वतन तेरे हम लाडले complete
- rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले
राज ने अपना मुंह पास पड़े कपड़े से साफ किया और उसके बाद नीचे लेट गया और रश्मि को अपने ऊपर आने को कहा। रश्मि फिर पहले की तरह राज के ऊपर आकर बैठ गई थी। उसकी चूत अभी भी राज के लंड के ऊपर थी मगर फर्क यह था कि पहले रश्मि ने पैन्टी पहन रखी थी जबकि अब उसकी चूत पूरी नग्न और गर्म थी। राज के लंड का एहसास मिलते ही उसकी चूत ने एक बार फिर से चिकनी होना शुरू कर दिया था। और रश्मि अब एक बार फिर राज के ऊपर झुक कर उसके शरीर पर प्यार कर रही थी। कुछ देर बाद राज ने रश्मि से फरमाइश की कि अब वह उसका अंडर वेअर उतार दे। और मुंह दिखाई के बाद अब चूत दिखाई भी प्राप्त कर ले। राज की यह बात सुनकर रश्मि खिलखिला कर हंसने लगी। और राज को कहने लगी ये चूत दिखाई क्या होती है ?? तो राज ने कहा कि जिस तरह मुंह दिखाने के लिए उपहार होता है उसी तरह आप अपनी चूत मुझे दिखाओ और उसका भी उपहार ले लो। रश्मि ने इठलाते हुए कहा कहाँ मिलेगा चूत दिखाई उपहार? राज ने कहा मेरा अंडर वेअर उतारो इसी में है तुम्हारी चूत दिखाई का उपहार। इस पर रश्मि ने अपना हाथ राज के अंडरवेअर के ऊपर से ही उसके लंड पर रख दिया और कहने लगी यह तो मेरा अधिकार है। जो मुझे मिलना ही है चाहिए। मगर पहली बार चूत दिखाई उपहार तो कुछ और होना चाहिए?
राज ने भी रश्मि की इस बेबाकी से चूत दिखाई का उपहार ऑफर कर दिया कि रश्मि जो माँगेगी उसको मिलेगा। मगर रश्मि ने बजाय कोई और उपहार मांगे बगैर कुछ कहे राज का अंडर वेअर उसके घुटनों तक नीचे उतार दिया। अंडर वेअर उतरने की देर थी राज का 8 इंच लंबा लंड एकदम से बाहर निकल आया। 8 इंच लंबा और सख़्त लंड देखकर रश्मि की आंखों में वासना और भी बढ़ गई। वासना के साथ उसकी आँखों में आश्चर्य के आसार थे। उसे अनुमान था कि पुरुषों का लंड सेक्स के दौरान काफी लंबा और कठोर हो जाता है मगर वह यह नहीं जानती थी कि वह इतना लंबा भी हो सकता है।
रश्मि गौर से राज के लंड को देखने लगी और बेझिझक उस पर अपना हाथ रखकर प्यार करने लगी। राज ने रश्मि से पूछा कैसा लगा तुम्हें मेरा लंड ?? तो रश्मि ने भी बेबाकी से जवाब दिया बहुत मस्त है। खूब मज़ा आ रहा है अब मुझे। यह कह कर रश्मि ने फिर से राज का लंड अपने दोनों हाथों मे लेकर उसको सहलाना शुरू कर दिया। रश्मि अपने हाथ को राज के लंड की टोपी से लेकर उसके आंडो तक नीचे की ओर फिराने लगी और उसके बाद फिर से अपने हाथ ऊपर टोपी तक लेकर जाती। नरम हाथों की गर्मी राज को बहुत मज़ा दे रही थी, इसी मजे के कारण लंड की टोपी पर वीर्य 2 बूँदें दिखाई दी जिन्हें रश्मि ने अपने हाथों से ही राज के लंड पर मल दिया। रह रहकर राज के लंड पर कुछ बूँदें दिखाई देती जिन्हें रश्मि अपने हाथों से राज के लंड पर चुपड देती। राज का लंड अब काफी चिकना हो चुका था।
राज ने रश्मि से फरमाइश की कि वह उसके लंड मुंह में लेकर चूसे। जिसे रश्मि ने अस्वीकार कर दिया और बोली वह ऐसा गंदा काम नहीं करेगी। राज ने कहा इसमें गंदा काम वाली कौनसी बात है? मैंने भी तो तुम्हारी चूत पर जीभ फेरी है। रश्मि कहने लगी मैंने आपको मना तो किया था कि ऐसा न करें आप। राज बोला कि लेकिन तुम्हें मजा तो आया ना ऐसा करने से?
