वतन तेरे हम लाडले complete

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rajsharma
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Re: वतन तेरे हम लाडले

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इमरान भी समझ गया था कि कल रात राफिया की चूत बैंड बजी थी और आज उसकी गाण्ड का बैंड बजा चुका है वह तो अब उसको और चोदना उसके साथ दुर्व्यवहार होगा इमरान ने कुछ देर अपनी कमर सीधी की, इस दौरान अंजलि इमरान के लंड को हवा में लहराता देख कर उसके पास आ गई थी और लंड मुंह में लेकर उसकी चुसाइ लगा रही थी, जबकि राफिया बेड से उतर कर साथ पड़ी कुर्सी पर बैठकर गहरी गहरी सांस ले रही थी, उसको डर था कहीं इमरान दोबारा ना उसको पकड़ ले इसलिए वह उससे दूर होकर बैठ गई थी।

कुछ देर इमरान के लंड की चुसाइ लगाने के बाद अंजलि बेड पर ही डॉगी स्टाइल में बैठ गई और इमरान को कहा कि चलो अब मुझे भी उसी गति से चोदो जिस गति से राफिया को चोदा है ... इमरान का लंड जो पहले ही चूत या गान्ड के इंतजार में था, अंजलि को कुतिया बना देखकर उसने भी इमरान को कहा चल उठ, मर्द बन और चोद दे इस लड़की को भी। इमरान ने अपने लंड की आवाज सुनी और तुरंत ही घुटनों के बल अंजलि के पीछे जा कर बैठ गया, उसने अपने हाथों की 2 उंगलियों से अंजलि की चूत गर्मी को मापा, जो इस समय चुदने के लिए पूरी तरह तैयार थी। अपनी उंगलियों पर अंजलि की चूत का चिकना पानी देखकर इमरान ने अपने लंड की टोपी को अंजलि की चूत के छेद पर रखा और एक ही धक्के में अपना 8 इंच लंड अंजलि की नाजुक चूत में गायब कर दिया

जैसे ही इमरान का लंड अंजलि की चूत में उतरा, अंजलि ने एक जोरदार सेक्सी सिसकी ली और साथ ही इमरान को जोरदार चुदाई करने के लिए उकसाना शुरू कर दिया। राफिया की तरह अब अंजलि भी फक मी बेबी, फक मी हारडर ... फक मी लाईक ऐ बिच ..... आह ह ह ह ह ह ह ..... फक मी, फक माई पआभ बेबी .... आह ह ह ह ह ..... आह ह ह ह ह .... की आवाज निकाल रही थी। इमरान पूरी गति के साथ अंजलि की चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और अंजलि के 32 आकार के गोल गोल चूतड़ इमरान के शरीर से टकरा कर धुप्प धुप्प की तेज आवाज पैदा कर रहे थे। अंजलि अब फुल मस्ती मे थी, इमरान के लंड का अधिकतम मज़ा लेने के लिए उसने अपनी चूत टाइट की हुई थी, जैसे ही इमरान का लंड अंदर धक्का लगाने लगता अंजलि अपनी चूत की दीवारों को आपस में मिला कर अपनी चूत को टाइट कर लेती, ऐसे मे लंड अंजलि की चूत की दीवारों को जोरदार ढंग से रगड़ता हुआ अंजलि की चूत की गहराई तक जाता और जब इमरान ने लंड बाहर निकालना होता तो अंजलि अपनी चूत को ढीला छोड़ देती, और फिर अगले धक्के के लिए चूत को टाइट कर लेती

अंजलि की इस तरह की हरकत से इमरान के लंड को भी बहुत मज़ा आ रहा था और वो बार बार अंजलि के गोरे गोरे चूतड़ों पर थप्पड़ मार मार कर उन पर अपने हाथों के निशान बना चुका था। 5 मिनट तक इमरान बना रुके डॉगी स्टाइल में अंजलि की चूत मारता रहा। फिर इमरान ने अंजलि की चूत से लंड निकाला और उसे लेटने को कहा तो अंजलि तुरंत ही बेड पर लेट गई। इमरान ने अंजलि की एक टांग उठाकर अपने कन्धे पर रखी और दूसरे पैर की ओर फैला कर चूत तक का रास्ता बनाया, तो फिर से इमरान ने अंजलि की चूत में अपना लंड अंदर किया और धक्के में धक्का लगाना शुरू किया। इमरान का लंड अंजलि की तंग सी चूत में धक्के लगा रहा था जबकि उसके होंठ अंजलि की जीब को चूसने में व्यस्त थे। अंजलि अपने हाथों से अपने बूब्स को दबा रही थी, कभी वह अपनी उंगली और अंगूठे की मदद से अपने निपल्स पकड़ कर उनको मसलने लगती। वह इस समय फुल मजे में थी और उसकी चूत इमरान के लंड को अच्छा रिस्पांस दे रही थी

कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद एक बार फिर इमरान ने अंजलि की चूत से अपना लंड निकाला और उसको उठकर बैठने को बोला। अंजलि उठी तो इमरान भी अपनी टाँगें पीछे की ओर फ़ोल्ड करके बैठ गया मगर अपने पैर के पंजे बेड के साथ लगाए और अंजलि को अपनी गोद में आने को कहा। अंजलि बेड से उठी और राज की गोद में उसकी थाईज़ के ऊपर बैठ गई, इमरान का लंड अपना मुंह अंजलि की चूत की ओर ही किए हुए था, जैसे ही अंजलि इमरान की गोद में बैठी इमरान का लंड ठीक निशाने पर उसकी चूत से टकराया और अंजलि की चूत की चिकनी दीवारों से रगड़ खाता हुआ उसकी चूत में प्रवेश हो गया। अंजलि के पैर इमरान के आसपास लिपटे हुए थे और उसकी बाहें इमरान की गर्दन के आसपास थीं, इमरान पंजों के सहारे थोड़ा ऊपर उठकर अंजलि की चूत में तूफानी गति से धक्के लगा रहा था और गर्दन नीचे झुकाकर अंजलि की छोटे मगर तने हुए ब्राउन निपल्स को अपनी जीभ से रगड़ रहा था। अंजलि ने अपनी चूत फुल टाइट कर ली थी और वह चुदाई का ये राउंड खूब एंजाय कर रही थी

इमरान ने अंजलि को उसके चूतड़ों से कुछ ऊपर से दोनों हाथों से पकड़ रखा था और थोड़ा अपनी ओर खींच कर उसकी हल्के पतले बालों वाली चूत में दनादन धक्के मार रहा था। इमरान को अब लग रहा था कि उसका लंड आज बहुत चुदाई कर चुका है, और अब पानी छोड़ने वाला है। इमरान ने अंजलि के निपल्स से मुँह हटा कर अंजलि से पूछा कि वह छूटने वाला है अंदर ही छूट जाए या बाहर निकाले पानी ?? अंजलि जो इस समय अपनी योनी में लंड लेकर मस्त हो रही थी बोली कि अंदर ही निकाल दो, बस लंड बाहर नहीं निकालना जब तक छूट ना जाए

यह सुनकर इमरान ने अपने धक्कों की गति और तेज़ कर दी और अंजलि को भी अब अपनी चूत में सुई की सी चुभन महसूस हो रही थी। फिर कुछ ही धक्कों ने अंजलि की चूत को हार मानने पर मजबूर कर दिया और गरम लावा अंजलि की चूत से निकला और इमरान के लंड को भिगोता हुआ इमरान के पैर भी गीला कर गया। अंजलि के शरीर ने कुछ झटके खाए और सारा पानी बाहर निकाल दिया। अंजलि की चूत को अब आराम मिल चुका था, मगर इमरान का लंड अभी तक कठोर था और उसके चोदने की गति में अब खतरनाक हद तक बढ़ चुकी थी फिर अचानक राज ने अंजलि को बेड पर धक्का दिया और उसको लिटा कर खुद भी अंजलि के ऊपर लेट गया, यह काम उसने इतने कौशल और तेजी से किया कि न तो अपना लंड योनी से बाहर निकलने दिया और न ही अपने धक्कों को रोका , अंजलि के नीचे लेटते ही इमरान उसके ऊपर लेट गया और अपने चूतड़ों को हिलाकर अंजलि की चुदाई जारी रखी

फिर इमरान को अपना लंड फूलता हुआ महसूस होने लगा जैसे उसमे कोई पानी भर रहा हो, और धीरे धीरे इमरान को अपने लंड की टोपी के छेद पर दबाव महसूस हुआ, और फिर एक झटके से वह दबाव खत्म हो गया जब इमरान के लंड ने एक धारदार वीर्य की पिचकारी अंजलि की चूत में ही छोड़ दी, और फिर इमरान के लंड ने 3, 4 जोरदार पिचकारियाँ मारी, हर पिचकारी में इमरान के लंड से ढेर सारा वीर्य निकलकर अंजलि की चूत में जमा होता रहा इमरान का शरीर कुछ देर तक हल्के हक्के झटके लेता रहा जब तक कि सारी वीर्य इमरान के लंड से अंजलि की योनी में प्रवेश ना कर गया। और फिर इमरान अंजलि ऊपर बेजान सा होकर ढह गया और अंजलि भी अब गहरी गहरी सांस लेकर शानदार चुदाई की थकान दूर कर रही थी

राफिया ने जब देखा कि दोनों फारिग हो चुके हैं तो वह भी बेड पर आ गई और इमरान के साथ जुड़ कर लेट गई और उसे अंजलि के शरीर से अलग करके अपने साथ चिपका कर प्यार करने लगी। वह बहुत खुश थी कि उसका प्रेमी इतने शानदार लंड का मालिक है जो 2 जवान चूतों और एक कुंवारी गाण्ड को चोद चोद कर बुरा हश्र कर दिया था, और यदि उसके लंड के साथ थोड़ी छेड़छाड़ की जाती तो वो फिर से चिंघाड़ता हुआ खड़ा होकर फिर से चूतों को चोदने के लिए तैयार हो जाता। मगर रफिया जानती थी कि अब इमरान के लंड से छेड़छाड़ नहीं करनी क्योंकि अगर उसका लंड खड़ा हो गया तो अब राफिया की गाण्ड और चूत की खैर नहीं होगी। इसलिए वह बस इमरान के साथ लेटी उसकी कमर पर हाथ फेर कर उसको प्यार करती रही और इस शानदार चुदाई की उसे दाद देती रही

अंजलि भी अभी गहरे सांस ले रही थी कि दूसरे कमरे में मोबाइल की बेल बजी। ये अंजलि का मोबाइल था। अंजलि ऐसे ही नंगी हालत में दूसरे कमरे में चली गई और कुछ देर के बाद जब फोन सुनकर वह वापस कमरे में आई तो उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं। उसने काँपती हुई आवाज़ में इमरान को आवाज़ दी और ये बात सुनने को कहा। इमरान ने अंजलि की तरफ देखा तो उसको परेशान देखकर इमरान समझ गया कि कोई समस्या है। उसने राफिया को वहीं कमरे में रुकने का बोला और अंजलि की बात सुनने बाहर चला गया। अंजलि ने इमरान को अपने आने वाले फोन के बारे में बताया तो इमरान भी परेशान हो गया। राफिया को जिज्ञासा हुई कि आखिर ऐसी क्या बात है जो दोनों दूसरे कमरे में खड़े बात कर रहे हैं, जबकि यह दोनों एक दूसरे जानते ही नहीं फिर ऐसी क्या निजी बात जो अकेले में हो रही है। वह उठ कर उनकी बातें सुनना चाहती थी मगर उसकी चूत और गाण्ड इस बात की अनुमति नहीं दे रही थी। वह थकी हारी बेड पर ही लेटी रही।

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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: वतन तेरे हम लाडले

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कुछ देर के बाद इमरान वापस कमरे में आया और राफिया के माथे पर एक प्यार भरी पप्पी की, अंजलि भी वैसे ही अपने मम्मे लहराती बेड पर आकर लेट गई, इमरान ने पास पड़े बैग में से एक शर्ट और ट्राउजर निकालकर पहना और राफिया को बोला बेबी अंजलि के कुछ रिश्तेदार गोवा में हैं और किसी मुश्किल में हैं, आप प्लीज़ अपने मोबाइल से अपने पापा को फोन करो और मेरी बात करवा दो शायद वह अंजलि के परिजनों को इस मुश्किल से निकाल सकें। और मुझे कुछ देर के लिए आपकी कार और फोन लेकर बाहर जाना होगा और उन्हें किसी सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना होगा। राफिया ने कहा कि मगर अंजलि तो कह रही थी कि वह यहाँ अकेली है और उसके पापा बाहर हैं ??? इससे पहले इमरान कुछ बोलता अंजलि ने राफिया को कहा कि वह मेरे दूर के रिश्तेदार हैं और इस समय बहुत मुश्किल में हैं। सामान्य परिस्थितियों में हमारा मिलना जुलना नहीं होता मगर आज वह बहुत मजबूर होकर मुझसे मदद मांग रहे हैं। मगर मामला ऐसा है कि मैं उनकी मदद नहीं कर सकती तुम्हारे पापा ही इस समस्या का हल निकाल सकते हैं। अंजलि की बात पूरी होने पर इमरान ने राफिया को उसका मोबाइल थमा दिया और अपने पापा कर्नल इरफ़ान को फोन लगाने को कहा

राफिया ने अपने पापा को फोन किया, जैसे ही कर्नल इरफ़ान ने फोन पर हैलो कहा, कर्नल इरफ़ान ने कुछ परेशान स्वर में पूछा कि बताओ बेटा खैरियत तो है ना ?? कर्नल इरफ़ान जानता था कि राफिया बेवजह उसे तंग नहीं करती, कोई ज़रूरी बात हो तभी फोन करती है, खासकर जब वह अपने दोस्तों के साथ हो। राफिया ने अपने पापा को कहा पापा ये इमरान आप से कुछ बात करना चाहता है उसे कुछ मदद चाहिए आपकी ... यह कह कर राफिया ने फोन इमरान को पकड़ा दिया और इमरान नमस्ते सर कह कर कमरे से बाहर निकल गया। उसके बाद जो कुछ इमरान ने फोन पर कर्नल इरफ़ान को कहा, वह कर्नल इरफ़ान पांव तले से जमीन निकालने के लिए पर्याप्त था

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अमजद के लिए मौत को गले लगाना कोई मुश्किल काम नहीं था, वह बहुत बार मौत के मुंह से बच कर वापस आया था मगर अगली बार वो पहले से ज्यादा मुश्किल और घातक मिशन खुशी से करने के लिए तैयार हो जाता था। लेकिन हर बार वह अपनी जान जोखिम में डाल कर निडर होकर लड़ता था, लेकिन आज पहली बार उसे अपनी मौत का बैठकर इंतजार करना पड़ रहा था जहां वह न तो दुश्मन पर हमला करने की स्थिति में था और न ही अपने बचाव का कोई उपाय कर सकता था, अगर वह कुछ कर सकता था तो वह था सिर्फ मौत का इंतजार। और यही इंतजार उसके लिए भयानक था। अगर कर्नल इरफ़ान उसकी कनपटी पर पिस्टल रख कर उसको कह देता कि मेजर राज का पता बता दो नहीं तो मौत को गले लगा लो तो शायद अमजद खुद ही गोली चला लेता मगर मेजर राज का पता नही बताता, मगर इस तरह असहाय बैठ कर मौत का इंतजार करना बहुत यातनादायक था। कभी वह काशफ के बारे में सोचता तो कभी सरमद के बार में, वह नहीं जानता था कि काशफ ज़िंदा है या फिर कर्नल इरफ़ान ने उसे शहीद कर दिया ??? और सरमद के बारे में भी उसे पता नहीं था कि वह गिरफ्तार हो चुका है या फिर उसने अपने बचाव का कोई उपाय किया है ??

समीरा अमजद को अपनी जान से ज्यादा प्यारी थी, उसने समीरा को अपनी छोटी बहन की तरह पाला था, और वो ऐसे किसी भी मिशन में समीरा को जोड़ते हुए घबराता था, मगर समीरा के अलावा वह किसी और पर भरोसा नहीं कर सकता था इसीलिए मजबूरन वह समीरा को अपने साथ रखता। लेकिन इस समय वह समीरा से बेफिक्र था क्योंकि वह जानता था कि मेजर राज के साथ समीरा को कोई खतरा नहीं, मेजर राज समीरा की रक्षा कर सकता था, लेकिन सरमद की ओर से वह खासा चिंतित था। कर्नल इरफ़ान कमरे से गए खासी देर हो चुकी थी, शायद पूरा दिन बीत चुका था मगर अमजद को इस बात का राज नहीं था, वह तो बस एक अंधेरे कमरे में कैद था जहां बाहर होने वाले मामलों की उसको पता नहीं था। कुर्सी पर बैठे बैठे अमजद को अब तकलीफ होने लगी थी, ना जाने कब से वह इसी कुर्सी पर बंधा हुआ था और तो और पिछले काफी घंटों से न तो अमजद को पानी पीना नसीब हुआ था और न ही खाने को कुछ मिला था। परेशानी के कारण उसका गला सूख रहा था मगर उसको यहाँ पानी देने वाला कोई नहीं था।

अमजद ने 2, 3 बार चिल्लाकर पानी भी मांगा मगर उत्तर में उसको ना तो कोई आहट सुनाई दी और न ही कोई उसे पानी पिलाने आया। आज अमजद को महसूस हो रहा था कि मौत का इंतजार करना मौत को गले लगाने से कितना मुश्किल काम था। अब काशफ और सरमद के बारे में ही सोच रहा था कि उसको कमरे से बाहर कुछ कदमों की आवाज सुनाई दी। अब अमजद के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई वह समझ गया था कि शहादत का समय अब आ रहा है। इतनी देर से जो वह यातनादायक प्रतीक्षा कर रहा था वह इंतजार खत्म होने को है, कर्नल इरफ़ान की पिस्टल से अब एक गोली चलेगी और अमजद के सीने से पार हो जाएगी, और वह एक सैनिक को बचाने की खातिर अपनी जान की बलि देकर शहादत के रुतबे पर आसीन हो जाएगा। इस सोच ने अमजद के अंदर एक अजीब सी हिम्मत पैदा कर दी थी। अब कर्नल इरफ़ान उसके शरीर के टुकड़े कर डालता तब भी वो उससे कुछ उगलवा नहीं सकता था।

क़दमों की आवाज़ अब खासी करीब आ चुकी थी। कमरे के भीतर ज़ीरो का एक बल्ब जल गया था जिससे कमरे में कुछ प्रकाश पैदा हुआ था, तो कमरे का दरवाजा खुला और रस्सियों में जकड़ा व्यक्ति औंधे मुंह अंदर आ गिरा ... उससे पीछे एक और व्यक्ति था वह भी रस्सियों से बंधा हुआ था और एक आदमी उसे बालों से पकड़कर खींचता हुआ अमजद के पास ले आया था। रस्सियों में जकड़ा यह व्यक्ति अमजद के पास आया तो अमजद ने उसको पहचान लिया था। ये सरमद था जिसके चेहरे पर इस समय अनगिनत घाव थे और उसकी आंखें सूजी हुई थीं मगर आश्चर्यजनक रूप से उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान थी। अमजद को देखकर उसने बहुत मुश्किल से बोलना शुरू किया और महज इतना ही कहा: कुछ नहीं उगलवा सका यह कुत्ता मेरे मुंह से।

सरमद के मुंह से यह बात सुनकर अमजद के चेहरे पर भी एक विजयी मुस्कान आ गई थी। वह आगे बढ़कर सरमद को गले लगाना चाहता था मगर अफसोस कि अपनी कुर्सी से उठने के लायक नहीं था वह अब अमजद ने नीचे गिरे हुए व्यक्ति को देखा जो अब तक औंधे मुंह पड़ा था अमजद ने ध्यान से उसको देखा तो उसे भी पहचान लिया, यह काशफ था, मगर उसकी हालत बहुत बुरी थी। कर्नल इरफ़ान ने उस उत्पीड़न के पहाड़ तोड़ दिए थे, अमजद की नजर जब काशफ के पैर पर पड़ी तो उसके होश फाख्ता हो गए, उसकी टांग पर बहुत ज्यादा खून जमा हुआ था और अब भी थोड़ा सा खून उसकी टांग से रिस रहा था । उसके साथ कर्नल इरफ़ान खड़ा था जिसके चेहरे पर दुख और गुस्से के स्पष्ट संकेत देखे जा सकते थे। उसको शायद अपनी विफलता का गुस्सा था कि इन तीनों में से किसी से भी वह ये नहीं उगलवा सका था कि आखिर मेजर राज और समीरा इस समय कहाँ है?

कर्नल इरफ़ान के साथ 2 लोग और थे मगर इस बार वह हंटर वाली हसीना कर्नल के साथ नहीं थी कमरे की रोशनी अब कर्नल इरफ़ान के कहने पर ऑन कर दी गई थीं। रोशनी ऑन होने के बाद अमजद ने अब फिर काशफ देखा तो पता चला कि आखिर काशफ के साथ हुआ क्या है। उसकी टांग में ड्रिल मशीन के माध्यम से छेद किया गया था। उसने अपना दाहिना पैर फ़ोल्ड कर रखा था जबकि बाएं पैर को वह धीरे धीरे जमीन पर मार रहा था। मगर उसका बाकी पूरा शरीर स्तब्ध था, उसका चेहरा नीला हो रहा था और उसके कपड़े फटे हुए थे। काशफ की यह हालत देखकर अमजद की आँखों में खून उतर आया था। उसका बस नहीं चल रहा था कि वह अब अपनी जगह से उठे और कर्नल इरफ़ान के टकड़ टुकड़े कर डाले ...... मगर अफसोस कि वह इस समय कुछ नहीं कर सकता था। कर्नल इरफ़ान के साथ आए बाकी दो लोगों ने अब काशफ को जमीन से उठाया और अमजद के साथ एक और कुर्सी पर बिठा दिया जबकि सरमद अब तक खड़ा था मगर वह रस्सियों में जकड़ा हुआ था वह अपनी मर्जी से ज़्यादा हरकत नहीं कर सकता था सिवाय छोटे छोटे कदमों के साथ धीरे धीरे चलना। इसलिए कर्नल इरफ़ान को उससे कोई खास खतरा महसूस नहीं हो रहा था।

कर्नल इरफ़ान ने अभी अमजद से कहा और बोला ये अपने दोस्त की हालत देख रहे हो ??? मुझे सब कुछ सच सच बता दो कि मेजर राज इस समय कहाँ है अन्यथा। । । । । । । । इससे पहले कि कर्नल इरफ़ान का वाक्य पूरा होता अमजद ने एक जोरदार व्यंग्य का ठहाका लगाया तो कर्नल इरफ़ान कुछ गुस्से और कुछ आश्चर्य मिश्रित प्रतिक्रिया के साथ उसे देखने लगा। अमजद बोला कर्नल किस को डरा रहे हो? मेरे दोस्त की हालत तुम्हारे सामने है, जब वह तुम्हारा बर्बर अत्याचार सहन कर गया और तुम उससे कुछ न उगलवा सके तो तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं तुम्हारे अत्याचार को सहन नहीं कर पाउन्गा और तुम्हें कुछ बताऊँगा ....


अमजद की बात सुनकर उसके साथ खड़े सरमद ने भी एक ठहाका लगाया और कुर्सी पर बैठे काशफ ने भी अपनी धीमी और पीड़ा से भरपूर आवाज में एक व्यंग्य का ठहाका लगाया। तीनों को ठहाके लगाते देखकर कर्नल इरफ़ान को अपना अपमान महसूस हो रहा था . वह सोच भी नहीं सकता था कि काशफ को इस हालत में देखने के बाद अमजद में हिम्मत बाकी रहेगी, उसका विचार था कि अमजद सब कुछ उगल देगा काशफ की यह हालत देखकर। मगर यहां तो मामला ही उलट था, वह तीनों तो एक दूसरे को देखकर खुश हो गए थे और उनमें पहले सा साहस आ चुका था, और तो और काशफ जिसके पैर में कर्नल इरफ़ान छेद कर चुका था और उसमें बोलने तक की हिम्मत नहीं थी उसका चेहरा नीला हो रहा था और उसके शरीर से खून निचोड़ लिया गया था वह भी व्यंग्य के ठहाके लगा रहा था।
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Re: वतन तेरे हम लाडले

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दोस्तो आज का अपडेट कैसा रहा आपके जवाब के इंतजार में
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Re: वतन तेरे हम लाडले

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ये अपडेट पुराना है
सबका साथ सबका विकास।
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Re: वतन तेरे हम लाडले

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