मेरी बिगडेल जिद्दी बहन complete
- shubhs
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
रियल लाइफ में इसका आधा भी मिल जाये तो जीवन धन्य
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- rajsharma
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
क्या बात है दोस्त उलझ गये झूठी बातों में
सबसे पहली बात ये सब सिर्फ़ मनोरंजन के लिए होता है अगर असलियत में ऐसा होने लग गया तो दुनिया तबाह हो जाएगी
मेरे भाई ये जो दो पैरों का जानवर है इस दुनिया का सबसे ख़तरनाक जीव है आपने देखा होगा हर जानवर सेक्स सिर्फ़ अपनी संतति बढ़ाने के लिए करता है जबकि ये दो पैरों वाला जीव यानी कि इंसान सिर्फ़ शौक के लिए सेक्स करता है और बाकी जीवों के सेक्स का कुछ टाइम होता है जबकि इस दो पैरों के जीव का कोई टाइम नही है . तो दोस्त इन कहानियों को सिर्फ़ और सिर्फ़ मनोरंजन के लिए पढ़ो अपने परिवार के प्रति इन सोचों को मत आने दो .
Read my all running stories
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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- shubhs
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- Joined: 19 Feb 2016 06:23
Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
मित्र ये सिर्फ बातें हैं और बातो का कोई भविष्य नही होता।rajsharma wrote: ↑26 Jun 2017 19:43क्या बात है दोस्त उलझ गये झूठी बातों में
सबसे पहली बात ये सब सिर्फ़ मनोरंजन के लिए होता है अगर असलियत में ऐसा होने लग गया तो दुनिया तबाह हो जाएगी
मेरे भाई ये जो दो पैरों का जानवर है इस दुनिया का सबसे ख़तरनाक जीव है आपने देखा होगा हर जानवर सेक्स सिर्फ़ अपनी संतति बढ़ाने के लिए करता है जबकि ये दो पैरों वाला जीव यानी कि इंसान सिर्फ़ शौक के लिए सेक्स करता है और बाकी जीवों के सेक्स का कुछ टाइम होता है जबकि इस दो पैरों के जीव का कोई टाइम नही है . तो दोस्त इन कहानियों को सिर्फ़ और सिर्फ़ मनोरंजन के लिए पढ़ो अपने परिवार के प्रति इन सोचों को मत आने दो .
अगले अपडेट की प्रतीक्षा में
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- rangila
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
Thanks to all
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: मेरी बिगडेल जिद्दी बहन
इसी तरह दो दिन गुजर गये लेकिन हमारे बीच मे वैसी कोई घटना दोबारा नही हुई हां एक अंतर ज़रूर आया मिली अब रात मे बहुत ही सेक्सी कपड़े पहन कर सोने लगी जिन्हे देख कर हमेशा ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था लेकिन मैं अपनी ओर से कोई हरकत नही करना चाहता था लेकिन दो दिन बाद एक ऐसी घटना हो गई जिससे मुझे फिर से मिली के पास जाने का मौका मिल गया............
आज सुबह पापा मम्मी अपने जॉब पर चले गये थे और मिली भी कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी उसने आज एक रेड कलर की टाइट टीशर्ट और ब्लू जींस पहना हुआ था
इन कपड़ो मे उसके शरीर का एक एक उभार खुल कर दिखाई दे रहा था मुझे कॉलेज नही जाना था इस लिए मैं अभी भी बॉक्सर ही पहने था और हॉल मे ही बैठा टीवी देख रहा था मिली को अपनी तैयारी के लिए बार बार मेरे सामने से गुज़रना पड़ रहा था उसके मादक बदन और मस्त चाल को देख देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं अपनी बहन की मस्त जवानी का नयन सुख ले रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे बॉक्सर मे बड़ा सा टेंट बन गया था तभी मिली मेरे पास आई और बोली कि वो कॉलेज जा रही है शाम को वापस आएगी मैने भी ओके बोल दिया लेकिन मिली वहाँ से नही हटी और एक टक मेरे बॉक्सर मे बने टेंट को देखने लगी मुझे समझ नही आया कि वो ऐसे क्या देख रही है जब मैने उसकी नज़रो का पीछा किया और अपने टेंट को देखा तो झट से अपने हाथ से अपने लंड को दबा दिया और मिली से बोला कि वो जाए यहाँ से मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुरा दी और मुझे आँख मारते हुए बाहर निकल गई....