रश्मि ने हां में सिर हिला दिया। जिस पर राज ने कहा अब तुम नहीं चाहती कि तुम्हारे पति को भी मज़ा आए ?? इस पर रश्मि कुछ देर राज को देखती रही फिर बोली में केवल इस पर अपनी ज़ुबान फिराउन्गी मगर मुँह में नहीं लूँगी और ज़ुबान भी लंड के डंडे पर फिराउन्गी टोपी पर बिल्कुल नहीं। राज ने तुरंत ही कहा जैसे तुम्हारा मन करता है वैसे ही करो। कोई ज़बरदस्ती नहीं तुम्हारे साथ।
अभी रश्मि की ज़ुबान राज के लंड की टोपी से कुछ नीचे लगती और रगड़ खाती हुई उसके आंडो तक जाती जो बालों से वैसे ही साफ थे जैसे रश्मि की चूत बालों से मुक्त थी इस प्रक्रिया के दौरान कभी कभी रश्मि राज के लंड पर अपने होंठों से भी प्यार करती मगर उसने अब तक लंड अपने मुँह में नहीं लिया था। लेकिन राज के आंडो को वह 2 से 3 बार अपने मुंह में लेकर चूसने लगी थी। वह जानती थी कि यहां से पुरुषों की नमी नहीं निकलती। स्राव निकालने वाली जगह लंड ऊपर वाला हिस्सा है जहां वह पहले ही वीर्य की अनगिनत बूंदों को देख चुकी थी। इसलिए अब तक उसने वहां पर अपने होंठ या अपनी ज़ुबान नहीं फेरी थी।
राज ने भी रश्मि के लिए थोड़ी मेहनत की और थोड़ी देर बाद जब रश्मि की चूत पहले की तरह चिकनी हो गई तो राज ने रश्मि को बेड पर लेटने को कहा और खुद उसकी टांगों के बीच आकर बैठ गया। इस प्रक्रिया के दौरान रश्मि ने राज को कोठरी में से सफेद चादर निकालने को कहा जो रश्मि की सास ने खासकर रश्मि को दी थी और उसे समझा दिया था कि संभोग से पहले यह चादर जरूर बिछा लेने से पुरुषों के विश्वास में वृद्धि होगी। ( क्योंकि ज़्यादातर पुरुषों का यही ख्याल होता है कि अगर स्त्री की योनि से अगर खून निकला तो वह कुँवारी है अन्यथा नही सफेद चादर होने से खून के धब्बे सॉफ तौर पर दिखाई देते हैं )
रश्मि के कहने पर राज ने सफेद चादर रश्मि के नीचे बिछाई और अब रश्मि ने अपने पैर खोले और राज अपने 8 इंच के लंड से यह नाजुक सी चूत को फाड़ने के लिए तैयार बैठा था। रश्मि की आंखों में अब भय काफी हो रहा था। उसकी नज़रें राज के लंड पर थीं और वह यही सोच रही थी कि इतना बड़ा लंड उसकी नाजुक सी योनी में कैसे प्रवेश करेगा . रश्मि के भय और डर को देखते हुए और उसकी चूत की नजाकत को देखते हुए राज ने ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी उठाई और रश्मि की चूत को चिकना करने लगा। फिर उसने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर डाला और उसको भी अच्छी तरह मसल मसल कर चिकना कर दिया। अब राज ने रश्मि को इशारा किया कि वह तैयार रहे, रश्मि समझ गई कि अब यह मोटा लंड उसकी चूत की नाजुक दीवारों को चीरता हुआ उसकी गहराई में जाकर टक्कर मारने वाला है। उसने अपनी आँखें बंद कर ली और समर्पण के आलम में इंतजार करने लगी कि कब उसका पति उसका कुँवारा पन समाप्त करके उसको एक लड़की से औरत और एक कली से फूल बनाता है।
अचानक ही रश्मि को अपनी चूत के छेद पर एक मोटी और कठोर चीज का दबाव महसूस हुआ, इससे पहले कि वो आँखें खोलकर उसका पूर्वावलोकन करती रश्मि की एक जोरदार चीख निकली, उसको ऐसे लगा जैसे कोई गर्म लोहे की छड़ ने उसके शरीर को चीर कर रख दिया है। राज ने तुरंत अपना एक हाथ रश्मि के होंठों पर रख कर उसकी ज़्यादा चीख-पुकार को खत्म किया। इस एक धक्के से ही रश्मि की आंखों में आंसू आ गए थे। जब कि अभी उसका कुँवारा पन खत्म नहीं हुआ था और राज के लंड की मात्र टोपी ही उसकी चूत के लबों को चीरती हुई अंदर तक गई थी मगर उसके बावजूद रश्मि को लगा जैसे पूरे का पूरा 8 इंच लंड उसकी चूत में उतर चुका है। रश्मि की 2, 3 हल्की चीखों के बाद राज ने एक बार फिर अपने शरीर का दबाव रश्मि पर बढ़ाया और दबाव का सारा केंद्र अपने लंड पर रखा, जिसके कारण लंड रश्मि की चूत की दीवारों से रगड़ खाता हुआ कुछ और अंदर चला गया और रश्मि की चीखें फिर जोर के साथ कमरे में गूंजने लगीं।
