सौतेली माँ से बदला compleet

Post Reply
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15850
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

अब वसीम ने धीरे धीरे नीलोफर की चूत के दाने को, आहिस्ता आहिस्ता रगड़ना शुरू किया तो नीलोफर फिर से सिसकारियाँ भरने लगी..
नीलोफर की चूत कुँवारी होने के कारण, उसका छेद बहुत ही छोटा था और उसका गुलाबी रंग दिख रहा था।
अब वसीम का लण्ड, पूरा खड़ा हो गया था और वसीम के काबू में नहीं था…
उसने नीलोफर को लण्ड चूसने के लिए कहा।
नीलोफर ने आज से पहले एक दो बार वसीम के लण्ड को दूर से ही सलमा की चुदाई करते हुए देखा था।
उसका लण्ड ज़्यादातर, सलमा की चूत में या उसके मुँह में ही रहता था।
मगर, आज अपने हाथ में पकड़ के देख कर, नीलोफर बुरी तरह डर गई थी…
मैंने जैसे पहले ही कहा है की वसीम का लण्ड बहुत बड़ा और मोटा था.. जिसको, अगर एक रंडी भी देख ले तो वो भी घबरा जाएगी.. ..
पता नहीं, उसका लण्ड इतना बड़ा कैसे हो गया था।
नीलोफर ने अब सलमा के कहने पर, उसके लण्ड के ऊपर की चमड़ी को नीचे किया और उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी..
सलमा ने अब उसे पूरा लण्ड, अपने मुँह में घुसा कर चूसने के लिए कहा तो नीलोफर ने लण्ड को मुँह में तो घुसा लिया पर उसे खाँसी आने लगी।
लण्ड इतना बड़ा था के उसको कभी सलमा भी अपने मुँह मे पूरा नहीं घुसा सकी, तो बिचारी नीलोफर क्या चीज़ थी.. ..
फिर, नीलोफर जितना हो सके लण्ड को मुँह में घुसा के, ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी…
वसीम और नीलोफर, फिर 69 के पोज़िशन पर आ गए… !!
अब सलमा, वसीम के गाण्ड के छेद को चाट रही थी और अपने भोसड़े में उंगली कर रही थी..
वसीम, पूरी मदहोशी में नीलोफर की चूत को चाटने लगा…
नीलोफर बहुत जल्दी ही, वसीम के मुँह में झड़ गई।
फिर शुरू हुआ, 3 लोगों का “एक ज़बरदस्त चुदाई प्रोग्राम।”
अब वसीम उठ के नीलोफर की दोनों टाँगों के बीच बैठ गया…
सलमा ने वसीम के लण्ड को पकड़ के, नीलोफर की चूत के छेद में सटा दिया…
फिर सलमा ने अपने हाथों से, जितना हो सका नीलोफर की चूत को खोल दिया ताकि वसीम का लण्ड आराम से चूत में घुस जाए… ..
अब सलमा ने, वसीम को धक्का देने का इशारा किया तो वसीम ने एक ज़ोर का झटका मारा।
नीलोफर की चूत का छेद बहुत ही छोटा था, इसीलिए लण्ड फिसल गया…
बहुत कोशिश के बाद, जब वो कामयाब नहीं हुआ तो… …सलमा जा के तेल की शीशी ले आई..
उसने वसीम के लण्ड की तेल से अच्छी तरह मालिश की..
फिर उसने, नीलोफर की चूत में भी तेल की मालिश की और ढेर सारे तेल से, नीलोफर की चूत को भर दिया।
अब नीलोफर की चूत, तेल से लपालप भर गई।
सलमा ने फिर से नीलोफर के चूत को पूरी तरह खोल दिया और वसीम को आहिस्ता से, लण्ड घुसाने के लिए कहा..
वसीम अपने लण्ड को हाथ से पकड़ के, धीरे से नीलोफर की चूत के अंदर डालने लगा..
नीलोफर की चूत तेल से लपालप होने से, बहुत चिकनी हो गई थी.. ..