मैं अब घर मे अकेला ही था और मिली के मस्त बूब्स और बड़ी गान्ड ने मेरा हाल बुरा कर दिया था मैने घर का मेन गेट बंद किया और हाल मे ही अपना लंड निकाल कर मिली को याद करता हुआ मूठ मारने लगा ये पहली बार था जब मैने अपनी बहन के नाम से मूठ मारी थी और शायद आज मेरे लंड से माल भी बहुत अधिक निकला था और मज़े की तो बात ही छोड़ो ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही आया था मूठ मारने मे
थोड़ी देर बाद मैने खाना खाया और सो गया वैसे भी अब शाम तक कोई भी नही आने वाला था
सुबह के नज़ारे से मैं इतना मस्त हो गया था कि सपनो मे भी मुझे मिली ही नज़र आ रही थी सपनो मे ही कभी मैं उसके बूब्स मसल रहा था या कभी उसके गदराए हुए नितंब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सातवे आसमान पर उड़ रहा हूँ लेकिन तभी डोर बेल की आवाज़ ने मुझे सातवे आसमान से ज़मीन पर पटक दिया मैं झुंझलाते हुए उठा और गेट की तरफ बढ़ गया टाइम देखा तो अभी 3 बज रहे थे कौन आया होगा अभी ये सोच कर मैने गेट खोला तो सामने मिली खड़ी थी उसने गेट खुलते ही मुझे धक्का देकर बाजू हटाया और भाग कर रूम मे चली गई मुझे बस एक झलक ही उसका चेहरा दिखा जिससे मैं समझ गया कि उसके साथ ज़रूर कुछ ग़लत हुआ है मैं भी गेट बंद कर के रूम मे आ गया जहाँ मिली अपने बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और सिसक रही थी उसकी मस्त गदराई गान्ड अभी मेरे बिल्कुल सामने थी जिसे मैं सपने मे मसल रहा था
मेरी इच्छा हुई कि अब मैं सच मे उस पर टूट पडू लेकिन ये इतना आसान नही था और अभी वक्त भी नही था ये सब करने का पहले मिली से उसका हाल पूछ लिया जाए बाकी बाद मे ये सोच कर मैं बेड पर मिली के पास बैठ गया और उसके सिल्की बालो मे हाथ घुमाते हुए बोला "क्या हुआ मिली तू इस तरह क्यो रो रही है कॉलेज मे किसी ने तुझसे कुछ कहा है क्या"
आज सुबह पापा मम्मी अपने जॉब पर चले गये थे और मिली भी कॉलेज जाने की तैयारी कर रही थी उसने आज एक रेड कलर की टाइट टीशर्ट और ब्लू जींस पहना हुआ था
इन कपड़ो मे उसके शरीर का एक एक उभार खुल कर दिखाई दे रहा था मुझे कॉलेज नही जाना था इस लिए मैं अभी भी बॉक्सर ही पहने था और हॉल मे ही बैठा टीवी देख रहा था मिली को अपनी तैयारी के लिए बार बार मेरे सामने से गुज़रना पड़ रहा था उसके मादक बदन और मस्त चाल को देख देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था और मैं अपनी बहन की मस्त जवानी का नयन सुख ले रहा था मुझे पता ही नही चला कि कब मेरे बॉक्सर मे बड़ा सा टेंट बन गया था तभी मिली मेरे पास आई और बोली कि वो कॉलेज जा रही है शाम को वापस आएगी मैने भी ओके बोल दिया लेकिन मिली वहाँ से नही हटी और एक टक मेरे बॉक्सर मे बने टेंट को देखने लगी मुझे समझ नही आया कि वो ऐसे क्या देख रही है जब मैने उसकी नज़रो का पीछा किया और अपने टेंट को देखा तो झट से अपने हाथ से अपने लंड को दबा दिया और मिली से बोला कि वो जाए यहाँ से मेरी बात सुनकर मिली मुस्कुरा दी और मुझे आँख मारते हुए बाहर निकल गई....
मैं अब घर मे अकेला ही था और मिली के मस्त बूब्स और बड़ी गान्ड ने मेरा हाल बुरा कर दिया था मैने घर का मेन गेट बंद किया और हाल मे ही अपना लंड निकाल कर मिली को याद करता हुआ मूठ मारने लगा ये पहली बार था जब मैने अपनी बहन के नाम से मूठ मारी थी और शायद आज मेरे लंड से माल भी बहुत अधिक निकला था और मज़े की तो बात ही छोड़ो ऐसा मज़ा मुझे आज तक नही आया था मूठ मारने मे
थोड़ी देर बाद मैने खाना खाया और सो गया वैसे भी अब शाम तक कोई भी नही आने वाला था
सुबह के नज़ारे से मैं इतना मस्त हो गया था कि सपनो मे भी मुझे मिली ही नज़र आ रही थी सपनो मे ही कभी मैं उसके बूब्स मसल रहा था या कभी उसके गदराए हुए नितंब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं सातवे आसमान पर उड़ रहा हूँ लेकिन तभी डोर बेल की आवाज़ ने मुझे सातवे आसमान से ज़मीन पर पटक दिया मैं झुंझलाते हुए उठा और गेट की तरफ बढ़ गया टाइम देखा तो अभी 3 बज रहे थे कौन आया होगा अभी ये सोच कर मैने गेट खोला तो सामने मिली खड़ी थी उसने गेट खुलते ही मुझे धक्का देकर बाजू हटाया और भाग कर रूम मे चली गई मुझे बस एक झलक ही उसका चेहरा दिखा जिससे मैं समझ गया कि उसके साथ ज़रूर कुछ ग़लत हुआ है मैं भी गेट बंद कर के रूम मे आ गया जहाँ मिली अपने बेड पर उल्टी लेटी हुई थी और सिसक रही थी उसकी मस्त गदराई गान्ड अभी मेरे बिल्कुल सामने थी जिसे मैं सपने मे मसल रहा था
मेरी इच्छा हुई कि अब मैं सच मे उस पर टूट पडू लेकिन ये इतना आसान नही था और अभी वक्त भी नही था ये सब करने का पहले मिली से उसका हाल पूछ लिया जाए बाकी बाद मे ये सोच कर मैं बेड पर मिली के पास बैठ गया और उसके सिल्की बालो मे हाथ घुमाते हुए बोला "क्या हुआ मिली तू इस तरह क्यो रो रही है कॉलेज मे किसी ने तुझसे कुछ कहा है क्या"
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )