भाभी का बदला

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rajsharma
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Re: भाभी का बदला

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ये सब तुमने मुझे पहले या कल रात को क्यों नही बताया?" डॉली ने पूछा.



"मैं बताने ही वाला था," धीरज ने जवाब दिया. "लेकिन मैं नही चाहता था कि ये सब सुनकर तुम्हारे या राज के मन में कोई दुर्भावना आ जाए.



"तुम और तान्या?" वो फिर से बोली. "क्या राज को इस बारे में मालूम है, या उसको शक़ है?"



"तान्या उसको आज इस समय सब कुछ बता रही होगी," धीरज ने जवाब दिया. "फिर कल सुबह हम चारों बैठ कर डिसाइड करेंगे कि अब आगे कैसे और क्या करना है.



"क्या तुम को सचमुच लगता है कि हम आपस में एक दूसरे के पार्ट्नर्स को शेर कर सकते हैं, क्यों?" डॉली ने पूछा, और तान्या की तरह मन ही मन सोचने लगी कि यदि ऐसा होता है, तो कितना अच्छा होगा. ऐसा सोचते हुए उसके गाल सुर्ख गुलाबी हो उठे.



"सच कहूँ, तो मुझे भी नही पता," धीरज ने जवाब दिया.



"लेकिन तुमने तान्या को मेरे और राज के बारे में सब कुछ बता दिया है ना?"



"उसको तो पहले से ही तुम दोनो पर शक़ था, जिस तरह से तुम दोनो एक दूसरे के साथ अटपटे ढंग से बिहेव कर रहे थे, लेकिन वो असलियत से अंजान थी. मैने किसी तरह मेरे और मेरी बेहन संध्या के रिश्तों का हवाला देते हुए समझाया कि ऐसा होना कोई बहुत बड़ी बात नही है, कयि भाई बेहन आपस में चुदाई कर अपनी शारीरिक भूख मिटाते हैं."



"उसके समझ में आ गया?" डॉली ने खिसियाते हुए पूछा.



"हां, क्योंकि उसके तो कोई भाई है नही, इसलिए शायद वो समझ गयी कि दबे छुपे कयि घरों में ऐसा होना आम बात है."



"लेकिन फिर भी इन्सेस्ट की बात पर थोड़ा सर्प्राइज़ होना तो नॉर्मल ही है," धीरज बोला.



"हां, देखते हैं अब आगे क्या होता है. ये थोड़ा अटपटा तो है, लेकिन फिर भी शायद मेरे लिए ओके है, पर शायद राज को ये सब नॉर्मल ना लगे."



"हां, उसको अपनी सग़ी बड़ी बेहन को चोदना तो नॉर्मल लगता है, अपनी बेहन को चोदे बिना उस से रहा नही जाता, तो ये नॉर्मल क्यों नही लगेगा?" धीरज ने पूछा. "क्या तुम दोनो एक दूसरे को चोदे बिना रह सकते हो."



"हां, तुम सही कह रहे हो." डॉली गहरी साँस लेते हुए बोली.



"बस एक और सवाल मुझे अभी परेशान कर रहा है," धीरज बोला.



"वो क्या?"



"मेरे लिए भी तुमने कुछ बचा कर रखा है, या अपने छोटे भाई से ही मन भर गया?" वो हंसते हुए बोला, और अपने कपड़े उतारने लगा.



"तुम ऐसा क्यों सोचते हो हो जानेमन, तुम तो मुझे जब चाहे तब चोद सकते हो?" डॉली मुस्कुराते हुए बोली, और अपना नाइट्गाउन उतारने लगी.



बगल वाले रूम में, बातचीत इतनी शांति से नही चल रही थी.



"क्या तुमने सचमुच धीरज के साथ चुदाई की है?" राज चीखते हुए बोला, और तान्या उसके बेतुके सवाल पर अचंभित होकर उसको देखने लगी.



"तुमने भी तो अपनी सग़ी बड़ी बेहन के साथ की है," तान्या अपना बचाव करते हुए बोली. राज निरुत्तर होकर तान्या के पास से तरफ करवट लेकर उस ने दूसरी तरफ मूँह कर लिया.



"वेट! आइ'म सॉरी, प्लीज़ इधर मेरी तरफ देखो, राज," तान्या ने उसकी बाँह पकड़ कर अपनी तरफ खींचते हुए कहा. "हम इस बारे में बात कर सकते हैं." तान्या के इस बात के शुरू करने से पहले ही अपने कपड़े उतार चुके थे, और दोनो एक दम नंगे थे.



"क्या बात करनी है? तुम कहना क्या चाहती हो?" राज को जैसे कुछ समझ में नही आ रहा था. "भाई बेहन के बीच इन्सेस्ट, बेवफ़ाई... क्या इस बारे में बात करनी है तुमको?"



"एग्ज़ॅक्ट्ली!" तान्या अपनी कोहनी का सहारा लेकर बैठते हुए बोली, उसने राज के सार्कॅज़म को इग्नोर कर दिया. "तुम्हारी फीलिंग्स डॉली दीदी के लिए कभी नही बदल सकती," तान्या बोली.



राज ने झिझकते हुए अपनी बीवी की आँखों में देखा. क्या वो सचमुच जानती है कि उसकी अपनी दीदी के प्रति क्या फीलिंग्स हैं?



"और तुम्हारे और धीरज के बीच का क्या?"राज ने पूछ ही लिया.



"धीरज और मेरे बीच जो कुछ हुआ, वो शायद इसलिए.... कि हम दोनो ही अपनी अपनी सेक्स लाइफ से सॅटिस्फाइड नही थे. जिस तरह से तुमने कल रात बहुत लंबे टाइम बाद मुझे ढंग से चोदा था,” तान्या मुस्कुराते हुए बोली.



राज मन ही मन सोचने लगा किस तरह कल रात बगल के रूम से दीदी की चुदाई की आहह ऊहह की आवाज़ें सुनकर वो बेहद उत्तेजित हो गया था, और उसने तान्या की ताबड़तोड़ चुदाई की थी. और फिर वो सोचने लगा किस तरह उसने और डॉली दीदी ने आज दिन में चुदाई की थी, ये सोच कर ही उसका लंड में अपने आप हरकत होने लगी.



"आइ लव यू," तान्या उसके चेहरे को देखते हुए बोली. "इस बात से कोई फरक नही पड़ता कि हम को क्या चीज़ एग्ज़ाइट करती है." जब तान्या ये सब बोल रही थी, तभी बगल वाले रूम से चुदाई की आहह ऊहह की आवाज़ें आने लगी, और तान्या ने अपना चेहरा नीचे ले जाकर अपने पति राज के थोड़ा सा खड़े हुए लंड को अपने मूँह में भर लिया.



"क्या कर रही हो तान्या," राज उसको रोकते हुए बोला. तान्या उसके लंड को जो अब तक पूरी तरह खड़ा हुआ था, उसको उपर नीचे कर के मुठियाने लगी, और बगल वाले रूम से आ रही आवाज़ों का वॉल्यूम धीरे धीरे बढ़ने लगा.



"अपनी आँखें बंद कर लो," तान्या ने उसको इनस्टरक्ट किया. "चुप चाप लेटे रहो."



अपनी दीदी की चुदाई की आवाज़ें उसके दिमाग़ में हलचल मचा रही थी, और अपनी बीवी की गरम गरम चूत उसके लंड को अपने अंदर समाते हुए उपर नीचे हो रही थी, अब राज के बस में कुछ नही था. कल क्या होगा, कल ही देखेंगे, और वो अपनी बीवी की चूत में अपने लंड को गान्ड उछाल उछाल कर अंदर तक पेलने लगा, अपनी दीदी की चुदाई की आवाज़ें उसके लंड को चुदाई करने के लिए प्रोत्साहित कर रही थी.



अगली सुबह, बातचीत के दौरान राज के तीखे व्यंगा बाणों को सुनकर, धीरज को लगा कि बातचीत शायद सही दिशा में नही जा रही है.



राज तीखा व्यंग बान छोड़ते हुए बोला, “ऐसा लगता है, हमाम में हम सभी नंगे हैं.” दोनो कपल्स ब्रेकफास्ट टेबल पर जो कुछ हुआ था उस पर डिस्कशन करने के लिए बैठे थे. धीरज, डॉली और तान्या अपने अपने पार्ट्नर्स को एक दूसरे के साथ शेर करने के लिए तय्यार थे, बस राज को ही ये बात समझ में नही आ रही थी.



"राज..." तान्या ने राज की बात का जवाब देना शुरू ही किया था, तभी धीरज ने उसकी बात काट दी.



"नही, राज सही कह रहा है. अभी शांति से सभी को इस बारे में सोचने की ज़रूरत है."



डॉली और तान्या दोनो ने धीरज की तरफ उम्मीद भरी नज़रों से देखा.



“अभी हमको यहाँ तीन दिन और रहना है,” वो टेबल पर आगे की तरफ झुकते हुए बोला. “हम सभी इस बारे में सॅटर्डे को बात करेंगे. सभी को इस बारे में सोचने के लिए सफिशियेंट टाइम मिल जाएगा.”



धीरज की बात सुनकर डॉली और तान्या दोनो के चेहरे पर शिकन आ गयी.



"अभी और सॅटर्डे के बीच क्या डिफरेन्स आ जाएगा?" डॉली ने पूछा.



"देखो, अभी हमारे पास तीन और रात हैं. मेरी मानो तो हम हर रात अपने अपने स्लीपिंग पार्ट्नर चेंज कर लेते हैं. कल रात हम अपने अपने मियाँ बीवी के साथ सोए थे, तो आज रात तान्या मेरे साथ और डॉली राज के साथ सोएगी.” धीरज ये बोलकर राज के चेहरे पर आ रहे एक्सप्रेशन्स को देखने लगा.



“सॅटर्डे तक हम लोग घर जाने से पहले डिस्कशन करने के लिए रेडी होंगे.” डॉली और तान्या दोनो उम्मीद भरी नज़रों से राज की तरफ देखने लगी.



जैसे ही धीरज ने डॉली के राज के साथ सोने की बात कही, राज के लंड में सुरसुराहट होने लगी. जैसे ही उसने अपनी डॉली दीदी की आँखों में याचना देखी, उसके दिमाग़ में दीदी को चोदने के ख्याल आने लगे. हल्का सा मुस्कुराते हुए राज ने हामी में अपनी गर्दन हिला दी.



"हम सभी को इस की ज़रूरत है, यू नो," राज बोला और सभी ने एक गहरी लंबी साँस ली.



धीरज को एक बार को तो मानो विश्वास ही नही हुआ. एक वीक पहले जिसका अपनी सलहज के साथ सीक्रेट अफेर चल रहा था, और अब सबको इस के बारे में पता है, उसकी बीवी अपने भाई से चुदवा रही है, और सब लोगों ने अगले तीन दिनों तक अपने अपने पार्ट्नर्स स्वप करने के लिए मजूरी दे दी थी.



डॉली तो अपने पति धीरज से भी ज़्यादा एग्ज़ाइटेड थी, और राज के साथ होने के लिए जल्दी से रात होने का इंतेजार कर रही थी. लेकिन तान्या ने तो रात का भी इंतेजार नही किया, और लँचे करते हुए उसने डेटाइम सेक्स की बात शुरू कर दी.





"तो फिर इस की शुरुआत कब से करेंगे?" तान्या ने डेक पर लंच करते हुए तंदूरी रोटी का एक टुकड़ा तोड़ते हुए पूछा.



"मैं समझा नही, तुम पूछना क्या चाहती हो?" धीरज ने पूछा.



"मेरा मतलब, जैसे कि आज रात मैं और जीजा जी साथ होंगे, तो फिर ये क्या केवल रात के लिए ही होगा या फिर पूरे 24 घंटों के लिए? मान लो, फॉर एग्ज़ॅंपल अगर हम दोनो दोपहर में कहीं गायब हो जायें तो?” तान्या ने अपनी आइब्रो उपर चढ़ाते हुए पूछा.



"माइ गॉड, तान्या!" राज के मूँह में रोटी का गस्सा मानो फँस ही गया, लेकिन डॉली उत्सुकता से धीरज के उत्तर की प्रतीक्षा कर रही थी. उसने तो इस बारे में सोचा ही नही था.



"मैं बस वैसे ही पूछ रही थी?" तान्या ने मुस्कुराते हुए कहा.



"मेरे ख्याल से ये तब से लागू होगा जब हम सुबह उठेंगे," धीरज ने अपनी नेतागिरी दिखाते हुए कहा, शायद बाकी तीनों इस मसले पर उसको अपना नेता मान चुके थे. “हम लोग सुबह उठने के बाद से हर 24 घंटे बाद पार्ट्नर्स की अदला बदली किया करेंगे.”



"मुझे तो लंच के बाद थोड़ी देर सोने का मन कर रहा है,” तान्या ने धीरज का हाथ पकड़ कर उठाते हुए कहा.



डॉली देख रही थी कि राज अपनी बीवी के धीरज से चुदने की इस बेकरारी पर कैसे रिएक्ट करता है, लेकिन राज ने चुपचाप अपना लंच फिनिश किया और धीरज और तान्या को सीढ़ियाँ चढ़कर रूम की तरफ जाते हुए देखता रहा. हालाँकि राज भी अपनी डॉली दीदी को चोदने के लिए बेकरार था, लेकिन वो इस वक़्त दिन में जब की धीरज और तान्या बगल वाले रूम में हो तब ऐसा नही करना चाहता था.



जब कि उनके पति पत्नी उपर रूम में ना जाने क्या कर रहे होंगे, डॉली और राज दोनो सोफे पर एक दूसरे से चिपक कर बैठ गये. दोनो ने एक दूसरे की बाँहों में बाँहें डाल रखी थी, और बीच बीच में एक दूसरे को किस भी कर लेते थे, दोनो इस बात को अब समझ चुके थे कि जो कुछ उन दोनो के बीच शादी से पहले ही शुरू हो गया था, ये सब उसी का नतीजा है. डॉली अपने छोटे भाई राज को बता रही थी कि कैसे वो अब भी उन दिनों की उन दोनो की चुदाई के सपने देखती है, और राज उसको कह रहा था कि वो तो बस उन पलों को याद कर के ही जिंदा है. कुछ घंटों के बाद जब धीरज और तान्या अपने बेडरूम से निकल कर बाहर आए, डॉली और राज ने हालाँकि सारे कपड़े पहने हुए थे, लेकिन दोनो ने एक दूसरे को बाँहों में भर रखा था, दोनो ने सोफे के उपर पैर रखे हुए थे और दोनो के होंठ एक दूसरे से चिपके हुए थे.



"हे, चलो रूम में चले जाओ दोनो!" धीरज ने सीढ़िीयों से उतरते हुए मजाकिया लहजे में कहा. "तान्या आंड मैं बीच पर जा रहे हैं, तुम दोनो चलोगे?"

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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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Re: भाभी का बदला

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राज ने सवालिया नज़रों से डॉली की तरफ देखा, दोनो की साँसें तेज़ी से चल रही थी. डॉली ने ना में अपनी गर्दन हिला दी.



"नही, तुम दोनो चले जाओ," डॉली ने अपने भाई से नज़र ना हटाते हुए कहा. जैसे ही वो दोनो बाहर निकले, डॉली ने अपने छोटे भाई के कपड़े उतारने शुरू कर दिए.



जैसे ही डॉली ने राज के गले में से टी-शर्ट को निकाला, राज ने पूछा, "उपर बेडरूम में चलें, दीदी ?”



"उनको अभी वापस लौट कर आने में थोड़ा वक़्त लगेगा,” डॉली ने हान्फते हुए कहा, और राज की टी-शर्ट को दूसरे सोफे पर फेंक दिया, और अपनी ब्रा को खोलने लगी. राज अपनी दीदी की मस्त चूंचियों को देखने लगा, और डॉली खड़े होकर अपनी ट्रॅक पॅंट को उतारने लगी. टॅक पॅंट और पैंटी को डॉली ने एक साथ उतार दिया, और एक पल को अपने छोटे भाई के सामने पूरी नंगी होकर खड़ी हो गयी. राज अपनी दीदी के नग्न बदन को निहार रहा था, और उसका लंड पूरा टाइट खड़ा होकर छत को देखते हुए सलामी मार रहा था.



डॉली अपने भाई के लंड को चूसना चाहती थी लेकिन उसकी चूत में आग लगी हुई थी. वो थोड़ा आगे बढ़ी और राज के उपर सवार हो गयी, और अपने भाई के लोहे की रोड के समान लंड को अपनी पनिया रही चिकनी चूत में अंदर घुसा लिया.



"ओह गॉड! आइ लव यू, डॉली दीदी!" राज बोला, और फिर डॉली के होंठों ने उसको खामोश कर दिया, और डॉली की जीभ उसके मूँह में घुस गयी. डॉली के घुटने सोफे के चुचियों में धन्से हुए थे, और उसने सोफे के पिछले सहारे को हाथों से पकड़ रखा था, वो अपने भाई को अपनी चूत में घुसाकर, गान्ड को उपर नीचे उछालने लगी. राज उसके लेफ्ट निपल को मुँह में लेकर चूस रहा था, और उसके हाथ दीदी की कमर को पकड़ कर उसको उपर नीचे होने में मदद कर रहे थे. राज अपनी दीदी को कमर से पकड़ कर उपर उठाता, और फिर डॉली नीचे आते हुए उसके फन्फनाते हुए लंड को अपनी चूत में अंदर तक घुसा लेती.



"ओह हां, ऐसे ही!" डॉली के मूँह से चीख निकल गयी, जैसे ही उसके भाई के लंड ने उसकी चूत की दीवार को चीरते हुए चूत में आनंद की लहर का संचार कर दिया. खिड़की में से वो धीरज और तान्या को बीच पर टहलते हुए देख रही थी, और मन ही मन सोच रही थी कि ये सब क्या हो रहा है. एक महीने पहले वो एक सीधी साधी पति व्रता भारतीय नारी थी जिसकी सेक्स लाइफ बोरिंग हो चुकी थी, और आज वो अपने सगे छोटे भाई से लिविंग रूम में दिन की रोशनी में चुदवा रही है, और वो भी जब उन दोनो के पति पत्नी आपस में चुदाई कर के टहल रहे थे.



"ओह, डॉली दीदी!" राज के मूँह से चीख निकल गयी, और उसके हाथों की उंगलियों ने दीदी की कमर को कस कर पकड़ लिया, और वो दीदी को अपने लावा उगलने के तय्यार लंड पर उछालने लगा. डॉली हाँफ रही थी, और वो भी अपने चरम के नज़दीक पहुच चुकी थी.



डॉली के मूँह से कराह निकल गयी, "ओहाआहह!" जैसे ही राज के लंड ने उसकी चिकनी गीली चूत में अपना गरम गरम लावा उगलना शुरू किया. डॉली की चूत ने भी तुरंत उसके बाद अपना पानी छोड़ दिया, और दोनो परम आनंद को प्राप्त कर एक दूसरे के होंठों को चूसते हुए किस करने लगे.



अगले तीन दिनों तक दोनो कपल्स सेक्स क्रेज़ी टीनेजर्स की तरह दिन और रात, पार्ट्नर्स बदल बदल कर चुसाइ और चुदाई करते रहे, कभी बीच पर चिपक जाते तो कभी दिन में ही लंच करने के बाद चुदाई करने लगते. राज भी अब अपनी बीवी तान्या में पहले से ज़्यादा इंटेरस्ट लेने लगा था, और वो तान्या को भी उसी जोश के साथ चोदता था जैसी को अपनी डॉली दीदी को. तान्या और डॉली दोनो के लंड को चूसति और धीरज और राज भी उनकी चूत का स्वाद लेते. पहली रात को धीरज ने तान्या को दो बार झडने पर मजबूर कर दिया, और फिर तान्या के कहने पर ही उसकी गान्ड भी मारी.



सॅटर्डे मॉर्निंग तक सभी की वो शरम और झिझक ख़तम हो चुकी थी, जिसको लेकर वो गोआ के इस बीच हाउस में आए थे.



अगले दिन धीरज के उठाने से पहले ही तान्या उठ गयी, और धीरे से बेड से नीच उतर आई. उसने कपड़ों को ज़मीन पर फैले हुए देखा, और फिर धीरज को देख कर मुस्कुरा उठी, जो अभी भी नंगा ही सो रहा था और वो मन ही मन कल रात की जबरदस्त चुदाई के बारे में सोचने लगी, सोचते हुए उसकी चूत में फिर से खुजली होने लगी. जो कपड़े उसने कल पहने थे, उनको दोबारा पहनने का उसका मन नही किया, और उसने अपने बेडरूम से नये फ्रेश कपड़े लाने का डिसाइड किया. तान्या बिना कोई कपड़ा पहने बिना कोई आवाज़ किए, धीमे से धीरज के बेडरूम से निकल कर राज और अपने बेडरूम की तरफ बढ़ने लगी. लेकिन तभी लिविंग रूम में बैठे हुए शक्स की नज़र उस पर पड़ गयी.



