.

"शांत हो जाओ. तुमने पहली बार गांद मे लंड लिया है इसलिए तुम्हे थोड़ा दर्द हो रहा है. दो चार बार और मरवा लॉगी तो आदत पड़ जाएगी." रवि ने उसे समझाते हुए कहा.

"रहने दो…………अगर तीन तीन लंड तुम अपनी गांद मे लोगे तो तुम्हे पता चलेगा कि दर्द कैसा होता है." शीला ने कहा.

"हम लोग इसका मज़ा ले चुके है. मेने कई बार रश्मि की गांद मारी है और मेरी मा प्रीति की भी. हम सबको बहोत मज़ा आता है." राज ने कहा.

"इसका मतलब तुम चारों आपस मे एक दूसरे के साथ चुदाई करते हो?" शीला थोड़ा चौंकते हुए बोली.

"हम आपस मे चुदाई ही नही करते बल्कि, प्रीति और रश्मि रात को रीता और अनीता के साथ थी जब हम तुम्हारी चुदाई कर रहे थे." रवि ने कहा.

"मैं नही मानती मुझे विश्वास नही होता." शीला ने कहा.

"यार सुनकर ही मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं एक बार शीला को किसी दूसरी औरत के साथ सेक्स करते देखना चाहता हूँ?" विनोद बोला.

"तो इसमे परेशान होने की क्या बात है, रात को तुम दोनो हमारे कमरे मे अजाना. हम 6 लोग मिलकर अपनी पार्टी करेंगे." राज ने कहा.

"नही किसी भी कीमत पर में किसी औरत के साथ सेक्स नही करूँगी." शीला थोड़ा ज़ोर देते हुए बोली.

"अब मान भी जाओ शीला. एक बार करके तो देखो तुम्हे बहोत मज़ा आएगा." रवि ने उसे समझाते हुए कहा.

"रवि सही कह रहा है शीला. पहले प्रीति को भी पसंद नही था और अब वो कोई मौका चूकना नही चाहती. फिर तुम्हे अगर पसंद ना आए तो बता देना, कोई तुम्हारे साथ ज़बरदस्ती नही करेगा." राज ने कहा.

"मैं तुम दोनो को विश्वास करूँ जबकि रवि ने अपना गधे जैसा लंड मेरी गांद मे घुसा दिया था.." शीला थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली.

"एक बार हमारे साथ पार्टी करके तो देखो. में तुमसे वादा करता हूँ कोई भी तुम्हारी मर्ज़ी के बिना कुछ नही करेगा." रवि ने उसे आश्वासन दिया.

"प्लीज़ डार्लिंग एक बार पार्टी करके देखो, मेरी खातिर." विनोद शीला से बोला.

"एक शर्त पर में तुम्हे राज की गांद मारते देखने चाहती हूँ." शीला ने कहा.

"ठीक है……फिर तय रहा." विनोद खुश होते हुए बोला.

तभी वो तीनो लड़कियाँ पूल से बाहर आ गयी. रश्मि हमारे बगल मे आकर लेट गयी, "हे भगवान क्या चूत चूस्ति है ये दोनो."

"हाई रश्मि." राज ने पुकारा, "विनोद और शीला आज रात को हमारे कमरे में आ रहे हैं पार्टी करने."

"वाउ ये तो खुशी की बात है, मेरी चूत तो अभी से गीलीहो रही है." रश्मि ने अपनी चूत पर हाथ फिराते हुए कहा.

"तुम्हारी चूत किस समय गीली नही होती. मुझे तो ये हर वक़्त छूटी नज़र आती है." रवि हंसते हुए बोला.

रात को हमारे कमरे मे मिलने का वादा कर हम अलग अलग हो गये.

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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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Re: मैं और मेरी बहू

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रात की पार्टी

विनोद और शीला थोड़ी देर से हमारे कमरे मे पूरी तरह सझ धज कर आए. पर हम चारों शॉर्ट्स और टी-शर्ट बिना अंदर कुछ पहनने के आदि हो चुके थे. पर हम सब के शरीर पर कपड़े ज़्यादा देर नही टीके. थोड़ी ही देर हम सब नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेल रहे थे.

"तुम्हे याद है ना कि इसके पहले कि हम कुछ करें तुम्हे राज की गांद मारनी है." शीला ने अपने पति को याद दिलाया.

शीला की बात सुनकर राज कमरे मे से क्रीम ले आया और अपनी गांद पे मलकर अपनी गांद विनोद के लिए तय्यार करने लगा. फिर वो घुटने के बल झुक गया और अपनी गांद विनोद के सामने कर दी, "आओ और अपना लंड मेरी गांद मे डाल दो और कस कर मारो."

"क्या तुम्हे इसकी बिना बालों वाली गांद और गोरे चुतताड किसी लड़की की गांद की तरह नही लगते." रवि ने विनोद को उकसाते हुए कहा, "मैं तो जब भी इसकी गांद मे लंड डालता हूँ मुझे लगता है कि में किसी लड़की की गंद मार रहा हूँ."

रवि ने तुरंत अपना लंड राज के मुँह मे दे दिया. विनोद ने भी राज के चूतड़ सहलाते हुए अपन लंड उसकी गांद मे घुसा दिया. उसे आश्चर्य हुआ कि कितनी आसानी से उसका लंड उसकी गांद मे चला गया और उसे मज़ा भी आ रहा था.

"ज़रा कस कर इसकी गंद मारना. बाद मे मैं तुम्हे अपनी गंद मे भी लंड डालने का मौका दूँगी." रश्मि विनोद के चुतताड पर थप्पड़ मारते हुए बोली. "मेरी ही नही तुम प्रीति की भी गांद की चुदाई कर सकोगे."

शीला आश्चर्य भरी नज़रों से अपने पति को मेरे बेटे की गांद मारते हुए देख रही थी, और मेरे बेटा रवि के लंड की चुसाइ कर रहा था. रश्मि शीला के पास बिस्तर पर पहुँची और उसके बदन पर हाथ फिराने लगी.

रश्मि उसके बदन को सहला रही थी और शीला के निपल किसी लंड की तरह तन गये थे. रश्मि ने फिर झुक कर उसके तने निपल को अपने मुँह मे ले लिया और अपने दाँतों से भींचने और काटने लगी. शीला के मुँह से सिसकारी निकल रही थी.

विनोद अब मज़े लेते हुए ज़ोर ज़ोर से राज की गंद मार रहा था. उसकी जंघे आवाज़ करते हुए राज के चुत्तदो से टकरा रही थी. विनोद उसकी गांद मारते हुए उसके चुतताड पर हल्के थप्पड़ भी मारते जा रहा था.

थोड़ी थोड़ी देर मे राज भी रवि के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल विनोद को उकसा रहा था, "ओह हाआँ पेल दो अपना लंड मेरी गाअंड मे, भर दो मेरी गांद तुम्हारे पानी से हां चोदो."

रश्मि ने शीला की चुचियों और निपल को चूसना बंद किया और घुटनो के बल बैठ कर उसकी टाँगो के बीच आ गयी. उसने उसकी टाँगे थोड़ी फैला कर उसकी चूत पे उंगली घुमाने लगी.

"प्लीस ऐसा मत करो…….मेने आज तक नही किया है." शीला बोल पड़ी.

"आराम से लेटी रहो और मज़े लो, ये कोई तुम्हे नुकसान नही देगा." रश्मि ने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और मुझसे बोली, "रश्मि तुम शीला की चुचियाँ चूसो इसके निपल बड़े मज़ेदार है."

मैं खिसक कर शीला के बगल मे आगाई और उसकी चुचियों को अपने मुँहे मे ले चूसने लगी. मैं एक हाथ से उसकी चुचि मसल भी रही थी. शीला को अपनी चूसवाने मे बहोत मज़ा आ रहा था और इस वजह से उसने अपनी तने और फैला दी. मैं जानती थी कि शीला को काफ़ी मज़ा आएगा क्यों की रश्मि चूत चूसने और चाटने मे माहिर थी.

तीन मर्दों की आपस मे चुदाई और बिस्तर पर हम तीन औरतों की महॉल को गरमाने के लिए काफ़ी थी. थोड़ी ही देर मे शीला के मुख से सिसकारिया निकल रही थी.

"ओह हाआआआआआं मुझीईई नहियिइ मालूमम्म था की इसमे इतना मज़्ज़्ज़्ज़्ज़ा आअता हाऐी हााआ चूऊसू."

सिसकते हुए शीला की चूत ने किसी ज्वालामुखी के लावे की तरह पानी छोड़ दिया और उसी वक़्त विनोद भी सिसक रहा था कि उसका छूटने वाला है.

रश्मि और मैं विनोद के बदन को अकड़ते हुए देख रहे थे जब उसके लंड ने मेरे बेटे की गंद मे पानी छोड़ दिया. राज ने अपने पाओं को आकड़ा कर विनोद के लंड को अपनी गंद मे जाकड़ लिया था और उसके लंड से हर बूँद को निचोड़ रहा था. थोड़ी देर मे विनोद का लंड मुरझकर उसकी गंद से बाहर निकल पड़ा और साथ ही उसके वीर्य की धारा बहने लगी.

रश्मि शीला के बगल मे लेट गयी और उसके होठों को ज़ोर से चूमते हुए उसके मुँह मे अपनी जीब डाल दी, "लो चखो अपनी चूत के पानी का स्वाद. हाइया अच्छा !"

शीला गहरी साँसे लेते हुए बिस्तर पर लेटी थी. उसे विश्वास नही हो रहा था कि एक औरत भी इस तरह से चूत को चूस सकती है. वही रवि का पानी नही छूटा था. उसने अपना लंड राज के मुँह से निकाला और शीला के पास आ गया.

रवि ने अपना लंड शीला की चूत मे घुसा दिया. शीला चौंक पड़ी और डर गयी जब उसे रवि के लंड की लंबाई याद आई. शीला गहरी साँसे लेते हुए रवि के लंबे लंड को अपने चूत मे ले रही थी. रवि भी छोटे और हल्के धक्के लगा उसकी चूत को चोद रहा था. तभी रश्मि उठी और शीला के मुँह पर बैठते हुए अपने चूत उसके मुँह पर रख दी.

"शीला अब वैसे ही मेरी चूत को चॅटो जैसे मेने तुम्हारी चूत को चॅटा था. हां अपनी जीब का इस्तेमाल करो और मेरी चूत के दाने को चातो." रश्मि उसे सिखाते हुए बोली.
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Re: मैं और मेरी बहू

Post by rajsharma »

रवि ने ज़ोर के धक्के लगाते हुए शीला की चूत को अपने पानी से भर दिया. शीला का शरीर भी ठिठेर उठा जब दूसरी बार उसकी चूत ने पानी छोड़ा. रश्मि भी अपनी चूत को उसके मुँह पर दबा रही थी. शीला पूरी तरह से तृप्त और थक चुकी थी.

"इशे अभी थोड़ी ट्रैनिंग की ज़रूरत है." रश्मि शीला के उपर से हटती हुई बोली. "अभी इसे चूत चूसने की आदत नही है."

"प्रीति यहाँ मेरी चूत के पास आओ और अपनी जीब का जादू दिखाओ?" रश्मि अपनी टाँगे फैलाते हुए बोली.

मैं रश्मि के उपर आ गयी और 69 अवस्था मे एक दूसरे की चूत चूसने लगे. चूत चूस्ते हुए हम एक दूसरी गांद मे उंगली डाल रहे थे. हमारी हरकत को देख विनोद का लंड एक बार फिर टंकार खड़ा हो गया था.

तभी मेने राज की आवाज़ सुनी, "विनोद चलो हम इनकी गंद मे अपना लंड डाल देते हैं. तुम किसकी गंद मारना चाहोगे रश्मि की या प्रीति की.?"

विनोद ने कमजोर आवाज़ मे कहा "रश्मि की"

वो दोनो हमारे बिस्तर के पास आए और मेरे बेटे ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया. वही विनोद ने अपना लंड रश्मि की गोरी और प्यारी गांद मे घुसा दिया. रश्मि और मैं एक दूसरे की चूत को चूसे जा रहे थे और विनोद और राज हमारी गांद की धुनाई कर रहे थे. इस दोहरे मज़े ने हम दोनो को काफ़ी उकसा दिया था और हम दोनो के मुँह एक दूसरे के पानी से भर गये थे.

पानी छूटने के बाद भी रश्मि मेरी चूत को चूसे जा रही थी. मैं भी रश्मि की तरह उसकी चूत मे अपनी जीब अंदर बाहर कर रही थी. मेने महसूस किया कि राज के लंड ने मेरी गांद मे पानी छोड़ दिया है तभी मेने दूसरी बार अपना पानी रश्मि के मुँह पर छोड़ दिया.

रश्मि का शरीर भी अकड़ने लगा और उसकी चूत ने मेरे मुँह मे पानी छोड़ दिया और विनोद ज़ोर के धक्के लगा शांत हो गया.

"ऐसी चुदाई मेने पहले कभी नही की." शीला रवि के खड़े लंड को अपने हाथों मे लेते हुए बोली.

"हां मज़ा आगेया" विनोद ने कहा.

"ज़रा सोचो विनोद आज तुमने एक पति और उसकी पत्नी दोनो की गांद एक ही दिन मारी है. ऐसा मौका कहाँ मिलता." रवि ने कहा.

इसके बाद हम सब सुस्ताने लगे. हम सबने ड्रिंक्स बनाई और बात करने लगे. हम साथ ही कुछ खाते भी जा रहे थे.

फिर तीनो मर्दों ने आपस मे तय किया कि मैं भी तीन लंड का मज़ा साथ साथ लू. विनोद मेरी गंद मे लंड डालेगा और रवि अपना मूसल जैसा लंड मेरी चूत मे. और मैं राज के लंड को चूसोंगी.

हम चारों ने बिस्तर पर पोज़िशन ली और थोड़ी ही देर मे मेरे तीनो छेद लंड से भर गये. रश्मि और शीला बगल में बैठ कर मेरी सामूहिक चुदाई बड़े गौर से देख रही थी. लड़कों का पानी एक बार पहले छूट चुका था इसलिए उनको समय लगा रहा था. तीनो गधों के तरह मुझे चोद रहे थे. इसके पहले की उनके लंड पानी छोड़ते मेरी चूत ने कितनी बार पानी छोड़ा मुझे याद नही.

सबसे पहले मेरे बेटे ने अपना वीर्य मेरे मुँह मे छोड़ा. बिना किसी झिझक मे सारा पानी पी गयी बिना एक बूँद भी व्यर्थ किए. में उसके लंड को तब तक चूस्ति रही जब तक कि वो ढीला ना पड़ गया.

फिर विनोद ने मेरी गांद अपने पानी से भर दी. मेने अपनी गांद मे उसके लंड को जाकड़ उसकी हर बूँद को निचोड़ने लगी. वो मेरी गांद मे अपना लंड पेलता रहा. थोड़ी देर मे उसका लंड मुरझा कर मेरी गंद से बाहर निकल पड़ा. उसका पानी मेरी गांद से बहता हुआ मेरी चूत पे आगेया जहाँ रवि का लंड मेरी चूत को चोद रहा था.

मेरी शरीर मे अजीब सी सनसनी मची हुई थी. मस्ती में ज़ोर ज़ोर से उछल उछल कर उसके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. मैं इस कदर उछल कर चोद रही थी जैसे ये मेरी आखरी चुदाई हो. रवि ने ज़ोर से अपने कूल्हे उछालते हुए अपना लंड मेरी चूत की जड़ तक पेल दिया और इतने ज़ोर की पिचकारी छोड़ी कि उसका पानी सीधे मेरी बच्चेदानी से जा टकराया. मेरी चूत ने भी थक कर पानी छोड़ दिया और मे उसकी छाती पे निढाल हो गयी. रवि ने मुझे बाहों मे भर लिया और चूमने लगा.

