ससुराली प्यार complete
- jay
- Super member
- Posts: 9115
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
- Contact:
Re: ससुराली प्यार
Congratulations bro lagta hai full charge ho chuke ho he he he he
Read my other stories
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
- Kamini
- Novice User
- Posts: 2156
- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: ससुराली प्यार
mast update
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: ससुराली प्यार
bhai mast shurwat hai
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rajsharma
- Super member
- Posts: 15850
- Joined: 10 Oct 2014 07:07
Re: ससुराली प्यार
धन्यवाद दोस्तो अपडेट
थोड़ी ही देर में ...............
Read my all running stories
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
- rajsharma
- Super member
- Posts: 15850
- Joined: 10 Oct 2014 07:07
Re: ससुराली प्यार
इस खेल के दौरान गैर इरादी तौर पर अचानक मेरी नज़र शॉर्ट्स पहने हुए अपने ड्यूवर सरवर के जिस्म के निचले हिस्से पर पड़ी.तो में ये देख कर हैरान रह गई कि उसका लंड उस की शॉर्ट्स में खूब तना हुआ था.
शाम का वक़्त था और रोशनी कम ज़रूर थी. लेकिन इस के बावजूद फिर भी साफ नज़र आ रहा था कि उस का लंड शॉर्ट के अंदर में खूब मचल रहा है.
में हैरान इसलिए थी. कि सरवर तो किसी गैर लड़की या अपनी किसी कज़िन को नही बल्कि अपनी ही सग़ी बहन को तैरना सिखा रहा है. तो ये कैसे हो सकता है कि उस का लंड अपनी ही सग़ी बहन नाज़ की वजह से खड़ा हो जाए.
“हो सकता है कि मुझे कोई ग़लत फहमी हुई हो” मैने अपने आप से कहा. मगर फिर जब मेरा दिल ना माना तो मैने पानी में एक दो बार गोता लगा कर सार्वर को करीब से देखने की कॉसिश की.
तो मुझे बिल्कुल यक़ीन होगया. कि बिल्कुल ऐसा ही है जैसा मैने सोचा था.
क्यों कि इसी दौरान सरवर ने जब नाज़ की दोनो टाँगों के दरमियाँ हो कर उससे तैरने को कहा.
तो उस वक़्त ये बात बिल्कुल सॉफ होगई कि उस ने अपना लंड नाज़ की टाँगों के बीच में टिकाया हुआ था.
मेरी हैरानी उस वक़्त बढ़ती गई जब मैने ये देखा. कि तैरने के दौरान जब नाज़ को ये अंदाज़ा हुआ कि कोई और उन की तरफ ध्यान नही दे रहा है. तो उस ने पानी के अंदर अपना हाथ ले जा कर अपने भाई के लंड को उस की शॉर्ट्स के उपर से एक लम्हे के लिए थाम कर छोड़ दिया.
में तो ये मंज़र देख कर लरज गई कि ये कैसे मुमकिन हे. कि सगे बहन भाई आपस में इस तरह की हरकत करें.
सगे भाई बहन का तक़द्दुस ऐसे अमल मे भी हो सकता हे. ये मेने कभी सोचा भी नहीं था. इसलिए मेरे दिल में एक वहशत सी भर गई.
शाम का अंधेरा गहरा होने पर सब लोग पूल से बाहर निकल आए.
फिर रात का खाना वाघहैरह खा कर सब आपस में गप शॅप करने लगे. लेकिन मेरे ज़हन में सरवर और नाज़ का वो मंज़र घूम रहा था.
इस दौरान मैने नोटीस किया कि वो दोनो हमारे साथ नहीं हैं.
मुझे ख्याल आया कि देखू तो सही कि ये दोनो कहाँ गये है. और मैं किसी को कुछ बताए बगैर ही खाने की टेबल से उठ गई.
मैने टीवी लाउन्ज में वीडियो गेम खेलते हुए अपनी फॅमिली के एक बच्चे से पूछा कि सरवर कहाँ है. तो उस ने कमरे से बाहर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वो उस तरफ नाज़ आपी के साथ गये हैं.
में दबे क़दमों से उसी तरफ चल पड़ी. में ये देखना चाहती थी कि वो लोग क्या कर रहे हैं.
हालाँकि रात थी लेकिन बाहर पार्क लाइट की वजह से कुछ कुछ नज़र भी आ रहा था.
नंगे पाँव में आख़िर दरख्तो के उस झुंड के पास पहुँच ही गई. जिस जगह मुझे शक था कि वो दोनो माजूद होंगे.
मैने घने दरखतों के बीच इधर उधर नज़र दौड़ाई तो आख़िर वो मुझे नज़र आ ही गये.
वो एक बड़े दरख़्त के पीछे एक दूसरे से चिमटे हुए थे. उन के मुँह एक दूसरे में जज़्ब थे और वो एक दूसरे को किस कर रहे थे.
में खामोशी से एक पेड़ की ओट में खड़ी बहन भाई को एक दूसरे के लबों को चूस्ते,चाटते देखती रही. और हेरान होती रही.
