भाभी का बदला
- Rohit Kapoor
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Re: भाभी का बदला
Keep writing Raj, Excited for NEXT Update . . . .
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(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
- rajsharma
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Re: भाभी का बदला
धन्यवाद दोस्त
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: भाभी का बदला
भाभी नशे में थी और कसमसा उठी-“ओह्ह… राज उम्म्म्म… चोद मुझे साले फाड़ दी आज अपनी रजनी की चूत … बड़े दिनों बाद तेरा लण्ड मिला है… घुसा दे पूरा हरमी भैनचोद…”
राज भी भाभी को कुत्ते के जैसे चोद रहा था-“रजनी मेरी रन्डी भोसड़ी की, साली छीनाल्ल हरामजादी…” और धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था। फिर लौड़ा निकाला और गाण्ड में पेल दिया।
भाभी अब कुतिया के जैसे चुदवा रही थी ओह्ह… मेरा रज्जा फाड़ दी आज्ज तो तू ने अपनी रजनी की चूत और गाण्ड… अब चोद दे और भर दे रस मेरी चूत में, बहुत प्यासी है… हाँ चोद जोर से… आज भर दे मेरी चूत को रस से साली भैन के लौड़े…”
और राज फुल स्पीड में चूत और गाण्ड चोदे जा रहा था। तभी उसने भाभी को सीधा किया और लौड़ा घुसाकर फिर चोदने लगा।
मैं अब तक 3 बार गरम हो चुकी थी और चूत रिसने लगी थी। लेकिन अंदर का गरम माहौल मुझे फिर गरम कर रहा था और मैं आज अपनी जवानी को बहा रही थी।
और अंदर राज और मेरी भाभी रजनी चुदाई का खेल खेल रहे थे। तभी भाभी ने राज को नोचना शुरू कर दिया और जोर से चिल्लाई-“ओह्ह… साले कुत्ते हरामी फाड़ दी आज्ज मेरी गाण्ड भैनचोद भोसड़ी के अम्मी आने वाली हैं… चोद जोर से…”
राज भी अब झड़ने के कगार पर था तो लभ सिसका-“ओह्ह… साली रंडी चुदक्कड़ भोसड़ी की… मैं भी आ रहा हूँ …” और दोनों एक साथ अकड़ गये और जोर-जोर से हाँफने लगे और दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़ गये। राज के लण्ड ने सारा लावा मेरी रंडी भाभी की चूत में भर दिया और उसके ऊपर पड़ गया।
और इधर मैं भी झड़ गई और बिल्कुल बेहोशी की हालत में पड़ गई। मैं अब तक 3 बार झड़ चुकी थी।
अंदर राज और भाभी एक दूसरे के ऊपर पड़े थे। फिर राज ने अपना लौड़ा भाभी की चूत से निकाला तो भाभी की चूत से राज का रस और भाभी का पानी बह रहा था। फिर भाभी ने लण्ड मुँह में लिया और चूस कर सॉफ करने लगी।
और फिर मैं वहां से खड़ी हुई और अपना मोबाइल लिया और रूम में आकर चुपचाप लेट गई। मेरी चूत के रस से मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी। मैंने अपने सारे कपड़े खोले और नंगी ही बेड पर लेट गई। मुझे आगे का पता नहीं क्या हुआ?
मेरे घर में उस दिन जब मैं जब उठी तो शाम के 6:00 बज रहे थे मम्मी आ चुकी थी और भाभी अपने रूम में थी। मैं खड़ी हुई, कपड़े पहने और नहाने चली गई। नहाकर कुछ सही सा लगा और बाहर आई तो माँ टीवी देख रही थी। फिर मैं अपने रूम में आई और कपड़े सही किए और बार जाकर मम्मी के पास गई और पूछा -“भाभी कहा हैं?”
मम्मी बोली-“अपने रूम में…”
मुझे नहीं पता की राज कब गया था? और आगे छोड़ा या नहीं? पर जब रात को हम सब खाने की टेबल पर बैठे तो मैंने देखा की मेरी भाभी अभी भी लंगड़ाकर चल रही है।
तो माँ ने पूछा -“क्या हुआ रजनी बेटा?”
भाभी-कुछ नहीं, दिन में पैर फिसल गया था तो थोड़ा सा पैर में दर्द हो रहा है।
मेरी माँ ने मुझसे कहा-“जाकर भाभी को आयोडेक्स लगा दे…”
मैं बोली-“ठीक है…” पर मुझे सब पता था कि क्यों लंगड़ा रही है?
पर भाभी आज खुश थी क्योंकी दिन में वो जोरदार तरीके से चुदी थी।
*****
उसके बाद मम्मी और भाभी ने किचेन का काम समाप्त किया और भाभी अपने रूम में चली गई, और मेरी माँ अपने रूम में। मैं आयोडेक्स लेकर भाभी के रूम में गई। भाभी अब नाइट में थी। मैं बोली-“भाभी आयोडेक्स लगा दूं ?”
भाभी बोली-नहीं रजनी, उसकी कोई जरूरत नहीं है।
मैं बोली-क्यों?
भाभी बोली-नहीं यार, ऐसा कुछ खास दर्द नहीं है। बस सुबह तक सही हो जाएगा।
मैं बोली-“क्या थोड़ी देर बैठ सकती हूँ आपके साथ…”
भाभी बोली-ठीक है, बैठो।
पायल-भाभी, आप कब आई थी दिन में?
रजनी-मैं तो 11:00 बजे आ गई थी और तुम कब आई थी?
पायल-मैं 11:30 बजे आ गई थी।
रजनी-तुम तो बोल रही थी की 3:00 बजे तक आओगी।
पायल-भाभी, आपने कल क्या किया था।
रजनी-“यार जल्दी आ गई थी इसलिए पूछने के लिए कब तक आओगी? मैं अकेली बोर होती तो इसलिए पूछ रही थी…”
पायल-भाभी, पर मैं आई तो आपका रूम लाक था तो मैंने सोचा शायद आप सो रही होंगी।
रजनी-हाँ यार, पर तुम इतनी जल्दी कैसे आ गई? और मुझे पता भी नहीं चला।
पायल-भाभी, आप तो सोने में बिजी थी, आपको कैसे पता चलेगा? और आज मेरी दोस्त कालेज़ नहीं गई तो मैं उसके घर से वापस आ गई।
रजनी-ओके, अच्छा फिर तुम आई और तुम सो गई या जाग रही थी? रजनी को कुछ टेन्शन सी होती है क्योंकी रजनी दर्द में तेज-तेज चीखकर चुदवा रही थी। उनका नंगापन बहुत तेज चीख रहा था।
पायल-भाभी, मैं तो 12:00 बजे ही सो गई थी। पर एक बार मुझे कुछ सुनाई दिया तो मैंने सोचा की आप टीवी देख रही होंगी, तो मैंने आपको डिस्टर्ब नहीं किया।
रजनी-अच्छा किया यार कि तुम आकर सो गई। अच्छा पायल, एक बात बता, तेरा कोई बायफ्रेंड है या नहीं?
पायल-छीछी भाभी, कितनी गंदी बात करती हो आप? मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ ।
रजनी-यार इसमें क्या है? कालेज़ में लड़कियों को होता है बायफ्रेंड और खूब मस्ती भी करती हैं उनके साथ। तूने कुछ किया या ऐसे ही है?
पायल-भाभी मेरा कोई बायफ्रेंड नहीं है और ना ही मैंने आज तक किसी लड़के के साथ कुछ किया है।
रजनी-“ओह्ह… तो अभी तक मेरी ननद पूरी कुँवारी है। अच्छा तुझे कैसा लड़का चाहिए?
पायल-भाभी मुझे ऐसा लड़का चाहिए जो मुझे बहुत प्यार करे और मेरी हर बात माने।
रजनी-अच्छा… तुझे ऐसा ही मिलेगा। कहे तो मैं तेरी हेल्प कर दूं लड़का ढूँढने में? जो तुझे हर तरह से प्यार करे।
राज भी भाभी को कुत्ते के जैसे चोद रहा था-“रजनी मेरी रन्डी भोसड़ी की, साली छीनाल्ल हरामजादी…” और धक्के पे धक्का लगाए जा रहा था। फिर लौड़ा निकाला और गाण्ड में पेल दिया।
भाभी अब कुतिया के जैसे चुदवा रही थी ओह्ह… मेरा रज्जा फाड़ दी आज्ज तो तू ने अपनी रजनी की चूत और गाण्ड… अब चोद दे और भर दे रस मेरी चूत में, बहुत प्यासी है… हाँ चोद जोर से… आज भर दे मेरी चूत को रस से साली भैन के लौड़े…”
और राज फुल स्पीड में चूत और गाण्ड चोदे जा रहा था। तभी उसने भाभी को सीधा किया और लौड़ा घुसाकर फिर चोदने लगा।
मैं अब तक 3 बार गरम हो चुकी थी और चूत रिसने लगी थी। लेकिन अंदर का गरम माहौल मुझे फिर गरम कर रहा था और मैं आज अपनी जवानी को बहा रही थी।
और अंदर राज और मेरी भाभी रजनी चुदाई का खेल खेल रहे थे। तभी भाभी ने राज को नोचना शुरू कर दिया और जोर से चिल्लाई-“ओह्ह… साले कुत्ते हरामी फाड़ दी आज्ज मेरी गाण्ड भैनचोद भोसड़ी के अम्मी आने वाली हैं… चोद जोर से…”
राज भी अब झड़ने के कगार पर था तो लभ सिसका-“ओह्ह… साली रंडी चुदक्कड़ भोसड़ी की… मैं भी आ रहा हूँ …” और दोनों एक साथ अकड़ गये और जोर-जोर से हाँफने लगे और दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़ गये। राज के लण्ड ने सारा लावा मेरी रंडी भाभी की चूत में भर दिया और उसके ऊपर पड़ गया।
और इधर मैं भी झड़ गई और बिल्कुल बेहोशी की हालत में पड़ गई। मैं अब तक 3 बार झड़ चुकी थी।
अंदर राज और भाभी एक दूसरे के ऊपर पड़े थे। फिर राज ने अपना लौड़ा भाभी की चूत से निकाला तो भाभी की चूत से राज का रस और भाभी का पानी बह रहा था। फिर भाभी ने लण्ड मुँह में लिया और चूस कर सॉफ करने लगी।
और फिर मैं वहां से खड़ी हुई और अपना मोबाइल लिया और रूम में आकर चुपचाप लेट गई। मेरी चूत के रस से मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी। मैंने अपने सारे कपड़े खोले और नंगी ही बेड पर लेट गई। मुझे आगे का पता नहीं क्या हुआ?
मेरे घर में उस दिन जब मैं जब उठी तो शाम के 6:00 बज रहे थे मम्मी आ चुकी थी और भाभी अपने रूम में थी। मैं खड़ी हुई, कपड़े पहने और नहाने चली गई। नहाकर कुछ सही सा लगा और बाहर आई तो माँ टीवी देख रही थी। फिर मैं अपने रूम में आई और कपड़े सही किए और बार जाकर मम्मी के पास गई और पूछा -“भाभी कहा हैं?”
मम्मी बोली-“अपने रूम में…”
मुझे नहीं पता की राज कब गया था? और आगे छोड़ा या नहीं? पर जब रात को हम सब खाने की टेबल पर बैठे तो मैंने देखा की मेरी भाभी अभी भी लंगड़ाकर चल रही है।
तो माँ ने पूछा -“क्या हुआ रजनी बेटा?”
