बीबी से प्यारी बहना complate

Post Reply
User avatar
Sexi Rebel
Novice User
Posts: 950
Joined: 27 Jul 2016 21:05

Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by Sexi Rebel »

शानदार कहानी के जानदार अपडेट है बंधु
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15886
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by rajsharma »

jay wrote:you are the best Raj bhai
Smoothdad wrote:nice update bhai
kunal wrote:bhai plz update
Kamini wrote:superb update
sexi munda wrote:update ka intizar hai bhai jan
Sexi Rebel wrote:शानदार कहानी के जानदार अपडेट है बंधु
dhanyawad dosto
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15886
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by rajsharma »

मैंने अम्मी से अनुमति ली और घर से निकल आया और सीधा मुल्तान स्टेशन पर आ गया जब मैं स्टेशन पर आया तो 8 बजने में 20 मिनट बाकी थे। मैंने टिकट ली और गाड़ी के इंतजार में बैठ गया गाड़ी अपने समय पर आ गई और उस मे जा कर बैठ गया और गाड़ी कुछ देर रुक कर चल पड़ी। मैं अपना बैग रख कर खिड़की के साथ बैठ कर बाहर देखने लगा मुझे पता ही नहीं चला मुझे फिर नींद आ गई और सो गया मेरी आँख उस वक्त खुली जब मेरे मोबाइल पर एक कॉल आ रही थी। मैंने समय देखा तो 12 बजने वाले थे और मोबाइल पर कॉल साना की थी वह मुझे फोन कर रही थी।

साना की कॉल देखकर थोड़ा हैरान और परेशान हुआ ख़ैरियत तो है आज साना क्यों कॉल कर रही है। मैंने कॉल पिक तो आगे से साना की मुझे रोती हुई आवाज आई वह रो रही थी। उससे बात नहीं हो रही थी बस रो रही थी मैं भी काफी परेशान हो गया कि पता नहीं क्या समस्या हो गई है। मैं उसे दिलासा देने लगा और पूछने लगा साना क्या हुआ है मुझे बताओ तुम रो क्यों रही हो लेकिन वह फिर भी रो रही थी मैंने उसे कुछ देर रोने दिया जब वह रो कर अपने दिल का गुबार निकाल चुकी और थोड़ा रोना कम हुआ तो मैंने कहा साना हुआ क्या है मुझे कुछ बताओ तो सही तो साना की रोती हुई आवाज़ आई वसीम भाई मुझे बहुत डर लग रहा है प्लीज़ आप यहाँ आ जाओ मुझे बचा लो मैंने कहा साना तुम क्या कह रही हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रही साना ने कहा वसीम भाई बस मुझे बचा लो नहीं तो वह मेरी इज्जत खराब कर देगा मुझे बहुत डर लग रहा है।

मैंने कहा साना तुम्हें कुछ नहीं होगा तुम डरो नहीं मुझे बताओ समस्या क्या है। तो साना ने कहा वसीम भाई फोन पर नहीं बता सकती आप यहाँ आ जाओ मुझे यहाँ नहीं रहना है मुझे यहां से ले जाओ और रोने लगी तो मैंने कहा साना तुम बिल्कुल बेफिक्र हो जाओ तुम्हे कुछ भी नहीं होगा तुम मेरी बात ध्यान से सुनो तुम अब कहाँ हो तो साना ने कहा छात्रावास में हूँ। तो मैंने कहा साना मेरी बात ध्यान से सुनो मैं अपने दोस्त को फोन करता हूँ वो खुद या अपने ड्राइवर को भेज देगा और तुम उसके साथ उसके घर चली जाओ वहाँ पर मेरे दोस्त की पत्नी तुम्हें कुछ दिन के लिए संभाल लेगी और तुम अपनी कॉलेज से भी छुट्टी ले लो और अपना मोबाइल बंद करके मेरे दोस्त के घर चली जाओ तो मैंने उसे उसकी अम्मी का बता दिया कि वह अपना मकान बेचकर मुल्तान आने वाली है और उसे सब डिटेल बता दी और मैंने उसे कहा मैं चाची को लेकर रविवार को मुल्तान चला जाऊँगा तुम रविवार वाले दिन तक मेरे दोस्त के घर पर ही रहो और मैं मंगलवार को सुबह तुम्हारे पास इस्लामाबाद आ जाऊँगा और सब प्रॉब्लम ठीक कर दूंगा।

साना को मेरी बात सुनकर काफी आराम हो गया था और अब उसने रोना बंद कर दिया था। मैंने कहा अब तुम फोन बंद कर दो थोड़ी देर बाद मेरे दोस्त का ड्राइवर तुम्हें आकर ले जाएगा और तुम उसके घर चली जाओ और दोस्त को बोल देता हूँ वह तुम्हारी कॉलेज मे कॉल करके खुद बता देंगे। तुम फोन बंद करो मैं अभी उसे फोन करता हूँ और मैं खुद ही कॉल काट दिया और फिर अपने दोस्त को फोन मिला दिया और उसे साना के बारे मे बता दिया उसने कहा, मैं अभी ड्राइवर को भेज देता हूँ तुम बेफिक्र हो जाओ और विश्वविद्यालय में भी कॉल कर दूंगा तुम बेफिक्र होकर लाहौर जाओ और फिर लाहौर का काम निपटा कर फिर यहाँ आ जाना फिर देख लेते हैं कि क्या करना है, तो मैंने अपने दोस्त को धन्यवाद दिया और फिर शांत हो गया और फिर मैंने फोन जेब में रखकर खिड़की से बाहर देखने लगा और अंततह यात्रा पूरी हुई और शाम को 5 बजे लाहौर स्टेशन पर उतर गया और वहां से रिक्शा पकड़ कर चाची घर घर पहुँच गया। चाची मुझे जब देखा तो खिल उठी और उनकी आंखों की चमक साफ नजर आ रही थी। चाची मुझे अपने गले लगा लिया और अपने मम्मे मेरे सीने के साथ सटा दिए और दरवाजे पर ही खड़ी होकर मुझे फ्रेंच किस किया और फिर मुझे से अलग हो गई तो दरवाजा बंद कर दिया और मैं और चाची कमरे में आ गए और मैंने अपना बैग चाची के कमरे में रख दिया तो चाची ने कहा वसीम बेटा, तुम जा कर नहा लो मैं चाय बनाती हूँ और फिर बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा


नहा धोकर फ्रेश होकर दोबारा टीवी लाउंज में आकर बैठ गया थोड़ी देर बाद चाची चाय लेकर आ गई मैं और चाची चाय पीने लगे और चाय पीकर चाची बर्तन उठा कर किचन में ले गई और खिड़की में खड़ी होकर बातें करने लगी और साथ में खाना पकाने लगी और मैंने टीवी लगा लिया और टीवी भी देखने लगा और चाची से बातें भी करने लगा। फिर लगभग रात के 9 बज गए थे और चाची ने रात का खाना तैयार कर लिया और टीवी लाउंज में ही खाना लगा दिया और मैं और चाची वहाँ बैठ कर खाना खाने लगे

खाना खाकर चाची ने बर्तन उठा लिए और किचन में रखने लगी और फिर किचन में ही बर्तन धोने लगी और मैं कुछ देर तक टीवी देखता रहा और फिर चाची वाले ही कमरे में आकर बेड पर लेट गया। लगभग 1 घंटे बाद चाची किचन का काम निपटा कर कमरे में आ गई और दरवाजा बंद कर दिया और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी और फिर बेड पर आ कर मेरे साथ लेट गई और मेरे साथ चिपक गई। और बोली वसीम जब से तुम्हारे साथ मज़ा किया है तुम्हारा नशा सा हो गया है। अब तो मन करता है तुम और मैं और बस मज़ा ही मज़ा है और तुम और मैं घर में नग्न ही रहें और जी भर कर एक दूसरे का आनंद लें

मैं चाची बातें सुनकर मुस्कुरा पड़ा और फिर मैंने कहा चाची अब तो आगे मज़ा ही मज़ा होगा अब आप अपने गांव में होगी जब दिल करे बुलाया करना और मज़ा भी ले लेना और देना भी तो चाची ने कहा क्यों नहीं वसीम मेरी जान और मेरे लंड को सलवार के ऊपर से ही पकड़ कर सहलाने लगी और बोली इस लंड के लिए ही तो अब गांव जाने का पक्का मन बना लिया है। फिर चाची ने कहा वसीम तुम अपने कपड़े उतार दो में भी उतार रही हूँ आज दिल भर कर मज़ा करना है। बहुत दिन हो गए हैं मेरी तो योनी में आग लगी हुई है। और चाची अपने कपड़े उतारने लगी और मैंने भी अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया और फिर कुछ ही देर में हम दोनों पूरे नंगे हो गए। मैं बेड पर पैर लंबे करके टेक लगाकर बैठ गया चाची ने कहा वसीम मेरे आज मूड है कि एक तरफ तुम मेरी योनी को सक करो और दूसरी तरफ मैं तुम्हारे लंड की चुसाइ लगाती हूँ। तो मैंने कहा ठीक है चाची जैसे आप की इच्छा और मैं सीधा लेट गया चाची ने अपना मुँह मेरे लंड की ओर करके अपनी योनी को मेरे मुंह की तरफ कर दिया और मेरे ऊपर आ गई और फिर चाची ने मेरे लंड के टोपे को मुंह में ले लिया और उस पर गोल गोल जीब घुमा कर चाटने लगी और मैंने दूसरी तरफ चाची की योनी और गांड की दरार में अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी। और अपनी जीभ से रगड़ रगड़ चाची गाण्ड के छेद से लेकर योनी के छेद तक ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर जीब फेरने लगा चाची का शरीर मेरी ज़ुबान लगने से धीरे धीरे झटके खाने लगा था। कुछ देर तक अपनी गीली जीभ से चाची की योनी और गांड के छेद अच्छी तरह पेला और फिर मैंने चाची की योनी के लबों को खोलकर जीभ अंदर तक धीरे धीरे फेरनी आरम्भ कर दी।


दूसरी ओर चाची ने अब मेरे लंड को मुंह में ले लिए हुए थी और उसे अपनी जीब की पकड़ से जकड़ा हुआ था और उसकी चुसाइ कर रही थी। आंटी का स्टाइल बहुत जानदार और आनंद देने वाला था चाची का चुसाइ लगाने का स्टाइल दबंग था। यहाँ मैं अब चाची की योनी में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा और चाची भी अपनी योनी को आगे पीछे करके जीब को अंदर बाहर करवा रही थी। मैं सफ़र की वजह से थक गया था मेरा विचार था 1 राउंड लगाकर चाची की योनी शांत कर दूँगा लेकिन चाची की जानदार चुसाइ ने मेरे लंड को लोहे की तरह टाइट कर दिया था और लंड की नसें फूलने लगीं थीं। मैं अपनी जीभ को तेज़ी से अंदर बाहर कर चाची को जीभ से ही चोद ने लगा। और लगभग 3 से 4 मिनट के अंदर ही चाची के शरीर ने झटके मारने शुरू कर दिए और चाची की योनी ने गर्म गर्म नमकीन पानी छोड़ना शुरू कर दिया। जब चाची ने अपना सारा पानी छोड़ दिया तो मेरे ऊपर से हट कर एक साइड पर हो गई मैं उठकर बाथरूम चला गया और अपना मुंह धोकर फिर से कमरे में आ गया और बेड पर बैठ गया

मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह खड़ा था चाची ने कहा वसीम बेटा 2 मिनट रुको मैं अभी योनी की सफाई करके आती हूँ तभी लंड योनी के अंदर करना और वह यह कहकर बाथरूम में चली गई। और थोड़ी देर बाद वापस आकर बेड पर लेट गई और अपनी टांगों को चौड़ा किया और बोली वसीम बेटा अब आ जाओ और लंड अंदर करो मैं उठकर चाची पैरों के बीच आ गया और चाची के पैर उठा कर अपने कंधे पर रखे और लंड के टोपे को चाची की योनी में सेट किया और एक झटका मारा मेरा आधा लंड चाची की योनी के अंदर उतर गया चाची के मुँह से एक आह की लंबी सी आवाज़ निकली और फिर मैंने चाची को इस बार मौका नहीं दिया और पूरी ताकत से एक और धक्का मारा मेरा पूरा लंड चाची की योनी की जड़ तक उतर गया चाची के मुंह से एक दर्द भरी आवाज़ आई हाहीईीईईईईईईईईई वसीम बेटा क्या अपनी चाची की जान लोगे इतना जुल्म क्यों कर रहे हो धीरे धीरे भी अंदर कर सकते थे। आज तो तुम ने अंदर तक हिला दिया है और ऊपर से तुम्हारा लंड है भी लंबा और मोटा कि चूत से बस करवा देता है।


मैं चाची की बातें सुनकर मुस्कुरा पड़ा फिर कुछ देर रुक कर मैंने लंड योनी के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे लंड योनी के अंदर बाहर कर रहा था चाची को थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था इसलिए मैंने शुरू में धीरे-धीरे फिर जब मेरा लंड चाची की योनी के अंदर रमा हो गया तो मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी चाची की योनी ने मेरे लंड को मजबूती से जकड़ा हुआ था लंड फंस फंसकर अंदर जा रहा था मेरी गति तेज होने से चाची के मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं आह आह हाइईईई आह आह ओह्ह्ह्ह ओह आह और अब चाची को भी मज़ा आने लगा था और वह भी अपनी गाण्ड नीचे से उठा उठा कर साथ देने लगी थी। 2 से 3 मिनट बाद ही चाची ने अपनी टांगों को मेरी गर्दन के पीछे से कस लिया और उनकी सिसकियाँ और तेज हो गईं थीं शायद उनका पानी निकलने वाला था और फिर चाची की योनी ने पानी का गरम गरम लावा योनी के अंदर से छोड़ना शुरू कर दिया
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15886
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: बीबी से प्यारी बहना

Post by rajsharma »



मुझे चाची का गर्म गर्म पानी अपने लंड साफ महसूस हो रहा था चाची ने काफी ज़्यादा अपना पानी छोड़ा था अब योनी के अंदर चाची के पानी के कारण योनि के अंदरगीला हो चुका था मेरा लंड जब भी अंदर जाता पिच पिच की आवाज निकल रही थी और शायद मेरा पानी निकलने का समय भी आ गया था कंधे पर रखे चाची के पैरो को आगे की ओर दबा दिया और अपना पूरा जोर आगे लगाकर पूरी ताकत के साथ धक्के पर धक्के मारने लगा और फिर मैंने भी 3 से 4 मिनट के बाद चाची योनी के अंदर अपना पानी छोड़ दिया उसी स्थिति में आगे होकर चाची पर गिर पड़ा और हाँफने लगा


जब मेरे लंड का पानी निकलना बंद हो गया तो मैंने अपना लंड योनी से बाहर खींच लिया और एक साइड पर हो कर लेट गया चाची भी कुछ देर लेट कर अपनी सांसें बहाल करती रही फिर कुछ देर बाद उठकर बाथरूम में चली गई और फिर अपनी साफ सफाई करके वापस बेड पर नंगी ही आकर लेट गई। में भी उठा बाथरूम में गया और अपने लंड और अपना मुंह हाथ धोकर बाहर आकर बेड पर लेट गया और मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और पता ही नहीं चला कब नींद आ गई और मैं सो गया सुबह तकरीबन 8 बजे के करीब मेरी आँख उस वक्त खुली जब मुझे अपने लंड पर कोई नरम सी गर्म चीज़ महसूस हुई मैंने अपनी आंख खोल कर देखा तो चाची मेरे लंड को मुंह में लेकर चुसाइ लगा रही थी चाची की चुसाइ ने मेरे लंड को फिर पत्थर जैसा बना दिया था, अब की बार मैंने चाची को घोड़ी बनाकर उनकी गाण्ड में लंड डाल कर अच्छी तरह चोदा और अपना पानी गाण्ड में ही छोड़ दिया चाची भी गाण्ड मरवा कर मस्त हो चुकी थी । और फिर उठकर बाथरूम में चली गई नहाने लगी जब नहा कर बाथरूम से निकली तो मुझे कहा वसीम उठ कर नहा लो मैं किचन में जा रही हूँ नाश्ता बनाने के लिए तुम नहा धोकर टीवी लाउंज में ही आ जाओ। और फिर वह कमरे से बाहर चली गई मैं भी कुछ देर बाद उठा और बाथरूम में जाकर नहाने लगा और नहा धोकर फ्रेश हो गया और फिर तैयार हो कर टीवी लाउंज में बैठ गया चाची ने नाश्ता तैयार कर दिया था तो मैंने और चाची ने मिलकर नाश्ता किया और नाश्ते के बाद समय देखा तो 9:30 हो गए थे मैंने चाची से कहा कि मुझे मकान के कागज दे अभी उस प्रॉपर्टी वाले की ओर जाऊँगा उसने मुझे आज सुबह का समय दिया हुआ है वहाँ दूसरी पार्टी भी आएगी और आज ही सारा काम निपट जाएगा।