वो दोनों काफ़ी देर एक दूसरे को किस करते रहे.
कुछ देर बाद सरवर ने नाज़ से कहा अब वापिस चलते हैं.तुम रात को मेरे साथ ही सोना.
नाज़ अपने भाई की बात सुन कर कहने लगी कि भाई पूरी फॅमिली के लोग इधर माजूद है.मुझ डर है कि किसी ने देख लिया तो ग़ज़ब हो जाएगा.
शाम का वक़्त था और रोशनी कम ज़रूर थी. लेकिन इस के बावजूद फिर भी साफ नज़र आ रहा था कि उस का लंड शॉर्ट के अंदर में खूब मचल रहा है.
में हैरान इसलिए थी. कि सरवर तो किसी गैर लड़की या अपनी किसी कज़िन को नही बल्कि अपनी ही सग़ी बहन को तैरना सिखा रहा है. तो ये कैसे हो सकता है कि उस का लंड अपनी ही सग़ी बहन नाज़ की वजह से खड़ा हो जाए.
“हो सकता है कि मुझे कोई ग़लत फहमी हुई हो” मैने अपने आप से कहा. मगर फिर जब मेरा दिल ना माना तो मैने पानी में एक दो बार गोता लगा कर सार्वर को करीब से देखने की कॉसिश की.
तो मुझे बिल्कुल यक़ीन होगया. कि बिल्कुल ऐसा ही है जैसा मैने सोचा था.
क्यों कि इसी दौरान सरवर ने जब नाज़ की दोनो टाँगों के दरमियाँ हो कर उससे तैरने को कहा.
तो उस वक़्त ये बात बिल्कुल सॉफ होगई कि उस ने अपना लंड नाज़ की टाँगों के बीच में टिकाया हुआ था.
मेरी हैरानी उस वक़्त बढ़ती गई जब मैने ये देखा. कि तैरने के दौरान जब नाज़ को ये अंदाज़ा हुआ कि कोई और उन की तरफ ध्यान नही दे रहा है. तो उस ने पानी के अंदर अपना हाथ ले जा कर अपने भाई के लंड को उस की शॉर्ट्स के उपर से एक लम्हे के लिए थाम कर छोड़ दिया.
में तो ये मंज़र देख कर लरज गई कि ये कैसे मुमकिन हे. कि सगे बहन भाई आपस में इस तरह की हरकत करें.
सगे भाई बहन का तक़द्दुस ऐसे अमल मे भी हो सकता हे. ये मेने कभी सोचा भी नहीं था. इसलिए मेरे दिल में एक वहशत सी भर गई.
शाम का अंधेरा गहरा होने पर सब लोग पूल से बाहर निकल आए.
फिर रात का खाना वाघहैरह खा कर सब आपस में गप शॅप करने लगे. लेकिन मेरे ज़हन में सरवर और नाज़ का वो मंज़र घूम रहा था.
इस दौरान मैने नोटीस किया कि वो दोनो हमारे साथ नहीं हैं.
मुझे ख्याल आया कि देखू तो सही कि ये दोनो कहाँ गये है. और मैं किसी को कुछ बताए बगैर ही खाने की टेबल से उठ गई.
मैने टीवी लाउन्ज में वीडियो गेम खेलते हुए अपनी फॅमिली के एक बच्चे से पूछा कि सरवर कहाँ है. तो उस ने कमरे से बाहर की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वो उस तरफ नाज़ आपी के साथ गये हैं.
में दबे क़दमों से उसी तरफ चल पड़ी. में ये देखना चाहती थी कि वो लोग क्या कर रहे हैं.
हालाँकि रात थी लेकिन बाहर पार्क लाइट की वजह से कुछ कुछ नज़र भी आ रहा था.
नंगे पाँव में आख़िर दरख्तो के उस झुंड के पास पहुँच ही गई. जिस जगह मुझे शक था कि वो दोनो माजूद होंगे.
मैने घने दरखतों के बीच इधर उधर नज़र दौड़ाई तो आख़िर वो मुझे नज़र आ ही गये.
वो एक बड़े दरख़्त के पीछे एक दूसरे से चिमटे हुए थे. उन के मुँह एक दूसरे में जज़्ब थे और वो एक दूसरे को किस कर रहे थे.
में खामोशी से एक पेड़ की ओट में खड़ी बहन भाई को एक दूसरे के लबों को चूस्ते,चाटते देखती रही. और हेरान होती रही.
वो दोनों काफ़ी देर एक दूसरे को किस करते रहे.
कुछ देर बाद सरवर ने नाज़ से कहा अब वापिस चलते हैं.तुम रात को मेरे साथ ही सोना.
नाज़ अपने भाई की बात सुन कर कहने लगी कि भाई पूरी फॅमिली के लोग इधर माजूद है.मुझ डर है कि किसी ने देख लिया तो ग़ज़ब हो जाएगा.
Read my all running stories
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma