मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

सी चाची-ये पूछिए कब से कर रहा है.

ब चाची-कितने दिन हो गये

सी चाची-जब से उसका रिज़ल्ट लगा है तब से,

ब चाची-मतलब वो रिज़ल्ट का टेन्षन ले रहा है.

सी चाची-हाँ, वो अपना रिज़ल्ट देख कर डर गया है. उसे अंदर ही अंदर ये बात सता रही है कि उसने हमारे सपने को तोड़ा है.

ब चाची-हम तो उसके मार्क्स से खुश थे ना.

सी चाची-उसे लग रहा है कि वो उसका सम्मान रखने के लिए हमने ऐसा कहा था.

ब चाची-तूने अवी से बात की इस बारे मे

सी चाची-हाँ, पर उसको रोकना मुश्किल है.

ब चाची-पर ऐसे तो उसकी सेहत खर्राब होगी. और अगर पास्ट फिर से रिपीट हुआ तो ,

सी चाची-आप खुद देखिए ,अभी तक पढ़ाई कर रहा है और सुबह कसरत करने को जल्दी उठ जाता है. कितना कम सो रहा है वो

ब चाची-अवी दोपहर मे सोता है ना.

सी चाची-नही. वो सोने का नाटक करता है.और सोने की जगह पढ़ाई करता है.

ब चाची-मैं अवी से बात करती हूँ ,ये उसके लिए ठीक नही है.और ना हमारे लिए

सी चाची-क्या बात करेगी.

ब चाची-उसे पढ़ाई करने से रोक दूँगी.मैं उसे ऐसे टेन्षन मे नही देख सकती

सी चाची-ऐसे मना करने से कोई फ़ायदा नही होगा

ब चाची-क्यू नही होगा.

सी चाची-क्यू कि मना किया तो वो पढ़ाई तो नही करेगा पर सोच सोच कर खुद को नुकसान पहुँचाएगा. उसको सोचने से आप कैसे रोकेगी

ब चाची-ये तो मुश्किल होगा.

सी चाची-इस का हल मैं ने कल ही ढूँढ लिया था जब मुझे अवी की हालत का पता चला

ब चाची-क्या सोचा तूने

सी चाची-हमे अवी को कुछ दिन आराम करने देना चाहिए

ब चाची-वो कैसे


सी चाची-हमे अवी को रिलॅक्स होने के लिए कुछ दिनो के लिए कहीं और भेजना होगा.

ब चाची-कहा

सी चाची-कहीं भी जैसे अपने दोस्तो के साथ किसी टूर पे

ब चाची-ये पासिबल नही है. मैं अवी को कही जाने नही दूँगी,और इस हालत मे तो कभी नही

सी चाची-ठीक है रहने दीजिए अवी को इसी हालत मे

ब चाची-तू कुछ और रास्ता निकालना

सी चाची-अवी को चेंज की ज़रूरत है.उसे अपने दोस्त के साथ की ज़रूरत है.उसे अपने दोस्तो के साथ टूर पे भेजना होगा ताकि वो रिलॅक्स हो जाए

ब चाची-दोस्त बिल्कुल नही

सी चाची-आप पिछली बतो के बारे मे सोचना बंद कीजिए ,जैसे अवी के पापा के साथ हुआ वैसा अवी के साथ होगा ज़रूरी नही है.

ब चाची-पर

सी चाची-इसी लिए मैं ने आपको बताने की जगह अवी की हालत दिखाना सही समझा ,

ब चाची-मीना क्या यही रास्ता है, दूसरा रास्ता नही है

सी चाची-नही. उसके दोस्त ही ऐसे सिचुयेशन से निकालने मे मदद कर सकते है.फ्रेंड के साथ टेन्षन ख़तम होता है

ब चाची-मैं तो मान जाउन्गी पर अवी की बुआ उनका क्या

सी चाची-आपके हाँ करने से वो भी हाँ कर देगी.

ब चाची-मुझे नही लगता , अवी के पापा के साथ इतना कुछ हो जाने के बाद अवी की बुआ अवी को उसके दोस्तो के साथ जाने नही देगी.

सी चाची-वक्त बदल गया है,

ब चाची-ठीक है. कितने दिनो के लिए भेजना चाहती है

सी चाची-वो तो अवी और उसके दोस्त, बात करेंगे तब पता चलेगी.

ब चाची-मैं हर दिन अवी से बात करूँगी.

सी चाची-मैं खुद आपकी बात कराउन्गी.

ब चाची-कहाँ जाएगा अवी

सी चाची-वो अवी को सोचने दो ,अवी के टूर पे जाने से अवी का फ़ायदा होगा

ब चाची-कैसे

सी चाची-उसे गाओं से बाहर की दुनिया देखने को मिलेगी.

ब चाची-बाहर की दुनिया कैसी है तुझे पता है

सी चाची-इसी से तो अवी जीना सीखेगा.

ब चाची-जैसा तू ठीक समझे बस अवी को पहला जैसा टेन्षन फ्री बना दो

सी चाची-आप बेफिकर रहिए ,मैं उस से बात करूँगी. आप बस अवी की बुआ को मना लीजिए

ब चाची-अवी के लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ मैं उनको मना लूँगी.

सी चाची-आप खुद सोचिए अवी को बाहर की दुनिया के बारे मे जानना ज़रूरी है कि नही.

ब चाची-तू कभी ग़लत सोच नही सकती

सी चाची-आपका भरोसा मैं कभी टूटने नही दूँगी.

ब चाची-तूने ये बात पहले क्यूँ नही बताई

सी चाची-मैं ने इसी लिए तो आपको अपने साथ सोने को कहा

ब चाची-फिर थोड़ी देर पहले झूठ क्यूँ कहा

सी चाची-आप मेरी बात कभी नही मानती इसी लिए आप को कहा कि मैं ने सिर्फ़ आपके साथ सोने के लिए ऐसा किया है.

ब चाची-तूने अवी की हालत दिखा कर अच्छा किया

सी चाची-आपको पता चले कि अवी को चेंज की कितनी ज़रूरत है .

ब चाची-तू अवी के लिए सोच रही थी और मैं तुझपे गुस्सा हुई

सी चाची-आपका गुस्सा करना सही था.

ब चाची-मुझे सोचना चाहिए था कि तू ऐसी ग़लती कभी नही कर सकती

सी चाची-जाने दीजिए

ब चाची-मैं ने तुझे कितना कुछ कहा मुझे माफ़ कर दे

सी चाची-आप माफी माँग कर मुझे गुनहगार बना रही है. आपका तो पूरा हक है मुझपे गुस्सा करने का

ब चाची-ये तेरा बड़प्पन है

सी चाची-आप मेरी दीदी है आप की बात का मैं बुरा कैसे मान सकती हूँ

ब चाची-तू हर जनम मे मेरी बहन हो यही दुआ करती हूँ

सी चाची-मैं भी अगले जनम मे भी आपकी बहन बनना चाहुन्गी

ब चाची-चल अवी से बात करते है.

सी चाची-करते है पर आपको अवी के सामने रोना होगा.

ब चाची-मैं रोउंगी तो वो भी रो देगा.

सी चाची-तभी तो उसको अपनी ग़लती का पता चलेगा.अवी आपको रोता हुआ नही देख सकता ,

ब चाची-तेरे दिमाग़ इतना तेज कैसे चलता है

सी चाची-अवी के लिए अपने आप ऐसे आइडिया आ जाते है.

ब चाची-चल अवी से बात करते है. उसको चैन से सोता हुआ देख कर मुझे नींद आएगी.

सी चाची-चलिए

मैं सुमन दीदी के साथ अवी के कमरे मे आ गयी.
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rajaarkey
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by rajaarkey »

achha update hai dost
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by Aadi »

Bhai update de do ab
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rajsharma
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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by rajsharma »

बहुत अच्छी कहानी है दोस्त इस फोरम की जान है ये कहानी अपडेट डेली दोगे तो बहुत अच्छा लगेगा
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: मैं और मेरा परिवार

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Aadi wrote: 27 Nov 2017 19:51 Bhai update de do ab
rajsharma wrote: 27 Nov 2017 20:10 बहुत अच्छी कहानी है दोस्त इस फोरम की जान है ये कहानी अपडेट डेली दोगे तो बहुत अच्छा लगेगा
thanks bhai ji update de hi raha tha
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