इस कारण फक का साउंड करते हुए, वसीम के लण्ड का टोपा अंदर घुस गया तो नीलोफर चीख पड़ी – मा मामा मामामाररररररररररर गाआआआआाआआइईईईई… मांहहह ह हह ह ह ह ह… आआआआआहहहहहहहह हहहहहह… निकालूऊऊऊओ ज़ाआाआाअल्दी सीईईई…
तभी सलमा, तुरंत नीलोफर की चुचियों दबाने लगी और उसके मुँह में अपनी जीभ घुसेड दी ताकि नीलोफर की आवाज़ बाहर तक ना सुनाई पड़े…
नीलोफर की चीख इतनी तेज़ निकल रही थी की सलमा को डर था, उसकी दोनों बेटियाँ कहीं उठ ना जाए…
डर तो वसीम भी गया, थोड़ा रुक गया और हाथ से नीलोफर के चूत के दाने को सहलाने लगा!!!
आज उस पर हैवान नहीं, वासना सवार थी…
कुछ देर बाद, जब नीलोफर शांत हुई तो उसने एक और झटका मारा तो लण्ड आधे से ज़्यादा चूत में घुस गया…
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15850
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

इस बार नीलोफर ने और ज़ोर से चिल्लाया – उम्म्म्मममममा.. अहह… बाआआआआआआआआचाआााऊऊऊ… बचाओओओओओओ… छोडडडडडड दे, हरामीईईई… आ ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह…
इधर, सलमा उसकी चुचियों को सहलाती रही…
फिर वसीम ने, बिना रुके और एक और धक्का मारा तो लण्ड पूरा का पूरा घुस गया… !!
इस बार वसीम का लण्ड, उसकी सील को तोड़ते हुए बच्चेदानी से जाकर टकराया और खून का फवारा फुट पड़ा… …
नीलोफर बेहोश हो गई.. ..
ये देख कर वसीम थोड़ा घबरा गया और अपने लण्ड को निकालने लगा क्यूंकि उसने आज तक, कभी किसी लड़की की चूत नहीं फाडी थी।
वसीम जैसे ही लण्ड निकालने लगा तो सलमा ने उसे रोक लिया और बोली – जब कोई लड़की पहली बार, किसी मर्द से चुदवाती है तो ऐसा होता है… जब तुम्हारे पिता ने, पहली बार मुझे चोदा था तो मैं भी बेहोश हो गई थी… जबकि, उनका लण्ड तुमसे काफ़ी छोटा था… मगर, तुम्हारा तो लोहे की रोड जितना बड़ा और मोटा है… तुम अगर, किसी रंडी को को भी चोदो तो उसकी भी हालत खराब हो जाएगी… फिर ये तो “एक कसी हुई कुँवारी चूत” है… इस को तो बेहोश होना ही था… तुम रूको, मैं इसे पानी पिलाती हूँ…
फिर सलमा ने नीलोफर के मुँह पर पानी छिड़का और उसे थोड़ा पानी पिलाया..
तब जा के नीलोफर की जान पर जान आई।
होश संभालते ही नीलोफर ने वसीम के आगे हाथ जोड़े और बोली – प्लीज़ मुझे छोड़ दो… मुझे नहीं चुदवाना… किसी से भी, नहीं चुदवाना… मैं जिंदगी भर, कुँवारी रहूंगी… मुझे जाने दो… प्लीज़…
तब सलमा ने, उसे समझाया – मेरी प्यारी बहना, ये तो हर लड़की के साथ होता है… घबरा मत, कुछ देर बाद तुझे भी मज़ा आने लगेगा…
मगर नीलोफर नहीं मानी..
वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और वो उठने की कोशिश करने लगी तो सलमा ने उसे ज़ोर से पकड़ लिया…
वो ज़ोर ज़ोर से, उसकी चुचियों को चूसने लगी।
वसीम भी धीरे धीरे, लण्ड को बाहर भीतर करने लगा.. ..
नीलोफर चिल्लाती रही.. लेकिन, इस बार वसीम नहीं रुका..
वो, उसे चोदता रहा… …
थोड़ी देर बाद, जब उसका दर्द कम हुआ तो वो भी पीछे से गाण्ड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी।
उसे दर्द तो हो रहा था.. मगर, अब मज़ा भी आने लगा था.. ..
अब सलमा भी गरम होने लगी..
वो नीलोफर के मुँह पर, अपनी चूत को खोल के बैठ गई और उसे चाटने को बोली तो नीलोफर खूब मज़े ले ले कर अपनी बहन की चूत चाटने लगी..
थोड़ी देर बाद, नीलोफर अकड़ने लगी तो सलमा उठ गई और नीलोफर ज़ोर से चीखते हुए झड़ गई…
उसके मुँह से बस लंबी लंबी सिसकारियाँ निकल रही थीं – आआआआअ आआआआआ आआआआअराआाहहआ चोदनाआआआआआआआ… चोद मुझे… आ आ ऊऊ आआआआ… फाड़ दे मेरी चूत… सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्ईईईईईई… आँह माँ… चोद चोद चोद चोद चोदद ददद ददददद ददददद दद…
ये सुन कर, वसीम उसे और तेज़ी से चोदने लगा.. ..
ज़्यादा तेल और चूत रस के कारण चूत से पाचक पाचक की आवाज़ निकल रही थी।
अब सलमा भी काफ़ी गरम हो गई थी तो वसीम ने अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल के अंदर बाहर करने लगा।
सलमा भी अब सिसकारियाँ भर रही थी – आआआअहह उन्ह म्म्म्ममम हह आह उन्मह…
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15850
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

10-15 मिनट चोदने के बाद, वसीम भी झड़ने वाला था तो उसने नीलोफर से पूछा की क्या करूँ तो नीलोफर ने उसे चूत में ही झड़ने के लिए कहा।
सलमा कुछ कहती, उससे पहले वसीम ज़ोर से झड़ गया और सारा वीर्य नीलोफर की चूत में ही छोड़ते हुए, उसके ऊपर ही लेट गया… …
दोनों ने एक दूसरे को कस के पकड़ लिया, जब तक वसीम का सारा मूठ उसकी चूत में नहीं गिर गया।
करीब 1-2 मिनट तक, थोड़ा थोड़ा करके वसीम का माल चूत में गिर रहा था..
करीब 10 मिनट के बाद, वसीम उठा और लण्ड को खींचा तो फक के आवाज़ के साथ ढेर सारा खून और मूठ लेके उसका लण्ड निकल पड़ा।
दर्द के कारण, नीलोफर उठ नहीं पा रही थी…
मगर बेचारी सलमा, अभी भी प्यासी थी.. !!!
उसने तुरंत ही वसीम के लण्ड को पकड़ा और अपने मुँह में डाल के चूसने लगी…
दो बार निकल जाने के कारण, इस बार वसीम का लण्ड आसानी से खड़ा नहीं हुआ…
सलमा उसके लण्ड को चूसती रही… सहलाती रही… मूठ मारती रही…
तब जाकर, 15 मिनट में वसीम का लण्ड फिर से लोहे की तरह तन गया…
सलमा ने उसे कहा – अब संभाला नहीं जाता.. जल्दी से, अपने लंड को डाल डो मेरी चूत में और इसकी प्यास बुझे दो.. तुम दोनों की चुदाई देख कर, मेरी चूत फटने को आ गई है..
वसीम ने भी देर ना करते हुए, एक ज़ोर का धक्का मार के सलमा की चूत में अपना लण्ड पेल दिया और उसे तूफ़ानी रफ़्तार से चोदने लगा।
अबकी बार वसीम ने सलमा को, पूरे 20 से 25 मिनट तक चोदा…
क्यूंकी ये वसीम का तीसरी बार था, इस बीच उसने उसकी गाण्ड भी मार ली…
सलमा भी 2 बार झड़ चुकी थी तो उसके मुँह से भी सिसकारियाँ निकल रहीं थीं – अहह ऑश यहह उन्ह… एम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्महह…
कुछ देर बाद, वसीम भी उसकी चूत में ही झड़ गया और चूत को अपने वीर्य से भर दिया।
नीलोफर उनकी साइड में लेटे हुए, ये चुदाई का कार्यक्रम देख रही थी…
वो फिर से गरम होने लगी थी..
जब वसीम ने, सलमा के चूत से अपना लण्ड निकाला तो नीलोफर ने उसे पकड़ लिया और बोली – मुझे फिर से चुदवाना है…
सलमा ने ये सुनते ही कहा – आज के लिए बस इतना ही क्यूंकि ये तेरा पहली बार है और एक बार की चुदाई में, तेरी चूत का भरता बन गया है… अगर तू और चुदवायेगी तो चूत फट जाएगी और तुझे बहुत तकलीफ़ होगी…
लेकिन, नीलोफर नहीं समझ रही थी तो सलमा उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसाने लगी तो वो फिर से चिल्लाने लगी…
फिर सलमा ने उसे कहा – अब समझी, मैं क्या कह रही थी… तुझे इतना तगड़ा लण्ड, घर में ही मिल गया है… तू ठीक हो जा, फिर जब चाहे चुदवा सकती है… पहली बार चुदाई के बाद चूत को दो तीन दिन आराम देना पड़ता है, गुड़िया…
इधर, वसीम बाथरूम में जाकर फ्रेश होने लगा..
भले ही वो लड़का था पर तीन बार निकलने के कारण, उसकी हालत खराब हो गई थी..
उधर, सलमा ने नीलोफर की चूत को डेटोल से साफ किया और उसे एक पेनकिल्लर खिला दिया।
अब मुश्किल ये थी की नीलोफर को अपने कमरे तक कैसे पहुँचाया जाए, क्यूंकि वो चलना तो दूर की बात है ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी।
फिर, वसीम ने उसे गोद में उठाया तो सलमा बाहर चेक करने लगी की कहीं उसकी बेटियाँ तो नहीं जाग रही हैं।
लेकिन वो दोनों, अपने कमरे में आराम से गहरी नींद मे सो रही थीं।
वसीम ने नीलोफर को उसके कमरे में ले जाकर बेड पर सुला दिया और उसको एक ज़ोरदार किस दे के, अपने कमरे में आ के सो गया..
रात बहुत हो चुकी थी…
सलमा भी नीलोफर के साथ, उसके कमरे में ही सो गई..
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15850
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

जब सुबह हुई तो नीलोफर का दर्द थोड़ा कम हो गया था.. लेकिन, फिर भी वो लंगड़ा के चल रही थी.. !!
उसे लंगड़ाता हुआ देख, गुलबदन ने पूछा की क्या हुआ मासी… ?? आप, ऐसे क्यूँ चल रही हैं… ?? तो नीलोफर से पहले सलमा ने उसे बताया के वो बाथरूम में गिर गई थी, इसीलिए ऐसी चल रही है…
2-3 दिनों में नीलोफर, ठीक हो गई।
फिर क्या था, रोज़ रात को वसीम सलमा और नीलोफर को जम के चोदता था।
सलमा को डर था के कहीं दोनों बहनें “प्रेग्नेंट” ना हो जाए.. इसी डर से, वो दोनों “गर्भ निरोधक दवाएँ” खाते थे और वसीम से चुदाई का आनंद उठाते थे।
उनके घर की स्थिति, अब सामान्य हो गई थी।
वो लोग, हँसी खुशी रहने लगे… !!
वसीम सब के लिए, अक्सर कोई ना कोई गिफ्ट लाता था।
मैं भी, जब उसके घर जाता था तो हम सब मिलके हँसी मज़ाक करते थे।
ऐसे ही, 1.5 साल बीत गये…
मेरा भी उनके घर आना-जाना, थोड़ा कम हो गया था क्यूंकि उस वक़्त मैं अपने भैया और भाभी के साथ रहता था।
वहां मुझे मजबूरी में भाभी को चोदना पड़ा, मगर सिर्फ़ अपने परिवार की इज़्ज़त के खातिर…
ये एक अलग कहानी है, जो आपको अगली बार सुनाऊंगा..
सलमा की दोनों बेटियाँ, बहुत खूबसूरत थीं… !!
मेरी नज़र हमेशा, उन दोनों पर थी।
सोचता था के उन्हें एक दिन ज़रूर चोदूंगा और उनकी “कुँवारी चूत” का उद्घाटन मेरे लण्ड से ही करूँगा..
मगर मेरा सपना, सपना ही रह गया।
वसीम, सलमा और नीलोफर का रूम ऊपर था और गुलबदन और गुलनार का बेड रूम नीचे था…
एक दिन वसीम, सलमा और नीलोफर “मस्त चुदाई” कर रहे थे तो उस दिन वो लोग ग़लती से दरवाजा बंद करना भूल गये थे तो इसी कारण उनकी चुदाई की आवाज़ नीचे तक आ रही थी..
उस दिन कमरे में पानी ख़तम हो जाने के कारण, गुलनार किचन में पानी लेने गई।
जैसे ही वो हॉल में आई तो उसे कुछ अजीब तरहा की आवाज़ें सुनाई दी तो वो पहले डर गई।
फिर उसने ध्यान से सुना तो वो आवाज़ ऊपर वसीम के कमरे से आ रही थी।
गुलनार, फ़ौरन ऊपर आ गई और वसीम के कमरे में झाँक कर देखा तो उसके होश उड़ गये…
उसने देखा की जिसको वो बड़ा भाई मानती है, वही उसकी माँ और मासी को जम के चोद रहा था… …
ये देख के, उसे थोड़ा अजीब लगा।
वो भाग के अपने कमरे में आई और गुलबदन को सारी बातें बताई तो गुलबदन ने कहा के उसे पहले से ही सब कुछ मालूम है।
उसने बताया के जिस दिन मासी, लंगड़ा के चल रही थीं तो वो कोई बाथरूम में नहीं गिरी थीं… बल्कि, वसीम भैया ने उन्हें चोदा था इसलिए वो ऐसे चल रही थीं..
उसने रात को, उन लोगों को चुदाई करते हुए देख लिया था.. लेकिन, वो डर के मारे गुलनार को कुछ नहीं बता पाई के कहीं वो किसी को ना बता दे..
तभी गुलनार ने कहा के मुझे अभी समझ में आया के भैया जो हम से इतनी नफ़रत करते थे, अचानक कैसे प्यार करने लगे..
उसने गुलबदन से कहा के चल जा के देखते हैं, कैसे भैया माँ और मासी को चोदते हैं…
फिर वो दोनों, वसीम के कमरे में जा के चुपके से देखने लगे..
देखते देखते, उन दोनों की चूत भी गीली हो गई और अपने आप ही उनका हाथ चूत को सहलाने लगा.. क्यूंकि, अब वो भी जवान हो चुकी थीं.. !!!
उनकी उम्र अब तक, लगभग 18 साल हो गई थी…
फिर वो दोनों, अपने कमरे में आ गयीं और एक दूसरे को ही चूमने लगीं।
अपनी अपनी, चुचियों को मसलने लगीं।
जल्द ही, वो दोनों पूरे कपड़े उतार के, एक दूसरे की चूत में उंगली डाल के चुदाई करने लगीं…
जब उनका पानी निकल गया तो वो शांत होके सो गईं.. ..
अब जब भी उन्हें मौका मिलता तो वो उन तीनों को चुदाई करते हुए देखतीं और फिर अपने कमरे में आ के उंगली, कंगा वगेरह चूत में डाल के एक दूसरे की चूत की खुजली मिटाते थे..
ये तो अब, रोज़ का काम हो गया था।
अब वो दोनों, वसीम को “वासना और हवस की नज़र” से देखने लगीं।

एक दिन, उन दोनों ने ज़िद की वो फिल्म देखना जाना चाहतीं हैं तो सलमा ने उनको मना कर दिया।
फिर वो दोनों वसीम के पास गयीं और कहने लगीं के भैया आप माँ से बोलो ना, हमें फिल्म देखने जाने दें… तो वसीम ने सलमा से कहा के अगर ये दोनों जाना चाहते हैं तो मैं इनको ले के जाता हूँ… तो सलमा मान गई।
फिर ये तीनों, फिल्म देखने चले गये।
वसीम ने फिल्म के, 3 सीट बुक किया।
अब फिल्म चालू हो गई…
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15850
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: सौतेली माँ से बदला

Post by rajsharma »

फिल्म पुरानी और अच्छी नहीं होने के कारण, सिनेमा हॉल में कम लोग थे।
ये लोग जहाँ बैठे थे, उनके आस पास कोई नहीं बैठा था…
फिल्म में, काफ़ी सारे “बोल्ड सीन” थे..
सीन देख कर, दोनों ही वसीम से चिपक गईं।
ये सब देख कर, वसीम को भी गर्मी चढ़ने लगी।
उसने भी धीरे धीरे, उन दोनों की जांगों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।
उन दोनों को भी मस्ती चढ़ने लगी…
धीरे धीरे, उन दोनों ने अपनी टांगें फैला दी तो वसीम आहिस्ता से ड्रेस के ऊपर से ही, बारी बारी उनकी चूत को सहलाने लगा.. !!!
वसीम ने गुलनार के हाथ को अपने लण्ड के ऊपर रख दिया तो वो उसे पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगी..
अब, वसीम ने गुलनार के ड्रेस के अंदर हाथ घुसा के बूब्स को दबाने लगा…
वो हॉल में ही, सिसकारियाँ भरने लगी..
फिर, हाफ टाइम हो गया तो वो तीनों आराम से बैठ गये।
वसीम बाहर जा के, उनके लिए कुछ खाने के लिए ले आया।
लेकिन, उन दोनों को तो लण्ड का चस्का लग गया था.. गुलबदन ने सारे नाश्ते को, बेग में भर दिया…
10 मिनट बाद, फिल्म चालू हुई तो इनका काम भी चालू हो गया..
वसीम ने पेंट की ज़िप खोल के अपने लण्ड को बाहर निकाला और उन दोनों को चूसने को कहा तो वो दोनों उस पर टूट पड़े.. ..
उन दोनों ने मिल के, वसीम के लण्ड को जम के चूसा…
10 मिनट बाद, वसीम झड़ने वाला था तो उसने कहा के उन दोनों में से कोई एक लण्ड को अपने मुँह में पूरा डाल दे और उसका सारा पानी पी जाए..
ये सुन कर गुलबदन ने फाटक से वसीम के लण्ड को, अपने मुँह में भर लिया.. लेकिन, बड़ा लण्ड होने के कारण पूरा अंदर तक नहीं ले पाई..
फिर, उसने सारा मूठ अपने मुँह मे भर लिया और फिर जब वसीम का पानी निकलना बंद हो गया तो उसने गुलनार के मुँह मे अपनी मुँह लगा के आधा पानी उसके मुँह के अंदर छोड़ दिया..
ऐसे ही उन दोनों ने, वसीम का सारा मूठ पी लिया…
फिर दोनों ने मिल के, वसीम के लण्ड को अच्छी तरहा से चाट के साफ कर दिया।
लेकिन, अभी भी उन दोनों की प्यास नहीं बुझी थी तो गुलबदन ने कहा के भैया हम दोनों आपके लण्ड से अपनी चूत को चुदवाना चाहती हैं..
ये सुनकर, वसीम बोला के उनकी माँ को अगर पता चल गया तो वो बहुत नाराज़ होंगीं..
लेकिन, वो दोनों ज़िद करने लगे तो वसीम ने एक प्लान बनाया…
उसने कहा के जब वो सलमा और नीलोफर को रात में चोद रहा होगा… तभी तुम दोनों दरवाजा खोल के अंदर आ जाना और सारी बातें बाहर वालों को बताने की धमकी देना… तो डर के, सलमा तुम दोनों को भी मेरे साथ चुदवाने के लिए मजबूर हो जाएगी…
फिर वो वहां से उठ के, घर के लिए निकल पड़े..
रास्ते में ही, वो तीनों खाना खा के गये।
वसीम घर पहुँचते ही, अपने कमरे में चला गया…
सलमा ने उन दोनों से पूछा के कैसी रही फिल्म.. !! ?? तो गुलबदन ने कहा के भैया बहुत अच्छे हैं… हमें फिल्म दिखाई और रेस्तरॉं में खाना भी खिलाया…
ये सुन कर सलमा बहुत खुश हुई, क्यूंकि “आज रात को आने वाले तूफान” के बारे में वो अंजान थी.. !!
फिर गुलबदन और गुलनार, अपने कमरे में चले गये..
सलमा और नीलोफर भी, खाना ख़ाके अपने अपने कमरे में चले गये।
लेकिन, गुलबदन और गुलनार को नींद कहाँ आनी थी..
वो दोनों, तो उनकी “माँ और मासी की चुदाई” का इंतज़ार करने लगीं।
हर रात की तरहा, उस दिन भी सलमा ने गुलबदन और गुलनार के कमरे में झाँक कर देखा के वो लोग सो रहे हैं या नहीं।
उसने देखा के वो दोनों सो गई हैं तो वो नीलोफर के साथ वसीम के कमरे में चली गयीं।
मगर, गुलबदन और गुलनार सोए नहीं थे.. वो, सिर्फ़ सोने का नाटक कर रहे थे..
थोड़ी देर बाद, वो दोनों भी ऊपर वसीम के कमरे के बाहर जाके खड़े हो गये और इंतज़ार करने लगे, उनकी चुदाई का…
Read my all running stories

(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
Post Reply