भाभी-कुछ नहीं, दिन में पैर फिसल गया था तो थोड़ा सा पैर में दर्द हो रहा है।
मेरी माँ ने मुझसे कहा-“जाकर भाभी को आयोडेक्स लगा दे…”
मैं बोली-“ठीक है…” पर मुझे सब पता था कि क्यों लंगड़ा रही है?
पर भाभी आज खुश थी क्योंकी दिन में वो जोरदार तरीके से चुदी थी।
*****
उसके बाद मम्मी और भाभी ने किचेन का काम समाप्त किया और भाभी अपने रूम में चली गई, और मेरी माँ अपने रूम में। मैं आयोडेक्स लेकर भाभी के रूम में गई। भाभी अब नाइट में थी। मैं बोली-“भाभी आयोडेक्स लगा दूं ?”
भाभी बोली-नहीं रजनी, उसकी कोई जरूरत नहीं है।
मैं बोली-क्यों?
भाभी बोली-नहीं यार, ऐसा कुछ खास दर्द नहीं है। बस सुबह तक सही हो जाएगा।
मैं बोली-“क्या थोड़ी देर बैठ सकती हूँ आपके साथ…”
भाभी बोली-ठीक है, बैठो।
पायल-भाभी, आप कब आई थी दिन में?
रजनी-मैं तो 11:00 बजे आ गई थी और तुम कब आई थी?
पायल-मैं 11:30 बजे आ गई थी।
रजनी-तुम तो बोल रही थी की 3:00 बजे तक आओगी।
पायल-भाभी, आपने कल क्या किया था।
रजनी-“यार जल्दी आ गई थी इसलिए पूछने के लिए कब तक आओगी? मैं अकेली बोर होती तो इसलिए पूछ रही थी…”
पायल-भाभी, पर मैं आई तो आपका रूम लाक था तो मैंने सोचा शायद आप सो रही होंगी।
रजनी-हाँ यार, पर तुम इतनी जल्दी कैसे आ गई? और मुझे पता भी नहीं चला।
पायल-भाभी, आप तो सोने में बिजी थी, आपको कैसे पता चलेगा? और आज मेरी दोस्त कालेज़ नहीं गई तो मैं उसके घर से वापस आ गई।
रजनी-ओके, अच्छा फिर तुम आई और तुम सो गई या जाग रही थी? रजनी को कुछ टेन्शन सी होती है क्योंकी रजनी दर्द में तेज-तेज चीखकर चुदवा रही थी। उनका नंगापन बहुत तेज चीख रहा था।
पायल-भाभी, मैं तो 12:00 बजे ही सो गई थी। पर एक बार मुझे कुछ सुनाई दिया तो मैंने सोचा की आप टीवी देख रही होंगी, तो मैंने आपको डिस्टर्ब नहीं किया।
रजनी-अच्छा किया यार कि तुम आकर सो गई। अच्छा पायल, एक बात बता, तेरा कोई बायफ्रेंड है या नहीं?
पायल-छीछी भाभी, कितनी गंदी बात करती हो आप? मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ ।
रजनी-यार इसमें क्या है? कालेज़ में लड़कियों को होता है बायफ्रेंड और खूब मस्ती भी करती हैं उनके साथ। तूने कुछ किया या ऐसे ही है?
पायल-भाभी मेरा कोई बायफ्रेंड नहीं है और ना ही मैंने आज तक किसी लड़के के साथ कुछ किया है।
रजनी-“ओह्ह… तो अभी तक मेरी ननद पूरी कुँवारी है। अच्छा तुझे कैसा लड़का चाहिए?
पायल-भाभी मुझे ऐसा लड़का चाहिए जो मुझे बहुत प्यार करे और मेरी हर बात माने।
रजनी-अच्छा… तुझे ऐसा ही मिलेगा। कहे तो मैं तेरी हेल्प कर दूं लड़का ढूँढने में? जो तुझे हर तरह से प्यार करे।
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- Ankit
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- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: भाभी का बदला
Superb update Raj bhai
- jay
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Re: भाभी का बदला
ahhhhhhhhhhhhhh kya mast kahani hai bhai
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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