फिर चाची अपने कमरे में गई और कुछ देर बाद मकान के कागज मुझे दिए और वह कागज लेकर मैं प्रॉपर्टी वाले के पास आ गया और वहां कुछ देर के इंतजार के बाद दूसरी पार्टी भी आ गई और वहाँ लगभग 2 घंटे हमारी बातें चलती रहीं और फिर मकान के कागज उनके हवाले किए और उन्होंने मुझे पैसों का चेक दे दिया और फिर वहाँ कुछ देर और बैठकर प्रॉपर्टी वाले के बाकी के काम करके वहां से निकल आया मुझे कल सामान गाड़ी में रखवा कर घर की चाबी प्रॉपर्टी वाले के हवाले करना था। मैं वहाँ से निकल कर एक ट्रक के अड्डे पर आ गया और लाहौर से सामान लेकर मुल्तान ले जाने के लिए बात की और इसके साथ पैसे और समय का क्लीयर करके वापस घर आ गया और चेक चाची के हवाले कर दिया चाची काफी खुश हो गई और फिर मैंने चाची को बताया कि ट्रक वाला सुबह 8 बजे आ जाएगा इसलिए आपको और मुझे आज का दिन और रात लगाकर सामान पैक करना है और फिर कल रवाना होना है। और कल ट्रक वाला अपने साथ 4 मजदूर भी लाएगा वह सारा सामान ट्रक में रख देंगे। और फिर मैं और चाची मिलकर सारा सामान पैक करने लगे और हम दोनों को सारा सामान पैक करने में रात के 2 बज गए और हम दोनों काफी थक चुके थे और सुबह निकलना भी था इसलिए मैं और चाची बेड पर लेटते ही सो गए

सुबह मेरी आँख उस वक्त खुली जब मेरा मोबाइल बज रहा था देखा तो ट्रक वाले का नंबर था उसने कहा, मैं आधे घंटे में आ रहा हूँ आप लोग तैयार हो जाओ। मैंने चाची को भी उठा दिया और फिर मैं पहले नहा लिया और चाची भी नहा ली और फिर हम दोनों तैयार हो गए। आधे घंटे बाद ट्रक वाला आ गया और उसके साथ 4 नौकर और भी थे उन्होंने सामान उठा कर ट्रक में रखना शुरू कर दिया और लगभग 11 बजे के करीब हमारा सारा सामान ट्रक में रखा गया था। फिर मैंने घर को ताला लगा दिया और चाची को मैंने सुबह ही 8: 30 पर स्टेशन के लिए रवाना कर दिया और खुद ट्रक वाले के साथ आने का कार्यक्रम बनाया और 11 बजे के करीब मैं घर की चाबी प्रॉपर्टी वाले के हवाले करके और अनुमति लेकर ट्रक पर सवार होकर मुल्तान के लिए निकल पड़ा . सफ़र के दौरान शाम को 6 बजे के करीब मुझे चाची का फोन आया कि वह राजी-खुशी से घर पहुंच गई है और मैंने भी बता दिया हम लोग भी रात 9 बजे तक पहुंच जाएंगे। और आखिरकार हम भी लगभग 9 और 10 के बीच घर पहुंच गए। मैंने अपने दोस्तों को पहले से ही फोन पर बता दिया था इसलिए वह सब लोग आ गए और हम सब ने मिलकर 2 घंटे में सारा सामान ट्रक से उतरवा कर हमारे घर के ऊपर वाले पोर्शन में रख दिया और फिर ट्रक वाले को पैसे देकर उसको रवाना कर दिया रात के 12 बज चुके थे इसलिए मैं बहुत अधिक थक चुका था और बिना खाना खाए ही सो गया


सुबह मेरी आँख लगभग 11 बजे खुली मैं बेड से उठ कर बाथरूम में घुस गया और नहा धोकर फ्रेश हो गया और फिर बाहर आंगन में आ गया बाहर आज काफी रौनक लगी हुई थी चाची अम्मी और नबीला और जमीला बाजी और उनके बच्चे सब जमा थे फिर ज़ुबैदा ने मुझे देखा तो मुझे कहा वसीम आप बैठें में आपके लिए नाश्ता तैयार करके लाती हूँ और फिर मैं वहाँ बैठकर सभी के साथ बातें करने लगा मैंने नोट किया कि नबीला काफी शांत और चुपचाप थी। और मैं उसकी चुप्पी की वजह जानता था। खैर ज़ुबैदा मेरे लिए नाश्ता बना कर ले आई मैंने वहाँ बैठ कर ही नाश्ता किया और फिर मैं चाची पूछा चाची आपके सामान का अब क्या करना है आप बोलें कैसे सेट करना है तो चाची ने कहा बेटा मैंने कौन सा सारी उम्र यहां रहना है बस 10 या 15 दिन की बात है मेरा दिल है कि जो जरूरी सामान है उसे थोड़ा सेट कर दूँ बाकी पैक ही रहने दूँ ताकि उसे उठाकर नए घर में जा कर एक बार में ही सेट कर लूँगी। तो मैंने कहा ठीक है चाची जैसी आपकी मर्जी ज़ुबैदा ने कहा वसीम तुम आराम करो मैं अम्मी के साथ आवश्यक सामान सेट करवा देती हूँ। मैंने हाँ में सिर हिला दिया और फिर कुछ देर बैठ कर फिर अपने कमरे में आ गया और टीवी लगा कर बैठ गया लगभग


1 घंटे बाद जमीला बाजी मेरे कमरे में आई और आकर मेरे साथ बिस्तर पर बैठ गयी मेरे हाल हवाले पूछ कर बोली वसीम एक बात पूछूँ तो मैंने कहा जी बाजी पूछो क्या बात है तो जमीला बाजी ने कहा सुबह से आई हूँ मैं देख रही हूँ नबीला बहुत चुपचाप है क्या कारण है तुम्हें कुछ पता है। तो मैंने दीदी को उस दिन छत वाली सारी बात बता दी तो बाजी ने लंबी आह भरकर कहा वसीम मुझे खुशी है तुमने वही काम किया जो मैंने तुम्हें कहा था मुझे इस बात की खुशी है कि तुम हम दोनों बहनों बहुत ख्याल रखते हो। लेकिन तुम अब चिंता मत करो तूने बात कर ली है अब मैं नबीला को खुद समझा लूंगी और उसको मना लूँगी। मैं अभी थोड़ी देर में घर चली जाऊँगी और नबीला को भी साथ ले जाऊँगी और उसे आराम से तसल्ली से समझाकर भेज दूँगी। फिर मैं और दीदी यहाँ वहाँ की बात करने लगे तो मैंने कहा बाजी मुझे एक बात की थोड़ी सी चिंता है तो बाजी ने कहा हां वसीम बताओ किस बात की चिंता है तो मैंने कहा बाजी आपको पता है मेरे और नबीला के रिश्ते का और अगर नबीला शादी के लिए मान जाती है तो शादी की रात अगर यह पता चला कि नबीला तो पहले ही ................और मैने अपनी बात अधूरी छोड़ दी

बाजी तुरंत बोली वसीम मेरे भाई तुम्हारी चिंता को समझ गई हूँ और तुम बेफिक्र हो जाओ मेरी वो डॉक्टर दोस्त है न जिससे मैं ज़ुबैदा का इलाज करवा रही हूँ उससे मैं बात करूंगी वह इन बातों की विशेषज्ञ डॉक्टर है वह कोई न कोई बेहतर हल निकाल देगी इसलिए तुम बेफिक्र हो जाओ। मैं बाजी की बात सुनकर काफी हद तक शांत हो चुका था। बाजी जब जाने लगी तो बाजी ने कहा वसीम कुछ दिनों बाद जफर और मौसी को शाजिया की ननद की बारात में जाना है मैं तुम्हें 1 दिन पहले फोन करके बता दूंगी उस दिन मैं घर पर अकेली होऊँगी तुम आ जाना और थोड़ा शरमा कर बोलीं कि वसीम विश्वास करो जब से तुम्हारा लंड देखा है रातों की नींद उड़ गई है कितने दिन से सोच रही थी कोई मौका मिले तो मैं भी अपने भाई का प्यार हासिल करूँ इसलिए उस दिन आ जाना अब मुझे अपने भाई के बिना मज़ा नहीं आता तो मैं बाजी की बात सुनकर मुस्कुरा पड़ा और बोला बाजी जब आप कहोगी मैं आ जाऊँगा।