रेलिंग से नीचे की तरफ झाँक कर देखने पर उसने देखा कि राज सोफे पर हाथ में कॉफी का मग लेकर बैठा हुआ है. तान्या ने सोचा कि डॉली दीदी अब भी सो रही होंगी, और यदि वो अपने कपड़े लेने रूम के अंदर घुसती है तो कहीं डॉली दीदी की नींद ना खुल जाए. तान्या ने अपने कंधे उन्च्काये और सीढ़ियाँ उतार कर नीचे आ गयी.



"और कॉफी है क्या?" तान्या ने राज से नीचे उतरते हुए पूछा.



"तान्या!" राज फुसफुसाते हुए बोला, "तुम नंगी ही यहाँ आ गयी?"

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Re: भाभी का बदला

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मैं कल रात चेंज करने के लिए अपने कपड़े ले जाना भूल गयी थी, और अब इसलिए नही लाई कि कहीं डॉली दीदी की नींद ना खुल जाए," उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, और झुक कर किस करते हुए राज को गूडमॉर्निंग विश किया. “तुम यहाँ अकेले क्या कर रहे हो?” राज ने बतरोब पहना हुआ था, जो कि कमर तक खुला हुआ था.



"मुझे नींद ही नही आ रही थी, और मैं....... तुम्हारे बारे में सोच रहा था... जो कुछ हुआ है..."



"हां, मुझे भी विश्वास नही होता," तान्या उसके सामने घुटनों के बल बैठती और अपने हाथों से राज की जांघों का अन्द्रुनी हिस्से पर सहलाती हुई बोली. अपनी बीवी को नंगा देखकर और उसके इस तरह सहलाने से राज के लंड में हलचल होने लगी. तान्या ने उसके बातरोब की बेल्ट को खोल दिया, और उसके साइड्स को दोनो तरफ पीछे की तरफ कर दिया.



"तान्या!" राज धीमे से बोला, "धीरज और डॉली किसी भी वक़्त उठ सकते हैं.”



"हां, मुझे पता है, लेकिन तुम तो पहले से उठ चुके हो," वो मुस्कुराते हुए बोली, और वो उसके पूरी तरह खड़े हो चुके लंड को अपनी अपनी मुट्ठी में भरने लगी. “इसको थोड़ा सा चूस लूँ?” उसने पूछा, और राज की आँखों में देखते हुए अपनी जीभ से लंड को पूरी लंबाई तक चाटने लगी.



"म्‍म्म्ममम," राज कराह उठा, जैसे ही उसने अपनी बीवी को अपने लंड को चूसते और चाटते हुए देखा, और फिर तान्या ने उसके लंड के सुपाडे को अपने मूँह में भर लिया. इस से पहले की वो कुछ प्रतिरोध कर पाता, तान्या अपने सिर उपर नीचे करते हुए उसके लंड का मुख मैथुन कर रही थी.



उसके बाद डॉली उठ गयी, और उसने भी लास्ट डे के कपड़े पहनने की जगह वो ही डिसाइड किया जो तान्या ने किया था, और वो अपने और धीरज के रूम में चुपके से अपने कपड़े लेने के लिए अपने रूम से नंगे ही बाहर निकल आई. जैसे ही वो राज और तान्या के रूम से बाहर आई, उसको राज के कराहने की आवाज़ सुनाई दी, और उसने बाल्कनी में से नीचे लिविंग रूम में झाँक कर देखा. सोफे का मूँह दूसरी तरफ था, इसलिए राज उसको नही देख पा रहा था, और तान्या उपर देख नही रही थी. अपनी भाभी को अपने भाई के मोटे लंड को चूसते हुए देख कर डॉली के मूँह से आहह निकल गयी.



डॉली ये सब देख कर थोड़ा सकपका गयी और एक कदम पीछे हो गयी. उसने अपने बेड रूम की तरफ दो कदम ही बढ़ाए होंगे, फिर ना जाने क्या सोचकर वो फिर से रेलिंग के पास आ गयी. वो थोड़ा आगे झुक कर, इस तरह से खड़ी हो गयी कि रेलिंग के उपर से अब बस उसकी आँखें ही थी. डॉली ने आज से पहले बस धीरज और उसकी बेहन संध्या को ही सेक्स करते हुए देखा था, या फिर पॉर्न वीडियो में चुदाई देखी थी. उसको मालूम था कि इस तरह चोरी छुपे किसी की चुदाई देखना ग़लत बात है, लेकिन उसको अपने उपर कंट्रोल नही हो रहा था, और उसकी नज़र वहाँ से हट ही नही रही थी, उसकी चूत में भी खुजली मचने लगी थी. डॉली ने एक हाथ से रेलिंग पकड़ रखी ही, और उसको पता ही नही चला कि कब उसका दूसरा हाथ अपने आप उसकी चूत को सहलाने लगा.




जैसे ही धीरज अपने रूम से बाहर निकाला, उसने देखा कि उसकी बीवी रेलिंग के उपर झुक कर अपने एक हाथ से अपनी चूत को मसल रही है, और उसकी गान्ड आगे पीछे हो रही है. राज की ही तरह धीरज ने भी टवल के कपड़े का बातरोब पहन रखा था. वो थोड़ा आगे बढ़ा और रेलिंग के उपर से उसने तान्या को अपने पति राज के लंड की सवारी करते हुए देखा.



"चोरी चोरी चुपके चुपके," धीरज अपनी बीवी डॉली की गान्ड पर हाथ फिराते हुए उसके कान में फुसफुसाकर बोला. एक बार को तो डॉली चौंक गयी, लेकिन फिर भी उसने अपनी चूत को सहलाना जारी रखा. डॉली ने अपनी आइब्रो चढ़ाकर अपने पति की तरफ देखा.



"कुछ मदद करूँ?" धीरज ने बातरोब की बेल्ट को कमर पर से खोल कर, अपनी बीवी की गान्ड के पीछे पोज़िशन बनाते हुए पूछा.



"म्‍म्म्ममम," डॉली ने हां में अपनी गर्दन हिला दी. धीरज अपने लंड को उसकी पनिया रही चूत की सीध में ले आया, और डॉली ने अपनी चूत पर से अपने हाथ की उंगलियों को हटा लिया. शुरू में तो धीरज ने धीरे से आराम से अपना लंड अपनी बीवी की गरम गरम चुदने को बेकरार चूत में घुसाया, लेकिन फिर कुछ ही देर बाद वो उसको ताबड तोड़ चोदने लगा, जिस की वजह से डॉली के मूँह से निकल रही कराह की आवाह तेज होने लगी.



"ये क्या ?" तान्या ने लंड के उपर अपनी चूत को उछालना बंद कर दिया और डॉली दीदी की तरफ देखा. “आप क्या छुप छुप कर हम को देख रही हो?” तान्या ने पूछा, उसने बाद में देखा कि डॉली रेलिंग का सहारा लेकर अपनी गान्ड को आगे पीछे कर रही है. “क्या जीजा जी भी आपके साथ हैं?” तान्या ने मुस्कुराते हुए पूछा.



"आज तो पकड़ ही लिया तुम दोनो को," धीरज ने डॉली के कंधे के उपर से रेलिंग के उपर आते हुए तान्या को जवाब दिया.



"चलो नीचे आ जाओ दोनो!" तान्या ने कहा.



"हम दोनो अब बेशरम हो गये हैं," डॉली ने हँसते हुए कहा, ऐसा कहते हुए उसके गाल लाल हो उठे.



"एग्ज़ॅक्ट्ली!" तान्या बोली, "अगर तुम दोनो हम को देख रहे थे, तो हम भी तुम को देख रहे थे.” डॉली के पास इस बात का कोई जवाब नही था, इसलिए उसने बस अपनी गर्दन हिला दी. धीरज ने उसकी पानी छोड़ चुकी चूत में से अपना लंड बाहर निकाला, और अपनी चूत के पानी से भीग रहे लंड को पकड़े हुए डॉली के पीछे सीढ़ियाँ उतरकर नीचे आ गया.



"हे भगवान," राज ने अपनी दीदी और जीजा को इस हालत में सीढ़ियाँ उतरते हुए देख कर कहा.



तान्या फिर से उसके लंड पर अपनी चूत को उछालने लगी, और राज अपनी दीदी के नंगे शरीर को निहारने लगा.



राज जब अपनी दीदी की कड़क होकर खड़े हुए निपल्स और चूत से टपक कर डॉली की जाँघ पर लगे पानी को निहार रहा था, तभी तान्या ने उसके कान में फुसफुसाया, “मज़ा आ रहा है ना?” डॉली ने धीरज को सोफे के दूसरे कोने पर ज़बरदस्ती बिठा दिया और तान्या की तरह उसके उपर बैठकर, धीरज के लंड को अपनी चूत में घुसाकर उसकी सवारी करने लगी. दोनो कपल्स डॅन्स स्टेप्स के तरह ताल से ताल मिलाते हुए चुदाई का आनंद ले रहे थे. बिना किसी शरम के वो एक दूसरे के नंगे बदन को चुदाई करते हुए देख रहे थे, और ये सब माहौल को और ज़्यादा उत्तेजक कर रहा था.



धीरज ने भी कभी सपने में भी नही सोचा था, कि हालात यहाँ तक पहुँच जाएँगे. इसकी तो उसने कल्पना भी नही की थी कि वो चारों एक ही रूम में एक साथ नंगे होंगे. लेकिन जिस तरह डॉली उसके लंड की सवारी कर रही थी, और वो राज को तान्या की उछल रही चूंचियों के निपल्स चूसते हुए देख रहा था, उसके बाद वो मन ही मन तान्या और डॉली को एक साथ बेड पर लिटाकर उनकी चुदाई करने की कल्पना करने लगा.



जब चुदाई की आवाज़ों में चरम के पास पहुँचने के सिग्नल मिलने लगे, तब तान्या ने अपना बाँया हाथ डॉली की तरफ बढ़ा दिया. कुछ झिझक के बाद, इस से पहले की वो चरम पर पहुँच कर पागल होते, डॉली ने तान्या के हाथ को कस कर पकड़ लिया. जैसे ही राज और धीरज ने अपने लंड से वीर्य की पिचकारी अपनी अपनी बीवी की चूत में छोड़ी, तान्या और डॉली ने एक दूसरे की हथेली को और ज़्यादा कस कर पकड़ लिया, मानो वो बिना कुछ कहे अपने निस्वार्थ शेरिंग और एकजुटता का प्रदर्शन कर रही हो.



वो सभी उसी तरह कुछ मिनट्स तक उसी पोज़िशन में बने रहे, एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए, और अपनी साँसों को काबू करने का प्रयास करते हुए, और फिर तान्या ने डॉली का एक बार हाथ ज़ोर से दबा कर उसको छोड़ दिया. राज के लंड के उपर से उठते हुए, वो निढाल होकर पास वाले सोफे पर बैठ गयी. डॉली ने भी सेम वैसा ही किया, और वो अपने पति और राज के बीच में बैठ गयी.



"मुझे तो टार्जन जैसा महसूस हो रहा है, जिसको पहली बार अपने नंगे होने का एहसास हुआ हो.” राज सब के पसीने में तर बतर हो चुके नंगे बदन को देखकर बोला. राज को अपने सिंकूड कर छोटे हो चुके लंड को बाकी सब को दिखाने में थोड़ी शरम आ रही थी.



"लेकिन उस मूवी में तो टार्जन के पास बस एक ही लड़की थी," तान्या उसको चिढ़ाते हुए बोली, और प्यार से उसके गालों को चूम लिया.



"हां, ये बात तो सही है," डॉली ने राज के दूसरे गाल पर किस करते हुए कहा. “तुम्हारे पास तो दो-दो लड़कियाँ हैं.” एक तरफ से बीवी और दूसरी तरफ से दीदी की इस प्यार की बरसात ने राज के लंड में फिर से हलचल मचा दी, और उसका चेहरा शरम से लाल हो गया.
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
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Viraj raj
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Re: भाभी का बदला

Post by Viraj raj »

☪☪ 😌 😰 😤

Shandar update ........ Raj Bhai 😘👌👌👌👌😍😍😍😍👍👍👍👍💝💞💖
😇 😜😜 😇
मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
😇 😜😜 😇

** Viraj Raj **

🗡🗡🗡🗡🗡
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