"तुम ठीक तो हो ना?" रवि ने मुझे बाहों मे भरते हुए पूछा.

"हां अभी तो ठीक हूँ, ऐसी आग मेरे शरीर मे पहले कभी नही लगी." मेने जवाब दिया.

मेने उसके उपर लेटी रही और वो मेरे बदन को सहलाता रहा. मुझे ऐसा लगा कि मैं उसके उपर इसी तरह हमेशा के लिए लेटी रहूं. मैं सोच रही थी, "आज जिस तरह से मेरी चूत ने पानी छोड़ा है ऐसा सैलाब मेरी चूत मे पहले कभी नही आया."

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Re: मैं और मेरी बहू

Post by rajsharma »

थोड़ी देर बाद हम फिर बैठ कर ड्रिंक ले रहे थे. अब नंगा रहने मे मुझे शरम नही आ रही थी. यहाँ मैं अपने बेटे और उसके दोस्त और एक अंजान आदमी के साथ नंगी बैठी थी.

विनोद हमारी कहानी सुनना चाहता था कि हम सब यहाँ तक कैसे पहुँचे. रवि ने उसे थोड़ा हिस्सा सुनाया. हमारी कहानी सुनने मेने देखा कि उसका लंड एक बार फिर खड़ा हो गया है. थोड़ा सुसताने के बाद रवि ने पूछा, "क्या सब एक और राउंड के लिए तय्यार है." मेने नज़रें घूमाकर देखा तो रश्मि और शीला वहाँ नही थे.

रवि एक बार नीचे लेट गया और में उसके उपर होते हुए उसका लंड अपनी चूत मे ले लिया. राज ने अपना लंड मेरी गांद मे डाल दिया और विनोद ने पीछे से अपना लंड राज की गांद मे. हम चारों जम कर चुदाई कर रहे थे. जब तीनो का लंड अपने अपने स्थान पर पानी छोड़ रहा था रश्मि ने कमरे मे आते हुए कहा, "वाह क्या सीन है!"

जब हम सब थक कर अलग हुए तो मेने देखा कि शीला काफ़ी थॅकी थॅकी सी दिख रही है, "तुम दोनो कहाँ चली गयी थी?" मेने रश्मि से पूछा.

"शीला को चूत चूसने की ट्रैनिंग देने के लिए इसे रीता और अनीता के पास ले गयी थी." रश्मि ने जवाब दिया.

शीला ने सिर्फ़ विनोद से इतना कहा, "क्या अब हम अपने कमरे मे चले?"

शीला और विनोद बिना कुछ कहे कपड़े पहन अपने रूम मे चले गये.

"ऐसा वहाँ क्या हुआ जो शीला इतनी थॅकी और उखड़ी हुई थी." मेने पूछा.

"तुम्हे विश्वास नही होगा उन दोनो लड़कियों ने शीला की हालत खराब कर दी. उसके जिस्म मे इतनी आग भर दी की वो पागल हो गयी. उसने सबकी चूत चूसी चाति और डिल्डो से चुडवाया भी. एक नही दो दो डिल्डो से साथ साथ चुडवाया. बाकी सब में सुबह नाश्ते के टेबल पर बताउन्गि अब में सोने जा रही हूँ." ये कहकर रश्मि रवि को पकड़ सोने चली गयी.

मैं भी राज की बाहों मे सो गयी.

टू बी कंटिन्यूड…………..

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gataank se aage......

Honeymoon par Dusra Din

Thoda sustain ke baad hum sabne kapde beadle aur swimming pool ke paas aaker baith gaye. Wahan hame Rita aur Anita mil gaye. Thodi der me Vinod aur Sheela bhi aa gaye. Hum sab aapas me baat karne lage. Kisi ne bhi raat ki baat ka jikra nahi kiya.