तो बाजी मेरी बात सुनकर खिल उठी और फिर कुछ देर बैठ कर चली गई और मैं कमरे में ही बैठकर टीवी देखने लगा लगभग 2 बजे के करीब ज़ुबैदा कमरे में आई और बोली वसीम बाहर आ जाएं खाना तैयार है आकर खालो मैने उठकर हाथ मुंह हाथ धोया और बाहर आ गया वहाँ अम्मी चाची और ज़ुबैदा बैठी थीं मैंने पूछा बाजी और नबीला कहाँ हैं तो ज़ुबैदा ने कहा जमीला बाजी नबीला को लेकर अपने घर चली गईं हैं उन्हें नबीला से कुछ काम था और फिर हम वहाँ बैठ कर खाना खाने लगे और खाना समाप्त होते ही ज़ुबैदा बर्तन उठा कर किचन में रखने लगी फिर मैं अपने कमरे में आ गया और बेड पर लेट गया करीब 10 मिनट बाद ज़ुबैदा कमरे में आई और बोली वसीम में अम्मी के साथ ऊपर जा रही हूँ थोड़ा सा सामान रह गया है वह सेट करवा दूं तो मैं कामखत्म कर के नीचे आ जाती हूं तो मैंने कहा हां ठीक है मैं भी सोने जेया रहा हूँ और ज़ुबैदा चली गई मैं भी वहाँ पर लेटा लेटा सो गया। और शाम को 5 बजे मुझे ज़ुबैदा ने ही उठा दिया मैं मुंह हाथ धोकर बाहर आंगन में आया तो नबीला भी आ चुकी थी लेकिन अब की बार उसका चेहरा कुछ और था ऐसा लगता था कि वह कोई बड़ा फैसला कर चुकी थी। मुझे थोड़ा डर भी था कि पता नहीं उसने क्या तय कर लिया है। खैर मैं वहाँ बैठ कर चाय पीने लगा और बातें करने लगा तो वह दिन भी बीत गया और अगले दिन में 10 बजे उठकर नाश्ता आदि करके बाहर निकल गया मैं अपने दोस्तों से एक पास की गली में मकान देखने के लिए कहा ताकि चाची के लिए मकान देख सकूँ। तो दोस्तों ने कहा कि वह कुछ दिनों के भीतर खोज कर देंगे और फिर यूँ ही मैं खाने के वक्त घर आ गया खाना खाकर अपने बेडरूम में आकर लेट गया शाम को छत पर गया और टहलने लगा लगभग आधे घंटे बाद नबीला चाय का कप लेकर ऊपर आ गई और मुझे चाय दी और बोली भाई कैसे हो मैंने नोट किया तो उसका लहजा रुआंसा सा था।

मैंने चाय का कप लेकर एक तरफ रख दिया और उसका हाथ पकड़ कर खाट पर बैठा कर पूछा नबीला मेरी जान क्या हुआ तो वह मेरे गले लगकर सबकने लगी। इस दौरान मैंने उसे कुछ नहीं कहा जब उसने अपने दिल का गुबार निकाल लिया तो मैंने कहा जान क्या हुआ है मुझसे कोई गलती हो गई है क्या तो नबीला बोली भाई मुझे छोड़ तो नहीं दोगे अगर तुमने मुझे छोड़ दिया तो मैं मर जाऊँगी मैंने नबीला के मुंह पर हाथ रख कर कहा नहीं नबीला मेरी जान ऐसी बात नहीं दोहराना तुम्हारे अंदर मेरी जान है। हर किसी को छोड़ सकता हूं लेकिन अपनी जान अपनी बहन नबीला को नहीं छोड़ सकता लेकिन मुझे बताओ तो सही हुआ क्या है तो नबीला ने कहा भाई आपने उस दिन जो कहा, मैंने इस बारे में बहुत सोचा और आज बाजी की तरफ गई तो उन्होंने मुझसे मेरी उदासी का कारण पूछा तो मैंने उन्हे अपनी बातें बता दी और आज उन्होने भी मुझे बहुत प्यार और स्नेह से समझाया और मैंने भी फैसला किया है कि किसी से भी शादी करने के लिए तैयार हूँ लेकिन मेरी एक शर्त है मैंने पूछा नबीला मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है। तो नबीला ने कहा कि मैं शादी कर लूंगी लेकिन मेरी शर्त यह है मेरा जब दिल करेगा और जितना मन करेगा मैं यहाँ अपने घर में रहा करूंगी और आप से जब भी मैं कहूँगी तो आपको उसी वक्त मुझे प्यार करना होगा .
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
Post Reply