इन चीखों को पहले तो राज ने अपने हाथ से रोका मगर फिर उसके बाद रश्मि के होंठों पर अपने होंठ रख कर उसकी चीखों को अपने मुंह के अंदर ही कहीं गुम कर दिया। इस धक्के के बाद राज को अपने लंड के रास्ते में बाधा महसूस हुई थी और इस बाधा ने राज के लंड को अधिक अंदर जाने से रोक दिया था। कुछ देर राज ने अपना लंड इसी बाधा के सामने रोके कर रखा फिर जब रश्मि की चीखों में कमी हुई तो राज ने अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और शक्ति के साथ इस बाधा पे दे मारा। इस बार मेजर राज के फौलादी लंड ने अपने रास्ते में आने वाली हर बाधा को तहस-नहस कर डाला था। कमरा रश्मि की चीखों से गूंज रहा था, रश्मि की कुंवारी चूत अभी कुंवारी नहीं रही थी। उसका पर्दा फट चुका था और खून की छोटी धार उसकी चूत से निकल कर नीचे बिछी हुई सफेद चादर पर जा गिरी थी।
रश्मि अपनी चूत से निकलने वाले खून से बेखबर अपनी चूत में होने वाले बेतहाशा दर्द को सहन करने की नाकाम कोशिश कर रही थी जबकि मेजर राज अपनी फूल जैसी नाजुक पत्नी का दर्द कम होने का इंतजार कर रहा था ताकि वह ज़्यादा धक्के मारकर अपनी पत्नी को हनीमून के मूल मजे से परिचित करा सके। उसके लिए राज को और अधिक इंतजार नहीं करना पड़ा, रश्मि के अंदर मौजूद गर्मी और सेक्स को एंजाय करने की इच्छा ने जल्द ही उसको दर्द भुला दी थी। और अब वह थोड़ा संतोष के साथ अपने पति की आँखों में आँखें डाले इशारा कर रही थी कि अपना काम जारी रखो। रश्मि की ओर से संकेत मिलते ही राज ऊपर उठा और एक जोरदार धक्का रश्मि की चूत में मारा जिससे राज का 8 इंच लंड पूरी तरह रश्मि की चूत की गहराई में उतर गया था।
फिर रश्मि की चीखों से कमरे गुंजा मगर इस बार रश्मि ने खुद ही अपनी चीख पर काबू पा लिया था। एक चीख के बाद दूसरी चीख उसने खुद ही रोक ली थी। और राज ने भी नीचे बिछी हुई चादर पर लाल निशान देख लिया था जिससे वे पूर्ण संतुष्ट हो गया था कि रश्मि का कुँवारा पिन राज के मजबूत लंड ने ही खत्म किया है। अब उसको अपनी प्यारी सी पत्नी पर और भी अधिक प्यार आने लगा था। वह अपने लंड को रश्मि की चूत में रोक कर उसका दर्द कम होने का इंतजार कर रहा था कि अचानक ही रश्मि ने अपनी गाण्ड हिला कर खुद ही राज का लंड अपनी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। इतना मज़बूत सिग्नल मिलने पर राज ने अब खुद से रश्मि की चूत के अंदर झटके मारने शुरू कर दिए रश्मि की चूत ने बहुत मजबूती के साथ राज के लंड को जकड़ रखा था जिसकी वजह से राज का लंड बहुत मुश्किल से अंदर बाहर हो रहा था। राज ने काफ़ी समय बाद इतनी टाइट चूत में अपना लंड उतारा था। और आज उसको सही मज़ा आ रहा था चुदाई का। जबकि रश्मि भी अपने पति का पूरा साथ दे रही थी। राज जो अभी तक आराम से लंड प्रवेश करा रहा था रश्मि की गाण्ड को तेज तेज हिलाने से उसे सिग्नल मिला कि अपनी स्पीड बढ़ा दो।
यह संकेत मिलते ही राज ने अपनी स्पीड बढ़ा दी, कुछ ही झटकों के बाद रश्मि को अपने शरीर में पहले की तरह सुई चुभन महसूस होने लगी और देखते ही देखते उसकी चूत ने पानी से राज के लंड को पूरी तरह भिगो दिया था। राज का लंड अब बहुत आसानी से रश्मि की चूत में खुदाई कर रहा था। रश्मि की चूत के पानी ने उसकी चूत को और राज के लंड अधिक चिकना कर दिया था। राज बिना रुके धक्के लगाने में व्यस्त था। और अब राज के इन धक्कों से रश्मि की चीखें सिसकियों में बदल चुकी थीं। चिकनी चूत ने लंड को स्वतंत्र रूप से अंदर बाहर जाने की अनुमति दे दी थी और इसी का फायदा उठाते हुए राज अविराम मशीन चला रहा था अपनी पत्नी की चूत में।
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Re: वतन तेरे हम लाडले
दोस्तो अभी राज और रश्मि की सुहागरात की कहानी बाकी है इंतजार कीजिए अगली पोस्ट का
और अगर मन करे तो थोड़े विचार कहानी के बारे मे ज़रूर दीजिए जिससे मुझे भी लगे कहानी सही चल रही है या खराब
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- shubhs
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Re: वतन तेरे हम लाडले
अतिसुन्दर लगे रहो मुन्ना भाई
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- Kamini
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Re: वतन तेरे हम लाडले
राज जी आपकी कहानियों की मैं हमेशा फॅन रही हूँ ये कहानी सुपरहिट है
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- mastram
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Re: वतन तेरे हम लाडले
Maza aa raha hai mitr jaldi se aage badhaao
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