Thodi der baad Rita swimming pool me swim karne chali gayi aur uske piche piche Rashmi bhi chali gayi. Meine dekha ki pool ki dusri aur kinare par Rita baithi hai aur pani me khadi Rashmi uski choot ko choos rahi hai.

"Dono kitni sexy aur garam lag rahi hai." Aneeta ne mujhse kaha.

"Lagta hai ye dono kabhi sex se thakti nahi hai?" meine unki aur dekhte hue kaha.

"Haan Rita kuch jyada hi sexy hai, use hardam choot ka bukhar chadha rehta hai" Rita ne jawab diya.

"Rashmi bhi kuch aisi hi hai, use bhi har waqt lund choot chahiye." Meine kaha.

"Kya tum unka sath dena pasand karogi?" Aneeta ne apne kapde kholte hue kaha.

"Naa……….re……baba! mein to abhi tak raat ki thakavat se hi nahi ubhri hoon. Mujhe thoda aaram karna hai." Meine jawab diya.

"Thik agar iraada badal jaye to chali aana." Kehkar Aneeta pool me kud gayi aur un ladkiyon ki taraf tairne lagi.

Mein araam kursi par pasar gayi aur sochne lagi "meine to socha bhi nahi tha ki ek din me itni chudai hogi jo ek hafe me honi chahiye thi." mein leti hui thi ki mere kano me Raj, Rav, Vindo aur Sheela ki bat chit sunai padi.

"Ab kaisa mehsus ho raha hai Sheela?" Ravi ne usse pucha.

"Pura badan dard ke mare dukh raha hai. Jis tarah se tum tino ne meri choot aur gand ki dhunai ki hai lagta hai ki pure badan me sojan aa gayi hai." Sheela thoda gusse me bol rahi thi.

"Shaant ho jao. Tumne pehli baar gaand me lund liya hai isliye tumhe thoda dard ho raha hai. Do char bar aur marwa logi to aadat pad jayegi." Ravi ne use samjhate hue kaha.

"Rehne do…………agar teen teen lund tum apni gaand me loge to tumhe pata chalega ki dard kaisa hota hai." Sheela ne kaha.

"Hum log iska maza le chuke hai. Meine kai bar Rashmi ki gaand mari hai aur meri maa Preeti ki bhi. Hum sabko bahot maza aata hai." Raj ne kaha.

"Iska matlab tum charon aapas me ek dusre ke sath chudai karte ho?" Sheela thoda chaunkte hue boli.

"Hum aapas me chudai hi nahi karte balki, Preeti aur Rashmi raat ko Rita aur Aneeta ke sath thi jab hum tumhari chudai kar rahe the." Ravi ne kaha.

"Meine nahi maanti mujhe vishwas nahi hota." Sheela ne kaha.

"Yaar sunkar hi mera lund khada ho gaya. Mein ek baar Sheela ko kisi dusri aurat ke sath sex karte dekhna chahta hun?" Vinod bola.

"To isme pareshan hone ki kya baat hai, raat ko tum dono hamare kamre me aajana. Hum 6 log milkar apni party karenge." Raj ne kaha.

"Nahi kisi bhi keemat par mein kisi aurat ke sath sex nahi karungi." Sheela thoda jor dete hue boli.

"Ab maan bhi jao Sheela. Ek baar karke to dekho tumhe bahot maza aayega." Ravi ne use samjhate hue kaha.

"Ravi sahi keh raha hai Sheela. Pehle Preeti ko bhi pasand nahi tha aur ab wo koi mauka chukna nahi chahti. Phir tumhe agar pasand na aaye to bata dena, koi tumhare sath jabardasti nahi karega." Raj ne kaha.

"Mein tum dono ko vishwas karun jabki Ravi ne apna gadhe jaisa lund meri gaand me ghusa diya tha.." Sheela thoda naraz hote hue boli.

"Ek baar hamare sath party karke to dekho. Mein tumse vada karta hun koi bhi tumhari marzi ke bina kuch nahi karega." Ravi ne use ashwasan diya.

"Pleas darling ek bar party karke dekho, meri khatir." Vinod Sheela se bola.

"Ek shart par mein tumhe Raj ki gaand marte dekhne chahti hun." Sheela ne kaha.

"Thik hai……phir tay raha." Vinod khush hote hue bola.

Tabhi wo teeno ladkiyan pool se bahar aa gayi. Rashmi hamare bagal me aakar let gayi, "hey bahgwan kya choot choosti hai ye dono."

"Hai Rashmi." Raj ne pukara, "Vinod aur Sheela aaj raat ko hamare kamre mein aa rahe party karne."

"Wow ye to khushi ki baat hai, meri choot to abhi se gili go rahi hai." Rashmi ne apni choot par haath phirate hue kaha.

"Tumhari choot kis samay gili nahi hoti. Mujhe to ye har waqt chooti nazar aati hai." Ravi hanste hue bola.

Raat ko hamare kamre me milne ka wada kar hum alag alag ho gaye.

Raat ki Party

Vinod aur Sheela thodi der se hamare kamre me puri tarah sajh dhaj kar aaye. Par hum charon shorts aur T-shirt bina andar kuch pehnne ke aadi ho chuke the. Par hum sab ke sharir par kapde jyada der nahi tike. Thodi hi der hum sab nange hokar ek dusre ke badan se khel rahe the.

"Tumhe yaad hai na ki iske pehle ki hum kuch karen tumhe Raj ki gaand marni hai." Sheela ne apne pati ko yaad dilaya.

Sheela ki baat sunkar Raj kamre me se cream le aaya aur apni gaand pe malkar apni gaand Vinod ke liye tayyar karne laga. Phir wo ghutne ke bal jhuk gaya aur apni gaand Vinod ke samne kar di, "Aao aur apna lund meri gaand me dal do aur kas kar maro."

"Kya tumhe iski bina balon wali gaand aur gore chuttad kisi ladki ki gaand ki tarah nahi lagte." Ravi ne Vinod ko uksate hue kaha, "Mein to jab bhi iski gaand me lund dalta hun mujhe lagta hai ki mein kisi ladki ki gand mar raha hun."

Ravi ne turant apna lund Raj ke munh me de diya. Vinod bhi Raj ke chutad sehlate hue apan lund uski gaand me ghusa diya. Use aschary hua ki kitni aasani se uska lund uski gaand me chala gaya aur sue maza bhi aa raha tha.

"Jara kas kar iski gand maarna. Bad me mein tumhe apni gand me bhi lund dalne ka mauka dungi." Rashmi Vinod ke chuttad par thappad marte hue boli. "Meri hi nahi tum Preeti ki bhi gaand ki chudai kar sakoge."

Sheela ascharya bhari nazron se apne pati ko mere bete ki gaand marte hue dekh rahi thi, aur mere beta Ravi ke lund ki chusai kar raha tha. Rashmi Sheela ke paas bistar par pahunchi aur uske badan par hath phirane lagi.

Rashmi ne uske badan ko sehla rahi thi aur Sheela ke nipple kisi lund ki tarah tan gaye the. Rashmi phir jhuk kar uske tane nipple ko apne munh me le liye aur apne danton se bhinchne aur katne lagi. Sheela ke munh se siskari nikal rahi thi.

Vinod ab maze lete hue jor jor se Raj ki gand mar raha tha. Uski janghe awaz karte hue Raj ke chuttadon se takra rahi thi. Vinod uski gaand marte hue uske chuttad par halke thappad bhi marte jaa raha tha.

Thodi thodi der me Raj bhi Ravi ke lund ko apne munh se bahar nikal Vinod ko uksa raha tha, "ohhhhh haaan pel do apna lund meri gaaand me, bhar do meri gaand tumhare paani se haan choodo."

Rashmi ne Sheela ki chuchiyon aur nipple ko choosna band kiya aur ghutno ke bal baith kar uski tango ke bich aa gayi. Usne uski tange thodi faila kar uski choot pe ungli ghumane lagi.
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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